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Canadian government gave a big order! If anyone wants to go to Canada then definitely go for these proofs

Canada Citizen News : कनाडा सरकार ने दिया बड़ा आदेश ! अगर किसी कनाडा में रहना है, तो दिखाने होगी ये प्रमाणिकता

Canada Citizen News :  कनाडा सरकार ने कनाडा में बसने के प्रति निष्टा रखने वाले लोगों के लिए एक आदेश जारी किया है। कनाडा सरकार ने कनाडा की नागरिता के लिए एक अधिकारिक घोषणा की है कि, 28 मई, 2024 से एक्सप्रेस एंट्री के लिए संपत्ति के नए प्रमाण दस्तावेजों की जरुरत होगी। कनाडा के नए नियमों के मुताबिक, नागरिकों को बसने के लिए और संपत्ति दिखाने के लिए धन का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा कि, मतलब उनके पास कनाडा में बसने के लिए आवश्यक पर्याप्त धन है या नहीं।

 

कनाडा मे बसने के लिए नए नियमों में क्या जिग्र किया गया है ?

अगर आवेदक बसने के लिए कनाडा सरकार का निमंत्रण अनुरोध स्वीकार करता है, तो अपने पास मौजूद धन का आवश्यक लिखित प्रमाण देना होगा। वहीं अपडेट के कारण फेडरल स्किल्ड वर्कर प्रोग्राम और फेडरल स्किल्ड ट्रेड्स प्रोग्राम के माध्यम से आवेदन करने वाले आवेदक प्रभावित होंगे। ऐसे में कनाडा सरकार धन के प्रमाण की मांग करती है। क्योंकि वो यह सुनिश्चित करती है कि आवेदकों के पास देश में आगमन पर खुद का समर्थन करने के लिए वित्तीय संसाधन हों।

कनाडा में बसने के लिए प्रोफाइल को अपडेट करें

कनाडा बसने में वाले नागरिको (Canada Citizen News) को कनाडा सरकार ने अपनी प्रोफाइल को भी अपडेट करने के भी आदेश जारी किये है। कनाडा सरकार ने एक्सप्रेस एंट्री के आवेदकों को 27 मई, 2024 तक फंड के नए प्रमाण के साथ अपने प्रोफाइल को अपडेट करने के लिए कहा है। हालांकि, अपडेट से पूल में रैंक पर कोई असर नहीं पड़ेगा और प्रोफाइल जमा करने की तारीख और समय वही रहेगा।

अगर कोई कनाडा का नागरिक (Canada Citizen News) अनुभव वर्ग के अनुसार आवेदन जमा किया है, या फिर कनाडा में काम करने के लिए अधिकृत है और उसके पास वैध नौकरी की पेशकश है ! तो नागरिकों को यह दिखाने की जरुरी नहीं है। अगर उनके पास अपने और अपने परिवार का समर्थन करने के लिए आवश्यक राशि है, तभी वें नियमों के तहत आवेदन करने के बाद भी कनाडा में रह सकते हैं।

प्रमाणिकता में कितने पैसे की आवश्यकता होगी

  • single applicant को कैनेडियन डॉलर (CAD) 14,690 रुपये का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा।
  • प्रमाण प्रस्तुति में दो व्यक्तियों के परिवार के लिए CAD 18,288 रुपये का होना आवश्यक है।
  • तीन व्यक्तियों के परिवार के लिए CAD 22,483 रुपये का होना आवश्यक है।
  • चार लोगों के परिवार के लिए CAD 27,297 रुपये का होना आवश्यक है।
  • पाँच लोगों के परिवार के लिए CAD 30,690 रुपये का होना आवश्यक है।
  • छह लोगों के परिवार के लिए CAD 34,917 रुपये का होना आवश्यक है। 
  • सात लोगों के परिवार के लिए CAD 38,875 रुपये का होना आवश्यक है।
  • प्रमाण प्रस्तुति में सात से अधिक सदस्यों वाले परिवार के लिए, प्रत्येक अतिरिक्त सदस्य के पास CAD 3,958 होना चाहिए।

 

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Child gets new life with vaccine worth Rs 17.5 crore, everyone from Bollywood actor to vegetable seller helped

Spinal Muscular Atrophy : 17.5 करोडं रुपये के टीके से बच्चे को मिला नया जीवन, बॉलीवुड अभिनेता से लेकर सब्जी विक्रेता तक ने की सहायता

Spinal Muscular Atrophy : राजस्थान के गुलाबी शहर जयपुर के जेके लोन हस्पताल में मंगलवार को 2 वर्ष के हृदयांश को 17.50 करोड़ रुपए का टीका लगाया गया। 2 वर्ष के हृदयांश एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। इस गंभीर बीमारी का नाम है स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी। इस बीमारी के इलाज के लिए 17 करोड़ रुपये के टीके की सख्त आवश्यक थी। ऐसे में हृदयांश के इलाज के लिए टीके को अमेरिका से मंगवाकर लगाया गया है।

 

 

