2024

Farmer Protest ; हरियाणा में इस दिन से रेलवे ट्रैक रोकेंगे किसान, हर गांव में लगाएंगे शहीद शुभकरण का पोस्टर, बैठक कर लिए ये बड़ा फैसला

Farmer Protest : हरियाणा में किसानों ने रेलवे ट्रैक रोकने की चेतावनी सरकार को दे डाली है। बता दें कि किसान आंदोलन के दौरान कई किसानों की गिरफ्तारियां हुई थी। जिसके विरोध में बुधवार को अंबाला में BKU शहीद भगत सिंह ने गुरुद्वारा मर्दों साहिब में बैठक की।

बैठक में फैसला लिया गया कि हर गांव में शुभकरण का पोस्टर लगाया जाएगा और भाजपा नेताओं का शांतिपूर्ण विरोध किया जाएगा। इसके साथ 7 अप्रैल को रोष मार्च निकाला जाएगा और सरकार पर गिरफ्तार किसानों को छोड़ने का दबाव बनाया जाएगा। किसानों का कहना है कि अगर उनकी बात नहीं मानी गई, तो 9 अप्रैल को शंभू बॉर्डर के पास अनिश्चितकाल के लिए रेल मार्ग ठप करेंगे।

बता दें कि 13 फरवरी से जारी किसान आंदोलन में हिस्सा लेने वाले किसानों को नोटिस देने के साथ अब पुलिस गिरफ्तारियां भी कर रही है। अंबाला में वॉटर कैनन बॉय नवदीप और गुरकीरत की गिरफ्तारी हुई है। जिसके विरोध में भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह से जुड़े किसान अंबाला के मर्दों साहिब गुरुद्वारा में इकट्ठा हुए और फैंसले लिये कि हर गांव में शुभकरण का पोस्टर लगाया जाएगा और भाजपा नेताओं का शांतिपूर्ण विरोध किया जाएगा।

 

7 अप्रैल को निकाला जाएगा रोष मार्च
उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं से सवाल पूछा जाएगा कि शुभकरण का क्या कसूर था। इसके साथ 7 अप्रैल को रोष मार्च निकाला जाएगा और सरकार पर गिरफ्तार किसानो को छोड़ने का दबाव बनाया जाएगा। सरकार द्वारा बात नही मानी जाएगी तो 9 अप्रैल को शम्भू बार्डर के पास अनिश्चित काल के लिए रेल मार्ग ठप कर दिया जायेगा।

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Boxer Bijender singh join BJP ; सियासी उलटफेर : कल तक कांग्रेसी रहे बाक्सर बिजेंद्र सिंह ने पहना भाजपा का पटका, लोकसभा चुनावों में तगड़ा झटका

Boxer Bijender singh join BJP : लोकसभा चुनावों में हर रोज नए सियासी रंग देखने को मिल रहा है। हर रोज नए-नए उलटफेर सामने आ रहे है। कांग्रेस की सीट पर चुनाव लड़ चुके बाक्सर बिजेंद्र सिंह ने भाजपा को ज्वाइन किया है। बाक्सर विजेंदर सिंह कांग्रेस छोड़ बीजेपी पार्टी में शामिल हो गए हैं। भाजपा महासचिव विनोद तावड़े, दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता और दक्षिण दिल्ली से पार्टी के उम्मीदवार रामवीर सिंह बिधूड़ी की मौजूदगी में विजेंदर सिंह ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।

पिछले कुछ दिनों से ऐसी चर्चा थी कि कांग्रेस उन्हें मथुरा से अभिनेत्री और मौजूदा सांसद हेमा मालिनी के खिलाफ मैदान में उतार सकती है। सिंह जाट समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, जिसका हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में बड़ी संख्या में सीटों पर राजनीतिक प्रभाव है। सिंह ने 2019 का लोकसभा चुनाव दक्षिणी दिल्ली सीट से कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने 2008 बीजिंग ओलिंपिक में मुक्केबाजी में कांस्य पदक जीता था। उन्होंने कई अन्य अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में भी देश के लिए पदक जीते हैं।

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Haryana weather update ; हरियाणा में 3 दिन बूंदाबांदी के आसार, इस तारीख से बढ़ेगी गर्मी, जानें आगे का मौसम अपडेट

