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Haryana Education Board implemented new pattern of evaluation marks for 10th and 12th students, these students will face difficulties in examinations.

HBSE Notice : हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने 10 वीं और 12 वीं के विधार्थियों के लिए मूल्यांकन अंकों का नया पैटर्न लागू किया, इन विधार्थियों को होगी परीक्षाओं में मुश्किलें

HBSE Notice : बोर्ड विशेषज्ञ की राय और सुझाव के बाद नए स्तर से 12वीं कक्षा तक प्रश्न पत्रों में बड़ा बदलाव करने की तैयारी चल रही है। आंतरिक मूल्यांकन को जैसे बोर्ड नहीं नहीं पास फार्मूला में जरूरी बनाया है। वैसे ही अब इसके प्रारूप को भी बदला जा रहा है पहले जहां स्कूल संचालक, गेस्ट शिक्षक विद्यार्थियों को बिना मेहनत के अंक दे देते थे, अब वह नहीं होगा।

आंतरिक मूल्यांकन के 20 अंकों में से अच्छे अंक लाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना होगा। इसके अतिरिक्त 10वीं और 12 वीं कक्षा (HBSE Notice) में साइंस विषय के प्रैक्टिकल के अलग से 20 अंक करने की बजाय, थ्योरी की परीक्षा ही 80 करने पर विचार चल रहा है।

 

 

 

80 प्रतिशत से कम उपस्थिति पर नहीं मिलेंगे 5 अंक

आंतरिक मूल्यांकन के 20 अंकों के लिए दो टेस्ट की परीक्षाएं ली जाएगी, जिनमें चार अंक होंगे प्री बोर्ड (HBSE Notice) एग्जाम के लिए जाएंगे क्लास का प्रोजेक्ट वर्क होगा। इसके कक्षा में उपस्थित होने के पांच अंक अगर विद्यार्थी की उपस्थिति 95 से 100% के बीच है, तो 5 अंक मिलेंगे। वहीं 90 से 95% उपस्थित पर चार अंक मिलेंगे। वहीं 80% से कम उपस्थित होने पर कोई अंक नहीं दिया जाएगा।

 

हरियाणा शिक्षा बोर्ड (HBSE Notice) ने विचार करते हुए प्रतिस्पर्धा प्रश्नों पर फोकस किया है । पहले 30% प्रतिस्पर्धा प्रश्न पूछे जाते थे, इस बार इनकी संख्या 40 से 50 कर दी गई है।

 

बोर्ड (HBSE Notice) ने प्रश्न पत्र बैंक भी तैयार किया है, इसमें 10वीं 12वीं के तीन-चार मॉडल प्रश्न पत्र डाले गए हैं। जो विद्यार्थियों को काफी सहायता करेगा, इनकी रिवीजन से जहां विद्यार्थियों को परीक्षा का पैटर्न अच्छे समझ में आ जाएगा। ऐसे में 80 से 90% सिलेबस पूरा हो जाएगा।

 

 

 

बोर्ड ने नया आंतरिक मूल्यांकन अंकों का नया पैटर्न लागू किया

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HBSE Notice) ने एक तरफ जहां पास फार्मूला में आंतरिक अंकों को जोड़कर, 33% अंक लाने वाले को ट्रेन करने का फार्मूला अपनाकर परीक्षार्थियों को बड़ी राहत दी है। वही आंतरिक मूल्यांकन में अब ज्यादा अंक लेना परीक्षार्थियों के लिए चुनौती होने वाला है। आंतरिक मूल्यांकन अंकों के लिए बोर्ड ने नया पैटर्न लागू कर दिया हैं।

इसके तहत सभी विद्यार्थियों को आंतरिक मूल्यांकन में अच्छे अंक लेने के लिए नए सिरप प्रोजेक्ट बनाने होंगे। बल्कि क्लासरूम के गतिविधियों में भी अधिक से अधिक भाग लेना होगा।

इसके अलावा हर 6 महीने में होने वाली पेपर टेस्ट की अंको को भी जोड़ा जाएगा। इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों की क्षमता मापन पर फोकस रखते हुए प्रतिस्पर्धा प्रश्न ज्यादा पूछे जाएंगे। प्रश्न पत्र में इनकी संख्या 30 से बढ़कर 50 करती जाएगी।

HBSE Notice : हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने 10 वीं और 12 वीं के विधार्थियों के लिए मूल्यांकन अंकों का नया पैटर्न लागू किया, इन विधार्थियों को होगी परीक्षाओं में मुश्किलें Read More »

UGC announced, now students scoring 75 percent marks will be able to directly take admission in PhD.

