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Indian Passport is the second cheapest in the world, Visa free travel in 62 countries, know which country has the most expensive passport?

Indian Visa Passport : Indian Passport दुनिया में दूसरा सबसे सस्ता, 62 देशों में Visa free यात्रा, जानिए सबसे महंगा पासपोर्ट किस देश का ?

Indian Visa Passport : दुनिया में सबसे सस्ता Passport संयुक्त अरब अमीरात का है। इसके बाद विश्व स्तर पर दूसरा सबसे सस्ता पासपोर्ट भारत का है। विशेषज्ञों ने दुनिया भर में Passport Fees की एक सूची तैयार करने के बाद कीमत, वैधता और शक्ति के आधार पर तुलना करते हुए ये रिपोर्ट तैयार की है।

भारतीय पासपोर्ट (Passport) वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे सस्ता और वार्षिक खर्च के मामले में सबसे किफायती है। यूएई का Passport सस्ता होने के मामले में सबसे ऊपर है। एक हालिया रिसर्च से पता चलता है कि, वैधता की ‘प्रति वर्ष लागत’ के मामले में भारत (Indian Visa Passport) का Passport सबसे अधिक किफायती है।

 

 

 

Indian Passport धारक कितने देशों में मुक्त यात्रा कर सकता है ?

भारतीय Passport धारक 62 देशों की वीजा-मुक्त यात्रा कर सकता है। ये स्टडी ऑस्ट्रेलियाई फर्म कंपेयर द मार्केट एयू (Australian Of ferm compare the market EU) ने की है। फर्म ने विभिन्न देशों के Passport प्राप्त करने की लागत और वैधता के प्रति वर्ष की फिफायत का अध्ययन किया। साथ ही उन देशों की संख्या के संदर्भ में उनके मूल्य का भी अध्ययन किया, जहां यह वीजा-मुक्त Visa free पहुंच प्रदान करता है।

 

रिसर्च में मेक्सिको को सबसे महंगा पासपोर्ट Passport पाया गया, जिसकी कीमत 10 वर्षों के लिए 231.05 अमेरिकी डॉलर है। फर्म के बयान के अनुसार, भारत का Passport कुल मिलाकर सूची में दूसरा सबसे सस्ता पासपोर्ट है, जिसकी कीमत 10 साल की वैधता के लिए 18.07 अमेरिकी डॉलर है।

 

यूएई में 5 साल की वैधता के लिए 17.70 अमेरिकी डॉलर है। वैधता की प्रति वर्ष लागत के लिहाज से भारत में प्रति वर्ष 1.81 अमेरिकी डॉलर की लागत वाला सबसे सस्ता Passport था। दक्षिण अफ्रीका 3.05 डॉलर और केन्या 3.09 अमेरिकी डॉलर के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर थे

 

 

 

 

Visa free of Indian Passport पहुंच सीमित

भारतीय पासपोर्ट की वीजा-मुक्त (Visa free of Indian Passport) की पहुंच तुलनात्मक रूप से सीमित है। यह ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और कनाडा जैसे देशों के विपरीत है, जहां Passport अधिक खर्च पर आते हैं लेकिन इनकी वीजा मुक्त पहुंच ज्यादा है।

 

रिसर्च में कहा गया है कि, यात्रा बीमा तुलना विशेषज्ञों ने दुनियाभर में पासपोर्ट शुल्क Passport fees की एक सूची तैयार की। इसकी कीमत, वर्षों की वैधता और शक्ति के आधार पर उनकी तुलना की। Passport के महत्व को ध्यान में रखते हुए कई लोग विदेश में हानि, चोरी या क्षति से होने वाले खर्च को कम करने के लिए यात्रा बीमा का विकल्प चुनते हैं।

 

कंपेयर द मार्केट (Compare the Market) में जनरल इंश्योरेंस (General of Insurance) के कार्यकारी महाप्रबंधक एड्रियन टेलर अप्रत्याशित परिस्थितियों के दौरान तनाव को कम करने, यात्रा के दौरान मन की शांति सुनिश्चित करने में यात्रा बीमा के महत्व पर जोर देते हैं।

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EU eases rules for Indians! This will be beneficial for those going to Europe

EU Visa : ईयू ने भारतीयों के लिए आसान किये नियम ! यूरोप जाने वालों के लिए ये होगा फायदा

EU Visa (schengen visa ): विदेश में हॉलीडे मनाने या फिर घूमने जाने वालों के लिए यूरोपीय यूनियन ने दी खुशी। ईयू (EU Visa) ने भारतीयों के लिए शेंगेन वीजा को नियमों में काफी ढील दी है। सूजना के अनुसार भारतीयों के वीजा की वैलिडिटी 5 साल तक हो सकती है। जबकि अमेरिका पहले से ही 10 साल का विजिटर वीजा देता है।

बल्कि शेंगेन वीजा पर यूरोप (EU Visa)  जाने वालों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। यदि लोगों को लंबे समय तक यूरोप के 27 में से किसी भी देश में रूकना पड़ता था, तो बार-बार वीजा रिन्यू करवाने की चिंता रहती थी। पर अब नए नियमों के बाद लोगों का कागज कामकाज कम हो जाएगा।

 

 

विजिटर वीजा में कितनी मिलेगी वैलिडिटी की छूट

बता दें कि, कम फीस पर यूके लंबे समय का विजिटर वीजा देता है। ईयू (EU Visa) ने अपने बयान जारी करते हुए कहा कि, नए वीजा नियमों के अनुसार भारतीयों लॉन्ग ट्रम और मल्टी एंट्री शेनजेन वीजा दो साल की वैलिडिटी के साथ जारी किया जा सकेगा। जबकि, इसके लिए बीते तीन साल में दो वीजा लेना जरूरी है।

दो साल के वीजा के बाद पांच साल का वीजा भी मिल सकता है। यदि पासपोर्ट की वैलिडिटी पर्याप्त होगी तो वीजा बढ़ाया जा सकेगा। इसके बावजूद schengen visa वीजा धारक वीजा फ्री देशों की यात्रा कर सकता है।

 

इयू ने वीजा के नियमों में कब बदलाव किये है ?