Haryana weather update ; हरियाणा में 3 दिन बूंदाबांदी के आसार, इस तारीख से बढ़ेगी गर्मी, जानें आगे का मौसम अपडेट

 

Haryana weather update : हरियाणा में बुधवार से मौसम का मिजाज बदल जाएगा। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से मौसम आमतौर पर 5 अप्रैल तक परिवर्तनशील रहने और बीच-बीच में हल्के बादल भी छाए रह सकते हैं। 3 अप्रैल रात्रि को हवाएं के साथ पश्चिमी हरियाणा के कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी की संभावना है।

4 व 5 अप्रैल को हल्के बादल छाएंगे, जिससे दिन के तापमान में हल्की गिरावट रहने और रात के तापमान में हल्की बढ़ोतरी होने की संभावना है, लेकिन 6 अप्रैल से राज्य में मौसम आमतौर पर खुश्क होगा। इससे दिन के तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है।

मंगलवार को दिन के तापमान में 1.6 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है। नारनौल में पारा 36.0 डिग्री तक पहुंच गया। करनाल में रात का पारा 11.6 डिग्री दर्ज किया गया। यह सामान्य से 4.4 डिग्री कम है।

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Ranjeet chautala ; बिजली मंत्री रणजीत चौटाला का विधायक पद से इस्तीफा मंजूर नहीं, जांच होगी, स्पीकर ने दिया ये बयान

Ranjeet Chautala : भाजपा में शामिल हुए रानियां से निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह का इस्तीफा अभी मंजूर नहीं हुआ है। विधानसभा की ओर से अभी पहुंचे इस्तीफे का सत्यापन किया जाएगा कि क्या उन्होंने ही इस्तीफा भेजा है। इसलिए एक बार उन्हें विधानसभा बुलाया जाएगा। रणजीत सिंह 24 मार्च को भाजपा में शामिल हुए थे। उसी दिन उन्हें भाजपा ने हिसार से लोकसभा की टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया था। इसके बाद उन्होंने अपना प्रचार भी शुरू कर दिया है। हालांकि, वे अभी भी मंत्री पद पर बने हुए हैं।

इस मामले में विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता का कहना है कि रणजीत सिंह का इस्तीफा भाजपा ज्वॉइन करने से पहले आ गया था। इस्तीफा उन्होंने खुद आकर नहीं दिया। इसलिए यह सत्यापित किया जाएगा कि इस्तीफा उन्होंने ही भेजा है या नहीं। इसलिए एक बार उन्हें बुलाकर इस्तीफा सत्यापित कराया जाएगा। उसके बार आगे की प्रक्रिया शुरू करेंगे।

ये कहते हैं एक्सपर्ट
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार का कहना है कि रणजीत सिंह 24 मार्च को भाजपा में शामिल हुए। दल बदल विरोधी प्रावधान के अनुसार यदि विधायक किसी पार्टी में शामिल होता है तो उसकी विधानसभा की सदस्यता खत्म हो जाती है। एडवोकेट का कहना है कि वे मंत्री पद पर बने हुए हैं। रणजीत सिंह चौटाला के मामले में उनकी अधिकतम 6 महीने तक मंत्री बने रहने की उपरोक्त अवधि उनके विधायक पद से दिए गए त्यागपत्र के स्वीकार होने की तारीख से ही शुरू होगी।

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हरियाणा के 530 युवा इजराइल के लिए रवाना, सीएम सैनी ने फोन पर की बात; सरकार दोबारा निकालेगी वैकेंसी

Israel naukri : हरियाणा सरकार के सहयोग से आज 530 युवाओं के पहले जत्थे ने इजराइल के लिए उड़ान भरा। इजराइल रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री नायब सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने युवाओं से संवाद स्थापित किया। सीएम सैनी युवाओं को फोन पर सफर की शुभकामनाएं दी। वहीं पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्‌टर ने भी इजराइल जाने वाले युवाओं से संवाद किया। इस दौरान युवाओं ने हरियाणा सरकार और पूर्व मुख्यमंत्री का आभार जाताया। मनोहर लाल ने कहा कि इजराइल जाने वाले देश व प्रदेश का इजराइन में नाम रोशन करेंगे।

 