हृदयांश राजस्थान पुलिस के सब-इंस्पेक्टर के बेटे हैं
दरअसल, हृदयांश शर्मा राजस्थान पुलिस में दे रहे अपनी सेवा सब-इंस्पेक्टर नरेश शर्मा के बेटे हैं। पुलिस सब-इंस्पेक्टर पिता ने बताया है कि, हृदयांश को आम जिंदगी जीने के लिए 17.5 करोड़ रुपये का टीका देने की सख्त आवश्यकता थी। बता दें कि, क्राउडफंडिंग के जरिए अमेरिका से मंगवाया गया 17 करोड़ 50 लाख का टीका (Spinal Muscular Atrophy) अब हृदयांश को लग चुका है।

 

 

आम व्यक्ति से लेकर बड़े सेलिब्रेडिज ने की सहायता
जब हृदयांश शर्मा 1 वर्ष 8 माह के थे, तब से पुलिस ने उसके लिए एक क्राउडफंडिंग के जरिए अभियान शुरु किया था। जबकि, इस दौरान एक समय प्रणाली निर्धारित की गई थी, क्योंकि टीका सिर्फ तब तक लगाया जा सकता है, जब तक कि बच्चा 2 साल का न हो जाए। इस अभियान को क्रिकेटर दीपक चाहर और बॉलीवुड सिंगर एवं अभिनेता सोनू सूद का समर्थन मिला, जिन्होंने सोशल मीडिया पर अपील पोस्ट की। इस तरह पुलिस के चलाए अभियान में जयपुर के फल और सब्जी विक्रेताओं एवं दुकानदारों सहित समाज में सभी प्रकार के लोगों का मुख्य रुप से योगदान मिला। इसी प्रकार अलग-अलग सरकारी संगठनों और सामाजिक संगठनों ने भी इस अभियान के लिए पैसा एकत्रित करने में हेल्प की।

 

 

अमेरिका की कंपनी ने भी दी बच्चे को राहत
राजस्थान पुलिस ने पहली बार बच्चे की जिंदगी के लिए बड़े पैमाने पर क्राउडफंडिंग की है। तीन माह से भी कम समय में 9 करोड़ रुपये ईक्कठे किए और बच्चे को जयपुर के जेके लोन अस्पताल में टीका लगाया गया। बताया जा रहा है कि, बाकि की राशि तीन किस्तों में एक वर्ष के अंतर ही डिपोजिट करनी होगी। एक भारतीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, टीका बनाने वाली अमेरिकी कंपनी ने भी बच्चे के इलाज में काफी हेल्प की है। कंपनी ने टीके की 17.5 करोड़ रुपए की राशि को चार किश्तों में जमा कराने की छूट दी गई है। यानी अभी कंपनी को 8.5 करोड़ रुपये देने तथा उसके लिए जुटाने बाकि हैं। ऐसे में बच्चे को इस टीके (Spinal Muscular Atrophy) से राहत भरी और सामान्य नई जिंदगी मिल गई है।

 

 

स्पाइनल मस्कुलर एस्ट्रॉफी बीमारी से बच्चों में क्या लक्षण होते है ?
अमेरिकी वैज्ञानिको के एक स्वास्थ्य संबंधित शोध के मुताबिक, स्पाइनल मस्कुलर एस्ट्रॉफी (Spinal Muscular Atrophy) बीमारी से पीड़ित छोटा बच्चा या फिर कोई मरीज की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। शरीर के अंगों की गति और यहां तक कि सांस लेने में दिक्कते आती है। इस तरह आम बच्चों में बीमारी के लक्षण दिखने को मिल सकते हैं।

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Canadian government has tightened the new rules for foreign students, let us know what effect it will have on Indian students.

Canada Government New Rules : विदेशी छात्रों के लिए कनाडा सरकार ने नए नियमों में की सख्ती, आए जानें भारतीय छात्रों पर क्या प्रभाव पड़ेगा

Canada Government New Rules :  कनाडा सरकार ने पिछले कुछ महिनों से विदेशी छात्रों के लिए नियम सख्त किए हैं। ऐसे में इन नियमों का प्रभाव भारतीय छात्रों पर भी पड़ना तय है। कनाडा सरकार ने नए नियमों में अब छात्र के काम करने के समय में भी 16 घंटो की कटौती की गई है। लाखों भारतीय छात्रों का सपना अब चकनाचूर हो गया है। ऐसे में उनकी पढ़ाई का खर्चा बढ़ जाएगा।

 

 

इन देशों में ज्यादा पढ़ने जाते है भारतीय छात्र
एक विदेशी शोध रिपाेर्ट के मुताबिक साल 2022 में भारत से विदेश में पढ़ाई करने जाने वाले छात्रों की संख्या लगभग 7.50 लाख से अधिक थी, जो अब तक लगातार बढ़ रही है। भारतीय छात्र सबसे अधिक कनाडा, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई करने जाते हैं। जबकि कुछ दिन पहले कनाडा की सरकार ने नया नियम का ऐलान किया है की, सितंबर 2024 से विदेशी छात्र जहां सप्ताह में 40 घंटे काम कर सकता था वो सिर्फ 24 घंटे कर दिया है। इस तरह के नए नियम से भारतीय छात्रों को पढ़ाई से जुड़ी कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

 

 

