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Record breaking booking! Mini electric SUV received more than 27 thousand bookings in 66 hours

Electric SUV Car Booking News : रिकॉर्डतोड़ बुकिंग ! मिनी इलेक्ट्रिक एसयूवी को 66 घंटों में मिली 27 हजार से ज्यादा बुकिंग हुई

Electric SUV Car Booking News : बढ़ती पैट्रोल-डीजल के दाम और दिन पर दिन बढ़ती महंगाई से मध्यम वर्ग का जनमानस तंग आ चुका है। इसलिए अपने बजट को बनाने के लिए मध्यम वर्ग का स्थानीय व्यक्ति अपना आधिकारिक साधन लेने के लिए अधिकत्तर पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों की बजाए इलेक्ट्रिक कारों की तरफ रुचान करने लगा है। पाठकों को बता दें कि, हाल ही में विनाफास्ट ऑटो ने घोषणा की है कि, उन्हें अपनी वीएफ 3 कॉम्पैक्ट इलेक्ट्रिक एसयूवी के लिए रिकॉर्डतोड़ बुकिंग प्राप्त हुई हैं। कंपनी के ये बुकिंग महज 66 घंटों में प्राप्त हुई है।

 

 

कंपनी ने रिकॉर्डतोड़ बुकिंग पर क्या कहा ?
रिकॉर्डतोड़ बुकिंग (Electric SUV Car Booking News) पर कंपनी ने बताया कि, प्री-ऑर्डर के लिए मिली रकम नॉन-रिफंडेबल और नॉन-ट्रॉन्सफरेबल है। इसके बाद भी उन्हें रिकॉर्डतोड़ बुकिंग मिली है। कंपनी ने 13 मई से 15 मई तक जमा करने वाले ग्राहकों के लिए विनफास्ट वीएफ 3 की इंट्रोडक्टरी प्राइस 235 मिलियन VND (करीब 9,248 डॉलर, बैटरी सब्सक्रिप्शन) और 315 मिलियन VND (करीब 12,390 डॉलर, बैटरी समेत) है।

 

 

7 साल की गाड़ी कि वारंटी
पाठकों बता दें कि, वीएफ 3 गाड़ी (Electric SUV Car Booking News) 8 साल की अनलिमिटेड माइलेज वारंटी की बैटरी वारंटी के साथ आता है। जबकि वाहन 7 साल या 1,60,000 कि.मी की वारंटी के साथ आता है। पहली वीएफ 3 कारों की डिलीवरी अगस्त 2024 से ग्राहकों तक होने की उम्मीद है। इस वर्ष कम से कम 20 हजार गाड़ियों की डिलीवरी होने की संभावना है।

 

 

66 घंटे मे आए इतने ऑर्डर ?
विनफास्ट वियतनाम की सीईओ डुओंग थी थू ट्रांग ने कहा है कि, 66 घंटों के अंतर ही प्राप्त 27,649 प्री-ऑर्डर विनफास्ट के लिए वियतनामी लोगों के सपोर्ट और विश्वास का प्रमाण है। हम अपने ग्राहकों के समर्थन के लिए बेहद आभारी हैं। वीएफ 3 और हमारा ब्रांड और हम एक विश्व स्तरीय वियतनामी वाहन निर्माता बनने के साथ-साथ समर्थन हासिल करने की कोशिश करेंगे।

 

 

एकल मोटर पर 200 कि.मी तक का सफर
पाठको बता दें कि, वीएफ 3 की लंबाई 3,190mm, चौड़ाई 1,678mm और ऊंचाई 1,620mm है। इसमें 550 Liter की स्टोरेज क्षमता है। जबकि, बैटरी पैक के बारे में हाल ही में कोई सूचना उपलब्ध नहीं है, पर विनफास्ट का दावा है कि इलैक्ट्रिक मिनी-एसयूवी (Electric SUV Car Booking News) एक बार चार्ज करने पर 200 कि.मी तक का सफर तय कर सकती है। वैश्विक बाजार में वीएफ 3 दो वैरिएंट्स इको और प्लस में उपलब्ध है। वीएफ 3 केवब एकल मोटर कॉन्फिगरेशन के साथ आती है।

 

 

