HBSE Smart Phone : हरियाणा में सरकारी स्कूलों में आई अधिगम के तहत दसवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को स्मार्टफोन (HBSE Smart Phone) उपलब्ध कराए जाएंगे पिछले शासन में जो विद्यार्थी इन कक्षाओं में थे। उनसे टैबलेट एकत्रित कर लिए गए हैं।
अब की अधिगम के तहत दसवीं से 12वीं कक्षा को दिए गए टैबलेट (HBSE Smart Phone) सफल में वापस जमा करवा लिए गए हैं, अब विभाग ने सभी टैबलेट को रिसेट करने के आदेश दे दिए हैं।
छात्रों को कब दिए जाएंगे टैबलेट ?
टैबलेट रिसेट होने के बाद 3 मई को सभी छात्रों को वापस टैबलेट (HBSE Smart Phone) दे दिए जाएंगे और 3 मई से पहले सभी टैबलेट को अपडेट करवाना आवश्यक है। वहीं छात्रों को बोला हैं सॉफ्टवेयर का लगातार इस्तेमाल के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए हैं विद्यालय शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को टैबलेट एवं सिम मांग के बारे में निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
जिले में कितने छात्रों को मिलेगा टैबलेट ?
जारी SOP के मुताबिक नई शैक्षणिक सत्र 2024 – 25 के कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों को टैबलेट (HBSE Smart Phone) दिया जानना है। ऐसे में अपने अधिकार क्षेत्र के तहत सभी राजकीय सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय को निर्देश जारी करने को कहा गया है।
शिक्षा अधिकारियों के मुताबिक जिले में दसवीं से 12वीं के लगभग 16000 विद्यार्थियों को टैबलेट बनते जा चुके हैं। पानीपत की अधिगम नोडल अधिकारी डॉक्टर देवेंद्र दत्त ने कहा कि, विभाग ने टैबलेट बांटने के लिए आदेश जारी कर दिया है। अप्रैल के अंत तक सभी टैबलेट को रिसेट कर दिया जाएगा और 3 मई तक बच्चों को दे दिया जाएगा।
Haryana Agni-veer Riport : जब से केंद्र सरकार ने भारतीय सेना में अग्निपथ योजना लागू कि है, तब से हरियाणा में किशोर एंव युवाओं का सेना के प्रति जोश घट गया है और किसी कारणों से वीजा न मिलने पर डंकी मारकर विदेश पहुँचते हैं। इसी प्रकार हरियाणा के कुछ मशहुर फौजी गांवों से किशोर और युवाओं के पलायन पर एक मीडिया रिपोर्ट ( द वायर ) द्वारा कुछ जमीनी कहानियां तैयार की है। इसी गधांश के माध्यम से इन्ही जमीनी कहानियों में युवाओं की समस्याओं को जानने का प्रयास करेंगे।
पश्चिमी हरियाणा के हिसार ज़िले के बास गांव के निवासी यशपाल मौर्य भावुक हो जाते हैं। उन्होंने अपने बेटे ललित मौर्य को सिर्फ़ 18 साल की उम्र में इस फरवरी विदेश भेज दिया। ललित सेना में जाना चाहते थे, उम्र भी बची थी, लेकिन उनका जुनून खत्म हो चुका था।
यह देश भर के कई गांवों की कहानी है, जिन्हें फौजियों का गांव कहा जाता रहा है। पिछले कई दशकों से यहां के लड़कों के लिए सेना एक जुनून, एक सपना, एक बड़ा करिअर रहा है। इन गांवों से हज़ारों युवकों ने सेना में भर्ती होकर देश की सेवा की है। इन इलाकों की अर्थव्यवस्था और सामाजिक सरंचना को सेना के जीवन ने दिशा दी है, लेकिन अग्निपथ योजना के बाद स्थिति झटके से बदल गई है।
लगभग हर घर से कोई न कोई सेना में, मगर लड़के छोड़ चुके तैयारी
हरियाणा से युवाओं का विदेशों में पलायन कोई नई बात नहीं है। मगर हरियाणा के जींद, हिसार और भिवानी ज़िले के कई गांवों के निवासियों को विदेश ने नहीं लुभाया। आजाद हिंद फौज के समय से यहां के युवा सेना में जाते रहे हैं। बड़ौदा, भोंगरा, करसिंधु और बास जैसे गांवों के प्रवेश-द्वार शहीद सैनिकों के स्मारक दिखाई देते हैं जो भीतर कदम रखने से पहले ही इलाके की कथा सुना देते हैं। दो साल पहले तक इन गांवोंके लड़के दसवीं पास करने के बाद सेना जाना चाहते थे। मगर अग्निपथ योजना आने के बाद यह रिवायत बदलने लगी है।
इन गांवों के सरपंचों के अनुसार बीते दो सालों में एक हजार से भी ज्यादा युवा विदेश चले गए हैं, जिनमें से अधिकांश सेना की तैयारी करते थे। इनके अलावा कई युवा पासपोर्ट बनवाकर वीजा का इंतजार कर रहे हैं या डंकी रूट की तलाश में हैं, यानी देश की सीमाओं को अवैध तरीके से पार करना चाहते हैं। कई सालों से पंजाब और हरियाणा से लोग बड़ी संख्या में जंगल, पहाड़ और नदियों के रास्ते अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में अवैध तरीके से पहुंचते रहे हैं।
जींद के भोंगरा गांव के चौक पर दस लोगों के साथ ताश खेल रहे 62 वर्षीय रणवीर सिंह ने गर्व से बताया कि ‘यहां सब फौज में जाते हैं। मैं खुद जाट रेजिमेंट में रहा हूं.‘ उन्होंने चार अन्य लोगों की तरफ इशारा करते हुए बताया कि वे भी सेना में रहे हैं।
अब क्या स्थिति है ?
यह सुनते ही महफिल में निराशा छा जाती है।
रणवीर सिंह बताते हैं कि, दो साल पहले तक यहां दोपहर में भी बच्चे मैदानों और सड़कों पर दौड़ते दिखते थे, अब सुबह-शाम भी कोई नहीं मिलेगा। अब लड़के पासपोर्ट बनवाकर विदेश निकल रहे हैं।
हर दिन वेरिफ़िकेशन के लिए 2-3 पासपोर्ट, बीते दो साल में एक बड़ी खेप जा चुकी है
जींद के बड़ौदा गांव की आबादी 20 हजार से ऊपर है. 50 वर्षीय सरपंच रेशम सिंह बताते हैं कि आजाद हिंद फौज से लेकर अभी तक इस गांव के लगभग एक हजार से भी ज़्यादा निवासी सेना में रह चुके हैं। सेना के प्रति प्रेम के चलते अग्निवीर आने के बाद भी बच्चों ने पैरा-मिलिट्री या हरियाणा पुलिस का विकल्प नहीं चुना।
वह बताते हैं कि उनके पास ‘ रोजाना एक-दो पासपोर्ट वेरिफ़िकेशन के लिए आते हैं। बीते दो सालों में इस गांव से लगभग 500 लड़के विदेश निकल चुके हैं। इनमें बड़ी संख्या सेना भर्तीकी तैयारी करने वाले युवाओं की थी ‘
रेशम सिंह के अनुसार अधिक संख्या डंकी रूट से जाने वालों की होती है। बेरोजगारी को इसका कारण बताते हुए वे कहते हैं कि ‘अगर नहीं जाएंगे तो यहीं भूखे मरेंगे ‘
बास गांव के बादशाहपुर पंचायत की सरपंच ज्योति मौर्य बताती हैं, ‘ सेना में किसान मजदूर परिवार के बच्चे जाते हैं. दसवीं के बाद यह एक अच्छी नौकरी थी। अब ये क्या करेंगे? सिर्फ मेरी पंचायत से अब तक 30 बच्चे विदेश निकल चुके होंगे ‘
लगभग 35 हज़ार से ऊपर की आबादी वाले बास गांव में लगभग 3 हज़ार लोग सेना में अपनी सेवाएं दे चुके या दे रहे हैं. इस गांव से बड़े अधिकारी भी सेना में रहे हैं। मगर अब यहां स्थिति बदल गई है।
तलवार सिंह के दोनों बेटे सेना की तैयारी करते थे। अग्निवीर का भी फॉर्म डाला था लेकिन तलवार सिंह ने खुद मना कर दिया। फिर दोनों अमेरिका चले गए. आज उनका बड़ा बेटा वहां ट्रक ड्राइवर है और छोटा दिहाड़ी मजदूरी करता है। जब उनसे पूछा कि इतनी जल्दी कैसे वीजा मिल गया, वह मुस्कुराकर बोले, ‘ पता लगा लो कैसे गया होगा ! ‘
स्पष्ट है कि जो लड़के कभी सेना में जाना चाहते थे, आज डंकी रूट से विदेश जा रहे हैं।
हालांकि, द वायर से बात करते हुए जींद के डिप्टी कमिश्नर ने इसे सिरे से नकार दिया। ‘मेरे पास ऐसी कोई जानकारी या शिकायत नहीं आई है, कि किसी स्कीम की वजह से युवा विदेशों में पलायन कर रहे हैं. यह बिल्कुल आधारहीन बात है. हमारे पास इसका कोई भी डेटा उपलब्ध नहीं है। इसलिए इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा. यहां से युवाओं में पहले से ही विदेश जाने की दिलचस्पी रही है। इसलिए ये नहीं कह सकते कि अग्निवीर की वजह से ही ऐसा है,’ जींद के डिप्टी कमिश्नर मो. इमरान रज़ा ने कहा।
इसके विपरीत हिसार के डिप्टी कमिश्नर प्रदीप दहिया संकेत देते हैं कि ये युवक पलायन कर रहे हैं. ‘मैंने हाल ही अपना प्रभार संभाला है, तो इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. न ही कभी किसी फोरम पर हमसे ये चीज़ें डिस्कस हुई हैं. जहां तक बात है पलायन की तो उसके कई कारण हो सकते हैं. लोग बेहतर संभावनाओं की तलाश में पलायन करते ही हैं. तैयारी करने वाले भी कर ही रहे हैं.’
