HBSE News : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 12 वीं कक्षा के परीक्षा रिजल्ट जारी होने के बाद से ही सोशल मीडिया पर गांव फुलपुरा के एक छात्र की दो-दो मार्कशीट और कुछ अलग-अलग अंकों की मार्कशीट वायरल हो रही हैं। इसमें छात्र के अलग-अलग अंकों के साथ उसके सब्जेक्ट भी बदल गए हैं।
इस मामले में बोर्ड अधिकारियों का तर्क है कि, वेबसाइट से अपलोड की गई बोर्ड के अपडेट डाटा से किसी भी तरह की छेड़छाड़ संभव नहीं है। बोर्ड अधिकारियों के मुताबिक कुछ शरारती तत्व अंक तालिका के अंकों से छेड़छाड़ कर इस तरह के मजाक कर रहे हैं,
लेकिन बोर्ड के समक्ष प्रत्येक छात्र का रिजल्ट पूरी तरह से सुरक्षित है। एचबीसीई ने 12 वीं कक्षा के एग्जाम रिजल्ट को अपनी अधिकारिक वेबसाइट पर www.bseh.org.in पर अपलोड कर दिया है। इस पर छात्र अपना रिजल्ट देखते हैं, लेकिन कुछ परीक्षार्थियों की अंक तालिकाएं गुगल ट्रांसलेशन के जरिये बदल गई हैं।
इन छात्रों को समस्या आ रही हैं।
हालांकि बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि, वेबसाइट या रिजल्ट से किसी तरह की छेड़छाड़ या गड़बड़ी की कोई आशंका ही नहीं हैं। पिछले वर्ष भी इस तरह की शिकायतें बोर्ड के समक्ष आई थी, जिसके बाद बोर्ड की IT टीम ने इस मामले की जांच की तो सामने आया कि कुछ शरारती तत्व गुगल ट्रांसलेशन के जरिये अंक तालिका के अंकों से छेड़छाड़ की थी।
12वीं कक्षा के रिजल्ट से कोई छेड़छाड़ संभव नहीं है। अंक तालिका में बदलाव गुगल ट्रांसलेशन के जरिये की जा रही है, ये महज एक तरह का मजाक है। बोर्ड के समक्ष प्रत्येक विद्यार्थी का रिजल्ट पूरी तरह से सुरक्षित और अपडेट है।
HBSE 10th Results 2024 : हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने मंगलवार को 12वीं की परीक्षाओं का परिणाम की घोषित किया हैं। वहीं 12वीं कक्षा की आंसर शीट की मार्किंग के बाद अब 10वीं कक्षा (HBSE 10th Results 2024) के आंसर शीट की मार्किंग का काम शुरू हो गया है। हालांकि इससे पहले बोर्ड की ओर से 15 मई तक रिजल्ट आने का ऐलान किया गया था। लेकिन अब 10 मई को दसवीं का रिजल्ट जारी करने की तारीख निर्धारित की गई है। कॉपियों की मार्किंग के लिए प्रदेशभर में सेंटर बनाए हैं। सभी विषयों की एक साथ मार्किंग सोमवार से शुरू हो चुकी है और 8 मई तक मार्किंग पूरी करनी है।
एक्जामिनरों को अवॉर्ड भेजने शुरू
हरियाणा शिक्षा बोर्ड की ओर से 12वीं कक्षा की आंसर शीट की मार्किंग लगभग पूरी हो चुकी है। इनके अवार्ड भी एग्जामिनरों ने बोर्ड को भेज दिए हैं। ऐसे में सभी शिक्षक भी रिलिव कर दिए है। दूसरी ओर, बोर्ड ने 10वीं कक्षा (HBSE 10th Result 2024) की आंसर शीट की मार्किंग भी शुरू करवा दी है।
10वीं कक्षा की मार्किंग करने का आदेश 10 वीं कक्षा की मार्किंग को लेकर हिसार जिले में दो मार्किंग सेंटर बनाए हैं, जिनमें गुरु नानक देव सीनियर सेकेंडरी स्कूल और पटेल नगर जीएसएसएस शामिल है। सभी विषयों की एक साथ मार्किंग सोमवार से शुरू हो गई है और 8 मई तक मार्किंग पूरी करनी है। सभी शिक्षक भी सेंटरों पर पहुंच गए है।
10 मई तक परिणाम देने की तैयारी
सूचना के मुताबिक इस बार बोर्ड की ओर से 10वीं कक्षा (HBSE 10th Result 2024) का परिणाम 10 मई तक जल्द दिया जाएगा। इसलिए सभी विषयों की एक साथ मार्किंग करवाई जा रही है। जैसे हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, गणित, साइंस, सामाजिक, संगीत, फिजिकल एजुकेशन, होम साइंस, ब्यूटी एंड वैलनेस, ड्राइंग आदि विषय शामिल हैं।
आंसर शीट की कितनी कॉपियां पहुंची सेंटरो पर ?
