Spinal Muscular Atrophy : राजस्थान के गुलाबी शहर जयपुर के जेके लोन हस्पताल में मंगलवार को 2 वर्ष के हृदयांश को 17.50 करोड़ रुपए का टीका लगाया गया। 2 वर्ष के हृदयांश एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। इस गंभीर बीमारी का नाम है स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी। इस बीमारी के इलाज के लिए 17 करोड़ रुपये के टीके की सख्त आवश्यक थी। ऐसे में हृदयांश के इलाज के लिए टीके को अमेरिका से मंगवाकर लगाया गया है।
हृदयांश राजस्थान पुलिस के सब-इंस्पेक्टर के बेटे हैं
दरअसल, हृदयांश शर्मा राजस्थान पुलिस में दे रहे अपनी सेवा सब-इंस्पेक्टर नरेश शर्मा के बेटे हैं। पुलिस सब-इंस्पेक्टर पिता ने बताया है कि, हृदयांश को आम जिंदगी जीने के लिए 17.5 करोड़ रुपये का टीका देने की सख्त आवश्यकता थी। बता दें कि, क्राउडफंडिंग के जरिए अमेरिका से मंगवाया गया 17 करोड़ 50 लाख का टीका (Spinal Muscular Atrophy) अब हृदयांश को लग चुका है।
आम व्यक्ति से लेकर बड़े सेलिब्रेडिज ने की सहायता
जब हृदयांश शर्मा 1 वर्ष 8 माह के थे, तब से पुलिस ने उसके लिए एक क्राउडफंडिंग के जरिए अभियान शुरु किया था। जबकि, इस दौरान एक समय प्रणाली निर्धारित की गई थी, क्योंकि टीका सिर्फ तब तक लगाया जा सकता है, जब तक कि बच्चा 2 साल का न हो जाए। इस अभियान को क्रिकेटर दीपक चाहर और बॉलीवुड सिंगर एवं अभिनेता सोनू सूद का समर्थन मिला, जिन्होंने सोशल मीडिया पर अपील पोस्ट की। इस तरह पुलिस के चलाए अभियान में जयपुर के फल और सब्जी विक्रेताओं एवं दुकानदारों सहित समाज में सभी प्रकार के लोगों का मुख्य रुप से योगदान मिला। इसी प्रकार अलग-अलग सरकारी संगठनों और सामाजिक संगठनों ने भी इस अभियान के लिए पैसा एकत्रित करने में हेल्प की।
अमेरिका की कंपनी ने भी दी बच्चे को राहत
राजस्थान पुलिस ने पहली बार बच्चे की जिंदगी के लिए बड़े पैमाने पर क्राउडफंडिंग की है। तीन माह से भी कम समय में 9 करोड़ रुपये ईक्कठे किए और बच्चे को जयपुर के जेके लोन अस्पताल में टीका लगाया गया। बताया जा रहा है कि, बाकि की राशि तीन किस्तों में एक वर्ष के अंतर ही डिपोजिट करनी होगी। एक भारतीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, टीका बनाने वाली अमेरिकी कंपनी ने भी बच्चे के इलाज में काफी हेल्प की है। कंपनी ने टीके की 17.5 करोड़ रुपए की राशि को चार किश्तों में जमा कराने की छूट दी गई है। यानी अभी कंपनी को 8.5 करोड़ रुपये देने तथा उसके लिए जुटाने बाकि हैं। ऐसे में बच्चे को इस टीके (Spinal Muscular Atrophy) से राहत भरी और सामान्य नई जिंदगी मिल गई है।
स्पाइनल मस्कुलर एस्ट्रॉफी बीमारी से बच्चों में क्या लक्षण होते है ?
अमेरिकी वैज्ञानिको के एक स्वास्थ्य संबंधित शोध के मुताबिक, स्पाइनल मस्कुलर एस्ट्रॉफी (Spinal Muscular Atrophy) बीमारी से पीड़ित छोटा बच्चा या फिर कोई मरीज की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। शरीर के अंगों की गति और यहां तक कि सांस लेने में दिक्कते आती है। इस तरह आम बच्चों में बीमारी के लक्षण दिखने को मिल सकते हैं।