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Lok-Sabha election 2024 update : राजस्थान के इन दो गांव में नहीं पड़ा एक भी वोट, दो गांव में एक-एक वोट, एक गांव में दो वोट पड़े, जानें वजह

Lok-Sabha election 2024 update : भारत में हो रहे 2024 के लोक सभा चुनाव के प्रथम चरण में शुक्रवार को हुए मतदान में क्षेत्र के गांव हमीनपुर,गाडोली गांव में मतदान का पूर्ण बहिष्कार किया गया। इन दोनों गांवों में एक भी वोट नहीं डाला गया। जबकि बनगोठड़ी व ठक्करवाला गांव में एक-एक जनों ने वोट डाला और गांव धीधवां बीचला में मात्र दो मतदाता ने मताधिकार का प्रयोग किया।

पिलानी (झुंझुनूं)। लोक सभा चुनाव (Lok-Sabha election 2024 update) के प्रथम चरण में शुक्रवार को हुए मतदान में क्षेत्र के गांव हमीनपुर,गाडोली गांव में मतदान का पूर्ण बहिष्कार किया गया। इन दोनों गांवों में एक भी वोट नहीं डाला गया। जबकि बनगोठड़ी व ठक्करवाला गांव में एक-एक जनों ने वोट डाला और गांव धीधवां बीचला में मात्र दो मतदाता ने मताधिकार का प्रयोग किया। काजी गांव में बहिष्कार का मिला जुला असर रहा। यहां 1284 में से 137 लोगों ने मतदान क

 

मतदान की तैयारियां हुई फैल

मतदान बहिष्कार के कारण उक्त गांवों में चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग (Lok-Sabha election 2024 update) की ओर से की गई तैयारियां कोई काम नहीं आई तथा मतदान दल अपने अपने मतदान बूथों पर दिन भर मतदाताओं का इंतजार करते रहे।

 

कुछ लोगों मतदान नी आया समझ में

मतदान बहिष्कार के मध्यनजर लोगों से समझाइश करने विधायक पितराम सिंह काला, जिला पुलिस अधीक्षक राज ऋषि राज पुलिस जाप्ते के साथ गांव हमीनपुर पहुंचे। लेकिन गांव के लोगों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। जिला निर्वाचन अधिकारी एंव जिला कलक्टर चिन्मयी गोपाल ने भी चुनाव से दो दिन पहले बैठक कर लोगों से मतदान प्रक्रिया में भाग लेने की अपील की थी, लेकिन कोई असर नहीं हुआ।

 

क्यों किया जा रहा है बहिष्कार ?

गौरतलब है की, लोगों के अनुसार क्षेत्र में जल स्तर लगातार गिर रहा है। गांवों के लोग खास कर किसान पानी के अभाव में अपने भविष्य को लेकर चिंतित है। इसी चिन्ता को लेकर गांव हमीनपुर तथा गाडोली के लोंगों ने पिछले दिनों एक बैठक कर क्षेत्र में यमुना नहर का पानी नहीं आने तक मतदान (Lok-Sabha election 2024 update) का बहिष्कार करने की घोषणा की थी। बाद में गांव बनगोड़ी बड़ी,काजी, धींधवा एवं ठक्करवाला के लोगों ने भी पानी की मांग को जायज ठहराते हुए चुनाव प्रक्रिया का बहिष्कार करने का निर्णय किया था।

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Choutala Political Family fight : भतीजे दुष्यन्त की चाचा अभय को चुनौती: बोले- INLD सभी 10 सीटों पर कैंडिडेट उतार कर दिखाएं, गठबंधन की बात सिर्फ ओपी चौटाला करेंगे

Choutala Political Family fight : जननायक जनता पार्टी (JJP) और इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के एक होने की चर्चा के बीच डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने चाचा अभय सिंह चौटाला पर सियासी हमला बोला है। उन्होंने चैलेंज देते हुए कहा है कि अगर उनकी दम हो तो वह सूबे की सभी 10 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारकर दिखाएं।

साथ ही उन्होंने चाचा को नॉन सीरियस पॉलिटिशियन बताया। वहीं परिवार के एक होने की पहल पर दुष्यंत सिंह चौटाला (Choutala Political Family fight ) ने कहा कि यह अजय सिंह चौटाला के लेवल पर नहीं हो सकती है।