बता दें कि बीते कुछ माह पहले कई देशों ने भारत के पास अलग अलग कामों के लिए प्रोफेशनल्स की डिमांड भेजी थी। जिसके बाद हरियाणा सरकार ने HKRN में ट्रेंड युवाओं को इजराइल भेजने का फैसला लिया। हालांकि इसमें अन्य लोगों के लिए भी वैकेंसी ओपेन थी जिन्होंने एचकेआरएन में ट्रेनिंग नहीं ली थी। विदेश जा रहे इन युवाओं को 1.37 लाख भारतीय रुपये प्रति माह वेतन दिया जाएगा। इसके अलावा कई अन्य जरूरी सुविधाएं भी मुहैया करवाई जाएंगी।

 

पहले दौर की सफलता के बाद हरियाणा सरकार सेकेंड फेज की वैंकेसी निकालने की तैयारी में है। हालांकि वैकेंसी कब निकलेगी इसकी कोई जानकारी अभी नहीं दी गई है, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि लोकसभा चुनाव बीतने के कुछ दिन बाद तुरंत प्रक्रिया पूरी कर दूसरे दौर की वैकेंसी निकाली जा सकती है। जनवरी में 7 देशों में 13294 पदों के लिए भारत के युवाओं की डिमांड आई थी। इसके लिए पद, योग्यता और सैलरी सार्वजनिक कर दी गई थी।

 

इसी तरह इजराइल में 10000 कंस्ट्रक्शन वर्कर्स की डिमांड आई है। फ्रेमवर्क, शटरिंग, कारपेंटर, प्लास्टरिंग, सेरामिक टाइल, यरन बेडिंग करने वालों की जरूरत है। इसके लिए वेतन 1,37,000 प्रति महीना होगा। दसवीं पास, तीन साल का अनुभव, उम्र 25 से 45 साल होनी चाहिए। ओवरटाइम भी मिलेगा। चिकित्सा बीमा, खाने और आवास के साथ 1.37 लाख रुपए का मासिक वेतन होगा। इन उम्मीदवारों को हर महीने 16,515 रुपए बोनस भी दिया जाएगा।

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Satpal Pegan kabaddi ; हरियाणा के सभी गांवों का इतिहास जुबानी याद है सतपाल पेगां को, 15 वर्षों से कबड्डी में कर रहे कमेंट्री

कबड्डी के इतिहास से लेकर बड़े खिलाड़ियों की पृष्ठभूमि की पूरी जानकारी
Satpal pega kabaddi : प्रदेश में कहीं भी सर्कल कबड्डी का जिक्र हो और और सतपाल पेगां का नाम न आए, ऐसा हो ही नहीं सकता। जी हां पेशे से अध्यापक पेगां गांव निवासी सतपाल को हरियाणा के सभी गांवों का इतिहास जुबानी याद है। पिछले 15 वर्षों से सतपाल पेगां सर्कल कबड्डी की राष्ट्रीय और राज्य प्रतियोगिताओं में कमेंट्री करते आ रहे हैं, इसके चलते उन्हें कबड्डी के बड़े खिलाड़ियों और उनकी पृष्ठभूमि की भी पूरी जानकारी है। सतबीर सिंह टांग से दिव्यांग हैं लेकिन अपनी दिव्यांगता को कभी भी आड़े नहीं आने दिया। सतपाल पेगां सर्कल कबड्डी में लाइव कमेंट्री करते हैं।

 

जहां भी बड़ी कबड्डी प्रतियोगिता होती है, वहां कमेंट्री के लिए सतपाल पेगां को बुलाया जाता है। सतपाल पेगां की कमेंट्री बड़ी दिलचस्प होती है, क्योंकि कमेंट्री के दौरान वह हंसी-ठहाके की बात तो सुनाते ही हैं, साथ ही जिस गांव में टूर्नामेंट होती है, उस गांव की विशेषता, उसका इतिहास, वहां के स्वतंत्रता सेनानी, वहां के खिलाड़ी और दूसरी तमाम दिलचस्प चीजों को दर्शकों के सामने रखते हैं। साथ ही बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, नशा मुक्त प्रदेश, पौधारोपण, खाने का व्यर्थ नहीं छोड़ने, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड को रास्ता देने बारे भी नारे देकर लोगों को जागरूक करते हैं।

