Haryana Lok Sabha election 2024

Election Commission strict on attack by farmers on Lok Sabha candidates in Haryana, DCs of districts summoned

Haryana Lok Sabha Election 2024 : हरियाणा में लोकसभा उम्मीदवारों पर किसानों द्वारा हमले को लेकर चुनाव आयोग सख्त, जिलों के डीसी हुए तलब

Haryana Lok Sabha Election 2024 : हरियाणा में लोकसभा उम्मीदवारों पर ग्रामीण किसानों द्वारा हो रहे लगातार हमले को लेकर चुनाव आयोग सख्त हो गया है। चुनाव आयुक्त ने हमलावर किसानों वाले जिलों के डीसी से रिपोर्ट की मांग की है। इस रिपोर्ट में डीसी को आयोग को बताना होगा कि, चुनाव प्रचार के दौरान उम्मीदवार पर हमला करने वाले कौन थे और उनके खिलाफ क्या प्रशासनिक कार्रवाई की गई है।

 

 

लोकसभा के उम्मीदवारों को मिलेगी पर्सनल सिक्योरिटी

हरियाणा में लोकसभा उम्मीदवारों पर किसानों द्वारा विरोध करते समय हो रहे हमले को देखते हुए चुनाव आयोग ने हरियाणा के हर जिला प्रशासन को उम्मीदवारों की सुरक्षा को लेकर निर्देश दिए हैं। ताकि उम्मीदवार सुरक्षित रूप में प्रचार कर सकें, इसलिए आयोग ने सभी उम्मीदवारों को पर्सनल सिक्योरिटी देने का फैसला लिया है। इसको लेकर हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर को भी निर्देश दिए गए हैं। उम्मीदवारों की सुरक्षा को लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल ने बताया है कि, राष्ट्रीय पार्टी के लोकसभा उम्मीदवारों को 2 PSO दिए जाएंगे। वहीं, क्षेत्रीय पार्टी के उम्मीदवारों को एक PSO दिया जाएगा।

 

 

जजपा और भाजपा नेताओं पर हो रहे है हमले

हरियाणा में जजपा और भाजपा के उम्मीदवारों का पिछले कुछ समय से ग्रामीण किसानों द्वारा लगातार विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इन विरोध प्रदर्शनों के दौरान कई बार स्थिति बेकाबू हो जाती है। पिछले दिनों उचाना में हिसार से जजपा उम्मीदवार नैना चौटाला पर हमला हुआ था। इस दौरान हमले में कई जजपा कार्यकर्ताओं को चोटें आई थीं। इसी प्रकार पूर्व सिरसा से भाजपा उम्मीदवार अशोक तंवर की गाड़ी पर भी डंडे मारे गए थे। 

 

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Why are the farmers of Haryana protesting, what will they do to harm BJP and JJP this time?

Haryana Lok Sabha election 2024 : क्यों विरोध कर रहे हैं हरियाणा के किसान, क्या करेंगे अबकी बार भाजपा और जजपा का नुकशान ?

Haryana Lok Sabha election 2024 : लोकसभा 2024 के चुनाव का तीसरा चरण में मतदान संपन्न होने पर है। इस बीच चुनावों में नेताओं का गर्मी के तापमान के आरोप-प्रत्यारोप का सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। ऐसे में हरियाणा की 10 सीटों पर लोकसभा चुनाव के छठे चरण में 25 मई को मतदान होना है। पर अबकी बार हरियाणा में जजपा और भाजपा के लोकसभा प्रत्याशियों को गांव-गांव और शहर में किसानों को रोष भरा विरोध का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में हिसार लोकसभा सीट के बंब नियाणा, सरद और खरड़ अलीपुर में में भाजपा प्रत्याशी रणजीत चौटाला को किसानों को विरोध का सामना करना पड़ा। इस तरह भाजपा और जजपा के नेताओं का हरियाणा के प्रत्येक लोकसभा सीटों पर गांव-गांव से विरोध हो रहा है।

 

 

