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Bharatmala project will have expressways and highways in 550 districts, an expenditure of Rs 5 lakh crore.

Bharatmala Pariyojana News : भारतमाला परियोजना में 550 जिलों में होंगे एक्सप्रेसवे-हाईवे, 5 लाख करोड़ का खर्च

Bharatmala Pariyojana News : भारतमाला परियोजना के तहत रोड इंफ्रा स्ट्रक्चर पर तेजी से काम चल रहा है। बता दें कि, परियोजना के तहत हाईवे के अलावा अब नए-नए एक्सप्रेसवे बनाए जा रहे हैं। 2017 में केंद्र सरकार द्वारा भारतमाला परियोजना आरंभ की गई थी। परियोजना के तहत देश में बेहतर रोड जुड़ाव के लिए हाईवे और इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाने का टार्गेट रखा गया। यह देशभर में एक मजबूत हाई-स्पीड रोड नेटवर्क तैयार की योजना है।

5 लाख करोड़ से ज्यादा के बजट वाली इस परियोजना का पूरा सफर करने का दायित्व नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया, राष्ट्रीय राजमार्ग एव औद्योगिक विकास निगम और राज्यों के लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे समेत देशभर में हाई टेक हाईवे और एक्सप्रेसवे का निर्माण हो रहा है। यह सभी निर्माण कार्य भारतमाला परियोजना के तहत हो रहे है।

 

 

 

भारत माला परियोजना

भारतमाला परियोजना (Bharatmala Pariyojana News) के तहत हाईवे और एक्सप्रेसवे पर इकोनॉमिक कॉरिडोर, इंटर कॉरिडोर और फीडर रुट्स के माध्यम से सड़क के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है। इस परियोजना के तहत अंतर्राष्ट्रीय जुड़ाव के लिए देश की सीमाओं तक सड़क निर्माण कार्य किया जाएगा और साथ ही हाईवे को समुद्रीय तट और बंदरगाह से जोड़ा जाएगा, साथ ही ग्रीन-फील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाएगा।

 

 

 

परियोजना के तहत 550 जिलों में बनेंगे हाईवे

देशभर में हाईवे नेटवर्क के 50 कॉरिडोर विकसित करने का मकसद से राष्ट्रीय हाईवे के जरिए माल ढुलाई को 70 से 80 फीसदी तक बढ़ाना है। भारत माला परियोजना का मुख्य उद्देश्य देश के 550 जिलों को कम से कम 4 लेन हाईवे के साथ जोड़ना है। 

भारत माला परियोजना (Bharatmala Pariyojana News) के तहत गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और मिजोरम तक सड़कों का निर्माण कार्य चल रहा है।

 

 

 

एक्सप्रेसवे का निर्माण और लंबाई एवं खर्च

भारत माला परियोजना के तहत दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे, वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे, दिल्ली-फरीदाबाद-सोहना एक्सप्रेसवे, अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे, दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे,
बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे, कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे, अंबाला-कोटपुतली कॉरिडोर, चेन्नई-सलेम कॉरिडोर, अमृतसर-भटिंडा-जामनगर कॉरिडोर समेत कई हाईवे व एक्सप्रेसवे का निर्माण चल रहा है।

परियोजना (Bharatmala Pariyojana News) के तहत करीब 65 हजार किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण 2 चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में कुल 34 हजार 800 किलोमीटर सड़कों का विकास किया जा रहा है। हाउसिंग डॉटकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतमाला परियोजना के पहले चरण पर 5.35 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया था, पर अब यह राशि बढ़कर करीब 8.5 लाख करोड़ रुपये हो गई है।

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Electricity production decreased in thermal plants, demand increased due to heat

Electricity thermal Plant News : थर्मल प्लांटों में घटा बिजली का उत्पादन, गर्मी के चलते बढ़ी डिमांड  

Electricity thermal Plant News : राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट खेदड़ (हिसार), पानीपत थर्मल पावर प्लांट और यमुनानगर दीनबंधु छोटूराम थर्मल पावर प्लांट में गर्मी के चलते तीनों प्लांटों में बिजली के उत्पादन पर असर पड़ने लगा है। तीनों प्लांट 2510 मेगावाट के हैं, जबकि मौजूदा समय में इन प्लांटों से करीब 1956 मेगावाट ही उत्पादन हो रहा है। भिन्न -भिन्न प्लांट खेदड़ में स्थापित 1200 मेगावाट प्लांट से 900, पानीपत के 710 मेगावाट से 538 और यमुनानगर के 600 मेगावाट से करीब 502 मेगावाट रोजाना बिजली उत्पादन हो रहा है। दिन प्रतिदिन बढ़ रही गर्मी की तपिश संग बिजली खपत भी बढ़ने लगी है। इस तरह का बिजली का उत्पादन भी कम होने लगा है।

 

 

 

हरियाणा के किन हिस्सो से बिजली आती है ?