इसकी वजह यह है कि परिवार के मुखिया ओपी चौटाला साहब हैं, उनके लेवल पर ही यह पहल हो सकती है। डिप्टी सीएम ने यह भी खुलासा किया कि INLD और JJP के एक होने पर कभी भी चर्चा नहीं हुई है।

 

INLD को 2% वोट शेयर की चिंता

जननायक जनता पार्टी लोक सभा की 10 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, अगर इंडियन नेशनल लोकदल में दम है तो वह भी 10 लोक सभा सीटों पर चुनाव लड़े। डिप्टी सीएम ने कहा कि INLD को घबराहट है कि वो चुनाव में यदि 2% वोट न ले पाएं, तो उनका पार्टी सिंबल चला जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि हर रोज़ बयान बदलने वाला पॉलिटिशियन जनता के सामने साफ़ हो जाता है।

दुष्यंत चौटाला ने आगे कहा कि वो दिन दूर नहीं जब अभय चौटाला (Choutala Political Family fight ) अपनी पार्टी का विलय किसी दूसरी पार्टी के साथ कर लें। उनकी मंशा साफ़ है अगर उनके पास उम्मीदवार नहीं है तो चुनाव न लड़वाने के बहाने क्यों ढूंढते हैं।

 

BJP को नई कांग्रेस बताया

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जननायक जनता पार्टी 10 लोकसभा सीटों पर मज़बूत उम्मीदवार उतारेगी और करनाल का उपचुनाव भी मज़बूती से लड़ेगी। नायब सिंह सैनी को हराना हमारा टारगेट है, अजय सिंह चौटाला चुनाव लड़ने की जिसको भी ज़िम्मेदारी देंगे वो चुनाव लड़ेगा, चाहे वो मैं भी क्यों ना हूं।

आज BJP भी नई कांग्रेस है, 10 में से छह उम्मीदवार कांग्रेस छोड़कर ही आए हैं। चुनाव में सबको पता लग जाएगा कि भाजपा की B टीम कौन है और C टीम कौन है।

 

एक होने के बयान पर INLD नेता सुना चुके खरी-खरी

जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय सिंह चौटाला (Choutala Political Family fight ) के इनेलो और जेजेपी के एक होने के बयान इनेलो प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला (Choutala Political Family fight ) खरी-खरी सुना चुके हैं। अभय चौटाला कह चुके हैं कि ये स्वर्गीय चौधरी देवीलाल की नीतियों पर चलने की बात करते थे, लेकिन सत्ता हाथ में आते ही पूरे प्रदेश को लूटने में लग गये और बड़े-बड़े घोटाले करके हजारों करोड़ रुपए हजम कर गए।

इन्होंने जो लूट मचाई और कुकर्म किए हैं। उससे लोगों के मन में इनके प्रति नफरत भर गई है। ये चौ. देवीलाल (Choutala Political Family fight ) के नाम पर कलंक हैं। इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला साफ कर चुके हैं कि ये इनेलो पार्टी के गद्दार हैं और इन गद्दारों की इनेलो पार्टी में कोई जगह नहीं है।

Choutala Political Family fight : भतीजे दुष्यन्त की चाचा अभय को चुनौती: बोले- INLD सभी 10 सीटों पर कैंडिडेट उतार कर दिखाएं, गठबंधन की बात सिर्फ ओपी चौटाला करेंगे Read More »

Haryana Congress Lok Sabha candidate Update : हरियाणा में कांग्रेस के उम्मीदवारों की हुई फाइनल लिस्ट तैयार , भूपेंद्र हुड्‌डा नहीं लड़ेंगे चुनाव, 2 महिला कैंडिडेट को टिकट संभव

Haryana Congress Lok Sabha candidate Update : हरियाणा कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवारों पर आज फाइनल मुहर लगेगी। दिल्ली में होने वाले केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की मीटिंग में 9 नामों पर चर्चा के बाद लिस्ट जारी की जाएगी। इससे पहले हुई हरियाणा कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग में बनाए गए पैनल में एक-एक नाम पर सहमति बन चुकी है।

पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा चुनाव नहीं लड़ेंगे, वह अपने बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्‌डा की रोहतक सीट (Haryana Congress Lok Sabha candidate Update) के साथ अन्य सीटों के प्रचार पर फोकस करेंगे। इसकी पुष्टि हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने खुद की है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि 2 सीटों पर पार्टी महिला उम्मीदवार उतार रही है।

ये होंगी कांग्रेस की महिला उम्मीदवार

पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा का लोकसभा चुनाव लड़ना तय है। सैलजा को कांग्रेस (Haryana Congress Lok Sabha candidate Update) के कुछ नेता अंबाला से चुनाव लड़वाना चाहते थे, मगर सैलजा ने सिरसा में रुचि दिखाई है। माना जा रहा है कि सैलजा का सिरसा से टिकट लगभग तय है।

पार्टी का दूसरा महिला चेहरा श्रुति चौधरी होंगी। उन्हें पार्टी भिवानी-महेंद्रगढ़ से टिकट देगी। इससे पहले वह यहां से सांसद रह चुकी हैं। हालांकि भिवानी में महेंद्रगढ़ से विधायक राव दान सिंह की वजह से पेंच फंसा था।

भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट पर कांग्रेस (Haryana Congress Lok Sabha candidate Update) नेतृत्व श्रुति को टिकट देने के पक्ष में था, लेकिन हुड्डा गुट ने यहां राव दान सिंह को लेकर अड़ा था, लेकिन बाद में श्रुति के नाम पर सहमति बन गई।

 

हिसार से बृजेंद्र ही लड़ेंगे चुनाव

लंबी जद्दोजहद के बाद हिसार से पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह का टिकट लगभग तय है। बृजेंद्र सिंह इससे पहले भी इस सीट से भाजपा की टिकट पर सांसद रह चुके हैं, हाल ही में वह इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हुए हैं। वहीं फरीदाबाद से पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह, अंबाला (Haryana Congress Lok Sabha candidate Update) से विधायक वरुण मुलाना, भिवानी महेंद्रगढ़ से श्रुति चौधरी, रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा के नाम तय माने जा रहे हैं।

गुरुग्राम में राज बब्बर को टिकट दिया जा सकता है, लेकिन यहां पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव के नाम पर भी चर्चा हुई है। सोनीपत में सतपाल ब्रह्मचारी को टिकट दिया जा सकता है। कांग्रेस के नेशनल सेक्रेटरी वीरेंद्र सिंह राठौर व पानीपत निवासी बुल्ले शाह के नामों पर भी चर्चा हुई है।

 

हरियाणा कांग्रेस के लिए करनाल सीट बनी चुनौती

हरियाणा कांग्रेस के लिए करनाल सीट अभी भी चुनौती बनी हुई है। यहां NCP नेता मराठा वीरेंद्र वर्मा को टिकट मिलना संभव है, लेकिन यहां पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा के नाम पर भी चर्चा हुई है। इससे पहले इस सीट से फिल्म अभिनेता संजय दत्त के चुनाव लड़ने की भी चर्चा थी, लेकिन इस चर्चा को संजय दत्त ने खुद ही खारिज कर दिया था।

यहां से भाजपा ने पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्‌टर को प्रत्याशी बनाया है। खट्‌टर 2014 और 2019 से लगातार 2 बार विधायक रह चुके हैं।

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बंदर नहीं मछलियां हैं इंसानों की पूर्वज ! पढि़ए यह रिसर्च रिपोर्ट

ऐसा माना जाता है कि धरती पर बंदर मानव जाति के पूर्वज हैं। लाखों वर्षों के विकास के बाद वानर से ही इंसान बनता गया। लेकिन साइंस द्वारा अब एक नया दावा किया जा रहा है कि बंदर इंसान के पूर्वज नहीं बल्कि असली पूर्वज मछली थी। इंसान को दांत और जबड़े मछलियों से मिले हैं। यह दावा 40 करोड़ साल पहले की मछलियों के मिले जीवाश्म (फॉसिल) पर रिसर्च के बाद किया जा रहा है। वोट पोल कर अपनी राय जरूर दें  