कार के इंटीरियर के बारें में जानें
पाठकों को इंटीरियर से संबंधित सूचित करते हैं कि, गाड़ी में 10 इंच का बड़ा टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम है, जो एंड्रॉएड ऑटो और ऐप्पल कारप्ले को सपोर्ट करता है। ड्राईवर को एक डिजीटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर और दो-स्पोक डिजाइन वाला मल्टी-फंक्शन स्टीयरिंग व्हील प्रदान किया जाता है। अतिरिक्त फीचर्स में ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल, डुअल एयरबैग और क्रूज कंट्रोल शामिल हैं।

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30 thousand Indians bought 'palaces' with black money in Dubai, Pakistani leaders and generals are also not behind

Black Residence of Dubai : दुबई में काली कमाई से 30 हजार भारतीयों ने खरीदे ‘महल’, पाकिस्तानी नेता और जनरल भी पीछे नहीं

Black Residence of Dubai : दुबई को पूंजीपतियों का शहर कहा जाता है, यहां पर दुनिया के तमाम पूंजीपतियों ने डेरा डाला हुआ है। यह भी सच है कि, यहां पर दुनिया में काले बाजारी करने वाले लोग भी दुबई में ही पनाह लेते हैं। इसी बीच दुबई में प्रॉपर्टी को लेकर एक वैश्विक खोजी पत्रकारिता प्रोजेक्ट ने एक बड़ा खुलासा किया है और प्रोजेक्ट का नाम दुबई अनलॉक्ड है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि, भिन्न-भिन्न देशों से लोग दुबई में प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि, दुबई में सबसे ज्यादा प्रॉपर्टी भारतीयों की है और इसके बाद पाकिस्तानियों की हैं। वैसे तो पाकिस्तान आर्थिक रुप से कंगाली से झूज रहा हैं, पर यहां रईसों की कोई कमी नहीं है। इनके आलीशान बंगले और घर दुबई में है। पाकिस्तानियों की कुल प्रॉपर्टी की कीमत लगभग 11 अरब डॉलर है।

 

 

 

कालाबाजारी करने वाले उधमी दुबई में करते है निवेश

रिपोर्ट के मुताबिक, दुबई के रियल एस्टेट में पिछले कुछ दशकों में एक बड़ा उछाल देखने को मिला है। भारत की भी कई बड़ी हस्तियां प्रॉपर्टी के तौर पर दुबई में निवेश करते हैं। पर रिपोर्ट का कहना है कि, दुनिया भर से ऐसे लोगों ने भी यहां की प्रॉपर्टी में निवेश किया है, जिन पर वैश्विक स्तर पर पांबदी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं। रिपोर्ट कहती है कि, आर्थिक अपराधी अपने काले पैसे को यहां के रियल एस्टेट में निवेश कर रहा हैं। पर, इसका ये अर्थ ये नहीं है कि, हर कोई जो दुबई में निवेश कर रहा है उसके पास काला धन ही है। क्योंकि डेटा में नाम होना वित्तीय धोखाधड़ी का सबूत नहीं है। रिपोर्ट कहती है कि, अमेरिका, न्यूयॉर्क और लंदन का रियल एस्टेट भी ‘डर्टी मनी’ को प्रभावित करता है। 

दुबई में भारतीयों की कितनी संपत्ति है

बता दें की एक शोध रिपोर्ट के मुताबिक, दुबई में सबसे ज्यादा भारतीय रहते हैं। इसके बाद पाकिस्तानियों की संख्या दूसरे नंबर पर आती है। दुबई अनलॉक्ड के आंकड़ो के मुताबिक यहां 29,700 भारतीयों ने संपत्ति खरीद रखी है। उनके पास कुल 35,000 प्रॉपर्टी हैं। इन संपत्तियों की संभावित कीमत 17 अरब डॉलर है। वहीं 17,000 पाकिस्तानी 23000 संपत्तियों के मालिक हैं। इस रिपोर्ट में 2020 से 2022 तक के आंकड़ा का इस्तेमाल किया गया है। जबकी इस आंकड़ों में निवास की स्थिति, आय के स्रोत, किराए के आय की घोषणा शामिल नहीं है।