UGC Net Update 2024 : यूजीसी ने किया एलान, अब 75 प्रतिशत अंक पाने वाले छात्र सीधे ले सकेंगे पीएचडी में दाखिला

UGC Net Update 2024 : चार वर्षीय स्नातक कोर्स कर रहे या फिर करने जा रहे विद्यार्थी पीएचडी में एडमिशन ले सकेंगे। अब वह इस कोर्स को करने के बाद सीधे पीएचडी में दाखिला ले सकेंगे और यूजीसी नेट के लिए आवेदन भी कर सकेगे। पीएचडी में दाखिले के लिए उन्हें चार वर्षीय स्नातक कोर्स में कम से कम 75 प्रतिशत अंक या फिर उसके समकक्ष ग्रेड हासिल करना होगा।

 

 

इस वर्ष से लागू होगी व्यवस्था

गौरतलब है की, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC Net Update 2024) ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत शुरू किए गए चार वर्षीय स्नातक कोर्सों की ओर विद्यार्थियों के रुझान को बढ़ाने के लिए यह अहम कदम उठाए हैं। यूजीसी चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार के अनुसार, यह व्यवस्था इसी वर्ष से लागू हो जाएगी।

 

 

(UGC Net Update 2024) पीएचडी के दाखिले में इन छात्रों को मिलेगी छूट

बता दें की, इस दौरान एससी, एसटी, ओबीसी (नान-क्रीमी लेयर), दिव्यांगजनों और ईडब्ल्यूएस विद्यार्थियों को पीएचडी के दाखिले में पांच प्रतिशत या उसके समकक्ष ग्रेड की छूट भी मिलेगी। इसके साथ चार वर्षीय स्नातक कोर्स करने वाले छात्र अब सीधे यूजीसी नेट के लिए भी आवेदन कर सकेंगे। इनमें ऐसे छात्र भी आवेदन कर सकेंगे जोकि चार वर्षीय स्नातक कोर्स के अंतिम वर्ष में होंगे।

 

 

(UGC Net Update 2024) आवेदन के दौरान विषय करने होंगे तय

आयोग ने इसके साथ ही चार वर्षीय स्नातक कोर्स (UGC Net Update 2024) करने वाले छात्रों को एक और बड़ी राहत दी है। यूजीसी नेट के लिए उन्हें विषयों की बाध्यता से छूट दे दी है। यानी अब वह कोई भी विषय चुन सकेंगे। उनके लिए अब इसकी अनिवार्यता नहीं होगी कि स्नातक में उन्होंने जो विषय पढ़े हैं, उनका ही चयन करना है। हालांकि उन्हें आवेदन के दौरान विषय तय करने होंगे।

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Government becomes strict on dowry system, government employees will have to give an affidavit of not taking dowry! Teacher said, want an educated girl

Indian Dowry- system update : दहेज प्रथा पर सख्त हुई सरकार, सरकारी कर्मचारियों को देना होगा दहेज न लेने का शपथपत्र! शिक्षक बोले, पढ़ी-लिखी लड़की चाहिए

Indian Dowry- system update : सरकारी कर्मचारियों को अब दहेज न लेने का शपथपत्र देना होगा। यूपी सरकार द्वारा यह नियम दहेज पर लगाम लगाने के लिए लागू किया जा रहा है। वाराणसी के शिक्षक वर्ग ने इस फैसले का स्वागत किया है। उनका मानना है कि, पढ़ी-लिखी लड़कियों को प्राथमिकता देनी चाहिए।

 

 

नियुक्ति के समय शपथ- पत्र लेना अनिवार्य

दहेज (Indian Dowry- system update ) पर लगाम लगाने के लिए शासन स्तर से सख्ती शुरू हो गई है। सरकारी सेवा में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारी अपनी शादी में अब दहेज नहीं ले सकेंगे। उन्हें शादी के समय का जिक्र करते हुए अपने नियुक्ति अधिकारी को यह शपथ पत्र देना होगा कि, उन्होंने अपनी शादी में किसी तरह का दहेज नहीं लिया है। इस प्रकार सरकारी भर्तियों में नियुक्त होते समय प्राथी को शपथपत्र अनिवार्य होगा।

 

जबकि वाराणसी जिले के सबसे बड़े सरकारी सेवा वर्ग से जुड़े शिक्षकों ने इस व्यवस्था का स्वागत करते हुए कहा कि, वे दहेज (Indian Dowry- system update ) नहीं लेंगे और विद्यार्थियों व अन्य लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करेंगे।

 

सरकारी अधिकारियों- कर्मचारियों को अपनी शादी में दहेज (Indian Dowry- system update ) लेने से रोक लगाने के लिए शासन स्तर से पहल शुरू हो गई है। शासन उत्तर प्रदेश दहेज प्रतिषेध नियमावली 2004 का पालन सख्ती से कराने के लिए सक्रिय हो गया है।

 

 

 

महिला कल्याण विभाग के भी आदेश जारी हुए

महिला कल्याण विभाग की निदेशक संदीप कौर ने सभी विभागाध्यक्षों को दिशा निर्देश जारी किया है कि सरकारी सेवकों से इसका शपथ पत्र लिया जाए। इसके लिए निर्धारित फॉर्मेट में एक शपथ पत्र भरकर देना होगा, जिसमें स्पष्ट करना होगा कि उसने शादी के समय या बाद में दहेज (Indian Dowry- system update ) नहीं लिया है

 

 

शपथ- पत्र पर शिक्षक बोले, दहेज नहीं ! पढ़ी-लिखी लड़की चाहिए

बता दें की, जिले में सरकारी सेवा के सबसे बड़े वर्ग से जुड़े शिक्षकों ने इस निर्देश का स्वागत करते हुए कहा कि, हमें दहेज नहीं, पढ़ी-लिखी लड़की को प्राथमिकता देनी चाहिए। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सकलदेव सिंह ने कहा कि शासन के इस आदेश का पालन हर शिक्षक करेगा और विद्यार्थियों व अन्य लोगों को भी प्रेरित करेगा।

शैक्षिक महासंघ के कार्यकारी जिलाध्यक्ष ज्योतिप्रकाश ने कहा कि समाज के लिए अभिशाप दहेज (Indian Dowry- system update ) के कारण कई मासूम लड़कियों ने आत्महत्या कर ली।

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Why does one suddenly feel electric shock when someone touches it? Come let's know the secret behind this

Human body Current : अचानक किसी को छूते ही क्यों लगता है करंट? आए जानें इसके पीछे का राज

Human body Current : अक्सर ऐसा होता है कि किसी चीज करंट न होने के बावजूद भी उसे छूने से अचानक करंट का हल्का सा झटका लगता है। अधिकतर यह भी होता है कि, आप किसी से हाथ भी मिलाते है तो भी आपको करंट का झटका लगता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि, ये कैसे होता है?

 

 

किसी को छूने से ऐसा लगता है करंट

बता दें कि, जो चीजें गुड कंडक्टर होती हैं वो इलेक्ट्रॉन को आसानी से बाहर जाने देती हैं। वहीं जब कोई चीज बैड कंडक्टर होती है तो उसमें इलेक्ट्रॉन (Human body Current) को बाहर जाने से रोकती हैं इसलिए इसमें कई बार इलेक्ट्रॉन इकठ्ठा हो जाते है। अब उस चीजे से कोई कंडक्टर टच होता है तो दोनों इलेक्ट्रॉन अपनी संख्या बैलेंस करते हैं जिसकी वजह से करंट लगता है। इसको साइंस की भाषा में स्टैटिक इलेक्ट्रिसिटी कहते हैं। ऐसा तब होता है जब इलेक्ट्रॉन किसी वस्तु से दूसरी वस्तु पर स्थानांतरित होते हैं।

Why does one suddenly feel electric shock when someone touches it? Come let's know the secret behind this
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इन कपड़ो के कारण लगता है करंट

आपने ध्यान दिया होगा ये आमतौर पर ऊनी कपड़े, सिंथेटिक फाइबर वाले कालीन जैसे कपड़े पहने होते हैं तभी करंट अधिक लगते हैं। असल में ये बैड कंडक्टर होते हैं और इसमें आसानी से इलेक्ट्रॉन (Human body Current) स्टोर हो जाता है, और जब हमारा शरीर किसी दूसरे कंडक्टिंग बॉडी से टकराता है तो हमें हल्का सा करंट का अनुभव होता है। यह करंट बहुत हल्का होता है जिससे कोई नुकसान नहीं होता है।

 

 

 

करंट से बचने के लिए कैसे कपड़े पहने ?

अगर आपको भी करंट महसूस होता है तो आप इससे बचाव के लिए यह उपाय कर सकतें हैं। इसके लिए आप नेचुरल कपड़े जैसे सूती या रेशमी कपड़े पहनें। नियमित रूप से मॉइस्चराइजर का उपयोग करें। जब आप किसी इमारत या कार से बाहर निकलते हैं, तो धातु की वस्तु को छूकर स्टैटिक बिजली (Human body Current) को जमीन में प्रवाहित करें।

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WhatsApp last seen setting : व्हाट्सऐप पर ऑनलाईन होते हुए भी नहीं दिखेंगे आप ऑनलाईन, फोन में करें ऐसे सेटिंग

WhatsApp last seen setting : व्हाट्सऐप पर आपको बहुत सारे फीचर मिलते होंगे, लेकिन कंपनी आपके लिए ऐसे प्राइवेसी फीचर्स भी ऑफर करती है! जिसकी सहायता से आप ऑनलाईन स्टटेस को छिपा सकते हैं। बल्कि ऑनलाईन होते हुए भी आप किसी को ऑनलाइन नहीं दिखेंगे।

 

 

इस फीचर से क्या फायदा मिलता है और कैसे ऑन करना है

इस फीचर को ऑन करना अति सरल है। इसकी सहायता से आप व्हाट्सऐप यूज करते हुए भी किसी को ऑनलाईन नजर नहीं आएंगे। इस फीचर को ऑन करने के लिए आपको व्हाट्सऐप ओपन करना होगा। यहां आपको टॉप राइट कॉर्नर पर तीन बिदुं यानि डॉट्स मिलेंगे, जिस पर आपको क्लिक करना होगा। अब यहां से आपको सेंटिग के विकल्प पर जाना होगा।

इसके बाद आपके सामने कई सारे ऑप्शन आएंगे। अब आपको इसमें से प्राईवेसी पर क्लिक करना होगा। प्राईवेसी में आपको कई सारे विकल्प दिखेंगे। अब आपको लास्ट सीन एण्ड ऑनलाईन का विकल्प पर जाना होगा।

अब आपको दो विकल्प सामने मिलेंगे। एक से आप लास्ट सीन को सेट कर सकते हैं। दूसरा आपको ऑनलाईन स्टेटस को हाइड करने का विकल्प देता है। ऐसे में ऑनलाईन स्टेटस को आप या तो सभी के अलाउ कर सकते हैं या फिर लास्ट सीन वाली सेंटिग पर सेट कर सकते हैं।

You will not be seen online even if you are online on WhatsApp, make such settings in your phone
You will not be seen online even if you are online on WhatsApp, make such settings in your phone

 

 

बता दें कि, लास्ट सीन वाली सेटिंग पर सेट करने का मतलब है कि, आपने लास्ट सीन के लिए जो विकल्प चुना होगा, वहीं ऑनलाईन स्टेटस के लिए भी लागू होगा। इस प्रकार लास्ट सीन को आप सभी के लिए हाइड रख सकते हैं या कुछ लोगों के लिए या किसी के लिए भी। आप चाहें तो चुनिंदा लोगों या यूजर्स के लिए भी हाईड कर सकते हैं।

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MDH masala products can cause deadly diseases like cancer! Let us know what was revealed in the research

International tesk : एमडीएच मसाला प्रॉडक्ट से हो सकती है, कैंसर जैसी घातक बीमारी! आए जानें रिसर्च में क्या बताया गया

International tesk : आपको जानकर हैरानी होगी कि, एमडीएच मसाले में ही ऐसे तत्वों का मिश्रण होता है, जिनसे कैंसर जैसी घातक बीमारी हो सकती है। ऐसे में हांगकांग और सिंगापुर में खाद्य नियामकों ने लोगों को दो बड़े मसाला ब्रांडों के चार प्रोडक्ट – एमडीएच के तीन और एवरेस्ट के एक मसाले का उपयोग करने के खिलाफ चेतावनी दी है।

इसमें इथिलीन ऑक्साइड की मात्रा काफी अधिक है, जिससे कैंसर जैसी घातक बीमारी हो सकती है। इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर ने एथिलीन ऑक्साइड को “समूह 1 कार्सिनोजेन” के रूप में क्लासीफाई किया है।

 

एमडीएच मसालों पर हांगकांग ने क्या बयान जारी किया ?

आपको बता दें की, 5 अप्रैल को अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एक बयान में हांगकांग (International tesk) के खाद्य नियामक प्राधिकरण सेंटर फॉर फूड सेफ्टी (सीएफएस) ने कहा कि एमडीएच के तीन मसाला प्रोडक्ट – मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला और करी पाउडर मिश्रित मसाला पाउडर के अलावा एवरेस्ट के फिश करी मसाला में “कीटनाशक, एथिलीन ऑक्साइड” है।

 

मसालों में मिले कीटनाशक

एमडीएच और एवरेस्ट फूड्स दोनों ने अभी तक खाद्य नियामकों (International tesk) के दावों पर कोई टिप्पणी नहीं की है। अपने नियमित जांच के तहत, सीएफएस ने हांगकांग में तीन खुदरा दुकानों से उत्पाद लिए। सीएफएस प्रवक्ता ने कहा, “परीक्षण के नतीजों से पता चला कि नमूनों में कीटनाशक, एथिलीन ऑक्साइड था।”

 

बिक्री रोकने और उत्पादों को हटाने

नियामक ने विक्रेताओं को “बिक्री रोकने और उत्पादों को हटाने” का निर्देश दिया। इसमें कहा गया है कि उत्पादों को वापस मंगाना शुरू कर दिया गया है। सीएफएस (International tesk) प्रवक्ता ने कहा, “मानव उपभोग के लिए कीटनाशक युक्त भोजन केवल तभी बेचा जा सकता है जब भोजन की खपत स्वास्थ्य के लिए खतरनाक या प्रतिकूल न हो। इसके लिए अधिकतम 50,000 डॉलर का जुर्माना और दोषी पाए जाने पर छह महीने की कैद हो सकती है।”

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The wait of children will end soon, Haryana Board is releasing the result soon on this date.

HBSE Result 2024 : बच्चों का इंतजार जल्द होगा खत्म, हरियाणा बोर्ड जल्द कर रहा है इस तारीख को रिजल्ट जारी

HBSE Result 2024 : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा 10वीं व 12वीं के परीक्षा परिणाम लोकसभा चुनाव के मतदान से पहले 15 या 16 मई को घोषित कर दिए जाएंगे।

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डा. वीपी यादव ने बताया कि 10वीं व 12वीं कक्षा की मार्किंग का कार्य तेजी से पूरा किया जा रहा है। जिसके चलते 15 या 16 मई से पहले हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।

 

उन्होंने बताया कि, अबकी बार 10वीं कक्षा का परिणाम (HBSE Result 2024) अब तक के परिणामों के औसत से 25 से 30 प्रतिशत तक अधिक आने की संभावना है। क्योंकि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने 10वीं कक्षा के मूल्यांकन प्रणाली में सीबीएसई के पैटर्न को अपनाया है। जिसके चलते ये परिणाम बढ़े है।

 

गौरतलब है कि, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HBSE Result 2024)  में पहले इंटरनल एसेसमेंट के 20 अंक तथा थ्योरी के पेपर के 80 अंक होते थे तथा दोनों पेपरों में अलग-अलग पास होना जरूरी था। इसके तहत 80 में से 27 अंक लेने जरूरी थे।

परन्तु अब यदि कोई विद्यार्थी 80 में से मात्र 13 अंक लिए हुए है तथा जिसके इंटरनल एसेसमेंट में पूरे अंक है, जो सामान्य तौर पर छात्रों को दे दिए जाते है। वह छात्र मात्र 13 अंक पास हो जाएगे।

 

बीते 5 वर्षो में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड का 10वीं कक्षा का परिणाम औसतन 60 से 65 प्रतिशत रहा है। जिसके 25 से 30 प्रतिशत बढऩे पर परिणाम 90 प्रतिशत से अधिक चला जाएगा।

भिवानी में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HBSE Result 2024) के चेयरमैन वीपी यादव ने कहा कि ,अबकी बार वार्षिक परीक्षाओं में नकल के मात्र 814 केस दर्ज किए गए। जबकि पहले के वर्षो में पांच हजार की संख्या तक केस दर्ज किए जाते रहे है। इसके लिए उन्होंने छात्रों व अध्यापकों द्वारा अच्छी मेहनत किए जाना व बोर्ड द्वारा क्यूआर कोड तकनीक अपनाया जाना बताया।

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Haryana Private School : आरटीई का उल्लंघन करने वाले स्कूलों पर 50 हजार फाइन करने के निर्देश

Haryana Private School :  हरियाणा में एडमिशन के लिए सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में लिए जाने वाले स्क्रीनिंग टेस्ट पर सरकार सख्त हो गई है। सूबे के स्कूल शिक्षा विभाग ने इसे राइट टू एजूकेशन का उल्लंघन बताया है।

 

बता दें की, सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों (Haryana Private School ) को इसको लेकर शिक्षा विभाग के मुख्यालय की ओर से लेटर जारी किया गया है। इसमें निर्देश दिए गए हैं कि यदि कोई भी स्कूल स्क्रीनिंग टेस्ट लेते हुए पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यालय के लेटर में दोषी स्कूलों के खिलाफ 25 से 50 हजार रुपए जुर्माना लगाने के भी आदेश दिए गए हैं।

 

जबकि , नए शिक्षण सत्र (Haryana Private School ) को लेकर इन दिनों स्कूलों में एडमिशन किए जा रहे हैं। शिक्षा विभाग को शिकायत मिली थी कि कुछ स्कूल बच्चों का स्क्रीनिंग टेस्ट ले रहे हैं, जो नियमों के विपरीत है। इसको देखते हुए विभाग की ओर से इस आशय का लेटर जारी किया गया है।

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Mughal Harem story : मुगल हरम में रहती थी 5 हजार से भी अधिक महिलाएं ! मुगल बादशाह कहां से लाते थे इतनी महिलाएं, आए जानें

Mughal Harem story : मुगल इतिहास की कहानियां अक्सर हम बड़े बुज्रकों से सुनते रहते हैं या फिर किताबों में कहीं ना कहीं पढ़ते रहते हैं। अक्सर सुनने में आता है कि मुगलों के बादशाह अपने हरम में 5 हजार से भी अधिक महिलाएं रखते थे। लेकिन ये सुनने के बाद आपको एक दम आश्चर्य में डाल देता है। इस तरह की कहानी के प्रति आपके दिमाग में एक सवाल जरूर आता होगा कि बादशाह इतनी महिलाओं का करते क्या थे और ये महिलाएं आती कहां से थी।

बताया जाता है कि, हरम के अंदर बादशाह के अलावा अन्य कोई मर्दों नहीं जा सकता था। बिना अनुमति के मुगल हरम में कोई नहीं जा सकता था। मुगल हरम में इतनी सारी महिलाएं होने के बाद भी महिलाएं उसमें जाने को मजबूर क्यों हो जाती थीं।

क्यों रखा जाता था मुगल हरम में महिल्याओं को ?

यदि आपको सरल शब्दों में बताया जाए तो, मुगल हरम (Mughal Harem story) वो जगह थी जहां मुगल बादशाह से संबंध रखने वाली औरतें रहती थीं। इनमें खासतौर पर उनकी बेगमें होती थीं। इसका मतलब है कि, जिस महल में बादशाह की बेगमें रहती थीं। उस जगह को मुगल हरम कहा जाता था। इसके अलावा युद्ध में जीती गईं महिलाओं को भी मुगल हरम में रखा जाता था।

इतिहासिक तथ्यों के अनुसार, मुगल हरम (Mughal Harem story) में जो महिलाएं होती थीं, उनको जंग में जीता जाता था। इसका अर्थात है कि मुगल जंग में हारे हुए राजा की महिलाओं को अपने हरम में शामिल कर लेते थे। जबकि कई विदेशी भी बादशाह के दरबार में आते थे, जो बादशाह को तोहफे के रूप में महिलाओं को देते थे।

मुगल हरम में किस तरह की महिलाएं रखी जाती थी ?

बता दें की, मुगल बादशाह के हरम (Mughal Harem story) में उनकी बेगमें, महिला रिश्तेदार, रखैलें, दासियां, जंग में जीती हुई महिलाएं और तोहफे में मिलीं महिलाएं होती थीं, इसी वजह से इनकी संख्या हजारों में पहुंच जाती थी।

दरअसल, मुगल हरम में रहने वाली महिलाओं का बाहरी दुनिया से कोई नाता नहीं था। उनको केवल मुगल हरम के अंदर ही रखा जाता था, उनको बाहर आने की अनुमति नहीं दी जाती थी।

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America news : अब अमेरिका में रहना होगा मुश्किल, अमेरिका में बसने का सपना देख रहे हैं तो ठीक से सोच लीजिए

America news : दशकों से रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड (जीसी) का इंतजार करते-करते थक चुके भारतीयों को अमेरिका में रहने में मुश्किलें बढ़ रही हैं। हाल ही में, अमेरिकी नागरिकता और इमिग्रेशन सर्विस (USCIS) ने गर्व से एक्स पर पोस्ट किया कि भारत की एक 99 वर्षीय महिला को नागरिकता प्रदान की गई है। ‘वे कहते हैं कि उम्र सिर्फ एक नंबर है। यह बात 99 वर्षीय इस महिला के लिए सच साबित होती है जो हमारे ऑरलैंडो ऑफिस में नई अमेरिकी नागरिक बन गई हैं। दाईबाई भारत से हैं और निष्ठा की शपथ लेने के लिए उत्साहित थीं। ‘

एक व्यक्ति ने यूएससीआईएस को जवाबी बयान देते हुए लिखा, ‘हाहाहा, जल्द ही आप मरणोपरांत ग्रीन कार्ड देंगे!’ ग्रीन कार्ड अमेरिकी नागरिकता (America news) की ओर पहला कदम है। आम तौर पर, जी.सी. रखने के पांच साल बाद ही (अगर आप किसी अमेरिकी नागरिक से विवाहित हैं तो यह अवधि तीन साल तक कम हो जाती है) आप नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। दिक्कत यह है कि अगर आप भारत से हैं तो इसके लिए दशकों तक लाइन में लगना पड़ता है।

 

अमेरिका ने 1920 से लीगल इमीग्रेशन को कर रखा है बैन

बता दें की, 1920 के दशक से ही अमेरिका (America news) ने लीगल इमीग्रेशन को प्रतिबंधित कर रखा है। कैटो इंस्टीट्यूट में इमीग्रेशन स्टडीज के निदेशक डेविड जे बियर बताते हैं कि यह सिस्टम उन लोगों को प्लान पूरी तरह से फेल कर देती है जो वैध और व्यवस्थित तरीके से ‘अमेरिका में रहने के सपने’ को पूरा करने की आकांक्षा रखते हैं।

उनके फरवरी 2024 के रिसर्ट में पता चलता है कि ‘ग्रीन कार्ड अप्रूवल रेट रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। ये दिखाता है कि ग्रीन कार्ड का आवेदन जमा करने वालों में से महज 3 फीसदी को ही वित्त वर्ष 2024 (30 सितंबर, 2024 को समाप्ति) के दौरान स्थायी दर्जा प्राप्त होगा।

 

1 अक्टूबर, 2023 तक, लगभग 34.7 मिलियन एप्लिकेशंस पेंडिंग थे। 1996 में लगभग 10 मिलियन से ज्यादा आवेदन लंबित थे। कैटो इंस्टीट्यूट में इमीग्रेशन स्टडीज के निदेशक डेविड जे बियर कहते हैं कि इनमें से कई लोग सही मायने में आवेदक नहीं हैं। अधिकांश (ज्यादातर भारतीय) कैप नंबर उपलब्ध होने का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद वे औपचारिक ग्रीन कार्ड आवेदन दायर कर सकते हैं।

समग्र सीमा के अलावा, चाहे वह रोजगार या परिवार आधारित जी.सी. के लिए हो, कोई भी देश ग्रीन कार्ड (देश की सीमा) के 7 फीसदी से अधिक प्राप्त नहीं कर सकता है। यह लिमिट भारतीयों और, कुछ हद तक, चीनी नागरिकों पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है।

नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिसी, जिसने हाल ही में इमिग्रेशन संबंधी आंकड़ों का विश्लेषण किया है, बताया कि 1.2 मिलियन से अधिक हाई स्किल्ड भारतीय, जिनमें उनके आश्रित भी शामिल हैं, पहले, दूसरे और तीसरे रोजगार-आधारित जी.सी. कैटेगरी में प्रतीक्षा कर रहे हैं।

 

रोजगार के आधार पे मिलता है ग्रीन कार्ड

वित्त वर्ष 2024 में, लगभग 8 फीसदी पेंडिंग रोजगार आधारित आवेदनों को ग्रीन कार्ड के लिए स्वीकृत किया जाएगा। लेकिन इनमें से अधिकांश उन आवेदकों को नहीं मिलेंगे जिन्होंने सबसे लंबे समय तक इंतजार किया है। वहीं अमेरिका (America news) कुल सीमा 1.4 लाख प्रति वर्ष निर्धारित की गई है, साथ ही इस श्रेणी में आने वाले परिवार से संबंधित ग्रीन कार्ड भी शामिल हैं।

इसके बजाय, देश की सीमा के कारण, अगले साल अप्लाई करने वाले आवेदक चीन और भारत के आवेदकों को पीछे छोड़ देंगे। इनमें से कई पहले से ही 100 से अधिक वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे हैं।

पहले के रिसर्च से पता चला था कि भारत से रोजगार आधारित GC बैकलॉग (EB-2 और EB-3 स्किल्ड कैटेगरी) मार्च 2023 में 1 मिलियन को पार कर गया। अगर मृत्यु और ‘उम्र बढ़ने’ जैसे कारकों पर विचार किया जाए, तो GC के लिए प्रतीक्षा अवधि 54 साल है। अन्यथा, यह 134 साल है।

 