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आपने भी देखा होगा कि शार्क जैसी मछलियों के बड़े-बड़े नुकीले दांत होते हैं। अब जो करोड़ों वर्ष पुरानी मछलियों के फॉसिल मिले हैं, उनमें रीढ़ की हड्डी व जबड़े और दांत भी मिले हैं। अब वैज्ञानिक कह रहे हैं कि हो सकता है जीवों में जबड़ों के विकास की शुरूआत यहीं से हुई हो। इवोल्यूशन के दौरान यह मछलियां पानी से बाहर धरती पर आई और फिर जीवों में दांतों व जबड़ों का विकास शुरू हुआ। आज इंसानों और बहुत से जानवारों के पास चबाने के लिए दांत और जबड़े हैं।

चीन में मिले मछलियों के जीवाश्म

40 करोड़ वर्ष से पुराने मछलियों के ये जीवाश्म दक्षिण चीन में मिले हैं। इसकी एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है, जिसमें बताया गया है कि वैज्ञानिकों ने पांच प्रजातियों की मछलियों के फॉसिल खोजे हैं, जिनमें एक मछली का फॉसिल 43.6 करोड़ साल पुराना तो तीन मछलियों के फॉसिल 43.9 करोड़ साल पुराने हैं। इन पर जब रिसर्च हुई तो इन मछलियों के पास रीढ़ की हड्डी और जबड़े व दांत मिले। यह मछलियां 20 के आसपास हैं और इनकी लंबाई करीब डेढ़ इंच है। यह शार्क जैसी मछली का जीवाश्म है। कहा जा सकता है कि यह आज की शार्क की पूर्वज रही होगी। वैज्ञानिक मान रहे हैं कि मछलियां पानी से बाहर आई होंगी और उसी से स्तनधारी जीव, पक्षी, इंसान व अन्य जानवरों में इनका विकास हुआ होगा।

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सारी रात पिटबुल का आतंक: 15 किमी. दायरे में कई गांवों में घुस 12 लोगों को नोचा

गुरदासपुर। हाल ही में हरियाणा के पंचकूला में पिटबुल रखने पर बैन लगा दिया गया है। वहीं आज दीनानगर के पांच गांवों में पिटबुल ने कई लोगों पर धावा बोल दिया। खुंखार हुए कुत्ते ने 12 लोगों पर हमला कर उन्हें गँभीर रूप से घायल कर दिया। घटना रात करीब 10 बजे शुरू हुई और सुबह 7-8 बजे तक कुत्ता ऐसे ही गांव-गांव जाकर लोगों और पशुओं को नोचता रहा। गांव तंगोशाह से चौहाना गांव 15 किलोमीटर दूर है। इस पूरे रास्ते पर पिटबुल कुत्ते ने पूरा आतंक मचाए रखा। पोल में अपनी राय जरूर दें । 👇

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जानकारी के अनुसार कुत्ते ने सबसे पहले गांव गांव तंगोशाह के एक ईंट भट्ठे के दो मजदूरों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया। इसके बाद देर रात गांव कोठे रांझे दे में पहुंचा और अपने घर पर बैठे दलीप सिंह पर हमला कर दिया। दलीप ने खुद को बचाने का प्रयास किया। इसी दौरान उनके घर के सामने बैठी रहने वाली फीमेल कुत्ते ने दलीप को बचाने का प्रयास किया और पिटबुल को पीछे से हमला कर दिया। इतने में दलीप को समय मिला तो वह वहां से भागने लगा, लेकिन कुत्ते ने फिर उसको पकड़ लिया और सिर को नोच डाला। वह गली से होते हुए भागने लगा तो उसको किसी और ने अपने घर में खींच कर उसकी जान बचाई।

पिटबुल यहां से निकला तो एक बछड़ा दिख गया, उसे भी बुरी तरह नोच डाला। यहां से भागकर वह एक और भट्ठे पर पहुंचा और एक और मजदूर को नोच डाला। यहां भी दो गली के कुत्तों ने पिटबुल से उसको छुड़वाया। इसी बीच गांव छन्नी में एक और व्यक्ति को काट दिया, जिसका नाम मंगल सिंह है। कुत्ता यहां से गांव कुंडे पहुंचा। सुबह के पांच बज चुके थे। लोग सैर पर निकले तो कुत्ते ने अशोक, गुलशन, विभीषण, गोपी, धर्मचंद, धर्मचंद की पत्नी पर हमलाकर उन्हें भी नोच डाला।

