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Difficulties for Indian students increase in Canada, Trudeau government cuts income along with studies

Canada News : कनाडा में भारतीय छात्रों की बढ़ी मुश्किल, पढ़ाई के साथ इनकम पर ट्रूडो सरकार की चली कैंची

Canada News : भारतीय समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय छात्रों को कनाडा में आर्थिक मुश्किले झेलनी पड़ सकती हैं। छात्रों की पढ़ाई के साथ-साथ कमाई पर ट्रूडो सरकार ने कैंची चला दी है। यानी कैंपस या पढ़ाई के बाद काम करने के उनके घंटो में कमी कर दी गई है। कनाडा के नए नियमों के मुताबिक, अब छात्र सितंबर माह से पर हफ्ता 24 घंटे ही परिसर से बाहर रहकर काम कर सकेंगे। आने वाले दिनों में इस संबंध में नया नियम प्रभाव में आएगा।

 

 

 

 

कनाडा के नागरिकता मंत्री मार्क मिलर ने छात्रों पर क्या कहा ?

कनाडा (Canada News) के आव्रजन, शरणार्थी और नागरिकता मंत्री मार्क मिलर ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि, छात्रों को प्रति सप्ताह परिसर से बाहर 20 घंटे से अधिक काम करने की ईजाजत देने वाली अस्थायी नीति 30 अप्रैल, 2024 को बंद हो जाएगी। उन्होंने कहा कि, हम छात्रों द्वारा प्रति सप्ताह परिसर से बाहर काम करने के घंटों की संख्या को बदलकर 24 घंटे करना चाहते हैं।

 

 

 

 

 

छात्रों को कोविड-19 महामारी में मिली थी छूट

कनाडा (Canada News) के पीएम जस्टिन ट्रूडो सरकार ने देश में कामगारों की कमी को पूरा करने के लिए कोविड-19 महामारी के दौरान अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए काम के घंटों की 20 घंटे की सीमा को अस्थायी रुप से माफ कर दिया था। इसी कारण से छात्र प्रति सप्ताह 20 घंटे से ज्यादा तकरीबन 40 घंटे तक यानि पूर्ण समय काम कर रहे थे और उससे अतिरिक्त इनकमिंग कर रहे थे। लेकिन एक मीडिया रिर्पोट के मुताबिक, यह छूट मंगलवार को समाप्त हो रही है।

 

 

 

 

कनाडा में कितने छात्र पढ़ते है ?

भारतीय छात्रों के हिसाब से कनाडा सबसे पसंदीदा गंतव्य है। कनाडाई अंतरराष्ट्रीय शिक्षा ब्यूरो की 2022 की एक रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा (Canada News) में उस साल 3,19,130 भारतीय छात्र थे। कनाडा में कॉलेजों और विश्नविद्यालयों में पढ़ने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों में भारतीय बहुतायत में हैं।

सीएएसए के एडवोकेसी निदेशक माटेउज सलमासी ने कहा, ” इस घोषणा के बाद 200,000 से अधिक अंतरराष्ट्रीय छात्रों को हर साल अपनी जेब से औसतन, कम से कम 5,000 डॉलर यानी 4.17 लाख रुपये का नु्कसान होगा। “

 

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2800 obscene videos in pen drive, former PM's family trapped in sex scandal, know the whole matter

India Political news : पेन ड्राईव में 2800 अश्लील वीडियो, सेक्स स्कैंडल में फंसा पूर्व पीएम का परिवार, जानें पूरा मामला

India Political news : देश के पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा का परिवार सेक्‍स स्‍कैंडल मामले में फंसता चला जा रहा है। एचडी देवेगौड़ा के पोते और कर्नाटक के हासन से सांसद प्रज्‍वल रेवन्ना से जुड़ा सेक्स स्कैंडल सामने आने के बाद अब उन्हें जनता दल (सेक्युलर) से निकालने की मांग पार्टी के अंदर उठने लगी है। इधर, स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रज्‍वल रेवन्ना फिलहाल विदेश में है। प्रज्‍वल रेवन्ना के पिता ने इन ऑडियो-वीडियो क्लिप्स को अपने परिवार के खिलाफ एक सोची-समझी साज़िश बताया है। वहीं, कुमारस्वामी ने ख़ुद को अपने भाई के परिवार से अलग बताकर  किनारा कर लिया। वहीं कर्नाटक के हासन में जेडीयू सांसद और एनडीए के मौजूदा उम्मीदवार प्रज्‍वल रेवन्ना की गिरफ्तारी की मांग हो रही है। ऐसे में लोग सड़क पर उतरे हुए हैं।

पेन ड्राईव में 2800 अश्लील क्लिप्‍स

 

मीडिया सूचना द्वारा बताया जा रहा है कि, बरामद की गई पेन ड्राइव्स में 2800 के आसपास अश्लील ऑडियो-वीडियो क्लिप्स और अश्लील तस्वीरें हैं। सभी क्लिप्स में आवाज़ प्रज्‍वल रेवन्ना की बताई जा रही है। कुछ महिलाओं और लड़कियों के साथ ज़ोर-ज़बरदस्ती भी दिख रही है। हालांकि, ज़्यादातर महिलाएं जो प्रज्‍वल रेवन्ना की शिकार बनीं, वो विरोध नहीं कर पाईं। ये आरोप भी लग रहे हैं कि, इन वीडियो को प्रज्‍वल ने खुद रिकॉर्ड कर महिलाओं और लड़कियों को ब्लैकमेल भी किया।

 

अश्लील ऑडियो-वीडियो क्लिप्स पर पिता ने दी सफाई 

 

अश्लील ऑडियो-वीडियो क्लिप्स के मामले पर प्रज्‍वल के पिता एचडी रेवन्ना ने सफाई देते हुए कहा, “मुझे जानता हूँ कि, किस तरह की साजिश चल रही है और मैं उनमें से नहीं हूं, जो डर जाऊंगा और भाग जाऊंगा। उन्होंने कुछ ऐसा जारी किया है जो 4-5 साल पुराना था। उन्हें पार्टी से निष्कासित करना पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया गया है। चूंकि एसआईटी जांच कर रही है, इसलिए मैं आगे कोई प्रतिक्रिया नहीं दूंगा.”