गौरतलब है कि, यूरोपीय यूनियन (EU Visa) ने 18 अप्रैल को ईसी यानि यूरोपीय कमिशन की तरफ से नियमों में परिवर्तन के बाद वीजा नियमों मेें विशेषता दी गई है। इसके बावजूद भारत में रह रहे लोगों के लिए भी शेंगेन वीजा के नियम आसान किए जाएंगे। भारत और ईयू में संबंध मजबूत करने के लिए यह सिफारिश की गई है।

शेंगेन वीजा पर कितने दिनों तक और कितने देशों में यात्रा की जा सकती है ?

गौरतलब है कि, शेंगेन वीजा  schengen visa (EU Visa) बरहाल् भारतीय या़ित्रयों को 90 दिन के लिए मिलता है। जबकि इस वीजा पर 180 दिनों के दौरान 90 दिनों में 29 देशों की यात्रा की जा सकती है। इन देशों में बेल्जियम, बुल्गारिया, क्रोशिया, चेक रिपब्लिक, डेनमार्क, लिथुआनिया, लग्मबर्ग, हंगरी, माल्टा, नीदरलैंड्स, ऑस्ट्रिया, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्लोवानिया, स्लोवाकिया, पिनलैंड, स्वीड, आईसलैंड, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड आदि देश शामिल हैं।

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Government becomes strict on dowry system, government employees will have to give an affidavit of not taking dowry! Teacher said, want an educated girl

Indian Dowry- system update : दहेज प्रथा पर सख्त हुई सरकार, सरकारी कर्मचारियों को देना होगा दहेज न लेने का शपथपत्र! शिक्षक बोले, पढ़ी-लिखी लड़की चाहिए

Indian Dowry- system update : सरकारी कर्मचारियों को अब दहेज न लेने का शपथपत्र देना होगा। यूपी सरकार द्वारा यह नियम दहेज पर लगाम लगाने के लिए लागू किया जा रहा है। वाराणसी के शिक्षक वर्ग ने इस फैसले का स्वागत किया है। उनका मानना है कि, पढ़ी-लिखी लड़कियों को प्राथमिकता देनी चाहिए।

 

 

नियुक्ति के समय शपथ- पत्र लेना अनिवार्य

दहेज (Indian Dowry- system update ) पर लगाम लगाने के लिए शासन स्तर से सख्ती शुरू हो गई है। सरकारी सेवा में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारी अपनी शादी में अब दहेज नहीं ले सकेंगे। उन्हें शादी के समय का जिक्र करते हुए अपने नियुक्ति अधिकारी को यह शपथ पत्र देना होगा कि, उन्होंने अपनी शादी में किसी तरह का दहेज नहीं लिया है। इस प्रकार सरकारी भर्तियों में नियुक्त होते समय प्राथी को शपथपत्र अनिवार्य होगा।

 

जबकि वाराणसी जिले के सबसे बड़े सरकारी सेवा वर्ग से जुड़े शिक्षकों ने इस व्यवस्था का स्वागत करते हुए कहा कि, वे दहेज (Indian Dowry- system update ) नहीं लेंगे और विद्यार्थियों व अन्य लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करेंगे।

 

सरकारी अधिकारियों- कर्मचारियों को अपनी शादी में दहेज (Indian Dowry- system update ) लेने से रोक लगाने के लिए शासन स्तर से पहल शुरू हो गई है। शासन उत्तर प्रदेश दहेज प्रतिषेध नियमावली 2004 का पालन सख्ती से कराने के लिए सक्रिय हो गया है।

 

 

 

महिला कल्याण विभाग के भी आदेश जारी हुए

महिला कल्याण विभाग की निदेशक संदीप कौर ने सभी विभागाध्यक्षों को दिशा निर्देश जारी किया है कि सरकारी सेवकों से इसका शपथ पत्र लिया जाए। इसके लिए निर्धारित फॉर्मेट में एक शपथ पत्र भरकर देना होगा, जिसमें स्पष्ट करना होगा कि उसने शादी के समय या बाद में दहेज (Indian Dowry- system update ) नहीं लिया है

 

 

शपथ- पत्र पर शिक्षक बोले, दहेज नहीं ! पढ़ी-लिखी लड़की चाहिए

बता दें की, जिले में सरकारी सेवा के सबसे बड़े वर्ग से जुड़े शिक्षकों ने इस निर्देश का स्वागत करते हुए कहा कि, हमें दहेज नहीं, पढ़ी-लिखी लड़की को प्राथमिकता देनी चाहिए। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सकलदेव सिंह ने कहा कि शासन के इस आदेश का पालन हर शिक्षक करेगा और विद्यार्थियों व अन्य लोगों को भी प्रेरित करेगा।

शैक्षिक महासंघ के कार्यकारी जिलाध्यक्ष ज्योतिप्रकाश ने कहा कि समाज के लिए अभिशाप दहेज (Indian Dowry- system update ) के कारण कई मासूम लड़कियों ने आत्महत्या कर ली।

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Gold prices fell in the Indian bullion market, find out how much the gold prices reduced

Indian Gold Price Update : भारतीय सर्राफा बाजार में गिरे सोने के नखरते भाव, आए जानें कितने कम हुए सोने के भाव

Indian Gold Price Update : पिछले दिनों सोने के नखरे अपने भाव के प्रति दिन-प्रतिदिन चढ रहे थे। अब उसके नखरे धड़ाम से नीचे गिर रहे है, इसलिए सोने के भाव में कीमतों में कमी आई है। भारतीय सर्राफा बाजार में आज यानि 23 अप्रैल को सोने-चांदी की कीमतों में भारी गिरावट देखी गई है।

 

 

 

कितने रूपये तक गिरी सोने-चांदी की कीमतें ?

