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Haryana Private School Closed : हरियाणा में हजारों की तादात में निजी स्कूल होंगे बंद, एमआईएस ने जारी किया आदेश

Haryana Private School Closed : हरियाणा के महेद्रगढ़ के कनीना में स्कूल बस दुर्घटना के बाद हरियाणा सरकार और शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों पर पूरी तरह एक्शन ले रही है। शिक्षा विभाग ने इस तरह शिकंजा कसना शुरू कर दिया है कि, क्लस्टर स्तर पर टीमों का गठन करके ! उन्हें चेकिंग अभियान चलाने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं।

परिवहन और शिक्षा विभाग स्कूली वाहनों की फिटनेस जांच कर रहा है। जबकि शिक्षा निदेशालय ने राज्य भर में चल रहे 4500 गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी कर दिया है।

बता दें कि, बेसिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों से गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों के बारे में रिपोर्ट मांगी है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को लिख पत्र में उन्होंने गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों के एमआईएस पोर्टल को बंद करने के लिए कहा है। दरअसल, एमआईएस पोर्टल पर उपलब्ध मान्यता प्राप्त और गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों की सूची मुख्यालय को भेजने के निर्देश दिए है।

 

गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों पर हरियणा सरकार पहले ही अपना रूख स्पष्ट तय कर चुकी है। पर निजी स्कूल (Haryana Private School Closed) संचालक लगातार मान्यता के लिए प्रयास कर रहे थे। सरकार की सख्तियों के बाद, निजी स्कूल संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने सीएम नायब सैनी को एक ज्ञापन सौंपा था।

ज्ञापन में निजी स्कूलों (Haryana Private School Closed) को बंद नहीं करने, 10 साल के बाद स्थानीय मान्यता प्राप्त स्कूलों की मान्यता समीक्षा के आदेश को रद्द करने और स्कूल समितियों पर लगाए गए जुर्माने को माफ करने की मांग की गई थी। उस समय सीएम ने आश्वासन दिया था कि, कोई भी स्कूल बंद नहीं किया जाएगा।

 

हरियाणा स्कूल शिक्षा नियम सन् 2003 के मुताबिक, अगर कोई स्कूल शर्तों को पूरा किए बिना संचालित होता है, तो इसे अपराध माना जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसलिए अस्थायी रूप से मान्यता प्राप्त स्कूलों को नए सत्र में प्रवेश लेने की अनुमति प्रदान तभी कि जाएगी, जब यें शर्तों को पूरा करेंगे।

इस प्रकार हरियाणा शिक्षा विभाग के द्वारा मान्यता प्राप्त छोटे और बड़े गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों (Haryana Private School Closed) पर छापे मारने के लिए गु्रपों का गठन किया गया है। यें गु्रप जहां गैर-मान्यता स्कूलों में कक्षाएं आयोजित की जा रही हैं, वहां छापे-मारी करेंगे। यानी, टीम के सदस्य अपने समूह में स्कूलों का निरीक्षण करेंगे और अवैध रूप से चलाए जा रहे स्कूलों को बंद करा देंगे।

बड़ी संख्या में ऐसे स्कूल हैं जिन्हें छोटी कक्षाओ की मान्यता प्राप्त है, पर वे बड़ी कक्षाओं में प्रवेश दे रहे हैं। बता दें कि, अब तक 282 गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों (Haryana Private School Closed) की पहचान की गई है! जिन्हें आदेशों के बाद बंद कर दिया जाएगा।

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Jind news : जींद की प्रतिभा ने हासिल किया यूपीएससी में 356 वां रैंक, पिता एएसआई ने बांटी खुशी से मिठाई

Jind news : जींद के गांव जुलानी के बेटी प्रतिभा नें यूपीएससी में 356 वां रैंक हासिल करके देश में गांव और जिला का नाम रोशन किया। कहा जाता है कि, प्रतिभा के दादा गुरू स्व. धन सिंह का इस क्षेत्र में अपना नाम और प्रभाव था। प्रतिभा की इस तरह कि सूचना मिलने पर दिल्ली पुलिस में एएसआई जवाहर सिंह का खुशी का ठिकाना नही रहा। पिता ने अपने सके संबधीं एंव रिश्तेदारों को प्रतिभा की सफलता के बारे में सूचित करते हुए खुशी जाहिर की और मिठाई बांटी।

 

प्रतिभा के परिवार के बारें में

जींद (Jind news) के गांव जुलानी के प्रतिभा के दादा गुरू स्व. धन सिंह का इस क्षेत्र में काफी बड़ा नाम था। जबकि प्रतिभा का बड़ा भाई मंदीप विदेश मंत्रालय में कार्यरत हैं। प्रतिभा का पिता जवाहर सिंह दिल्ली पुलिस में एएसआई हैं। जबकि मां संतोष स्वास्थ्य विभाग गुरूग्राम में स्टाफ नर्स हैं।

 

प्रतिभा के जीवन के बारें में

गौरतलब है कि, प्रतिभा ने जींद (Jind news) के आदर्श विधा मंदिर में पांचवी कक्षा तक पढ़ाई की और फिर नौवीं कक्षा तक इंडस पब्लिक स्कूल में पढ़ाई की। उसके बाद प्रतिभा का परिवार गुरूग्राम चला गया। वहां से प्रतिभा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीएससी और गुड़गांव विश्वविद्यालय से एमएससी किया। उन्होंने वर्ष 2020 में आईआईटी  मुंबई से गणित में एमएससी की।

प्रतिभा हमेशा शिक्षा में होनहार और संघर्षशील छात्रा रही है। उन्होंने सभी बोर्डों और उच्च शिक्षा में 80 प्रतिशत से अधिक अंकों के साथ उत्तीर्ण किया है। यूपीएससी में चयनित होना प्रतिभा का सपना था। पहले प्रयास में वह सफल नहीं हुई, लेकिन उन्होंने हार नी मानी दूसरे प्रयास में 326 वां रैंक हासिल कर अपने माता-पिता के साथ गांव और जिला का नाम प्रदेश एंव देशभर में नाम रोशन किया।

माता-पिता ने प्रतिभा का समय-समय पर पूरा समर्थन किया। प्रतिभा को अध्ययन करने के लिए भी अधिक समय दिया, जिससे प्रतिभा ने स्व-अध्ययन के साथ समसामयिक मामलों पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि, गुरूग्राम में वह जिस घर में रहती हैं, उसी बिल्डिंग के एक मंजिल पर एक युवक यूपीएससी की तैयारी करता था। उसके चुनने के बाद में उससे प्रेरित हुई।

प्रतिभा ने आगे कहा, मेरी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को देती हूं ! जिन्हें हर समय मेरा पूरा सर्पोट किया। वहीं जुलानी (Jind news) के निवासी केवल कृष्ण जुलानी ने कहा कि, गांव की बेटी प्रतिभा ने न केवल गांव का बल्कि राज्य एंव देश का नाम रोशन किया है, जिससे उन्हें अपनी प्रतिभा पर गर्व है।

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Mughal harm : मुगल हरम में ऐसी क्या चीजें परोसी जाती थी, जिससे मुगल बादशाहों की ताकत बढ़ती थी ! आए जानें इसके बारें में

Mughal harm : मुगल हरम में ऐसी क्या चीजें परोसी जाती थी, जिससे मुगल बादशाहों की ताकत बढ़ती थी ! आए जानें इसके बारें मेंकेंद्र सरकार के द्वारा नई शिक्षा नीति के तहत किताबों के इतिहास में बेशक मुगलकाल हटा दिया गया हो, लेकिन मुगलकाल के बारें में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जमकर पोस्टींग वायरल होती हैं। इस बीच हम आपकों मुगल बादशाहों की दावत में मुगल हरम की चीजों के बारें में बता रहें हैं, जिससे मुगल बादशाहों की ताकत बढ़ती थी।

 

मुगल हरम में खाने की क्या चीजें होती थी ?

मुगलकाल में मुगल बादशाह अपनी शारिरिक ताकत को बढ़ाने के लिए ऐसी (Mughal harm) चीजें खाते थे, जो आयुर्वेद में कमजोरी के लिए अति प्रिय मानी गई हैै। बता दें कि, मुगल अपनी ताकत बढ़ानेे के लिए खानपान पर विशेष ध्यान देते थे और हाई प्रोटीन के साथ कई तरह की जड़ी-बूटियों का सेवन भी करते थे। वहीं मुगल खजूर का सेवन रोज करते थे, भीगे खजूर शारीरिक कमजोरी दूर कर हीमोंग्लोबिन बढ़ाते हैं।

मुगल शासक रोज रात में खाने के बाद दूध के साथ अंजीर पका कर खाते थे, अंजीर एनर्जी का पावर हाउस माना जाता है। इसके अलावा वें लौंग को दूध में उबाल कर पिया करते थे, जिसमें कैल्सियम, पोटेशियम होता है! जो शरीर को नई एनर्जी से भर देती है।

मुगल हरम (Mughal harm) में दालचीनी और इलायची वालेे दूध भी स्वीट डिश में शामिल थे। क्योंकि ये चीजें मूड के साथ थकान को भी दूर करती हैं। इसके साथ ही अश्वगंधा, शतावरी और शिलाजीत जैसी जड़ियां भी मुगलकाल में खाई जाती थीं, ये तीनों ही पुरूषों और महिलाओं दोनों की शारीरिक कमजोरी को दूर करती हैं।

पाठक अवश्य ध्यान दें, यह खबरी गंधाश केवल आपको सूचित करने के लिए है। इस मुगल हरम (Mughal harm)  में शामिल सभी खाने की सामग्री पर अमल करने से पहले अपने विशषज्ञ डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।

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E-Ration card Update : घर बैठे मोबाईल से 2 मिनट में ई- राशन कार्ड कैसे प्राप्त करें, आये जाने इसके बारे में

E-Ration card Update : आपको बता दें की, यदि आपका भी राशन कार्ड खो गया है या फिर आपने नए राशन कार्ड के लिए आवेदन किया था जो अभी तक नहीं आया है, तो इस स्थिति में आप ऑनलाइन माध्यम से भी ई- राशन कार्ड(E-Ration card Update ) डाउनलोड कर प्राप्त कर सकते हैं।

 

ई-राशन कार्ड क्या है ?

ई- राशन कार्ड (E-Ration card Update ) की सहायता से हम किसी भी राशन डीलर से सरकार द्वारा दी जा रही राशन सामग्री या अन्य सेवाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। पहले राशन कार्ड धारकों के पास केवल राशन कार्ड की हार्ड कॉपी हुआ करती थी, जो कई बार घूम हो जाती थी या फिर फट जाती थी। राशन कार्ड के खों जाने या फिर फट जाने के कारण राशन कार्ड धारकों को इसके लाभ प्राप्त करने में परेशानी का सामना करना पड़ता था।

सरकार द्वारा राशन कार्ड धारकों की इस परेशानी को सॉल्व करने के लिए ई- राशन कार्ड (E-Ration card Update )  जारी कर दिया है। अब आप एनएफएसए या फिर स्टेट राशन पोर्टल पर जाकर आपका राशन कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। इसके अलावा आप आपके फोन में डीजी-लॉकर की सहायता से भी ई राशन कार्ड डाउनलोड कर प्राप्त कर सकते हैं।

 

आपके परिवार का ई-राशन कार्ड कैसे डाउनलोड करें ?

  • सबसे पहले आपको NFSA की अधिकारी वेबसाइट www.nfsa.gov.in पर जाना है।
  • इसके बाद आप आधिकारिक वेबसाइट पर राशन कार्ड के सेक्शन में राशन कार्ड डिटेल्स ऑन स्टेट पोर्टल के ऑप्शन को सेलेक्ट करना है।
  • यहां पर इसके बाद आपको भारत के समस्त राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राशन कार्ड पोर्टल का डायरेक्ट लिंक मिल जाएगा।
  • अब इसके बाद आप आपके राज्य के पोर्टल लिंक का चयन करें।
  • इसके बाद आपके सामने नया वेब पेज ओपन होगा।
  • यहां पर इसके बाद आपको आपके जिले का चयन करना है।
  • अब इसके बाद आपके सामने आपके जिले के शहरी व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के राशन कार्ड आ जाएंगे इनमें से आपको शहरी या ग्रामीण में से एक सेलेक्ट करना है।
  • इसके बाद आपको तहसील फिर पंचायत तथा अंत में आपका गांव चुनना है।
  • इसके बाद आपके सामने आपके गांव के समस्त परिवारों की राशन कार्ड (E-Ration card Update ) डिटेल्स आ जाएगी।
  • इनमें से इसके बाद आपको आपके नाम या राशन कार्ड नंबर से राशन कार्ड की जानकारी सर्च करनी है।
  • इसके बाद आपको दिए गए राशन कार्ड नंबर को चुनना है, जिससे आपके परिवार की राशन कार्ड जानकारी आपके सामने ओपन हो जाएगी।
  • इस प्रक्रिया के तहत आप ई- राशन कार्ड (E-Ration card Update ) को डाउनलोड भी कर सकते हैं।
  • इस प्रकार आप आसानी से आपके परिवार का ही राशन कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं।

डीजी लॉकर से आपके परिवार का ई- राशन कार्ड डाउनलोड कर सकते है

  • सबसे पहले आपको आपके मोबाइल में डीजी लॉकर एप्पलीकेशन को डाउनलोड करना है तथा इसमें लॉग इन करना है।
  • अब इसके बाद आपको सर्च के ऑप्शन में जाकर राशन कार्ड सर्च करना है।
  • इसके बाद आपके राज्य के राशन कार्ड के ऑप्शन को चुनना है।
  • इसके बाद  दिए गए बॉक्स में आपके राशन कार्ड नंबर दर्ज करने है।
  • इसके बाद आप अब केप्चा कोड दर्ज करे तथा सबमिट करे।
  • आपका राशन कार्ड आपके डीजी लॉकर अकाउंट में सेव हो जायेगा, जिसे आप कभी भी डाउनलोड कर सकते है।

राशन कार्ड ऑनलाइन कैसे डाउनलोड करें?

आपको बता दें की, आप ऑनलाइन NFSA की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आपका ई राशन कार्ड (E-Ration card Update ) डाउनलोड कर सकते है। इसके अलावा आप डीजी लॉकर की सहायता से भी ई-राशन कार्ड डाउनलोड कर सकते है।

 

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Farmer Successes Story : यूट्यूब से खेती सीखकर एक गरीब किसान का बेटा बना करोड़पति, आए जानें सक्सेस स्टोरी

Farmer Successes Story : डिजिटल तकनीक ने दुनिया भर में खाद्य आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत किया है और इसका महत्व दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। इसी प्रकार डिजिटल इंडिया का मंत्र हर क्षेत्र में बदलाव ला रहा है और अब इसका असर कृषि क्षेत्र में भी दिखने लगा है।

कहानी मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के एक किसान की है, जिसने फसल उत्पादन में सुधार के लिए आधुनिक तकनीक अपनाई। इस प्रकार आपको मध्य प्रदेश के एक ऐसे किसान की सफलता (Farmer Successes Story ) की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने डिजिटल क्रांति का फायदा उठाया और अब हर साल बंपर मुनाफा कमा रहे हैं।

 

किसान ने यूट्यूब से सहजन की खेती सीखी

एमपी के खरगोन जिला निवासी 46 वर्षीय किसान अनिल वर्मा (Farmer Successes Story ) आज अपने आसपास के किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं। अनिल खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर एक छोटे से गांव रायबिदपुरा में रहते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि, अनिल वर्मा ने यूट्यूब से मिले ज्ञान की मदद से सहजन की खेती शुरू की और अब हर तीन साल में 6 लाख रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं। लेकिन इस मुनाफ़े को कमाने के लिए उन्होंने नए ज़माने की तकनीक और टेलीमैटिक्स को अपनाया।

 

लॉकडाउन के दौरान अनिल का बढ़ा टेक्नोलॉजी की तरफ रुचान

बता दें की, अनिल एक बेहद साधारण किसान थे लेकिन आज वह एक टेक सेवी (प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ) बन गए हैं। चार साल पहले, जब देश में कोविड-19 के कारण तालाबंदी हुई, तो इस दौरान अनिल का तकनीक की तरफ रुचान बढ़ा। ऐसे में अनिल को सबसे पहले सहजन के बीज और फलियों के बारे में जानकारी पहले लॉकडाउन के दौरान महाराष्ट्र के एक किसान से मिली।

इसके बाद उन्होंने यूट्यूब पर इस फसल के बारे में जानकारी जुटाई, इसी समय इसकी खेती में उनकी रुचि बढ़ने लगी। वह वर्ष 2019 में मनरेगा से जुड़े और अब तक पांच फसलों से लाभान्वित (Farmer Successes Story ) हो चुके हैं। छठी फसल काटने के लिए भी तैयार हैं। इससे उन्हें अब तक 6 लाख रुपये तक का मुनाफा हो चुका है।

 

सहजन की खेती और फायदे अनेक

आधुनिक सहजन की खेती की मदद से वे अब आंतरिक फसल को भी बढ़ावा दे रहे हैं। अनिल ने ग्रेजुएशन (Farmer Successes Story ) किया है। पढ़ाई पूरी करने के बाद खेती करने वाले अनिल ने हमेशा कुछ नया करने की चाहत में कई नई तरह की तकनीकें सीखीं। उनका कहना है कि, सहजन या मोरिंगा की देश के साथ-साथ विदेशों में भी अच्छी मांग है।

पौष्टिक होने के साथ-साथ आयुर्वेद में इसका बहुत महत्व है। इसमें दूध से चार गुना अधिक पोटैशियम, सात गुना अधिक कैल्शियम और संतरे से सात गुना अधिक विटामिन होते हैं।

 

पत्ती पाउडर का व्यापार

अनिल अब इसकी पत्तियों का पाउडर बनाकर उचित मात्रा में गेहूं के आटे में मिलाकर व्यवसाय कर रहे हैं। यह चूर्ण बच्चों में हड्डियों के रोग और कुपोषण को दूर करने में सहायक है।

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UPSC Success story : हेड कांस्टेबल का बेटा बना IPS अफसर, पहले ही कोशिश में हासिल की सफलता

UPSC Success story :  मंगलवार को यूपीएससी आईएएस और यूपीएससी आईपीएस का रिजल्ट डिक्लेयर होने के बाद कई मिडल क्लास के परिवारों में खुशी लहर छा गई। इसी बीच रिजल्ट के साथ कई बच्चों के सुनहरे दिनों की कहानी की पटकथा लिखी गई। इन कहानियों में से एक कहानी हेड कांस्टेबल के बेटे विशाल दुबे ने यूपीएससी रैगिंग में 296 वां रैंक हासिल किया! जिससे पिता को खबर सुनते ही खुशी का ठिकाने ही नी रहा।

हेड कांस्टेबल संजय ने बताया कि दोपहर बेटे विशाल ने यूपीएससी की परीक्षा में सफल (UPSC Success story ) होने की फोन पर सूचना दी। उसने बताया कि 296 रैंक मिलने पर आइपीएस में चयन हुआ है। बेटे का आइपीएस में चयन होने से खुश संजय ने साथी कर्मचारियों और एसीपी अजय त्रिवेदी को सूचना दी। इस पर सभी ने उन्हें बधाई दी। साथी कर्मचारियों ने खुशी में एक – दूसरे का मुंह मीठा कराया।

 

पिता हेड कांस्टेबल पद पर कहां ड्यूटी करतें हैं ?

फर्रुखाबाद के नीम करोरी निवासी संजय दुबे, बिल्हौर के एसीपी कार्यालय में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं। वह मार्च माह में ही फिरोजाबाद से स्थानांतरित होकर बिल्हौर आए हैं।

एसीपी कार्यालय में तैनात हेड कांस्टेबल के बेटे का यूपीएससी की परीक्षा में पहले प्रयास में ही 296 रैंक हासिल कर आइपीएस में चयन हुआ है। बेटे का पुलिस अधिकारी के पद पर चयन होने पर हेड कांस्टेबल को साथी कर्मचारियों और अधिकारियों ने बधाई दी।

 

विशाल दुबे और उसके परिवार के बारे में कुछ सूचना

बेटा विशाल का नाम यूपीएससी रैंक में आने के बाद मीडिया रिपोर्ट में संजय ने बताया कि परिवार में पत्नी रेनू दुबे ग्रहणी है। बड़े बेटे विशाल दुबे का आइपीएस में चयन हुआ है। वहीं छोटी बेटी वैष्णवी फर्रुखाबाद के दयाल कालेज से फाइन आर्ट का डिप्लोमा कर रही है।

उन्होंने बताया कि, विशाल की प्राथमिक शिक्षा फिरोजाबाद से हुई है। कक्षा छह से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई उसने राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल बेंगलुरु से की है। इसके बाद स्नातक की पढ़ाई सेंट जोंस कालेज आगरा से पालिटिकल साइंस विषय से की है।