देश छोड़कर भागे प्रज्‍वल रेवन्‍ना 

 

कर्नाटक के गुलबर्गा में मौजूद प्रियंका गांधी ने इस मामले में सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांगा. 26 अप्रैल को मतदान के बाद प्रज्‍वल जर्मनी चला गया। ये पूछा जा रहा है कि, प्रशासन ने उसे रोका क्यों नहीं ? प्रशासन की सफ़ाई है कि, उसे प्रज्‍वल रेवन्ना की सेक्स पेन ड्राइव की जानकारी नहीं थी। डिप्टी कमिशनर हासन सत्य भामा ने कहा कि, चुनाव की वजह से हम लोग सब काफी व्यस्त थे और इस बारे में हमें जानकारी नहीं थी। ज़िला प्रशासन का कहना है कि, उसे जानकारी नहीं थी। चुनाव खत्म होते ही आरोपी प्रज्‍वल रेवन्ना विदेश भाग गया, इसके बाद ही महिला आयोग के कहने पर राज्य सरकार ने एफआईआर दर्ज करवाने के साथ साथ एसआईटी के गठन की घोषणा की। इससे सिद्धारमैय्या सरकार की नीयत पर भी सवाल उठ रहे है कि, हाई प्रोफाइल मामलों में सिस्टम किस तरह काम करता है।

प्रज्‍वल रेवन्ना पर क्या है पूरा मामला ?

 

  1. हासन में 22-23 अप्रैल को कुछ बसों की सीटों पर पेन ड्राइव मिलीं है।
  2. हासन के चौराहों और कुछ बगीचों में भी मिलीं है।
  3. कई में अश्लील ऑडियो-वीडियो क्लिप्स है।
  4. कुछ अश्लील तस्वीरें भी बताई जा रही हैं।
  5. तक़रीबन 2,800 के आसपास क्लिप्स है। 
  6. आवाज़ प्रज्‍वल रेवन्ना की बताई जा रही है। 
  7. कुछ तस्वीरों में भी प्रज्वल रेवन्ना दिखने का दावा है। 
  8. प्रज्‍वल रेवन्ना एचडी देवेगौड़ा के पोते है। 
  9. फिलहाल प्रज्‍वल हासन से जेडीएस के सांसद है। 
  10. इस बार भी जेडीएस ने प्रज्‍वल को चुनाव लड़वाया है। 

 

 

 

 

हासन में विरोध प्रदर्शन शुरु

बता दें कि, हासन में 26 अप्रैल को मतदान हुआ था और चुनाव के दूसरे दिन प्रज्‍वल जर्मनी चले गए। इसी दिन राज्य महिला आयोग की SIT जांच की मांग हुई. इसके बाद 28 अप्रैल को हासन में प्रज्‍वल और पिता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। एडीजीवी बीके सिंह के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई, जिसमें एसपी रैंक की दो महिला अधिकारी भी शामिल हैं। एसआईटी ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इस बीच कुछ संगठनों ने हासन में विरोध प्रदर्शन किया और FIR में बलात्कार से जुड़ी धारा जोड़ने की मांग की है।

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ACB raid in Haryana, GST inspector arrested for taking bribe of Rs 9 thousand

Sonipat ACB raid : हरियाणा में ACB की रेड, 9 हजार की रिश्वत लेता GST इंस्पेक्टर गिरफ्तार

Sonipat ACB raid : हरियाणा में एंटी करप्शन ब्यूरो  की टीम भ्रष्ट अधिकारियों पर रेड मारने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। हरियाणा के सोनीपत में ACB की टीम ने जीएसटी इंस्पेक्टर को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। बता दें कि जीएसटी इंस्पेक्टर संदीप कुमार को 9000 रुपए की रिश्वत लेते हुए अरेस्ट किया गया है। शिकायतकर्ता से कंपनी के जीएसटी वेरिफिकेशन के लिए संदीप कुमार रिश्वत मांग रहा था। हालांकि, सोनीपत एसीबी की टीम गिरफ्तार जीएसटी इंस्पेक्टर संदीप कुमार से पूछताछ कर रही है।

 

 

 

शिकायतकर्ता ने एसीबी रिर्पोट में क्या बताया ?