10 वीं कक्षा (HBSE 10th Result 2024) के सभी सब्जेक्टों की आंसर शीट भी सेंटरों पर पहुंच चुकी हैं। सभी सब्जेक्टों की लगभग 2400 कॉपियां हैं। 10वीं में विद्यार्थी भी ज्यादा है तो सेंटर भी अधिक बनाए हैं। मार्किंग के लिए सब्जेक्ट वाइज शिक्षकों की ड्यूटी लगाई है। मॉडल टाउन स्थित गुरु नानक देव सीनियर सेकेंडरी स्कूल के मार्किंग सेंटर का जायजा लिया तो सभी शिक्षक आंसर शीट की जांच करते मिले। सेंटर पर करीब 15 ग्रुप है, जिसमें हर ग्रुप में 11-11 शिक्षक है। 6 सब्जेक्ट अनिवार्य है तो इनकी कॉपियां ज्यादा है, बाकी सब्जेक्टों की कम है।
Canada News : भारतीय समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय छात्रों को कनाडा में आर्थिक मुश्किले झेलनी पड़ सकती हैं। छात्रों की पढ़ाई के साथ-साथ कमाई पर ट्रूडो सरकार ने कैंची चला दी है। यानी कैंपस या पढ़ाई के बाद काम करने के उनके घंटो में कमी कर दी गई है। कनाडा के नए नियमों के मुताबिक, अब छात्र सितंबर माह से पर हफ्ता 24 घंटे ही परिसर से बाहर रहकर काम कर सकेंगे। आने वाले दिनों में इस संबंध में नया नियम प्रभाव में आएगा।
कनाडा के नागरिकता मंत्री मार्क मिलर ने छात्रों पर क्या कहा ?
कनाडा (Canada News) के आव्रजन, शरणार्थी और नागरिकता मंत्री मार्क मिलर ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि, छात्रों को प्रति सप्ताह परिसर से बाहर 20 घंटे से अधिक काम करने की ईजाजत देने वाली अस्थायी नीति 30 अप्रैल, 2024 को बंद हो जाएगी। उन्होंने कहा कि, हम छात्रों द्वारा प्रति सप्ताह परिसर से बाहर काम करने के घंटों की संख्या को बदलकर 24 घंटे करना चाहते हैं।
छात्रों को कोविड-19 महामारी में मिली थी छूट
कनाडा (Canada News) के पीएम जस्टिन ट्रूडो सरकार ने देश में कामगारों की कमी को पूरा करने के लिए कोविड-19 महामारी के दौरान अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए काम के घंटों की 20 घंटे की सीमा को अस्थायी रुप से माफ कर दिया था। इसी कारण से छात्र प्रति सप्ताह 20 घंटे से ज्यादा तकरीबन 40 घंटे तक यानि पूर्ण समय काम कर रहे थे और उससे अतिरिक्त इनकमिंग कर रहे थे। लेकिन एक मीडिया रिर्पोट के मुताबिक, यह छूट मंगलवार को समाप्त हो रही है।
कनाडा में कितने छात्र पढ़ते है ?
भारतीय छात्रों के हिसाब से कनाडा सबसे पसंदीदा गंतव्य है। कनाडाई अंतरराष्ट्रीय शिक्षा ब्यूरो की 2022 की एक रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा (Canada News) में उस साल 3,19,130 भारतीय छात्र थे। कनाडा में कॉलेजों और विश्नविद्यालयों में पढ़ने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों में भारतीय बहुतायत में हैं।
सीएएसए के एडवोकेसी निदेशक माटेउज सलमासी ने कहा, ” इस घोषणा के बाद 200,000 से अधिक अंतरराष्ट्रीय छात्रों को हर साल अपनी जेब से औसतन, कम से कम 5,000 डॉलर यानी 4.17 लाख रुपये का नु्कसान होगा। “
Haryana News : अगर इंसान कुदरत की दुनिया में अपने हुनर को पहिचान ले तो, तो इंसान बहुत से रिकॉर्ड अपने नाम कर सकता है। ऐसा ही एक रिकॉर्ड चरखी दादरी के दुकानदार का बेटा 11वीं कक्षा में पढ़ रहा मनुज सोनी ने बनाया है, जिसकी चारों तरफ प्रशंसा हो रही है।
चरखी दादरी (Haryana News) के मनुज सोनी ने कॉफी और कपड़े से वैश्य स्कूल के बरामदे में करीब 72 घंटों की कड़ी मेहनत कर 4 हजार स्क्वॉयर फुट आकार की बालाजी हनुमान की कलाकृति बना डाली। ऐसे में छात्र की कलाकृति गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गई है। परिजनों और स्कूल विभाग ने बेटे की उपलब्धि पर सम्मानित करते हुए उम्मीद जताई है कि, मनुज सोनी को वर्ल्ड रिकार्ड का खिताब जरूर मिलेगा।
रंगोली और पेंटिंग बनाने की शिक्षा कहां से ली ?
बता दें कि, चरखी दादरी (Haryana News) के दुकानदार अनिल सोनी का बेटा मनुज सोनी ने बचपन से ही कुछ करने की मन में इच्छा थी। दादरी के वैश्य स्कूल में 11वीं कक्षा के छात्र मनुज ने यूट्यूब से पेंटिंग की शिक्षा ली और मन में कुछ नया करने की शपथ ली। दो साल पहले भी रंगोली बनाकर छात्र मनुज ने अपनी प्रतिभा दिखाते हुए कई सम्मान अपने नाम किए। यहीं से वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का सपना लेते हुए परिजनों से प्रेरणा मिली और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
छात्र ने किस तरह 72 घंटे में पेंटिंग बनाई
छात्र मनुज ने स्कूल के आंगन में कपड़े पर काफी पाऊडर व पानी की मदद से 4 हजार स्क्वॉयर फुट आकार की बाला जी हनुमान की कलाकृति बनाई है। ये विशाल पेंटिंग करीब 72 घंटे की मेहनत के बाद स्कूल के आंगन में तैयार की गई है। इस कलाकारी की बदौलत मनुज ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाया है।
छात्र को स्कूल प्रबंधन ने किया सम्मानित
प्रतिभावान छात्र मनुज को वैश्य स्कूल परिसर में प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा स्कूल प्रबंधन ने सम्मानित किया। स्कूल प्राचार्य विमल सिंह ने बताया कि छात्र मनुज सोनी को नया कुछ करते हुए रिकार्ड बनाने की धुन सवार रहती है। इस बार मनुज ने स्कूल प्रांगण में 4 हजार स्क्वॉयर फीट आकार की बाला जी हनुमान की कलाकृति बनाई है। जिसको बनाने में उसे करीब 72 घंटे की मेहनत लगी और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में उसका नाम दर्ज हुआ है। आशा है कि, बेटे को वर्ल्ड रिकॉर्ड मिलेगा।
Indian Student protest Story : इजरायल विरोधी प्रदशर्न करने वाली भारतीय मूल की एक छात्रा को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया है। अमेरिका की प्रतिष्ठित प्रिंसटन विश्वविद्यालय में पढ रही है ये छात्रा। सूचना के मुताबिक अरेस्ट की गई छात्रा तमिलनाडु में जन्मी अचिंत्य शिवलिंगन है।
जबकि उसके साथ ही सैयद नाम का एक युवक भी अरेस्ट हुआ है। ये छात्र ( Indian Student protest Story) कई अन्य छात्र नेताओं और सामान्य छात्रों के साथ गाजा पट्टी में फिलिस्तीनियों के समर्थन में और इजरायली हमलों का विरोध प्रदर्शन कर रहें थे। जबकि, दोनों की अरेस्ट सूचना प्रिंसटन एल्युमनाई वीकली की रिपोर्ट से मिली है।
विश्वविद्यालय की तरफ से भारतीय छात्रा को मिल रही थी चेतावनी
अरेस्ट दोनों छात्रों पर विश्वविद्यालय की प्रवक्ता जेनिफर मोरिल ने कहा कि, दोनों छात्रों के कैंपस में आने पर रोक लगा दी गई है। जबकि, इसके बावजूद भी विश्वविद्यालय में बिना परिमशन के टेंट लगाने और प्रदर्शन करने का भी आरोप इन लोगों पर है। दरअसल, इन छात्रों को विश्वविद्यालय के हॉस्टल में रहने की अनुमति होगी।
बता दें कि, तमिलनाडु की रहने वाली भारतीय छात्रा अचिंत्य शिवलिंगन मार्स्टस इन पब्लिक अफेयर्स की डिग्री ले रही है। वहीं सैयद हसन प्रिंसटन विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहा है। एक बयान में विश्वविद्यालय की प्रवक्ता ने कहा कि, छात्रों ( Indian Student protest Story) को कई बार चेतावनी दी जा चुकी थी कि, वे स्थान खाली कर देें और राजनीतिक प्रदर्शन न करें।
इजरायली पीएम ने की अमेरिका की आलोचना
विश्वविद्यालय की प्रवक्ता ने आगे बताया कि, चेतावनी के बाद ये छात्र ( Indian Student protest Story) नहीं माने तो अरेस्टिंग की गई। जबकि अचिंत्य और हसन की गिरफ्तारी के बाद दूसरे छात्रों ने आंदोलन बंद कर दिया है और वहां से टेंट भी हटा लिए गए हैं।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस आंदोलन में छात्र, फैकल्टी मेंबर और अन्य बाहरी लोग भी शामिल थे। दरअसल, अमेरिका के कई कॉलेज और यूनिवर्सिटीयों में इजरायल के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं। इसे लेकर इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने भी अमेरिका की आलोचना की और कहा कि, आपके यहां हमारे खिलाफ बर्बादी के नारे लग रहे हैं।
HBSE Smart Phone : हरियाणा में सरकारी स्कूलों में आई अधिगम के तहत दसवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को स्मार्टफोन (HBSE Smart Phone) उपलब्ध कराए जाएंगे पिछले शासन में जो विद्यार्थी इन कक्षाओं में थे। उनसे टैबलेट एकत्रित कर लिए गए हैं।
अब की अधिगम के तहत दसवीं से 12वीं कक्षा को दिए गए टैबलेट (HBSE Smart Phone) सफल में वापस जमा करवा लिए गए हैं, अब विभाग ने सभी टैबलेट को रिसेट करने के आदेश दे दिए हैं।
छात्रों को कब दिए जाएंगे टैबलेट ?