खिलाड़ी से लेकर उसके परिवार तक की जानकारी उंगलियों पर हरियाणा और पंजाब में कबड्डी का कोई रेडर हो या कैचर, जो कई प्रतियोगिताएं खेल चुका हो, उस खिलाड़ी के नाम से लेकर उसकी पारिवारिक पृष्ठभूमि, माता-पिता और कोच के नाम सतपाल पेगां को याद रहते हैं।

 

यही नहीं, उस खिलाड़ी ने कब बढ़िया रेड या कैच लगाई थी, कब बड़ा ईनाम जीता था, कब बुलेट या गाड़ी जीती थी, यह सब सतपाल पेगां को याद रहता है, जिसका जिक्र कर के वह कमेंट्री में करके दर्शकों की दिलचस्पी और खिलाड़ी के उत्साह को और बढ़ा देते हैं।

 

दिव्यांगता को नहीं बनने दिया बाधा
सतपाल पेगां को बचपन से ही कुश्ती का शौक था। पेगां गांव के जाने-माने पहलवान रिछपाल शर्मा से उन्हें खेलने की प्रेरणा मिली और टांग से दिव्यांग होने के बावजूद उसने कबड्डी खेलना शुरू कर दिया। पहले गांव में छोटी कबड्डी, उसके बाद ब्लाक स्तर और फिर जिला स्तर पर सतपाल ने कबड्डी खेली। 1998 में सतपाल पेगां को स्कूल में डीपीई की नौकरी मिल गई। 2006 में वह खोखरी गांव आ गए, जहां से ग्रामीणों का खूब सहयोग मिला। उसके बाद उन्हाेंने कमेंट्री शुरू कर दी। गांवों के इतिहास के बारे में पढ़ा, पुस्तकें पढ़ी और खेल की जानकारी हासिल की। सतपाल पेगां ने अपने गांव के खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के लिए खुद के खेत को खाली छोड़ दिया और वहां बच्चों को कबड्डी और कुश्ती के गुर सिखाए।

 

सतपाल पेगां बताते हैं कि शुरूआत में जहां भी कबड्डी का मैच होता था, वहां के बुजुर्ग, सरपंच या दूसरे लोगों से गांव के इतिहास और दूसरी जानकारी जुटा लेते थे। उसके बाद कमेंट्री के दौरान खिलाड़ियों, स्वतंत्रता सेनानियों और इतिहस के बारे में लोगों को जानकारी देने का काम करते थे। धीरे-धीरे तजुर्बा बढ़ता गया और अब उन्हें लगभग सभी गांवाें के इतिहास और बड़े कबड्डी खिलाड़ियों के बारे में पता है। प्रदेश भर के एक हजार से ज्यादा सरपंच उन्हें सम्मानित कर चुके हैं। कहीं पर भी जनसभा हो, धार्मिक कार्यक्रम हो तो मंच संचालन के लिए उन्हें बुलाया जाता है। फिलहाल वह किशनपुरा के सरकारी स्कूल में हेडमास्टर हैं।

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CNG-Car ; गर्मियों में CNG कार का कैसे रखें ध्यान, लापरवाही की तो हो सकता है ब्लास्ट

CNG car : अगर आप भी सीएनजी कार चलाते हैं या फिर सीएनजी कार खरीदने की सोच रहे हैं तो तो यह खबर आपके काम की है। सीएनजी कार की कुछ जरूरी बातें सभी को पता होनी चाहिएं।

हम आपको बताएंगे कि CNG कार का कैसे ध्यान रखना पड़ता है। लापरवाही करने पर सीएनजी कार आग का गोला भी बन सकती है और आपकी जान जोखिम में पड़ सकती है।

आगर आपके पास सीएनजी (CNG) कार है तो सबसे पहले इसकी लीकेज चेक करते रहना चाहिए। हर तीन साल में सीएनजी सिलेंडर की हाइड्रो टेस्टिंग होती है। इस टेस्टिंग से पता चलता है कि सिलेंडर में कोई दिक्कत तो नहीं है।

बताते चलें की सीएनजी कार इन दिनों ग्राहकों के बीच काफी पापुलर मानी जा रही है। आप भी हर रोज चेक करते रहें कि सीएनली सिलेंडर कहीं लीक तो नहीं हो रहा है।

