Graduate Rood Visa Ban News : ग्रेजुएट रूट वीजा पर पीएम सुनक लगाएंगे प्रतिबंध, भारतीय छात्रों पर पड़ेगा ज्यादा प्रभाव
Graduate Rood Visa Ban News : कुछ दिन पहले कनाडा में ट्रुडों सरकार ने कैंपस में विदेशी छात्रों के काम करने के घंटे घटाकर नए नियमों में संशोधन किया था, जिससे अधिकांश भारतीय छात्र प्रभावित हुए। इसी तरह अब ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ब्रिटेन में कानूनी प्रवासन के रिकोर्ड को कम करने के लिए पोस्ट स्टडी वीजा (ग्रेजुएट रूट पॉलिसी) पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहे हैं। वहीं, इस विचार के खिलाफ में विश्वविद्यालयों और छात्र ग्रुपों ने मंगलवार को पीएम सुनक से देश में पढ़ाई के बाद भी इसे जारी रखने की पैरवी की है। बता दें कि, पोस्ट स्टडी वीजा ग्रेजुएट को उनके डिग्री कोर्स के बाद दो साल तक रहने और काम करने की परमिशन देता है।
ग्रेजुएट रूट प्रतिबंध होने की कगार पर
दरअसल, ब्रिटेन में आम चुनाव को देखते हुए पीएम सुनक बढ़ते प्रवासन रिकार्ड को कम करने के लिए ग्रेजुएट रूट (Graduate Rood Visa Ban News) को समाप्त करने पर विचार कर रहे हैं। जबकि, करीब 30 विश्वविद्यालय के कुलपतियों और नेशनल इंडियन स्टूडेंट्स एंड एलुमनाई एसोसिएशन (NISAU) यूके के एक ग्रुप ने पीएम कार्यालय को एक पत्र लिखा, पत्र में उन्होंने ग्रेजुएट वीजा योजना को बनाए रखने की अपील की।
ग्रेजुएट रूट निधि के बारे में जाने
पाठकों को बता दें कि, पीएम सुनक को संबोधित (NISAU- UK) पत्र में कहा गया है कि 70 फीसदी भारतीय छात्रों ने हमें बताया है कि, जब वह किसी अन्य देशों में पढ़ाई के लिए सोचते हैं, तो उनका पहला ध्यान ब्रिटेन आता है। उन्होंने आगे कहा कि, भारतीय छात्रों का मानना है कि ग्रेजुएट रूट (Graduate Rood Visa Ban News) अस्थायी अवधि के लिए काम करने का चांस देता है। वहीं, कंसल्टेंसी लंदन इकोनॉमिक्स के रिकार्ड के मुताबिक, इस सिंगल ग्रुप से यूके की अर्थव्यवस्था को 37 बिलियन पाउंड का आर्थिक फायदा होता है।
भारतीय छात्रों पर पड़ेगा सबसे ज्यादा प्रभाव
ब्रिटिश पीएम को सौंप गया ज्ञापन पत्र के मुताबिक, साल 2021 से 2023 के बीच इस योजना के जरिये 89,200 वीजा जारी किया गया। जो कुल अनुदानों का 42 फीसदी हिस्सा है। बताया जा रहा है कि, इस वीजा योजना के लिस्ट में भारत पहले स्थान पर है। यदि ग्रेजुएट रूट निधि (Graduate Rood Visa Ban News) पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध यानि बैन लगाया जाता है, तो सबसे ज्यादा भारतीय स्टूडेंटस इससे प्रभावित होंगे।