दुबई में पाकिस्तान के नेताओं के आलिशान बंगले

बता दें कि, दुबई में पाकिस्तान में भ्रष्टाचार के आरोपी नेताओं के नाम भी है। यहां उनके बड़े-बड़े आलिशान बंगले और गाड़ी है। जबकि ऐसे में पाकिस्तानी नेताओं और सेना के अधिकारियों पर पहले भी आरोप लगते रहे हैं, कि वह अपने अवैध धन को दुबई के रियल एस्टेट में निवेश करते हैं। जबकि, इस रिपोर्ट ने पाकिस्तान को लेकर बड़े खुलासे किए हैं। इस लिस्ट में पाकिस्तान के राष्ट्रपति असिफ अली जरदारी का परिवार और दिवंगत पाकिस्तानी जनरल परवेज मुशर्रफ का नाम शामिल है। पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो, उनकी बहन आसिफा भुट्टो और भाई बख्तावर की प्रॉपर्टी दुबई में है। हालांकि रिपोर्ट कहती है कि उनके वकीलों के मुताबिक उनकी प्रॉपर्टी के बारे में सरकार को पता है।

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Canadian government has tightened the new rules for foreign students, let us know what effect it will have on Indian students.

Canada Government New Rules : विदेशी छात्रों के लिए कनाडा सरकार ने नए नियमों में की सख्ती, आए जानें भारतीय छात्रों पर क्या प्रभाव पड़ेगा

Canada Government New Rules :  कनाडा सरकार ने पिछले कुछ महिनों से विदेशी छात्रों के लिए नियम सख्त किए हैं। ऐसे में इन नियमों का प्रभाव भारतीय छात्रों पर भी पड़ना तय है। कनाडा सरकार ने नए नियमों में अब छात्र के काम करने के समय में भी 16 घंटो की कटौती की गई है। लाखों भारतीय छात्रों का सपना अब चकनाचूर हो गया है। ऐसे में उनकी पढ़ाई का खर्चा बढ़ जाएगा।

 

 

इन देशों में ज्यादा पढ़ने जाते है भारतीय छात्र
एक विदेशी शोध रिपाेर्ट के मुताबिक साल 2022 में भारत से विदेश में पढ़ाई करने जाने वाले छात्रों की संख्या लगभग 7.50 लाख से अधिक थी, जो अब तक लगातार बढ़ रही है। भारतीय छात्र सबसे अधिक कनाडा, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई करने जाते हैं। जबकि कुछ दिन पहले कनाडा की सरकार ने नया नियम का ऐलान किया है की, सितंबर 2024 से विदेशी छात्र जहां सप्ताह में 40 घंटे काम कर सकता था वो सिर्फ 24 घंटे कर दिया है। इस तरह के नए नियम से भारतीय छात्रों को पढ़ाई से जुड़ी कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

 

 

कनाडा सरकार के नए नियम से विदेशी छात्राें ने पलायन करना शुरु किया
कनाडा सरकार (Canada Government New Rules) के नए नियम के आने से पहले भारतीय छात्र पढ़ाई के साथ- साथ नौकरी करके अपना निजी खर्च निकाल सकते थे। पर अब नए नियम आने से वो बंद हो जाएगा। इस कारण विदेशी छात्रों ने दूसरे देशों की ओर रुख बनाकर पलायन करना शुरु कर दिया है।

विदेश में एक मीडिया कर्मी से फ्रेशर छात्रों ने बात करते हुए बताया कि, वें इस नियम से खुश हैं, यकिनन छात्र करियर बनाने के लिए अब कनाडा के बदले दूसरे देश की ओर देख रहे हैं। वहीं हार्दिक नाम के एक भारतीय छात्र ने बताया कि, मेरे जैसे फ्रेशर छात्र के लिए कनाडा सरकार का यह नियम अच्छा है, हमें जाते है वहा काम मिल जाएगा। जबकि एक दूसरी भारतीय छात्रा क्रीना त्रिवेदी ने बताया कि, सरकार के द्वारा नियम बदलने की वजह से अब मैं कनाडा नहीं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया पढ़ने जाउंगी।

 

 

विदेशों में भारतीय छात्रों का सालाना कितना खर्च आता है ?
बता दें कि, कनाडा (Canada Government New Rules) में महंगाई बढ़ने से वहां काम कर रहे भारतीय छात्रों का खर्च बढ़ गया है। कनाडा में एक भारतीय छात्र का सालाना खर्च 16 लाख रुपए, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में 20 – 20 लाख रुपए आता है। जबकि, अमेरिका में तो नियम है की कैम्पस में ही छात्र सप्ताह में 20 घंटे काम कर सकते हैं। मगर छात्र नियम से ज्यादा काम करके उसका भुगतान कैश में ले लेता है, जोकि नियमों के मुताबिक ये गैर कानूनी है।