सीएनजी (CNG Car)  कार में गर्मियों में टैंक फुल करवाने से बचें। जब भी गैस भरवाएं तो सीएनली फुल न करवाएं।

सिलिंडर की मैक्सिमम लिमिट तक न जाएं। सिलेंडर 10 किलोग्राम का है तो आठ किलो तक सीएनजी भरवाएं।

 

सीएनजी सिलेंडर की एक्सपायरी डेट को चेक करें। आमतौर पर सीएनजी सिलेंडर की 15 साल की एक्सपायरी डेट होती है, जो गाड़ी की उम्र के साथ खत्म हो जाती है।

 

कार को धूप से बचाएं।
पेट्रोल और डीजल की गाड़ी की तरह सीएनजी (CNG Car)  कार काे भी धूप से बचाएं। कहीं भी गाड़ी पार्क करते समय  ऐसी जगह कार न खड़ी करें, जहां धूप ज्यादा हो।

 

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Haryana news: Big news for drivers in Haryana, challan of Rs 10 thousand will be issued for these vehicles from today

Haryana news ; हरियाणा में वाहन चालकों के लिए बड़ी खबर, आज से इन गाड़ियों का कटेगा 10 हजार रुपये का चालान

बचाव के लिए ये है उपाय

Haryana news : हरियाणा में एक अप्रैल से लागू किए गए नियम के अनुसार उन वाहन चालकों को सवाधान रहने की जरूरत है, जो अपनी गाड़ियों पर ब्लैक फिल्म यानि काले शीशे लगाकर चलते हें। वाहनो पर काले चश्मे (Black film challan) का उपयोग करने वाले लोगों के खिलाफ एक से सात अप्रैल तक हरियाणा पुलिस द्वारा स्पेशल अभियान चलाया जाएगा और उनका 10 हजार रुपये का चालान किया जाएगा।

 

इसकी जिम्मेदारी डी.जी.पी. कार्यालय (Haryaan news) से जिलों में तैनात डी. एस. पी. और ए. सी. पी. को दी गई है, एसपी को मामले की जांच करने का भी निर्देश दिया गया हैं। वहीं पुलिस महानिदेशक शत्रुघ्न कपूर ने कहा कि हरियाणा पुलिस ऐसे चालकों पर कार्रवाई करने जा रही है, जो वाहनों के चश्मे पर काली फिल्म (Black film on car) लगाकर इधर-उधर घूम रहे हैं, उन्होंने कहा कि वाहनों के शीशे पर काली फिल्म लगाना यातायात नियमों के खिलाफ हैं, हरियाणा पुलिस ऐसे ही चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।

डीजीपी कपूर ने आम जनता से यातायात नियमों का सख्ती से पालन करने और उनकी अनदेखी नहीं करने की अपील की, यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से दंडित किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने लोगों से ये भी अपील की हैं कि अगर कोई नागरिक बुलेट पर पटाखे (Bullet bike shhot challan) फोड़ता या वाहनों पर काली फिल्म डालता पकड़ा गया, तो इसकी सूचना हरियाणा-112 को दी जानी चाहिए ताकि उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जा सके।

दरअसल निर्भया पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और अन्य राज्यों में काले चश्मे पहनने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया हैं, तब से, आवधिक ड्राइव किए गए है, जिसके कारण रंगीन कांच वाली कारों को रोक दिया जाता हैं और उनके चालान काटने के साथ-साथ चश्मे पर लगी फिल्म को भी हटा दिया जाता हैं। वहीं ये सुनिश्चित करने के लिए कि लोग भविष्य में ऐसा न करें, इसके लिए पुलिस द्वारा चालकों के खिलाफ भारी जुर्माना भी लगाया जाता हैं।

 

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The passport of this country is the most powerful, see how the strength of the passport is decided

Most Powerful Passport Of 2024 : इस देश का पासपोर्ट सबसे पावरफुल, देखें कैसे तय की जाती है पासपोर्ट की ताकत

Most Powerful Passport Of 2024 : दुनिया में सबसे ताकतवर पासपोर्ट की सूची हाल ही में जारी हुई है। इस सूची में फ्रांस का नाम टॉप पर है। फ्रांस के अलावा जर्मनी, इटली, जापान, सिंगापुर और स्पेन ने भी शीर्ष में स्‍थान बनाया है। लेकिन भारत के प्रदर्शन ने भारतीयों को निराश किया है।

 

इस लिस्‍ट में भारतीय पासपोर्ट एक नंबर और फिसल गया है। भारतीय पासपोर्ट अब 84वें नंबर से खिसककर से 85वें नंबर पर आ गया है। बता दें कि हेनली पासपोर्ट इंडेक्स (Henley Passport Index 2024) समय-समय पर इस लिस्‍ट को जारी करता है। इसका पिछला संस्‍करण जनवरी में आया था।

 

दुनिया के किसी भी देश के पासपोर्ट की ताकत इस आधार पर आंकी जाती है कि उस देश के पासपोर्ट का इस्‍तेमाल कर कितने देशों में वीजा फ्री एंट्री मिल सकती है। हेनली पासपोर्ट इंडेक्स 2006 से लगातार सबसे ताकतवर पासपोर्ट की रैंकिंग जारी करता आ रहा है। जो इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (International Air Transport Authority – IATA) के डेटा पर आधारित होती है।

 

हेनली पासपोर्ट इंडेक्स की वेबसाइट पर लिखा है कि उनके पास विभिन्न देशों के पासपोर्ट का पिछले 19 साल का डेटा है। वेबसाइट के मुताबिक ‘हेनले पासपोर्ट इंडेक्स IATA के विशेष डेटा पर आधारित अपनी तरह का एकमात्र Index है। इस सूचकांक में 199 अलग-अलग पासपोर्ट और 227 अलग-अलग ट्रैवल डेस्टिनेशन शामिल हैं। ये इंडेक्‍स मासिक रूप से अपडेट होता है।

 

हेनली पासपोर्ट इंडेक्‍स की लिस्‍ट में फ्रांस के साथ-साथ जर्मनी, इटली, जापान, सिंगापुर और स्पेन भी टॉप पर हैं। इन देशों के पासपोर्ट धारक बिना वीजा के 194 देश घूम सकते हैं। दूसरे नंबर पर 193 वीजा फ्री डेस्टिनेशन के साथ दूसरे स्थान पर फिनलैंड, नीदरलैंड, स्वीडन और दक्षिण कोरिया हैं। 192 वीजा फ्री डेस्टिनेशन के साथ तीसरे नंबर पर ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, आयरलैंड, ब्रिटेन और लक्‍जमबर्ग हैं।

 

इस लिस्‍ट में पिछली बार की अपेक्षा अमेरिका और चीन ने भी बेहतर प्रदर्शन किया है । अमेरिका का पासपोर्ट भी पिछले साल के मुकाबले इस साल मजबूत हुआ है। पिछले साल अमेरिका 7वें स्थान पर था लेकिन इस साल यह 6वें स्थान पर आ गया है। वहीं चीन का पासपोर्ट साल 2023 में 66वें स्थान पर था, लेकिन इस साल यह दो अंक उछाल के साथ 64वें स्थान पर आ गया है।

 

भारत के पासपोर्ट से कितने देशों की वीजा फ्री यात्रा?

85वीं रैंक के साथ भारत के पासपोर्ट से 62 देशों में वीजा फ्री एंट्री मिल सकती है। वहीं इस लिस्‍ट में सबसे निचले पायदान पर इराक, सीरिया और अफगानिस्‍तान हैं। पाकिस्‍तान को लिस्‍ट में इस बार भी 106वां स्थान मिला है। वहीं मालदीव का पासपोर्ट 58वें स्थान पर है और मालदीव के पासपोर्टधारी 96 देशों में वीजा फ्री यात्रा कर सकते हैं।

 

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Loksabha election: Colors of politics: Once there was a figure of 36 among themselves, now Devi Lal, Bhajan Lal and Jindal will seek votes for the same BJP

Loksabha election : राजनीति के रंग : कभी आपस में था 36 का आंकड़ा, अब देवीलाल, भजनलाल और जिंदल की पढ़ी उसी भाजपा के लिए मांगेगी वोट

