फतेहाबाद। जाखल क्षेत्र के एक युवक को नौकरी के बहाने त्रिपुरा ले जाकर वहां के जंगलों में किडनैप कर रखने का मामला सामने आया है। किडनैपर्स से युवक के परिजनों से रुपए मांगे तो परिजन जाखल पुलिस की शरण में गए। जिस पर जाखल पुलिस का एक हेड कांस्टेबल अपनी जान की परवाह ना करते हुए अकेला त्रिपुरा के जंगलों में पहुंच गया और और पुलिस के सेवा, सुरक्षा सहयोग के नारे को चरितार्थ करते हुए युवक को वापस बचा लाया। युवक का दो-तीन दिन के लिए इलाज भी करवाया गया और अब परिजनों के हवाले कर दिया गया है। इस दौरान काफी दिन युवक अपहरणकर्ताओं के चुंगल में रहा और उसे खाना भी ढंग से नसीब नहीं हो रहा था।
गांव सिधानी के युवक राम ने बताया कि वह प्लाईवुड का काम करता है और दिल्ली में नौकरी कर रहा था। वहां शाम को चाय पीने के दौरान दो युवकों से उसकी दोस्ती हो गई। जिनमें से एक बिहार का और दूसरा त्रिपुरा का रहने वाला था। कुछ समय पहले युवकों ने उसे लालच दिया कि यह 10-15 हजार के नौकरी करने की बजाय वह उसे त्रिपुरा की एक कंपनी में नौकरी दिलवा देंगे, जहां अच्छी सैलरी मिलेगी। घर की स्थिति सही न होने के कारण वह उनकी बातों में आ गया और एक दिन उनके साथ त्रिपुरा के लिए चला गया। युवक ने बताया कि वहां रात को वह पहुंचे तो उसे एक पहाड़ी पर ले गए, जहां झोपड़ी में उसे बांध दिया गयाम फिर उसके फोन से परिवार वालों को फोन करवाया गया और रुपए मांगे गए।
यहां पर परिवार वालों ने इस बारे में जाखल पुलिस को शिकायत दे दी। पुलिस ने युवक के फोन की ट्रेसिंग की तो लोकेशन त्रिपुरा की मिली। जिस पर जाखल पुलिस के एक हेड कांस्टेबल कुलदीप ने इस ऑपरेशन को अपने हाथों में लिया और युवक की तलाश में त्रिपुरा फ्लाइट पर रवाना हो गए। हेड कांस्टेबल कुलदीप ने बताया कि 24 तारीख को शमसेर सिंह ने युवक के अपहरण की शिकायत दी थी। जिस पर मामला दर्ज किया गया और लोकेशन ट्रेस कर वह त्रिपुरा पहुंचे और वहां पर स्थानीय पुलिस और मीडिया की सहायता से युवक की जानकारी वायरल कर दी।
इसी दौरान उसे पता चला कि युवक की तबीयत खराब होने पर उसे सरकारी हॉस्पिटल लाया गया था, जहां उन्होंने जाकर चेक किया तो युवक का रिकॉर्ड मिला। जिस पर उन्हें तसल्ली हो गई कि युवक अभी जिंदा है और यही आसपास है। फिर उन्हें पता चला कि यहां की एक पहाड़ी पर जंगलों के अंदर युवक हो सकता है, जहां सेना के जवान ने उन्हें पहाड़ी तक जाने का सहयोग किया। वह पहाड़ी पर गए तो वहां पर वह सही लोकेशन पर पहुंच गए लेकिन पुलिस के आने की सूचना मिलने पर अपहरणकर्ता युवक को उस लोकेशन से कहीं और ले गए। झोपड़ी के आसपास उन्हें एक सफेद कमीज मिली जो वहां के लोगों के हिसाब से बड़ी थी तो उन्हें अंदाजा हो गया कि यह कमीज राम की है। जिस पर उन्होंने जंगलों में ही आसपास जोर-जोर से उसका नाम पुकारना शुरू कर दिया। युवक ने अपना नाम सुनकर यह जान लिया कि पुलिस उसे बचाने आई है और वह पहाड़ी से नीचे कूद गया।
इधर कुलदीप ने युवक को नीचे कूदते हुए देख लिया और तुरंत उसे रेस्क्यू कर अगरतला के हॉस्पिटल में पहुंचाया। जहां से उसे रोहतक लाया गया और 1 दिन वहां भी उपचाराधीन रखा गया। युवक के हाथ और पैर में चोट लगी थी। बाद में अब जाखल लाकर युवक को उसके परिजनों के हवाले कर दिया। पुलिस खासकर हेड कांस्टेबल कुलदीप की इस बहादुरी को क्षेत्र में काफी सराहा जा रहा है। वहीं युवक और उसके परिजनों ने जाखल पुलिस व कुलदीप का दिल से आभार जताया है