वर्ष 2022 में स्नातक करने के बाद बेटा सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए दिल्ली चला गया और वहां बिना कोई कोचिंग स्वयं पढ़ाई कर पहले ही प्रयास में सफलता (UPSC Success story ) हासिल की है। इस समय बेटे की परास्नातक की पढ़ाई के साथ रैंक और बेहतर करने की तैयारी चल रही है। बेटे का आईएएस बनने का सपना है।

उन्होंने बताया कि बेटे का आइपीएस में चयन होने की सूचना पर एसीपी ने उन्हें परिवार के साथ खुशी मनाने के लिए घर जाने की दो दिन की छुट्टी दी है। इस बीच विशाल ने भी अपनी सफलता (UPSC Success story ) का श्रेय माता-पिता और गुरुजनों को दिया है।

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School Vehicle Policy Update : महेंद्रगढ़ के बस हादसे के बाद, हरियाणा सरकार ने सभी स्कूल संचालकों पर की सख्ती, और कहा इस तारीख तक स्कूल वाहन पॉलिसी के नियमों को पूरी तरह से करें लागू , वरना होगी कार्रवाई !

School Vehicle Policy Update : हरियाणा सरकार महेंद्रगढ़ हादसे के बाद राज्य के सभी नीची स्कूल संचालकों पर सख्ती से पेश आ रही है। स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए सरकार अहम कदम उठा रही है। इसलिए बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्कूली वाहनों के लिए सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी सरकार द्वारा बनाई गई है। इसके तहत बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्कूली वाहनों में जरूरी उपकरण और अन्य व्यवस्थाएं होना जरूरी है।

 

क्या स्कूल वाहन पॉलिसी के नियम?

स्कूल वाहन पॉलिसी के अनुसार, स्कूलों की बस का रंग पीला होना चाहिए और उसमें नीले रंग की पट्टी में स्कूल का नाम लिखा होना चाहिए। बस के अंदर प्राथमिक उपचार बॉक्स और अग्निशमन यंत्र होना जरूरी है।

इसके साथ ही बस के अंदर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरा होना चाहिए। स्कूली वाहन (School Vehicle Policy Update) की स्पीड पर कंट्रोल के लिए स्पीड गवर्नर लगा होना चाहिए। स्कूल की बस के ड्राइवर का मेडिकल फिटनेस होना जरूरी है और ड्राइवर रखे जाने वाले के लिए 5 साल का अनुभव होना चाहिए।

स्कूल की बस के विंडो पर होरिजेंटल ग्रिल हो ताकि कोई बच्चा किसी कारण बस खिडक़ी से बाहर नहीं गिर सके। स्कूल की बस पर ड्राइवर का नाम उसका मोबाइल नंबर अंकित होना चाहिए । इसके साथ ही ड्राइवर प्रॉपर वर्दी में हो, स्कूल बस चलाते समय सीट बेल्ट अवश्य लगनी होनी चाहिए है। स्कूली बस की पासिंग और टैक्स भरा हुआ होना चाहिए। इसके साथ ही स्कूल बस में महिला के परिचालक का होना भी जरूरी है।

अगर कोई स्कूल संचालक 26 अप्रैल तक स्कूल वाहन पॉलिसी (School Vehicle Policy Update) के नियमों को पूरी तरह से अपनी स्कूल बसों में नी लागू करता हैं, तो उसके खिलाफ हरियाणा सरकार के अधिकारियों के तरफ से कानूनी कारवाई की जाएगी। इसलिए स्कूल संचालक बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल वाहन पॉलिसी (School Vehicle Policy Update) के नियमों का पालन करते हुएं, अपने स्कूल वाहनों में पूरी तरह से लागूं करें।

 

सड़क निर्माण विभाग को भी फटकार

वहीं हरियाणा सरकार ने अपने निर्देशों के मुताबिक सड़क निर्माण विभाग को फटकार लगाते हुए कहा है की , सडक़ निर्माण विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे सडक़ों पर बने गड्ढों को भी तुरंत प्रभाव से दुरूस्त करवाने का काम करें ताकि गड्ढों की वजह से कोई हादसे न हों।

सडक़ों पर यदि पेड़ों की टहनियां हैं तो उनको भी काटा जाए। वहीं सरकार ने सभी स्कूल संचालकों से अपील करते हुए कहा कि हादसों को रोकने के लिए प्रशासन का सहयोग करें और अपने वाहनों में सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी(School Vehicle Policy Update)को लागू करें।