हिसार में भाजपा प्रत्याशी का विरोध

किसान आंदोलन से भरा रोष किसानों में कायम है। ये रोष अबके चुनाव में भाजपा और जजपा के नेताओं के प्रति दिख भी रहा है। हिसार लोकसभा सीट के खरड़ अलीपुर में किसानों नें नारेबाजी करते हुए भाजपा प्रत्याशी रणजीत चौटाला का विरोध जताया। इस दौरान किसान नेताओं ने भाजपा प्रत्याशी का विरोध करते हुए सवाल किए कि, स्वामीनाथन रिर्पोट लागू क्यों नहीं की गई ? पंजाब के किसान शुभकरण को गोली क्यों मारी गई ? जबकि, किसान संगठनों से जुड़े लोगों ने सड़क पर कीलें लगाई और लोहे की जाली रख दी ताकि रणजीत का कारवां आगे ना जा सके। इसी दौरान नियाणा में महिलाओं ने उन्हें काले झंडे दिखाकर विरोध किया। ऐसे में विरोध प्रदर्शन को देखते हुए रणजीत चौटाला वापस लौट गए।

 

 

पानीपत में पूर्व सीएम का विरोध

हरियाणा के करनाल से भाजपा प्रत्याशी एवं पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर को पानीपत में किसानों का विरोध सामना करना पड़ा। वें यहां इसराना के 14 गांवों में रोड शो कर रहे थे। इसी दौरान शालापुर में किसानों ने काले झंडे दिखाकर विरोध किया। ऐसे में भाजपा प्रत्याशी पूर्व सीएम किसानों को समझा नी पाए और वापिस लौट गए।

 

 

उचाना में जजपा नेता नैना चौटाला का विरोध

हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला हिसार लोकसभा की सीट पर जजपा प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़ रही है। नैना चौटाला को भी किसानों की नाराजगी का सामना करना पड़ा। हालांकि, कुछ दिनों पहले नैना चौटाला प्रचार के लिए उचाना के एक गांव में पहुंची और जैसे ही उनका काफिला गांव में पहुंचा वैसे ही ग्रामीण के किसानों ने विरोध करना शुरु कर दिया। इसी दौरान जजपा समर्थकों और ग्रामीण किसानों के मध्य बहस छिड़ गई। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों में सरकार के साथ खड़े रहने पर जजपा को किसानों का विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

 

 

हरियाणा में भाजपा प्रत्याशियों के प्रति किसानों को रोष प्रदर्शन

हरियाणा में सभी लोकसभा सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों के लिए अबकी बार चुनावों में किसानों और मजदूरों के विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में हरियाणा में लोकसभा चुनावों के मतदान की तारीख जितनी नजदीक आती जा रही है, उतनी भाजपा प्रत्याशियों की समस्या बढ़ती जा रही है। हालांकि, कुछ दिन पहले हरीयाणा के अंबाला लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी बंतो कटारिया को भी किसानों का विरोध का सामना करना पड़ा था।

27 अप्रैल को अंबाला सिटी में प्रचार करने पहुंची बंतो के सामने किसानों ने सवालों की पूरी झड़ी लगा दी। बंतो से सवाल किया की, जब अंबाला में आपदा आई थी तो, आपकी सरकार कहाँ थी ? किसान दिल्ली जा रहे थे तो हरियाणा सरकार ने उनके रास्तों में कील बिच्छाकर हत्याचार क्यों किया ? यूपी के लखीमपुर खीरी मामले में हस्तक्षेप करते हुए आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नी की ? इस प्रकार किसानों के तीखे सवालों के सामने बंतो कटारिया हाथ जोड़कर चुपचाप खड़ी हो गई।

हालांकि, बंतो से पहले रोहतक लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी डॉ. अरविंद शर्मा का भी किसानों ने रोष में विरोध प्रदर्शन किया था। रोहतक के एक गांव टिटौली में वोट मांगने गए शर्मा से किसानों ने सवाल किया कि, वह 5 साल कहां थे ? इसी दौरान अरविंद शर्मा के समर्थकों ने किसानों को कांग्रेसी कह दिया और वहाँ पर किसानों और बीजेपी समर्थकों के बीच में हंगामा हो गया। यहाँ तक कि, बात हाथापाई तक पहुंच गई।

हाल ही में खबर आ रही है कि, सोनीपत लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी मोहन बड़ोली के विरोध में जींद के गांव ईंटल में किसानों ने काफिला रोका है। इससे पहले भी जींद के नन्दगढ़ गांव में मोहन बड़ोली का किसानों ने विरोध किया था।

 

 

