Yogesh Kumar

Jind news : जींद की प्रतिभा ने हासिल किया यूपीएससी में 356 वां रैंक, पिता एएसआई ने बांटी खुशी से मिठाई

Jind news : जींद के गांव जुलानी के बेटी प्रतिभा नें यूपीएससी में 356 वां रैंक हासिल करके देश में गांव और जिला का नाम रोशन किया। कहा जाता है कि, प्रतिभा के दादा गुरू स्व. धन सिंह का इस क्षेत्र में अपना नाम और प्रभाव था। प्रतिभा की इस तरह कि सूचना मिलने पर दिल्ली पुलिस में एएसआई जवाहर सिंह का खुशी का ठिकाना नही रहा। पिता ने अपने सके संबधीं एंव रिश्तेदारों को प्रतिभा की सफलता के बारे में सूचित करते हुए खुशी जाहिर की और मिठाई बांटी।

 

प्रतिभा के परिवार के बारें में

जींद (Jind news) के गांव जुलानी के प्रतिभा के दादा गुरू स्व. धन सिंह का इस क्षेत्र में काफी बड़ा नाम था। जबकि प्रतिभा का बड़ा भाई मंदीप विदेश मंत्रालय में कार्यरत हैं। प्रतिभा का पिता जवाहर सिंह दिल्ली पुलिस में एएसआई हैं। जबकि मां संतोष स्वास्थ्य विभाग गुरूग्राम में स्टाफ नर्स हैं।

 

प्रतिभा के जीवन के बारें में

गौरतलब है कि, प्रतिभा ने जींद (Jind news) के आदर्श विधा मंदिर में पांचवी कक्षा तक पढ़ाई की और फिर नौवीं कक्षा तक इंडस पब्लिक स्कूल में पढ़ाई की। उसके बाद प्रतिभा का परिवार गुरूग्राम चला गया। वहां से प्रतिभा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीएससी और गुड़गांव विश्वविद्यालय से एमएससी किया। उन्होंने वर्ष 2020 में आईआईटी  मुंबई से गणित में एमएससी की।

प्रतिभा हमेशा शिक्षा में होनहार और संघर्षशील छात्रा रही है। उन्होंने सभी बोर्डों और उच्च शिक्षा में 80 प्रतिशत से अधिक अंकों के साथ उत्तीर्ण किया है। यूपीएससी में चयनित होना प्रतिभा का सपना था। पहले प्रयास में वह सफल नहीं हुई, लेकिन उन्होंने हार नी मानी दूसरे प्रयास में 326 वां रैंक हासिल कर अपने माता-पिता के साथ गांव और जिला का नाम प्रदेश एंव देशभर में नाम रोशन किया।

माता-पिता ने प्रतिभा का समय-समय पर पूरा समर्थन किया। प्रतिभा को अध्ययन करने के लिए भी अधिक समय दिया, जिससे प्रतिभा ने स्व-अध्ययन के साथ समसामयिक मामलों पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि, गुरूग्राम में वह जिस घर में रहती हैं, उसी बिल्डिंग के एक मंजिल पर एक युवक यूपीएससी की तैयारी करता था। उसके चुनने के बाद में उससे प्रेरित हुई।

प्रतिभा ने आगे कहा, मेरी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को देती हूं ! जिन्हें हर समय मेरा पूरा सर्पोट किया। वहीं जुलानी (Jind news) के निवासी केवल कृष्ण जुलानी ने कहा कि, गांव की बेटी प्रतिभा ने न केवल गांव का बल्कि राज्य एंव देश का नाम रोशन किया है, जिससे उन्हें अपनी प्रतिभा पर गर्व है।

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Pencil Packing Work Home : ये कंपनी दे रही है, घर बैठे 3-4 घंटे का काम, मिलेंगे एक दिन के 700 से 800 रूपिए

Pencil Packing Work Home : देश भर में एक रिपोर्ट के अनुसार 82 प्रतिशत लोग बेरोजगार है। लोग नौकरी की तलाश में दर दर ठोकर खा रहे है। इसी बेरोजगारी के बीच लोग घर बैठे काम करके अच्छी आय कमाने की तलाश में हैं। हम आपके लिए एक नया और अद्वितीय तरीका लेकर आए हैं, जिसमें आप घर पर ही काम करके ₹20000 तक कमा सकते हैं। यानी आप घर बैठे तीन चार घंटे में सात सौ से आठ सौ रूपिए कमा सकते हो।

 

घर बैठे कैसे करें पेंसिल पैकिंग का काम ?

पेंसिल पैकिंग (Pencil Packing Work Home) काम घर बैठे करने के लिए एक शानदार विकल्प हो सकता है, जिससे आप ₹20000 तक की आय कमा सकते हैं। यह काम बहुत ही सरल और आसान है, और इसे कोई भी परिवार का सदस्य कर सकता है।

इस काम को करने के लिए कोई खास योग्यता की आवश्यकता नहीं होती। इसे करने के लिए आपको पेंसिल्स को पैक करना होगा और इन्हें बॉक्स में संग्रहित करना होगा। इसके लिए आपको कोई खास मशीनरी या सामग्री की आवश्यकता नहीं होती।

इसके लिए आपको एक छोटी सी जगह या टेबल की आवश्यकता होती है जहां आप पैकिंग (Pencil Packing Work Home) कार्य कर सकते हैं। इस तरह से, घर पर ही इस काम को शुरू करके आप अच्छी कमाई कर सकते हैं।

 

पेंसिल पैकिंग का काम किस कंपनी के माध्यम से मिलेगा ?

गौरतलब है की, पेंसिल पैकिंग का काम आप अपने घर या अपनी दुकान में शुरू कर सकते हैं। यह काम आपको नटराज पेंसिल कंपनी के माध्यम से मिलेगा क्योंकि नटराज कंपनी पेंसिल (Pencil Packing Work Home) बनाने का काम करती है और पैकिंग है, तो यह काम आम लोगों को दे रही है। अगर आप नटराज कंपनी से डायरेक्ट अनपैकिंग पेंसिल डिलीवरी लेते हैं और पैकिंग का काम करके वापस कंपनी में ही डिलीवरी करते हैं, तो आपको एक निश्चित अमाउंट यानी इनकम मिलेगी।

 

पेंसिल पैकिंग का काम की प्रकिया कैसे चलेगी ?

👉सबसे पहले आप नटराज पेंसिल कंपनी (Pencil Packing Work Home) या फैक्ट्री में संपर्क करें।

👉 इसके बाद कंपनी से पेंसिल प्राप्त करें यानी पेंसिल की डिलीवरी ले और पैकिंग हेतु घर पर ही कार्य शुरू करें।

👉अब इसके बाद आप इसे दो तरह से पैकिंग के बाद भेज सकते हैं।

👉 आप पहले वापस पैकिंग के बाद डिलीवरी कंपनी को दें और दूसरा पैकिंग के बाद पेंसिल सेल्समैन के द्वारा अलग-अलग स्टोर पर बिकने हेतु भेजें, दोनों ही स्थिति में आपको पैसा मिलेगा।

👉 बता दें की, पेंसिल पैकिंग का काम अब नटराज कंपनी द्वारा आम लोगों को दिया जा रहा है।

👉पेंसिल पैकिंग के लिए पेंसिल फैक्ट्री से प्राप्त करें और घर पर ही काम शुरू करें इसमें आपको पैकिंग है तो कंपनी के ब्रांड वाले स्टीकर और पैकिंग पूछ और पैकिंग कार्टून सारे कंपनी से ही प्राप्त करने हैं और पैकिंग हेतु टेप और पैकिंग मशीन कंपनी से ही मिलेगी।

👉इस प्रकार अब कोई भी अनपढ़ से अनपढ़ व्यक्ति या महिला या पुरुष या अन्य बच्चे भी इस कार्य को घर पर कर सकते हैं और पेंसिल पैकिंग का काम शुरू करें जिससे आपको ₹20000 या उससे अधिक इनकम हो सकती है जो आपके पैकिंग के आधार पर होगी।

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Haryana News : कच्चे कर्मचारियों के लिए आई खुशखबरी! इस महीने होंगे कच्चे कर्मचारी पक्के

Haryana News : हरियाणा में काम कर रहे कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के लिए जो नीति तैयार की जा रही है उसमें अधिकारी बाधा डाल रहे हैं। हाई कोर्ट की तरफ से आदेश दे दिया गया है कि पिछले 10 सालों से जो कर्मचारी काम कर रहे हैं। उन्हें पक्का करने के कोई नीति बनाई जाए इसके लिए सरकार ने 13 मार्च को सभी विभागों को 5 साल से ज्यादा काम कर रहे कच्चे कर्मचारीयो लिस्ट मांगी थी।

सरकार का कहना है कि, उन्होंने 1 महीने पहले सभी विभागों को कच्चे कर्मचारियों (Haryana News) का ब्यौरा मांगा था। परंतु किसी विभाग ने इस पर अमल नहीं करते हुए कोई भी ब्यौरा नहीं दिया, परंतु अब सरकार ने कदम उठाया है कि जिस भी विभाग में कच्चे कर्मचारी है उनके सभी का ब्यौरा जल्द से जल्द सरकार के पास भेज दिया जाए।