शिकायतकर्ता ने एसीबी (Sonipat ACB raid) रिर्पोट में बताया कि, हमारी कंपनी मोबाइल फोन में सॉफ्टवेयर अपडेट करने का काम करती है और हमारी कंपनी में संदीप नरवाल नाम का व्यक्ति आया था। जिन्होंने हमें बताया कि, उनके जीएसटी का वेरिफिकेशन अभी तक नहीं हुआ है और हमें जहां तक जानकारी थी। हमें पता था कि, वेरिफिकेशन हो चुकी है और कोई भी डॉकोंमेंट ऐसा नहीं है जो पूरा नहीं हुआ इंस्पेक्टर ने पहले हमसे एक लाख मांगे और हमने उन्हें देने से मना कर दिया बाद में कम कर दिए और फिर हम इन्होंने 10 हजार मागे थे कंपनी को भेजने के लिए उन्होंने हमें 1 हजार रुपए दिए थे और हजार बाद में देने की बात कही थी जिसके बाद विजिलेंस में शिकायत दी गई और उसको रंगे हाथों अरेस्ट कर लिया गया।

 

 

 

मामले पर सोनीपत एसीबी अधिकारी सचिव ने क्या कहा ?

हरियाणा के सोनीपत एसीबी (Sonipat ACB raid) अधिकारी सचिव ने बताया कि, हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम को सूचना प्राप्त हुई थी कि जीएसटी विभाग सोनीपत में कार्यरत जीएसटी इंस्पेक्टर संदीप कुमार द्वारा शिकायतकर्ता की कंपनी का जीएसटी वेरिफिकेशन करने के बदले में 9 हजार की रिश्वत की मांग की जा रही है। प्राप्त शिकायत के आधार पर तथ्यों की जांच पड़ताल की गई और आरोपी संदीप कुमार को  9 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों अरेस्ट किया गया। इस मामले में सभी जरूरी सबूत जुटाते हुए मामले की पड़ताल की जा रही है।

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T20- BCCI selected the Indian team for T20 World Cup 2024, the selectors ignored this player

Twenty-Twenty World Cup 2024 : T20- T20 वर्ल्डकप 2024 के लिए बीसीसीआई ने किया भारतीय टीम का चयन, चयनकर्ताओं ने इस खिलाड़ी की अनदेखी

Twenty-Twenty World Cup 2024 : आगामी T20 वर्ल्डकप के लिए बीसीसीआई ने भारतीय टीम का एलान कर दिया है। रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम इंडिया खेलती दिखेगी। वहीं, हार्दिक पांड्या उपकप्तानी करते दिखेंगे। टीम में दो विकेटकीपर शामिल किए गए हैं। इनमें ऋषभ पंत और संजू सैमसन शामिल हैं। वहीं, केएल राहुल को टीम से बाहर कर दिया है। राहुल पिछले T20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के हिस्सा थे। T20 वर्ल्ड कप की शुरुआत 1 जून से वेस्टइंडीज-अमेरिका की सह-मेजबानी में हो रही है, जबकि फाइनल 29 जून को खेला जाएगा। 2 मई को शाम 4 बजे मुंबई में टीम को लेकर कप्तान रोहित शर्मा और चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर बीसीसीआई मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी संबोधित करेंगे।

 

 

 

 

2007 में जीता था भारत ने पिछला T20- T20 वर्ल्ड कप

17 वर्ष पहले यानी भारतीय टीम ने पिछला T20 वर्ल्ड कप 2007 में जीता था। जबकि यह इस प्रारूप का पहला टूर्नामेंट था। 17 वर्ष से भारतीय टीम इस ट्रॉफी को जीतने के लिए जूझती रही है। 2022 में भारत सेमीफाइनल में इंग्लैंड से 10 विकेट से हार गया था। अब रोहित शर्मा की अगुआई में चयनित 15 खिलाड़ी 17 वर्ष के T20 वर्ल्ड कप ट्रॉफी के सूखे काल को समाप्त करने उतरेंगे। भारत ने पिछली बार कोई आईसीसी ट्रॉफी 2013 में जीता था। बता दें की, 2023 में हुए वनडे वर्ल्ड कप में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया से फाइनल में हार गई थी।

 

 

 

 

सीएसके के शिवम दुबे को मिला अवसर

आईपीएल में सीएसके की तरफ से खेल रहे अच्छे खेल के बदौलत से ऑलराउंडर शिवम दुबे को T20 वर्ल्ड कप में जगह मिली है। रिंकू पर शिवम दुबे को जगह दी गई है। बहुत पहले से इस बात की चर्चा हो रही थी कि, यदि हार्दिक को चुना जाता है तो शिवम-रिंकू में से किसी एक को ही मौका मिलेगा। वहीं, यशस्वी और शुभमन में से किसी एक को अवसर देना था। चयनकर्ताओं ने यशस्वी को शुभमन पर जगह दी है। भारतीय टीम से तीन बड़े चेहरों को बाहर किया गया है, जो हाल ही में भारतीय टीम का हिस्सा थे। इनमें केएल राहुल के अलावा रिंकू सिंह और शुभमन गिल शामिल हैं। हालांकि, बीसीसीआई ने रिंकू और शुभमन को ट्रैवलिंग रिजर्व में रखा है।

 

 

 

 

ये खिलाड़ी T20- T20 वर्ल्ड कप की रेस से बाहर हो गए

आईपीएल में अपनी टीमों के लिए अच्छा प्रदर्शन कर रहें खिलाड़ियों की भी अनदेखी हुई है। जैसे ऋतुराज गायकवाड़, विकेटकीपर दिनेश कार्तिक, भुवनेश्वर कुमार जैसे खिलाड़ियों को T20- T20 वर्ल्ड कप की रेस से बाहर होना पड़ा। इन खिलाड़ियों को लेकर सोशल मीडिया पर फैन बीसीसीआई की चयन सुझाव पर सवाल उठा रहें हैं।

 

 

 

 

T20 वर्ल्डकप 2024 के लिए भारतीय टीम

  • रोहित शर्मा (कप्तान)
  • यशस्वी जायसवाल
  • विराट कोहली
  • सूर्यकुमार यादव
  • ऋषभ पंत (विकेटकीपर)
  • संजू सैमसन (विकेटकीपर)
  • हार्दिक पांड्या (उपकप्तान)
  • शिवम दुबे
  • रवींद्र जडेजा
  • अक्षर पटेल
  • कुलदीप यादव
  • युजवेंद्र चहल
  • अर्शदीप सिंह
  • जसप्रीत बुमराह
  • मोहम्मद सिराज।

 

 

 

रिजर्व में रखें गए खिलाड़ी

  • शुभमन गिल
  • रिंकू सिंह
  • खलील अहमद
  • आवेश खान।

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British company also admitted that AstraZeneca's Corona vaccine poses a risk of heart attack, Covishield vaccine has been prepared from the same formula, 1.75 crore doses administered in the country

Corona Vaccine news : ब्रिटिस कंपनी ने भी माना, एस्ट्राजेनेका की CORONA वैक्सीन से हार्ट अटैक का खतरा, इसी फार्मूले से तैयार की गई है कोविशील्ड की Vaccine, देश में 1.75 करोड़ डोज लगे

जानें पूरा मामला

Corona Vaccine news : देश भर के लोगों को हिला देने वाली खबर सामने आ रही है। ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने माना है कि उनकी कोविड-19 वैक्सीन से खतरनाक साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। हालांकि ऐसा बहुत रेयर (दुर्लभ) मामलों में ही होगा। एस्ट्राजेनेका का जो फॉर्मूला था उसी से भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ने कोवीशील्ड नाम से वैक्सीन बनाई है।

ब्रिटिश मीडिया टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, एस्ट्राजेनेका पर आरोप है कि उनकी वैक्सीन (Corona Vaccine news) से कई लोगों की मौत हो गई। वहीं कई अन्य को गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ा। कंपनी के खिलाफ हाईकोर्ट में 51 केस चल रहे हैं। पीड़ितों ने एस्ट्राजेनेका से करीब 1 हजार करोड़ का हर्जाना मांगा है।

ब्रिटिश हाईकोर्ट में जमा किए गए दस्तावेजों में कंपनी ने माना है कि उसकी कोरोना वैक्सीन से कुछ मामलों में थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम यानी TTS हो सकता है। इस बीमारी से शरीर में खून के थक्के जम जाते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या गिर जाती है।

 

 

 

सबसे पहले ब्रिटिश नागरिक जेमी स्कॉट ने केस किया

अप्रैल 2021 में जेमी स्कॉट नाम के शख्स ने यह वैक्सीन लगवाई थी। इसके बाद उनकी हालत खराब हो गई। शरीर में खून के थक्के बनने का सीधा असर उनके दिमाग पर पड़ा। इसके अलावा स्कॉट के ब्रेन में इंटर्नल ब्लीडिंग भी हुई। रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टरों ने उनकी पत्नी से कहा था कि वो स्कॉट को नहीं बचा पाएंगे।

 

 

 

 

कंपनी ने पहले दावों को नकारा, फिर माना

पिछले साल स्कॉट ने एस्ट्राजेनेका के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। मई 2023 में स्कॉट के आरोपों के जवाब में कंपनी ने दावा किया था कि उनकी वैक्सीन से TTS नहीं हो सकता है। हालांकि इस साल फरवरी में हाईकोर्ट में जमा किए दस्तावेजों में कंपनी इस दावे से पलट गई। इन दस्तावेजों की जानकारी अब सामने आई है।

हालांकिअवैक्सीन में किस चीज की वजह से यह बीमारी होती है, इसकी जानकारी फिलहाल कंपनी के पास नहीं है। इन दस्तावेजों के सामने आने के बाद स्कॉट के वकील ने कोर्ट में दावा किया है कि एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन में खामियां हैं और इसके असर को लेकर गलत जानकारी दी गई। वैज्ञानिकों ने अप्रैल 2021 में वैक्सीन से होने वाली बीमारी की पहचान की

वैज्ञानिकों ने सबसे पहले मार्च 2021 में एक नई बीमारी वैक्सीन-इंड्यूस्ड (वैक्सीन से होने वाली) इम्यून थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (VITT) की पहचान की थी। पीड़ितों से जुड़े वकील ने दावा किया है कि VITT असल में TTS का ही एक सबसेट है। हालांकि एस्ट्राजेनेका ने इसे खारिज कर दिया।

 

 

 

 

कंपनी ने कहा- हमने मानकों का पालन किया

एस्ट्रजेनेका ने कहा, “उन लोगों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं, जिन्होंने अपनों को खोया है या जिन्हें गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ा। मरीजों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। हमारी रेगुलेटरी अथॉरिटी सभी दवाइयों और वैक्सीन (Corona Vaccine news) के सुरक्षित इस्तेमाल के लिए सभी मानकों का पालन करती है।”

कंपनी ने आगे कहा, “क्लिनिकल ट्रायल और अलग-अलग देशों के डेटा से यह साबित हुआ है कि हमारी वैक्सीन (Corona Vaccine news) सुरक्षा से जुड़े मानकों को पूरा करती है। दुनियाभर के रेगुलेटर्स ने भी माना है कि वैक्सीन से होने वाले फायदे इसके दुर्लभ साइड इफेक्ट्स से कहीं ज्यादा हैं।”

 

 

 

 

ब्रिटेन में नहीं इस्तेमाल हो रही एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन

खास बात यह है कि इस वैक्सीन (Corona Vaccine news) का इस्तेमाल अब ब्रिटेन में नहीं हो रहा है। टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, बाजार में आने के कुछ महीनों बाद वैज्ञानिकों ने इस वैक्सीन के खतरे को भांप लिया था। इसके बाद यह सुझाव दिया गया था कि 40 साल से कम उम्र के लोगों को दूसरी किसी वैक्सीन का भी डोज दिया जाए। ऐसा इसलिए क्योंकि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन से होने वाले नुकसान कोरोना के खतरे से ज्यादा थे।

मेडिसिन हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी (MHRA) के मुताबिक ब्रिटेन में 81 मामले ऐसे हैं, जिनमें इस बात की आशंका है कि वैक्सीन (Corona Vaccine news) की वजह से खून के थक्के जमने से लोगों की मौत हो गई। MHRA के मुताबिक, साइड इफेक्ट से जूझने वाले हर 5 में से एक व्यक्ति की मौत हुई है।

 

 

रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रीडम ऑफ इन्फॉर्मेशन के जरिए हासिल किए गए आंकड़ों के मुताबिक ब्रिटेन में फरवरी में 163 लोगों को सरकार ने मुआवजा दिया था। इनमें से 158 ऐसे थे, जिन्होंने एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन लगवाई थी। एस्ट्राजेनेका ने बचाई 60 लाख लोगों की जान

 

कंपनी ने यह भी दावा किया है कि उन्होंने अप्रैल 2021 में ही प्रोडक्ट इन्फॉर्मेशन में कुछ मामलों में TTS के खतरे की बात शामिल की थी। कई स्टडीज में यह साबित हुआ है कि कोरोना महामारी के दौरान एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन आने के बाद पहले साल में ही इससे करीब 60 लाख लोगों की जान बची है।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने भी कहा था कि 18 साल या उससे ज्यादा की उम्र वाले लोगों के लिए यह वैक्सीन (Corona Vaccine news) सुरक्षित और असरदार है। इसकी लॉन्चिंग के वक्त ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इसे ब्रिटिश साइंस के लिए एक बड़ी जीत बताया था।

Corona Vaccine news : ब्रिटिस कंपनी ने भी माना, एस्ट्राजेनेका की CORONA वैक्सीन से हार्ट अटैक का खतरा, इसी फार्मूले से तैयार की गई है कोविशील्ड की Vaccine, देश में 1.75 करोड़ डोज लगे Read More »

Patanjali's Drishti Eye Drop to Madhunashini Vati banned, know which products' licenses were cancelled.

Patanjali Products ban : पतंजलि की दृष्टि आई ड्रॉप से लेकर मधुनाशिनी वटी पर तक पाबंदी लगी, आए जानें किन-किन उत्पादों के लाइसेंस हुए कैंसल

Patanjali Products ban : पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों के मामलों पर बाबा रामदेव को सुप्रीम कोर्ट लगातार फटकार लगा रहा है और उनके सहयोगी बालकृष्ण की पतंजलि आयुर्वेद को उत्तराखंड सरकार ने बड़ा झटका दिया है। उत्तराखंड की लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने सोमवार को पतंजलि ग्रुपों के 14 प्रोडक्ट्स के लाइसेंस तुरंत प्रभाव से कैंसल (Patanjali Products ban ) कर दिए है। इनमें पतंजलि आयुर्वेद की दृष्टि आई ड्रॉप से लेकर दिव्य फार्मेसी की मधुमेह की दवा मधुनाशिनी वटी भी शामिल है।

 

 

 

 

और किन उत्पादों पर लगा बैन ?

बता दें कि, पतंजलि के अन्य उत्पादों के भी लाइसेंस कैंसल (Patanjali Products ban ) कर दिए हैं, जैसे उनमें दिव्य फार्मेसी के श्वासरि गोल्ड, श्वासरि वटी, ब्रोंकोम, श्वासरि प्रवाही, श्वासरि अवलेह, मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर, लिवामृत एडवांस, लिवोग्रिट और आईग्रिड गाल्ड भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट में हलफनामे दायर करते हुए लाइसेंसिंग निकाय ने कहा कि, उसने भ्रामक विज्ञापन मामले में पतंजलि की दिव्य फार्मेसी द्वारा निर्मित 14 उत्पादों के लाइसेंस सस्पेंड कर दिए हैं। उत्तराखंड औषधि कट्रोंल विभाग के एक संदेश मेें कहा कि, दिव्य फार्मेंसी की ओर से अपने उत्पादों की प्रभावशीलता के बारे में बार-बार भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने कारण लाइसेंस कैंसल (Patanjali Products ban ) किए गए हैं।

 

 

 

 

विज्ञापन पर हरिद्वार औषधि निरीक्षक ने क्या कहा ?

