Haryana Lok Sabha election 2024 : लोकसभा 2024 के चुनाव का तीसरा चरण में मतदान संपन्न होने पर है। इस बीच चुनावों में नेताओं का गर्मी के तापमान के आरोप-प्रत्यारोप का सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। ऐसे में हरियाणा की 10 सीटों पर लोकसभा चुनाव के छठे चरण में 25 मई को मतदान होना है। पर अबकी बार हरियाणा में जजपा और भाजपा के लोकसभा प्रत्याशियों को गांव-गांव और शहर में किसानों को रोष भरा विरोध का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में हिसार लोकसभा सीट के बंब नियाणा, सरद और खरड़ अलीपुर में में भाजपा प्रत्याशी रणजीत चौटाला को किसानों को विरोध का सामना करना पड़ा। इस तरह भाजपा और जजपा के नेताओं का हरियाणा के प्रत्येक लोकसभा सीटों पर गांव-गांव से विरोध हो रहा है।
हिसार में भाजपा प्रत्याशी का विरोध
किसान आंदोलन से भरा रोष किसानों में कायम है। ये रोष अबके चुनाव में भाजपा और जजपा के नेताओं के प्रति दिख भी रहा है। हिसार लोकसभा सीट के खरड़ अलीपुर में किसानों नें नारेबाजी करते हुए भाजपा प्रत्याशी रणजीत चौटाला का विरोध जताया। इस दौरान किसान नेताओं ने भाजपा प्रत्याशी का विरोध करते हुए सवाल किए कि, स्वामीनाथन रिर्पोट लागू क्यों नहीं की गई ? पंजाब के किसान शुभकरण को गोली क्यों मारी गई ? जबकि, किसान संगठनों से जुड़े लोगों ने सड़क पर कीलें लगाई और लोहे की जाली रख दी ताकि रणजीत का कारवां आगे ना जा सके। इसी दौरान नियाणा में महिलाओं ने उन्हें काले झंडे दिखाकर विरोध किया। ऐसे में विरोध प्रदर्शन को देखते हुए रणजीत चौटाला वापस लौट गए।
पानीपत में पूर्व सीएम का विरोध
हरियाणा के करनाल से भाजपा प्रत्याशी एवं पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर को पानीपत में किसानों का विरोध सामना करना पड़ा। वें यहां इसराना के 14 गांवों में रोड शो कर रहे थे। इसी दौरान शालापुर में किसानों ने काले झंडे दिखाकर विरोध किया। ऐसे में भाजपा प्रत्याशी पूर्व सीएम किसानों को समझा नी पाए और वापिस लौट गए।
उचाना में जजपा नेता नैना चौटाला का विरोध
हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला हिसार लोकसभा की सीट पर जजपा प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़ रही है। नैना चौटाला को भी किसानों की नाराजगी का सामना करना पड़ा। हालांकि, कुछ दिनों पहले नैना चौटाला प्रचार के लिए उचाना के एक गांव में पहुंची और जैसे ही उनका काफिला गांव में पहुंचा वैसे ही ग्रामीण के किसानों ने विरोध करना शुरु कर दिया। इसी दौरान जजपा समर्थकों और ग्रामीण किसानों के मध्य बहस छिड़ गई। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों में सरकार के साथ खड़े रहने पर जजपा को किसानों का विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
हरियाणा में भाजपा प्रत्याशियों के प्रति किसानों को रोष प्रदर्शन
हरियाणा में सभी लोकसभा सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों के लिए अबकी बार चुनावों में किसानों और मजदूरों के विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में हरियाणा में लोकसभा चुनावों के मतदान की तारीख जितनी नजदीक आती जा रही है, उतनी भाजपा प्रत्याशियों की समस्या बढ़ती जा रही है। हालांकि, कुछ दिन पहले हरीयाणा के अंबाला लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी बंतो कटारिया को भी किसानों का विरोध का सामना करना पड़ा था।
27 अप्रैल को अंबाला सिटी में प्रचार करने पहुंची बंतो के सामने किसानों ने सवालों की पूरी झड़ी लगा दी। बंतो से सवाल किया की, जब अंबाला में आपदा आई थी तो, आपकी सरकार कहाँ थी ? किसान दिल्ली जा रहे थे तो हरियाणा सरकार ने उनके रास्तों में कील बिच्छाकर हत्याचार क्यों किया ? यूपी के लखीमपुर खीरी मामले में हस्तक्षेप करते हुए आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नी की ? इस प्रकार किसानों के तीखे सवालों के सामने बंतो कटारिया हाथ जोड़कर चुपचाप खड़ी हो गई।
हालांकि, बंतो से पहले रोहतक लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी डॉ. अरविंद शर्मा का भी किसानों ने रोष में विरोध प्रदर्शन किया था। रोहतक के एक गांव टिटौली में वोट मांगने गए शर्मा से किसानों ने सवाल किया कि, वह 5 साल कहां थे ? इसी दौरान अरविंद शर्मा के समर्थकों ने किसानों को कांग्रेसी कह दिया और वहाँ पर किसानों और बीजेपी समर्थकों के बीच में हंगामा हो गया। यहाँ तक कि, बात हाथापाई तक पहुंच गई।
हाल ही में खबर आ रही है कि, सोनीपत लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी मोहन बड़ोली के विरोध में जींद के गांव ईंटल में किसानों ने काफिला रोका है। इससे पहले भी जींद के नन्दगढ़ गांव में मोहन बड़ोली का किसानों ने विरोध किया था।
हरियाणा में कई भाजपा वरिष्ठ नेता भी मायूस
हरियाणा भाजपा में भी हरियाणा कांग्रेस की तरह कई गुट दिखने के आसार है। कुछ महिने पहले कांग्रेस से भाजपा में आए वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई हिसार लोकसभा सीट से टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रहें हैं। ऐसे में हरियाणा के नवनिर्वाजित सीएम नायब सिंह सैनी ने दिल्ली में कुलदीप बिश्नोई को मनाने के लिए उनके परिवार और उनसे मुलाकात की। इसी प्रकार भाजपा के वरिष्ठ एवं दिग्गज नेता अनिल विज भी हरियाणा की नई गठन भाजपा सरकार से नाराज चल रहे हैं। वहीं टिकट बंटवारे को लेकर हलोपा प्रमुख गोपाल कांडा भी नाराज चल रहे थे, बाद में पूर्व सीएम मनोहर लाल ने उसे मनाया।
हरियाणा में किसानों की जनसंख्या
हरियाणा में लोकसभा चुनावों में भाजपा और जजपा प्रत्याशियों के लिए हरियाणा का सबसे बड़ा व्यवासायिक वर्ग किसान को समझाना मुश्किल हो रहा है, जो अबकी बार लोकसभा चुनावों को प्रभावित करेगा।
2010-11 की कृषि जनगणना के मुताबिक, हरियाणा में किसानों की जनसंख्या निम्नलिखित इस प्रकार है।
- 17.55 फीसदी अर्ध-मध्यम किसान
- 12.04 फीसदी मध्यम किसान
- 2.83 फीसदी बड़े किसान
किन किसानों के पास कितनी जमीन है ?
- छोटे किसानों के पास जमीन 67.58 फीसदी है,जिनके पास 2.5 एकड़ तक जमीन है।
- 2.5 एकड़ से 5 एकड़ जमीन तक किसानों को छोटे किसानों में शामिल किया गया है।
- हरियाणा में कुल 7.78 लाख यानी 48.11 फीसदी बड़े किसानों के पास 3.60 लाख हेक्टेयर खेती करने योग्य जमीन है।
- 3.15 लाख यानी 19.47 फीसदी छोटे किसानों के पास 4.63 लाख हेक्टेयर है।
- कुल मिलाकर, हरियाणा में 16.17 लाख किसान हैं, जिनके पास 36.46 लाख हेक्टेयर खेती करने योग्य जमीन है।
हरियाणा में किसानों को जागरुक करने के लिए यात्रा निकालने का ऐलान
पहले से ही पूरे राज्य में जगह-जगह भाजपा प्रत्याशियों को किसानों को भारी रोष विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच लोकसभा चुनाव से पहले संयुक्त किसान मोर्चा ने पूरे हरियाणा में किसान यात्रा निकालने का ऐलान किया है। इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि, 7 मई यानी आज से 19 मई तक पूरे हरियाणा में किसानों को भाजपा और जजपा प्रत्याशियों के खिलाफ जागरुक करने के लिए यात्रा निकाली जाएगी। इस दौरान किसानों को समझाया जाएगा कि, जिन्होंने आपका नुकसान किया और जिन लोगों के कारण से दिल्ली जाने वालें रोस्तों में कील-कंकड़ बिच्छाए गए ! ऐसे लोगों को वोट देने से पहले कई बार सोचना। किसान आंदोलन- 2 के 100 दिन पूरे होने पर 22 मई को शंभू, खनौरी बॉर्डर पर लाखों किसान जमा होंगे। किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सरवण सिंह पंधेर ने इस बारे में ऐलान कर पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, यूपी और राजस्थान के किसानों को तैयारियां शुरु करने की अपील की।
हरियाणा लोकसभा चुनावों में भाजपा का प्रदर्शन कैसा रहा है ?
हरियाणा में पिछले लोकसभा चुनावों में सभी 10 सीटों पर भाजपा ने विजय हासिल की थी। भाजपा को राज्य में पड़े कुल वोटों का 58.02 प्रतिशत हासिल हुआ था। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने 7 सीटें जीतीं थीं। 2 सीटें ईनेलो को और 1 सीट कांग्रेस के खाते में गयी थी।