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Gold prices again skyrocketed, customers started sweating, know the price of 10 grams of gold

Gold price increase : आसमान पर फिर चढ़े सोने के दाम, ग्राहकों का छूटा पसीना, जानें 10 ग्राम सोने का भाव

Gold price increase : भारतीय बाजार में पिछले कुछ महीनों से सोने और चांदी के भाव दिन -प्रतिदिन चढ़ रहे है। जिससे आम आदमी के लिए खरीदना मुश्किल हो गया है। भारतीय सर्राफा बाजार में कारोबारी सप्ताह के चौथे दिन सोने के रेट काफी बढ़ गए, जिससे ग्राहकों को बड़ी निराशा देखने मिली।

वैसे भी सर्राफा बाजारों में इसके दाम काफी बढ़ सकते हैं, जो हर किसी की जेब का बजट बिगाड़ने के लिए काफी हैं।

 

 

सभी कैरेट वाले सोने की कीमत

देश के सर्राफा बाजारों में आप सोना खरीदने से पहले सभी कैरेट वाले सोने (Gold price increase) पर का भाव जानें। मार्केट में 999 प्योरिटी (24 कैरेट) वाले गोल्ड का प्राइस 72094 रुपये प्रति दस ग्राम पर दर्ज किया जा रहा है।

इसके अलावा 995 प्योरिटी(23 कैरेट) वाले सोने का प्राइस 71805 रुपये प्रति दस ग्राम पर ट्रेंड करता दिख रहा है। बाजार में 916 प्योरिटी(22 कैरेट) वाले गोल्ड का भाव 66038 रुपये प्रति तोला में बिक रहा है।

750 प्योरिटी(18 कैरेट वाले गोल्ड की कीमत 54071 रुपये प्रति दस ग्राम (Gold price increase) पर दर्ज किया जा रहा है। 585 प्योरिटी(14 कैरेट) वाले सोने की कीमत 42175 रुपये प्रति दस ग्राम पर ट्रेंड करता दिख ऱही।

इसी प्रकार मार्केट में चांदी के ताजा भाव की बात करें तो 80898 रुपये प्रति दस ग्राम पर ट्रेंड करती दिख रही है, जो किसी बढ़िया मौके की तरह है।

 

 

 

एक ही कॉल पर ही जानें सोने के भाव

आईबीजेए की तरफ से केंद्र सरकार द्वारा घोषित छुट्टियों के अलावा बाकी सभी दिन सोने के ताजा भाव मार्केट (Gold price increase) में जारी किए जाते हैं। बाजार में 22 कैरेट और 18 कैरेट गोल्ड ज्वेलरी के खुदरा रेट जानने के लिए आप 8955664433 पर मिस्ड कॉल करके जान सकते हैं। इसके कुछ ही देर में बाद आपको एसएमएस के माध्यम से सोने के ताजा भाव की सूचना मिल जाएगी।

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Minor girl could not bear the shock of dog's death, took this dreadful step

Yamuna Nagar news : कुत्ते की मौत का सदमा सहन नहीं कर पाई नाबालिग लड़की, उठाया ये खौफनाक कदम

Yamuna Nagar news : जानवरों से प्यार कई बार इतना भारी पड़ जाता है कि, अपनी जान देकर इंसान को उसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। हरियाणा के यमुनानगर में ये मामला सामने आया है। शहर के कैंप एरिया में कुछ दिन पहले पालतू कुत्ते की मौत हो गई थी, जिसके जहन में आकर सदमें में  13 वर्षीय किशोरी ने घर में ही फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। ऐसे में जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

 

 

नाबालिग मृतिका चांदनी की माँ ने क्या कहा ?

नाबालिग चांदनी की माँ ने पुलिस रिर्पोंट में कहा की,  तीन महीने से चांदनी ने कुत्ता पाल रखा था और वह हर समय उसके साथ ही हस्ती खेलती रहती थी, लेकिन कुछ दिन पहले उसके कुत्ता की मौत हो गई, तब से ही वह बहुत ज्यादा परेशान हो गई और तनाव में चली गई थी। ना तो वह किसी से बात करती थी और गुमसुम सी रहने लगी थी।

माँ को बोला कि, मुझे और कुत्ता ला कर दें नहीं तो मैं मर जाऊंगी। माँ ने बताया कि, वह कल शाम किसी काम के लिए बाजार गई थी तो पीछे से उसने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।

 

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Haryana JJP news : घायल जेजेपी को 2 और लगे झटके, प्रेस प्रवक्ता और वार्ड पार्षद ने दिया ईस्तीफा