टैबलेट रिसेट होने के बाद 3 मई को सभी छात्रों को वापस टैबलेट (HBSE Smart Phone) दे दिए जाएंगे और 3 मई से पहले सभी टैबलेट को अपडेट करवाना आवश्यक है। वहीं छात्रों को बोला हैं सॉफ्टवेयर का लगातार इस्तेमाल के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए हैं विद्यालय शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को टैबलेट एवं सिम मांग के बारे में निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
जिले में कितने छात्रों को मिलेगा टैबलेट ?
जारी SOP के मुताबिक नई शैक्षणिक सत्र 2024 – 25 के कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों को टैबलेट (HBSE Smart Phone) दिया जानना है। ऐसे में अपने अधिकार क्षेत्र के तहत सभी राजकीय सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय को निर्देश जारी करने को कहा गया है।
शिक्षा अधिकारियों के मुताबिक जिले में दसवीं से 12वीं के लगभग 16000 विद्यार्थियों को टैबलेट बनते जा चुके हैं। पानीपत की अधिगम नोडल अधिकारी डॉक्टर देवेंद्र दत्त ने कहा कि, विभाग ने टैबलेट बांटने के लिए आदेश जारी कर दिया है। अप्रैल के अंत तक सभी टैबलेट को रिसेट कर दिया जाएगा और 3 मई तक बच्चों को दे दिया जाएगा।
Haryana Agni-veer Riport : जब से केंद्र सरकार ने भारतीय सेना में अग्निपथ योजना लागू कि है, तब से हरियाणा में किशोर एंव युवाओं का सेना के प्रति जोश घट गया है और किसी कारणों से वीजा न मिलने पर डंकी मारकर विदेश पहुँचते हैं। इसी प्रकार हरियाणा के कुछ मशहुर फौजी गांवों से किशोर और युवाओं के पलायन पर एक मीडिया रिपोर्ट ( द वायर ) द्वारा कुछ जमीनी कहानियां तैयार की है। इसी गधांश के माध्यम से इन्ही जमीनी कहानियों में युवाओं की समस्याओं को जानने का प्रयास करेंगे।
पश्चिमी हरियाणा के हिसार ज़िले के बास गांव के निवासी यशपाल मौर्य भावुक हो जाते हैं। उन्होंने अपने बेटे ललित मौर्य को सिर्फ़ 18 साल की उम्र में इस फरवरी विदेश भेज दिया। ललित सेना में जाना चाहते थे, उम्र भी बची थी, लेकिन उनका जुनून खत्म हो चुका था।
यह देश भर के कई गांवों की कहानी है, जिन्हें फौजियों का गांव कहा जाता रहा है। पिछले कई दशकों से यहां के लड़कों के लिए सेना एक जुनून, एक सपना, एक बड़ा करिअर रहा है। इन गांवों से हज़ारों युवकों ने सेना में भर्ती होकर देश की सेवा की है। इन इलाकों की अर्थव्यवस्था और सामाजिक सरंचना को सेना के जीवन ने दिशा दी है, लेकिन अग्निपथ योजना के बाद स्थिति झटके से बदल गई है।
लगभग हर घर से कोई न कोई सेना में, मगर लड़के छोड़ चुके तैयारी
हरियाणा से युवाओं का विदेशों में पलायन कोई नई बात नहीं है। मगर हरियाणा के जींद, हिसार और भिवानी ज़िले के कई गांवों के निवासियों को विदेश ने नहीं लुभाया। आजाद हिंद फौज के समय से यहां के युवा सेना में जाते रहे हैं। बड़ौदा, भोंगरा, करसिंधु और बास जैसे गांवों के प्रवेश-द्वार शहीद सैनिकों के स्मारक दिखाई देते हैं जो भीतर कदम रखने से पहले ही इलाके की कथा सुना देते हैं। दो साल पहले तक इन गांवोंके लड़के दसवीं पास करने के बाद सेना जाना चाहते थे। मगर अग्निपथ योजना आने के बाद यह रिवायत बदलने लगी है।
इन गांवों के सरपंचों के अनुसार बीते दो सालों में एक हजार से भी ज्यादा युवा विदेश चले गए हैं, जिनमें से अधिकांश सेना की तैयारी करते थे। इनके अलावा कई युवा पासपोर्ट बनवाकर वीजा का इंतजार कर रहे हैं या डंकी रूट की तलाश में हैं, यानी देश की सीमाओं को अवैध तरीके से पार करना चाहते हैं। कई सालों से पंजाब और हरियाणा से लोग बड़ी संख्या में जंगल, पहाड़ और नदियों के रास्ते अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में अवैध तरीके से पहुंचते रहे हैं।
जींद के भोंगरा गांव के चौक पर दस लोगों के साथ ताश खेल रहे 62 वर्षीय रणवीर सिंह ने गर्व से बताया कि ‘यहां सब फौज में जाते हैं। मैं खुद जाट रेजिमेंट में रहा हूं.‘ उन्होंने चार अन्य लोगों की तरफ इशारा करते हुए बताया कि वे भी सेना में रहे हैं।
अब क्या स्थिति है ?