लंबे अंतराल के बाद आज सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट आई है। बता दें कि, पिछले सप्ताह सोना सबको आश्चर्य करते हुए 74 हजार का आंकड़ा पार कर गया था। वहीं अब यह गिरकर 72 हजार पर आ गया है। जबकी चांदी की कीमत 83 हजार से 81 हजार पर गिरकर प्रति रूपये किलाग्राम हो गई है।

बता दें कि, सोने कीमत 72 हजार रूपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई है। दो तीन दिन पहले यानि 19 अप्रैल की शाम को सोना 73,404 रूपये प्रति 10 ग्राम बंद हुआ था। वहीं 999 शुद्धता वाले (24 कैरेट) सोने की कीमत बढ़कर 72,875 रूपये प्रति 10 ग्राम और 999 शुद्धता वाली चांदी की कीमत बढ़कर 81,554 रूपये प्रति किलोग्राम हो गई है।

Gold prices fell in the Indian bullion market, find out how much the gold prices reduced
Gold prices fell in the Indian bullion market, find out how much the gold prices reduced

 

 

 

995 से 585 तक शु़द्धता वाले सोने की कीमत

भारतीय सर्राफा बाजार में 995 शुद्धता वाले 10 ग्राम सोने कीमत, आज सुबह घटकर 72,868 रूपये हो गई। जबकि सोने की कीमत में कल शाम को 286 रूपये की और गिरावट देखी गई है। अब सोने की कीमत 72,875 रूपये तक पहुंच गई है। वहीं, 916 (22 कैरेट) शुद्धता वाला 10 ग्राम सोना आज सुबह 67,016 रूपये पर क्रेज कर रहा था। जबकि शाम को यह घटकर 66,754 रूपये रह गया है।

जबकि 750 शुद्धता (18 कैरेट) वाले सोने की कीमत सोमवार सुबह 54,871 रूपये थी। अब इसकी कीमत घटकर 54,656 रूपये प्रति 10 ग्राम हो गई है। वहीं दूसरी तरफ 585 शुद्धता (14 कैरेट) का सोना आज घटकर 42,632 रूपये पर आ गया है। इसके बावजूद 999 शुद्धता वाली एक किलो चांदी की कीमत सोमवार सुबह 81,939 रूपये से थी, तो शाम को घटकर 81,554 रूपये प्रति किलोग्राम हो गई है।

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Indians are second in getting American citizenship, but USA is delaying in giving citizenship.

America citizen update : अमेरिकी नागरिकता पाने में दूसरे नंबर पर भारतीय, लेकिन सिटिजनशिप देने में देरी कर रहा यूएसए

America citizen update : भारतीयों के अमेरिकी नागरिक बनने की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अमेरिकी कांग्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में 65,960 भारतीय आधिकारिक तौर पर अमेरिकी नागरिक बने। अमेरिका की नागरिकता पाने में भारतीय दूसरे नंबर पर हैं। 2022 में अमेरिका की नागरिक हासिल करने वालों में पहले नंबर पर मैक्सिको के लोग हैं।

 

 

अमरीकी कम्युनिटी सर्वे डेटा की रिपोर्ट

अमेरिकी कम्यूनिटी सर्वे डेटा के अनुसार , 2022 में अमेरिका (America citizen update) की जनसंख्या 33 करोड़ थी, जिसमें से 4 करोड़ लोग बहारी थे। जो कुल आबादी का 14% है। अमेरिका में 2022 में नागरिकता पाने वाले लोग मैक्सिको, भारत, फिलीपींस,क्यूबा, डोमिनिकन रिपब्लिक, वियतनाम और चीन के हैं।

 

 

कांग्रेस रिसर्च सर्विस की रिपोर्ट

अमेरिका में रह रहे 49 लाख लोगों की जुड़ी भारत से कांग्रेस रिसर्च सर्विस (CRC) की रिपोर्ट में बताया गया है कि, 2023 में विदेशों में पैदा हुए अमेरिकी नागरिकों में से 1.6 करोड़ मैक्सिको से थे। इसके बाद 28 लाख भारत से आने वाले लोग थे। तीसरे नंबर पर चीन के 22 लाख नागरिक ऐसे थे, जिनका जन्म तो चीन में हुआ, लेकिन वो अमेरिकी नागरिक बन गए। अमेरिका में 49 लाख लोग ऐसे हैं, जो भारतीय हैं या फिर उनकी जड़ें भारत से हैं।

 

हालांकि CRC ने बताया है कि अमेरिका में रहने वाले भारत (America citizen update) में जन्मे लगभग 42% नागरिक अभी अमेरिकी नागरिक नहीं बन सकते क्योंकि वे इसके लिए अयोग्य हैं। 2023 तक लगभग 2 लाख भारत में जन्मे विदेशी नागरिक, जो ग्रीन कार्ड या लीगल परमानेंट रेजीडेंसी (LPR) पर थे, वे लोग अब नागरिकता पाने के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

 

CRC ने हाल ही के सालों में अमेरिकी नागरिकता (America citizen update) के लिए अप्लाई करने वालों की बढ़ती तादाद पर चिंता जताई है। अमेरिका में नागरिकता देने वाली USCIS (United States Citizenship and Immigration Services) की प्रोसेस में देरी हो रही है। जबकि 2023 में USCIS के पास 4 लाख आवेदन नागरिकता देने के लिए पेंडिंग हैं। जो 2022 में 5 लाख, 2021 में 8 लाख और 2020 में 9 लाख थे।

 

 

भारत से हर साल बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स अमेरिका में जाते हैं पढ़ने

भारत से हर साल बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स अमेरिका पढ़ाई करने जाते हैं। भारतीयों (America citizen update) के अमेरिकी नागरिक बनने की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अमेरिकी कांग्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में 65,960 भारतीय आधिकारिक तौर पर अमेरिकी नागरिक बने। अमेरिका की नागरिकता पाने में भारतीय दूसरे नंबर पर हैं। 2022 में अमेरिका की नागरिक हासिल करने वालों में पहले नंबर पर मैक्सिको के लोग हैं।

 

 

सीआरसी की रिपोर्ट क्या कहती है ?

अमेरिका में 40 लाख से ज्यादा भारतीय रहते हैं। हालांकि CRC ने बताया है कि अमेरिका में रहने वाले भारत में जन्मे लगभग 42% नागरिक अभी अमेरिकी नागरिक नहीं बन सकते क्योंकि वे इसके लिए अयोग्य हैं। 2023 तक लगभग 2 लाख भारत में जन्मे विदेशी नागरिक, जो ग्रीन कार्ड (America citizen update) या लीगल परमानेंट रेजीडेंसी (LPR) पर थे, वे लोग अब नागरिकता पाने के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

CRC ने हाल ही के सालों में अमेरिकी नागरिकता के लिए अप्लाई करने वालों की बढ़ती तादाद पर चिंता जताई है। अमेरिका में नागरिकता देने वाली USCIS (United States Citizenship and Immigration Services) की प्रोसेस में देरी हो रही है।

 

 

नागरिकों पर सीआरसी रिपोर्ट के आंकड़े

1. रिपोर्ट के अनुसार 2023 तक 28 लाख विदेशी मूल के अमेरिकी नागरिक भारत से थे।

2. रिपोर्ट के अनुसार 2023 तक 28 लाख विदेशी मूल के अमेरिकी नागरिक भारत से थे।

3. अमेरिकी में परमानेंटली रहने के लिए योग्य थे 90 लाख लोग

 

अमेरिका में 2023 में नागरिकता के लिए 8 लाख एप्लीकेशन प्रोसेस में थी। जबकि 90 लाख लोग नागरिकता हासिल करने के लिए योग्य हैं। अमेरिका में जन्म लेने वाले विदेशी नागरिकों में वियतनाम, फिलीपींस, रूस, जमैका और पाकिस्तान के नागरिकों की संख्या ज्यादा है। जबकि होंडुरास, ग्वाटेमाला, वेनेज़ुएला, मैक्सिको, अल साल्वाडोर और ब्राजील के नागरिकों में कम हैं।

अमेरिका में नागरिता पाने के लिए इमीग्रेशन एंड नेशनलिटी एक्ट (INA) के एलिजिबिलिटी रिक्वायरमेंट को पूरा करना होता है। इन सब में कम से कम 5 साल का वैध स्थायी निवासी यानी LPR होना चाहिए।

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Woman wrestler Olympic update : हरियाणा के शान बेटियों को मिली सफलता ! विनेश फोगाट, अंशु मलिक और रितिका हुड्डा ने किया ऑलपिंग में क्वालीफाई

Woman wrestler Olympic update : देश और हरियाणा की शान बेटियों ने ओलंपिक क्वालीफाई कर कोटा हासिल किया । हरियाणा की धाकड़ महिला पहलवान विनेश फोगाट ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। पहलवान ने बिश्केक में जारी एशियन ओलंपिक (Woman wrestler Olympic update) क्वालीफायर में शानदार प्रदर्शन करते हुए, इस साल होने वाले पेरिस ओलंपिक का कोटा हासिल किया है। विनेश फोगाट के साथ अंशु मलिक का नाम भी शामिल है।

Haryana's proud daughters got success! Vinesh Phogat, Anshu Malik and Ritika Hooda qualified in Olympics

 

किसको हराकर क्वालीफाई किया ?

बता दें कि, विनेश फोगाट ने एशियाई ओलंपिक (Woman wrestler Olympic update) क्वालीफायर में महिलाओं के 50 किग्रा सेमी फाइनल में कजाकिस्तान की लौरा गैनिक्जी को 10-0 से हराकर महिला 50 किग्रा वर्ग में ओलंपिक कोटा हासिल किया। उन्होंने 4:18 मिनट में जीत ली। अब उनका मुकाबला उज्बेकिस्तान की अक्तेंगे क्यूनिमजेवा से होगा, जिन्होंने चीनी ताइपे की मेंग ह्सुआन हसी को 4-2 से हराया है।

 

अंशु मलिक और रितिका हुड्डा ने भी किया कोटा हासिल

वहीं अंशु मलिक ने महिलाओं के 57 किग्रा वर्ग में पेरिस ओलंपिक (Woman wrestler Olympic update) कोटा हासिल किया। उन्होंने उज्बेकिस्तान की लैलोखोन सोबिरोवा को 11-0 तकनीकी श्रेष्ठता से हराया। इससे पहले अंशु ने बिश्केक में अपने दोनों मुकाबले तकनीकी श्रेष्ठता के दम पर जीते थे। वहीं रितिका हुड्डा ने 76 kg भार में क्वालीफाई करते हुए में ओलंपिक का कोटा हासिल किया।

 

 

कब खेला जाएगा पेरिस ओलंपिक

2024 में ओलंपिक की मेजबानी पेरिस करेगा। पेरिस ओलंपिक की शुरुआत 26 जुलाई से होगी। जबकि 11 अगस्त को खत्म होगी। अब ओलंपिक की शुरुआत में बहुत कम ही कम वक्त बाकी रह गया है।

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America news : अब अमेरिका में रहना होगा मुश्किल, अमेरिका में बसने का सपना देख रहे हैं तो ठीक से सोच लीजिए

America news : दशकों से रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड (जीसी) का इंतजार करते-करते थक चुके भारतीयों को अमेरिका में रहने में मुश्किलें बढ़ रही हैं। हाल ही में, अमेरिकी नागरिकता और इमिग्रेशन सर्विस (USCIS) ने गर्व से एक्स पर पोस्ट किया कि भारत की एक 99 वर्षीय महिला को नागरिकता प्रदान की गई है। ‘वे कहते हैं कि उम्र सिर्फ एक नंबर है। यह बात 99 वर्षीय इस महिला के लिए सच साबित होती है जो हमारे ऑरलैंडो ऑफिस में नई अमेरिकी नागरिक बन गई हैं। दाईबाई भारत से हैं और निष्ठा की शपथ लेने के लिए उत्साहित थीं। ‘