Haryana JJP news : जब से भाजपा  से गठबंधन टूटा है, तब से जजपा की हालात दिन- प्रतिदिन बदत्तर होती जा रही है। इसी दौरान रविवार को जींद जजपा के प्रैस प्रवक्ता मुकेश चहल व वार्ड 17 की पार्षद सुशीला चहल ने जजपा की प्राथमिक सदस्यता व पार्टी के सभी पदों से त्याग पत्र दे दिया है।

 

 

दोनों नेताओं ने इस्तीफा जजपा (Haryana JJP news) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय चौटाला को भेजा है। इसी दौरान दोनों नेताओं ने त्याग पत्र देदे हुए कहा कि, जजपा में कुछ लोग पार्टी का विनाश करने में लगे हुए है, ऐसे में इन लोगों ने हमेशा आप कार्यकर्ताओं का शोषण किया।

 

 

वही इन लोगों ने नेता व कार्यकर्ताओं के बीच भ्रम पैदा करने का काम किया। इसी कारण पार्टी का कार्यकर्ता हतास हैं। आज उन्होंने ने भी अपनी अनदेखी के चलते पार्टी से त्यागपत्र दिया है। चहल ने कहा कि, अभी ओर नेता भी अपनी अनदेखी से दुःखी  होकर जजपा पार्टी (Haryana JJP news) को अलविदा कहने वाले है।

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Sarvkhaps took decision in the meeting, there will be boycott on arrival of BJP-JJP leaders in villages

Haryana Lok Sabha election : सर्वखापों ने लिया मीटिंग में फैसला, गांवों में भाजपा-जजपा नेताओं के आने पर होगा बहिष्कार

Haryana Lok Sabha election : हरियाणा में अबकी बार लोकसभा चुनावों में भाजपा-जजपा नेताओं की परेशानी बढ़नें से कम नही हो रही है। हरियाणा में दोनों पार्टिंयों के प्रति लोगों और खापों में भारी रोष है।  सर्वखापों ने मीटिंग बुलाकर भाजपा-जजपा नेताओं के गांवों में होने वाले सार्वजनिक कार्यक्रमों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। वहीं खापों ने भाजपा व जजपा पर आपसी भाईचारा खराब करने का आरोप लगाते हुए स्पष्ट किया कि, चुनाव के दौरान नेताओं के चक्कर में आपसी भाईचारा खराब नहीं होने देंगे। 

 

 

 

30 अप्रैल को दादरी में होने वाली सीएम की रैली का होगा बहिष्कार

दादरी के स्वामी दयाल धाम (Haryana Lok Sabha election) पर फोगाट खाप प्रधान बलवंत नंबरदार की अध्यक्षता में सर्वखाप पदाधिकारियों की बैठक हुई। सर्वखापों की बैठक में सांगवान, श्योराण, फोगाट सहित आधा दर्जन खापों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। इस दौरान सर्वसम्मति से भाजपा और जजपा के सार्वजनिक कार्यक्रमों के बहिष्कार का निर्णय लिया। साथ ही 30 अप्रैल को दादरी में होने वाली सीएम नायब सैनी की रैली का बहिष्कार किया जाएगा। 

 

 

 

5 मई को होगी महापंचायत, लिए जाएंगे कई अहम फैसले 

लोकसभा चुनाव (Haryana Lok Sabha election) को लेकर 5 मई को दादरी में सर्वजातीय सर्वखाप महापंचायत बुलाई है। महापंचायत में भाजपा व जजपा के खिलाफ आगामी रणनीति तय की जाएगी। वहीं खापों ने आरोप लगाया कि, भाजपा ने कभी किसानों तो कभी खिलाड़ियों के साथ अन्याय किया।

हर वर्ग भाजपा (Haryana Lok Sabha election) की नीतियों से परेशान हुआ। शुरू से ही खापों की भूमिका आपसी भाईचारा कायम करने की रही है। इसके बावजूद भाजपा ने भाईचारा खराब करते हुए अपने स्वार्थ की राजनीति की है। पंचायत खापें ऐसा नहीं होने देंगे। प्रधान बलवंत नंबरदार ने सर्वखाप पदाधिकारियों की बैठक के बाद बताया कि, आगामी लोकसभा चुनाव के लिए 5 मई को कई अहम व बड़े निर्णय लिए जाएंगे।

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Devi, Bansi and Bhajan once had dominance in the 1980s, today 'Lal' politics is marginalized in Haryana.