यह सुनते ही महफिल में निराशा छा जाती है।
रणवीर सिंह बताते हैं कि, दो साल पहले तक यहां दोपहर में भी बच्चे मैदानों और सड़कों पर दौड़ते दिखते थे, अब सुबह-शाम भी कोई नहीं मिलेगा। अब लड़के पासपोर्ट बनवाकर विदेश निकल रहे हैं।
हर दिन वेरिफ़िकेशन के लिए 2-3 पासपोर्ट, बीते दो साल में एक बड़ी खेप जा चुकी है
जींद के बड़ौदा गांव की आबादी 20 हजार से ऊपर है. 50 वर्षीय सरपंच रेशम सिंह बताते हैं कि आजाद हिंद फौज से लेकर अभी तक इस गांव के लगभग एक हजार से भी ज़्यादा निवासी सेना में रह चुके हैं। सेना के प्रति प्रेम के चलते अग्निवीर आने के बाद भी बच्चों ने पैरा-मिलिट्री या हरियाणा पुलिस का विकल्प नहीं चुना।
वह बताते हैं कि उनके पास ‘ रोजाना एक-दो पासपोर्ट वेरिफ़िकेशन के लिए आते हैं। बीते दो सालों में इस गांव से लगभग 500 लड़के विदेश निकल चुके हैं। इनमें बड़ी संख्या सेना भर्तीकी तैयारी करने वाले युवाओं की थी ‘
रेशम सिंह के अनुसार अधिक संख्या डंकी रूट से जाने वालों की होती है। बेरोजगारी को इसका कारण बताते हुए वे कहते हैं कि ‘अगर नहीं जाएंगे तो यहीं भूखे मरेंगे ‘
बास गांव के बादशाहपुर पंचायत की सरपंच ज्योति मौर्य बताती हैं, ‘ सेना में किसान मजदूर परिवार के बच्चे जाते हैं. दसवीं के बाद यह एक अच्छी नौकरी थी। अब ये क्या करेंगे? सिर्फ मेरी पंचायत से अब तक 30 बच्चे विदेश निकल चुके होंगे ‘
लगभग 35 हज़ार से ऊपर की आबादी वाले बास गांव में लगभग 3 हज़ार लोग सेना में अपनी सेवाएं दे चुके या दे रहे हैं. इस गांव से बड़े अधिकारी भी सेना में रहे हैं। मगर अब यहां स्थिति बदल गई है।
तलवार सिंह के दोनों बेटे सेना की तैयारी करते थे। अग्निवीर का भी फॉर्म डाला था लेकिन तलवार सिंह ने खुद मना कर दिया। फिर दोनों अमेरिका चले गए. आज उनका बड़ा बेटा वहां ट्रक ड्राइवर है और छोटा दिहाड़ी मजदूरी करता है। जब उनसे पूछा कि इतनी जल्दी कैसे वीजा मिल गया, वह मुस्कुराकर बोले, ‘ पता लगा लो कैसे गया होगा ! ‘
स्पष्ट है कि जो लड़के कभी सेना में जाना चाहते थे, आज डंकी रूट से विदेश जा रहे हैं।
हालांकि, द वायर से बात करते हुए जींद के डिप्टी कमिश्नर ने इसे सिरे से नकार दिया। ‘मेरे पास ऐसी कोई जानकारी या शिकायत नहीं आई है, कि किसी स्कीम की वजह से युवा विदेशों में पलायन कर रहे हैं. यह बिल्कुल आधारहीन बात है. हमारे पास इसका कोई भी डेटा उपलब्ध नहीं है। इसलिए इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा. यहां से युवाओं में पहले से ही विदेश जाने की दिलचस्पी रही है। इसलिए ये नहीं कह सकते कि अग्निवीर की वजह से ही ऐसा है,’ जींद के डिप्टी कमिश्नर मो. इमरान रज़ा ने कहा।
इसके विपरीत हिसार के डिप्टी कमिश्नर प्रदीप दहिया संकेत देते हैं कि ये युवक पलायन कर रहे हैं. ‘मैंने हाल ही अपना प्रभार संभाला है, तो इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. न ही कभी किसी फोरम पर हमसे ये चीज़ें डिस्कस हुई हैं. जहां तक बात है पलायन की तो उसके कई कारण हो सकते हैं. लोग बेहतर संभावनाओं की तलाश में पलायन करते ही हैं. तैयारी करने वाले भी कर ही रहे हैं.’
