Haryana Lok Sabha Election 2024 : हरियाणा के लिए कांग्रेस ने जैसे ही अपने आठ प्रत्याशियों के नाम लोकसभा चुनावों की सीटों के लिए घोषणा की, राजनीति को लेकर रोमंचाक बातें सामने आई। 33 साल बाद लोकसभा इलेक्शन में पहली बार ऐसा होगा, हरियाणा के पूर्व सीएम बंसीलाल के परिवार का कोई सदस्य मैदान में नहीं होगा।
कांग्रेस ने किया बंसीलाल के परिवार के सदस्यों से किनारा
हरियाणा में कांग्रेस ने लोकसभा प्रत्याशियों (Haryana Lok Sabha Election 2024 ) की घोषणा करने के बाद साफ दिख रहा है। पार्टी हाईकमान ने पूर्व सीएम बंसीलाल के सदस्यों को किनारा करते हुए, उनकि पोती श्रुति चौधरी को भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से टिकट नहीं दिया है।
सन् 1977 से लेकर 2019 तक सिर्फ एक बार साल 1991 को छोड़कर ऐसा रहा जब बंसीलाल या उनके परिवार का कोई सदस्य लोकसभा के इलेक्शन मैदान में नहीं उतरा।
अबकी बार लोकसभा चुनाव में भजनलाल परिवार से भी कोई नहीं मैदान में
हरियाणा में 26 साल बाद भजनलाल परिवार का भी कोई सदस्य चुनावी मैदान (Haryana Lok Sabha Election 2024 ) में नहीं उतरेगा। पूर्व सीएम भजनलाल 1989 में फरीदाबाद से और 1998 में करनाल से चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंचे थे। भजनलाल परिवार ने 2009 से 2019 तक हिसार सीट से लोकसभा का इलेक्शन लड़ा है। लेकिन अबकी बार हिसार से कांग्रेस ने पूर्व कंेद्रीय मंत्री जयप्रकाश जेपी को उम्मीदवार बनाया है जबकि भाजपा ने रणजीत चौटाला को टिकट दिया है। ऐसे में पहला अवसर होगा, 26 साल बाद भजनलाल परिवार से कोई सदस्य चुनावी मैदान में नहीं होगा। क्योंकि भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई भाजपा में पिछले कुछ महिनों में शामिल हो चुके हैं, लेकिन भाजपा ने उसे हिसार से टिकट नहीं दिया।
अबकी बार चुनावी जंग में देवीलाल तथा चौटाला परिवार का अस्तित्व की लड़ाई
हरियाणा के चर्चित लालों में से एक और लाल परिवार भी शामिल है। हरियाणा के पूर्व सीएम देवीलाल के परिवार के तीन सदस्य एक ही सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने रणजीत चौटाला को हिसार सीट से टिकट दिया है। वहीं इनेलो से सुनैना चौटाला और जेजेपी से नैना चौटाला इसी सीट पर चुनावी (Haryana Lok Sabha Election 2024 ) मैदान में हैं। रणजीत सिंह चौटाला देवीलाल के बेटे हैं। जबकी सुनैना चौटाला देवीलाल के पौत्र रवि चौटाला की धर्म पत्नी है। वहीं नैना चौटाला ओमप्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय चौटाला की पत्नी और हरियाणा के पूर्व सीएम दुष्यंत चौटाला की मां हैं। इसी प्रकार चुनावी मैदान में कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट पर ओमप्रकाश चौटाला के छोटे बेटे अभय सिंह चौटाला चुनाव लड़ रहे हैं।
अंबाला सीट पर 25 साल बाद फिर सियासी जंग में कटारिया और चौधरी परिवार
हरियाणा की अंबाला सीट (Haryana Lok Sabha Election 2024 ) पर अबकी बार रोमांचक मुकाबला देखने को मिल सकता है। अबकी बार कांग्रेस ने विधायक वरूण चौधरी को टिकट दिया है। चुनावी मैदान में उनके सामने भाजपा की उम्मीदवार रतनलाल कटारिया की पत्नी बंतो कटारिया होगी। वरूण चौधरी के पिता फूलचंद मुलाना ने जब सन् 1999 में यहां से चुनाव लड़ा था, तब उनके सामने भाजपा के प्रत्याशी रतनलाल कटारिया थे। रतनलाल कटारिया का बीते साल निधन हो गया था। इस प्रकार 25 साल बाद एक बार फिर चौधरी और कटारिया परिवार चुनावी मैदान में आमने सामने होंगे।
सोनीपत सीट पर जाटों के बिना होगा मुकाबला