कनाडा सरकार के नए नियम से विदेशी छात्राें ने पलायन करना शुरु किया
कनाडा सरकार (Canada Government New Rules) के नए नियम के आने से पहले भारतीय छात्र पढ़ाई के साथ- साथ नौकरी करके अपना निजी खर्च निकाल सकते थे। पर अब नए नियम आने से वो बंद हो जाएगा। इस कारण विदेशी छात्रों ने दूसरे देशों की ओर रुख बनाकर पलायन करना शुरु कर दिया है।

विदेश में एक मीडिया कर्मी से फ्रेशर छात्रों ने बात करते हुए बताया कि, वें इस नियम से खुश हैं, यकिनन छात्र करियर बनाने के लिए अब कनाडा के बदले दूसरे देश की ओर देख रहे हैं। वहीं हार्दिक नाम के एक भारतीय छात्र ने बताया कि, मेरे जैसे फ्रेशर छात्र के लिए कनाडा सरकार का यह नियम अच्छा है, हमें जाते है वहा काम मिल जाएगा। जबकि एक दूसरी भारतीय छात्रा क्रीना त्रिवेदी ने बताया कि, सरकार के द्वारा नियम बदलने की वजह से अब मैं कनाडा नहीं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया पढ़ने जाउंगी।

 

 

विदेशों में भारतीय छात्रों का सालाना कितना खर्च आता है ?
बता दें कि, कनाडा (Canada Government New Rules) में महंगाई बढ़ने से वहां काम कर रहे भारतीय छात्रों का खर्च बढ़ गया है। कनाडा में एक भारतीय छात्र का सालाना खर्च 16 लाख रुपए, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में 20 – 20 लाख रुपए आता है। जबकि, अमेरिका में तो नियम है की कैम्पस में ही छात्र सप्ताह में 20 घंटे काम कर सकते हैं। मगर छात्र नियम से ज्यादा काम करके उसका भुगतान कैश में ले लेता है, जोकि नियमों के मुताबिक ये गैर कानूनी है।

वहीं जर्मनी में यदि छात्र का पब्लिक कॉलेज में एडमिशन हो जाता है तो उसका खर्च सिर्फ 6 लाख रुपए होता है। कनाडा में एक घंटे में 16 डॉलर, यूएस में 9 और ऑस्ट्रेलिया में 23 डॉलर की कमाई होती है। इन देशों की तुलना में अब लाखों भारतीय छात्र फिनलैंड, फ्रांस और जमर्नी का रुख करेंगे।

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China became India's number one partner, while India's special partner America lagged behind.

International Business News : चीन बना भारत का नंबर वन पार्टनर, वहीं भारत का खास पार्टनर अमेरिका पिछड़ा

International Business News : भारत का व्यापार चीन और अमेरिका के साथ जुड़ा हुआ है, लेकिन भौगोलिक और राजनीतिक स्तर पर भारत का रिश्ता चीन के साथ तनावपूर्ण हैं। जबकि ऐसे ही स्तर पर भारत की अमेरिका के साथ मित्रता गहरी है। वहीं पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 में चीन भारत का नंबर 1 ट्रेडिंग पार्टनर बन गया है। जबकि, अमेरिका पीछे छूट गया है। ग्लोबल टाइम्स ने भारत-चीन के मध्य हो रहे व्यापार और भविष्य की अनुमान को लेकर एक लेख छापा है। इस लेख का ये मुख्य उद्देश्य है कि दोनों देश अगर एक दूसरे की सहायता से आगे बढ़ें तो व्यापारिक रिश्ते और मजबूत हो सकते हैं।

बता दें कि, भारत की सीमाओं और राज्यों को अपने नक्शे में दिखाना चीन (International Business News) की पुरानी आदत रही है। दोनों देशों के एक-दूसरे के प्रति युद्ध की आशंका बनी रहती है। लेेकिन युद्धि स्तर के विवादों काे किनारे करें तो चीन भी शायद सोच रहा है कि भारत के बिना उसका गुजारा करना मुश्किल हो सकता है।

 

 

दोनों दैशों में कितने बिलियन डॉलर का ट्रेड हुआ है ?

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 में दोनों देशों के बीच 118.4 बिलियन डॉलर का ट्रेड हुआ है। बता दें कि, चीन के साथ भारत का निर्यात 8.7 फीसदी तक बढ़ा है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की तरफ से ये आंकड़े बीते रविवार को जारी किए गए थे। दरअसल कि, इस वित्त वर्ष से पहले के दो वित्त वर्षों (2021-22 और 2022-23) में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा पार्टनर था। क्योंकि गलवान घाटी में सैनिकों के मध्य तनाव बढ़ने के बाद भारत द्वारा कई चीनी कंपनियों पर कड़ी पाबंदी लगाने के चलते अमेरिका के साथ ट्रेड के आंकड़ों का ग्राफ उठा था।

 

 

क्या कहते है, व्यापार के ये आंकड़े?

रिपोर्ट के मुताबिक, यह व्यापार के आंकड़े डेवलपमेंट चीन और भारत के बीच आर्थिक और व्यापारिक सहयोग के अनुमान पर प्रकाश डालता है। इस दौरान अंदाजा लगाया जा रहा है कि, भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के विकास से पूरी अर्थव्यवस्था सुधार की तरफ बढ़ सकती है। एक अवधी के बाद, भारत वैश्विक फैक्ट्री बनकर चीन को तब्दील करने के प्रयास में है। यदि ग्लोबल इंडस्ट्री और वैल्यू चेन को बारिकी से देखा जाए तो समझ में आता है कि, भारत और चीन (International Business News) अलग-अलग स्थिति में ताकतवर हैं। बता दें कि, चीन पहले से मैन्युफैक्चरिंग हब है, ऐसे में भारत का मैन्युफैक्चरिंग पावर बनने का सपना एक-दूसरे के सहयोग से पूरा हो सकता है। इसमें दोनों देशों के पास अहम मौका होगा।

 

 

कैपिटल इन्टेंसिव प्रॉडक्ट्स में भारत को बल मिला

बता दें कि, भारत सर्विस सेक्टर में अव्वल है, खासतौर पर इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) सेक्टर में मजबूत है। मेक इन इंडिया के साथ टेक्नोलॉजी और कैपिटल इन्टेंसिव प्रॉडक्ट्स में भारत को बल मिला है। कैपिटल इन्टेंसिव प्रॉडक्ट्स में ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग, तेल उत्पादन और रिफाइनिंग, स्टील का उत्पादन, टेलीकम्युनिकेशन्स और ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर आते हैं। ऐसे में सहयोग की राह मजबूत करने के लिए, रेलवे और एयरलाइन्स के माध्यम से चीन के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए नए बाजार तो खोलती है। 

 

 

चीनी आयात का रोल
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड की एक शोध के अनुसार, अप्रैल 2023 में पाया गया कि चीनी इम्पोर्ट से भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को ताकत मिली है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट में छापा गया है कि, भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर अब अधिक निर्यात कर पाने में सक्षम हो रहा है।

दोनों देशों (International Business News) के बीच आपसी व्यापार प्रभावित हो सकता है। वित्त वर्ष 2023-24 में, भारत ने चीन से 3.24 प्रतिशत अधिक आयात किया है। आयात का आंकड़ा 101.7 बिलियन डॉलर है, तो निर्यात बढ़कर 16.67 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है।

 

 

चीनी कंपनियों को भारत में मिले व्यापार करने की ईजाजत
ग्लोबल टाइम्स ने अपने विश्लेषण में कुछ बिंदुओं पर प्रमुख रूप से इस बात पर बल दिया गया है कि, भारत और चीन के बीच व्यापारिक रिश्ते नए सिरे से चल रहे हैं, मगर विलंब के साथ चल रहे हैं। चीन ज्यादा निर्यात कर पा रहा है, जबकि भारत काफी कम, इस विलंब को कम करने के लिए भारत को खास प्रोजेक्ट पर काम करना चाहिए। ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि, चीनी कंपनियों को भारत में व्यापार करने लिए ईजाजत दे देनी चाहिए। कंपनियों के आने पर भारत में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और आमतौर पर अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। 

चीन और भारत व्यापार में एक-दूसरे के प्रति कैसे सहयोग कर सकते हैं ?
ग्लोबल टाइम्स (International Business News) ने अपने लेख में आगे कहा है कि, चीन की कुछ कंपनियां भारत में निवेश करने में दूर हो रही हैं। ऐसे में कंपनियां भारत की कुछ आर्थिक और व्यापार नीतियां का हवाला देकर भारत से दूर रहना चाहती हैं। इसलिए आर्थिकतौर पर भारत सरकार को विशेष नियम और व्यापार के लिए एक अच्छा माहौल बनाना चाहिए। ऐसे में भारत को चीनी कंपनियों से अधिक निवेश पाने में सहायता मिल सकेगी। साथ ही, चीन धीरे-धीरे अधिक भारतीय उत्पादों को अपने बाजारों में बेचने की इजाजत दे सकता है, खासकर खेती और सर्विस सेक्टर में जैसे दूसरे देशों में भेजे जाते हैं।

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Haryana farmer's son won gold medal, Anand Mahindra praised Parvez after seeing his fast race

Indian Athletic Player Story : हरियाणा के किसान के बेटे ने जीता गोल्ड मेडल, परवेज की तेज दौड़ देखकर आनंद महिंद्रा ने की सराहना

Indian Athletic Player Story : शनिवार को भारतीय एथलीट परवेज खान ने एसईसी ट्रैक एंड फील्ड आउटडोर चैंपियनशिप 2024 में 1500 मीटर और 800 मीटर दौड़ प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त कर फाइनल इवेंट में जगह बनाई। अगले दिन रविवार को आयोजित टूर्नामेंट में 1500 मीटर स्पर्धा में गोल्ड और 800 मीटर में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया है।

 

 

उधोगपति आनंद महिंद्रा ने परवेज के शानदार प्रर्दशन की सराहना

हरियाणा के नूंह जिले के तावडू उपमंडल के गांव चाहल्का के रहने वाले राष्ट्रीय खेलों के स्वर्ण पदक विजेता परवेज खान ने अमेरिका के फ्लोरिडा में एसईसी चैंपियनशिप में एक बार फिर से अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। बता दें कि यहां तक पहुंचने वाले वह पहले (Indian Athletic Player Story) भारतीय एथलीट हैं। परवेज खान की रफ़्तारी दौड़ देखकर लोगों के साथ–साथ उद्योगपति ने भी प्रभावित होकर सराहना की हैं। परवेज की दौड़ को देखकर महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरपर्सन आनंद महिंद्रा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर परवेज की वीडियो शेयर कर उनकी जमकर सराहना की है। दौड़ स्पर्धा में प्रथम आकर परवेज खान ने ओलंपिक में जगह बनाने की राह आसान कर ली है।

 

 

परवेज का कैसा रहेगा ओलंपिक का सफर ?

