होशियापुर। बर्निंग ट्रेन मूवी तो आपको याद होगी ही, जिसमें एक ट्रेन में आग लगने के बाद ट्रेन बेकाबू होकर दौड़ रही होती है और हर स्टेशन पर उसे रोकने का प्रयास किया जाता है। इसी तरह का मामला सामने आया है, हालांकि ट्रेन में आग तो नहीं लगी, लेकिन बिना चालक की यह माल गाड़ी 78 किलोमीटर दौड़ती गई।
ट्रेन की रफ्तार भी 80 किलोमीटर प्रति घंटा थी, कई स्टेशनों पर इसे रोकने के विफल प्रयास हुए और आखिरकार होशियारपुर के पास जाकर ट्रेन को लकड़ी के स्टॉपर लगाकर रोका गया। अब घटना के जांच के आदेश रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिए हैं।
जानकारी के अनुसार जम्मू-कश्मीर के कठुआ से मालगाड़ी (14806 आर) के चालक ने मालगाड़ी का इंजन तो स्टार्ट कर दिया, लेकिन बिना हैंड ब्रेक लगाए, वह नीचे उतर गया। स्टेशन पर पठानकोट की तरफ ढलान थी, जिस कारण हैंड ब्रेक न होने पर माल गाड़ी ढलान की तरफ अपने आप चल पड़ी और आगे आगे दौडऩे लगी।
रेलवे स्टेशन के अधिकारियों ने कठुआ में ही उसे रोकने का प्रयास किया, लेकिन असफल रहे। देखते ही देखते गाड़ी ने रफ्तार पकड़ ली और 80 किमी की रफ्तार से भागने लगी। कठुआ रेलवे स्टेशन के अधिकारियों ने तुरंत पंजाब के पठानकोट में सुजानपुर रेलवे स्टेशन के रेलवे अधिकारियों से संपर्क किया।
वहां भी ट्रेन को रोकने की कोशिश की गई। रेलवे लाइन पर स्टॉपर लगाए गए। इस बार भी कोशिश विफल रही और मालगाड़ी स्टेशन क्रॉस कर गई। इसके बाद मालगाड़ी को पठानकोट कैंट, कंडरोड़ी, मीरथल, बंगला और मुकेरियां में भी रोकने की कोशिश की गई। कई प्रयासों से माल गाड़ी की रफ्तार कम होने लगी। आखिर में होशियारपुर के ऊंची बस्सी रेलवे स्टेशन पर लगाए गए लकड़ी के स्टॉपर से मालगाड़ी रुक गई।