वहीं जर्मनी में यदि छात्र का पब्लिक कॉलेज में एडमिशन हो जाता है तो उसका खर्च सिर्फ 6 लाख रुपए होता है। कनाडा में एक घंटे में 16 डॉलर, यूएस में 9 और ऑस्ट्रेलिया में 23 डॉलर की कमाई होती है। इन देशों की तुलना में अब लाखों भारतीय छात्र फिनलैंड, फ्रांस और जमर्नी का रुख करेंगे।

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After Russia made big allegations, America said that there is no question of interfering in Indian elections.

USA News : रुस द्वारा बड़ा आरोप लगाने के बाद अमेरिका ने कहा कि भारत के चुनाव में दखल देना का सवाल ही नी

USA News : रूस ने बड़ा आरोप लगाया था कि, अमेरिका भारत के चुनावाें में दखल देना की कोशिस कर रहा है। कहा था की अमेरिका की यह कोशिस एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। अब रूस के आरोप पर भी अमेरिका ने बड़ा बयान देते हुए स्पष्ट कहा है कि, भारत के चुनाव में अमेरिका के दखल का सवाल ही नहीं उठता है। 

 

अमेरिका ने रुस के आरोपों को किया खारिज

भारत में हो रहे आम चुनावों पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने रुस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, हम न तो भारत, न दुनिया में कहीं भी चुनावी दखल करते हैं। भारत की जनता वहां के चुनाव का फैसला करेगी, हम नहीं। कुछ दिन पहलेे रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने मॉस्को में कहा था कि, भारत के घरेलू मामलों और मौजूदा चुनावों में अमेरिका दखल दे रहा है।

इसी दौरान भारत में खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या-योजना को लेकर भारतीय सरकारी कर्मचारी पर लगे आरोप पर जखारोवा ने कहा था कि, अमेरिका में नई दिल्ली के विरुद्ध निराधार आरोप लगाता रहता है। जबकि, इस पर मिलर उत्तर देने से बचते नजर आए।

 

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The creator of the world's first corona vaccine was strangled to death, the killer revealed the secrets of the murder to the police

International Crime News : दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन बनाने वाले को गला घोंट कर मारा गया, हत्यारे ने पुलिस के सामने हत्या के खोले राज

International Crime News : कोविड-19 से रोकथाम के लिए दुनिया की पहली रजिस्ट्री वेक्टर वैक्सीन स्पुतनिक V तैयार करने वाले वैज्ञानिकों में से एक आंद्रे बोतिकोव वैज्ञानिक भी था। पुलिस की रिर्पोट के मुताबिक, एक 29 वर्षीय युवक बहस के दौरान बोतिकोव का गला घोंट कर भाग गया था। शनिवार यानी 29 अप्रैल को आरोपी को रुसी पुलिस द्वारा अरेस्ट कर लिया गया है।  हत्या की जांच कर रही रूसी जांच प्राधिकरण समिति ने बयान जारी करते हुए कहा है कि हत्या के दोषी पर पहले से ही गंभीर अपराधों का रिकॉर्ड दर्ज है।

 

 

हत्यारा ने बेल्ट से गला घोंटकर की हत्या 

रूसी मीडिया रिपोर्ट (International Crime News) के अनुसार, शनिवार को रूसी कोविड -19 वैक्सीन स्पुतनिक V बनाने में सहायक वैज्ञानिकों में से एक आंद्रे बोतिकोव की राजधानी मॉस्को में उनके अपार्टमेंट में बेल्ट से गला घोंटकर हत्या कर दी गई। रूसी पुलिस ने हत्या के कुछ घंटों के अंतर ही हत्यारा को अरेस्ट कर लिया। रूसी समाचार एजेंसी के मुताबिक, आरोपी ने मॉस्को के खोरोशेवो जिला न्यायालय में अदालत के समक्ष अपना दोष स्वीकार कर लिया है। न्यायालय ने दोषी को 2 मई तक हिरासत में रखने का फैसला सुनाया था, जब से अब तक हिरासत में जांच चल रही है। बता दें कि, 47 वर्षीय आंद्रे बोटिकोव गामालेया नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर इकोलॉजी एंड मैथमेटिक्स में सीनियर रिसर्चर के रूप में काम कर रहे थे।

 

 

हत्यारा को 15 साल तक की सजा

मीडिया एजेंसी TASS के (International Crime News) मुताबिक, रूसी कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने कहा कि, एक घरेलू अपराध की तरह वैज्ञानिक आंद्रे की हत्या आपसी झगड़े में बहस के दौरान हुई है। 2 मार्च को मॉस्को नजदीक एक अपार्टमेंट में बहस के दौरान 29 वर्षीय युवक एलेक्सी व्लादिमिरोविच ज़मनोव्स्की (Alexey Vladimirovich Zamanovsky) ने बेल्ट से गला दबाकर बोतिकोव की हत्या कर दी थी। आरोपी पर पहले से ही गंभीर अपराधों के मामले दर्ज हैं। हत्यारा को रूसी आपराधिक संहिता के सेक्सन 105 के तहत 15 साल तक की जेल हो सकती है।

 

 

रुस के राष्ट्रपति पुतिन से मिल चुका है अवॉर्ड

बता दें की, मृतक वैज्ञानिक वायरोलॉजिस्ट आंद्रे बोतिकोव को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 2021 में कोविड वैक्सीन पर काम के लिए (ऑर्डर ऑफ द फादरलैं) अवॉर्ड से सम्मानित किया था। रिपोर्ट के अनुसार, बोतिकोव 2020 में उन 18 वैज्ञानिकों में शामिल थे, जिन्होंने दुनिया का पहली रजिस्ट्री वेक्टर वैक्सीन स्पुतनिक V काे तैयार किया था ।

 

 

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Nepal mentions Indian territories in currency notes

Nepal Currency : नेपाल ने किया करेंसी नोट में भारतीय क्षेत्रों का जिक्र

Nepal Currency : भुवनेश्वर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पड़ोसी देश नेपाल द्वारा तीन विवादित भारतीय क्षेत्रों को 100 रुपये का नया नेपाली मुद्रा नोट में दर्शाया गया है। नेपाली मुद्रा नोट पेश करने के बाद नेपाल से मामलों को एक अलग तरीके से बात करने के लिए कहा गया है। विदेश मंत्री ने कहा कि नेपाल के इस तरह के कदम से दोनों देशों के बीच कूटनीतिक स्थिति में कोई बदलाव नहीं आएगा। 

 

 

व्हाई भारत मैटर्स

विदेश मंत्री ने ‘व्हाई भारत मैटर्स’ पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि, ‘‘मैंने वह रिपोर्ट को विस्तार से नहीं देखा है, पर मुझे लगता है कि, हमारी स्थिति बहुत क्लियर है। नेपाल के साथ, हम एक स्थापित मंच के माध्यम से अपनी सीमा मामलों पर चर्चा कर रहे थे और फिर उसके बीच में उन्होंने एकतरफा फैसला लिया है, ”अपनी तरफ से कुछ कदम उठाए हैं, पर अपनी तरफ से कुछ करने से वे हमारे बीच स्थिति या जमीनी हकीकत को नहीं बदलेंगे।”

 

 

तीन विवादित भारतीय क्षेत्रों को नेपाली नोट पर दर्शाने की घोषणा 

बता दें कि शुक्रवार को, एक नए नेपाली 100 रुपये के नोट (Nepal Currency) की छपाई में नेपाल ने लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी के तीन क्षेत्रों को दर्शाने वाले मानचित्र के साथ की घोषणा की है। जबकि, भारत ने पहले ही ‘अस्थिर’ और ‘कृत्रिम विस्तार’ करार दिया था। नेपाल सरकार की प्रवक्ता रेखा शर्मा ने बैठक के दौरान मीडिया को सूचना देते हुए बताया की, ‘‘कैबिनेट ने 25 अप्रैल और 2 मई को हुई कैबिनेट बैठकों के दौरान नेपाली 100 रुपये के बैंक नोट को फिर से डिजाइन करने और बैंक नोट की पृष्ठभूमि पर मुद्रित (Nepal Currency) पुराने मानचित्र को बदलने की मंजूरी दे दी है।’’