अमेरिका के फ्लोरिडा में आयोजित एसईसी ट्रैक एंड फील्ड आउटडोर चैंपियनशिप 2024 में 20 वर्षीय परवेज खान ने क्वालिफाइंग रेस में 800 मीटर को 1.48.33 मिनट में और 1500 मीटर 3.44.98 मिनट में पूरी कर फाइनल में अपनी जगह बनाई। अगली रविवार की रात काे 1500 मीटर दौड़ के इस फाईनली मुकाबले में विभिन्न देशों के 9 एथलिटों ने भाग लिया। ऐसें में सभी एथलिटों को पछाड़ते हुए परवेज ने प्रथम स्थान प्राप्त कर गोल्ड मेडल पर कब्जा किया। वहीं 800 मीटर स्पर्धा में तीसरे स्थान पर आकर कांस्य पदक विजेता बने।

बता दें कि, इससे पहले (Indian Athletic Player Story) परवेज अंडर 16 में 800 मीटर में नेशनल रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके है। 2021–22 में लगातार परवेज नेशनल चैंपियन भी रह चुके हैं। एनसीएए ट्रैक पर भी दौड़ने वाला परवेज ऐसे पहले भारतीय है, जहां कोई भी भारतीय क्वालीफाई नहीं कर पाया। मीडिया से बात करते हुए परवेज के पिता नफीस अहमद ने बताया कि, 30 जून से पहले 1500 मीटर एथलीट खिलाड़ियों की रैंकिंग निकाली जाएगी। इसके बाद टॉप 2 एथलिटों को ओलंपिक में जाने का अवसर मिलेगा।

 

परवेज खान के जीवन के बारे में
हरियाणा के मेवात जिले के तावडू खंड के गांव चाहल्का के रहने वाले परवेज खान एक किसान के बेटे हैं। परवेज भारतीय नेवी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा ने परवेज की हुनर को देखते हुए उसे 4 साल के लिए अपने पास रखा है। यूनिवर्सिटी परवेज का खेल और रहन सहन का सारा खर्चा वहन कर रही है। ऐसे मे यूनिवर्सिटी परवेज के ऊपर 1 साल का 58 लाख रुपए खर्च कर रही है, पर पूरा खर्चा यूनिवर्सिटी वहन कर रही है।

 

 

सेना की भर्ती के लिए शुरू किया था दौड़ना

एक मीडियाकर्मी से बात करते हुए परवेज के पिता नफीस अहमद ने बताया कि, सेना में भर्ती के लिए तैयारी करने की इच्छा से प्रेरित होकर परवेज ने कम उम्र में ही दौड़ना शुरू कर दिया था। अपनी प्रतिभा को पहचानते उन्होंने सफलताओं के अवसरों की तलाश की और 13 साल की उम्र में नई दिल्ली चले गए। उन्होंने कहा कि वह मेवात क्षेत्र में हुनरबंदों की कमी नहीं है, पर खेल के उचित संसाधन नहीं मिलने से उनकी प्रतिभाएं बाहर नहीं आ रही हैं। जबकि बच्चों का हुनर यही दबकर रह जाता है।

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American company Microsoft got a big blow, American court imposed a fine of 240 million dollars

 Microsoft Company News : अमेरिका की कंपनी माइक्रोसॉफ्ट को लगा बड़ा झटका, अमेरिकी अदालत ने 24 करोड़ डॉलर का ठोका जुर्माना

Microsoft Company News : दुनिया के बहुराष्ट्रीय कंपनियों में से एक सेल कंपनी को बड़ा झटका लगा है। अमेरिका की पॉपुलर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट को बड़ा झटका लगा है। अमेरिका की एक अदालत ने माइक्रोसॉफ्ट पर 24 करोड़ डॉलर का जुर्माना ठोंक दिया है। इसी दौरान अमेरिका में माइक्रोसॉफ्ट के प्रवक्ता ने दावा किया है कि, माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft Company News) ने कोई गड़बड़ी नहीं की है। प्रवक्ता का कहना है कि हम अमेरिका की डेलावेयर कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दायर करेंगे।

माइक्रोसॉफ्ट पर आईपीए की तकनीक चोरी का आरोप है

एक पुराने मामले को लेकर अमेरिका में स्थित डेलावेयर की एक अदालत ने वर्चुअल असिस्टेंट कोर्टाना के उपयोग पर माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft Company News) को पेटेंट मालिक आईपीए टेक्नोलॉजी को 24 करोड़ डॉलर चुकाने का आदेश जारी किया है। कोर्ट ने माना है कि, माइक्रोसॉफ्ट ने आईपीए की तकनीक चुराकर उसके पेटेंट अधिकार का उल्लंघन किया है।