Haryana politician family news : देवीलाल, बंसीलाल और भजनलाल का कभी 1980 के दशक में हुआ करता था वर्चस्व, आज हरियाणा में हाशिए पर ‘लाल’ की राजनीति

Haryana politician family news : अबकी बार 2024 के लोकसभा चुनावों में हरियाणा की राजनीति में परिवर्तन के साथ नया भूचाल आया है ।  हरियाणा में 1980 के दशक में राज करने वाले तीन ‘लाल’ की राजनीतिक का वर्चस्व खत्म होता जा रहा है, वहीं चौथे लाल ‘मनोहर लाल’ इस समय सक्रिय राजनीति में हैं। 1 नवंबर 1966 को हरियाणा बनने के बाद प्रदेश के तीन लाल ‘देवीलाल, बंसीलाल, भजनलाल’ ने राजनीतिक की कमान संभाली।

लंबे समय तक बदल-बदल कर तीनों लाल ने हरियाणा में राज किया। इनमें पूर्व सीएम देवीलाल देश के उपप्रधानमंत्री पद तक भी पहुंचे। जबकि, बंसीलाल और भजनलाल हरियाणा के साथ-साथ केंद्र की राजनीति में सक्रिय रहे। तीनों लाल के बाद उनके परिवारों ने राजनीतिक विरासत को संभाला और हरियाणा में सक्रियता दिखाई। बंसीलाल के बेटे स्व. सुरेंद्र सिंह प्रदेश में मंत्री रहे।

सुरेंद्र सिंह के निधन के बाद उनकी पत्नी किरण चौधरी आज भी सक्रिय राजनीति कर रही हैं। अबकी बार  लोकसभा चुनाव के परिदृश्य से बंसीलाल का परिवार बाहर हो गया है। कांग्रेस की आपसी खींचतान के चलते बंसीलाल की राजनीतिक विरासत को संभाल रही श्रुति चौधरी को इस बार टिकट नहीं दी।

देवीलाल परिवार की वर्चस्व की लड़ाई 

 

इस बार लोकसभा चुनावों में देवीलाल परिवार (Haryana politician family news ) की वर्चस्व की लड़ाई है। देवीलाल के बेटे ओम प्रकाश चौटाला पांच बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। देवीलाल की तीसरी पीढ़ी इस समय सक्रिय राजनीति में है। देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला, पोते की पत्नी नैना चौटाला और सुनैना चौटाला, इस बार लोकसभा चुनावों में जंग के मैदान में उतरे हैं।

भजनलाल का परिवार भी इस बार लोकसभा चुनाव से बाहर

 

इस बार लोकसभा चुनाव (Haryana politician family news ) से हरियाणा के तीसरे लाल यानी भजनलाल का परिवार भी बाहर हो गया है। भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई हिसार से भाजपा के टिकट के प्रबल दावेदार थे। वहीं, भजनलाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन को हिसार से कांग्रेस प्रत्याशी बनाने के लिए कांग्रेस का एक गुट जोर लगा रहा था। दोनों ही भाइयों को कांग्रेस और बीजेपी की तरफ से निराशा ही हाथ लगी है। इस चलते दोनों भाई फिलहाल घर बैठ गए हैं।

हरियाणा का चौथा लाल, अभी है मस्त उल्लास

 

हरियाणा का चौथा लाल पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर को माना जाता है। मनोहर लाल हरियाणा की राजनीति में अभी मस्त उल्लास हैं। हरियाणा में भाजपा ने वर्ष 2014 के दौरान मनोहर लाल को राजनीति में उतारते हुए नारा दिया कि, तीन लाल के बाद अब चौथे लाल हरियाणा को बनाएंगे बेमिसाल। मनोहर लाल इस समय भाजपा की राजनीति के मुखिया के रूप में काम कर रहे हैं। बीजेपी ने उन्हें फ्री हैंड दिया हुआ है। करीब साढ़े नौ साल मुख्यमंत्री रहने के बाद अब वह करनाल से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।

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Canada has placed a reward of Rs 30 lakh on a fugitive of Indian origin, know what crime he committed.