क्या है ? परिवार प्रायोजित ग्रीन कार्ड

इस श्रेणी में प्रतीक्षा कर रहे 4.14 लाख भारतीय ग्रीन कार्ड प्राप्त करने से पहले ही मर जाएंगे। भारतीय परिवारों के 1 लाख से अधिक बच्चे वयस्क हो जाएंगे (21 वर्ष के हो जाएंगे), और उनका डिपेंडेंट वीजा अब मान्य नहीं होगा, और वे ग्रीन कार्ड की लाइन से बाहर हो जाएंगे।

इन 21 वर्षीय लोगों के लिए, इसका मतलब है इंटरनेशन स्टूडेंट वीजा (America news) या फिर सेल्फ डिपोर्टेशन। अध्ययन के बाद, अगर वे अमेरिका में रहना जारी रखना चाहते हैं, तो इतिहास खुद को दोहराता है, H-1B और ग्रीन कार्ड बैकलॉग के प्रयासों के साथ ही ऐसा होगा।

जी.सी. धारकों के जीवनसाथी और नाबालिग बच्चों के लिए 2.26 लाख की सीमा है। यहां तक कि अमेरिकी नागरिकों के वयस्क बच्चे और भाई-बहन भी इस श्रेणी में आते हैं। यहां, मेक्सिको और फिलीपींस के लोगों को सबसे लंबा इंतजार करना पड़ता है।

 

बाइडेन के 2020 के चुनावी वायदे

अपने 2020 के चुनावी अभियान में, जो बाइडेन ने कानूनी आव्रजन प्रणाली (लीगल इमिग्रेशन सिस्टम) में सुधार का वादा किया था। 21 जनवरी, 2021 को पदभार ग्रहण करने के अपने पहले दिन, उन्होंने कांग्रेस को यूएस सिटिजनशिप एक्ट भेजा। भारतीय प्रवासियों के लिए और वास्तव में, अमेरिका (America news) में रहने के इच्छुक लोगों के लिए – रोजगार-आधारित वीजा बैकलॉग को साफ करने का प्रस्ताव इसमें था। इसके अलावा अनयूज्ड वीजा को फिर प्राप्त करने, लंबे प्रतीक्षा समय को कम करने और प्रति देश वीजा कैप को समाप्त करने के प्रपोडल भी इसमें प्रमुख थे।

इस विधेयक में एच-1बी वीजा धारकों के आश्रितों को काम करने की अनुमति भी दी गई है। उनके बच्चों को सिस्टम से ‘वृद्धावस्था से बाहर’ होने से बचाया गया है। ये सुधार – भले ही इसके बाद आए द्विदलीय विधेयकों सहित कई अन्य बिल में नजर आया। हालांकि, ये फलीभूत नहीं हुए। 2024 के लिए बाइडेन का कैंपेन लोगो है- ‘चलो काम खत्म करते हैं’। अभी तक, राजनीतिक बहसों और तीखे हमलों में बॉर्डर कंट्रोल पर ध्यान केंद्रित किया गया है। भारतीय प्रवासी इंतजार कर रहे हैं।

 

भारतीयों के प्रति ट्रम्प का प्रस्तावित नियोजना

भारतीय प्रवासियों के दृष्टिकोण से, जन्म से नागरिकता (America news) को खत्म करना एक गंभीर मुद्दा होगा। ट्रम्प की ओर से लीगल इमिग्रेशन पर भी नकेल कसने की संभावना है।

इसमें फिर से H-1B वीजा में पत्नियों के वर्क परमिट को खत्म करने, अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए वीजा अवधि को सीमित करने, उनके लिए अध्ययन के बाद के स्टडी वर्क प्रोग्राम को सीमित करने और H-1B वीजा कार्यक्रम में सख्ती लाने से संबंधित नीतियों को देख सकते हैं। जैसे कि इन वीजा (America news) को सबसे अधिक वेतन पाने वालों को आवंटित करना। लीगल इमिग्रेंट्स के लिए बदलाव की हवा अभी तक आती नहीं दिख रही है।

डोनाल्ड ट्रम्प का इमिग्रेशन विरोधी रुख, कथित तौर पर, और भी तेज होगा। बड़े पैमाने पर निर्वासन, डाका (डेफर्ड एक्शन फॉर चाइल्डहुड अराइवल्स) को खत्म करना, जो उन लोगों को सुरक्षा प्रदान करता है जो बिना दस्तावेज वाले अप्रवासियों के बच्चों के रूप में अमेरिका में प्रवेश करते हैं। इसके अलावा मुस्लिम देशों से आने वालों के लिए यात्रा प्रतिबंध कार्ड पर प्रतीत होते हैं।

America news : अब अमेरिका में रहना होगा मुश्किल, अमेरिका में बसने का सपना देख रहे हैं तो ठीक से सोच लीजिए Read More »