‘स्थगित’ भर्ती की दरकती उम्मीद
अग्निवीर लागू होने के बाद सेना की जब भर्ती रुकी थी, उसने इन युवाओं के सपने एक झटके से तोड़ दिए. बड़ौदा गांव के निवासी सुरेश चहल बताते हैं कि, उनके 22 वर्षीय बेटे अंकित चहल पढ़ाई में अच्छे थे. सेना की तैयारी छोड़कर उन्होंने स्टडी वीजा लिया और अमेरिका चले गए।
जब अभ्यर्थी अदालत में गए, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि यह भर्ती रद्द नहीं हुई है, बल्कि स्थगित हुई है।इसलिए अभ्यर्थियों को थोड़ी उम्मीद आज भी है। इन गांवों में दर्जनों युवा हैं, जो सेना की उस भर्ती की बहाली का इंतजार कर रहे हैं।
उस भर्ती के लिए भोंगरा गांव के 23 वर्षीय सुनील चहल मेडिकल परीक्षा पास कर चुके थे. चूंकि वे एनसीसी कैडेट थे, लिखित परीक्षा में छूट मिल जाती. बचपन का सपना पूरा होने ही वाला था कि अग्निपथ स्कीम आ गई, भर्ती रद्द हो गई और सपना बिखर गया। अब वह अपना पासपोर्ट दिखाते हुए कहते हैं कि ‘आखिरी विकल्प अब विदेश है। जो साथी चले गए हैं उनसे बात कर रहा हूं कि कौन-सा देश बेहतर होगा ‘
यही स्थिति भोंगरा के निवासी अंकित चहल की है. उन्होंने सेना की तैयारी की थी. चयन भी हुआ मगर भर्ती रद्द हो गई। अंकित अब वीजा लेने का प्रयास कर रहे हैं।
जींद के उचाना गांव के राजीव गांधी कॉलेज के मैदान में पड़ोसी गांवों के सैकड़ों युवा दौड़ने का अभ्यास कर सेना में भर्ती हुए हैं. फरवरी की इस शाम सिर्फ़ दसेक लोग यहां हैं. ग्राउंड का रखरखाव संभालने वाले रमेश चहल ने बताया कि ‘यहां रोज 250-300 बच्चे दौड़ने आते थे. मगर बीते दो सालों में सब बदल गया. आज जो 5-10 लोग दिख रहे हैं, वे भर्ती वाले नहीं हैं. फिटनेस बनाने आए हैं ‘
अग्निवीर आने के बाद हरियाणा की भागीदारी 75% कम हुई
रक्षा मंत्रालय द्वारा फरवरी 2022 में लोकसभा में जारी आंकड़े के अनुसार, 2019-20 में हुई सेना भर्ती में हरियाणा के 5,097 अभ्यर्थी चयनित हुए थे। हरियाणा भारत की कुल आबादी का सिर्फ 2% है, मगर सेना भर्ती में राज्य की भागीदारी 6% थी। उस बरस सिर्फ तीन राज्यों का अनुपात हरियाणा से बेहतर था- हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब।
हिमाचल प्रदेश की आबादी देश की कुल आबादी का सिर्फ 1 प्रतिशत है, मगर इसकी भागीदारी 7% रही. इसी तरह उत्तराखंड ने 1% आबादी के बावजूद सेना में 5% की भागीदारी दी. पंजाब की आबादी देश की कुल आबादी का सिर्फ 2% है, मगर पंजाब की भागीदारी 10% रही थी।
स्थानीय अनुमान के मुताबिक, हरियाणा के जींद, भिवानी और हिसार जैसे जिलों में यह औसत राज्य के औसत के दोगुने से भी अधिक है. राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुडा ने द वायर से कहा कि वह राज्यसभा में अग्निवीर का मुद्दा उठा चुके हैं।
हुडा ने बताया कि, अग्निवीर आने के बाद से सेना में हरियाणा के युवाओं की भागीदारी 70% से भी कम हो गई है. उन्होंने इस फरवरी राज्य सभा में अपने भाषण में हरियाणा में व्याप्त बेरोजगारी का ज़िक्र करते हुए कहा था कि इस राज्य का बेरोजगार युवक बाध्य होकर विदेश पलायन कर रहा है. इसके बाद उन्होंने अग्निपथ योजना की आलोचना करते हुए कहा कि पहले हर वर्ष हरियाणा से ‘5,500 पक्की भर्तियाँ हुआ करती थीं, अब केवल 900 भर्ती किए जा रहे हैं ’