Canada news : कनाडा ने भारतीय मूल के भगोड़ा पर रखा 30 लाख का ईनाम, क्या किया अपराध आए जानें

Canada news : कनाडा ने 25 अपराधियों की मोस्ट वांटेड लिस्ट में भारतीय मूल के एक भगोड़ा का नाम भी शामिल किया है। धरम सिंह धालीवाल के द्वारा 21 वर्षीय पवनप्रीत की हत्या के मसले में उन्हें कनाडा द्वारा भगोड़ा साबित करते हुए 25 अपराधियों की लिस्ट में रखा है। कनाडा सरकार ने धालीवाल की अरेस्ट के लिए कोई भी जानकारी देने वाले व्यक्ति को 30 लाख रूपये तक का इनाम मिलेगा।

 

 

 

कौन है भगोड़ा धर्म सिंह धालीवाल

धालीवाल सिंह को कनाडा (Canada news) के ( मिसीसॉगा ओंटारियों )का निवासी बताया जाता है। उसे कनाडाई पुलिस ने एक ’’ सशस्त्र और खतरनाक ’’ अपराधी घोषित किया है। पुलिस के मुताबिक, धरम सिंह के ग्रेटर टोरंटो एरिया, विन्निपेग/लोअर मेनलैंड और भारत में कनेक्शन हैं। पील क्षेत्रीय पुलिस फर्स्ट-डिग्री हत्या के लिए धरम सिंह धालीवाल को अरेस्ट करना चाहती है। धरम धालीवाल को बॉलो (Bolo) प्रोग्राम पर रखा गया है। यह गंभीर अपराधों के लिए आंतक व्यक्तियों के लिए है। इस प्रोग्राम के तहत (Canada news) कनाडा के मोस्ट वांटेड संदिग्धों की खोज में नागरिकों को शामिल करने के लिए सोशल मीडिया और टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाता है।

 

 

 

धालीवाल ने पवनप्रीत कौर की हत्या क्यों की ?

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 21 वर्षीय पवनप्रीत कौर की दिसंबर 2022 में बै्रम्पटन में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी हत्या से कुछ महीनों पहले, धालीवाल पर कौर के खिलाफ घरेलू-संबंधित अपराधों का आरोप लगाया गया था। धालीवाल ने पुलिस से बचने के लिए कौर की हत्या से पहले आत्महत्या की साजिश भी रची थी। पुलिस बयान में कहा गया है कि, ’’ धालीवाल जानबूझकर सितंबर 2022 में लापता हो गया, लेकिन जांच से पता चला है कि, यह पवनप्रीत कौर की हत्या की प्लानिंग का हिस्सा था। ’’

 

 

 

धालीवाल परिवार के सदस्यों की हो चुकी है गिरफ्तारी

धालीवाल के परिवार के दो सदस्यों, प्रीतपाल धालीवाल और अमरजीत धालीवाल को 18 अप्रैल, 2023 को मॉन्कटन, न्यू ब्रंसविक में अरेस्ट किया गया और उन पर हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया गया। पुलिस ने बताय कि, ’’ जांचकर्ताओं ने इस बात पर जोर दिया है कि, अरेस्टींग से बचने में धालीवाल की मदद करने वाले किसी भी व्यक्ति को समान आरोपों का सामना करना पड़ेगा। ’’

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Big action by NIA regarding Khalistani attack in London, main accused Inderpal Singh Gaba caught

NIA Action : लंदन में खालिस्तानी हमले को लेकर एनआईए का बड़ा ऐक्शन, पगड़ा गया मुख्य आरोपी इंद्रपाल सिंह गाबा

NIA Action : पिछले साल लंदन में भारतीय दूतावास पर हमले संबंधित एक मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) यानि एनआईए ने मुख्य आरोपी इंद्रपाल को अरेस्ट कर लिया है। एनआईए के एक प्रवक्ता ने अपने एक बयान जारी करते हुए बताया कि, ब्रिटेन के हाउंस्लो निवासी इंद्रपाल सिंह गाबा को 22 मार्च, 2023 को लंदन में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के आरोपा में अरेस्ट किया गया है।

 

 

 

किस मामले को लेकर खालिस्तानियों हमला किया था ?

मामले की गंभीरता को लेकर एनआईए (NIA Action) की अब तक की जांच से पता चला हैं कि, पिछले साल 19 और 22 मार्च को लंदन में हुई घटनाएं भारतीय मिशन और उसके अधिकारियों पर हमले करने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा थीं। बयान में बताया गया है कि, 18 मार्च 2023 को खालिस्तानी समर्थक अलगाववादी अर्मतपाल सिंह के खिलाफ पंजाब पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के प्रतिशोध में मार्च, 2023 में लंदन में ये हमले किये गये थे।

 

 

 

अधिकारियों पर हमले की साजिश में था आरोपी इंद्रपाल सिंह गाबा

बता दें कि एनआईए (NIA Action) ने अपने म बयान में कहा कि, हाउंस्लो निवासी इंद्रपाल सिंह गाबा को 22 मार्च के विरोध प्रदर्शन के दौरान गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप में अरेस्ट किया गया हैं। एजेंसी ने कहा कि, मामले में एनआईए की चल रही जांच से पता चला है कि, लंदन में 19 मार्च और 22 मार्च की घटनाएं भारतीय मिशनों और उसके अधिकारियों पर शातिर हमले करने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा थीं।