‘स्थगित’ भर्ती की दरकती उम्मीद
अग्निवीर लागू होने के बाद सेना की जब भर्ती रुकी थी, उसने इन युवाओं के सपने एक झटके से तोड़ दिए. बड़ौदा गांव के निवासी सुरेश चहल बताते हैं कि, उनके 22 वर्षीय बेटे अंकित चहल पढ़ाई में अच्छे थे. सेना की तैयारी छोड़कर उन्होंने स्टडी वीजा लिया और अमेरिका चले गए।
जब अभ्यर्थी अदालत में गए, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि यह भर्ती रद्द नहीं हुई है, बल्कि स्थगित हुई है।इसलिए अभ्यर्थियों को थोड़ी उम्मीद आज भी है। इन गांवों में दर्जनों युवा हैं, जो सेना की उस भर्ती की बहाली का इंतजार कर रहे हैं।
उस भर्ती के लिए भोंगरा गांव के 23 वर्षीय सुनील चहल मेडिकल परीक्षा पास कर चुके थे. चूंकि वे एनसीसी कैडेट थे, लिखित परीक्षा में छूट मिल जाती. बचपन का सपना पूरा होने ही वाला था कि अग्निपथ स्कीम आ गई, भर्ती रद्द हो गई और सपना बिखर गया। अब वह अपना पासपोर्ट दिखाते हुए कहते हैं कि ‘आखिरी विकल्प अब विदेश है। जो साथी चले गए हैं उनसे बात कर रहा हूं कि कौन-सा देश बेहतर होगा ‘
यही स्थिति भोंगरा के निवासी अंकित चहल की है. उन्होंने सेना की तैयारी की थी. चयन भी हुआ मगर भर्ती रद्द हो गई। अंकित अब वीजा लेने का प्रयास कर रहे हैं।
जींद के उचाना गांव के राजीव गांधी कॉलेज के मैदान में पड़ोसी गांवों के सैकड़ों युवा दौड़ने का अभ्यास कर सेना में भर्ती हुए हैं. फरवरी की इस शाम सिर्फ़ दसेक लोग यहां हैं. ग्राउंड का रखरखाव संभालने वाले रमेश चहल ने बताया कि ‘यहां रोज 250-300 बच्चे दौड़ने आते थे. मगर बीते दो सालों में सब बदल गया. आज जो 5-10 लोग दिख रहे हैं, वे भर्ती वाले नहीं हैं. फिटनेस बनाने आए हैं ‘
अग्निवीर आने के बाद हरियाणा की भागीदारी 75% कम हुई
रक्षा मंत्रालय द्वारा फरवरी 2022 में लोकसभा में जारी आंकड़े के अनुसार, 2019-20 में हुई सेना भर्ती में हरियाणा के 5,097 अभ्यर्थी चयनित हुए थे। हरियाणा भारत की कुल आबादी का सिर्फ 2% है, मगर सेना भर्ती में राज्य की भागीदारी 6% थी। उस बरस सिर्फ तीन राज्यों का अनुपात हरियाणा से बेहतर था- हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब।
हिमाचल प्रदेश की आबादी देश की कुल आबादी का सिर्फ 1 प्रतिशत है, मगर इसकी भागीदारी 7% रही. इसी तरह उत्तराखंड ने 1% आबादी के बावजूद सेना में 5% की भागीदारी दी. पंजाब की आबादी देश की कुल आबादी का सिर्फ 2% है, मगर पंजाब की भागीदारी 10% रही थी।
स्थानीय अनुमान के मुताबिक, हरियाणा के जींद, भिवानी और हिसार जैसे जिलों में यह औसत राज्य के औसत के दोगुने से भी अधिक है. राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुडा ने द वायर से कहा कि वह राज्यसभा में अग्निवीर का मुद्दा उठा चुके हैं।
हुडा ने बताया कि, अग्निवीर आने के बाद से सेना में हरियाणा के युवाओं की भागीदारी 70% से भी कम हो गई है. उन्होंने इस फरवरी राज्य सभा में अपने भाषण में हरियाणा में व्याप्त बेरोजगारी का ज़िक्र करते हुए कहा था कि इस राज्य का बेरोजगार युवक बाध्य होकर विदेश पलायन कर रहा है. इसके बाद उन्होंने अग्निपथ योजना की आलोचना करते हुए कहा कि पहले हर वर्ष हरियाणा से ‘5,500 पक्की भर्तियाँ हुआ करती थीं, अब केवल 900 भर्ती किए जा रहे हैं ’
रक्षा मंत्रालय से आरटीआई के तहत सवाल पूछा कि अग्निवीर भर्तियों में वर्ष 2022-23 और 2023-24 के दौरान किस राज्य से कितने लोगों का चयन हुआ है ? मगर मंत्रालय ने यह आंकड़ा यह कहते हुए देने से इनकार कर दिया, कि उनके पास ‘यह सूचना मांगे गए फॉर्मेट में उपलब्ध नहीं है ‘, और ‘इस जानकारी को एकत्र करना वक्त और संसाधन की बर्बादी है ‘
वायुसेना ने जवाब में लिखा, ‘ आरटीआई में मांगी गई जानकारी ‘सशस्त्र बल के सामर्थ्य से संबंधित है. यह संवेदनशील जानकारी है और इसका खुलासा भारत की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है और यह व्यापक सार्वजनिक हित में नहीं है’
वहीं, नौसेना ने जवाब दिया कि ‘सशस्त्र बलों में कर्मियों की नियुक्ति/भर्ती/जॉइनिंग से संबंधित आंकड़ा सुरक्षा कारणों को देखते हुए सार्वजनिक नहीं किया जा सकता ‘