पानीपत, हिसार के खेदड़ और यमुनानगर में लगे थर्मल पावर प्लांट से हरियाणा के अन्य हिस्सों में आवश्यक के मुताबिक रोजाना बिजली आपूर्ति की जाती है।  यमुनानगर में रोजाना करीब 5 करोड़ रुपये की बिजली का उत्पादन होता है जबकि खेदड़ में 10 करोड़ की बिजली का (Electricity thermal Plant News) उत्पादन होता है। यमुनानगर  थर्मल के 600 मेगावाट यूनिटों में बने स्विच यार्ड से चार डबल सर्किट बने हुए हैं।

 

जबकि बकाना वन, बकाना टू, जोड़ियों वन, जोड़ियो टू, अब्दुलापुर वन, रामपुर सर्किट, नीलोखेड़ी वन और नीलोखड़ी टू सर्किट जुड़े हैं। इन्हीं सर्किटों से थर्मल की इन और आउट बिजली की सप्लाई होती है और स्विच यार्ड से डिमांड के अनुसार रोजाना बिजली की सप्लाई होती है। 

 

बता दें कि, यमुनानगर की तरह हिसार के राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट (Electricity thermal Plant News) खेदड़ में भी स्विच यार्ड से चार सर्किट बने हुए हैं। इनमें किरोड़ी वन, किरोड़ी टू, फतेहाबाद के गांव मताना और सिरसा के नुईयावाली में 400 केवी के सर्किट हैं। यहां भी बिजली इन और आउट की अंतर्गत सप्लाई होती है।

 

 

 

प्रदेश में बिजली की मांग मौसम के हिसाब से ईतनी बढ़ती है

एमडी मोहम्मद साइन के मुताबिक, मौजूदा समय में प्रदेश में कुल 10 हजार 500 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जा रही है। जून-जुलाई में 12 हजार मेगावाट तक मांग बढ़ जाती है, जबकि सर्दियों में 6 से 7 हजार मेगावाट तक मांग रहती है। प्रोडक्शन HPGCL की मांग 2.5 हजार मेगावाट है।

 

 

 

किस थर्मल पावर प्लांट से कितना बिजली उत्पादन

 

पानीपत थर्मल पावर प्लांट यमुनानगर थर्मल पावर प्लांट राजीव गांधी खेदड़ थर्मल पावर प्लांट
यूनिट                         मेगावाट यूनिट                         मेगावाट यूनिट                         मेगावाट
यूनिट–6 (210)            170 यूनिट–1(300)            216 यूनिट–1(600)            363
यूनिट–7(250)            183 यूनिट–2(300)             235 यूनिट–2(600)             534
यूनिट–8(250)             180    
कुल बिजली उत्पादन :– 537 मेगावाट कुल बिजली उत्पादन:–451 मेगावाट कुल बिजली उत्पादन:–897 मेगावाट 

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If there is no network connection in your smart phone, then follow this method for connection.

Smart Phone Network Connection Problem : अगर आपके स्मार्ट फोन में नेटवर्क कनेक्शन नी हो पा रहा है, तो कनेक्शन के लिए अपनाए ये तरिका

Smart Phone Network Connection Problem : कभी-कभार स्मार्टफोन में नेटवर्क कनेक्टिविटी की प्रोब्लम आती है। ऐसे में यूजर को नेटवर्क से जुड़े कामों  में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सामान्य तौर पर यूजरों को स्मार्टफोन के नेटवर्क से संबंधित कुछ क्षेत्रों मेंं प्रोब्लम आती रहती है। लेकिन इंटरनेट कनेक्शन की समस्या को दूर किया जा सकता है।

 

 

 

फोन में नेटर्वक ऐसे चलेगा (Smart Phone Network Connection Problem)

  • सबसे पहले आप अपने फोन को रीस्टार्ट करें
  • इसके बाद आप अपने डिवाइस को स्लीप करें और कुछ देर तक इंतजार करके इसे फिर से वापस चालू करें।
  • इसके बाद कई अस्थायी गड़बड़ी को दूर करने के लिए डिवाइस की सेंटिक में नेटवर्क के विकल्प पर क्लिक करें।
  • अब आप नेटर्वक को दो तीन बार रिफ्रेस करें
  • इसके अलावा आप अपने फोन को रीबूट करने के लिए एयरप्लेन मोड को एक्टिव कर सक

 

 

 

 सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर को अपडेट करें

  • बता दें कि, फोन में समस्या होने पर कंपनियां समय-समय सिक्योरिटी पैच अपडेट लाती रहती है।
  • सॉफ़्टवेयर को अपडेट न करने से अक्सर परफॉर्में, संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें नेटवर्क स्पीड संबंधी समस्याएं भी सामने आती हैं।
  • ऐसे में अपने फोन के सॉफ्टवेयर को अपडेट करने से पहले सुनिश्चित करें कि, आपके पास लेटेस्ट फिक्स और कस्टमाइज हैं। अगर हैं तो, इंटरनेट कनेक्टिविटी में सुधार हो सकता हैं।
  • इसके लिए आप सेटिंग्स अबऑउट या फिर सिस्टम अपडेट पर जाएं।
  • अब आप अपडेट की जांच करें और कोई भी उपलब्ध अपडेट डाउनलोड करें।

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The operator misbehaved with the general public on the highway, NHAI took strict action

NHAI take action on Operator : हाईवे पर आम जनता से ऑपरेटर ने बदतमीजी की, NHAI ने लिया कड़ा ऐक्‍शन

NHAI take action on Operator : अमृतसर-जामनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के सिरमंडी टोल प्लाजा पर 5 मई को लोगों के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार की घटना के बाद एनएचआई ने ऑपरेटर ऋद्धि सिद्धि एसोसिएट्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने साफ संदेश दिया है कि, वह आम जनता के साथ दुर्व्यवहार कतई बर्दाश्‍त नहीं करेगा। इस मामले में एनएचएआई ने टोल ऑपरेटर को तत्काल प्रभाव से नोटिस जारी कर उससे जवाब में हलफनामा मांगा है।

ऑपरेटर को तीन महिने के लिए हटा दिया गया

लिखित रुप से एजेंसी ने अनुबंध की शर्तों और एनएचएआई संचालन प्रक्रियाओं की पूरी तरह से अवहेलना करते हुए राजमार्ग उपयोगकर्ताओं के साथ हिंसक और बद्तमिजी कि है। प्राधिकरण ने मेसर्स ऋद्धि सिद्धि एसोसिएट्स को 3 माह के अंत्तराल के लिए प्री-क्‍वालिफाइड बिडर्स की लिस्‍ट से हटा दिया है।

पिछले वर्ष NHAI ने टोल प्लाजा पर विवाद की घटनाओं को रोकने और यात्रियों और टोल ऑपरेटरों दोनों के हितों की रक्षा के लिए एक विस्तृत स्‍टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी किया था। NHAI राष्ट्रीय राजमार्गों पर सुरक्षित और सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए समर्पित है। इन ही नियमों का हवाला देते हुए एनएचएआई ने अपने टोल ऑपरेटरों (NHAI take action on Operator) के साथ अनुबंध समझौते में स्पष्ट रूप है कि, ऑपरेटर के कर्मियों को आम जनता के साथ दुर्व्यवहार नहीं करना है। उन्हें अपने व्यवहार में सख्त अनुशासन और शालीनता के नियमों का पालन करना आवश्यक है।

 

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Dushyant Chautala takes action against the attackers, demands suspension of Uchana police station in-charge

Jind Political News : दुष्यंत चौटाला ने की हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई, उचाना थाना प्रभारी को सस्पेंड करने की मांग

कहा नैना चौटाला ने किया था उचाना थाना प्रभारी को फोन किया था, मौके पर नहीं आए

Jind Political News : हिसार लोकसभा से जेजेपी उम्मीदवार नैना चौटाला के काफिले पर पथराव, महिला कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार मामले के बाद शाम साढ़े छह बजे पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने पत्रकार वार्ता करते हुए बताया कि उनकी डीजीपी से बात हुई है, जिसमें उचाना थाना प्रभारी को सस्पेंड करने, हमला करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।

 

 

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि नैना चौटाला घोघड़ियां गांव में कार्यक्रम के बाद जब उचाना की तरफ जा रही थी तो रोजखेड़ा गांव (Jind Political News) में उन्हें रोका गया। कुछ तथाकथित किसान नेता पहले से ही डीजे लगाकर उनका पीछा कर रहे थे। रोजखेड़ा गांव में आकर कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की गई। गाड़ी पर पत्थर फेंके गए। महिला कार्यकर्ताओं के कपड़े फाड़ दिए गए। दो महिलाओं समेत छह कार्यकर्ताओं को चोटें आई हैं। इस मामले में उन्होंने एसपी सुमित कुमार से बात की है और सख्त कार्रवाई की मांग की है। नैना चौटाला ने पथराव के बाद उचाना थाना प्रभारी को मामले से अवगत करवाया तो उचाना थाना प्रभारी ने कहा कि जितने भी कार्यकर्ता हैं, सभी थाने में आकर रिपाेर्ट दर्ज करवाएं। घटना के दौरान मौके पर कोई पुलिस कर्मी मौजूद नहीं था। डीजीपी से उचाना थाना प्रभारी को सस्पेंड करने की मांग की गई है।

 

 

दुष्यंत चौटाला ने (Jind Political News) हरियाणा, उत्तर प्रदेश के किसान नेताओं को भी कहा कि अगर उनके आदेश या इशारे पर ऐसा हुआ है तो बताएं और अगर किसानी के नाम पर लोग हैं तो ये भी क्लीयर करें। इस तरह का घटनाक्रम पहली बार तीन-चार साल में देखने को मिला है। इस तरह की घटना से पूरा हरियाणा अपमानित है। अभी तक इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है लेकिन उनकी मांग है कि शनिवार तक घटना में शामिल सभी आरोपितों को गिरफ्तार किया जाए।
दुष्यंत चौटाला ने ये भी कहा कि यह कांगेस से संबंधित लोग हैं। हिसार से कांग्रेस प्रत्याशी का तो पुराना रिकार्ड रहा है और आदमपुर में वह पिट भी चुके हैं।

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There is a possibility of storm and heavy rain in Haryana, know the weather pattern.

Haryana Rain Alert : हरियाणा में तूफान और तेज  बारिश आने की संभावना, जानें मौसम का मिजाज

Haryana Rain Alert : देशभर में भीषण गर्मी की लू के थपेड़ों से लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। वहीं पंजाब- हरियाणा में पारा 43 से 44 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच चुका है। कुछ दिन पहले गर्मी को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय भी लोगों हल्के खाना और वरिष्ठ नागरिकों को घर रहने की सलाह दे चुका है। लेकिन, लोगों को इस भीषण गर्मी से राहत मिलने वाली है क्योंकि पंजाब-हरियाणा समेत कई राज्यों में मौसम का मिजाज बदलने वाला है।

 

 

 

मौसम विभाग ने मौसम को लेकर जारी किया येलाे अलर्ट

भीषण गर्मी से परेशान लोगों को अब जल्द ही बरसात (Haryana Rain Alert) से राहत मिलने वाली है। मौसम विभाग चंडीगढ़ केन्द्र द्वारा जारी किए पूर्वानुमान के अनुसार, 10 से 13 मई तक यैलो अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान तूफान आना और तेज बरसात की आशंका जताई गई है। वहीं, हिमाचल में मंडी सहित कई आसपास के इलाकों में वीरवार देर रात को बरसात ने दस्तक दे है। ऐसे में पंजाब- हरियाणा के मौसम में बदलाव होने के संकेत मिल रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से पंजाब व हरियाणा में गर्मी ने हालात बद्तर बना रखे हैं।

 

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Check your ex-partner on social media every day! So be careful, this can be a serious disease

Rebecca Syndrome disease explain : रोज सोशल मीडिया पर अपने एक्स पार्टनर को करते हैं चेक ! तो हो जाए सावधान, हो सकती है ये गंभीर बीमारी

Rebecca Syndrome disease explain : जब युवक या युवती किसी कॉलेज या लाईब्रेरी में पढ़ते समय एक- दूसरे की सुंदरता या भावनाओं के आकर्षण से प्रभावित होकर पसंद करते है। ऐसे में युवक-युवती एक-दूसरे की भावनाओं को समझते हुए दिनचर्या काम में सहयोग करते है। इस तरह के सहयोग से दोनों में दाेस्ती का महत्व बढं जाता है। फिर दोस्ती एक अवधि समय के बाद प्रेम में बदलने लग जाती है। फिर यहां से रिलेशनशिप का दौर शुरु हो जाता। जाहिर सी बात है कि रिलेशनशिप में रिश्तो का बचाना हर दिन संदेह की दृष्टि से विश्वासी कमजोर का परिणाम है। किसी भी रिलेशनशिप में लोग अचानक से अलग होते हैं तो उनके लिए यह पल आसान नहीं होता। कई लोग जल्दी मूवऑन करके जीवन में आगे बढ़ जाते हैं, तो कई लोग जो अपने एक्स पार्टनर को भूल नहीं पाते। हालांकि, पार्टनर की याद में पड़े रहना सामान्य बात नहीं बल्कि यह संकेत है, एक गंभीर बीमारी का।

 

 

 

रेबेका सिंड्राेम (Rebecca Syndrome disease explain)

आज के दौर में रिलेशनशिप टूटने का सबसे बड़ा कारण है, सोशल मीडिया । संदेह की दृष्टि से रिलेशनशीप में से एक पार्टनर तब अचानक से रिश्ता तोड़कर और साेशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म से अपने पार्टनर काे ब्लॉक कर देता है। इस तरह से अपने पार्टनर को फोन और साेशल मीडिया की लत लगाकर उसे छोड़कर जाना उसे बेहद खतरनाक बिमार में छोड़कर जाने के बराबर है। अगर किसी युवक या युवती द्वारा अपने पार्टनर को भूल ना पाना और रोजाना उसका पीछा करना एक बीमारी है। इस बीमारी का नाम रेबेका सिंड्रोम है, जो किसी व्यक्ति के अपने पार्टनर का बार-बार याद करना और उसके पीछा करने से होती है। ब्रिटेन के लंदन में सेंटर फॉर फ्रायडियन एनालिसिस एंड रिसर्च के संस्थापक सदस्य और मनोविश्लेषक डॉक्टर डेरियन लीडर द्वारा गढ़ा गया ‘रेबेका सिंड्रोम’, एक व्यक्ति द्वारा अपने साथी के पूर्व प्रेमी के प्रति अनुभव की जाने वाली पैथोलॉजिकल ईर्ष्या के एक गंभीर रूप का वर्णन करने के लिए उपयोग किया जाता है।

Rebecca syndrome: When jealousy over past relationships becomes a haunting obsession

 

 

 

जलन और जुनून के कारण होता है रेबेका सिंड्राेम (Rebecca Syndrome disease explain)

रिलेशनशिप मामले से परिचित चार्टर्ड मनोवैज्ञानिक डॉक्टर लुईस गोडार्ड-क्रॉली ने न्यूजवीक को बताया कि, यह स्थिति मुख्य रूप से प्रभावित व्यक्ति की अतार्किक ईर्ष्या और अपने साथी के प्रति जुनून के बारे में है। यह ईर्ष्या पूर्वव्यापी ईर्ष्या में निहित है, जहां व्यक्ति अपने साथी के पिछले रिश्तों के प्रति जुनूनी रूप से व्यस्त हो जाते हैं और उसके ख्यालों में खोये रहते है। भले ही ऐसा हो उनकी ईर्ष्या का कोई तर्कसंगत आधार नहीं है। जबकि, यह ध्यान देना आवश्य है कि, रेबेका सिंड्रोम को मुख्यधारा के रोगों का निदान करने वाले वर्गीकरणों में आधिकारिक तौर पर एक मनोवैज्ञानिक विकार के रूप में मान्यता नहीं दी गई है। बल्कि, यह एक सांस्कृतिक संदर्भ के रूप में कार्य करता है। इस स्थिति से जुड़े जुनून के कारण दखल देने वाले विचार, पीछा करने वाले व्यवहार और अन्य नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं। 

Rebecca" Syndrome: Understanding Jealousy Towards Ex-Partners

 

 

 

 

कैसे करें रेबेका सिंड्रोम (Rebecca Syndrome disease explain) से बचाव ?

अगर आपको संदेह है कि, रेबेका सिंड्रोम आपके रिश्ते को प्रभावित कर सकता है तो कुछ स्पष्ट संकेतों पर नजर रखें। डॉक्टर गोडार्ड-क्रॉली ने कहा, “एक सामान्य संकेत एक जुनूनी व्यस्तता है जहां प्रभावित व्यक्ति लगातार अपने साथी के पिछले रोमांटिक या यौन संबंधों के बारे में सोच रहा है।”डॉक्टर ने कहा, “व्यक्ति अपनी ईर्ष्या को प्रबंधित करने के प्रयास में नियंत्रण या दखल देने वाले व्यवहार में संलग्न हो सकता है जैसे कि अपने साथी के संदेशों की चेक करना या उन्हें दूसरों से अलग करने की कोशिश करना। वे अपने साथी के पिछली घटनाओं के बारे में संदेह या माेह के विचार रख सकते हैं, यह मानते हुए कि पूर्व-साझेदार मौजूदा रिश्ते के लिए खतरा बना हुआ है।

रेबेका सिंड्रोम से जुड़ी प्राथमिक चिंताओं में से एक रिश्ते के अंतर विश्वास और अंतरंगता को खत्म करने की क्षमता है। कभी-कभी स्वस्थ साझेदारियों के विघटन की ओर भी ले जाती है। अच्छी खबर यह है कि पैथोलॉजिकल ईर्ष्या को प्रबंधित करने और इसे रिश्ते को नष्ट करने से रोकने के तरीके हैं। खुले और ईमानदार संचार को बढ़ावा देना और दोनों भागीदारों के लिए अपनी भावनाओं और डर पर चर्चा करने के लिए एक सुरक्षित स्थान बनाना और स्वस्थ संबंध बनाए रखने में महत्वपूर्ण है।

डॉक्टर ने सलाह दी है कि रिश्ते के भीतर विश्वास बनाना और बनाए रखना महत्वपूर्ण है। दोनों भागीदारों को भरोसेमंद होने और एक-दूसरे पर भरोसा करने की कोशिस करने चाहिए। सहानुभूति का अभ्यास करना और एक-दूसरे के दृष्टिकोण और भावनाओं को समझना अधिक सहायक और पोषणपूर्ण वातावरण को बढ़ावा दे सकता है। इससे दंपत्ती के बीच समस्या कम होगी।

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Char Dham Yatra starts from today, know the role and complete details of Gangotri, Yamunotri, Badrinath and Kedarnath darshan.

Char-Dham Yatra today Start : चार धाम यात्रा आज से शुरू, जानें गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ दर्शन की भूमिका और पूरा विवरण

Char-Dham Yatra today Start : भारत का धार्मिक राज्य उत्तराखंड में चार धाम यात्रा 2024 की शुरुआत आज अक्षय तृतीया से शुरू हो रही है। गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम आज 10 मई को कपाट खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा की आरंभ हो जाएगी। वहीं 12 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम की यात्रा पूरी तरह से आरंभ हो जाएगी। चार धाम यात्रा के लिए 15 अप्रैल से 3 मई तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू किया गया था, जबकि 8 मई से ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू की गई थी।

उत्तराखंड की चार धाम यात्रा की बात करें, हिंदू धर्म में चार धाम को बहुत ही पवित्र स्थल माना जाता है। हिंदू धर्म में माना जाात है कि, यदि श्रद्धालु अपने जीवन में चार धाम की यात्रा कर ले, तो उसे जीवन- मरण के बंधन से मुक्ति मिल जाती है और अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है। उत्तराखंड में स्थित गंगोत्री, यमुनोत्री बद्रीनाथ, और केदारनाथ को उत्तराखंड के चार धाम की यात्रा में शामिल किया जाता है।

गंगोत्री धाम देवी गंगा के बारे में जानें

  • उत्तराखंड के चार धाम (Char-Dham Yatra today Start) तीर्थस्थलों में से गंगोत्री धाम भी एक पवित्र तीर्थस्थल है।
  • गोमुख गंगोत्री ग्लेशियर में भागीरथी नदी का स्रोत है और गंगा नदी के मुख्य धाराओं में से एक है। साथ ही गोमुख गंगा नदी का उद्गम स्थल भी है।
  • देवप्रयाग के बाद से यह अलकनंदा में मिलने के कारण इसे देवप्रयाग को संगम स्थल भी कहा जाता है।
  • यहां आने वाले श्रद्धालु देवप्रयाग में गंगा स्नान करते हैं और अपनी गलतियों के लिए देवी गंगा से माभी मांगकर एक नए अध्याय की शुरुआत करते हैं।
  • बता दें कि गंगोत्री को माता गंगा का पूजन स्थल भी माना जाता है। गंगा के पूजन स्थल पर गंगा की पवित्र जलधारा की पूजा की जाती है।
  • गंगोत्री में प्राचीन गंगा मंदिर भी स्थित है और गंगोत्री के आसपास कई अन्य धार्मिक स्थल हैं। जैसे भैरों घाटी, मुखबा गांव, हर्षिल, नंदनवन तपोवन, गंगोत्री चिरबासा और केदारताल मुख्य तीर्थस्थल है।

Gangotri Dham Travel Guide - History, Sightseeing, Tips

गंगोत्री धाम पर ऐसे जाएं

  •  गंगोत्री के सबसे पास देहरादून में जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है, जो उत्तरकाशी मुख्यालय से करीब 200 किमी दूर है। देहरादून हवाई अड्डे से गंगोत्री तक टैक्सी तथा बस सेवाएँ भी हैं।
  • ऋषिकेश, हरिद्वार और देहरादून सभी जगह रेलवे स्टेशन हैं। उत्तरकाशी से निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश से करीब 100 किमी दूर है। ऋषिकेश से गंगोत्री बस और टैक्सी से पहुंचा जा सकता है।
  • गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 108 पर स्थित है। राज्य परिवहन की बसें उत्तरकाशी, देहरादून और ऋषिकेश के बीच होकर चलती हैं। उत्तरकाशी से आपको बस द्वारा 100 किमी का सफर करना होगा।

यमुनोत्री यमुना नदी के बारे में जाने 

  • उत्तराखंड के चार धाम यात्रा (Char-Dham Yatra today Start) में दूसरा मुख्य तीर्थ-स्थल यमुनोत्री है और साथ ही यमुना नदी का स्त्रोत है।
  • यह उत्तराखंड के जिला उत्तरकाशी में गढ़वाल हिमालय में लगभग 10,804 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
  • यमुनोत्री में पश्चिमीतम मंदिर है, जो बंदर पूंछ पर्वत की एक झुंड के ऊपर स्थित है।
  • यमुनोत्री में मुख्य आकर्षण देवी यमुना के लिए समर्पित मंदिर और जानकीचट्टी में पवित्र तापीय झरना हैं।
  • भूगर्भ से उत्पन्न 90 डिग्री तक गर्म पानी के जल का कुंड सूर्य-कुंड और पास ही ठन्डे पानी का कुंड, जिसे गौरी कुंड कहा जाता है, जो यहां का सबसे खास स्थल है।

Yamunotri Temple | Shri Yamunotri Dham Yatra Tour Information

ऐसे पहुंचे यमुनोत्री धाम

  • यमुनोत्री के सबसे पास एयरपोर्ट जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है, जो उत्तरकाशी मुख्यालय से लगभग 200 किमी दूर है। देहरादून हवाई अड्डे से गंगोत्री तक टैक्सी तथा बस सेवाएँ उपलब्ध हैं।
  • ऋषिकेश, हरिद्वार और देहरादून सभी जगह रेलवे स्टेशन हैं। उत्तरकाशी से निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून है, जहां पहुंचकर आप बस या टैक्सी से यमुनोत्री पहुंच सकते हैं।
  • राज्य परिवहन की बसें उत्तरकाशी और ऋषिकेश के बीच चलती है। स्थानीय परिवहन संघ और राज्य परिवहन की बसें तथा टैक्सी यमुनोत्री और ऋषिकेश के बीच से होकर चलती है।

 

बद्रीनाथ धाम का नर-नारायण संगम स्थल 

  • उत्तराखंड के चार धाम (Char-Dham Yatra today Start) तीर्थस्थलों में से बद्रीनाथ धाम को नर और नारायण का संगम स्थल कहा जाता है।
  • हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार बद्रीनाथ को विशालपुरी भी कहा जाता और विष्णु भगवान की पूजा करने केे कारण इसे विष्णुधाम भी कहा जाता है।
  • बद्रीनाथ करीब 3,100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
  • गढ़वाल हिमालय में अलकनंदा नदी के तट पर स्थित यह शहर नर और नारायण पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित है।
  • बद्रीनाथ मंदिर में चार भुजाओं वाली काली पत्थर की बहुत छोटी मूर्तियां है। यहां भगवान श्री विष्णु पद्मासन की मुद्रा में विराजमान है।

Char Dham closing dates for 2020 announced | Times of India Travel

ऐसे जाएं बद्रीनाथ धाम

  • बद्रीनाथ के सबसे नजदीक एयरपोर्ट देहरादून में जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है, जो बद्रीनाथ से लगभग 317 किमी दूर है। देहरादून हवाई अड्डे से बद्रीनाथ तक टैक्सी तथा बस सेवाएं उपलब्ध हैं।
  • ऋषिकेश, हरिद्वार और देहरादून सभी के पास रेलवे स्टेशन हैं। बद्रीनाथ से निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है। ऋषिकेश से बद्रीनाथ बस और टैक्सी से पहुंचा जा सकता है।
  • स्थानीय परिवहन संघ और राज्य परिवहन की बसें तथा टैक्सी बद्रीनाथ और ऋषिकेश, हरिद्वार, देहरादून और दिल्ली के बीच नियमित रूप से चलाई जाती है।

केदारनाथ धाम भगवान शिव का दरबार

  • उत्तराखंड के चार धाम (Char-Dham Yatra today Start) तीर्थस्थलों में से एक केदारनाथ धाम भी है। केदारनाथ उत्तरी भारत के पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है, जो समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊंचाई पर मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है।
  • केदारनाथ का ऐतिहासिक नाम ‘केदार खंड’ भी है। केदारनाथ धाम भारत में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
  • शिव पुराण के अनुसार केदारनाथ ज्योतिर्लिंग का पूजन करने के बाद जो व्यक्ति जल ग्रहण कर लेता है, उसे दोबारा जन्म नहीं लेना पड़ता है। इसे मोक्ष का द्वार भी कहा जाता है।
  • केदारनाथ मंदिर एक ऊंचे चबूतरे पर बना हुआ है। मंदिर के मुख्य भाग मंडप और गर्भगृह के चारों ओर परिक्रमा मार्ग है, जहां मंदिर के बाहर परिसर में शिव जी के वाहन नंदी विराजित हैं।
  • यहां शिवजी का विशेष पूजन किया जाता है। आप केदारनाथ में गांधी सरोवर, सोनप्रयाग, गौरीकुंड मंदिर, वासुकी ताल भी दर्शन करने जा सकते हैं।

Kedarnath Temple: History, Timings, Best Time to Visit

 

 

 

ऐसे जाएं केदारनाथ धाम

  • केदारनाथ जाने के लिए देहरादून में जॉली ग्रेट एयरपोर्ट सबसे नजदीक एयपोर्ट है। यह केदारनाथ से लगभग 239 किमी स्थित थे।
  •  केदारनाथ जाने के लिए आपको हरिद्वार जाना होगा। यहां हरिद्वार से सड़क मार्ग या फिर हेलीकॉप्टर के माध्यम से आप केदारनाथ धाम पहुंच सकते हैं।
  • आप हरिद्वार से रूद्रप्रयाग और फिर रूद्रप्रयाग से केदारनाथ जा सकते हैं। वहीं, यदि आप अपनी कार, टैक्सी या बाइक से केदारनाथ जाना चाहते हैं।
  • फिर आप दिल्ली से कोटद्वार पहुंचकर रूद्रप्रयाग पहुंचे, यहां से आप केदारनाथ दर्शन करने आ सकते हैं।

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Great news for 4 states including Haryana! This time there will be no shortage of irrigation and drinking water in Bhakra Dam.

Bhakra Nangal Dam News : हरियाणा समेत 4 राज्यों के लिए आई बड़ी खुशखबरी ! सिंचाई व पीने के पानी को लेकर भाखड़ा बांध में अबकी बार नहीं होगी किल्लत

Bhakhra Nangal Dam News : बैशाख के दिन गुजरने वाले है और ज्येष्ठ माह लगने वाला है। ऐसे में लू के साथ गर्मी का भी पारा भी चढ़ता ही जा रहा है, जिससे शहर के लोगों से लेकर गांव के ग्रामीण किसानों का जीवन गर्मी से बदहाल हो रहा है। लेकिन शहर के लोगों केे लिए शुद्ध पेयजल और ग्रामीण किसानों की कृषि सिंचाई व्यवस्था के लिए भाखड़ा बांध से राहत भरी खबर आ रही है।

 

हरियाणा समेत पंजाब, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के लोगों के लिए अबकी बार पानी की किल्लत की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। टाईम से पहले ग्लेशियर पिघलने से इस बार नंगल स्थित भाखड़ा बांध (Bhakra Nangal Dam News) में पर्याप्त जलस्तर बढ़ रहा है। ऐसे में लोगों को सिंचाई से जुड़ी समस्याओं से राहत मिलने वाली है।

 

भाखड़ा प्यास मैनेजमेंट बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया की, हिमालय पहाड़ियों में ग्लेशियर पिघलने से नंगल स्थित भाखड़ा बांध (Bhakra Nangal Dam News) में पानी आना शुरू हो गया है। इस समय भाखड़ा बांध का जलस्तर 1561.44 फीट चल रहा है, जो कि हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में सिंचाई व पीने के लिए पानी पर्याप्त है। यहां से कुछ जल पेयजल के लिए दिल्ली भी पहुंचाए जाता है। 

 

भाखड़ा बांध (Bhakra Nangal Dam News) में पानी की पर्याप्त जल स्तर के चलते हरियाणा में सिंचाई के लिए नहरों के दो ग्रुप बनाए गए हैं। बता दें कि, प्रत्येक ग्रुप को 16- 16 दिन पानी मिलता है। पहले यहां पानी की किल्लत के चलते तीन ग्रुप बना दिए गए थे, पर अब भयंकर गर्मी के कारण लोगों की सिंचाई व्यवस्था के लिए नहरों में पानी 16 दिन मिल रहा है।

 

 

भाखड़ा बांध (Bhakra Nangal Dam News) से पानी नंगल हाईडल चैनल से आता है। इसके बाद, यहां से भाखड़ा की मेन नहर निकलती है। भाखड़ा मेन नहर से पानी नरवाना ब्रांच नहर, दिल्ली व करनाल पहुंचता है। यहां से पानी हरियाणा, दिल्ली, पंजाब व राजस्थान के कुछ ईलाकों में जाता है। औसत रुप से यहां से रोजाना 17,770 क्यूसेक पानी निकासी की डिमांड रहती है।

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There was an outcry in the long queue of farmers standing in the scorching heat for paddy seeds in Kaithal, the opposition surrounded the government.