एक व्यक्ति ने यूएससीआईएस को जवाबी बयान देते हुए लिखा, ‘हाहाहा, जल्द ही आप मरणोपरांत ग्रीन कार्ड देंगे!’ ग्रीन कार्ड अमेरिकी नागरिकता (America news) की ओर पहला कदम है। आम तौर पर, जी.सी. रखने के पांच साल बाद ही (अगर आप किसी अमेरिकी नागरिक से विवाहित हैं तो यह अवधि तीन साल तक कम हो जाती है) आप नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। दिक्कत यह है कि अगर आप भारत से हैं तो इसके लिए दशकों तक लाइन में लगना पड़ता है।

 

अमेरिका ने 1920 से लीगल इमीग्रेशन को कर रखा है बैन

बता दें की, 1920 के दशक से ही अमेरिका (America news) ने लीगल इमीग्रेशन को प्रतिबंधित कर रखा है। कैटो इंस्टीट्यूट में इमीग्रेशन स्टडीज के निदेशक डेविड जे बियर बताते हैं कि यह सिस्टम उन लोगों को प्लान पूरी तरह से फेल कर देती है जो वैध और व्यवस्थित तरीके से ‘अमेरिका में रहने के सपने’ को पूरा करने की आकांक्षा रखते हैं।

उनके फरवरी 2024 के रिसर्ट में पता चलता है कि ‘ग्रीन कार्ड अप्रूवल रेट रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। ये दिखाता है कि ग्रीन कार्ड का आवेदन जमा करने वालों में से महज 3 फीसदी को ही वित्त वर्ष 2024 (30 सितंबर, 2024 को समाप्ति) के दौरान स्थायी दर्जा प्राप्त होगा।

 

1 अक्टूबर, 2023 तक, लगभग 34.7 मिलियन एप्लिकेशंस पेंडिंग थे। 1996 में लगभग 10 मिलियन से ज्यादा आवेदन लंबित थे। कैटो इंस्टीट्यूट में इमीग्रेशन स्टडीज के निदेशक डेविड जे बियर कहते हैं कि इनमें से कई लोग सही मायने में आवेदक नहीं हैं। अधिकांश (ज्यादातर भारतीय) कैप नंबर उपलब्ध होने का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद वे औपचारिक ग्रीन कार्ड आवेदन दायर कर सकते हैं।

समग्र सीमा के अलावा, चाहे वह रोजगार या परिवार आधारित जी.सी. के लिए हो, कोई भी देश ग्रीन कार्ड (देश की सीमा) के 7 फीसदी से अधिक प्राप्त नहीं कर सकता है। यह लिमिट भारतीयों और, कुछ हद तक, चीनी नागरिकों पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है।

नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिसी, जिसने हाल ही में इमिग्रेशन संबंधी आंकड़ों का विश्लेषण किया है, बताया कि 1.2 मिलियन से अधिक हाई स्किल्ड भारतीय, जिनमें उनके आश्रित भी शामिल हैं, पहले, दूसरे और तीसरे रोजगार-आधारित जी.सी. कैटेगरी में प्रतीक्षा कर रहे हैं।

 

रोजगार के आधार पे मिलता है ग्रीन कार्ड

वित्त वर्ष 2024 में, लगभग 8 फीसदी पेंडिंग रोजगार आधारित आवेदनों को ग्रीन कार्ड के लिए स्वीकृत किया जाएगा। लेकिन इनमें से अधिकांश उन आवेदकों को नहीं मिलेंगे जिन्होंने सबसे लंबे समय तक इंतजार किया है। वहीं अमेरिका (America news) कुल सीमा 1.4 लाख प्रति वर्ष निर्धारित की गई है, साथ ही इस श्रेणी में आने वाले परिवार से संबंधित ग्रीन कार्ड भी शामिल हैं।

इसके बजाय, देश की सीमा के कारण, अगले साल अप्लाई करने वाले आवेदक चीन और भारत के आवेदकों को पीछे छोड़ देंगे। इनमें से कई पहले से ही 100 से अधिक वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे हैं।

पहले के रिसर्च से पता चला था कि भारत से रोजगार आधारित GC बैकलॉग (EB-2 और EB-3 स्किल्ड कैटेगरी) मार्च 2023 में 1 मिलियन को पार कर गया। अगर मृत्यु और ‘उम्र बढ़ने’ जैसे कारकों पर विचार किया जाए, तो GC के लिए प्रतीक्षा अवधि 54 साल है। अन्यथा, यह 134 साल है।

 

क्या है ? परिवार प्रायोजित ग्रीन कार्ड

इस श्रेणी में प्रतीक्षा कर रहे 4.14 लाख भारतीय ग्रीन कार्ड प्राप्त करने से पहले ही मर जाएंगे। भारतीय परिवारों के 1 लाख से अधिक बच्चे वयस्क हो जाएंगे (21 वर्ष के हो जाएंगे), और उनका डिपेंडेंट वीजा अब मान्य नहीं होगा, और वे ग्रीन कार्ड की लाइन से बाहर हो जाएंगे।

इन 21 वर्षीय लोगों के लिए, इसका मतलब है इंटरनेशन स्टूडेंट वीजा (America news) या फिर सेल्फ डिपोर्टेशन। अध्ययन के बाद, अगर वे अमेरिका में रहना जारी रखना चाहते हैं, तो इतिहास खुद को दोहराता है, H-1B और ग्रीन कार्ड बैकलॉग के प्रयासों के साथ ही ऐसा होगा।

जी.सी. धारकों के जीवनसाथी और नाबालिग बच्चों के लिए 2.26 लाख की सीमा है। यहां तक कि अमेरिकी नागरिकों के वयस्क बच्चे और भाई-बहन भी इस श्रेणी में आते हैं। यहां, मेक्सिको और फिलीपींस के लोगों को सबसे लंबा इंतजार करना पड़ता है।