रक्षा मंत्रालय से आरटीआई के तहत सवाल पूछा कि अग्निवीर भर्तियों में वर्ष 2022-23 और 2023-24 के दौरान किस राज्य से कितने लोगों का चयन हुआ है ? मगर मंत्रालय ने यह आंकड़ा यह कहते हुए देने से इनकार कर दिया, कि उनके पास ‘यह सूचना मांगे गए फॉर्मेट में उपलब्ध नहीं है ‘, और ‘इस जानकारी को एकत्र करना वक्त और संसाधन की बर्बादी है ‘
वायुसेना ने जवाब में लिखा, ‘ आरटीआई में मांगी गई जानकारी ‘सशस्त्र बल के सामर्थ्य से संबंधित है. यह संवेदनशील जानकारी है और इसका खुलासा भारत की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है और यह व्यापक सार्वजनिक हित में नहीं है’
वहीं, नौसेना ने जवाब दिया कि ‘सशस्त्र बलों में कर्मियों की नियुक्ति/भर्ती/जॉइनिंग से संबंधित आंकड़ा सुरक्षा कारणों को देखते हुए सार्वजनिक नहीं किया जा सकता ‘
अंबाला हेडक्वार्टर से बीते 5 सालों में चयनित अभ्यर्थियों की संख्या मांगी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला
सेना की तैयारी कराने वाले कई कोचिंग सेंटर बंद हुए
रोहतक के निवासी मिल्खा ग्रेवाल सेना भर्ती की तैयारी के लिए कोचिंग सेंटर चलाते थे। अब उन्होंने अपनी कोचिंग बंद कर दी है. वह बताते हैं कि अग्निवीर आने के 6 महीने बाद सिर्फ 15-20 अभ्यर्थी उनकी कोचिंग में रह गए थे। पहले ये संख्या 200-250 तक होती थी। इस घाटे में कोचिंग चलाना मुमकिन नहीं था।
‘यही हाल कई अन्य कोचिंग का हुआ, कुछ कोचिंग अभी भी बचे हुए हैं, जहां बहुत मुश्किल से 30-40 लड़के मिलेंगे. अब सेना की तैयारी छोड़कर सब IELTS के पीछे लग गए हैं। उनमें अब विदेश जाने की होड़ ज्यादा है,’ वह कहते हैं।
करनाल में अपना इमीग्रेशन ऑफिस चलाने वाले गौरव कुमार इसकी पुष्टि करते हैं। गौरव बताते हैं, ‘पहले गांव-देहात में युवा 10वीं, 12वीं के बाद सेना में भर्ती की तयारी करते थे, अब IELTS और PTE करते नजर आ रहे हैं ‘
बीते डेढ़ साल में 2 लाख से ऊपर पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट
विदेशों में पलायन को लेकर किसी संस्था के पास सटीक आंकड़ा नहीं है। हरियाणा पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अंबाला और आसपास के 6-7 जिलों जींद, हिसार, भिवानी,अंबाला, रोहतक, कैथल, करनाल में बीते डेढ़ साल में कम से कम 2 लाख से ऊपर पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट दिया गया होगा
पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट उन लोगों को दी जाती है, जो विदेशों में नौकरी या लंबी अवधि के वीजा के लिए अप्लाई करते हैं। मगर इससे बड़ी संख्या अवैध रूप से जाने वालों की है, जिसका कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है।
इमीग्रेशन ऑफिस चलाने वाले एजेंट्स बताते हैं कि, पासपोर्ट बनाने के लिए अंबाला में प्रतीक्षा-सूची इतनी लंबी होती है कि लोग जयपुर, चंडीगढ़ और दिल्ली तक निकल जाते हैं. ‘अंबाला और चंडीगढ़ में रोजाना पासपोर्ट के लिए 835 अपॉइंटमेंट होते हैं। किसी को बहुत जल्दी चाहिए तो वो जयपुर या दिल्ली की तरफ रुख करते हैं,’ एक एजेंट ने कहा।