हरियाणा में कई भाजपा वरिष्ठ नेता भी मायूस

हरियाणा भाजपा में भी हरियाणा कांग्रेस की तरह कई गुट दिखने के आसार है। कुछ महिने पहले कांग्रेस से भाजपा में आए वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई हिसार लोकसभा सीट से टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रहें हैं। ऐसे में हरियाणा के नवनिर्वाजित सीएम नायब सिंह सैनी ने दिल्ली में कुलदीप बिश्नोई को मनाने के लिए उनके परिवार और उनसे मुलाकात की। इसी प्रकार भाजपा के वरिष्ठ एवं दिग्गज नेता अनिल विज भी हरियाणा की नई गठन भाजपा सरकार से नाराज चल रहे हैं। वहीं टिकट बंटवारे को लेकर हलोपा प्रमुख गोपाल कांडा भी नाराज चल रहे थे, बाद में पूर्व सीएम मनोहर लाल ने उसे मनाया।

 

 

 

हरियाणा में किसानों की जनसंख्या

हरियाणा में लोकसभा चुनावों में भाजपा और जजपा प्रत्याशियों के लिए हरियाणा का सबसे बड़ा व्यवासायिक वर्ग किसान को समझाना मुश्किल हो रहा है, जो अबकी बार लोकसभा चुनावों को प्रभावित करेगा।

2010-11 की कृषि जनगणना के मुताबिक, हरियाणा में किसानों की जनसंख्या निम्नलिखित इस प्रकार है।

  • 17.55 फीसदी अर्ध-मध्यम किसान
  • 12.04 फीसदी मध्यम किसान
  • 2.83 फीसदी बड़े किसान

 

 

किन किसानों के पास कितनी जमीन है ?

  • छोटे किसानों के पास जमीन 67.58 फीसदी है,जिनके पास 2.5 एकड़ तक जमीन है।
  • 2.5 एकड़ से 5 एकड़ जमीन तक किसानों को छोटे किसानों में शामिल किया गया है।
  • हरियाणा में कुल 7.78 लाख यानी 48.11 फीसदी बड़े किसानों के पास 3.60 लाख हेक्टेयर खेती करने योग्य जमीन है।
  • 3.15 लाख यानी 19.47 फीसदी छोटे किसानों के पास 4.63 लाख हेक्टेयर है।
  • कुल मिलाकर, हरियाणा में 16.17 लाख किसान हैं, जिनके पास 36.46 लाख हेक्टेयर खेती करने योग्य जमीन है।

 

 

हरियाणा में किसानों को जागरुक करने के लिए यात्रा निकालने का ऐलान

पहले से ही पूरे राज्य में जगह-जगह भाजपा प्रत्याशियों को किसानों को भारी रोष विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच लोकसभा चुनाव से पहले संयुक्त किसान मोर्चा ने पूरे हरियाणा में किसान यात्रा निकालने का ऐलान किया है। इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि, 7 मई यानी आज से 19 मई तक पूरे हरियाणा में किसानों को भाजपा और जजपा प्रत्याशियों के खिलाफ जागरुक करने के लिए यात्रा निकाली जाएगी। इस दौरान किसानों को समझाया जाएगा कि, जिन्होंने आपका नुकसान किया और जिन लोगों के कारण से दिल्ली जाने वालें रोस्तों में कील-कंकड़ बिच्छाए गए ! ऐसे लोगों को वोट देने से पहले कई बार सोचना। किसान आंदोलन- 2 के 100 दिन पूरे होने पर 22 मई को शंभू, खनौरी बॉर्डर पर लाखों किसान जमा होंगे। किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सरवण सिंह पंधेर ने इस बारे में ऐलान कर पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, यूपी और राजस्थान के किसानों को तैयारियां शुरु करने की अपील की।

 

 

हरियाणा लोकसभा चुनावों में भाजपा का प्रदर्शन कैसा रहा है ?

हरियाणा में पिछले लोकसभा चुनावों में सभी 10 सीटों पर भाजपा ने विजय हासिल की थी। भाजपा को राज्य में पड़े कुल वोटों का 58.02 प्रतिशत हासिल हुआ था। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने 7 सीटें जीतीं थीं। 2 सीटें ईनेलो को और 1 सीट कांग्रेस के खाते में गयी थी।

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The field is empty from the families of Bhajan and Bansi Lal, for the first time from Sonipat, there is a fight without Jats.

Haryana Lok Sabha Election 2024 : भजन और बंसी लाल के परिवार से मैदान खाली, सोनीपत से पहली बार जाटों के बिना जंग

Haryana Lok Sabha Election 2024 : हरियाणा के लिए कांग्रेस ने जैसे ही अपने आठ प्रत्याशियों के नाम लोकसभा चुनावों की सीटों के लिए घोषणा की, राजनीति को लेकर रोमंचाक बातें सामने आई। 33 साल बाद लोकसभा इलेक्शन में पहली बार ऐसा होगा, हरियाणा के पूर्व सीएम बंसीलाल के परिवार का कोई सदस्य मैदान में नहीं होगा।

 

कांग्रेस ने किया बंसीलाल के परिवार के सदस्यों से किनारा

हरियाणा में कांग्रेस ने लोकसभा प्रत्याशियों (Haryana Lok Sabha Election 2024 ) की घोषणा करने के बाद साफ दिख रहा है। पार्टी हाईकमान ने पूर्व सीएम बंसीलाल के सदस्यों को किनारा करते हुए, उनकि पोती श्रुति चौधरी को भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से टिकट नहीं दिया है।

सन् 1977 से लेकर 2019 तक सिर्फ एक बार साल 1991 को छोड़कर ऐसा रहा जब बंसीलाल या उनके परिवार का कोई सदस्य लोकसभा के इलेक्शन मैदान में नहीं उतरा।

 

 

अबकी बार लोकसभा चुनाव में भजनलाल परिवार से भी कोई नहीं मैदान में

हरियाणा में 26 साल बाद भजनलाल परिवार का भी कोई सदस्य चुनावी मैदान (Haryana Lok Sabha Election 2024 ) में नहीं उतरेगा। पूर्व सीएम भजनलाल 1989 में फरीदाबाद से और 1998 में करनाल से चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंचे थे। भजनलाल परिवार ने 2009 से 2019 तक हिसार सीट से लोकसभा का इलेक्शन लड़ा है। लेकिन अबकी बार हिसार से कांग्रेस ने पूर्व कंेद्रीय मंत्री जयप्रकाश जेपी को उम्मीदवार बनाया है जबकि भाजपा ने रणजीत चौटाला को टिकट दिया है। ऐसे में पहला अवसर होगा, 26 साल बाद भजनलाल परिवार से कोई सदस्य चुनावी मैदान में नहीं होगा। क्योंकि भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई भाजपा में पिछले कुछ महिनों में शामिल हो चुके हैं, लेकिन भाजपा ने उसे हिसार से टिकट नहीं दिया।

 

 

 

अबकी बार चुनावी जंग में देवीलाल तथा चौटाला परिवार का अस्तित्व की लड़ाई

हरियाणा के चर्चित लालों में से एक और लाल परिवार भी शामिल है। हरियाणा के पूर्व सीएम देवीलाल के परिवार के तीन सदस्य एक ही सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने रणजीत चौटाला को हिसार सीट से टिकट दिया है। वहीं इनेलो से सुनैना चौटाला और जेजेपी से नैना चौटाला इसी सीट पर चुनावी (Haryana Lok Sabha Election 2024 ) मैदान में हैं। रणजीत सिंह चौटाला देवीलाल के बेटे हैं। जबकी सुनैना चौटाला देवीलाल के पौत्र रवि चौटाला की धर्म पत्नी है। वहीं नैना चौटाला ओमप्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय चौटाला की पत्नी और हरियाणा के पूर्व सीएम दुष्यंत चौटाला की मां हैं। इसी प्रकार चुनावी मैदान में कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट पर ओमप्रकाश चौटाला के छोटे बेटे अभय सिंह चौटाला चुनाव लड़ रहे हैं।

 

 

 

अंबाला सीट पर 25 साल बाद फिर सियासी जंग में कटारिया और चौधरी परिवार

हरियाणा की अंबाला सीट (Haryana Lok Sabha Election 2024 ) पर अबकी बार रोमांचक मुकाबला देखने को मिल सकता है। अबकी बार कांग्रेस ने विधायक वरूण चौधरी को टिकट दिया है। चुनावी मैदान में उनके सामने भाजपा की उम्मीदवार रतनलाल कटारिया की पत्नी बंतो कटारिया होगी। वरूण चौधरी के पिता फूलचंद मुलाना ने जब सन् 1999 में यहां से चुनाव लड़ा था, तब उनके सामने भाजपा के प्रत्याशी रतनलाल कटारिया थे। रतनलाल कटारिया का बीते साल निधन हो गया था। इस प्रकार 25 साल बाद एक बार फिर चौधरी और कटारिया परिवार चुनावी मैदान में आमने सामने होंगे।

 

 

 