वहीं हरिद्वार के औषधि जिला आयुर्वेदिक एंव यूनानी अधिकारी के साईन जारी इस निर्देश में कहा गया है कि, संबंधित फर्म द्वारा वांछित जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई तथा फर्म द्वारा दिया गया स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाया गया।

इसके बावजूद भी फर्म ने मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भ्रामक विज्ञापन प्रसारित कराए हैं, इसलिए ड्रग्स एवं कॉस्मेटिक एक्ट 1945 की धारा 159 (1) के प्रावधानों के मुुताबिक तत्काल प्रभाव से सूचीबद्ध दवाओं के उत्पादन पर रोक लगाई जाती है। पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य फार्मेसी को इस आदेश के खिलाफ अपील करने के लिए 3 माह का टाईम भी दिया गया है।

गौरतलब है कि, यह कार्रवाई तब की गई है, जब योग गुरू रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण द्वारा प्रकाशित माफीनामे से संबंधित मामले पर सुप्रीम कोर्ट 30 अप्रैल यानि आज कुछ फैसला आएगा। दोनों को आज मंगलवार को कोर्ट में मौजूद रहने के आदेश हैं।

 

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This expensive iPad was launched for Rs 45 thousand, now it is available for less than Rs 30 thousand.

iPad price : यह महंगा आईपैड 45 हजार रू में हुआ था लॉन्च, अब मिल रहा है 30 हजार रूपये से भी कम

iPad price : अगर अभिभावक अपने बच्चों को शिक्षा या किसी ऑनलाईन की तैयारी के लिए कोई आइपैड दिलाने चाहते हैं, तो अब आपको महंगे वाले आईपैड भी उचित मूल्य पर मिल जाएंगे। आने वाली फ्लिपकार्ट सेल अपनी पैसा वसूल डील्स के लिए सुर्खियों में है। 3 मई से शुरू होने वाली Flipkart saving Big sales में स्मार्टफोन समेत अन्य बिजली उपकरणों पर भारी छूट मिलेगी।

फ्लिपकार्ट दावा कर चुका है की, कई डील्स को धीरे-धीरे टीज कर रहा है। यदि आप टैबलेट (iPad price) खरीदने का प्लान कर रहे हैं, तो सेल में आपके लिए एक बेहतरीन ऑफर है। फ्लिपकार्ट में एक टीजर किया है, जिसमें इशारा दिया गया हैं कि, सेल के दौरान को 30 हजार रूपये से कम कीमत के पेश किया जाएगा।

 

 

 

 

30 हजार से भी कम मिलेगा आईपैड

फ्लिपकार्ट के मुताबिक, सेल के दौरान Apple iPad 10th Gen मॉडल 30 हजार रूपये से कम राशि में खरीदने के लिए ऑप्शन होगा। बता दें कि, लॉन्च के दौर भारतीय बाजार में इसकी राशि 44 हजार 9 सौ रूपये थी। अब ये स्मार्टफोन 30 हजार रूपये से कम राशि में 64 जीबी स्टोरेज मॉडल ऑप्शन होगा बल्कि 256 जीबी मॉडल कुछ महंगा मिलेगा। जबकि, फ्लिपकार्ट ने (iPad price)  सटीक डील मूल्य का दावा नहीं किया है। देखना होगा कि, अब फ्लिपकार्ट अपने कस्टमरों को कैसे आश्चर्य करने वाला है।

 

 

 

 

 

क्या खाशियत है आईपैड में ?

Apple iPad 10th Gen मॉडल 10.9 इंच लिक्विड रेटिना डिस्प्ले के साथ आता है और ऐप्पल के बायोनिक चिपसेट से लैस है। यह 5 जी कनेक्टिविटी पर काम करता है। इसमें 12 मेगापिक्सेल का रियर कैमरा और 12 मेगापिक्सेल का ही सेल्फी कैमरा है। हालांकि, ऐप्पल (iPad price)  ने आईपैड 10 वीं जेनरेशन को नॉन-सेलुलर वेरिएंट के लिए 44 हजार 9 सौ रूपये की शुरूआती राशि पर लॉन्च किया गया है।

वहीं 30 हजार रूपये से कम के डील मूल्य पर यह एक शानदार डील हो सकती है, अगर आप टैबलेट (iPad price)  खरीदने का योजना बना रहे हैं। इसमें A14 Bionic chip है, जो आईफोन 12 सीरीज को भी पावर देता है और डैली की आवश्यकताओं को संभालने के लिए पर्याप्त है। इसके बावजूद, यह 5 जी सपोर्ट के साथ आता है, जिससे तेज नेटवर्क स्पीड होता है। टैबलेट का डिस्प्ले एक इमर्सिव व्यूईंग एक्सपीरियंस होता है।

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In this district of Haryana, a fine of Rs 10,000 was imposed for double charging in 24 hours at the toll plaza.

Haryana news : हरियाणा के इस जिले में टोल प्लाजा पर 24 घंटे में डबल चार्ज करने पर 10 हजार रुपये ठोका जुर्माना

Haryana News : हरियाणा के जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, रेवाड़ी (हरियाणा) के अध्यक्ष श्री संजय कुमार खंडूजा और श्री राजेंद्र प्रसाद (सदस्य) की खंडपीठ ने कठुवास टोल प्लाजा को 24 घंटे के अंतर वापसी सफर के लिए दो बार चार्ज करने के लिए जिम्मेदार ठहराया। डबल चार्जिंग में टोल नियमों का उल्लंघन शामिल था, जो यह व्याख्या करता है कि, टोल प्लाजा 24 घंटे के अंतर वापसी सफर के लिए टोल टैक्स का केवल आधा हिस्सा है।

 

 

 

क्या है पूरा मामला ?

बता दें कि, शिकायतकर्ता ने अपना वाहन चलाते समय एक ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से कठुवास (राजस्थान) टोल प्लाजा पर टोल शुल्क के रूप में 65/- रुपये का भुगतान किया। बाद में, उसी दिन रात 8:17 बजे, रेवाड़ी की वापसी यात्रा के दौरान, उन्होंने फिर से टोल प्लाजा पार किया और 65/- रुपये का ऑनलाइन भुगतान किया।

शिकायतकर्ता ने कहा कि, नियमों के अनुसार, टोल प्लाजा कंपनी 24 घंटे के अंतर वापसी सफर के दौरान टोल टैक्स का सिर्फ आधा हिस्सा वसूलने की लिए जिम्मेदार है। शिकायतकर्ता ने कई संचार किए और टोल प्लाजा को कानूनी नोटिस भेजा लेकिन कोई संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं मिली। व्यथित महसूस करते हुए, शिकायतकर्ता ने जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, रेवाड़ी, हरियाणा (Haryana News) में टोल प्लाजा के खिलाफ उपभोक्ता शिकायत दर्ज की।

 

शिकायत के जवाब में, टोल प्लाजा ने तर्क दिया कि शिकायतकर्ता ने लेन ड्राइविंग नियमों का उल्लंघन किया है। इसमें आरोप लगाया गया कि, शिकायतकर्ता लेन नंबर 6 से भटक गया और उसी लेन से जबरदस्ती से टोल पार कर गया। इसके अतिरिक्त, यह तर्क दिया गया कि, शिकायतकर्ता ने न तो टोल कार्यालय से संपर्क किया और न ही टोल-फ्री नंबर 1033 का उपयोग किया।

 

 

 

 

हरियाणा के रेवाड़ी जिला आयोग द्वारा अवलोकन

हरियाणा (Haryana News) के रेवाड़ी जिला आयोग ने संदेश के स्क्रीनशॉट का उल्लेख किया, जिसमें डुप्लिकेट टोल भुगतान का संकेत दिया गया था। यह देखा गया कि, शिकायतकर्ता ने टोल प्लाजा पर दो बार 65/- रुपये का भुगतान किया, पहले शाम 6:17 बजे और फिर उसी दिन रात 8:17 बजे। जिला आयोग ने नोट किया कि कानूनी नोटिस प्राप्त होने के बाद टोल प्लाजा द्वारा शिकायतकर्ता को अतिरिक्त राशि वापस कर दी गई थी। जबकि शिकायतकर्ता ने वाफिस की गई राशि की प्राप्ति को स्वीकार किया, यह तर्क दिया कि यह कानूनी नोटिस दिए जाने के बाद ये राशि आई थी।

 रेवाड़ी जिला आयोग (Haryana News) ने शिकायतकर्ता के तर्क से स्वीकार व्यक्त की और कहा कि, लीगल नोटिस के बाद ही अतिरिक्त भुगतान वापस करने की टोल प्लाजा की कार्रवाई सेवा में कमी और उसकी ओर से अनुचित व्यापार व्यवहार का संकेत देती है। यह माना गया कि इस तरह की प्रथाओं के परिणामस्वरूप टोल प्लाजा उपयोगकर्ताओं की कीमत पर टोल प्लाजा द्वारा राशि का अन्यायपूर्ण संचय हो सकता है।

नतीजतन, जिला आयोग ने टोल प्लाजा को शिकायतकर्ता को मानसिक पीड़ा, उत्पीड़न और शिकायतकर्ता द्वारा बर्दाश्त किए गए मुकदमेबाजी के खर्च के लिए 10,000 रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया।

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This macho lady constable has so far brought back home 700 missing people, know how she tracks them

Ladies Police Constable Story : 700 लापता लोगों की अब तक घर वापसी करा चुकी हैं ये मर्दानी महिला कॉस्टेबल, जानें कैसे करती हैं ट्रैक

Ladies Police Constable Story : आपने बॉलिवुड अभिनेत्री रानी मुर्खजी की मर्दानी फिल्म तो देखी ही होगी, जिन्होंने फिल्म में बच्चों काे ढूंढ़ते हुए महिला पुलिस का किरदार निफाया था। इसी फिल्म की तरह महाराष्ट्र की महिला पुलिस कॉस्टेबल उषा कोंडलकर की कहानी है। उषा कोंडलकर साल 1991 में महाराष्ट्र पुलिस में भर्ती हुई थी. उषा पिछले 6 वर्षों में 700 से अधिक लापता लोगों को उनकी घर वापसी कराई है। उषा कोंडलकर ने एक मीडिया रिर्पोट में बताया कि, इस वक्त थाने में लापता होने की रोजाना 1-2 शिकायत लिखी जाती है।

लोग गुस्से में परिवार तो छोड़ देते हैं, लेकिन अपने पीछे क्या छोड़ जाते हैं, उन्हें इस बात का तब एहसास होता है कि, जब वह कुछ दिन अकेले गुजारते हैं। आगे उन्होंने बताया कि, वह अपने 32 साल के पुलिस करियर के स्ट्रांग नेटवर्क का प्रयोग कर इन लापता लोगों की घर वापसी करवाती आई हैं।

 

 

 

2021 से अब तक 575 बच्चों काे पता लगाया गया है 

एक मीडिया रिर्पोट के मुताबिक, एमआईडीसी पुलिस (Ladies Police Constable Story ) स्टेशन के मिसिंग स्क्वाड में कार्यरत उषा कोंडलकर ने 2021 से अब तक 575 बच्चों, महिलाओं और पुरुषों में से 536 का पता लगा पाई हैं और उन्हें उनके परिवारों को सौंपा है। तत्कालीन पुलिस निरीक्षक बेसरकर, भीमा नारके और वर्तमान पुलिस निरीक्षक प्रवीण काले के मार्गदर्शन में सहायक पुलिस निरीक्षक प्रशांत साबले के नेतृत्व में उन्होंने यह उपलब्धि सफलतापूर्वक हासिल की।

 

 

 

गुमशुदा लोगों को ढूंढने के लिए क्या तकनीकी अपनाती है ?