एनआईए प्रवक्ता ने बताया कि, ’ ब्रिटेन के हाउंस्लो निवासी इंद्रपाल सिंह गाबा को 22 मार्च, 2023 को हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप में अरेस्ट किया गया है। जबकि, एजेंसी ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि, क्या गाबा को दिल्ली में हवाई अड्डे पर अरेस्ट किया गया था। एजेंसी ने हमले में उसकी अहम भूमिका या खालिस्तानी समर्थक नेताओं के साथ उसके संबंध का भी खुलासा नहीं किया।

 

 

 

राष्ट्रीय ध्वज का किया था अपमान

एनआईए (NIA Action) की सूचना से पता चला कि, भारतीय उच्चायोग में राष्ट्रीय ध्वज को खालिस्तानी समर्थकों ने भारत द्वारा अलगाववादी तत्वों पर कार्रवाई के खिलाफ में विरोध प्रदर्शन के दौरान उतार दिया था। इस घटना के मद्देनजर अप्रैल में गृह मंत्रालय की ब्रिटेन के गृह मंत्रालय की ब्रिटेन के गृह कार्यालय के प्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद एनआईए ने दिल्ली पुलिस से जांच अपने हाथ में ले ली।

प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि, 19 मार्च की हिंसा का मास्टरमाइंड अवतार सिंह उर्फ आजाद उर्फ रणजोध सिंह को बताया गया था, जो नामित आतंकी संगठन खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का स्वयंभू प्रमुख था। इस प्रकार कुछ सप्ताह बाद बर्मिंघम के एक अस्पताल में मौत हो गई थी। वहीं वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह के कथित हैंडलर खांडा की मौत खालिस्तान समर्थक तत्वों या पीकेई के लिए एक बड़ा झटका थी।

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America imposed sanctions on three Indian companies, took a tough decision on dealing with Iran

Indian international Company ban : भारत की तीन कंपनियों पर अमेरिका ने लगाई पाबंदी, ईरान के साथ डील करने पर लिया कड़ा फैसला

Indian international Company ban : ईरान के साथ कारोबार करने पर अमेरिका ने एक दर्जन से ज्यादा कंपनियों पर पांबदी लगाई है। इन कंपनियों में भारत की तीन कंपनियां भी शामिल हैं। इन कंपनियोें पर आरोप है कि, ईरान की ओर से यूक्रेन युद्ध के लिए रूस की मदद के लिए इन कंपनियों ने डील के साथ ड्रोन भेजे थे। अमेरिका के ट्रेजरी डिपार्टमेंट का कहना है कि, हमने जांच में पाया है कि, इन कंपनियों ने ईरान के साथ रूस की डील में सहायता की थी। अमेरिका विभाग के मुताबिक, इस डील में मुख्य कंपनी सहारा थंडर थी, जिसने ईरान के ड्रोन्स को दूसरे देशों में बेचने में सहायता की।

 

 

 

भारत की कौन-सी तीन कंपनियों पर आरोप लगे ?

सहारा थंडर को इस डील में सहायता करने के आरोप में भारत की तीन कंपनियों जेन शिपिंग, पोर्ट इंडिया, प्राईवेट लिमिटेड और सी आर्ट शिप मैनेजमेंट प्राईवेट लिमिटेड पर लगा है। अमेरिकी एजेंसी के मुताबिक ईरानी सैन्य यूनिट सहारा थंडर एक विशाल शिपिंग नेटवर्क वाली कंपनी है। यह ईरान के रक्षा और सशस्त्र बल रसद मंत्रालय की ओर से पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना, रूस, वेनेजुएला और कई देशों में ईरानी वस्तुओं की बिक्रि करती है।

 

 

 

किस तरह भारतीय कंपनियों ने ईरान के साथ काम किया ?

