गांव पीलीमंदौरी का एक और जवान शहीद

भट्टूकलां/मनोज सोनी, बजरंग। 23 दिसंबर को सिक्किम में हुए मनहूस हादसे में अपने लाल को खोने वाले गांव पीलीमंदौरी के एक और बेटे की आज देश की सेवा करते हुए जान चली गई। गांव के फौजी मनोज कुमार आसाम में अपने कैबिन में मृत पाए गए। उनके निधन के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है, लेकिन माना जा रहा है कि हृदयाघात से उनकी जान चली गई। हालांकि अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतेजार है, उसके बाद ही कारण स्पष्ट हो पाएंगे।

जानकारी के अनुसार मनोज कुमार पुत्र बलवंत सिंह गुवाहाटी आसाम में तैनात थे। आज सुबह 8 बजे वे अपने कैबिन के अंदर अचेत मिले। उन्हें तुरंत ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। फिल्हाल मृत्यु के पुख्ता कारणों का पता नहीं लगा है, लेकिन हृदयाघात माना जा रहा है।

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मनोज कुमार का जन्म 2 अक्टूबर 1993 को हुआ था। वर्ष 2011 में मनोज फौज में भर्ती हुए थे और उनका विवाह 11 दिसंबर 2018 को सूली खेड़ा में मंजू बाला से हुआ था। उनकी साढ़े 3 वर्ष की बेटी हेजल है। अंतिम बार वे 30 दिनों की छुट्टी लेकर 18 नवंबर को गांव आए थे और 17 दिसंबर को वापस ड्यूटी पर चले गए थे।

 

शहीद जवान के पारिवारिक सूत्रों से पता चला है कि मनोज कुमार अपनी बटालियन के साथ सेना के ही एक कार्यक्रम में कोलकाता गए थे। रात को वो वापस आकर अपने कमरे में सो गए। सुबह जब वो नहीं उठे तो साथी जवानों ने उनको सम्भाला तो कली हलचल नहीं मिली, जिस पर उन्हें ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया।

 

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वहीं परिवार अब मनोज के पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहा है। परिवारजनों से जानकारी मिली है कि आज पार्थिव शरीर का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है और न ही उन्हें स्पष्ट बताया गया कि कब यह प्रक्रिया पूरी होगी।

 

अभी गांव शहीद विकास के गम से उबर ही नहीं पाया था कि अब मनोज कुमार के निधन से गांव फिर शोक में डूब गया है। आपको बता दें कि 23 दिसंबर को सिक्किम में सेना का एक वाहन अनियंत्रित होकर खाई में गिर गया था, इस हादसे में गांव के विकास कुमार शहीद हो गए थे। राजकीय सम्मान के साथ उनका जब अंतिम संस्कार हुआ, तब पीलीमंदौरी ही नहीं बल्कि आसपास के हर गांव के हजारों की संख्या में अंतिम विदाई देने पहुंचे थे। कई किलोमीटर तक सड़क के दोनों ओर लोग अंतिम दर्शनों के लिए खड़े थे, शहीद के 4 माह के बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी थी।

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