अंबाला हेडक्वार्टर से बीते 5 सालों में चयनित अभ्यर्थियों की संख्या मांगी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला
सेना की तैयारी कराने वाले कई कोचिंग सेंटर बंद हुए
रोहतक के निवासी मिल्खा ग्रेवाल सेना भर्ती की तैयारी के लिए कोचिंग सेंटर चलाते थे। अब उन्होंने अपनी कोचिंग बंद कर दी है. वह बताते हैं कि अग्निवीर आने के 6 महीने बाद सिर्फ 15-20 अभ्यर्थी उनकी कोचिंग में रह गए थे। पहले ये संख्या 200-250 तक होती थी। इस घाटे में कोचिंग चलाना मुमकिन नहीं था।
‘यही हाल कई अन्य कोचिंग का हुआ, कुछ कोचिंग अभी भी बचे हुए हैं, जहां बहुत मुश्किल से 30-40 लड़के मिलेंगे. अब सेना की तैयारी छोड़कर सब IELTS के पीछे लग गए हैं। उनमें अब विदेश जाने की होड़ ज्यादा है,’ वह कहते हैं।
करनाल में अपना इमीग्रेशन ऑफिस चलाने वाले गौरव कुमार इसकी पुष्टि करते हैं। गौरव बताते हैं, ‘पहले गांव-देहात में युवा 10वीं, 12वीं के बाद सेना में भर्ती की तयारी करते थे, अब IELTS और PTE करते नजर आ रहे हैं ‘
बीते डेढ़ साल में 2 लाख से ऊपर पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट
विदेशों में पलायन को लेकर किसी संस्था के पास सटीक आंकड़ा नहीं है। हरियाणा पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अंबाला और आसपास के 6-7 जिलों जींद, हिसार, भिवानी,अंबाला, रोहतक, कैथल, करनाल में बीते डेढ़ साल में कम से कम 2 लाख से ऊपर पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट दिया गया होगा
पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट उन लोगों को दी जाती है, जो विदेशों में नौकरी या लंबी अवधि के वीजा के लिए अप्लाई करते हैं। मगर इससे बड़ी संख्या अवैध रूप से जाने वालों की है, जिसका कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है।
इमीग्रेशन ऑफिस चलाने वाले एजेंट्स बताते हैं कि, पासपोर्ट बनाने के लिए अंबाला में प्रतीक्षा-सूची इतनी लंबी होती है कि लोग जयपुर, चंडीगढ़ और दिल्ली तक निकल जाते हैं. ‘अंबाला और चंडीगढ़ में रोजाना पासपोर्ट के लिए 835 अपॉइंटमेंट होते हैं। किसी को बहुत जल्दी चाहिए तो वो जयपुर या दिल्ली की तरफ रुख करते हैं,’ एक एजेंट ने कहा।
डंकी रूट से विदेश जाने वालों की संख्या तेज़ी से बढ़ी
2022 में 748 भारतीय इंग्लिश चैनल पार कर के ब्रिटेन आए थे, जबकि 2023 में यह संख्या 50% तक बढ़कर 1,192 हो गई. 2022 में जहां 2,612 भारतीयों ने शरण मांगी थी, 2023 में यह संख्या 5,253 हो गई।
इसी तरह अमेरिका में भी यह संख्या तेजी से बढ़ी है । 2022 में 65 हजार भारतीय अवैध रूप से अमेरिका की सीमा में घुसे थे, 2023 में यह संख्या 1 लाख के पार चली गई. डंकी रूट से विदेश जानेवाले लगभग 60% से अधिक युवा होते हैं।
Heatwave alert : प्रदेश में गर्मी बढ़ने लगी है और लू से बच्चों को बचाने के लिए हरियाणा सरकार के द्वारा प्रदेश के सभी स्कूलों में एक एडवाइजरी जारी कर दी गई है, जिसमें अब सभी स्कूलों में पानी पीने के लिए तीन बार घंटी बजेगी।
इसके साथ-साथ विभाग के द्वारा यह भी निर्देश दिए गए हैं कि, स्कूल में कोई भी प्रोग्राम धूप (Heatwave alert ) में नहीं होगा और इसके साथ ही खिड़कियों को भी किसी कपड़े या फिर पर्दे से ढका जाएगा, ताकि बच्चों को राहत मिल सके।
एजुकेशन ऑफिसर करनैल सिंह संधावा स्कूल स्टाफ को दी हितायतें
इस एडवाइजरी के जारी होते ही आज यमुनानगर के ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर करनैल सिंह संधावा ने स्कूलों में जाकर इन निर्देशों के बारे में बताया और स्कूल के स्टाफ को भी हिदायतें दी हैं कि, सख्ती से इनका पालन करवाया जाए। इस एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि स्कूलों (Heatwave alert ) में ओआरएस के गोल भी प्रर्याप्त मात्रा में होने चाहिए।
Hukka Bar News Update : हरियाणा में अगर आपने हुक्का बार खोला या फिर किसी भी होटल, रेस्तरां में हुक्का परोसा तो इसके लिए आपको जेल की हवा खानी पड़ सकती है तो वहीं पांच लाख रुपये तक का जुर्माना भी भुगतना पड़ सकता है। प्रदेश में अब हुक्का बार खोलना या रेस्तरां में ग्राहकों को परोसना दंडनीय अपराध बनने जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का अधिनियम) हरियाणा संशोधक विधेयक 2024 पेश किया। इस संशोधित विधेयक को बजट सत्र के आगामी दिनों में पास किया जाएगा।