हरियाणा की सोनीपत सीट (Haryana Lok Sabha Election 2024 ) पर कांग्रेस के टिकट की काफी चर्चा में है क्योंकि अबकी बार कांग्रेस ने यहां से सतपाल ब्रह्माचारी को प्रत्याशी बनाया है। सतपाल मूल रूप से हरियाणा के निवासी हैं, पर वह उत्तराखण्ड की हरिद्वार लोकसभा सीट पर राजनीति करते रहे हैं। सतपाल ब्रह्माचारी को कांग्रेस ने हरिद्वार सीट से 2012 और 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया था। पर दोनों ही चुनावों में उन्हें हार मिली थी। सतपाल ब्रह्माचारी हरिद्वार नगर पालिका के अध्यक्ष भी रहे हैं और हरिद्वार में उनका आश्रम है। यह भी रोमांच है कि सोनीपत में इस बार बीजेपी और कांग्रेस से कोई जाट नेता प्रत्याशी मैदान में नहीं है।
अबकी बार मुकाबला इसलिए रोमांचक है, क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में जब हरियाणा में कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरे और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने यहां से चुनाव लड़ा था तो भाजपा के प्रत्याशी रमेश चंद्र कौशिक ने उन्हें लगभग डेढ़ लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। अबकी बार भाजपा ने राममेहर सिंह लोहिया को मैदान में उतारा हैं।
रोहतक सेे अबकी बार फिर दीपेंद्र हुड्डा
हरियाणा से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा को पार्टी हाईकमान ने रोहतक सीट (Haryana Lok Sabha Election 2024 ) से चुनाव मैदान में उतारा है। हरियणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा के लिए लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। वें यहां से तीन बार सांसद का चुनाव जीत चुके हैं। पर पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर की वजह से 65 हजार वोटों के अंतर से चुनाव हार गए थे।
फरीदाबाद सीट पर अबकी बार फिर जाट प्रत्याशी नहीं
अबकी बार लोकसभा चुनावों में फरीदाबाद सीट पर भाजपा और कांग्रेस ने गुर्जर उम्मीदवारों को टिकट दिया है। 1999 के लोकसभा चुनाव (Haryana Lok Sabha Election 2024 ) में यहां से जाट नेता रामचंद्र बैंदा चुनाव जीते थे और यह इलेक्शन जीत कर उन्होंने जीत की हैट्रिक लगाई थी। 1999 के बाद से फरीदाबाद से कोई भी जाट नेता सांसद का चुनाव नहीं जीत पाया।
सिरसा सीट पर फिर लौटी कुमारी सैलजा
हरियाणा की लोकसभा सिरसा सीट (Haryana Lok Sabha Election 2024 ) पर अबकी बार रोमांचक मुकाबला देखने को मिल सकता है। हरियणा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष कुमारी सैलजा को कांग्रेस से लोकसभा सीट का टिकट मिला है। वहीं उनके सामने होंगे भाजपा के प्रत्याशी पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष डॉ तंवर सिंह। सिरसा सीट से कुमारी सैलजा के पिता चौधरी दलबीर सिंह चार बार और सैलजा खुद दो बार सांसद का चुनाव जीत चुकी हैं। 1998 में सैलजा ने यहां से चुनाव लड़ा था। लेकिन 2004 केबाद से वह अंबाला सीट से चुनाव लड़ती रही हैं। 20 साल बाद उन्होंने सिरसा की सीट पर वापसी की है।
हिसार लोकसभा सीट पर बृजेंद्र सिंह का कटा टिकट
टिकट बंटवारे में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की पसंद का ध्यान रखा गया है, क्योंकि हिसार सीट (Haryana Lok Sabha Election 2024 ) पर चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह को टिकट नहीं मिला है। चौधरी बीरेंद्र सिंह पहले कांग्रेस में ही थे। लेकिन 2014 में वह भाजपा में शामिल हो गए थे। कुछ दिन पहले ही वह कांग्रेस वापस ज्वॉईन हुए हैं। वहीं बेटे बृजेंद्र सिंह को हिसार से कांग्रेस का टिकट मिलना तय माना जा रहा था। जबकी पिछली लोकसभा इलेक्शन 2019 में बृजेंद्र सिंह भाजपा की टिकट पर सांसद बने थे।