फतेहाबाद। जेजेपी JJP से बागी हो चुके पार्टी के विधायक देवेंद्र बबली (JJP MLA DEVENDER BABALI) व जोगीराम सिहाग को लेकर जेजेपी के राष्ट्रीय नेता डॉ.अजय चौटाला (JJP LEADER AJAY CHOTALA) ने बड़ा कटाक्ष किया है। उन्होंने पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली को पार्टी पर बोझ बताया और जोगीराम सिहाग द्वारा भाजपा को दिए गए समर्थन को लेकर उन पर कार्रवाई की बात कही।
उन्होंने पार्टी छोड़ चुके पूर्व प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह पर भी कड़ा तंज कसा। वे आज यहां फतेहाबाद के टोहाना में जजपा प्रत्याशी रमेश खटक के समर्थन में प्रचार के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने नेताओं द्वारा पार्टी छोडऩे को कहा कि यह एक चुनावी प्रक्रिया है, केवल जजपा नहीं, कांग्रेस के लोग भाजपा में जा रहे तो भाजपा वाले कोई आम आदमी पार्टी, कांग्रेस या हमारे पास आ रहे हैं। यह चुनाव के दौरान की प्रकिया है।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग वक्तनसीन होते हैं, जो मौकों की तलाश में हैं। हमारे प्रदेशाध्यक्ष भी ऐसे समय में भागेगे थे, उन्हें उम्मीद थी कि कांग्रेस से टोहाना खाली हो तो उनका नंबर लग जाएगा। लेकिन यहां टोहाना से कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी ने कह दिया कि वे तो कांग्रेस में ही पैदा हुए और कांग्रेस में ही मरेंगे।
उन्होंने प्रो.संपत सिंह का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रो.संपत सिंह जब उनकी पुरानी पार्टी को छोड़ कर गए तो उससे पहले वे चौ.ओमप्रकाश चौटाला के साथ बैठते थे और वे उ नके लिए सीट खाली करते थे। हुड्डा के साथ ज्वाइन करने के बाद जब वे हिसार आए तो वे तीसरी लाइन में बैठे और बैठे भी हत्थे पर थे। आज हमारे पुराने प्रधान भी इसी तरह बैठते नजर आते हैं। उन्होंने कहा कि आज देवेंद्र बबली का कोई नाम लेवा नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि बबली ने पार्टी नहंी छोड़ी और न ही पार्टी में काम कर रहे हैं। जो पार्टी में काम नहीं कर रहे, वो पार्टी के लिए बोझ हैं।
उन्होंने कहा कि आज काम का समय है, ऐसे समय में काम करें। पार्टी के कारण वे विधायक इतने वोटों से जीतकर बने तो उनका फर्ज है, पार्टी के लिए काम करें। जैसे बीते दिनों जोगीराम सिहाग ने रणजीत चौटाला के लिए स्पोर्ट का फैसला लिया है तो उसके खिलाफ भी एक्शन लेंगे। उन्होंने भी पार्टी नहीं छोड़ी और अभी पार्टी में है, इस पर लीगली एक्शन लेंगे।
किसानों द्वारा विरोध के मामले पर उन्होंने कहा कि वे हमेशा किसानों की आवाज उठाते आए, जब किसान आंदोलन चल रहा था तब भी वे यही चाहते थे कि केंद्र सरकार किसानों की मांगों पर गौर करे, उन्होंने पहले दिन अनाऊंस किया था कि यदि एमएसपी पर कोई आंच आएगी तो वे सबसे पहले गठबंधन तोड़ेंगे। उन्होंने किसान आंदोलन को बीमारी बताने के बयान पर कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया।