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In this district of Haryana, a fine of Rs 10,000 was imposed for double charging in 24 hours at the toll plaza.

Haryana news : हरियाणा के इस जिले में टोल प्लाजा पर 24 घंटे में डबल चार्ज करने पर 10 हजार रुपये ठोका जुर्माना

Haryana News : हरियाणा के जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, रेवाड़ी (हरियाणा) के अध्यक्ष श्री संजय कुमार खंडूजा और श्री राजेंद्र प्रसाद (सदस्य) की खंडपीठ ने कठुवास टोल प्लाजा को 24 घंटे के अंतर वापसी सफर के लिए दो बार चार्ज करने के लिए जिम्मेदार ठहराया। डबल चार्जिंग में टोल नियमों का उल्लंघन शामिल था, जो यह व्याख्या करता है कि, टोल प्लाजा 24 घंटे के अंतर वापसी सफर के लिए टोल टैक्स का केवल आधा हिस्सा है।

 

 

 

क्या है पूरा मामला ?

बता दें कि, शिकायतकर्ता ने अपना वाहन चलाते समय एक ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से कठुवास (राजस्थान) टोल प्लाजा पर टोल शुल्क के रूप में 65/- रुपये का भुगतान किया। बाद में, उसी दिन रात 8:17 बजे, रेवाड़ी की वापसी यात्रा के दौरान, उन्होंने फिर से टोल प्लाजा पार किया और 65/- रुपये का ऑनलाइन भुगतान किया।

शिकायतकर्ता ने कहा कि, नियमों के अनुसार, टोल प्लाजा कंपनी 24 घंटे के अंतर वापसी सफर के दौरान टोल टैक्स का सिर्फ आधा हिस्सा वसूलने की लिए जिम्मेदार है। शिकायतकर्ता ने कई संचार किए और टोल प्लाजा को कानूनी नोटिस भेजा लेकिन कोई संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं मिली। व्यथित महसूस करते हुए, शिकायतकर्ता ने जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, रेवाड़ी, हरियाणा (Haryana News) में टोल प्लाजा के खिलाफ उपभोक्ता शिकायत दर्ज की।

 

शिकायत के जवाब में, टोल प्लाजा ने तर्क दिया कि शिकायतकर्ता ने लेन ड्राइविंग नियमों का उल्लंघन किया है। इसमें आरोप लगाया गया कि, शिकायतकर्ता लेन नंबर 6 से भटक गया और उसी लेन से जबरदस्ती से टोल पार कर गया। इसके अतिरिक्त, यह तर्क दिया गया कि, शिकायतकर्ता ने न तो टोल कार्यालय से संपर्क किया और न ही टोल-फ्री नंबर 1033 का उपयोग किया।

 

 

 

 

हरियाणा के रेवाड़ी जिला आयोग द्वारा अवलोकन

हरियाणा (Haryana News) के रेवाड़ी जिला आयोग ने संदेश के स्क्रीनशॉट का उल्लेख किया, जिसमें डुप्लिकेट टोल भुगतान का संकेत दिया गया था। यह देखा गया कि, शिकायतकर्ता ने टोल प्लाजा पर दो बार 65/- रुपये का भुगतान किया, पहले शाम 6:17 बजे और फिर उसी दिन रात 8:17 बजे। जिला आयोग ने नोट किया कि कानूनी नोटिस प्राप्त होने के बाद टोल प्लाजा द्वारा शिकायतकर्ता को अतिरिक्त राशि वापस कर दी गई थी। जबकि शिकायतकर्ता ने वाफिस की गई राशि की प्राप्ति को स्वीकार किया, यह तर्क दिया कि यह कानूनी नोटिस दिए जाने के बाद ये राशि आई थी।

 रेवाड़ी जिला आयोग (Haryana News) ने शिकायतकर्ता के तर्क से स्वीकार व्यक्त की और कहा कि, लीगल नोटिस के बाद ही अतिरिक्त भुगतान वापस करने की टोल प्लाजा की कार्रवाई सेवा में कमी और उसकी ओर से अनुचित व्यापार व्यवहार का संकेत देती है। यह माना गया कि इस तरह की प्रथाओं के परिणामस्वरूप टोल प्लाजा उपयोगकर्ताओं की कीमत पर टोल प्लाजा द्वारा राशि का अन्यायपूर्ण संचय हो सकता है।

नतीजतन, जिला आयोग ने टोल प्लाजा को शिकायतकर्ता को मानसिक पीड़ा, उत्पीड़न और शिकायतकर्ता द्वारा बर्दाश्त किए गए मुकदमेबाजी के खर्च के लिए 10,000 रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया।

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This macho lady constable has so far brought back home 700 missing people, know how she tracks them

Ladies Police Constable Story : 700 लापता लोगों की अब तक घर वापसी करा चुकी हैं ये मर्दानी महिला कॉस्टेबल, जानें कैसे करती हैं ट्रैक