सोनीपत सीट पर जाटों के बिना होगा मुकाबला

हरियाणा की सोनीपत सीट (Haryana Lok Sabha Election 2024 ) पर कांग्रेस के टिकट की काफी चर्चा में है क्योंकि अबकी बार कांग्रेस ने यहां से सतपाल ब्रह्माचारी को प्रत्याशी बनाया है। सतपाल मूल रूप से हरियाणा के निवासी हैं, पर वह उत्तराखण्ड की हरिद्वार लोकसभा सीट पर राजनीति करते रहे हैं। सतपाल ब्रह्माचारी को कांग्रेस ने हरिद्वार सीट से 2012 और 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया था। पर दोनों ही चुनावों में उन्हें हार मिली थी। सतपाल ब्रह्माचारी हरिद्वार नगर पालिका के अध्यक्ष भी रहे हैं और हरिद्वार में उनका आश्रम है। यह भी रोमांच है कि सोनीपत में इस बार बीजेपी और कांग्रेस से कोई जाट नेता प्रत्याशी मैदान में नहीं है।

अबकी बार मुकाबला इसलिए रोमांचक है, क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में जब हरियाणा में कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरे और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने यहां से चुनाव लड़ा था तो भाजपा के प्रत्याशी रमेश चंद्र कौशिक ने उन्हें लगभग डेढ़ लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। अबकी बार भाजपा ने राममेहर सिंह लोहिया को मैदान में उतारा हैं।

 

 

 

 

रोहतक सेे अबकी बार फिर दीपेंद्र हुड्डा

हरियाणा से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा को पार्टी हाईकमान ने रोहतक सीट (Haryana Lok Sabha Election 2024 ) से चुनाव मैदान में उतारा है। हरियणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा के लिए लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। वें यहां से तीन बार सांसद का चुनाव जीत चुके हैं। पर पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर की वजह से 65 हजार वोटों के अंतर से चुनाव हार गए थे।

 

 

 

 

फरीदाबाद सीट पर अबकी बार फिर जाट प्रत्याशी नहीं

अबकी बार लोकसभा चुनावों में फरीदाबाद सीट पर भाजपा और कांग्रेस ने गुर्जर उम्मीदवारों को टिकट दिया है। 1999 के लोकसभा चुनाव (Haryana Lok Sabha Election 2024 ) में यहां से जाट नेता रामचंद्र बैंदा चुनाव जीते थे और यह इलेक्शन जीत कर उन्होंने जीत की हैट्रिक लगाई थी। 1999 के बाद से फरीदाबाद से कोई भी जाट नेता सांसद का चुनाव नहीं जीत पाया।

 

 

 

 

सिरसा सीट पर फिर लौटी कुमारी सैलजा

हरियाणा की लोकसभा सिरसा सीट (Haryana Lok Sabha Election 2024 ) पर अबकी बार रोमांचक मुकाबला देखने को मिल सकता है। हरियणा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष कुमारी सैलजा को कांग्रेस से लोकसभा सीट का टिकट मिला है। वहीं उनके सामने होंगे भाजपा के प्रत्याशी पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष डॉ तंवर सिंह। सिरसा सीट से कुमारी सैलजा के पिता चौधरी दलबीर सिंह चार बार और सैलजा खुद दो बार सांसद का चुनाव जीत चुकी हैं। 1998 में सैलजा ने यहां से चुनाव लड़ा था। लेकिन 2004 केबाद से वह अंबाला सीट से चुनाव लड़ती रही हैं। 20 साल बाद उन्होंने सिरसा की सीट पर वापसी की है।

 

 

 

हिसार लोकसभा सीट पर बृजेंद्र सिंह का कटा टिकट

टिकट बंटवारे में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की पसंद का ध्यान रखा गया है, क्योंकि हिसार सीट (Haryana Lok Sabha Election 2024 ) पर चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह को टिकट नहीं मिला है। चौधरी बीरेंद्र सिंह पहले कांग्रेस में ही थे। लेकिन 2014 में वह भाजपा में शामिल हो गए थे। कुछ दिन पहले ही वह कांग्रेस वापस ज्वॉईन हुए हैं। वहीं बेटे बृजेंद्र सिंह को हिसार से कांग्रेस का टिकट मिलना तय माना जा रहा था। जबकी पिछली लोकसभा इलेक्शन 2019 में बृजेंद्र सिंह भाजपा की टिकट पर सांसद बने थे।

 

 

 

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Whose government was formed in Haryana, his government was formed at the Centre. This time it will be interesting, the state's record is unique