 

हाई कोर्ट निर्धारित फॉर्मेट में एक हफ्ते में आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट वन और आउटसोर्सिंग पॉलिसी 2 के तहत लगे सभी कर्मचारियों का ब्यौरा सरकार (Haryana News) को देना होगा B, C और D ग्रुप के पदों पर 5 से 10 साल से कार्य कर रहे कच्चे कर्मचारी की जानकारी जल्द से जल्द सरकार को देने होगा।

 

जारी परफॉर्मेंस में 7 साल से ज्यादा मगर 10 साल से काम की सेवा अवधि वाले कच्चे कर्मचारियों की कुल संख्या के बारे में जानकारी मांगी गई है। इसी प्रकार से अनुबंध कर्मचारियों का ब्योरा भी हरियाणा सरकार (Haryana News) ने मांगा है। जिनकी सेवा अवधि 5 साल से ज्यादा लेकिन 7 साल से कम है। ऐसे अनुबंध कर्मचारियों को भी वर्गीकृत किया जाएगा जिन्होंने ग्रुप C और D में 10 साल से ज्यादा समय के लिए काम किया है।

कच्चे कर्मचारियों (Haryana News) को लेकर हाईकोर्ट ने कड़ा फैसला और कड़ा कदम उठाया हुआ है। सरकार ने कच्चे कर्मचारियों के लिए एक अलग ऑर्डर बनाने का शपथ पत्र दिया था, जिसमें कच्चे कर्मचारियों को नियमित न कर गेस्ट अध्यापकों की तरह 58 साल तक सेवाएं सुनिश्चित करने की बात कही थी। सरकार के जवाब पर हाई कोर्ट ने साफ कर दिया है कि, अलग ऑर्डर नहीं बल्कि एक Policy बनानी होगी।

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Jind News : गांव निडाना एंव ललित खेड़ा को उपमण्डल जुलाना में मिलाने को लेकर ग्रामीणों ने की सीएम से मुलाकात, एक-दो दिन में आ सकता है फैसला

Jind News : पिछले चार पांच दिनों से चल रहा हरियाणा के जिले जींद के निडाना गांव में, 152-डी फ्लाइओर ब्रिज के नीचे दे रहे ग्रामीण धरना की आवाज बुधवार को सीएम नायब सैनी तक पहुंच गई। बता दें कि, ग्रामीणों की मुख्य समस्या जींद तहसील के नजदीक लगते गांवों को बने नये उपमण्डल जुलाना में मिलाने को लेकर है। इसलिए पिछले चार पांच दिनों से गांव के लोग शांतिपूर्ण धरने पर बैठे हुए है।

ऐसें मे इस धरनें में गांवों के पुरूषों के साथ महिलाएं भी कंधे से कंधा मिलाकर शामिल हो रही हैं। इस बीच समाज के कई बड़े समाजसेवी भी ग्रामीणों के धरने को समर्थन करने भी आएं। वहीं गांव निडाना (Jind News) स्थानीय पंचायत के संरपंच भूपेन्द्र मलिक, ग्रामीणों के साथ मिलकर बुधवार को सीएम आवास पर सीएम से मुलाकात की और समस्याओं से रूबरू करवाते हुए सीएम नायब सैनी को मांग-पत्र यानी ज्ञापन सौंपा।

 

सीएम नायब सैनी ने ग्रामीणों को क्या आश्वासन दिया ?

सीएम नायब सैनी ने ग्रामीणों की समस्या को समझते हुए आश्वासन दिया कि, वें इस पर जींद जिला प्रशासन (Jind News) एंव जिला-विधायकों से विचार विमर्श करके एक – दो दिन में उनके फैसले पर अमल करेंगे, अगला आदेश जारी करेंगे।

 

ग्रामीणों को सीएम नायब सैनी से मुलाकात करवानें मे इस गांव के जवान ने किया सहयोग

ग्रामीणों की सीएम नायब सैनी से मुलाकात करवानें में निडाना गांव (Jind News) के गोंविद पुत्र बलराम सिंह ने सहयोग किया , जो कि सीएम कंमाडों की भर्ती में तैनात हैं। इसलिए उन्होंने अपने पैतृक गांव की समस्याओं को देखते हुए ग्रामीण-वासियो की सीएम से मुलाकात और ज्ञापन-पत्र सौंपने में सहयोग किया। जिससे सीएम ने ग्रामीणों की समस्याओं को सुना और उस पर फैसला करने के लिए आश्वासन दिया। दोनों गांव के ग्रामीणों ने कंमाडों गोंविद की इस भूमिका पर प्रेम भरा आभार किया।

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Cyber Crime : हरियाणा में साइबर फ्रॉड में शामिल 11 बैंक कर्मी गिरफ्तार, हजारों की तादात में मोबाइल नंबर किए ब्लॉक

Cyber Crime : जितनी जल्दी से डिजिटल का ट्रेंड चल रहा है, उतनी ही जल्दी से डिजिटल दुनिया में साइबर गिरोह का कारवां बढ़ रहा है। इसी बीच साइबर क्राइम (Cyber Crime) को रोकने के लिए, हरियाणा में साइबर अपराध करने वालों पर शिकंजा कसा गया है। इसका परिणाम भी दिखाई देने लगा है बहुत लाभार्थी लोग अब खुलकर हरियाणा पुलिस के इस प्रयास की सराहना भी करने लगे हैं।

 

देशभर में हरियाणा पुलिस का रैंक नंबर वन पर आया

बता दें की, साइबर अपराध नियंत्रण (Cyber Crime) को लेकर किए जा रहे अपने इन्हीं प्रयासों के चलते हरियाणा पुलिस सितंबर-2023 में जहां देशभर में 23वें स्थान पर थी। वहीं मार्च-2024 में प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार देशभर में पहले स्थान पर पहुंच गई है। परिणामस्वरूप साइबर अपराध नियंत्रण को लेकर हरियाणा में किए जा रहे कार्यों को अन्य राज्यों द्वारा लागू किया जा रहा है।

 

साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए किस मोबाइल ऐप प्रयोग किया गया ?

हरियाणा पुलिस द्वारा साइबर अपराधियों की धर- पकड़ को लेकर 1 अप्रैल से लेकर 10 अप्रैल तक आप्रेशन साइबर (Cyber Crime)आक्रमण के तहत प्रतिबिंब मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करते हुए साइबर अपराधियों की लोकेशन ट्रैक की गई और 84 साइबर अपराधियों को पकड़ा गया। इनमे से सबसे अधिक साइबर अपराधी नूंह जिला से पकड़े गए।

 

कितने साइबर मोबाइल नंबर ब्लॉक किए गए ?

इसके साथ ही हरियाणा पुलिस द्वारा टेलीकॉम कंपनियों के साथ तालमेल स्थापित करते हुए साइबर अपराध में संलिप्त 70 हजार मोबाइल नंबरों को ब्लॉक करवाया गया है। इतना ही नही, हरियाणा पुलिस ने साइबर अपराधियों को बैंक खातों के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाने वाले 11 बैंक कर्मचारियों को भी पकड़ने में ऐतिहासिक सफलता प्राप्त की है।

 

किस बैंक में फ्रॉड पकड़ा गया ?

हरियाणा पुलिस महनिदेशक की बैठक में बताया गया कि, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा वर्तमान में साइबर फ्रॉड (Cyber Crime) की गई लगभग 31 प्रतिशत राशि को फ्रिज किया जा रहा है जोकि सराहनीय है। इसके लिए पुलिस महानिदेशक ने स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया की टीम को बधाई दी और कहा कि वे अपने बैंक द्वारा इस दिशा में किए गए प्रयासों को अन्य बैंककर्मियों के साथ भी सांझा करें।

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Mughal harm : मुगल हरम में ऐसी क्या चीजें परोसी जाती थी, जिससे मुगल बादशाहों की ताकत बढ़ती थी ! आए जानें इसके बारें में

Mughal harm : मुगल हरम में ऐसी क्या चीजें परोसी जाती थी, जिससे मुगल बादशाहों की ताकत बढ़ती थी ! आए जानें इसके बारें मेंकेंद्र सरकार के द्वारा नई शिक्षा नीति के तहत किताबों के इतिहास में बेशक मुगलकाल हटा दिया गया हो, लेकिन मुगलकाल के बारें में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जमकर पोस्टींग वायरल होती हैं। इस बीच हम आपकों मुगल बादशाहों की दावत में मुगल हरम की चीजों के बारें में बता रहें हैं, जिससे मुगल बादशाहों की ताकत बढ़ती थी।

 

मुगल हरम में खाने की क्या चीजें होती थी ?

मुगलकाल में मुगल बादशाह अपनी शारिरिक ताकत को बढ़ाने के लिए ऐसी (Mughal harm) चीजें खाते थे, जो आयुर्वेद में कमजोरी के लिए अति प्रिय मानी गई हैै। बता दें कि, मुगल अपनी ताकत बढ़ानेे के लिए खानपान पर विशेष ध्यान देते थे और हाई प्रोटीन के साथ कई तरह की जड़ी-बूटियों का सेवन भी करते थे। वहीं मुगल खजूर का सेवन रोज करते थे, भीगे खजूर शारीरिक कमजोरी दूर कर हीमोंग्लोबिन बढ़ाते हैं।

मुगल शासक रोज रात में खाने के बाद दूध के साथ अंजीर पका कर खाते थे, अंजीर एनर्जी का पावर हाउस माना जाता है। इसके अलावा वें लौंग को दूध में उबाल कर पिया करते थे, जिसमें कैल्सियम, पोटेशियम होता है! जो शरीर को नई एनर्जी से भर देती है।

मुगल हरम (Mughal harm) में दालचीनी और इलायची वालेे दूध भी स्वीट डिश में शामिल थे। क्योंकि ये चीजें मूड के साथ थकान को भी दूर करती हैं। इसके साथ ही अश्वगंधा, शतावरी और शिलाजीत जैसी जड़ियां भी मुगलकाल में खाई जाती थीं, ये तीनों ही पुरूषों और महिलाओं दोनों की शारीरिक कमजोरी को दूर करती हैं।

पाठक अवश्य ध्यान दें, यह खबरी गंधाश केवल आपको सूचित करने के लिए है। इस मुगल हरम (Mughal harm)  में शामिल सभी खाने की सामग्री पर अमल करने से पहले अपने विशषज्ञ डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।

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electricity bill waiver scheme : हरियाणा में बीपीएल परिवारों के लिए आई बड़ी खुशखबरी! इस योजाना से मिलेंगी भारी छूट

electricity bill waiver scheme : चल रहे लोकसभा चुनावी मौसम में, पिछले कुछ दिनों से हरियाणा सरकार काफी योजना चला रही है। इसी के चलते हरियाणा सरकार ने अंत्योदय (गरीब) परिवारों के लिए बिजली बिल माफी योजना शुरू करने का फैसला किया है।

इस योजना के तहत वे सभी गरीब परिवार पात्र होंगे जिनकी परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) डाटा के अनुसार सत्यापित आय प्रति वर्ष एक लाख रुपये तक हैं। इस योजना के तहत प्रार्थी को केवल पिछले 12 महीने की मूल राशि का ही भुगतान करना पड़ेगा, जबकि अधिकतम 3600 रुपये होगी।

बिजली बोर्ड कैथल एसडीओ नितिन कैरो ने योजना के बारे में सूचना देते हुए बताया कि, यह योजना केवल गरीब परिवारों के (electricity bill waiver scheme) बिल माफ करने के लिए लागू की गई हैं, खासतौर पर इस योजाना का लाभ लेने के लिए 3 शर्तें बेहद जरूरी मानी गई हैं।

 

कौनसी है वो तीन शर्तें जिनके आधार पर बिजली बिल माफ होगा

बिजली माफी योजना (electricity bill waiver scheme) के तहत, योजना का लाभ ले रहे बिजली उपभोक्ता की परिवार पहचान पत्र में आय एक लाख रुपए से कम होनीं चाहिए, उपभोक्ता का चालू खाता पर सालाना बिजली यूनिट 1800 या उसे कम होनी चाहिए। वहीं योजना का लाभ लेने वाले उपभोक्ता को मिल सकता हैं, बिजली उपभोक्ता के पैडिंग बिलिंग चाहे एक लाख रुपये के हो या फिर दो लाख रुपए हो, उसे सिर्फ और सिर्फ 3600 रुपये की अदायगी करनी होगी।

 

जिसका पुराना कनेक्शन कटा हुआ है, वो भी इस योजाना लाभ उठा सकते है

आपको बता दें कि, अगर आपका पुराना कनेक्शन कटा हुआ है तो स्कीम का लाभ लेने के बाद आप उसे दोबारा चालू कर सकते हैं, अभी तक 20 उपभोक्ताओं को (electricity bill waiver scheme) योजना का लाभ मिल चुका हैं, डिवीजन लेवल पर बहुत सारे लोग यहां आ रहे है और हमारी भी कोशिश रहते है कि, सरकार के द्वारा शुरू की गई योजनाओं को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके।

वहीं हरियाणा सरकार के द्वारा शुरू की गई योजना के बारे में सभी बिजली कर्मचारियों को आगाह कर रखा हैं, कि जो भी व्यक्ति दफ्तर में आए उसे योजना के बारे में बताएं, जो भी जानकारी लेने दफ्तर आ रहा है उसे इस योजना के बारे में पूर्ण सूचना दी जा रही हैं।

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E-Ration card Update : घर बैठे मोबाईल से 2 मिनट में ई- राशन कार्ड कैसे प्राप्त करें, आये जाने इसके बारे में

E-Ration card Update : आपको बता दें की, यदि आपका भी राशन कार्ड खो गया है या फिर आपने नए राशन कार्ड के लिए आवेदन किया था जो अभी तक नहीं आया है, तो इस स्थिति में आप ऑनलाइन माध्यम से भी ई- राशन कार्ड(E-Ration card Update ) डाउनलोड कर प्राप्त कर सकते हैं।

 

ई-राशन कार्ड क्या है ?

ई- राशन कार्ड (E-Ration card Update ) की सहायता से हम किसी भी राशन डीलर से सरकार द्वारा दी जा रही राशन सामग्री या अन्य सेवाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। पहले राशन कार्ड धारकों के पास केवल राशन कार्ड की हार्ड कॉपी हुआ करती थी, जो कई बार घूम हो जाती थी या फिर फट जाती थी। राशन कार्ड के खों जाने या फिर फट जाने के कारण राशन कार्ड धारकों को इसके लाभ प्राप्त करने में परेशानी का सामना करना पड़ता था।

सरकार द्वारा राशन कार्ड धारकों की इस परेशानी को सॉल्व करने के लिए ई- राशन कार्ड (E-Ration card Update )  जारी कर दिया है। अब आप एनएफएसए या फिर स्टेट राशन पोर्टल पर जाकर आपका राशन कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। इसके अलावा आप आपके फोन में डीजी-लॉकर की सहायता से भी ई राशन कार्ड डाउनलोड कर प्राप्त कर सकते हैं।

 

आपके परिवार का ई-राशन कार्ड कैसे डाउनलोड करें ?

  • सबसे पहले आपको NFSA की अधिकारी वेबसाइट www.nfsa.gov.in पर जाना है।
  • इसके बाद आप आधिकारिक वेबसाइट पर राशन कार्ड के सेक्शन में राशन कार्ड डिटेल्स ऑन स्टेट पोर्टल के ऑप्शन को सेलेक्ट करना है।
  • यहां पर इसके बाद आपको भारत के समस्त राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राशन कार्ड पोर्टल का डायरेक्ट लिंक मिल जाएगा।
  • अब इसके बाद आप आपके राज्य के पोर्टल लिंक का चयन करें।
  • इसके बाद आपके सामने नया वेब पेज ओपन होगा।
  • यहां पर इसके बाद आपको आपके जिले का चयन करना है।
  • अब इसके बाद आपके सामने आपके जिले के शहरी व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के राशन कार्ड आ जाएंगे इनमें से आपको शहरी या ग्रामीण में से एक सेलेक्ट करना है।
  • इसके बाद आपको तहसील फिर पंचायत तथा अंत में आपका गांव चुनना है।
  • इसके बाद आपके सामने आपके गांव के समस्त परिवारों की राशन कार्ड (E-Ration card Update ) डिटेल्स आ जाएगी।
  • इनमें से इसके बाद आपको आपके नाम या राशन कार्ड नंबर से राशन कार्ड की जानकारी सर्च करनी है।
  • इसके बाद आपको दिए गए राशन कार्ड नंबर को चुनना है, जिससे आपके परिवार की राशन कार्ड जानकारी आपके सामने ओपन हो जाएगी।
  • इस प्रक्रिया के तहत आप ई- राशन कार्ड (E-Ration card Update ) को डाउनलोड भी कर सकते हैं।
  • इस प्रकार आप आसानी से आपके परिवार का ही राशन कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं।

डीजी लॉकर से आपके परिवार का ई- राशन कार्ड डाउनलोड कर सकते है

  • सबसे पहले आपको आपके मोबाइल में डीजी लॉकर एप्पलीकेशन को डाउनलोड करना है तथा इसमें लॉग इन करना है।
  • अब इसके बाद आपको सर्च के ऑप्शन में जाकर राशन कार्ड सर्च करना है।
  • इसके बाद आपके राज्य के राशन कार्ड के ऑप्शन को चुनना है।
  • इसके बाद  दिए गए बॉक्स में आपके राशन कार्ड नंबर दर्ज करने है।
  • इसके बाद आप अब केप्चा कोड दर्ज करे तथा सबमिट करे।
  • आपका राशन कार्ड आपके डीजी लॉकर अकाउंट में सेव हो जायेगा, जिसे आप कभी भी डाउनलोड कर सकते है।

राशन कार्ड ऑनलाइन कैसे डाउनलोड करें?