 

बाइडेन के 2020 के चुनावी वायदे

अपने 2020 के चुनावी अभियान में, जो बाइडेन ने कानूनी आव्रजन प्रणाली (लीगल इमिग्रेशन सिस्टम) में सुधार का वादा किया था। 21 जनवरी, 2021 को पदभार ग्रहण करने के अपने पहले दिन, उन्होंने कांग्रेस को यूएस सिटिजनशिप एक्ट भेजा। भारतीय प्रवासियों के लिए और वास्तव में, अमेरिका (America news) में रहने के इच्छुक लोगों के लिए – रोजगार-आधारित वीजा बैकलॉग को साफ करने का प्रस्ताव इसमें था। इसके अलावा अनयूज्ड वीजा को फिर प्राप्त करने, लंबे प्रतीक्षा समय को कम करने और प्रति देश वीजा कैप को समाप्त करने के प्रपोडल भी इसमें प्रमुख थे।

इस विधेयक में एच-1बी वीजा धारकों के आश्रितों को काम करने की अनुमति भी दी गई है। उनके बच्चों को सिस्टम से ‘वृद्धावस्था से बाहर’ होने से बचाया गया है। ये सुधार – भले ही इसके बाद आए द्विदलीय विधेयकों सहित कई अन्य बिल में नजर आया। हालांकि, ये फलीभूत नहीं हुए। 2024 के लिए बाइडेन का कैंपेन लोगो है- ‘चलो काम खत्म करते हैं’। अभी तक, राजनीतिक बहसों और तीखे हमलों में बॉर्डर कंट्रोल पर ध्यान केंद्रित किया गया है। भारतीय प्रवासी इंतजार कर रहे हैं।

 

भारतीयों के प्रति ट्रम्प का प्रस्तावित नियोजना

भारतीय प्रवासियों के दृष्टिकोण से, जन्म से नागरिकता (America news) को खत्म करना एक गंभीर मुद्दा होगा। ट्रम्प की ओर से लीगल इमिग्रेशन पर भी नकेल कसने की संभावना है।

इसमें फिर से H-1B वीजा में पत्नियों के वर्क परमिट को खत्म करने, अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए वीजा अवधि को सीमित करने, उनके लिए अध्ययन के बाद के स्टडी वर्क प्रोग्राम को सीमित करने और H-1B वीजा कार्यक्रम में सख्ती लाने से संबंधित नीतियों को देख सकते हैं। जैसे कि इन वीजा (America news) को सबसे अधिक वेतन पाने वालों को आवंटित करना। लीगल इमिग्रेंट्स के लिए बदलाव की हवा अभी तक आती नहीं दिख रही है।

डोनाल्ड ट्रम्प का इमिग्रेशन विरोधी रुख, कथित तौर पर, और भी तेज होगा। बड़े पैमाने पर निर्वासन, डाका (डेफर्ड एक्शन फॉर चाइल्डहुड अराइवल्स) को खत्म करना, जो उन लोगों को सुरक्षा प्रदान करता है जो बिना दस्तावेज वाले अप्रवासियों के बच्चों के रूप में अमेरिका में प्रवेश करते हैं। इसके अलावा मुस्लिम देशों से आने वालों के लिए यात्रा प्रतिबंध कार्ड पर प्रतीत होते हैं।

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Indian Currency vs Dollar : साल 2027 तक भारतीय रुपये की कीमत डॉलर के मुकाबले बढ़ेगी वैल्यू ? आजादी से पहले बराबर थी दोनों की वैल्यू

Indian Currency vs Dollar : डॉलर के प्रति रूपिए की कमज़ोर हालोतों को देखते हुए, भारत दुनियाभर में लेन-देन और निवेश के लिए तेजी से भारतीय रुपये के उपयोग को बढ़ा रहा है। इसी मकसद से पिछले साल सरकार ने फॉरेन ट्रेड पॉलिसी का ऐलान किया था ताकि वर्ल्ड वाइड विदेश वाणिज्य परिचालन में घरेलू मुद्रा का इस्तेमाल बढ़ाया जा सके।

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारत के रुपये की कीमत 83.15 रुपये (Indian Currency vs Dollar) है और आने वाले सालों में इसमें कमी आएगी या बढ़ोतरी, इसे लेकर एक्सपर्ट्स ने अनुमान लगाया है।

गौरतलब है की, आजादी से पहले भारतीय रुपये और अमेरिकी डॉलर की कीमत बराबर हुआ करती थी। यानी भारत का एक रुपया अमेरिका के एक डॉलर (Indian Currency vs Dollar) के बराबर होता था। लेकिन आजादी के बाद इसमें बड़ी तेजी से बदलाव आया और आज भारत के 83.15 रुपये एक अमेरिकी डॉलर के बराबर हैं।

 

2027 तक भारत का रुपिया डॉलर के प्रति कितना गिर जाएगा ?

एक्सपर्ट्स के अनुमान के अनुसार, 2027 तक डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये (Indian Currency vs Dollar) की वैल्यू में लगातार कमी आएगी और यह 90 रुपये से भी और नीचे चला जाएगा। एक्पर्ट्स ने रुपये की वैल्यू को लेकर लंबे समय की भविष्यवाणी की है।

वॉलेट इनवेस्टर ने भारतीय रुपये को लेकर भविष्यवाणी करते हुए कहा है की, 2025 में भारतीय रुपये में फिर से कमी आएगी और साल के अंत तक एक डॉलर की कीमत 88.276 रुपये के बराबर हो जाएगी और यह कमी जारी रहेगी। साल 2027 के नवंबर में एक डॉलर की वैल्यू 91.78 इंडियन रुपये (Indian Currency vs Dollar) के बराबर हो जाएगी। जबकि एक्सपर्ट्स का यह भी मानना है कि 2032 तक यह आंकड़ा 92 रुपये तक पहुंच जाएगा।

 

आजादी से पहले भारत का रुपिया डॉलर के प्रति अब तक का उतार- चढ़ाव ग्राफ ?

