मंत्री की बात काटना पड़ी अधिकारी को भारी… मंत्री बोले आपको समझ नहीं आ रही क्या… मैं बोल रहा हूं, आप बीच में कैसे बोल रहे हैं..

फतेहाबाद। जिला लोकसंपर्क एवं जनपरिवाद समिति की बैठक लेने पहुंचे खेल मंत्री संदीप सिंह का तल्ख अंदाज अधिकारियों पर भारी पड़ा। कई मामलों की सुनवाई के दौरान वे अधिकारियों से उखड़ते नजर आए। इस दौरान डीडीपीओ, बीडीपीओ व उनके अधीनस्थ कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के न केवल आदेश दिए बल्कि मंत्री के संबोधन के बीच बोलने पर खूब झाड़ भी पिलाई। वहीं पीएनबी के अधिकारियों को भी फटकारा और जांच के आदेश दिए। जलघर से बिना परमिशन पेड़ काटने पर जेई को सस्पेंड करने के आदेश भी दिए।

 

इसके अलावा कई अन्य मामलों में भी उनका सख्त अंदाज देखने को मिला। संदीप सिंह ने मीटिंग में उपस्थित न होने वाले अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई के आदेश दिए। गांव तामसपुरा निवासी प्रार्थी सतबीर कुमार ने शिकायत दी कि जलघर में हरे पेड़ थे, जिन्हें बिना किसी कारण कटवा दिए गए। आरोप था कि जेई सुभाष ने किसी से अनुमति तक नहीं ली। मंत्री ने जब पेड़ काटने के लिए मंजूरी की बात कही तो अधिकारी बोले मंजूरी नहीं ली थी। ऐसे में मंत्री ने जिम्मेदारी जेई सुभाष का निलंबित कर दिया। आदेश दिया कि जब तक इस मामले की जांच नहीं होती तब तक वे निलंबित रहेंगे।

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विभाग के अधिकारी ने जेई का बचाव करते हुए बताया कि जल जीवन मिशन के तहत जलघर बन रहा था और झाड़ीनुमा पेड़ बीच में आ रहे थे। मंत्री ने कहा कि परमिशन क्यों नहीं ली। जेई ने बताया कि गांव वाले सहमत थे, तो मंत्री बोले ग्रामीणों की सहमति पर कुछ भी कर दोगे। जब कोविड आया तो सबसे ज्यादा किसने सहायता की.. पेड़ों ने तो फिर कैसे काट रहे हो? वहीं ढिंगसरा निवासी केशु ने शिकायत दी कि पंजाब नेशनल बैंक ढिंगसरा में लोन लेने के लिए फाइल लगा दी। लेकिन लोन काफी समय बाद दिया गया। ऐसे में मंत्री ने इस मामले की विभागीय जांच के आदेश दिए है। विधायक दुड़ाराम ने भी कहा कि बैंकों की बहुत शिकायतें आती हैं। मंत्री ने कहा कि सरकार योजना लाती है और आप कामयाब नहीं होने देते।

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एक अन्य शिकायतकर्ता गांव भूंदड़वास निवासी दीन सिंह सिंह ने बताया कि गांव में पार्क बनाने के लिए बीडीपीओ कार्यालय में गया था। यहां पर अधिकारियों ने सही जवाब नहीं दिया। जब इस मामले की सुनवाई करते हुए डीडीपीओ ने अपनी बात रखी तो कार्रवाई पर खफा दिखे। उन्होंने कहा कि बैठक के बाद कार्रवाई की है। इसके अलावा डीडीपीओ ऊंची आवाज में अपनी बात रखी तो मंत्री को भी गुस्सा आ गया और डीडीपीओ, बीडीपीओ व जेई के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए है। मंत्री की बात बीच में काटने पर मंत्री ने कहा कि आपको समझ नहीं आ रही क्या.. जब मैं बोल रहा हूं तो आप बीच में कैसे बोल रहे हैं।

इसके अलावा एक शिकायत पर मंत्री ने एडीसी से संवाद करना चाहा, लेकिन एडीसी फोन पर थे तो मंत्री ने उन्हें भी टोक दिया और कहा कि फोन छोड़ें एडीसी साहब, बात सुने, मीटिंग है तो मीटिंग में रहें। इस बैठक में 16 मामले रखे गए थे। सभी मामलों की सुनवाई हुई। जिसमें 9 मामलों को फाइल कर दिया गया जबकि 7 मामले पेंडिंग रखे गए है। जिनकी सुनवाई अगली बैठक में होगी। वहीं इसके बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि आदेश दिए गए हैं कि जो शिकायतें आएं, उनसे संबंधित सभी अधिकारी और कर्मचारी यहां रहें और उस शिकायत की शुरू से अब तक की पूरी कार्रवाई भी साथ रखें। हर मीटिंग में अधिकारी व कर्मचारी पहुंचें। अगली मीटिंगों में भी ऐसे ही सख्ती बरती जाएगी।

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