दरअसल, कोर्टाना एक वर्चुअल वॉइस असिस्टेंट है, जिसे माइक्रोसॉफ्ट ने 2014 में पेश किया था। आवाज को पहचानने की जिस तकनीक पर कोर्टाना चलता है, उसे लेकर आईपीए का दावा है कि इसका पेटेंट उसके पास है, जो उसने 2010 में सिरी इंक से खरीदा है। सिरी को बाद में एपल ने खरीद लिया था और इसी नाम से अपना आवाज आधारित वर्चुअल असिस्टेंट सिरी पेश किया था।

 

माइक्रोसॉफ्ट प्रवक्ता ने आरोपों पर दी सफाई

अमेरिका में माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft Company News) के एक प्रवक्ता ने इस मामले के आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि, माइक्रोसॉफ्ट ने आईपीए के पेटेंट का उल्लंघन नहीं किया है। आईपीए ने 2018 में माइक्रोसॉफ्ट के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। माइक्रोसॉफ्ट पर व्यक्तिगत डिजिटल सहायकों और आवाज-आधारित डाटा नेविगेशन से संबंधित पेटेंट के उल्लंघन का आरोप लगाया था। लेकिन इस फैसले के खिलाफ अपील की जाएगी। 

हालांकि, बाद में एक विशिष्ट आईपीए पेटेंट पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मामले पर माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft Company News) की दलील थी कि, उसने पेटेंट का उल्लंघन नहीं किया है। बल्कि जिस पेटेंट की बात की जा रही है, वह अमान्य था। आईपीए ने इसी तरह के मामले में गूगल और अमेजन पर भी मुकदमा दर्ज करवाया था, जिसमें से गूगल के खिलाफ मुकदमा अभी जारी है, जबकि अमेजन के खिलाफ हार हुई है। ऐसे मामलों में कई कंपनियों को अमेरिका व अन्य देशों में अदालती कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है। 

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After Russia made big allegations, America said that there is no question of interfering in Indian elections.

USA News : रुस द्वारा बड़ा आरोप लगाने के बाद अमेरिका ने कहा कि भारत के चुनाव में दखल देना का सवाल ही नी

USA News : रूस ने बड़ा आरोप लगाया था कि, अमेरिका भारत के चुनावाें में दखल देना की कोशिस कर रहा है। कहा था की अमेरिका की यह कोशिस एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। अब रूस के आरोप पर भी अमेरिका ने बड़ा बयान देते हुए स्पष्ट कहा है कि, भारत के चुनाव में अमेरिका के दखल का सवाल ही नहीं उठता है। 

 

अमेरिका ने रुस के आरोपों को किया खारिज

भारत में हो रहे आम चुनावों पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने रुस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, हम न तो भारत, न दुनिया में कहीं भी चुनावी दखल करते हैं। भारत की जनता वहां के चुनाव का फैसला करेगी, हम नहीं। कुछ दिन पहलेे रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने मॉस्को में कहा था कि, भारत के घरेलू मामलों और मौजूदा चुनावों में अमेरिका दखल दे रहा है।

इसी दौरान भारत में खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या-योजना को लेकर भारतीय सरकारी कर्मचारी पर लगे आरोप पर जखारोवा ने कहा था कि, अमेरिका में नई दिल्ली के विरुद्ध निराधार आरोप लगाता रहता है। जबकि, इस पर मिलर उत्तर देने से बचते नजर आए।

 

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Canadian citizens are migrating from Canada, Trudeau government may impose penalty on those leaving the country

Canada Citizen news : कनाडा से पलायन कर रहे हैं कनाडाई नागरिक, देश छोड़ने वालों पर पैनल्टी लगा सकती है ट्रूडो सरकार

Canada Citizen news : कनाडा सरकार को नए नागरिकों को बसाने के लिए संघर्ष कर रहा है। जबकी, कनाडा में रहन-सहन ज्यादा महंगा होने के उसके अपने ही नागरिक अब देश छोड़कर विदेशों में बसने लगे हैं। बढ़ती हुए आवासीय परिसरों के दाम लोगों को दूसरे देशों में जाने के लिए विवश होना पड़ रहा हैं।

हालांकि एक अध्ययन में कहा गया है कि, कनाडा में  2017 और 2019 के बीच प्रवासन पर आए नागरिकों (Canada Citizen news) के द्वारा देश छोड़ने वालों में 31 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। एक अन्य मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अपने नागरिकों के पलायन को रोकने के लिए जस्टिन ट्रूडो सरकार महत्वपूर्ण उपायों पर चर्चा कर रही है। वहीं अंदरूनी मामलों के कारण देश छोड़कर जाने वाले लोगों पर कनाडा सरकार 25 हजार डॉलर की पैनल्टी लगा सकती है।

 

 

इस कारण कर रहे है पलायन

एक शोध के अनुसार, आवासीय सुविधाओं की कीमतों में भारी ईजाफा होने के कारण कई कनाडाई नागरिक बेहतर काम के लिए विदेशों में जाने के लिए विवश होना पड़ रहा है। मैकगिल इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ कनाडा के द्वारा किया गया शोध के मुताबिक, कनाडा में आगमन के 4 से 7 वर्ष के बाद कई कनाडाई नागरिकों (Canada Citizen news) द्वारा देश छोड़ने का फैसला लेने का प्राथमिक कारण रोजगार के अवसर है। नागरिकों को आर्थिक तौर पर मजबूत होने के लिए पर्याप्त अवसर नहीं मिल पा रहे है। यही कारण है कि, उन्होंने दूसरे देशों की ओर रुख करना शुरू कर दिया।  