कुत्ता यहां से चौहाना गांव पहुंचा और एक सेवानिवृत्त सैनिक शक्ति सिंह पर हमलाकर उन्हें नोच डाला। शक्ति ङ्क्षसह ने अपने हाथ में पकड़ा डंडा कुत्ते के मुंह में डाल दिया और कुत्ते पर पकड़ बनाकर शोर मचाया, लोग वहां पहुंचे और घेरकर कुत्ते को लाठियों से पीटकर मौत के घाट उतारा गया।

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Doctor Govind Nand Kumar ran for three kilometers to save the patient's life, traffic was jammed Bangluru

मरीज की जान बचाने तीन किलोमीटर पैदल दौड़े डॉक्टर, जाम था ट्रैफिक

बेंगलुरू। मरीज की जान बचाने तीन किलोमीटर पैदल दौड़े डॉक्टर, जाम था ट्रैफिक … डॉक्टर भगवान का रूप होता है, इस बात को सच कर दिखाया है बेंगुलरू के सर्जन डॉ.गोविंद नंदकुमार ने। उन्होंने जो कदम उठाया, वो दूसरों के लिए मिसाल कायम कर गया। डॉ.नंदकुमार को इमरजेंसी एक सर्जरी करनी थी, लेकिन वे ट्रैफिक में फंस गए, उन्होंने अपनी कार ट्रैफिक में छोड़ दी और तीन किलोमीटर तक दौड़कर अस्पताल पहुंच गए। अब तेजी से उनका वीडियो वायरल हो रहा है।

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आपको बता दें कि मणिपाल हस्पताल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी सर्जन डॉ.गोविंद नंदकुमार को 30 अगस्त को एक महिला की इमरजेंसी लैप्रोस्कोपिक गॉलब्लैडर की सर्जरी करनी थी, जब वे जा रहे थे तो सरजापुर से मराठल्ली के रास्ते पर वे ट्रैफिक जाम में फंस गए। वे कार पर थे। लेकिन उन्हें अपनी मरीज की चिंता सताए जा रही थी और उन्हें पता था कि जितना समय खराब होता जाएगा, उतना खतरा मरीज की जान को बढ़ता जाएगा।

इसलिए उन्होंने ट्रैफिक जाम में ही अपनी कार ड्राइवर के पास छोड़ी और दौडऩा शुरू कर दिया। करीब तीन किलोमीटर तक वे दौड़ते रहे और अस्पताल पहुंच गए। डॉक्टर रोजाना सरजापुर से ट्रैवल कर अस्पताल पहुंचते हैं।

डॉक्टर नंद कुमार की टीम पहले ही एनेस्थिसिया के लिए तैयार थी और उनके पहुंचते ही टीम ने काम शुरू कर दिया, डॉक्टर ने अपनी डे्रस पहनी और आपरेशन में जुट गए। नतीजा ऑपरेशन भी सफल रहा। डॉक्टर ने दौडऩे के दौरान एक वीडियो बनाया था, जिसे उन्होंने अब 12 दिन बाद टविटर पर सांझा किया।

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when will Team India get another MS Dhoni and Yuvraj Singh

आखिर कब मिलेंगे टीम इंडिया को दूसरे धोनी और युवराज

आखिर कब मिलेंगे टीम इंडिया को दूसरे धोनी और युवराज … टीम इंडिया में रिकॉर्डधारी रोहित शर्मा हैं, विराट कोहली हैं, बेहद प्रभावशाली गेंदबाज बुमराह, शमी, भुवनेश्वर और रविचंद्र अश्विन है और ऑलराऊंडर रङ्क्षवद्र जडेजा हैं, लेकिन फिर भी टीम इंडिया अब बड़े मुकाम पर वो नहीं कर पाती, जो आज से 7-8 साल पहले कर रही थी। टीम इंडिया में कोई तो कमी है, जो खल रही है। वो कमी है मैच फिनिशर और टीम इंडिया के मध्यक्रम के बल्लेबाजी में एंकर डाल कर बल्लेबाजी करने वाले महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह की।