डंकी रूट से विदेश जाने वालों की संख्या तेज़ी से बढ़ी
2022 में 748 भारतीय इंग्लिश चैनल पार कर के ब्रिटेन आए थे, जबकि 2023 में यह संख्या 50% तक बढ़कर 1,192 हो गई. 2022 में जहां 2,612 भारतीयों ने शरण मांगी थी, 2023 में यह संख्या 5,253 हो गई।
इसी तरह अमेरिका में भी यह संख्या तेजी से बढ़ी है । 2022 में 65 हजार भारतीय अवैध रूप से अमेरिका की सीमा में घुसे थे, 2023 में यह संख्या 1 लाख के पार चली गई. डंकी रूट से विदेश जानेवाले लगभग 60% से अधिक युवा होते हैं।
Haryana train time table : हरियाणा में रेलयात्रियों के लिए एक और अच्छी खबर सामने आई है। रेलवे विभाग की ओर से बीकानेर- दानापुर स्पेशल ट्रेन का संचालन शुरू किया गया है। इस ट्रेन के संचालन से दक्षिण हरियाणा के जिलों को यूपी और राजस्थान के कई बड़े शहरों के लिए सीधी ट्रेन की सुविधा का लाभ मिलेगा। इस ट्रेन का महेंद्रगढ़ और लोहारू रेलवे स्टेशन पर ठहराव (स्टॉप सेल्टर) होगा।
रेल का टाईम शेड्यूल
दैनिक रेल यात्री महासंघ के अध्यक्ष रामनिवास पाटोदा ने बताया कि, इस ट्रेन (Haryana train time table) का संचालन 2 मई से 28 जून तक रहेगा. यह ट्रेन प्रत्येक वीरवार को सुबह पौने 11 बजे बीकानेर स्टेशन से रवाना होकर दोपहर 02:35 बजे सादलपुर, 03:15 बजे लोहारू व 03:45 बजे महेंद्रगढ़ स्टेशन से रवाना होकर शाम 6 बजे दिल्ली, रात को 22:35 बजे मुरादाबाद, 12:03 बजे बरेली, 03:40 बजे लखनऊ, 08:45 बजे वाराणसी और 11:37 बजे बक्सर स्टेशन से आरां होते हुए शुक्रवार को 01:45 बजे दानापुर स्टेशन पहुंचेगी।
उन्होंने बताया कि इसी तरह वापसी में दानापुर- बीकानेर साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन (Haryana train time table) शुक्रवार को सुबह 04:20 बजे दानापुर से रवाना होकर 9 बजे वाराणसी, 02:40 बजे लखनऊ, 06:16 बजे बरेली, 11:35 बजे दिल्ली, 14:35 बजे रेवाड़ी से चलकर 15:29 बजे महेंद्रगढ़ स्टेशन पर पहुंचेगी। इसके बाद 04:15 बजे लोहारु, 05:50 बजे सादलपुर व शनिवार को 07:20 बजे बीकानेर स्टेशन पर पहुंचेगी।
Young died lightning : हरियाणा के कैथल जिले के कलायत हलके के गांव बालू में दर्दनाक हादसा सामने आया है। गांव बालू में आसमानी बिजली गिरने से 20 वर्षीय युवक की मौत हुई है। युवक परिवार का इकलौता बेटा था। उसका रिश्ता पक्का हो चुका था और कुछ दिन बाद शादी की तैयारी थी।
बालू (रापड़िया) गांव का युवक संजू शुक्रवार शाम करीब साढ़े 7 बजे गांव में स्थित खेतों में तूड़ी बनाने का कार्य कर रहा था। जब वह चाय पीने के लिए खेत में बने एक मकान में आया तो अचानक आसमान से बिजली गिरी।
आसमानी बिजली (Young died lightning) की चपेट में आने से वह झुलस गया। उसे नागरिक अस्पताल पहुंचाया गया, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिजनों ने बताया कि संजू की कुछ दिन पहले ही सगाई हुई थी और कुछ दिन के बाद उसका विवाह होना था। परंतु इससे पहले ही दर्दनाक हादसे ने युवक को लील लिया। प्रत्यक्षदर्शियों अनुसार गांव में देर शाम में 5 युवक तूड़ी बनाने का काम कर रहे थे। संजू में उन युवकों में शामिल था। मकान में चाय पीने के लिए आया तो आसमानी बिजली (Young died lightning) उस पर गिर गई।
बताया गया है कि संजू के पिता छोटे से किसान हैं। संजू के 3 बहनें हैं। इनमें संजू सबसे छोटा है। घटना के बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और छानबीन की। शव को पोस्टमार्टम के लिए शवगृह में रखवाया गया है।
Haryana agriculture news : हरियाणा सरकार किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी लाई है। हरियाणा सरकार द्वारा जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए ढैंचा बीज पर 80% की सब्सिडी दी जा रही है। राज्य सरकार द्वारा इस योजना के तहत सब्सिडी प्रदान करने के लिए इच्छुक किसानों के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है।
राज्य के जो भी किसान बीज (Haryana agriculture news) प्राप्त करना चाहते हैं वह आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस योजना के तहत किसान केवल 20% राशि देकर बीज प्राप्त कर सकते हैं| हम इस पोस्ट में जानेंगे किस तरह ढेंचा बीज के लिए सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं।
ढेंचा बीज पर सब्सिडी
हरियाणा सरकार द्वारा राज्य के किसानों के लिए ढेंचा बीज पर 80% की सब्सिडी दी जा रही है। इस योजना के तहत एक किसान अधिकतम 10 एकड़ क्षेत्र में डेंचा (Haryana agriculture news) की खेती के लिए अनुदान प्राप्त कर सकता है। हरियाणा कृषि विभाग के अनुसार, ढैंचा फसल के लिए बीज दर 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है।
इस तरह, लगभग 12 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होगी, अतः किसान को 10 एकड़ के लिए अधिकतम 120 किलोग्राम बीज उपलब्ध किया जाएगा। इच्छुक किसान इस योजना के तहत सब्सिडी पाने के लिए 20 मई 2024 से पहले पहले आवेदन कर सकते हैं।
ढेंचा खेती के फायदे ढेंचा बीज
ढैंचा फसल किसानों (Haryana agriculture news) को कम लागत में अच्छी हरी खाद प्राप्त कराती है। इससे भूमि को पर्याप्त मात्रा में नाइट्रोजन मिलता है, जिससे अगली फसल के लिए कम यूरिया की आवश्यकता होती है। हरी खाद से भूमि में कार्बनिक पदार्थ बढ़ते हैं, जिससे भूमि और जल का संरक्षण होता है और संतुलित मात्रा में पोषक तत्व मिलते हैं, जो भूमि की उपजाऊ शक्ति को बढ़ाते हैं।
ढैंचा को खेत में पलटने से नाइट्रोजन, पोटाश, गंधक, कैल्शियम, मैग्नेशियम, जस्ता, तांबा, लोहा आदि विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व मिलते हैं। इससे फसलों की पैदावार बढ़ती है और कम रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता होती है, जिससे कृषि की लागत भी कम होती है।
ढेंचा बीज सब्सिडी के लिए पात्रता
ढेंचा बीज प्राप्त करने के लिए आवेदक किस का मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर पंजीकरण होना चाहिए।
राज्य का कोई भी किसान जो ढेंचा की खेती करना चाहता है आवेदन कर सकता है।
इस योजना के तहत 10 एकड़ भूमि के लिए सब्सिडी प्राप्त की जा सकती है।
ढेंचा बीज सब्सिडी के लिए दस्तावेज
आधार कार्ड
मेरी फसल मेरा ब्यौरा
बैंक खाता
मोबाइल नंबर
भूमिज संबंधी दस्तावेज
ढेंचा बीज सब्सिडी के लिए आवेदन कैसे करें?