Ladies Police Constable Story : आपने बॉलिवुड अभिनेत्री रानी मुर्खजी की मर्दानी फिल्म तो देखी ही होगी, जिन्होंने फिल्म में बच्चों काे ढूंढ़ते हुए महिला पुलिस का किरदार निफाया था। इसी फिल्म की तरह महाराष्ट्र की महिला पुलिस कॉस्टेबल उषा कोंडलकर की कहानी है। उषा कोंडलकर साल 1991 में महाराष्ट्र पुलिस में भर्ती हुई थी. उषा पिछले 6 वर्षों में 700 से अधिक लापता लोगों को उनकी घर वापसी कराई है। उषा कोंडलकर ने एक मीडिया रिर्पोट में बताया कि, इस वक्त थाने में लापता होने की रोजाना 1-2 शिकायत लिखी जाती है।

लोग गुस्से में परिवार तो छोड़ देते हैं, लेकिन अपने पीछे क्या छोड़ जाते हैं, उन्हें इस बात का तब एहसास होता है कि, जब वह कुछ दिन अकेले गुजारते हैं। आगे उन्होंने बताया कि, वह अपने 32 साल के पुलिस करियर के स्ट्रांग नेटवर्क का प्रयोग कर इन लापता लोगों की घर वापसी करवाती आई हैं।

 

 

 

2021 से अब तक 575 बच्चों काे पता लगाया गया है 

एक मीडिया रिर्पोट के मुताबिक, एमआईडीसी पुलिस (Ladies Police Constable Story ) स्टेशन के मिसिंग स्क्वाड में कार्यरत उषा कोंडलकर ने 2021 से अब तक 575 बच्चों, महिलाओं और पुरुषों में से 536 का पता लगा पाई हैं और उन्हें उनके परिवारों को सौंपा है। तत्कालीन पुलिस निरीक्षक बेसरकर, भीमा नारके और वर्तमान पुलिस निरीक्षक प्रवीण काले के मार्गदर्शन में सहायक पुलिस निरीक्षक प्रशांत साबले के नेतृत्व में उन्होंने यह उपलब्धि सफलतापूर्वक हासिल की।

 

 

 

गुमशुदा लोगों को ढूंढने के लिए क्या तकनीकी अपनाती है ?

वे देश के विभिन्न राज्यों और जिलों में लापता व्यक्तियों (Ladies Police Constable Story ) की जांच और लापता व्यक्तियों का पता लगाने के लिए जरुरी संपर्क और तकनीकी विश्लेषण, सीसीटीवी फुटेज, न्यूज पेपर में इस्तेहार, सीसीटीएनएस, आईसीजेएस, सोशल मीडिया आदि की प्रणाली का कुशलतापूर्वक उपयोग करती हैं। इससे पहले वह प्रतापनगर थाने में भी 150 गुमशुदा लोगों को ढूंढ चुकी हैं।

उन्होंने बताया कि, घर से भागे हुए लोगों को ढूंढना थोड़ा मुश्किल होता है। ऐसे लोग अपना घर से अपना संपर्क तोड़ने के लिए अपना फोन वगैरा सब बंद कर देते हैं, जिससे इन्हें ट्रैक करना थोड़ा मुश्किल होता है। लेकिन लगातार उस दिशा में काम करने से उनकी टीम ऐसे लोगों को खोज निकालती है।

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Through this option, you can easily withdraw Haryana Jamabandi online sitting at home.

Haryana Jamabandi Copy : इस विकल्प के माध्यम से आप घर बैठे आसानी से निकालें ऑनलाइन हरियाणा जमाबंदी 

Haryana Jamabandi Copy : हरियाणा सरकार ने हरियाणा जमाबंदी पोर्टल पर वैरीफाईड नकल का (Verified copy) विकल्प (Option) जोड़ दिया है। इस विकल्प के माध्यम से आप घर बैठे आसानी से वेरीफाई जमाबंदी नकल ऑनलाइन ही डाउनलोड कर सकते हैं और यह नकल पूरी तरह से मान्य होगी। हरियाणा जमाबंदी पोर्टल पर दोनों तरह के विकल्प दिए गए हैं, अगर आप वैरीफाईड नकल निकालना चाहते हैं तो, उसके लिए ऑनलाइन ही शुल्क भर कर वैरीफाईड नकल डाउनलोड कर सकते है और अगर आप शुल्क नहीं देना चाहते तो आप सामान्य जमाबंदी नकल भी निकाल सकते हैं।

हरियाणा के लोग भूलेख हरियाणा (Bhulekh Haryana) से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी जैसे खसरा, खतौनी, जमाबंदी नकल, भू- नक्शा , ऑनलाइन चेक कर पाएंगे और डाउनलोड भी कर पाएंगे। इसके लिए उनको आधिकारिक वेबसाइट Jamabandi.nic.in पर जाना होगा।

 

हरियाणा जमाबंदी नकल 2024

 

यदि आप अपनी जमीन की फर्द, जमाबंदी नकल (Haryana Jamabandi Copy) ऑनलाइन जांच करना चाहते हैं, उसके लिए हरियाणा सरकार ने पोर्टल शुरू कर दिया है और साथ में आप जमाबंदी वेरीफाई नकल डाउनलोड कर पाएंगे, जो की पूरी तरह से मान्य होगी अथार्थ आपको पटवारी के दफ्तर के चक्कर काटने की जरुरत नहीं पड़ेगी। जैसे आप पहले पटवारी से वेरीफाई नकल निकलवाते थे, वैसे ही अब आप ऑनलाइन जमाबंदी वेरीफाई नकल निकाल सकते हैं। राज्य के नागरिक ऑनलाइन ही “खाता खतौनी” अन्य सूचना देख सकते हैं और वह डाउनलोड कर सकते हैं।

हरियाणा जमाबंदी नकल @Jamabandi nic in

 

हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर द्वारा काफी ही अच्छी शुरुआत की गई है। इस पोर्टल के माध्यम से आम व्यक्ति को बहुत ही आसानी हो गई है। अब वह अपना घर बैठे आसानी से अपनी जमीन की जमाबंदी डाउनलोड कर सकते हैं। ऐसे में आम व्यक्ति इसके लिए उनको सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे, उससे उनको छुटकारा मिल गया है | अगर बात करें कि इस पोर्टल पर क्या-क्या हमें सुविधा मिलेगी तो वह इस प्रकार हैं :

  • डीड रजिस्ट्रेशन अपॉइंटमेंट
  • डीड रजिस्ट्रेशन चेकलिस्ट
  • स्टांप ड्यूटी एंड रजिस्ट्रेशन फीस
  • कलेक्ट्रेट रेट
  • रजिस्टर्ड डिड देख सकते हैं
  • स्टे आर्डर देख सकते हैं
  • जमाबंदी नकल चेक कर सकते हैं
  • वेरीफिएबल जमाबंदी नकल डाउनलोड कर सकते हैं

 

 

 

हरियाणा जमाबंदी नकल कैसे निकाले ?

हरियाणा सरकार द्वारा जारी की ऑफिशल वेबसाइट पर जाएं और जमाबंदी (Haryana Jamabandi Copy) नकल के विकल्प (Option) को सेलेक्ट करें। इसके बाद पूछी गई अपनी तमाम सूचना भरकर सर्च के विकल्प पर क्लिक करें। अब आपके सामने आपकी जमीन की सूचना आ जाएगी और अब आप इसे आप डाउनलोड कर सकते हैं।

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Despite continuous activity of Western Disturbance in Delhi, this month there is 51 percent less rainfall than normal.

Weather Alert 2024 : दिल्ली में लगातार पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के बाद भी इस माह सामान्य से 51 प्रतिशत कम बारिश

Weather Alert 2024 : मैदानी क्षेत्रों में अबके साल मौसम कहीं बूंदाबांदी का है, तो कहीं गर्मी का है। ऐसे में दिल्ली में चार साल बाद अप्रैल में लगातार पश्चिमी विक्षोप की सक्रियता देखने को मिल रही है, पर रिकार्ड पर नजर डालें तो इस माह अब तक सामान्य से 51 प्रतिशत कम बरसात हुई है। इस माह में अब तक 6 दिनों में बूंदाबांदी या हल्की बरसात हो चुकी है। इसी प्रकार भी 5 वर्ष पहले 2019 में 6 दिन बूंदाबांदी हुई थी।

 

 

 

दिल्ली में इस बार कितना तापमान पहुंचा है ?

दरअसल, दिल्ली में आमतौर पर अप्रैल की शुरूआत आरामदायक मौसम (Weather Alert 2024) के साथ होती है, पर अबकी बार तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया हैं। जबकि, पश्चिमी विक्षोप की सक्रियता और चक्रवाती परिसंरचण के चलते नियमित अंतराल पर बूंदाबांदी और तेज हवाओं का क्रम चलता रहा है। ऐसे में दिल्ली के लोगों को गर्मी से राहत मिलती रही है। हालांकि, 28 अप्रैल तक आमतौर पर दिल्ली में 15.2 मिलीमीटर बरसात होती है, पर अभी तक केवल 7.3 मिलीमीटर ही हुई है। अगले दिन भी दिल्ली में तेज हवाओं का समय रहेगा।

वहीं दिल्ली में इतवार की सुबह तेज धूप रही, पर सांय के समय हल्के बादलों (Weather Alert 2024) की आवाजाही देखने को मिली। जबकि, सफदरगंज में दिन का अधिकतम पारा 38.2 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं न्यूनतम पारा 23.5 डिग्री सेल्सियस रहा है।

 

 

 

जहरीली हवा से लोगों में बढ़ी परेशानी

दिल्ली के नजदीक लगता हरियाणा का औधोगिक शहर गुरूग्राम में मौसम (Weather Alert 2024) में 3 दिन से लगातार उतार-चढ़ाव चल रहा है। यहां दो दिन पहले हुई बूंदाबांदी के बार इतवार को एक बार फिर शहर का प्रदूषण स्तर बढ़ने लगा है। इस प्रकार गर्मी के मौसम के बीच प्रदूषण स्तर बढ़ने से लोगों को सांस लेने से संबधित बिमारियों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि शुक्रवार की सांय में हुई बरसात के बाद एक बार के लिए शहर का प्रदूषण धूल गया था। पर इतवार को शहर का प्रदूषण स्तर एक बार फिर बढ़ने लगा है।

गुरूग्राम में शुक्रवार को मौसम (Weather Alert 2024) का सबसे गर्म दिन रहा है, पर शाम को बूंदाबांदी से लोगों को गर्मी से राहत मिलने के साथ ही प्रदूषण से भी बहुत राहत मिली है। बूंदाबांदी के बाद शहर का एसक्यूआई 150 के आसपास पहुंचा है, पर 2 दिन से ना तो बरसात हो रही है एंव ना ही लोगों को गर्मी से राहत मिल रही है। ऐसे में यहीं वजह है कि बूंदाबांदी के बाद प्रदूषण स्तर में बढ़ोतरी दर्ज की है।

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Take maximum benefit of health insurance in this way, this policy will be useful to you in the hospital.

Health Insurance Plans : स्वास्थ्य बीमा का अधिकतम लाभ इस प्रकार लें, हस्पताल में ये पॉलिसी आयेगी आपके काम

Health Insurance Plans : स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों में कई अलग-अलग स्कीम शामिल हैं, उनमें से हर एक अपने अनोखे लाभ, सीमाएं और एक्सक्लूज़न हैं। इन सभी पहलुओं को पूरी तरह से समझ लेना बहुत आवश्यक है। जैसे कि, कुछ पॉलिसियों में डेंटल प्रोसिजर्स को कवर किया जाता है, लेकिन एक्सपेरिमेंटल मानी जाने वाली कुछ प्रकार की सर्जरीज़ उनमें शामिल नहीं होती हैं। इन बातों के बारे में पहले से जागरूक रहने से मेडिकल देखभाल के दौरान अचानक से आने वाले वित्तीय तनाव से बचा जा सकता है।

 

 

 

 

प्रपोजल फॉर्म भरते समय रखे ध्यान

बता दें की, प्रपोज़ल फॉर्म पर दी गई सूचना में कुछ भी गलत या झूठ नहीं होना चाहिए। यह आपके बीमा कवरेज की नींव है। प्रोपोजल फॉर्म में सभी खुलासे सही करें और सुनिश्चित करें कि उन्हें पॉलिसी में भी सही ढंग से दर्ज किया गया है। महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा न करने से क्लेम अस्वीकृत हो सकते हैं और कुछ मामलों में पॉलिसी रद्द भी हो सकती है।

 

 

 

 

कैशलेस सुविधा का लाभ

कैशलेस सुविधा स्वास्थ्य बीमा कंपनियों (Health Insurance Plans) द्वारा दिया जाने वाला एक महत्वपूर्ण लाभ है। इससे अस्पताल के बिल कंपनी और अस्पताल के बीच सीधे निपटाए जाते हैं। मेडिकल इमर्जेंसी के दौरान यह सुविधा होने से तत्काल धन की व्यवस्था करने का बोझ कम हो जाता है।

उदाहरण के तौर पर, अगर किसी व्यक्ति को इमर्जेंसी सर्जरी के लिए भर्ती किया गया है और उसके पास कैशलेस सुविधा है तो उसका परिवार अस्पताल के बिल चुकाने के लिए धन जुटाने की चिंता करने के बजाय मरीज़ की रिकवरी पर ध्यान केंद्रित कर सकता है। इस सुविधा के तहत नियोजित उपचारों के लिए प्री-ऑथोराइज़ेशन होने से कवरेज और जेब से होने वाले खर्चों के बारे में स्पष्टता रहती है।

 

 

 

आपातकाल के दौरान नकदी ऋण के लिए 24 घंटे के लिए करें आवदेन

नियोजित या प्लानिंग कर होने वाले इलाज के मामले में अस्पताल में भर्ती होने से 48 घंटे पहले नकदी ऋण यानी कैशलेस के लिए आवेदन करें। इससे आपको भर्ती होने से पहले स्वीकार्यता और मात्रा की जानकारी मिल सकेगी। आपातकाल में, भर्ती होने के 24 घंटे के भीतर नकदी ऋण के लिए आवेदन करें। आज के दौर में, अधिकांश बीमा कंपनियां गैर-नेटवर्क अस्पतालों में नकदी ऋण सुविधा दे रही हैं, अपनी बीमा कंपनी द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन करके सुविधा का लाभ उठाएं।

 

 

 

इस नियम के मुताबिक आपकी जेब से भी लग सकते हैं पैसे

जब मेडिकल खर्च के कुछ हिस्से का भुगतान पॉलिसीधारक को करना होता है, यानी को-पेमेंट के उपनियमों में कुछ पॉलिसियों में साझा वित्तीय जिम्मेदारी को रेखांकित किया गया है। अगर किसी पॉलिसी में सभी दावों पर 20% को-पेमेंट निर्धारित किया गया है, और अस्पताल का बिल 3,00,000 रुपये है, तो पॉलिसीधारक को 60,000 रुपये अपनी जेब से भरने होंगे। इन उपनियमों को पूरी तरह से समझने से पॉलिसीधारक अपने स्वास्थ्य देखभाल खर्चों के लिए अधिक प्रभावी ढंग से बजट बना सकता है। पॉलिसियों (Health Insurance Plans) में कमरे के किराए या कवर किए गए कमरे की श्रेणी की सीमा निर्धारित होती है। इन सीमाओं को पार करने पर क्लेम रकम से भारी कटौती हो सकती है।

 

उदाहरण के तौर पर, पॉलिसी सीमा से ज़्यादा कीमत का कमरा चुनने पर क्लेम का भुगतान कम हो सकता है। अपनी जेब से पैसा खर्च होने से बचने के लिए पॉलिसी सीमाओं के भीतर ही कमरा चुनना महत्वपूर्ण है। यह सीमा आपके क्लेम डिस्बर्समेंट में भारी कटौती ला सकती है, खासकर अगर आपकी पॉलिसी में प्रपोर्शनेट कटौती के प्रावधान शामिल हैं।

 

ऐसे प्रावधान में कमरे के किराए की पॉलिसी में निर्धारित सीमा के सापेक्ष कमरे की लागत के आधार पर क्लेम रकम के भुगतान को कम ज़्यादा किया जाता है। उदाहरण के तौर पर, यदि आप अस्पताल का ऐसा कमरा चुनते हैं जिसकी कीमत आपकी पॉलिसी (Health Insurance Plans) की निर्धारित सीमा से अधिक है, तो न क्लेम भुगतान में न केवल कमरे का शुल्क कम मिलेगा बल्कि कुल अस्पताल बिल भी उस प्रपोर्शन में कम हो सकता है।

 

 

 

मेडिकल में इस समान के लिए जेब से खर्च करना पड़ सकता है पैसा

कई पॉलिसियों (Health Insurance Plans) में कुछ प्रोसिजर या उन्नत उपचारों के लिए उप-सीमाएं निर्धारित की जाती हैं। मरीज़ को सुझाए गए इलाज का खर्च अगर इन सीमाओं से ज़्यादा है, तो उस डिफरेंस रकम को भरने की जिम्मेदारी पॉलिसीधारक की होती है। किसी की मेडिकल देखभाल और वित्तीय योजना के बारे में जानकारीपूर्ण निर्णय लेने के लिए इन सीमाओं के बारे में जान लेना ज़रूरी है।

दस्ताने और पट्टियों जैसी मेडिकल कंज़्यूमेबल सामग्रियों का कवरेज हर पॉलिसी में अलग-अलग होता है, कई पॉलिसियों में ये वस्तुएं शामिल नहीं होती हैं। आम तौर पर ये एक्सक्लूज़न मामूली लग सकता है, लेकिन इसकी वजह से क्लेम की रकम का 3-5% खर्च आपको अपनी जेब से करना पड़ सकता है। पॉलिसीधारकों (Health Insurance Plans) को ऐसे एक्सक्लूज़न की सूचना पाने के लिए अपने पॉलिसी डिटेल्स की अच्छी तरह से जांच करनी चाहिए, इससे वह अपने कवरेज को अच्छी तरह से समझ सकेंगे।

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Not only the spices of Everest or MDH, ethylene oxide also found in 527 Indian products from almonds to Ashwagandha.

Indian Masalen ban : एवरेस्ट या MDH के मसाले ही नहीं, बादाम से अश्वगंधा तक 527 भारतीय प्रोडक्ट्स में भी मिला एथिलीन ऑक्साइड

Indian Masalen ban : देश के दो सबसे पॉपुलर और बड़े मसाला ब्रांड एवरेस्ट और एमडीएच के कुछ मसालों पर हांगकांग एवं सिंगापुर में बैन लग गया है। इन कंपनियों के कुछ मसाला मिक्स में एथिलीन ऑक्साइड जैसा कीटनाशक मिलने का दावा किया गया है। इसके बाद भारत में भी फूड सेफ्टी को लेकर नई बहस छिड़ गई है। इस बीच एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत से यूरोप निर्यात (export) की जाने वाली 500 से ज्यादा वस्तुओं में एथिलीन ऑक्साइड पाया गया है।

 

 

क्या है एथिलीन ऑक्साइड ?

एक शोध के अनुसार, एथिलीन ऑक्साइड को कृषि में उत्पादों को फंगस से बचाने के लिए उपयोग किया जाता है। हालांकि , दुनिया के कई देशों में इस पर बैन लगाया गया है क्योंकि माना जाता है कि, ये इंसान के शरीर में कैंसर का कारण बनता है। कई सालों पहले यूरोपीय यूनियन ने 1991 में एथिलीन ऑक्साइड को बैन की श्रेणी में डाल दिया था। जबकि समय के साथ इंपोर्ट बढ़ने पर इसे लेकर कड़ी जांच की व्यवस्था बनाई गई। अब यूरोपीय यूनियन की ही एक रिपोर्ट में इसे लेकर बड़े खुलासे हुए हैं।

 

 

बादाम से अश्वगंधा तक में मिला एथिलीन ऑक्साइड

यूरोपीय यूनियन की फूड सेफ्टी अथॉरिटी ने सितंबर 2020 से अप्रैल 2024 के बीच भारत से इंपोर्ट किए जाने वाले फूड आइटम्स की जांच करते हुए उस पर शोध किया और 527 प्रोडक्ट्स में कार्सिनोजेनिक एथिलीन ऑक्साइड पाया गया। इससे पहले 2020-21 में भी यूरोपीय यूनियन भारत समेत कई अन्य देशों से इंपोर्ट की गई 468 वस्तुओं में एथिलीन ऑक्साइड होने की सूचना दी थी।

 

 

किन फूड प्रोडक्ट्स में कैंसर के केमिकल मिले है ?

यूरोपीय यूनियन की एक लास्टेड रिपोर्ट के अनुसार, भारत से मंगाए गए 527 फूड प्रोडक्ट्स में से 313 ड्राई फ्रूट्स और तिल से बने आइटम्स, 60 तरह की जड़ी-बूटियों और मसाले, 48 डायट्री फूड और सप्लीमेंट आइटम्स और बाकी 34 अन्य प्रोडक्ट्स में भी कैंसर उत्पन्न करने वाले केमिकल मिले हैं। इनमें से तिल, काली मिर्च और अश्वगंधा जैसी वे वस्तुएं भी शामिल हैं जिन पर ‘ऑर्गेनिक’ का लेबल लगा हुआ था।

 

 

यूरोपियन यूनियन ने 87 प्रोडक्ट्स को बॉर्डर पर ही किया रिजेक्ट

जबकि , कुछ फूड प्रोडक्ट्स ऐसे भी हैं, जिनसे इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने का दावा किया जाता है। इनके अलावा कई प्रोडक्ट ऐसे हैं जो अनाज, फल और सब्जियां, सूप, आइसक्रीम और मीट की श्रेणी में भी आते हैं। इनमें भी एथिलीन ऑक्साइड पाया गया है। एथिलीन ऑक्साइड पाए जाने के बाद यूरोपियन यूनियन ने 87 प्रोडक्ट्स को बॉर्डर पर ही रिजेक्ट कर दिया। बाकी को वहां के बाजारों से हटा दिया गया।

 

 

 

भारत सरकार ने फूड रेग्युलेटर FSSAI से डिटेल्स रिपोर्ट मांगी

भारतीय ब्रांड एमडीएच और एवरेस्ट के मसालों (Indian Masalen ban) पर हांगकांग और सिंगापुर के द्वारा बैन लगाने के बाद अब भारत सरकार ने फूड रेग्युलेटर FSSAI से डिटेल्ड रिपोर्ट मांगी है। वहीं देश में मौजूद मसालों की जांच का जिम्मा सौंपा है। भारत में मसालों के एक्सपोर्ट को भारतीय मसाला बोर्ड हैंडल करता है। सरकार ने बोर्ड से सिंगापुर और हांगकांग निर्यात होने वाले सभी मसालों की गुणवत्ता जांच भी अनिवार्य कर दी है। सरकार का कहना है कि अगर रिपोर्ट में मसालों की गुणवत्ता खराब पाई गई तो, इन ब्रांड्स के निर्यात पर पाबंदी भी लग सकती है।

 

 

 

भारत सबसे बड़ा मसाला निर्यातक

भारत दुनियाभर में मसालों (Indian Masalen ban) का सबसे बड़ा निर्यातक देश है। यहां से हर साल 14-15 लाख टन मसालों का दुनिया में निर्यात होता है। ये पूर्ण कारोबार करीब 3-4 अरब डॉलर का है। ऐसे में दुनिया बाजार में भारतीय मसालों की गुणवत्ता पर उठे सवालों से इनका निर्यात प्रभावित होने की संभावना जताई जा रही है। भारत से सबसे ज्यादा चीन, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), अमेरिका, मलेशिया, थाईलैंड, नेपाल और इंडोनेशिया को मसालों का निर्यात किया जाता है। वहीं यूरोप में ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस और स्पेन भारतीय मसालों के बड़े ग्राहक हैं।

निर्यात (export) होने वाले मसालों (Indian Masalen ban) में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी लाल मिर्च, हल्दी, जीरा, धनिया, करी पाउडर, लहसुन, मेथी दाना और अदरक की है। इसी तरह ड्राइ फ्रूट्स में ज्यादातर निर्यात अखरोट, काजू और किशमिश का होता है। वित्त वर्ष 2023-24 में जनवरी तक देश से 39,244 टन किशमिश, 60,222 टन काजू औ करीब 450 टन अखरोट का निर्यात हुआ है।

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Big news regarding registration of Char Dham Yatra, government has fixed guidelines, helicopter booking is full.

Char-Dham Yatra : चार धाम यात्रा के रजिस्ट्रेशन को लेकर बड़ी खबर, सरकार ने तय कर दी गाइडलाइन, हेलिकॉप्टर की बुकिंग फुल

Char-Dham Yatra : श्रद्धालुओं या पर्यटकों के लिए चार धाम यात्रा 10 मई से शुरू होने वाली है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा बुकिंग भी शुरू कर दी है। हालांकि इस बीच सरकार ने रजिस्ट्रेशन की अधिकतम संख्या तय भी कर दी है। सरकार के अनुसार, चारों तीर्थ स्थलों पर प्रतिदिन एक तय संख्या में यात्री दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे।

सरकार ने तय मानदंड के अनुसार, यमुनोत्री- 9 हजार, गंगोत्री- 11 हजार, केदारनाथ- 18 हजार और बद्रीनाथ 20 हजार श्रद्धालु प्रतिदिन रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे। हालांकि, अब तक 16 लाख से ज्यादा श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन कर चुके हैं। वहीं हेलीकॉप्टर सेवा की बुकिंग भी पूर्ण हो गई है।

 

 

 

हेलिकॉप्टर वेबसाइट सर्विस

बता दें कि, चारधाम यात्रा (Char-Dham Yatra ) के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू होने के बाद राज्य सरकार ने केदारनाथ धाम के लिए हेलिकॉप्टर सेवा के लिए भी बुकिंग 20 अप्रैल से शुरू कर दी है, जो भी श्रद्धालु हेलिकॉप्टर के जरिए केदारनाथ धाम पहुंचना चाहते हैं, तो वो हेलिकॉप्टर की बुकिंग 20 अप्रैल से करवां सकतें हैं। https://heliyatra.irctc.co.in/ इस वेबसाइट पर जाकर आप अपनी हेलिकॉप्टर सर्विस / सेवाएं की बुकिंग करा सकते हैं।

 

 

 

चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य 

बता दें कि, राज्य सरकार द्वारा हेलिकॉप्टर की बुकिंग के लिए चारधाम यात्रा (Char-Dham Yatra ) रजिस्ट्रेशन की बुकिंग अनिवार्य कर दी गई है। यह बुकिंग 10 मई, 2024 से लेकर 20 जून, 2024 तक की यात्रा के लिए की गई है। बल्कि, कुछ दिन पहले ही चारों धामों के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू किया गया है। इस बार सरकार रजिस्ट्रेशन के लिए सख्ती अपना रही है और चारधाम रजिस्ट्रेशन नहीं करने पर तीर्थ यात्रियों को चारधाम जाने की अनुमति नही दे रही है ।

 

 

 

बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर में पूजा के लिए ऑनलाइन पूजा की बुकिंग

बता दें कि, बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट https://badrinath-kedarnath.gov.in पर इस बार की यात्रा (Char-Dham Yatra ) के दौरान ऑनलाइन पूजा की बुकिंग भी शुरू कर दी है। यह बुकिंग 15 अप्रैल से लेकर  30 जून तक के लिए शुरू की गई है।

केदारनाथ मंदिर में षोडशोपचार पूजा-अर्चना, रूद्राभिषेक तथा शायंकालीन आरती सहित दीर्घकालिक पूजाएं भी शामिल हैं। जबकि, इसके अलावा श्रद्धालु अपनी इच्छा से ऑनलाइन दान भी कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष केदारनाथ धाम में 20,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन पूजा की बुकिंग कराई थी।

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Phone with powerful camera, 8GB RAM and 128GB storage available for just Rs 9000, know the price

moto G34 5G : सिर्फ 9000 में मिल रहा दमदार कैमरे वाला फ़ोन, 8GB रैम और 128GB स्टोरेज के साथ जाने कीमत

moto G34 5G : अगर आप भी अपने लिए इस समय एक नया स्मार्टफोन लेना चाहते हैं और आपका बजट कुछ 9000 रूपिए के करीब का होने वाला है, तो आप मोटरोला का यह नया स्मार्टफोन खरीद सकते हैं। इसमें आपको बेहतरीन कैमरा क्वालिटी के साथ अच्छा गेमिंग प्रोसेसर भी देखने के लिए मिलेगा

 

 

मोटो स्मार्टफोन का स्टोरेज और प्रोसेसर

बता दें की, मोटरोला के इस स्मार्टफोन (moto G34 5G) में आपको 6.78 इंच की आईपीएस एलसीडी डिस्पले देखने के लिए मिलती है और यह डिस्प्ले 120 hz के रिफ्रेश रेट के साथ आती है। वहीं आपको इसी स्मार्टफोन में क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 695 ऑक्टा कोर वाला प्रोसेसर देखने के लिए मिल जाता है। इसी के साथ आपको इसी स्मार्टफोन (moto G34 5G) में 4GB रैम और आरजी की रैम विकल्प मिल जाती है। वहीं यह 128 जीबी स्टोरेज के साथ आता है।

 

 

 

स्मार्ट फोन का आकर्षण और बैटरी

आपको बता दें की, कंपनी की ओर से आने वाले इसी स्मार्टफोन (moto G34 5G) में आपको 5000 mah की बड़ी बैटरी दी गई है जिस तेजी से चार्ज करने के लिए 25 वाट का चार्जर इसके बॉक्स में दिया गया है और इस स्मार्टफोन को अलग – अलग तीन रंगों में लॉन्च किया गया है, जो की देखने में काफी ज्यादा आकर्षक लगते हैं। कैमरे की बात करें तो इसी स्मार्टफोन में आपको 50 में का पिक्सल का मुख्य कैमरा और 16 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया गया है।

बता दें की, भारतीय मार्केट में इस स्मार्टफोन (moto G34 5G) की कीमत मात्र ₹9000 की है । अगर आप इसे क्रेडिट कार्ड के माध्यम से खरीदते हैं तो आपको इसी स्मार्टफोन पर भारी डिस्काउंट ऑफर देखने के लिए मिलेगा। ऐसे में आप जल्द ही खरीदारी करें, क्योंकि यह छूट सिर्फ 7 अप्रैल तक होने वाली है।

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The mother of 7 children became a bride again! Married to the father of 5 children, requested for protection

Haryana marriage News : 7 बच्चों की मां फिर बनी दुल्हन ! 5 बच्चों के पिता से रचाई शादी, सुरक्षा की लगाई गुहार

Haryana marriage News : शादी- विवाह की बहुत सी ऐसी खबरें अक्सर आपने सुनी होंगी जिन्हें सुनकर या तो हंसी आए या फिर हैरानी हो जाए । ऐसी ही एक खबर हरियाणा के नूंह से सामने आई है, जहां एक महिला ने पति की मौत के बाद घर से भागकर शादी कर ली। इसमें हैरान करने वाली बात ये है कि, महिला 7 बच्चों की मां है, पर जिस व्यक्ति से उसने शादी की वो 5 बच्चों का पिता है। इस प्रकार अब दोनों के कुल 12 बच्चे हैं।

 

 

