One such mobile number became the enemy of many people's lives, whoever it reached! He died, then had to ban

Killer mobile number : एक ऐसा मोबाइल नंबर कई लोगों की जान का दुश्मन बना, जिस-जिसके पास गया! वो मर गया, फिर करना पड़ा बैन

Killer mobile number : कुछ वर्षों पहले एक फोन नंबर सुर्खियों में आया, जिसको लेकर दावा किया गया कि वो हांटेड यानी भूतिया नंबर है। भूतिया नाम इस कारण से इस्तेमाल किया गया, क्योंकि किसी ने भी उस नंबर का इस्तेमाल किया, तो उसकी मौत हो गई। कई लोगों की मौत के कारण बाद में इस नंबर को बैन कर दिया गया।

 

 

मोबाइल नंबर से कैसे जान जाती थी ?

एक मीडिया वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, सन् 2010 में बलगेरिया में एक मोबीटेल नाम की मोबाइल फोन कंपनी होती थी। ऐसे में इस कंपनी ने एक फोन नंबर (Killer mobile number) जारी किया था। इस फोन नंबर को सबसे पहले कंपनी के सीईओ व्लादिमीर ग्राशनोव अपने मोबाइल चलाते थे। अचानक 48 वर्ष की उम्र में कैंसर के कारण उनकी मौत हो गई। इस दौरान मीडिया सुर्खियों से पता चला कि, उनके किसी व्यवसायिक दुश्मन ने रेडियोएक्टिव पदार्थ खिलाकर उनकी हत्या कर दी।

ALSO READ  HBSE 10th Results 2024 : 12वीं की आंसर शीट के बाद अब 10वीं की मार्किंग शुरू, इस दिन आएगा 10 वीं कक्षा का रिजल्ट

 

 

3 लोगों की हत्या में शामिल रहा मोबाईल नंबर

सीईओ की मौत के बाद इस नंबर का बलगेरिया के माफिया कोंस्टांटिन दिमित्रोव (Konstantin Dimitrov) ने इस्तेमाल किया। सन् 2003 में जब दिमित्रोव जब अपने अरबों के ड्रग्स व्यापार का कारोबार संभालने नीदरलैंड गया तो, तब किसी ने इस दौरान उसकी हत्या कर दी। दुर्घटना के दौरान वो फोन नंबर उस वक्त उसके पास था, जब वो अपनी मॉडल गर्लफ्रेंड के साथ खाना खा रहा था ! तब किसी ने उसे गोली मारी दी।

दिमित्रोव की हत्या के बाद ये फोन नंबर पहुंचा एक शातिर व्यापारी कोंस्टांटिन डिशलिव (Konstantin Dishliev) के पास। सन् 2005 में बलगेरिया के सोफिया शहर में भारतीय रेस्टोरेंट के बाहर किसी द्वारा उसे गोली मारी गई थी। वो कोकेन की खरीद-फरोख्त का व्यापार किया करता था। उसके बाद ये फोन नंबर (Killer mobile number) किसी के पास अब तक नहीं मिला और पुलिस लगातार केस की छानबीन कर रही है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *