CO-Vaccine Side Effect News : पिछले एक डेढ़ महीने से को-वैक्सीन के कथित साइड इफेक्ट्स को लेकर हलचल मचने के बाद अब भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को लेकर आई एक रिपोर्ट ने सनसनी मचा दी है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि को-वैक्सीन लगवाने वाले लोगों में कुछ तरह के साइड इफेक्ट्स देखे गए हैं।
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में को-वैक्सीन पर किया गया अध्ययन
भारत बायोटेक कंपनी की को-वैक्सीन (CO-Vaccine Side Effect News) को लेकर हाल ही में हुई एक शोध ने सवाल खड़े कर दिए। यह अध्ययन बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया है, इस अध्ययन की रिपोर्ट स्प्रिंगर लिंक जर्नल में पब्लिश की गई है। अध्ययन में यह बताया गया है कि, को-वैक्सीन लगवाने वाले लगभग एक तिहाई लोगों में कुछ तरह के साइड इफेक्ट्स देखे गए हैं।
बता दें कि, को-वैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक की ओर से भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा गया है कि, कोवैक्सीन पर पहले भी कई स्टडी और शोध में को-वैक्सीन के एकदम सुरक्षित होने का प्रमाण मिला है। कंपनी ने कहा है कि, को-वैक्सीन का सेफ्टी ट्रैक रिकॉर्ड शानदार है।
कितने लोगों पर शोध किया गया ?
कंपनी ने अपने शोध में को-वैक्सीन (CO-Vaccine Side Effect News) को लेकर हुई इस स्टडी में 1 हजार 24 लोगों को शामिल किया गया था। ऐसे में सभी लोगों में 635 किशोर और 291 युवा थे, इस दौरान सभी लोगों से टीका लगने के एक वर्ष बाद तक फॉलोअप व चेकअप के लिए संपर्क किया भी गया।
स्टडी और शोध में लगभग 48% यानी 304 किशोरों में वायरल अपर रेस्पेरेट्री ट्रैक इंफेक्शंस देखा गया है। वहीं यही स्थिति 42.6% यानी 124 युवाओं में भी देखने को मिली है। 4.7% लोगों में नसों से जुडी समस्याएं भी देखी गई हैं। वहीं 5.8% युवाओं में टीके की वजह से नसों और जोड़ों में दर्द की दिक्कत आई है।
वहीं रिपोर्ट के मुताबिक, भारत बायोटेक की को-वैक्सीन का असर महिलाओं में भी देखने को मिला है। तकरीबन 4.6% महिलाओं में महावारी से जुड़ी परेशानियां हुई है। 2.7% महिलाओं में आंखों से जुड़ी समस्याएं सामने आईं है। इसके साथ ही 0.6% महिलाओं में हाइपोथारोइडिज्म पाया गया है। वहीं कुल 1% लोगों में गंभीर साइड इफेक्ट्स भी देखे गए हैं।
कोविशील्ड को लेकर ब्रिटेन की कंपनी ने मानी थी गलती
एक डेढ़ महीने पहले ही भारत में एस्ट्राजेनेका कंपनी की कोरोना वैक्सीन (CO-Vaccine Side Effect News) कोविशील्ड के कथित साइड इफेक्ट्स से जुड़ी खामियां पर एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) ने ब्रिटेन हाईकोर्ट में माना कि उसके कोविड-19 वैक्सीन से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) जैसे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। जिसके कारण भारत के हजारों की तादात में लोगों के अंतर भय बैठ गया कि, उन्हें गलत को-वैक्सीन लगाई गई है। जिससेे उन्हें बवाल मचाना शुरु कर दिया था।
थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के क्या लक्षण दिखते है ?
को-वैक्सीन (CO-Vaccine Side Effect News) लगाने के बाद कई लोगो पर कंपनी द्वारा शोध किया गया है, जिनमें लोगों में को-वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स के कुछ लक्षण देखे गए हैं। जैसे इन लक्षणों में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम से शरीर में खून के थक्के जमने (Blood Clot) लगते हैं या फिर शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगते हैं। बॉडी में ब्लड क्लॉट की वजह से ब्रेन स्ट्रोक की भी संभावना बढ़ जाती है। इसी वजह से एस्ट्राजेनेका कंपनी के कोर्ट में यह जवाब देने के बाद भारत में कोविशील्ड लगाने लगाने वालों में हलचल पैदा हो गई थी।
को-वैक्सीन को लेकर भारत बायोटेक कंपनी ने क्या बयान जारी किया है ?
बता दें कि, को-वैक्सीन (CO-Vaccine Side Effect News) बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने बयान जारी किया है कि, उनके लिए वैक्सीन के असर से ज्यादा लोगों की सुरक्षा पहले है। को-वैक्सीन भारत सरकार की यूनिट ICMR के साथ मिलकर विकसित की गई और सिर्फ एकमात्र कोरोना वैक्सीन है। कंपनी ने दावा किया है कि, वैक्सीन के असरदारी होने को लेकर कई टेस्ट किए गए हैं ! मगर टीका कितना असरदार है, इसके बारे में सोचने से पहले लोगों की सुरक्षा का मद्देनजर यानी ध्यान में ऊपर रखा गया है।