 

 

नोट काे लेकर भारत और नेपाल के संबंधों में कब दरार आई

गौरतलब है कि, 8 मई, 2020 को लिपुलेख के तहत से कैलाश मानसरोवर को जोड़ने वाली सड़क के उद्घाटन के बाद भारत और नेपाल के संबंधों दरार बढ़ी। जबकि, नेपाल ने इस कदम पर आपत्ति जताते हुए भारत को एक राजनायिक नोट सौंपा था। हैंडओवर से पहले ही नेपाल ने सड़क निर्माण के भारत के एकतरफा कदम पर आपत्ति जताई थी।

इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले से होकर जाने वाली सड़क पूरी तरह से भारत के क्षेत्र में है। वहीं नेपाल उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बंगाल, बिहार और सिक्किम सहित पांच भारतीय राज्यों के साथ 1,850 किमी से अधिक की सीमा को शेयर करता है।

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Canadian citizens are migrating from Canada, Trudeau government may impose penalty on those leaving the country

Canada Citizen news : कनाडा से पलायन कर रहे हैं कनाडाई नागरिक, देश छोड़ने वालों पर पैनल्टी लगा सकती है ट्रूडो सरकार

Canada Citizen news : कनाडा सरकार को नए नागरिकों को बसाने के लिए संघर्ष कर रहा है। जबकी, कनाडा में रहन-सहन ज्यादा महंगा होने के उसके अपने ही नागरिक अब देश छोड़कर विदेशों में बसने लगे हैं। बढ़ती हुए आवासीय परिसरों के दाम लोगों को दूसरे देशों में जाने के लिए विवश होना पड़ रहा हैं।

हालांकि एक अध्ययन में कहा गया है कि, कनाडा में  2017 और 2019 के बीच प्रवासन पर आए नागरिकों (Canada Citizen news) के द्वारा देश छोड़ने वालों में 31 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। एक अन्य मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अपने नागरिकों के पलायन को रोकने के लिए जस्टिन ट्रूडो सरकार महत्वपूर्ण उपायों पर चर्चा कर रही है। वहीं अंदरूनी मामलों के कारण देश छोड़कर जाने वाले लोगों पर कनाडा सरकार 25 हजार डॉलर की पैनल्टी लगा सकती है।

 

 

इस कारण कर रहे है पलायन

एक शोध के अनुसार, आवासीय सुविधाओं की कीमतों में भारी ईजाफा होने के कारण कई कनाडाई नागरिक बेहतर काम के लिए विदेशों में जाने के लिए विवश होना पड़ रहा है। मैकगिल इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ कनाडा के द्वारा किया गया शोध के मुताबिक, कनाडा में आगमन के 4 से 7 वर्ष के बाद कई कनाडाई नागरिकों (Canada Citizen news) द्वारा देश छोड़ने का फैसला लेने का प्राथमिक कारण रोजगार के अवसर है। नागरिकों को आर्थिक तौर पर मजबूत होने के लिए पर्याप्त अवसर नहीं मिल पा रहे है। यही कारण है कि, उन्होंने दूसरे देशों की ओर रुख करना शुरू कर दिया।  

 

 

कनाडा के पेचीदा नियम भी बने कारण

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा सरकार के विदेशी डिग्रियों को मान्यता देने के पेचीदा नियमों के कारण अप्रवासियों को उनके चुने हुए क्षेत्रों में नौकरी तलाशने और अपने नए देश में अपना करियर बनाने में अड़गां पैदा करते हैं। शोध के मुताबिक, जो नागरिक कनाडा छोड़कर चले गए, उनमें से आधों ने अपने कनाडाई परिजनों के माध्यम से अपनी नागरिकता हासिल की थी।

जबकि एक तिहाई का जन्म कनाडा में ही हुआ है। कनाडा में जन्मे नागरिक (Canada Citizen news) विदेश में रहने के लिए कुछ वजहों का हवाला देते हैं, जैसे नौकरी और अध्ययन के अवसरों के साथ-साथ यात्रा भी शामिल है। रिपोर्ट में एक सुझाव के मुताबिक, विदेशों में प्रवासी कनाडाई नागरिकों के साथ जुड़ना सरकार के लिए कम प्राथमिकता रही है।

 

 