Haryana Agriculture News : कैथल में धान बीज के लिए तपती धूप में किसानों की लगी लंबी लाइन में हाहाकार मची, विपक्ष ने सरकार को घेरा

Haryana Agriculture News : हरियाणा में गेहूँ और सरसों की कटाई-छंटाई करने के बाद किसानों ने धान की फसल की बुआई के लिए तैयारी कर दी है। वैसे तो किसानों को गर्मी की तपती धूप में कभी फसल बेचने के लिए तो कभी उर्वरक-बीज खरीदने के लिए लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है। ऐसे में किसान भयंकर गर्मी से बचने के लिए लंबी लाईन में खड़े होने की बजाए बीज को खरीदने के लिए मजबूरन कई गुना किमत चुकाने को तैयार है। किसानों द्वारा बीज के लिए भारी कीमत चुकाना दर्शा रहा है कि, बीज के बेजने और खरीदने के नाम कालाबाजारी चल रही है।

 

 

 

धान के इस बीज के लिए किसानों को लगना पड़ रहा है लंबी लाईन में

हरियाणा (Haryana Agriculture News) में धान की हाईब्रिड किस्म सवा 7501 और 7301 के बीजों के लिए किसानों में हाहाकार मचा हुआ है। बीज के लिए लगे लाइन में हरियाणा के कैथल जिले के किसान अशोक नें बताया कि, प्राईवेट कंपनी के धान की महंगी किस्म 7501 बीज के लिए किसानों को लंबी लाईन में लगना पड़ रहा है। जबकि, किसानों ने इस बीज को अपने खेतों में आजमाया था। किसानों के मुताबिक, एक किले में 8 से 10 टन तक पैदावार हुई, जो ट्रेंड में चल रहे किस्मों के प्रति अधिक है। यही कारण है कि, इस बार किसान इस बीज को अधिकत्तम खरीदना चाहते हैं। हालांकि, आरोप लग रहे है कि, 1715 रुपये की तीन किलोग्राम बीज के पैकट ब्लैक में 3,500 रुपये तक में बिक रहा है।

 

 

 

कृषि के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बीजों की उचित मूल्यों की दी जानकारी

एक मीडिया रिर्पोट में ICAR के एक वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक ने बीजों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि, 7501 किस्म से पहले धान की पूसा 44 वैराएटी भी करीब 10 टन प्रति किला तक पैदावर देती थी। दरअसल, लंबे अंत्तराल में पकने और पानी की ज्यादा खामि की वजह से पूसा 44 किस्म को पाबंद कर दिया गया है। पाबंद लगने से पहले पूसा 44 पंजाब में सबसे ज्यादा क्षेत्र में बोई जाने वाली धान की किस्म बन गई थी।

कृषि वैज्ञानिक के अनुसार, धान के अलग-अलग किस्मों के बीजों का मूल्य 250 से 350 रुपये प्रति किलोग्राम होता है। जबकि बासमति धान के बीज की कीमत केवल 100 रुपये किलोग्राम लेता है। वहीं 7501 किस्म का बीज 572 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। बता दें कि, धान की अन्य किस्में सामान्य तौर पर 7 से 7.5 टन तक पैदावर देती हैं। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा किसान 7501 किस्म का बीज खरीदना चाहते हैं। पर डिमांड के मुकाबले डीलरों के पास सप्लाई कम है।

 

 

 

कालाबाजारी की सूचना मिलने पर ईनेलो प्रमुख किसानों के बीच पहुंचे

कैथल (Haryana Agriculture News) में धान के बीज की कालाबाजारी की जानकारी मिलने पर ईनेलो प्रमुख अभय सिंह चौटाला किसानों के बीज समस्याओं को लेकर अधिकारियों से बात की। इस बीच उन्होंने राजनीतिक बयान दिया कि, हरियाणा का किसान जान चुका है कि कौन किसानों की हितैषी है और किसकी गारंटी में दम है।

 

 

किन शहरों में बीज की किल्लत की परेशानी है ?

धान के बीज की किल्लत सबसे ज्यादा कुरुक्षेत्र, कैथल और यमुनानगर जैसे शहरों में है। यहाँ किसान को आधार कार्ड पर केवल तीन किलोग्राम बीज का ही पैकट मिल रहा है। जबकि, एक पैकट से एक किले में एक पौधा भी तैयार नी होता। ऐसे में दिनभर गर्मी की तपती धूप में किसानों को लाइन में लगकर बड़ी मुश्किल से बीज मिलता है और वह भी पूरा नहीं मिलता।

 

 

 

सुरेजवाला ने भी लगाया आरोप

कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरेजवाला ने आरोप राज्य सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया है कि, बीजपी सरकार किसानों को धान के बीज से बेदखल कर रही है। जबकि लू से भरी गर्मी में किसान, महिलाएं और युवा बीज के लिए घंटों तक लाइन में लगे रहते हैं। फिर भी किसानों को धान का बीज नी मिल पा रहा है। पुलिस के पहरे के बीज एक किसान को आधार कार्ड दिखाने पर बीज की तीन किलो का एक ही पैकट दिया जा रहा है। यह समस्या कैथल जिले के किसान बीते 10 दिनों से झेल रहे हैं। पर बीजेपी सरकार को किसानों के हितों से कोई सरोकार नहीं है।

 

 

किसानों ने उठाए बीज को लेकर सवाल

कैथल के किसानों का कहना है कि, बीज के संकट को लेकर बाजार में डुप्लीकेट बीज की बिक्री की भी संभावना बढ़ रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि, निजी कंपनियों का यदि इस तरह बीज पर ज्यादा कब्जा हो जाएगा, तो किसानों के बुरे दिन आने में टाईम नहीं लगेगा। जबकि, हरियाणा (Haryana Agriculture News) सरकार के कृषि विभाग के कर्मचारी किसानों से अनुरोध कर रहें हैं कि, किसी एक किस्म पर ज्यादा जोर देने की बजाए अन्य किस्मों पर भी विचार करें।

Haryana Agriculture News : कैथल में धान बीज के लिए तपती धूप में किसानों की लगी लंबी लाइन में हाहाकार मची, विपक्ष ने सरकार को घेरा Read More »