आजाद के बाद भारतीय रुपये की कीमत में बड़ा बदलाव देखा गया है। उससे पहले भारत के एक रुपये की कीमत 1 अमेरिकी डॉलर के बराबर थी। कुछ लोगों का तो यह भी कहना है कि, रुपये की कीमत डॉलर से ज्यादा हुआ करी थी, लेकिन ऐसा माना जाता है कि मीट्रिक सिस्टम आने से पहले सारी करेंसी की वैल्यू एक समान थी। करेंसी की वैल्यू सेट करने के लिए साल 1944 में ब्रिटन वुड्स एग्रीमेंट लाया गया।

एग्रीमेंट के तहत सभी देशों में सहमति बनाई गई और वैश्विक करेंसी की वैल्यू सेट की गई। साल 1947 के बाद रुपये (Indian Currency vs Dollar) में कमी आनी शुरू हो गई। कंटेंपरेरी मीट्रिक सिस्टम के अनुसार, साल 1913 में एक डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की कीमत 0.09 रुपये थी। 1948 में यह 3.31 रुपये हो गई। इसके बाद 1949 में 3.67 रुपये और 1970 में 7.50 रुपये पर पहुंच गई।

बता दें की, साल 2022 में इंडियन रुपये में बड़ी गिरावट देखने को मिली और डॉलर के मुकाबले रूपिए के वैल्यू में 11 फीसदी की कमी आ गई। 2022 के शुरू में यह 74.40 रुपये था और 2023 में रुपया डॉलर के मुकाबले 83.15 रुपये पहुंच गया।

पिछले साल 20 अक्टूबर को अमेरिका की कड़ी मोनेट्री पॉलिसी की वजह से रुपये को बड़ा झटका लगा और इसकी कीमत 82.77 रुपये पहुंच गई। 1948 से अब तक भारतीय रुपया (Indian Currency vs Dollar) डॉलर के मुकाबले 79.46 रुपये गिरा है।

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Char-Dham Yatra Update : चारधाम यात्रा के लिए ई-पास बनवाना अब आवश्यक नहीं, आए जानें क्यों जरूरी नहीं

Char-Dham Yatra Update : जो भी नागरिक चार धाम घूमने की इच्छा रखता है। वह विभाग की अधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण करवा सकता है। क्योंकि उत्तराखंड पर्यटन विभाग द्वारा चार धाम यात्रा के लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू कर दी है। यदि आप घूमने जा रहे हो, तो आपको ई-पास के लिए पंजीकरण करवाना होगा। क्योंकि सरकार द्वारा ई-पास की व्यवस्था बंद कर दी गई है। हाईकोर्ट के निर्देशिका के मुताबिक, चार धाम यात्रा के लिए या़ित्रयों की संख्या को निर्धारित किया गया है। इसलिए, सभी यात्रीगण को चार धाम यात्रा (Char-Dham Yatra Update) के लिए पंजीकृत करवाना आवश्यक है।

 

चार धाम यात्रा पंजीकरण 2024 कैसे करें ?

बता दें कि, पहले चार धाम यात्रा के लिए सभी यात्रियों को ई-पास बनवाना आवश्यक था, लेकिन अब सरकार ने श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने के लिए पंजीकरण की सुविधा शुरू की है। अब सभी यात्रियों को सुविधा के लिए पंजीेकरण करवाना होगा। अगर आप सभी तीर्थ यात्री चार धाम यात्रियों (Char-Dham Yatra Update) पर घूमना चाहते हैं, तो आप सभी के लिए पंजीकृत प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पहले लोग चार धाम यात्रा के लिए ई-पास बुक बनवाने के लिए दर्शन के लिए जाना पड़ता था। पर अब सरकार के अनुसार, आपको केवल वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा।

 

चार धाम यात्रा का ऑनलाईन पंजीकरण का समीकरण इस प्रकार

1. आर्टिकल में जानकारी:- चार धाम पंजीकरण
2. लाभार्थीः- श्रद्धालु
3. राज्यः- उत्तराखंड
4. आवेेदन प्रक्रियाः- ऑनलाइन एंव ऑफलाइन दोनों
5. टोल फ्री नंबरः- उत्तराखंड निवासियों के लिए 1364 वहीं अन्य राज्यों के लिए 01351364
6. अधिकारिक वेबसाइट:- registrationandtouristcare.uk.gov.in

 

पंजीकरण केंद्रों की सूची इस प्रकार

राज्य के जिलों के नाम और उनके स्थित पंजीकरण केंद्र जैसेः-

हरिद्वार-राही होटल
उत्तरकाशी-हिना
उत्तरकाशी-जन की चट्टी
उत्तरकाशी-गंगोत्री
चमोली-पाखी
चमोली-बद्रीनाथ
रूद्रप्रयाग-केदारनाथ
देहरादून-गुरूद्वारा, ऋषिकेश
देहरादून-आरटीओ
उत्तरकाशी-गंगोत्री
चमोली-हेमकुंड
हरिद्वार-रेलवे स्टेशन
उत्तरकाशी-यमुनोत्री
उत्तरकाशी-डोबट्टा, बड़कोट
चमोली-गोविंदा घाट
चमोली-जोशीमठ
चमोल-हेमकुंडा साहिब
रूद्रप्रयाग-फट्टा
रूद्रप्रयाग-गौरीकुंड
देहरादून-आईएसबीटी, ऋषिकेश
उत्तरकाशी-यमुनोत्री
चमोली-बद्रीनाथ
रूद्रप्रयाग-केदारनाथ

 

दस्तावेज वेरिफिकेशन केंद्रों की लिस्ट इस प्रकार

दस्तावेज सत्यापन केंद्र के स्थानों के नाम जैसेः- उत्तरकाशी, चमोली, रूद्रप्रयाग, गंगोत्री, बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब, केदारनाथ।