वर्षों हो गए टीम इंडिया से इनको गए लेकिन टीम इंडिया इनके विकल्प तैयार नहीं कर पाई, कोई भी बल्लेबाज इनके आसपास भी ठहर नहीं पाता। ऋषभ पंत के रूप में धोनी का विकल्प तलाशने का प्रयास हुआ, लेकिन पंत खरा नहीं उतर रहे। ना ही टीम इंडिया की वो एकता अब नजर आती है, जो धोनी के समय नजर आती थी। यही कारण है कि पिछले 9 सालों से आईसीसी की कोई ट्रॉफी टीम इंडिया नहीं जीत पाई। वर्ष 2006 में पाकिस्तान दौरे पर धोनी और युवराज का पॉवर हिटर के रूप में टीम में जो उदय हुआ, वो सफर अगले काफी वर्षों तक जारी रहा और इसी दौरान टीम पहला टी-20 वल्र्ड कप जीती, 2011 का वल्र्ड कप जीती, चैंपियंस ट्रॉफी जीती, यानि वल्र्ड लेवल पर टीम इंडिया की धूम थी। दोनों खिलाड़ी फिनिशर के साथ-साथ मल्टी-टैलेंटेड भी थे। टी-20 वल्र्ड कप 2021 के बाद एशिया कप से भी टीम इंडिया बाहर हो गई है। अगर हमें अक्टूबर में वर्ल्ड कप जीतना है तो ऐसे ही खिलाडिय़ों की जरूरत है।

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सचिन जब खेलते थे तो ऐसा लगता था, जब वो रिटायर होंगे तो क्या ही हो जाएगा.. लेकिन उनके रहते हुए विराट कोहली का उदय हुआ और जब सचिन गए तो विराट ने उनका स्थान बखूबी लिया और टीम को सचिन की कमी नहीं होने दी। उन्होंने नंबर तीन की समस्या हल कर दी। लेकिन धोनी और युवराज जब से टीम से गए हैं, तब से ही टीम में बैटिंग क्रम नहीं बन पा रहा। युवराज के जाने के बाद नंबर चार को आज तक टीम इंडिया स्थायी नहीं कर पाई है, कई सालों से लगातार खिलाड़ी आजमाए जा रहे हैं, लेकिन दूसरा युवराज नहीं आ पाया जो बीच के ओवर्स में टीम इंडिया का आधार बने।

वहीं इसके बाद निचले क्रम में आते थे धोनी, जो दुश्मन के जबड़े में हाथ डाल कर बहुत बार मैच खींच ले जाते थे। हारा हुआ मैच वे अपने दम पर जीत जाते थे। भले ही उनकी बैटिंग की बात करें, उनकी कीपिंग की बात करें या उनकी हैरान कर देने वाली लेकिन ठंडे स्वभाव की कप्तानी, तीनों ही तरह से वे मैच पलट देते थे। बिना देखे उनका थ्रो मारकर गिल्लियां उखाड़ देना या मिनि सेकेंड्स में स्टंप्स कर देना हो या फिर बैट्समैन के मन में क्या चल रहा है, उसी हिसाब से फील्डिंग सेट कर अगली ही गेंद पर विकेट गिराना उनकी इस कला की दुनिया कायल थी।

टीम इंडिया पिछले कुछ समय से ऋषभ पंत को टी-20 क्रिकेट में पावर हिटर बल्लेबाज के रूप में तैयार कर रही है, लेकिन वो लगातार फ्लॉप हो रहे हैं। वे हिटर तो हैं, लेकिन वे दर्शकों में वे विश्वास नहीं जगा पाते, जो धोनी जगाते थे कि जब तक माही है, मैच हमारा है। पंत के अलावा हार्दिक पंड्या का भी हाल कुछ ऐसा ही है। वो काफी दिनों तक चोट के कारण टीम से बाहर रहे और जब वापसी की है तो उनके प्रदर्शन में निरंतरता नहीं दिखती। जब भी बॉल कम होती और रन ज्यादा होते और क्रीज पर धोनी होते तो मैच अवश्य जीतते, कोहली के साथ-साथ धोनी ही ऐसी वल्र्ड लेवल पर खिलाड़ी थे, जिन्हें चेज मास्टर कहा जाता था।

पूरी दुनिया चेजिंग में जब फेल थी, तब धोनी, कोहली और युवराज इसके मास्टर थे। अब टीम में ऐसा नहीं है। जब भी ऊपरी क्रम के बल्लेबाज आऊट होते हैं तो मिडिल दबाव में बिखर जाता है और ज्यादा रन कम गेंद के दबाव को झेल नहीं पा रहा। यहीं पर टीम इंडिया लगातार हार रही है।