 

 

कनाडा के पेचीदा नियम भी बने कारण

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा सरकार के विदेशी डिग्रियों को मान्यता देने के पेचीदा नियमों के कारण अप्रवासियों को उनके चुने हुए क्षेत्रों में नौकरी तलाशने और अपने नए देश में अपना करियर बनाने में अड़गां पैदा करते हैं। शोध के मुताबिक, जो नागरिक कनाडा छोड़कर चले गए, उनमें से आधों ने अपने कनाडाई परिजनों के माध्यम से अपनी नागरिकता हासिल की थी।

जबकि एक तिहाई का जन्म कनाडा में ही हुआ है। कनाडा में जन्मे नागरिक (Canada Citizen news) विदेश में रहने के लिए कुछ वजहों का हवाला देते हैं, जैसे नौकरी और अध्ययन के अवसरों के साथ-साथ यात्रा भी शामिल है। रिपोर्ट में एक सुझाव के मुताबिक, विदेशों में प्रवासी कनाडाई नागरिकों के साथ जुड़ना सरकार के लिए कम प्राथमिकता रही है।

 

 

अमेरिका, हांगकांग समेत कई देशों में बसे हैं कनाडाई लोग

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विदेशों में रहने वाले ज्यादातर कनाडाई संयुक्त राज्य अमेरिका, हांगकांग और यूनाइटेड किंगडम में रहते हैं। कनाडा के एक अलग शोध का अनुमान है कि 2016 में लगभग 4 मिलियन कनाडाई नागरिक विदेश में रह रहे थे, जो आबादी का लगभग 11% यानी 9 में से 1 कनाडाई नागरिक होगा।

एक शोध रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश में रहने वाले कनाडाई नागरिकों (Canada Citizen news) की औसत आयु 46.2 है, जो राष्ट्रीय औसत से थोड़ी अधिक है। जबकि, विदेश में रहने वालों का सबसे बड़ा ग्रुप 45 से 54 वर्ष के बीच का है।

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(Gangster Goldy Brar )

Gangster Goldy Brar : एक जैसी दाढ़ी और गैंगस्टर गोल्डी की मौत की अफवाह ! आए जानें अमेरिका में गोलीबारी की असली कहानी

Gangster Goldy Brar : भारत का मोस्ट वॉन्टेड आतंकी गोल्ड़ी बराड़ और पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला का कातिल अभी जिंदा है। बल्कि अमेरिका में हुए जिस गोलीबारी में गोल्डी बराड़ के हत्या किए जाने की खबर आई थी, वो शूटआउट हुआ तो जरूर था, लेकिन उसमें मरने वाला गोल्डी नहीं बल्कि ग्लैडली था। मिलते जुलते नाम और एक जैसी दाढ़ी की वजह से गोल्ड़ी बराड़ की मौत की खबर अफवाह बनकर अमेरिका से भारत तक आ पहुंची थी।

 

 

मिलता जुलता नाम और चेहरे पर एक जैसी दाढ़ी

एक जैसा गोल चेहरा एवं दाढ़ी की स्टाइल भी एक जैसी और तो और नाम भी एक जैसा ही है। एक गोल्डी (Gangster Goldy Brar ) और दूसरा ग्लैडली। जुर्म की काली दुनिया में ‘मिस्टेकेन आइडेंटिटी’ ऐसे अजीबोगरीब मामले दरअसल देखने को मिलते हैं, जब हत्या किसी की होती है और समझ किसी और की ली जाती है। बुधवार को भारत के मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के साथ कुछ ऐसा ही हुआ।

 

 

किसने ली गोल्डी के क़त्ल की जिम्मेदारी ?

लॉरेंस बिश्नोई गैंग के मेंबर और पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के क़त्ल के आरोपी गोल्डी बराड़ (Gangster Goldy Brar ) के अमेरिका में हत्या की जाने की खबर भारत में उड़ी और ऐसी उड़ी कि इसे लेकर ना सिर्फ चर्चाओं का बाज़ार गर्म हो गया, अक्सर विदेश में ही छुपे भारत के एक और छंटे हुए गैंगस्टर और आतंकी लखबीर सिंह लांडा ने गोल्डी के क़त्ल की जिम्मेदारी भी कथित तौर पर अपने सर ले ली।

 

 

कैसी उड़ी अफवाह ?