School Vehicle Policy Update : महेंद्रगढ़ के बस हादसे के बाद, हरियाणा सरकार ने सभी स्कूल संचालकों पर की सख्ती, और कहा इस तारीख तक स्कूल वाहन पॉलिसी के नियमों को पूरी तरह से करें लागू , वरना होगी कार्रवाई ! Read More »

Haryana koushal Rojgar bharti : हरियाणा कौशल रोजगार में 10वीं पास के लिए निकलेगी बंपर भर्ती, आएं जानें किन पदों भी की जाएगी भर्ती

Haryana koushal Rojgar bharti : हरियाणा सरकार लोक सभा चुनाव के बाद हरियाणा कौशल रोजगार तहत भर्तियों में नौकरियां की बहार लाने वाली है। ऐसे में हरियाणा कौशल रोजगार के अंदर एक नई भर्ती का आवागमन होने जा रहा है।

आप सब आवदकों को अनुरोध करते हैं कि, आप सब लोग तैयार हो जाए जो भी भाई हरियाणा (Haryana koushal Rojgar bharti) के उम्मीदवार है, वह थोड़ी बहुत पढ़ाई स्टार्ट कर दे, क्योंकि अबकी बार हरियाणा कौशल रोजगार के पैटर्न में कुछ बदलाव देखने को मिल सकता है।

 

चपरासी से लेकर शिक्षक तक के पदों पर होगी भर्ती

हरियाणा सरकार लाने जा रही है ऐसे कई भर्तियां, जिसमें चपरासी से लेकर शिक्षक तक की भर्ती की जाएगी। बढ़ती बेरोजगारी में छोटे बड़े भाई बहनों को इसलिए हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप अच्छे से पढ़ाई करें और हरियाणा कौशल रोजगार की (Haryana koushal Rojgar bharti) इस भर्ती में अपना पद सुनिश्चित कर ले और सरकारी नौकरी ले ले और हम आपके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं । आप इस बार हरियाणा कौशल रोजगार की इस भर्ती प्रक्रिया में लग जाए।

 

भर्ती में उम्र सीमा क्या रहेगी ?

इस प्रति प्रक्रिया में उम्र सीमा की बात करें तो, इसमें भी 18 साल से लेकर 42 साल तक के उम्मीदवार आवेदन कर पाएंगे। और आवेदन प्रक्रिया ऐसे जल्दी ही रहेगी, जैसे पहले जल्दी रही है।

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Haryana Education Board : आपकी डीएमसी कट, फट या जल गई हो या चूहे कुतर गए है, तो आपको मिलेगी अब घर बैठे नई डीएमसी

Haryana Education Board : जब आपकी डीएमसी या सर्टिफिकेट जल जाता है, या घर पे अलमारी में चूहों दुवार कुत्तरी जाती है, तो आप अपने भविष्य को लेकर बहुत घबरा जा जाते हो। तो अब घबराने की जरूरत नहीं है। इस बीच आप लोगों के लिए हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने खुश खबर दी है। हरियाणा बोर्ड (Haryana Education Board) ने इसके लिए भी व्यवस्था कर दी है। हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए परिवार पहचान पत्र को अनिवार्य दस्तावेज बना दिया गया है।

 

कटे फटे डीएमसी या सर्टिफिकेट पर हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने कही ये बात

हरियाणा शिक्षा बोर्ड भिवानी (Haryana Education Board) ने जानकारी देते हुए कहा है कि, सर्टिफिकेट खो जाने, जल जाने या फट जाने की स्थिति में दोबारा मंगवाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपके पास अपने क्षतिग्रस्त सर्टिफिकेट की फोटो कॉपी होनी चाहिए। इस फोटोकॉपी के माध्यम से आप प्रमाण पत्र की मूल प्रति प्राप्त करने के लिए दिए गए आधिकारिक प्रारूप को सही ढंग से भर सकेंगे।

दिए गए प्रारूप को भरने से पहले यह भी सुनिश्चित कर लें कि प्रमाण पत्र में उल्लिखित आवेदक का नाम, जन्मतिथि और माता- पिता का नाम वही होना चाहिए जो हरियाणा परिवार पहचान पत्र में उल्लेखित है।