वे देश के विभिन्न राज्यों और जिलों में लापता व्यक्तियों (Ladies Police Constable Story ) की जांच और लापता व्यक्तियों का पता लगाने के लिए जरुरी संपर्क और तकनीकी विश्लेषण, सीसीटीवी फुटेज, न्यूज पेपर में इस्तेहार, सीसीटीएनएस, आईसीजेएस, सोशल मीडिया आदि की प्रणाली का कुशलतापूर्वक उपयोग करती हैं। इससे पहले वह प्रतापनगर थाने में भी 150 गुमशुदा लोगों को ढूंढ चुकी हैं।

उन्होंने बताया कि, घर से भागे हुए लोगों को ढूंढना थोड़ा मुश्किल होता है। ऐसे लोग अपना घर से अपना संपर्क तोड़ने के लिए अपना फोन वगैरा सब बंद कर देते हैं, जिससे इन्हें ट्रैक करना थोड़ा मुश्किल होता है। लेकिन लगातार उस दिशा में काम करने से उनकी टीम ऐसे लोगों को खोज निकालती है।

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Through this option, you can easily withdraw Haryana Jamabandi online sitting at home.

Haryana Jamabandi Copy : इस विकल्प के माध्यम से आप घर बैठे आसानी से निकालें ऑनलाइन हरियाणा जमाबंदी 

Haryana Jamabandi Copy : हरियाणा सरकार ने हरियाणा जमाबंदी पोर्टल पर वैरीफाईड नकल का (Verified copy) विकल्प (Option) जोड़ दिया है। इस विकल्प के माध्यम से आप घर बैठे आसानी से वेरीफाई जमाबंदी नकल ऑनलाइन ही डाउनलोड कर सकते हैं और यह नकल पूरी तरह से मान्य होगी। हरियाणा जमाबंदी पोर्टल पर दोनों तरह के विकल्प दिए गए हैं, अगर आप वैरीफाईड नकल निकालना चाहते हैं तो, उसके लिए ऑनलाइन ही शुल्क भर कर वैरीफाईड नकल डाउनलोड कर सकते है और अगर आप शुल्क नहीं देना चाहते तो आप सामान्य जमाबंदी नकल भी निकाल सकते हैं।

हरियाणा के लोग भूलेख हरियाणा (Bhulekh Haryana) से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी जैसे खसरा, खतौनी, जमाबंदी नकल, भू- नक्शा , ऑनलाइन चेक कर पाएंगे और डाउनलोड भी कर पाएंगे। इसके लिए उनको आधिकारिक वेबसाइट Jamabandi.nic.in पर जाना होगा।

 

हरियाणा जमाबंदी नकल 2024

 

यदि आप अपनी जमीन की फर्द, जमाबंदी नकल (Haryana Jamabandi Copy) ऑनलाइन जांच करना चाहते हैं, उसके लिए हरियाणा सरकार ने पोर्टल शुरू कर दिया है और साथ में आप जमाबंदी वेरीफाई नकल डाउनलोड कर पाएंगे, जो की पूरी तरह से मान्य होगी अथार्थ आपको पटवारी के दफ्तर के चक्कर काटने की जरुरत नहीं पड़ेगी। जैसे आप पहले पटवारी से वेरीफाई नकल निकलवाते थे, वैसे ही अब आप ऑनलाइन जमाबंदी वेरीफाई नकल निकाल सकते हैं। राज्य के नागरिक ऑनलाइन ही “खाता खतौनी” अन्य सूचना देख सकते हैं और वह डाउनलोड कर सकते हैं।

हरियाणा जमाबंदी नकल @Jamabandi nic in

 

हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर द्वारा काफी ही अच्छी शुरुआत की गई है। इस पोर्टल के माध्यम से आम व्यक्ति को बहुत ही आसानी हो गई है। अब वह अपना घर बैठे आसानी से अपनी जमीन की जमाबंदी डाउनलोड कर सकते हैं। ऐसे में आम व्यक्ति इसके लिए उनको सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे, उससे उनको छुटकारा मिल गया है | अगर बात करें कि इस पोर्टल पर क्या-क्या हमें सुविधा मिलेगी तो वह इस प्रकार हैं :

  • डीड रजिस्ट्रेशन अपॉइंटमेंट
  • डीड रजिस्ट्रेशन चेकलिस्ट
  • स्टांप ड्यूटी एंड रजिस्ट्रेशन फीस
  • कलेक्ट्रेट रेट
  • रजिस्टर्ड डिड देख सकते हैं
  • स्टे आर्डर देख सकते हैं
  • जमाबंदी नकल चेक कर सकते हैं
  • वेरीफिएबल जमाबंदी नकल डाउनलोड कर सकते हैं

 

 

 

हरियाणा जमाबंदी नकल कैसे निकाले ?

हरियाणा सरकार द्वारा जारी की ऑफिशल वेबसाइट पर जाएं और जमाबंदी (Haryana Jamabandi Copy) नकल के विकल्प (Option) को सेलेक्ट करें। इसके बाद पूछी गई अपनी तमाम सूचना भरकर सर्च के विकल्प पर क्लिक करें। अब आपके सामने आपकी जमीन की सूचना आ जाएगी और अब आप इसे आप डाउनलोड कर सकते हैं।

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