आपको बता दें की, आप ऑनलाइन NFSA की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आपका ई राशन कार्ड (E-Ration card Update ) डाउनलोड कर सकते है। इसके अलावा आप डीजी लॉकर की सहायता से भी ई-राशन कार्ड डाउनलोड कर सकते है।

 

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PM Kisan Samman Nidhi Yojana 2024 : पीएम किसान सामान निधि योजना पोर्टल दुबारा से नए सिरे से खुला, अब किसान उठा सकते है योजना का लाभ

PM Kisan Samman Nidhi Yojana 2024 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा देश के किसानों के लिए 24 फरवरी 2019 को पीएम किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की गई थी| केंद्र सरकार द्वारा किसानों के कल्याण के लिए शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना को भारत सरकार द्वारा 2019 में शुरू किया गया था। इस योजना के तहत प्रत्येक किसान को सालाना ₹6000 की सहायता राशि दी जाती है। (PM Kisan Samman Nidhi Yojana 2024) की तहत लाभार्थी किसानों को ₹6000 की सहायता राशि 3 किस्तों में 3 महीने के अंतराल में जारी की जाती है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा अब तक 16 किस्तों का भुगतान किया जा चुका है।

 

पीएम किसान सम्मान निधि योजना के बारे में

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा देश के किसानों के लिए 24 फरवरी 2019 को पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana 2024) की शुरुआत की गई थी। इस योजना के तहत किसानों को सालाना ₹6000 की सहायता राशि दी जाती है। अब तक लाभार्थी किसानों को इस योजना के तहत 16 किस्तें मिल चुकी हैं। अभी पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 17वीं किस्त का स्थानांतरण जून जुलाई में किया जाना है। अगर आप एक नए किसान है और अपने इस योजना के तहत अभी तक पंजीकरण नहीं करवाया है, तो अभी से करवा ले ताकि आपको आने वाली 17वीं किस्त का लाभ मिल सके।

 

पीएम किसान सम्मान निधि योजना पंजीकरण 2024

योजना का नाम प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana 2024)
किसने शुरू की पीएम नरेंद्र मोदी  ने
लाभार्थी देश के किसान
उद्देश्य किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना
आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन
आधिकारिक वेबसाइट pmkisan.gov.in

पीएम किसान सम्मान निधि योजना पंजीकरण नियम एवं शर्तें

  • आवेदन किसान की जमीन की रजिस्ट्री 1 फरवरी 2019 से पहले की होनी चाहिए। अगर मृत्यु के पश्चात आपके नाम जमीन हो जाती है तो ऐसे में 1 फरवरी 2019 का नियम लागू नहीं होगा।
  • अगर कोई किसान आइटीआर (ITR) भर रहा है तो उसे इस योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana 2024) का लाभ नहीं दिया जाएगा।
  • परिवार में से कोई एक सदस्य ही इस योजना का लाभ ले सकता है।
  • आवेदक किसान की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
  • आवेदक किसान का बैंक खाते के साथ डीबीटी एक्टिवेट होना चाहिए।
  • अभी तक किसान की वार्षिक आय 6 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।

आवश्यक दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • बैंक खाता
  • राशन कार्ड
  • फर्द (6 महीने से पुरानी नहीं होनी चाहिए)
  • इंतकाल
  • मेरी फसल मेरा ब्यौरा पंजीकरण संख्या (केवल हरियाणा वालों के लिए)
  • अगर आवेदक विवाहित है तो पत्नी का आधार कार्ड साथ लगाना आवश्यक है।
  • अगर विवाहित हैं और बच्चे 18 साल से कम आयु के हैं तो सभी बच्चों के आधार कार्ड लगेंगे।

कैसे करें ऑनलाइन आवेदन ?