सहारा थंडर ने कुक आइलैंड्स-ध्वजांकित जहाज सीएचईएम आईएमओ 9240914 के लिए भारत स्थित जेन शिपिंग और पोर्ट इंडिया प्राईवेट लिमिटेड के साथ टाइम-चार्टर के साथ करार किया है। इसका प्रबंधन और संचालन संयुक्त अरब अमीरात स्थित सेफ सीज मैनेजमेंट एफजेडई द्वारा किया जाता है। ट्रेजरी विभाग ने कहा है कि, ’ सहारा थंडर ने 2022 से वस्तुओं के कई जहाज भेजने के लिए सीएचईएम का उपयोग किया है। ईरान स्थित अर्सांग सेफ ट्रेडिग कंपनी ने सीएचईएम सहित कई सहारा थंडर-संबंधित जहाज परिवहन में सर्विस की हैं।’

 

 

 

भारतीय कंपनियों ने ईरान के लिए जहाजों का प्रबंधन किया

ट्रेजरी के मुताबिक, ईरान स्थित एशिया मरीन क्राउन एजेंसी ने कई सहारा थंडर शिपमेंट में सहयोग करते हुए ईरान के बंदर अब्बास में बंदरगाह एजेंट के रूप में काम किया हैं। इस दौरान कहा गया है कि, ’ भारत स्थित सी आर्टशिप मैनेजमेंट, प्राईवेेट लिमिटेड और यूएई स्थित कंपनी ट्रांस गल्फ एजेंसी एलएलसी ने सहारा थंडर के समर्थन में जहाजों का प्रबंधन करने के लिए मिलकर काम किया है। इसके एवज में यूएई और ईरान स्थित कोरल ट्रेडिंग ईएसटी ने सहारा थंडर से ईरानी वस्तुएं खरीदी हैं। ’

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The field is empty from the families of Bhajan and Bansi Lal, for the first time from Sonipat, there is a fight without Jats.

Haryana Lok Sabha Election 2024 : भजन और बंसी लाल के परिवार से मैदान खाली, सोनीपत से पहली बार जाटों के बिना जंग

Haryana Lok Sabha Election 2024 : हरियाणा के लिए कांग्रेस ने जैसे ही अपने आठ प्रत्याशियों के नाम लोकसभा चुनावों की सीटों के लिए घोषणा की, राजनीति को लेकर रोमंचाक बातें सामने आई। 33 साल बाद लोकसभा इलेक्शन में पहली बार ऐसा होगा, हरियाणा के पूर्व सीएम बंसीलाल के परिवार का कोई सदस्य मैदान में नहीं होगा।

 

कांग्रेस ने किया बंसीलाल के परिवार के सदस्यों से किनारा

हरियाणा में कांग्रेस ने लोकसभा प्रत्याशियों (Haryana Lok Sabha Election 2024 ) की घोषणा करने के बाद साफ दिख रहा है। पार्टी हाईकमान ने पूर्व सीएम बंसीलाल के सदस्यों को किनारा करते हुए, उनकि पोती श्रुति चौधरी को भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से टिकट नहीं दिया है।

सन् 1977 से लेकर 2019 तक सिर्फ एक बार साल 1991 को छोड़कर ऐसा रहा जब बंसीलाल या उनके परिवार का कोई सदस्य लोकसभा के इलेक्शन मैदान में नहीं उतरा।

 

 

अबकी बार लोकसभा चुनाव में भजनलाल परिवार से भी कोई नहीं मैदान में

हरियाणा में 26 साल बाद भजनलाल परिवार का भी कोई सदस्य चुनावी मैदान (Haryana Lok Sabha Election 2024 ) में नहीं उतरेगा। पूर्व सीएम भजनलाल 1989 में फरीदाबाद से और 1998 में करनाल से चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंचे थे। भजनलाल परिवार ने 2009 से 2019 तक हिसार सीट से लोकसभा का इलेक्शन लड़ा है। लेकिन अबकी बार हिसार से कांग्रेस ने पूर्व कंेद्रीय मंत्री जयप्रकाश जेपी को उम्मीदवार बनाया है जबकि भाजपा ने रणजीत चौटाला को टिकट दिया है। ऐसे में पहला अवसर होगा, 26 साल बाद भजनलाल परिवार से कोई सदस्य चुनावी मैदान में नहीं होगा। क्योंकि भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई भाजपा में पिछले कुछ महिनों में शामिल हो चुके हैं, लेकिन भाजपा ने उसे हिसार से टिकट नहीं दिया।

 

 

 

अबकी बार चुनावी जंग में देवीलाल तथा चौटाला परिवार का अस्तित्व की लड़ाई

हरियाणा के चर्चित लालों में से एक और लाल परिवार भी शामिल है। हरियाणा के पूर्व सीएम देवीलाल के परिवार के तीन सदस्य एक ही सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने रणजीत चौटाला को हिसार सीट से टिकट दिया है। वहीं इनेलो से सुनैना चौटाला और जेजेपी से नैना चौटाला इसी सीट पर चुनावी (Haryana Lok Sabha Election 2024 ) मैदान में हैं। रणजीत सिंह चौटाला देवीलाल के बेटे हैं। जबकी सुनैना चौटाला देवीलाल के पौत्र रवि चौटाला की धर्म पत्नी है। वहीं नैना चौटाला ओमप्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय चौटाला की पत्नी और हरियाणा के पूर्व सीएम दुष्यंत चौटाला की मां हैं। इसी प्रकार चुनावी मैदान में कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट पर ओमप्रकाश चौटाला के छोटे बेटे अभय सिंह चौटाला चुनाव लड़ रहे हैं।

