फतेहाबाद। जेजेपी नेता दिग्विजय चौटाला आज फतेहाबाद के भट्टू क्षेत्र में कार्यकर्ताओं से मिले और उनसे चुनावी रणनीति पर चर्चा की। हालांकि एक-दो गांवों में किसान संगठनों से जुड़े लोगों ने उनकी गाड़ी रुकवाकर विरोध शुरू कर दिया।
इसके बाद फतेहाबाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने अपने चाचा अभय चौटाला के खिलाफ बोलते हुए कहा कि बीते दिन डबवाली में हुए विरोध की प्लानिंग उनके चाचा अभय चौटाला के घर तैयार की गई थी, इसके बारे में उन्हें गुप्त सूचना तक मिल गई थी। यदि गांव वाले विरोध करने वालों को बाहर न करते तो उन पर हमला भी किया जा सकता था। साथ ही उन्होंने यहां तक कह दिया कि उन्हें वापस बुलाने का फैसला का अधिकार ओमप्रकाश चौटाला के पास है, अभय चौटाला इस पर फैसला नहीं ले सकते।
निशान सिंह के पार्टी छोडऩे के सवाल पर दिग्विजय चौटाला ने कहा कि बसंत ऋतु आती है, जो पतझड़ के बाद आती है, अभी पतझड़ है। 6 साल पहले हर तरह के लोग हमारे साथ चल पड़े थे, अब चुनाव के समय पतझड़ हर तरफ है, पुराने जाएंगे नए शामिल होंगे। मूल पेड़ मजबूत खड़ा रहना चाहिए, जड़ मजबूत होनी चाहिए, पत्ते झड़कर नए आना यह एक प्रक्रिया है। चौ.देवीलाल ने देश के दो प्रधानमंत्री बनाए, पहला प्रधानमंत्री विश्व प्रताप सिंह उन्हें तीन माह बाद ही छोड़कर चले गए। निशान सिंह हमारे लिए आदरणीय हैं, वे नेक और अच्छे इंसान हैं, वे खुद कहते थे कि जात से जमात बड़ी होती है, इसलिए जमात यानि जेजेपी बड़ी है।
भाजपा द्वारा क्षेत्रीय दलों को त्यागने के सवाल पर दिग्विजय चौटाला ने कहा कि बार बार जो जैसा बर्ताव करता है, उसके साथ प्रकृति वैसा ही करता है। अब हमारा लक्ष्य गठबंधन करना नहीं, बड़ी पार्टियों को न जीताकर क्षेत्रीय दलों को आगे लाना है, जो जनता की आवाज उठा सके। ईडी पर उठ रहे सवालों पर उन्होंने कहा कि कुछ को जेलों में डाल दिया, जो डर गए, वो भाजपा में चले गए, यह अनुचित ही है। केजरीवाल के जेल में जाने से एक बहुत बड़े वर्ग को महसूस हुआ है कि भाजपा ने उनकी भावनाओं को आहत किया है। कहीं न कहीं देशभर में भाजपा के खिलाफ भावना बन रही है। इस गुब्बार की शुरूआत लंबे समय से हो चुकी थी।
बीते दिन दिग्विजय के हुए विरोध पर विरोध के सवाल पर उन्होंने कहा कि मेरा जो विरोध हुआ, वो आज एक्सपोज हो गए, कैसे अभय चौटाला की कोठी पर लोगों को बुलाकर उन्हें विरोध के लिए कहा गया। यदि गांव वाले उनका साथ देते तो वे मेरे पर बड़ा हमला करते, गांव वालों ने उनका हाथ पकड़कर उन्हें गांव से निकाला कि यहां पंचायती ठेकेदार बनने की जरूरत नहीं।
मनोहर लाल की छवि के कारण जेजेपी को बहुत बड़ी हानि हुई। दुष्यंत से लोग नाराज नहीं थे, दुष्यंत को जब मनोहर लाल के साथ देखते तो लोग कहते थे, इनके साथ खड़े आप अच्छे नहीं लगते, हमारा गुस्सा आपसे नहीं, इनसे है। इसलिए आज जो छोटा मोटा विरोध है, वो इनके कारण है। कई बार इन चीजों को समझने में समय लग जाता है। जेजेपी ने न कानून बनाए, न लागू किए, न हटाए। जेजेपी हमेशा किसानों के साथ रही, मैंने हमेशा किसानों के पक्ष में आवाज उठाई। उन्होंने कहा कि एक दो दिन में लिस्ट फाइनल कर कैंडीडेट घोषित कर दिए जाएंगे। सिरसा से बहुत मजबूत उम्मीदवार सामने आएगा।
अभय चौटाला के बयान पर सवाल के जवाब में दिग्विजय ने कहा कि उनके पिता अजय चौटाला हमेशा सकारात्मक बात करते हैं, उन्होंने कहा था कि जब हमें निकालने वाले उन्हें बुलाएंगे तो वे बच्चों के साथ चले जाएंगे। पार्टी से निकालने का वो फैसला भी उन्होंने किया, यह फैसला भी वही करेंगे, हम नहीं। प्रेस के सवाल पर अभय चोटाला तिलमिलाकर अपनी भड़ास निकालते हैं कि वे ही सबसे बड़ी अथॉरिटी हैं। अभय चौटाला से हम जवाब नहीं चाहते, यह अथॉरिटी ओमप्रकाश चौटाला के पास है, क्योंकि हमें निकालने का फैसला उनका था, इस मसले पर अभय चौटाला को परेशान मत करें, वो वैसे ही ब्लड प्रेशर से परेशान हैं।
किसानों द्वारा किए जाने वाले विरोध पर उन्होंने कहा कि विरोध करने वाले किसी किसान जत्थेबंदी के आदेश पर नहीं आ रहे। किसी भी गांव में कोई भी पार्टी का आदमी काले झंडे लेकर और किसानों का पटका पहनकर उनके आगे मुर्दाबाद के नारे लगाए तो इसका मतलब क्या है? अभय चौटाला ने राजस्थान चुनाव में नोहर में भाजपा की मदद नहीं क्या? क्यों नहीं किसान उनका विरोध करते ? किसान जत्थेबंदिया भाजपा के लिए वोट मांगने वाले अभय चौटाला का विरोध क्यों नहीं करते। क्या किसी किसान संस्था की कॉल है विरोध की ? व्यक्तिगत तौर पर कोई विरोध कर रहा है, वह यह सोचे उन्हें गांव में बुलाने वाले भी तो किसान ही होंगे, भाजपा वाले तो दूर से लट्ठ मारते हैं, आसपास भी नहीं फटकने देते, हमारे कम से कम कॉलर तो पकड़ सकते हो। उन्होंने कहा कि भाजपा वालों का जितना विरोध होगा, उतना ही भाजपा को फायदा होगा, क्योंकि जो विरोध करते हैं, उनके खिलाफत करने वाले लोग भाजपा को वोट देंगे।
दिग्विजय चौटाला ने कहा कि मिल जुलकर बैठकर किसी भी नाराजगी को दूर किया जा सकता है, नहीं तो वोट में अपनी नाराजगी व्यक्त करें। उन्होंने कहा कि आज प्रूफ हो गया है, मुझे गुप्त सूचना से पता चला कि आज पीपली गांव में उन पर हमला होगा, फोन कटते ही सामने विरोध करने आ गए। मुझे नाम के साथ बताया गया कि कौन कौन उनके विरोध में सम्मिलित होंगे। इस बारे में टिकैत से बात हुई तो उन्होंने भी यह कहा कि हमारा कोई आदेश नहीं है, व्यक्तिगत कोई विरोध कर रहा होगा?