अमेरिका, हांगकांग समेत कई देशों में बसे हैं कनाडाई लोग

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विदेशों में रहने वाले ज्यादातर कनाडाई संयुक्त राज्य अमेरिका, हांगकांग और यूनाइटेड किंगडम में रहते हैं। कनाडा के एक अलग शोध का अनुमान है कि 2016 में लगभग 4 मिलियन कनाडाई नागरिक विदेश में रह रहे थे, जो आबादी का लगभग 11% यानी 9 में से 1 कनाडाई नागरिक होगा।

एक शोध रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश में रहने वाले कनाडाई नागरिकों (Canada Citizen news) की औसत आयु 46.2 है, जो राष्ट्रीय औसत से थोड़ी अधिक है। जबकि, विदेश में रहने वालों का सबसे बड़ा ग्रुप 45 से 54 वर्ष के बीच का है।

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One such mobile number became the enemy of many people's lives, whoever it reached! He died, then had to ban

Killer mobile number : एक ऐसा मोबाइल नंबर कई लोगों की जान का दुश्मन बना, जिस-जिसके पास गया! वो मर गया, फिर करना पड़ा बैन

Killer mobile number : कुछ वर्षों पहले एक फोन नंबर सुर्खियों में आया, जिसको लेकर दावा किया गया कि वो हांटेड यानी भूतिया नंबर है। भूतिया नाम इस कारण से इस्तेमाल किया गया, क्योंकि किसी ने भी उस नंबर का इस्तेमाल किया, तो उसकी मौत हो गई। कई लोगों की मौत के कारण बाद में इस नंबर को बैन कर दिया गया।

 

 

मोबाइल नंबर से कैसे जान जाती थी ?

एक मीडिया वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, सन् 2010 में बलगेरिया में एक मोबीटेल नाम की मोबाइल फोन कंपनी होती थी। ऐसे में इस कंपनी ने एक फोन नंबर (Killer mobile number) जारी किया था। इस फोन नंबर को सबसे पहले कंपनी के सीईओ व्लादिमीर ग्राशनोव अपने मोबाइल चलाते थे। अचानक 48 वर्ष की उम्र में कैंसर के कारण उनकी मौत हो गई। इस दौरान मीडिया सुर्खियों से पता चला कि, उनके किसी व्यवसायिक दुश्मन ने रेडियोएक्टिव पदार्थ खिलाकर उनकी हत्या कर दी।

 

 

3 लोगों की हत्या में शामिल रहा मोबाईल नंबर

सीईओ की मौत के बाद इस नंबर का बलगेरिया के माफिया कोंस्टांटिन दिमित्रोव (Konstantin Dimitrov) ने इस्तेमाल किया। सन् 2003 में जब दिमित्रोव जब अपने अरबों के ड्रग्स व्यापार का कारोबार संभालने नीदरलैंड गया तो, तब किसी ने इस दौरान उसकी हत्या कर दी। दुर्घटना के दौरान वो फोन नंबर उस वक्त उसके पास था, जब वो अपनी मॉडल गर्लफ्रेंड के साथ खाना खा रहा था ! तब किसी ने उसे गोली मारी दी।

दिमित्रोव की हत्या के बाद ये फोन नंबर पहुंचा एक शातिर व्यापारी कोंस्टांटिन डिशलिव (Konstantin Dishliev) के पास। सन् 2005 में बलगेरिया के सोफिया शहर में भारतीय रेस्टोरेंट के बाहर किसी द्वारा उसे गोली मारी गई थी। वो कोकेन की खरीद-फरोख्त का व्यापार किया करता था। उसके बाद ये फोन नंबर (Killer mobile number) किसी के पास अब तक नहीं मिला और पुलिस लगातार केस की छानबीन कर रही है।

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Gold is continuously falling, now it has become so cheap, see how much the prices have fallen.

Gold price : लगातार औंधे मुंह गिर रहा सोना, अब हो गया इतना सस्ता, देखिए कितने लुढ़के दाम

Gold Price : सर्राफा बाजार में सोने-चांदी की दामों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। ऊंचाई पर पहुंचने के बाद अब सोने (Gold Price) के दाम गिर रहे हैं। हालांकि मध्यम पूर्व में तनाव कम होने के संकेत और घरेलू फैक्टर्स के चलते सोने के दाम अब गिर रहे हैं। चांदी भी सस्ती हो रही है।

 

 

कितना सस्ता हुआ सोना ?