एक गोलीबारी में गोल्डी बराड़ (Gangster Goldy Brar ) के मारे जाने खबर इसी वक्त पर उड़ी। हुआ यूं कि हॉल्ट एवेन्यू, फेयरमोंट अमेरिका 30 अप्रैल की शाम 5.25 मिनट पर अफ्रीकी मूल के कुछ लोगों के बीच हुई आपसी झड़प में अचानक गोलियां चलने लगी। मारपीट में एक व्यक्ति नीचे जमीन पर गिरा और खुद को बचाने के लिए उसने फायरिंग शुरू कर दी। इस फायरिंग में दो लोगों को गोली लगी और दोनों को उठा कर अस्पताल ले जाया गया। इसमें एक की जान चली गई, जबकि एक को अस्पताल से छुट्टी मिल गई। लेकिन जिसकी जान गई, सारा अफवाह- फसाद उसी को लेकर शुरू हुआ।

 

 

गलतफहमी में बदल गई अफवाह

अक्सर उसकी शक्ल काफी हद तक इंडियन गैंगस्टर गोल्डी बराड़ (Gangster Goldy Brar ) से मिलती-जुलती थी और ना सिर्फ मिलती जुलती थी, कुदरती से उसका नाम भी गोल्डी के नाम से मिलता हुआ था। ऐसे में किसी उस व्यक्ति की मौत को लेकर गलतफहमी हुई और ये गलतफहमी देखते ही देखते गोल्डी बराड़ की मौत की खबर बन कर सोशल मीडिया और मीडिया में छाने लगी।

 

 

कैसे पैदा हुआ कनफ्यूज़न ?

गोलीबारी में जिस व्यक्ति को गोली लगी उसका नाम जेविरय ग्लैडली था। अफ्रीकी मूल के इस व्यक्ति के चेहरे पर भी तकरीबन वैसी ही दाढ़ी थी, जैसी अक्सर तस्वीरों में गोल्डी बराड़ (Gangster Goldy Brar ) की दिखती है। ऊपर से दोनों का चेहरा भी गोल है और शारीरिक बनावट भी काफी हद तक एक जैसी और बस यही वो कॉमन फैक्टर थे जिन्होंने कनफ्यूज़न पैदा कर दिया।

 

 

ग्लैडली को गोल्डी समझ बैठा पंजाबी व्यक्ति

एक मीडिया सूचना के मुताबिक, गोलीबारी के वक़्त वहां से पंजाबी मूल का एक व्यक्ति गुज़र रहा था, जिसे किसी ने ग्लैडली को गोल्डी समझ लिया और इसी से सारे असमंजस की शुरुआत हुई। ऊपर से मामला तब और गहरा गया जब गोल्डी बराड़ (Gangster Goldy Brar ) के क़त्ल की जिम्मेदारी आतंकी लखबीर सिंह लांडा की भी हवा उड़ गई। असल में सोशल मीडिया पर ऐसा कोई भी पोस्ट सामने नहीं आया, लेकिन हवा-हवाई पोस्ट के हवाले से गोल्डी की मौत के पीछे अर्श डल्ला और लखबीर सिंह लांडा की साजिश की खबरें भी सुनी-सुनाई जाने लगीं। क्योंकि अर्श डल्ला के साथ गोल्डी की पुरानी दुश्मनी है और डल्ला, लांडा का करीबी माना जाता है।

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Speculation of Goldie Brar's murder in America, Sidhu is the mastermind of many murders including Moosewala murder case.

Goldy Brar Murder News : अमेरिका में गोल्डी बराड़ की हत्या की अटकलें, सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस समेत कई हत्याओं का है मास्टरमाइंड

Goldy Brar Murder News : पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस के मास्टरमाइंड गोल्डी बराड़ की अमेरिका में हत्या का खुलासा किया जा रहा है। अमेरिकी न्यूज चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, गैंगस्टर गोली बराड़ की अमेरिका में गोली मारकर हत्या कर दी गई है।

बता दें की, गैंगस्टर सतिंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ को केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से आतंकवादी घोषित किया जा चुका है। गोल्डी बराड़ ने ही मशहूर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला (Goldy Brar Murder News) की हत्या की जिम्मेदारी ली थी, जिसके बाद उसका नाम सुर्खियों में आने लगा था।

 

 

 

 

कई मर्डरों की जिम्मेदारी ले चुका है बराड़

गौरतलब है की, गोल्डी बराड़ (Goldy Brar Murder News) के खिलाफ नेताओं को धमकी भरे फोन, फिरौती की मांग, कई हत्याओं की जिम्मेदारी लेने को लेकर मामले दर्ज हैं। गुरलाल बराड़ जो गोल्डी बराड़ का चचेरा भाई था, उसकी हत्या के बाद गोल्डी ने अपराध का रास्ता चुना और कई गैंगस्टर्स के संपर्क में आने लगा। कनाडा के ब्रैम्पटन में रहने वाला गोल्डी बराड़ खालिस्तानी आतंकवादी समूह बब्जर से जुड़ा था। केंद्रीय मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसर गोल्डी बराड़ (Goldy Brar Murder News) शार्प-शूटरों की आपूर्ति के अलावा सीमा पार से गोला-बारूद और विस्फोटक सामग्री की तस्करी के अलावा हत्या करने के सभी सामानों की आपूर्ति करता था।

 

 

 

 

फ्रांस का रेड कॉर्नर नोटिस

इंटरपोल सेक्रेटेरिएट जनरल (आईपीएसजी), फ्रांस की ओर से गोल्डी बराड़ के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जा चुका था। उसके खिलाफ 15 जून 2022 को लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया था। इसके बाद 12 दिसंबर 2022 को गोल्डी बराड़ के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था।

गोल्डी बराड़ (Goldy Brar Murder News) साल 2023 में कनाडा के मोस्ट वांटेड की लिस्ट में 15 वें स्थान पर था। उसे हत्या, हत्या की साजिश, हथियार तस्करी के लिए पुलिस खोज रही थी।

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