  • सबसे पहले आप पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Yojana) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं
  • इसके बाद आप होम पेज पर New Farmer Registration के ऑप्शन पर क्लिक करें।
  • इसके बाद अब आपके सामने एक नया पेज आ जाएगा।
  • इसके बाद आप अब किसान आवेदक शहरी क्षेत्र से है या ग्रामीण क्षेत्र से है उसका चयन करें
  • अब इसके बाद आप किसान का आधार नंबर दर्ज करें| आधार से लिंक मोबाइल नंबर दर्ज करें।
  • इसके बाद आप अब अपने राज्य का चयन करें और कैप्चा कोड दर्ज कर GET OTP के ऑप्शन पर क्लिक करें।
  • इसके बाद आप अब आधार से लिंक नंबर पर ओटीपी आएगा ओटीपी दर्ज कर सत्यापित करें।
  • अब इसके बाद आपके सामने आवेदन फॉर्म आ जाएगा।
  • इसके बाद आप आवेदन फार्म भी मांगी की जानकारी जैसे किसान का नाम, पता, भूमि संबंधी जानकारी, खसरा संख्या, खतौनी नंबर आदि दर्ज करें।
  • इसके बाद आप अब आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड कर दें।
  • अब इसके बाद आप अंत में सबमिट के अवसर पर क्लिक कर दें।
  • इस प्रकार से आप पीएम किसान समान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana 2024) के तहत ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

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Farmer Successes Story : यूट्यूब से खेती सीखकर एक गरीब किसान का बेटा बना करोड़पति, आए जानें सक्सेस स्टोरी

Farmer Successes Story : डिजिटल तकनीक ने दुनिया भर में खाद्य आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत किया है और इसका महत्व दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। इसी प्रकार डिजिटल इंडिया का मंत्र हर क्षेत्र में बदलाव ला रहा है और अब इसका असर कृषि क्षेत्र में भी दिखने लगा है।

कहानी मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के एक किसान की है, जिसने फसल उत्पादन में सुधार के लिए आधुनिक तकनीक अपनाई। इस प्रकार आपको मध्य प्रदेश के एक ऐसे किसान की सफलता (Farmer Successes Story ) की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने डिजिटल क्रांति का फायदा उठाया और अब हर साल बंपर मुनाफा कमा रहे हैं।

 

किसान ने यूट्यूब से सहजन की खेती सीखी

एमपी के खरगोन जिला निवासी 46 वर्षीय किसान अनिल वर्मा (Farmer Successes Story ) आज अपने आसपास के किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं। अनिल खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर एक छोटे से गांव रायबिदपुरा में रहते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि, अनिल वर्मा ने यूट्यूब से मिले ज्ञान की मदद से सहजन की खेती शुरू की और अब हर तीन साल में 6 लाख रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं। लेकिन इस मुनाफ़े को कमाने के लिए उन्होंने नए ज़माने की तकनीक और टेलीमैटिक्स को अपनाया।

 

लॉकडाउन के दौरान अनिल का बढ़ा टेक्नोलॉजी की तरफ रुचान

बता दें की, अनिल एक बेहद साधारण किसान थे लेकिन आज वह एक टेक सेवी (प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ) बन गए हैं। चार साल पहले, जब देश में कोविड-19 के कारण तालाबंदी हुई, तो इस दौरान अनिल का तकनीक की तरफ रुचान बढ़ा। ऐसे में अनिल को सबसे पहले सहजन के बीज और फलियों के बारे में जानकारी पहले लॉकडाउन के दौरान महाराष्ट्र के एक किसान से मिली।

इसके बाद उन्होंने यूट्यूब पर इस फसल के बारे में जानकारी जुटाई, इसी समय इसकी खेती में उनकी रुचि बढ़ने लगी। वह वर्ष 2019 में मनरेगा से जुड़े और अब तक पांच फसलों से लाभान्वित (Farmer Successes Story ) हो चुके हैं। छठी फसल काटने के लिए भी तैयार हैं। इससे उन्हें अब तक 6 लाख रुपये तक का मुनाफा हो चुका है।

 

सहजन की खेती और फायदे अनेक

आधुनिक सहजन की खेती की मदद से वे अब आंतरिक फसल को भी बढ़ावा दे रहे हैं। अनिल ने ग्रेजुएशन (Farmer Successes Story ) किया है। पढ़ाई पूरी करने के बाद खेती करने वाले अनिल ने हमेशा कुछ नया करने की चाहत में कई नई तरह की तकनीकें सीखीं। उनका कहना है कि, सहजन या मोरिंगा की देश के साथ-साथ विदेशों में भी अच्छी मांग है।

पौष्टिक होने के साथ-साथ आयुर्वेद में इसका बहुत महत्व है। इसमें दूध से चार गुना अधिक पोटैशियम, सात गुना अधिक कैल्शियम और संतरे से सात गुना अधिक विटामिन होते हैं।

 

पत्ती पाउडर का व्यापार

अनिल अब इसकी पत्तियों का पाउडर बनाकर उचित मात्रा में गेहूं के आटे में मिलाकर व्यवसाय कर रहे हैं। यह चूर्ण बच्चों में हड्डियों के रोग और कुपोषण को दूर करने में सहायक है।

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