पिछले हफ्ते से सोना 800 ₹ से ज्यादा सस्ता हो चुका है। शुक्रवार की शाम को एमसीएक्स एक्सचेंज पर सोना का घरेलू वायदा दाम 70,668 ₹ प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। वहीं पिछले माह 12 अप्रैल को MCX Gold ने 73,958 रुपये प्रति 10 ग्राम के दाम के साथ ऊंचा आंकड़ा बनाया था। इस तरह 1 माह के अंदर ही सोना (Gold Price) अपने आंकड़े के ऊंचे स्तर से 3290 ₹ प्रति 10 ग्राम सस्ता हो गया है। बता दें की, अप्रैल माह में सोने के दाम 68,699 ₹ प्रति 10 ग्राम पर खुले थे। अप्रैल में सोने के दाम अधिकतम 73,958 ₹ प्रति 10 ग्राम तक गए थे।

 

सोना विश्व बाजार में हुआ सस्ता

पिछले एक हफ्ते से ही सोने के दाम तकरीपन 830 ₹ तक घटे हैं। घरेलू बाजार के साथ ही विश्व बाजार में भी सोने (Gold Price) के दाम कम हुए हैं। पिछले हफ्ते से विश्व बाजार में सोना 48 डॉलर प्रति औंस तक घट चुका है। वहीं शुक्रवार की शाम को यह 2301 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ था।

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Viral News : सांप के डसने से युवक की मौत ! अंधविश्वास के फेर में शव को रस्सी से बांधकर गंगा में लटकाया, आए जानें फिर क्या हुआ 

Viral News : यूपी के बुलंदशहर से एक हैरान करने वाली अंधविश्वास भरी खौफनाक घटना सामने आई है, जहां कथित तौर पर सांप के काटने से मृत शख्स को जिंदा करने की आस में परिजनों और ग्रामीणों ने उसके शव को रस्सी से बांधकर गंगा के पानी में लटका दिया। बहुत देर बाद जब युवक ने हरकत नहीं की तो लोगों ने उसका अंतिम संस्कार किया। अंधविश्वास की इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल (Viral News) हो रहा है।

 

 

कैसे हुआ वीडियो वायरल ?

सोशल मीडिया (Viral News) सूचना के अनुसार, बीते 26 अप्रैल को 20 वर्षीय मोहित की सांप के काटने से मौत हो गई थी। जवान मौत से परिजनों में कोहराम मच गया, दावा किया जा रहा है कि, इसी बीच अंधविश्वास में आकर परिजन और ग्रामीण मोहित के शव को लेकर गंगा किनारे पुल के पास पहुंच गए। अक्सर किसी ने कह दिया कि, अगर गंगा के पानी में शव रखा जाए तो सांप के जहर का असर खत्म हो सकता है और शख्स ठीक हो सकता है।

ऐसे में मोहित के शव को रस्सी से बांधकर गंगा में लटका दिया गया। इस दौरान आसपास सैकड़ों लोग जमा थे, पर जब मोहित ने कोई हरकत नहीं की तो परिजनों ने घाट पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। ऐसे में किसी ने घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। जिसको लेकर अब तरह-तरह की चर्चा हो रही है।

 

 

पूरा मामला

बुलंदशहर के आहार थाना क्षेत्र का बताया जा रहा है। जहां से 26 अप्रैल को युवक के शव को गंगा में लटकाने का वीडियो (Viral News) सामने आया है। परिजनों व ग्रामीणों ने अंधविश्वास में आकर शव को रस्सी से बांधकर गंगा में लटका दिया। अंत में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

ग्रामीणों की माने तो मोहित घटना वाले दिन अपने खेतों पर गया था, जहां उसे सांप ने डस लिया। सांप डसने के बाद परिजन उसे अस्पताल ले गए, पर कोई किसी दवा से इलाज नहीं मिला। फिर भी परिजनों ने दूसरे चिकित्सक से उसका इलाज कराया। मगर फिर भी कोई असर नहीं हुआ, जिसके बाद कुछ लोगों ने परिजनों को सलाह दी कि, सांप के काटने का जहर शव को बांधा, लेकिन सांस वापस न आने पर शव को वहां से निकाल लिया। बाद में गंगा घाट पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया।

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