 

 

 

अंबाला सीट पर 25 साल बाद फिर सियासी जंग में कटारिया और चौधरी परिवार

हरियाणा की अंबाला सीट (Haryana Lok Sabha Election 2024 ) पर अबकी बार रोमांचक मुकाबला देखने को मिल सकता है। अबकी बार कांग्रेस ने विधायक वरूण चौधरी को टिकट दिया है। चुनावी मैदान में उनके सामने भाजपा की उम्मीदवार रतनलाल कटारिया की पत्नी बंतो कटारिया होगी। वरूण चौधरी के पिता फूलचंद मुलाना ने जब सन् 1999 में यहां से चुनाव लड़ा था, तब उनके सामने भाजपा के प्रत्याशी रतनलाल कटारिया थे। रतनलाल कटारिया का बीते साल निधन हो गया था। इस प्रकार 25 साल बाद एक बार फिर चौधरी और कटारिया परिवार चुनावी मैदान में आमने सामने होंगे।

 

 

 

सोनीपत सीट पर जाटों के बिना होगा मुकाबला

हरियाणा की सोनीपत सीट (Haryana Lok Sabha Election 2024 ) पर कांग्रेस के टिकट की काफी चर्चा में है क्योंकि अबकी बार कांग्रेस ने यहां से सतपाल ब्रह्माचारी को प्रत्याशी बनाया है। सतपाल मूल रूप से हरियाणा के निवासी हैं, पर वह उत्तराखण्ड की हरिद्वार लोकसभा सीट पर राजनीति करते रहे हैं। सतपाल ब्रह्माचारी को कांग्रेस ने हरिद्वार सीट से 2012 और 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया था। पर दोनों ही चुनावों में उन्हें हार मिली थी। सतपाल ब्रह्माचारी हरिद्वार नगर पालिका के अध्यक्ष भी रहे हैं और हरिद्वार में उनका आश्रम है। यह भी रोमांच है कि सोनीपत में इस बार बीजेपी और कांग्रेस से कोई जाट नेता प्रत्याशी मैदान में नहीं है।

अबकी बार मुकाबला इसलिए रोमांचक है, क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में जब हरियाणा में कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरे और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने यहां से चुनाव लड़ा था तो भाजपा के प्रत्याशी रमेश चंद्र कौशिक ने उन्हें लगभग डेढ़ लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। अबकी बार भाजपा ने राममेहर सिंह लोहिया को मैदान में उतारा हैं।

 

 

 

 

रोहतक सेे अबकी बार फिर दीपेंद्र हुड्डा

हरियाणा से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा को पार्टी हाईकमान ने रोहतक सीट (Haryana Lok Sabha Election 2024 ) से चुनाव मैदान में उतारा है। हरियणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा के लिए लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। वें यहां से तीन बार सांसद का चुनाव जीत चुके हैं। पर पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर की वजह से 65 हजार वोटों के अंतर से चुनाव हार गए थे।

 

 

 

 

फरीदाबाद सीट पर अबकी बार फिर जाट प्रत्याशी नहीं

अबकी बार लोकसभा चुनावों में फरीदाबाद सीट पर भाजपा और कांग्रेस ने गुर्जर उम्मीदवारों को टिकट दिया है। 1999 के लोकसभा चुनाव (Haryana Lok Sabha Election 2024 ) में यहां से जाट नेता रामचंद्र बैंदा चुनाव जीते थे और यह इलेक्शन जीत कर उन्होंने जीत की हैट्रिक लगाई थी। 1999 के बाद से फरीदाबाद से कोई भी जाट नेता सांसद का चुनाव नहीं जीत पाया।

 

 

 

 

सिरसा सीट पर फिर लौटी कुमारी सैलजा

हरियाणा की लोकसभा सिरसा सीट (Haryana Lok Sabha Election 2024 ) पर अबकी बार रोमांचक मुकाबला देखने को मिल सकता है। हरियणा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष कुमारी सैलजा को कांग्रेस से लोकसभा सीट का टिकट मिला है। वहीं उनके सामने होंगे भाजपा के प्रत्याशी पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष डॉ तंवर सिंह। सिरसा सीट से कुमारी सैलजा के पिता चौधरी दलबीर सिंह चार बार और सैलजा खुद दो बार सांसद का चुनाव जीत चुकी हैं। 1998 में सैलजा ने यहां से चुनाव लड़ा था। लेकिन 2004 केबाद से वह अंबाला सीट से चुनाव लड़ती रही हैं। 20 साल बाद उन्होंने सिरसा की सीट पर वापसी की है।