युवी बल्लेबाजी के साथ-साथ फील्डिंग में भी अव्वल थे और उनकी गेंदबाजी की भी क्या कहने। वे साधारण गेंदबाज थे, लेकिन हमेशा विकेट टेकर साबित हुए। जहां टीम को जरूरत होती तो कप्तान धोनी उन्हें ही गेंदबाजी देते और वे बीच के ऑवर्स में टीम इंडिया को ब्रेकथू्र जरूर दिलाते थे। आईसीसी की पहला टी-20 वल्र्ड कप, 2011 वल्र्ड कप, चैंपियंस ट्रॉफी यानि आईसीसी के सभी टूर्नामेंट जीतने वाले दुनिया के एकमात्र कप्तान भी धोनी ही बने।

वहीं, आखिरी बार भारत ने जो आईसीसी ट्रॉफी जीती है, उसके कप्तान भी माही ही थे। भारत ने 2013 में इंग्लैंड को हराकर चैंपियंस ट्रॉफी अपने नाम की थी। टीम इंडिया को यदि फिर से वही सफलता हासिल करनी है तो टीम इंडिया को दूसरी टीमों को रन चेज से रोकने के लिए कमाल की कप्तानी, बॉलिंग, फील्डिंग तो चाहिए ही, जल्दी विकटें गिरने पर मुश्किल समय में टिक कर बल्लेबाजी कर मैच फिनिशर भी चाहिए। देखते हैं टीम इंडिया को अगले धोनी और युवराज कब मिलते हैं।

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क्या जजपा में सबकुछ ठीक नहीं

फतेहाबाद। हरियाणा सरकार में भागीदार जननायक जनता पार्टी के आला नेताओं में एक बार फिर अप्रत्यक्ष दरार डलती दिख रही है। जजपा नेता एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली द्वारा सरकार के विभागों में भ्रष्टाचार को लेकर उठाए गए सवालों पर उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने उन्हें नसीहत देते हुए कहा है कि भ्रष्टाचार कहीं दिखता है तो पकड़ कर रोक लो, बोलने से क्या होता है, जब तक आप उसे रोको नहीं, एक्शन नहीं लोगे तो यह चीज नहीं रुकेगी, डिजीटाइलेशन का प्रयोग कर इसे कम करने का प्रयास किया है। आपको बता दें कि टोहाना नगर परिषद उपप्रधान के चुनाव के दौरान बबली समर्थित उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा तो उनके खिलाफ हूटिंग हुई थी, जिसके बाद बबली ने मीडिया के सामने अपनी ही सरकार को सवालों के घेरे में डाल दिया था। उन्होंने कहा था कि सभी को पता है आज विभागों में क्या हालात है।

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उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से सुभाष बराला के खिलाफ बोलते हुए कहा कि जब तक बबली को कुर्सी पर बैठाया गया है, तब तक किसी को पर नहीं मारने दूंगा, पिछली इंक्वायरियों को दबाया गया है, कुछ लोगों ने घोटाले कर इलाके का शोषण कर करोड़ों रुपये के वारे न्यारे किए। यह सरकार की कमजोरी है, इसे मानने में मुझे डर नहीं, सरकार भी ऐसे लोगों को शह दे रही है। लोगों के खून कुछ लोग चूसना चाहते हैं, इसमें अधिकारी और नेता शामिल हैं, क्या हरियाणा में सरकार नहीं है?

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देवेंद्र बबली की इन बातों से एक बार फिर सरकार में हलचल पैदा हो गई थी, जिसके बाद अब दुष्यंत चोटाला ने भी बयान देते हुए कहा है कि भ्रष्टाचार दिखता है तो रोक लो। गौर करने लायक बात यह है कि देवेंद्र बबली के मंत्री बनने से पहले भी बबली पूरी तरह से न केवल सरकार बल्कि जजपा के खिलाफ भी मुखर होते रहे हैं। उनके बयान पूरे प्रदेश में गूंजे थे। बबली ही नहीं रामकुमार गौतम सहित कुछ अन्य जजपा विधायकों की नाराजगी भी देखने को मिली थी। अभी हालात कुछ ऐसे ही हैं।

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