देखें क्या कहते हैं हरियाणा की राजनीति के समीकरण

Loksabha election : कहते हैं समय बलवान है और किसी को इतनी बड़ी बात भी नहीं करनी चाहिए कि उसे वापस लेनी पड़ी। हरियाणा की राजनीति की ही बात कर लो। कभी जिन पार्टियों का आपस में 36 का आंकड़ा था और दोनों के बीच हमेशा राजनीतिक प्रहार चलते रहते थे, आज उन्हीं के लिए वोट मांगने पड़ रहे हैं। इसका उदाहरण देख भी सकती हैं। चौधरी देवीलाल, भजनलाल और जिंदल परिवार की पीढ़ी इस बार भाजपा के लिए वोट मांगती नजर आएगी, जबकि इनका कभी भाजपा के साथ 36 का आंकड़ा था।

भाजपा के रणनीतिकारों ने प्रदेश में सभी दस की दस लोकसभा (Loksabha election) सीटें जीतने के पिछले सुखद अतीत को दोहराने के लिए आपस में धुर विरोधी कहलाने वाले इन परिवारों को एक-दूसरे के लिए मतदाताओं के बीच जाने की अनूठी युक्ति निकाली है। इसका सबसे बड़ा दृश्य हिसार लोकसभा सीट पर दिखाई भी देने लगा है। चौधरी देवीलाल के पुत्र और हिसार से भाजपा प्रत्याशी रणजीत सिंह चौटाला के लिए उस जिंदल परिवार के वारिस मतदाताओं से अपील करेंगे, जिन्हें कुरुक्षेत्र के चुनावी मैदान में अक्सर देवीलाल के ही परिवार से ही चुनौती मिलती रही।

यही नहीं, प्रदेश की राजनीति में परस्पर कट्टर विरोधी देवीलाल और भजनलाल के पुत्र भी इस बार साथ चलेंगे। मन से अथवा बेमन, भजनलाल के पुत्र कुलदीप बिश्नोई देवीलाल के पुत्र रणजीत सिंह चौटाला के लिए वोट की अपील करेंगे। इस संयोग पर राजनीति के विशेषज्ञ भी हैरान हैं।

 

26 साल पहले ओपी जिंदल और रणजीत चौटाला थे आमने-सामने
विशेषज्ञों की हैरानी यूं ही नहीं है। यह लोकसभा चुनावी वाकया 26 साल पहले का है जब जिंदल हाउस के आदर्श और प्रसिद्ध उद्योगपति ओमप्रकाश जिंदल और रणजीत सिंह हिसार सीट पर आमने-सामने थे। हालांकि ओपी जिंदल बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी से प्रत्याशी थे जबकि रणजीत सिंह कांग्रेस से। दोनों ही हार गए थे। इस चुनाव में हरियाणा लोकदल के प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह बरवाला की जीत हुई थी। ओपी जिंदल दूसरे स्थान पर और रणजीत सिंह चौथे स्थान पर रहे थे।

 

जिंदल परिवार को देवीलाल परिवार से मिलती रही चुनौती
वर्ष 1998 का इकलौता लोकसभा चुनाव (Loksabha election) नहीं था जब ओपी जिंदल अथवा उनके वारिस को देवीलाल परिवार से चुलौती मिली। देवीलाल के पुत्र ओमप्रकाश चौटाला की अगुवाई वाली इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और जिंदल परिवार के बीच कुरुक्षेत्र के चुनावी संग्राम में खूब घमासान हुआ। कभी कैलाशो देवी, कभी अभय सिंह चौटाला तो कभी अशोक अरोड़ा उनके सामने रोड़ा अटकाते रहे। हालांकि, एक बार ओपी जिंदल और दो बार उनके पुत्र नवीन जिंदल ने कुरुक्षेत्र का मैदान मारा है।

 

भजनलाल से स्पर्धा में हुड्डा के साथ थे जिंदल
नब्बे के दशक का दौर कांग्रेस में कलह की शुरुआत का था। बंसीलाल ने अलग बंसी बजाई तो भजनलाल और भूपेंद्र हुड्डा के बीच प्रतिद्वंद्विता परवान चढ़ रही थी। राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं, इन दोनों के बीच कुर्सी की होड़ के दिनों में ओमप्रकाश जिंदल हुड्डा के साथ थे। सैद्धांतिक रूप से जिंदल और भजनलाल परिवार के बीच कभी नहीं बनी। ओपी जिंदल के परिवार ने पिछले लोकसभा चुनाव तक भूपेंद्र हुड्डा का साथ दिया।

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