 

 

 

हिसार लोकसभा सीट पर बृजेंद्र सिंह का कटा टिकट

टिकट बंटवारे में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की पसंद का ध्यान रखा गया है, क्योंकि हिसार सीट (Haryana Lok Sabha Election 2024 ) पर चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह को टिकट नहीं मिला है। चौधरी बीरेंद्र सिंह पहले कांग्रेस में ही थे। लेकिन 2014 में वह भाजपा में शामिल हो गए थे। कुछ दिन पहले ही वह कांग्रेस वापस ज्वॉईन हुए हैं। वहीं बेटे बृजेंद्र सिंह को हिसार से कांग्रेस का टिकट मिलना तय माना जा रहा था। जबकी पिछली लोकसभा इलेक्शन 2019 में बृजेंद्र सिंह भाजपा की टिकट पर सांसद बने थे।

 

 

 

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Indian student arrested in America for protesting against Israel, let's know who this student is

 Indian Student protest Story : इजरायल के खिलाफ प्रदर्शन करने पर अमेरिका में अरेस्ट हुई भारतीय छात्रा, आए जानें कौन है ये छात्रा

 Indian Student protest Story :  इजरायल विरोधी प्रदशर्न करने वाली भारतीय मूल की एक छात्रा को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया है। अमेरिका की प्रतिष्ठित प्रिंसटन विश्वविद्यालय में पढ रही है ये छात्रा। सूचना के मुताबिक अरेस्ट की गई छात्रा तमिलनाडु में जन्मी अचिंत्य शिवलिंगन है।

जबकि उसके साथ ही सैयद नाम का एक युवक भी अरेस्ट हुआ है। ये छात्र ( Indian Student protest Story) कई अन्य छात्र नेताओं और सामान्य छात्रों के साथ गाजा पट्टी में फिलिस्तीनियों के समर्थन में और इजरायली हमलों का विरोध प्रदर्शन कर रहें थे। जबकि, दोनों की अरेस्ट सूचना प्रिंसटन एल्युमनाई वीकली की रिपोर्ट से मिली है।

 

 

 

विश्वविद्यालय की तरफ से भारतीय छात्रा को मिल रही थी चेतावनी

अरेस्ट दोनों छात्रों पर विश्वविद्यालय की प्रवक्ता जेनिफर मोरिल ने कहा कि, दोनों छात्रों के कैंपस में आने पर रोक लगा दी गई है। जबकि, इसके बावजूद भी विश्वविद्यालय में बिना परिमशन के टेंट लगाने और प्रदर्शन करने का भी आरोप इन लोगों पर है। दरअसल, इन छात्रों को विश्वविद्यालय के हॉस्टल में रहने की अनुमति होगी।

बता दें कि, तमिलनाडु की रहने वाली भारतीय छात्रा अचिंत्य शिवलिंगन मार्स्टस इन पब्लिक अफेयर्स की डिग्री ले रही है। वहीं सैयद हसन प्रिंसटन विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहा है। एक बयान में विश्वविद्यालय की प्रवक्ता ने कहा कि, छात्रों ( Indian Student protest Story) को कई बार चेतावनी दी जा चुकी थी कि, वे स्थान खाली कर देें और राजनीतिक प्रदर्शन न करें।

 

 

 

 

इजरायली पीएम ने की अमेरिका की आलोचना

विश्वविद्यालय की प्रवक्ता ने आगे बताया कि, चेतावनी के बाद ये छात्र ( Indian Student protest Story) नहीं माने तो अरेस्टिंग की गई। जबकि अचिंत्य और हसन की गिरफ्तारी के बाद दूसरे छात्रों ने आंदोलन बंद कर दिया है और वहां से टेंट भी हटा लिए गए हैं।

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस आंदोलन में छात्र, फैकल्टी मेंबर और अन्य बाहरी लोग भी शामिल थे। दरअसल, अमेरिका के कई कॉलेज और यूनिवर्सिटीयों में इजरायल के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं। इसे लेकर इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने भी अमेरिका की आलोचना की और कहा कि, आपके यहां हमारे खिलाफ बर्बादी के नारे लग रहे हैं।

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