 

हाई कोर्ट से लगाई सुरीक्षा की गुहार

बता दें कि, दोनों ही मुस्लिम समुदाय से आते हैं और उन्होंने मुस्लिम रीति रिवाज से शादी की है। शादी (Haryana marriage News) के बाद कुछ दिन तक वे पुलिस के प्रोटेक्शन होम में रहे। दोनों ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई। लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को किन्हीं कारणों से खारिज कर दिया। साथ ही दोनों पर 50 हजार का जुर्माना भी ठोका है। जबकि, बाद में उनकी आर्थिक स्थिति को देखकर जुर्माना माफ कर दिया है।

 

 

 

दोनों ने मार्च में रचाई थी शादी

पुलिस रिपोर्ट की सूचना के अनुसार, महिला के पति की मौत के बाद वो व्यक्ति के संपर्क में आई। उस व्यक्ति के खुद के 5 बच्चे हैं, इस कारण से उसे 7 बच्चों की मां से शादी (Haryana marriage News) करने में कोई एतराज नहीं हुई। ऐसे में दोनों ने घर से भाग कर मार्च महीने में शादी कर ली। क्योंकि दोनों के घर वालों को शादी कबूल नहीं थी। इसलिए इन दोनों ने भागकर शादी करनी पड़ी।

 

 

 

दोनों की शादी से कोर्ट का जज भी हुआ हैरान

हरियाणा पंजाब हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान जज भी हैरान रह गए। जज ने कहा कि, इस बात पर अपनी आंखें नहीं मूंद सकते हैं। दोनों के पहली शादी (Haryana marriage News) के कुल 12 बच्चे हैं। जबकि, देश की जनसंख्या इतनी तेजी से बढ़ रही है, इसका ख्याल नहीं कर रहे, लेकिन अपने बच्चों के भविष्य का तो ख्याल करो। बाद में दोनों ने अपनी याचिका को वापस ले ली।

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Haryanvi boy made 4 thousand square feet painting of Hanuman using coffee powder, created a world record

Haryana News : हरियाणवी छोरे ने कॉफी पाउडर से बना डाली 4 हजार स्क्वायर फीट हनुमान की पेंटिंग, बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

Haryana News : अगर इंसान कुदरत की दुनिया में अपने हुनर को पहिचान ले तो, तो इंसान बहुत से रिकॉर्ड अपने नाम कर सकता है। ऐसा ही एक रिकॉर्ड चरखी दादरी के दुकानदार का बेटा 11वीं कक्षा में पढ़ रहा मनुज सोनी ने बनाया है, जिसकी चारों तरफ प्रशंसा हो रही है।

चरखी दादरी (Haryana News) के मनुज सोनी ने कॉफी और कपड़े से वैश्य स्कूल के बरामदे में करीब 72 घंटों की कड़ी मेहनत कर 4 हजार स्क्वॉयर फुट आकार की बालाजी हनुमान की कलाकृति बना डाली। ऐसे में छात्र की कलाकृति गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गई है। परिजनों और स्कूल विभाग ने बेटे की उपलब्धि पर सम्मानित करते हुए उम्मीद जताई है कि, मनुज सोनी को वर्ल्ड रिकार्ड का खिताब जरूर मिलेगा।

 

 

 

रंगोली और पेंटिंग बनाने की शिक्षा कहां से ली ?

बता दें कि, चरखी दादरी (Haryana News) के दुकानदार अनिल सोनी का बेटा मनुज सोनी ने बचपन से ही कुछ करने की मन में इच्छा थी। दादरी के वैश्य स्कूल में 11वीं कक्षा के छात्र मनुज ने यूट्यूब से पेंटिंग की शिक्षा ली और मन में कुछ नया करने की शपथ ली। दो साल पहले भी रंगोली बनाकर छात्र मनुज ने अपनी प्रतिभा दिखाते हुए कई सम्मान अपने नाम किए। यहीं से वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का सपना लेते हुए परिजनों से प्रेरणा मिली और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।

 

 

 

 

छात्र ने किस तरह 72 घंटे में पेंटिंग बनाई

छात्र मनुज ने स्कूल के आंगन में कपड़े पर काफी पाऊडर व पानी की मदद से 4 हजार स्क्वॉयर फुट आकार की बाला जी हनुमान की कलाकृति बनाई है। ये विशाल पेंटिंग करीब 72 घंटे की मेहनत के बाद स्कूल के आंगन में तैयार की गई है। इस कलाकारी की बदौलत मनुज ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाया है।

 

 

 

छात्र को स्कूल प्रबंधन ने किया सम्मानित

प्रतिभावान छात्र मनुज को वैश्य स्कूल परिसर में प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा स्कूल प्रबंधन ने सम्मानित किया। स्कूल प्राचार्य विमल सिंह ने बताया कि छात्र मनुज सोनी को नया कुछ करते हुए रिकार्ड बनाने की धुन सवार रहती है। इस बार मनुज ने स्कूल प्रांगण में 4 हजार स्क्वॉयर फीट आकार की बाला जी हनुमान की कलाकृति बनाई है। जिसको बनाने में उसे करीब 72 घंटे की मेहनत लगी और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में उसका नाम दर्ज हुआ है। आशा है कि, बेटे को वर्ल्ड रिकॉर्ड मिलेगा।

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