 

इमरजेंसी सेवाओं के लिए हेल्पलाइन नंबर

पुलिस विभाग: 112
फायर ब्रिगेड: 101
एम्बुलेंस: 108
महिला हेल्पलाइन: 1090
टूरिज्म हेल्पलाइन यात्रा नियंत्रण रूम: 01352559898
टूरिज्म जानकारी सेवाएं: 1364

 

चार धाम यात्रा के लिए आवश्यक दस्तावेज

आधार कार्ड
पैन कार्ड
चालक लाइसेंस
वोटर आईडी कार्ड

 

चार धाम यात्रा के लिए पंजीकरण इस प्रकार करें

आप सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in पर जाएं।
होम पर जाने के बाद आप रजिस्टर या लोग-ईन के ऑप्शन पर क्लिक करें।
इसके बाद अब आपके सामने एक नया पेज आ जाएगा।
अब यहां आप इंडियन पीलग्रीम Indian Pilgrim का चयन करें। यदि आप विदेश से हैं तो Foreign Pilgrim का चयन करें।
इसके बाद अब पंजीकरण आवेदन मे मांगी गई सभी जानकारी दर्ज करें।
इसके बाद अब अपना नया पासवर्ड दर्ज या करेट करें।
पासवर्ड बनने के बाद अब आप साइन-अप के ऑप्शन पर क्लिक करें।
इस प्रकार से आप चार धाम या़त्रा (Char-Dham Yatra Update) के लिए पंजीकरण कर सकतें हैं।

 

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BJP MANIFESTO : भाजपा के संकल्प पत्र में कौन से शब्द कितनी बार : 65 बार मोदी का जिक्र, तीन बार भ्रष्टाचार, महंगाई पर एक बार, रोजगार बारे 30 बार जिक्र

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव (parliament election 2024) के लिए भाजपा (BJP) ने आज अपना चुनावी संकल्प पत्र (menifesto) जारी कर दिया है। इस बार इसे ‘मोदी की गारंटी’ नाम दिया गया है। 10 साल पहले 2014 में मोदी पीएम बने थे तो उस समय संकल्प पत्र में मोदी के नाम का मात्र 3 बार जिक्र किया गया था, जबकि 10 साल बाद अब मोदी का जिक्र 65 बार हुआ है। पहले इसे घोषणा पत्र कहा जाता था तो अब इसे संकल्प पत्र बुलाया जा रहा है।

2024 का भाजपा मेनिफेस्टो

भाजपा के मेनिफेस्टो में हमेशा बड़े नेता का चित्र पहले पन्ने पर रहा है। 2009 में अटल बिहारी वाजपेयी, आडवानी व राजनाथ को आगे रखा तो 2014 में नरेंद्र मोदी पहले पन्ने पर आ गए, उनके साथ पार्टी के 10 नेता भी थे, जबकि 2019 में सिर्फ मोदी की ही तस्वीर लगाई गई। इस बार 2024 में मोदी के साथ जेपी नड्ढा की भी तस्वीर लगी है।

2009 का भाजपा मेनिफेस्टो
2014 का भाजपा मेनिफेस्टो
2014 का भाजपा मेनिफेस्टो
2019 का भाजपा मेनिफेस्टो
2019 का भाजपा मेनिफेस्टो

अब मेनिफेस्टो के प्रमुख शब्दों की बात करें तो देखने में आया कि 2009 में 48 बार भ्रष्टाचार का जिक्र हुआ, 2014 में 20 बार, 2019 में 14 बार, 2024 में तीन बार भ्रष्टाचार बारे जिक्र हुआ है।

वहीं आतंकवाद बारे 2009 में 11 बार, 2014 में 6 बार, 2019 में 14 बार, 2024 में 9 बार जिक्र हुआ है। इंफ्रास्ट्रक्चर बारे 2009 में 50 बार, 2014 में 31 बार, 2019 में 38 बार, 2024 में 59 बार जिक्र किया गया।

विकास पर 2009 में 248 बार, 2014 में 84 बार, 2019 में 79 बार, 2024 में 51 बार जिक्र हुआ। अर्थव्यवस्था बारे 2009 में 156 बार, 2014 में 21 बार, 2019 में 30 बार, 2024 में 10 बार लिखा गया।

संविधान पर 2009 में 78 बार, 2014 में 6 बार, 2019 में 8 बार, 2024 में 3 बार जिक्र हुआ।

राम मंदिर बारे 2019 में 11 बार, 2014 में एक बार, 2019 में 3 बार व 2024 में 2 बार लिखा गया। गाय बारे 2009 में 24 बार, 2014 में 4 बार, 2019 में एक बार लिखा तो 2024 में एक बार भी जिक्र नहीं हुआ।

महंगाई पर 2009 में 6 बार, 2014 में 7 बार, 2019 में शून्य और 2024 में एक बार जिक्र है। शिक्षा पर 2009 में 127 बार, 2014 में 58 बार, 2019 में 41 बार, 2024 में 29 बार लिखा गया। रोजगार पर 2009 में 26 बार, 2014 में 27 बार, 2019 में 3 बार व 2024 में 30 बार लिखा गया।

मोदी ने 2024 की गारंटी यानी वादे गिनाए। इसमें 70 साल की उम्र से ऊपर के किसी भी वर्ग के बुजुर्गों को आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज, गरीबों के लिए 3 करोड़ घर, गरीबों को मुफ्त राशन 2029 तक देने की गारंटी दी।

पीएम मोदी ने कहा- 4 जून को नतीजे आने के तुरंत बाद बीजेपी के ‘संकल्प पत्र’ पर काम शुरू हो जाएगा। सरकार ने 100 दिन की कार्ययोजना पर काम शुरू कर दिया है। देश की जनता की महत्वाकांक्षा ही मोदी का मिशन है।

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