आपको बता दें की, आवेदन पत्र को प्रमाण पत्र की फोटो कॉपी की सहायता से अपनी सुविधा के अनुसार हिंदी या अंग्रेजी में भरें, या उस स्कूल के हेडमास्टर या प्रिंसिपल से भरवाएं जहां छात्र ने पढ़ाई की थी। जबकि इसे विद्यालय से प्रमाणित कराना अनिवार्य है।

अगर विद्यालय बंद है, तो आवेदन पत्र को उस ब्लॉक के उच्च शिक्षा अधिकारी से प्रमाणित कराना अनिवार्य है। अगर सर्टिफिकेट खो जाए या चोरी हो जाए, तो ऐसी स्थिति में प्रमाणित करने वाला अधिकारी आवेदक से FIR की मांग भी कर सकता है।

 

नए सर्टिफिकेट के लिए कैसे करें अप्लाई

नए सर्टिफिकेट से समंधित आवेदन पत्र को सही ढंग से भरने और उसको देखने के बाद saralharayana.gov.in की मुख्य वेबसाइट पर लॉग इन करेंगे और इसके बाद आप Apply For Services -View All Services-Search-Duplicate सर्टिफिकेट बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन हरियाणा (Haryana Education Board) पर क्लिक करेंगे। यहां आपको हरियाणा परिवार पहचान पत्र भरना अनिवार्य होगा।

जान लें की, फैमिली आईडी के जरिए खुलने वाले इस फॉर्म में कुछ जानकारी मांगी जाती है। जो आपके आवेदन पत्र पर भी लिखी होती है। फॉर्म भरने के बाद आपसे दस्तावेज अपलोड करने के लिए कहा जाएगा और फिर आप यूपीआई के माध्यम से सभी प्रमाणपत्रों (Haryana Education Board) के लिए अलग- अलग फार्म फीस पेमेंट कर सकते हैं।

इस कार्य को करने के लिए कहीं भी किसी भी प्रकार की ऑपरेटर आईडी या कियोस्क आईडी की आवश्यकता नहीं है, न ही कोई छिपा हुआ चार्ज की आवश्यकता है।

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HBSE result information  : 10वीं – 12वीं विद्यार्थियों का रिजल्ट इस दिन होगा जारी, जानें हरियाणा बोर्ड अध्यक्ष ने रिजल्ट पर क्या कहा

HBSE result information  : हरियाणा बोर्ड के एग्जाम अभी कुछ दिन पहले ही समाप्त हुए है। इसी बीच हरियाणा बोर्ड को लेकर अभी-अभी एक खुश खबरी आई है। हरियाणा बोर्ड के अध्यक्ष ने अभी-अभी घोषणा करते हुए बताया है किए हरियाणा बोर्ड के 10वीं 12वीं कक्षा की उतर पुस्तिका जांच की प्रक्रिया पूरी होने वाली है। जिसके बाद रिजल्ट को जारी करने के लिए तारिखों की समीक्षा की जाएगी।

 

कब होगा रिजल्ट जारी ?

गौरतलब है कि, हरियाणा बोर्ड (HBSE result information) के अध्यक्ष ने बताया कि, रिजल्ट आज से करीब 50 से 60 दिन के अंदर आ जाएगा यानी कि, हिसाब लगाया जाए तो आपका रिजल्ट 15 जून तक घोषित कर दिया जाएगा और दसवीं कक्षा का रिजल्ट 15 जून को घोषित होगा और वही 12वीं कक्षा का रिजल्ट 20 जून को घोषित कर दिया जाएगा।

अध्यक्ष ने बताया कि हरियाणा बोर्ड (HBSE result information) की 10वीं 12वीं कक्षा का रिजल्ट अभी जल्द जारी होने वाला है, क्योंकि हरियाणा बोर्ड के 10वीं 12वीं कक्षा की उत्तर पुस्तिका जांच की प्रक्रिया पूरी होने वाली है। जिसके बाद रिजल्ट को जारी करने की तारिखों पर समीक्षा की जाएगी।

HBSE result information  : 10वीं – 12वीं विद्यार्थियों का रिजल्ट इस दिन होगा जारी, जानें हरियाणा बोर्ड अध्यक्ष ने रिजल्ट पर क्या कहा Read More »