बजट सत्र 28 फरवरी तक चलना है। इस विधेयक के तहत हरियाणा में हुक्का बार खोलना या भोजनालय में हुक्का ( Hukka Bar News Update) परोसने पर एक से तीन साल तक की सजा और एक से पांच लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान रखा गया है। अब यह गैरजमानती अपराध होगा। हालांकि विधेयक में पारंपरिक हुक्का को छूट दी गई है। इसे अपराध की श्रेणी में शामिल नहीं किया गया है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने हुक्का बार की आड़ में परोसे जा रहे नशे को गंभीरता से लिया है।
सीएम पहले ही हुक्का बार बंद करने की बात कह चुके हैं।
कुछ समय पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी हुक्का बारों को बंद करने की बात कह चुके हैं। विधेयक में बताया गया है कि हुक्का बारों ( Hukka Bar News Update) में निकोटीन युक्त हुक्का परोसा जा रहा है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं। कई बार ऐसा भी देखा गया है कि फ्लेवर्ड हुक्का की आड़ में प्रतिबंधित दवाएं भी परोसी जाती रही हैं।
हुक्के के धुएं में विभिन्न विषैले पदार्थ होते हैं, जो न केवल धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के लिए बल्कि आस-पास के लोगों के लिए हानिकारक होता है। पिछले कुछ सालों में इसका चलन तेजी से बढ़ा है। पहले के प्रावधानों के मुताबिक पुलिस कार्रवाई में पकड़े जाने वाले हुक्का बार संचालकों को आसानी से जमानत मिल जाती थी। मगर विधानसभा में विधेयक पास होने के वाणिज्यिक प्रतिष्ठान में हुक्का परोसना गैर जमानती अपराध बन जाएगा।
Haryana News : स्कूल मुखियों को विद्यार्थियों का रुट चार्ट बनाने के दिए आदेश, एक मई से मिलेगी सुविधा
Haryana News : हरियाणा सरकार ने स्कूल जाने वाली बच्चों को तोहफा देने की योजना बनाई है। अब परिवार के लोगों को स्कूल जाने वाले बच्चों के आने जाने की दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि हरियाणा सरकार ने कक्षा पहली से बारहवीं तक स्कूलों में जाने वाले बच्चों के लिए बस सेवा देने की योजना बनाई हैं। सरकार की तरफ से इन बच्चों को स्कूल लेकर आने व जाने के लिए वाहन लगाए जाएंगे।
सरकार (Haryana News) ने फैसला लिया है कि एक किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर जाने वाले बच्चों को यह सुविधा दी जाएगी। इसके लिए सरकार की तरफ से बच्चों का डाटा मांगा है, ताकि इच्छुक बच्चों का डाटा आने के बाद उसी के अनुरूप वाहनों की व्यवस्था की जाए।
सरकार का प्रयास है कि एक मई से इस योजना को शुरू कर दिया जाएगा, लेकिन फिलहाल स्कूलों में ज्यादा बच्चे नहीं है। इसलिए सरकार की यह योजना को शुरू होने में कुछ समय लग सकता हैं। आपको बता दे कि यह सुविधा केवल सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को दी जाएगी। सरकार ने निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए सुविधा मुहैया नहीं करवाई जाएगी।
सरकार ने यह फैसला स्कूली बच्चों के बढ़ते हुए सड़क हादसों को देखते हुए लिया गया है, क्योंकि पिछले दिनों महेंद्रगढ़ (Haryana News) में हुई स्कूली बस के हादसे के बाद सरकार ने यह योजना बनाई है। सरकार की तरफ से स्कूली बच्चों को घर से मुफ्त में स्कूल ले जाने व वापस छोड़ने के लिए सभी स्कूल मुखियाओं से रूट मैप मांगा गया है। सभी स्कूलों को विद्यार्थी परिवहन सुरक्षा योजना का लाभ उठाने के इच्छुक छात्रों की सूची एमआइएस पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।
Haryana News : एक मई से प्रदेश के सभी विद्यार्थियों को मुफ्त परिवहन योजना का लाभ मिल सकेगा
शिक्षा निदेशालय द्वारा जिला शिक्षा (Haryana News) अधिकारियों को जारी पत्र के अनुसार निशुल्क परिवहन व्यवस्था का लाभ लेने वाले विद्यार्थियों के घरों की स्कूल से दूरी, वाहनों की एक मई से प्रदेश के सभी विद्यार्थियों को मुफ्त परिवहन योजना का लाभ मिल सकेगा। फसल कटाई में व्यस्तता के चलते बड़ी संख्या में छात्र चिराग योजना के तहत निजी स्कूलों में दाखिले के लिए आवेदन करने से चूक गए हैं।