Haryana Political news : हरियाणा में जिसकी सरकार, केंद्र में उसी की सरकार बनी ! अबकी बार होगा दिलचिस्प, अनोखा है राज्य का रिकॉर्ड

Haryana Political news : लोकसभा चुनाव 2024 का आगाज हो 19 अप्रैल को हो चुका है। इस चुनाव के लिहाज से हरियाणा की 10 सीटें भी काफी अहम हैं। हरियाणा की सभी लोकसभा सीटों पर छठे चरण में 25 मई को एक साथ ही वोटिंग होगी।

 

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पहले चरण का मतदान संपन्न हो चुका है। वहीं, दूसरे चरण के लिए 26 अप्रैल को वोटिंग होगी। इस चुनावी सीजन में हम आपके लिए चुनाव से जुड़ी अनोखी कहानियां और रिकॉर्ड लेकर आ रहे हैं। ऐसे ही एक खास रिकॉर्ड भरी कहानी हरियाणा (Haryana Political news)  की भी है।

 

बड़ी खास बात ये है कि, हरियाणा में लगभग हर बार जिस पार्टी को ज्यादा सीटें मिली हैं ! वही पार्टी केंद्र सरकार की सत्ता में भी बैठी है। हरियाणा (Haryana Political news) की स्थापना के बाद हुए 14 लोकसभा चुनाव में से 13 बार सरकार बनाने में हरियाणा का खास रोल रहा है। आइए समझते हैं ये पूरा मामला।

 

 

 

हरियाणा का 13 बार केंद्र में सरकार बनाने में योगदान

बड़े भाई पंजाब से अलग होकर हरियाणा की स्थापना साल 1966 में हुई थी। इसके बाद 14 लोकसभा चुनाव हुए जिनमें से एक चुनाव को छोड़कर 13 चुनावों में केंद्र में सरकार बनाने में हरियाणा (Haryana Political news) के सांसदों की खास भूमिका रही है।

रिकॉर्ड को देखें तो सिर्फ 1998 में हुए चुनाव में सरकार बनाने में राज्य का कोई खास रोल नहीं था। खास बात ये भी है कि ज्यादातर बार इस राज्य के मतदाताओं ने कांग्रेस पार्टी पर ही भरोसा जताया है।

 

 

 

हरियाणा का चुनावी इतिहास 

हरियाणा (Haryana Political news) के वोटर्स ने कुल 14 लोकसभा चुनाव में आधे से ज्यादा बार एक ही दल या फिर गठबंधन पर विश्वास दिखाया है। साल 1967 और 1971 में कांग्रेस ने राज्य की 7-7 सीटें जीतीं। वहीं, राज्य में 4 लोकसभा चुनाव में विभिन्न दलों ने राज्य की सभी सीटों पर क्लीन स्वीप किया है।

क्लीन स्वीप का ये सिलसिला साल 1977 में शुरू हुआ था। कांग्रेस विरोधी लहर के दौरान भारतीय लोकदल ने सभी 10 सीटें जीती थीं और कांग्रेस को करारी हार झेलनी पड़ी थी। हालांकि, साल 1991, 2004 और 2009 में कांग्रेस ने राज्य की 9-9 सीटों पर कब्जा किया था। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने राज्य (Haryana Political news) की सभी 10 सीटें जीती थीं।

साल केंद्र सरकार राज्य में सरकार सीटें जीती
1967 कांग्रेस कांग्रेस 7
1971 कांग्रेस कांग्रेस 7
1977 भारतीय लोकदल भारतीय लोकदल 10
1980 कांग्रेस कांग्रेस 5
1984 कांग्रेस कांग्रेस 10
1989 जनता दल जनता दल 6
1991 कांग्रेस कांग्रेस 9
1996 भाजपा भाजपा व हविपा 7
1998 भाजपा हलोद व बसपा 5
1999 भाजपा भाजपा व इनेलो 10
2004 कांग्रेस कांग्रेस 9
2009 कांग्रेस कांग्रेस 9
2014 भाजपा भाजपा 7
2019 भाजपा भआजपा 10

 

 

 

 

हरियाणा में कब होगा लोकसभा चुनाव ?

हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर एक साथ ही मतदान होगा। यहां छठे चरण में 25 मई को मतदान कराया जाएगा। इसके साथ ही करनाल विधानसभा सीट (Haryana Political news) पर भी इसी दिन मतदान कराया जाएगा। इसके साथ ही 04 जून को पूरे देश के साथ यहां भी मतगणना होगी और परिणामों का ऐलान किया जाएगा

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