सबसे पहले Agri Haryana की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
होम पेज पर Farmers Corner में Apply For Agriculture Schemes पर क्लिक करें।
अब आपके सामने सभी स्कीम्स आ जाएगी|
अब आपको Dhaincha seed Distribution under CDP के सामने View पर क्लिक करना है।
अब आपके सामने एक नया पेज आएगा|
इस पेज पर Daincha Beej Subsidy Yojana संबंधी जानकारी दी होगी|
अब आपको Terms & Conditions को Agreed करना है| और Click Here To Registration पर क्लिक कर देना है।
अब आपको अपना मेरी फसल मेरा ब्यौरा पंजीकरण संख्या दर्ज करनी है।
और सच रिकॉर्ड के ऑप्शन पर क्लिक करना है।
अब आपके सामने पंजीकृत डिटेल आ जाएगी।
अब आप आपसे मांगी गई जानकारी आपको दर्ज करनी है।
उसके बाद आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड करना है।
अंत में सबमिट के ऑप्शन पर क्लिक कर देना है।
इस प्रकार से आप हरियाणा ढेंचा बीज सब्सिडी प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
Haryana Congress politics : हरियाणा में कांग्रेस के 8 सीटों पर उम्मीदवार घोषित करते ही घमासान मच गया है। बेटी श्रुति चौधरी की भिवानी-महेंद्रगढ़ से टिकट कटने पर उनकी विधायक मां किरण चौधरी ने समर्थकों की मीटिंग बुला ली है। यह मीटिंग शनिवार दोपहर 12 बजे भिवानी में उनके घर पर होगी। करीबी समर्थकों का कहना है कि किरण चौधरी और उनका परिवार इसी बैठक में कोई बड़ा फैसला ले सकता है।
वहीं हिसार से बेटे बृजेंद्र सिंह की टिकट कटने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा कि बेटे को टिकट क्यों नहीं मिली, यह सवाल है?। उन्होंने चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी। बृजेंद्र को मौका मिलता तो अच्छा होता।
उन्होंने कहा कि अगर कोई बुलाएगा तो ठीक, वर्ना किसी का प्रचार करने नहीं जाऊंगा। इसके अलावा बीरेंद्र सिंह ने जींद में 28 अप्रैल को अपने समर्थकों की मीटिंग बुलाई है। अब इस बैठक में बीरेंद्र सिंह क्या फैसला लेंगे, इस पर सभी की नजरें बनी हुई हैं।
वहीं हरियाणा कांग्रेस (Haryana Congress politics) के अध्यक्ष उदयभान ने सफाई दी कि टिकट बंटवारे से कोई नाराज नहीं है। बृजेंद्र पर उन्होंने कहा कि कोई पार्टी छोड़कर आए और उसे टिकट मिल जाए, ऐसा नहीं होता। उनके नाम पर विचार हुआ लेकिन फैसला किसी एक पर ही होना था। हालांकि, उन्होंने विधानसभा या राज्यसभा में बृजेंद्र को एडजस्ट करने के संकेत जरूर दिए।
हिसार से हुड्डा के करीबी को टिकट
हिसार (Haryana Congress politics) से टिकट मिलने की आस लगाए बैठे चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे रिटायर्ड IAS अफसर एवं भाजपा के टिकट पर सांसद रह चुके बृजेन्द्र सिंह को टिकट नहीं दिया गया। हिसार से कांग्रेस ने हुड्डा के करीबी जय प्रकाश उर्फ जेपी को टिकट दिया है। जय प्रकाश हिसार से पहले भी सांसद रह चुके हैं। हाल ही में जय प्रकाश ने आदमपुर उपचुनाव में भी भव्य बिश्नोई के सामने कांग्रेस की टिकट पर ताल ठोकी थी मगर हार का सामना करना पड़ा था। जाट बाहुल्य हिसार सीट पर कांग्रेस ने भी जाट कैंडिडेट को मैदान में उतारा है।
सोनीपत से सतपाल की पैरवी कर रहे थे हुड्डा
हरिद्वार कांग्रेस अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी को सोनीपत लोकसभा सीट से टिकट दिया गया है। सतपाल हरियाणा (Haryana Congress politics) के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी हैं। हुड्डा सतपाल की टिकट के लिए शुरू से पैरवी कर रहे थे। कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर एक कांग्रेस उम्मीदवारों की फेक लिस्ट जारी हुई थी, उसमें भी सोनीपत से सतपाल ब्रह्मचारी को ही प्रत्याशी दर्शाया गया था।
भिवानी से श्रुति चौधरी का टिकट काटा
भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से कांग्रेस ने पूर्व सांसद श्रुति चौधरी का टिकट काटकर हुड्डा के करीबी राव दान सिंह को टिकट दिया है। श्रुति चौधरी भिवानी-महेंद्रगढ़ संसदीय क्षेत्र से सांसद रह चुकी हैं। वह पहली बार 2009 में इसी संसदीय क्षेत्र से चुनी गई थी। राव दान सिंह महेंद्रगढ़ से कांग्रेस के विधायक हैं और उन्होंने भाजपा के दिग्गज नेता रामबिलास शर्मा को इस सीट से हराया था। राव दान सिंह 2000, 2005, 2009 और 2019 में महेंद्रगढ़ विधानसभा से विधायक चुने गए हैं।
Haryana Congress : कांग्रेस हाईकमान ने साफ कर दिया है हरियाणा में कांग्रेस के असली बॉस भूपेंद्र सिंह हुड्डा ही हैं। कांग्रेस उनके ही नेतृत्व में आगे बढ़ेगी। क्योंकि कांग्रेस ने गुरुवार देर रात हरियाणा में 8 लोकसभा प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी। इस लिस्ट में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की चली है। 8 में से 7 प्रत्याशी भूपेंद्र हुड्डा समर्थक हैं।
इससे सैलजा-सुरजेवाला और किरण गुट को झटका लगा है। सिरसा की सीट कुमारी सैलजा (Haryana Congress) को अपने प्रभाव से मिली है, बाकी पर हुड्डा समर्थकों को टिकट मिले हैं। फरीदाबाद, सोनीपत, अंबाला, करनाल, हिसार, रोहतक और भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर टिकट हुड्डा अपने करीबियों को दिलाने में कामयाब रहे।
भिवानी-महेंद्रगढ़ से श्रुति चौधरी और चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह का टिकट कटवाने में भी हुड्डा कामयाब रहे। दोनों ही हुड्डा के विरोधी माने जाते हैं। वहीं गुरुग्राम सीट पर भी हुड्डा फिल्म स्टार राज बब्बर को टिकट दिलवाने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। यहां से कैप्टन अजय यादव भी टिकट मांग रहे हैं।
बेटे के लिए सेफ की रोहतक सीट
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने बेटे दीपेंद्र हुड्डा (Haryana Congress) को पिछली बार की तरह रोहतक से ही टिकट दिलवाया है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने करनाल में पंजाबी, सोनीपत में ब्राह्मण और भिवानी-महेंद्रगढ़ में अहीर को टिकट दिलवाकर बेटे दीपेंद्र हुड्डा की रोहतक सीट सुरक्षित कर ली है। रोहतक की सीट पर इन सभी जातियों का दबदबा रहा है। पिछली बार पंजाबी, ब्राह्मण और अहीर वोटों को साधने में दीपेंद्र हुड्डा कामयाब नहीं हो पाए थे और थोड़े अंतर से भाजपा के डॉ. अरविंद शर्मा से हार गए थे।
भिवानी महेंद्रगढ़, अंबाला, सोनीपत और हिसार में भी हुड्डा की चली
ऐसा माना जा रहा था कि अंबाला, सोनीपत, भिवानी-महेंद्रगढ़ और हिसार (Haryana Congress) में सीट सैलजा-सुरजेवाला और किरण गुट की चलेगी। मगर हाईकमान ने इन सभी दरकिनार कर दिया। अंबाला से हुड्डा के खास समर्थक माने जाने वाले वरुण चौधरी को टिकट मिला है। वरुण अंबाला की मुलाना सीट से मौजूदा विधायक हैं। यहां हुड्डा विरोधी गुट रेणु बाला को मैदान में उतारना चाहता था।
हिसार से हुड्डा जयप्रकाश उर्फ जेपी को टिकट दिलवाने में कामयाब रहे। सैलजा-सुरजेवाला और किरण गुट जयप्रकाश के नाम का लगातार विरोध कर रहे थे। वह हिसार से मौजूदा सांसद बृजेंद्र सिंह और चंद्रमोहन का नाम आगे बढ़ा रहे थे, मगर हाईकमान ने हुड्डा की पसंद से हिसार से तीन बार के सांसद रहे जयप्रकाश को टिकट दिया है। इसी तरह सोनीपत (Haryana Congress) से सतपाल ब्रह्मचारी को टिकट दिया है। यहां हालांकि हुड्डा कुलदीप शर्मा के लिए भी लॉबिंग कर रहे थे, मगर सतपाल भी उनकी पसंद हैं।
लोकसभा चुनाव के बहाने हुड्डा ने निकाले अपने कांटे
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने लोकसभा चुनाव के बहाने अपनी राह के सभी कांटे निकाल दिए हैं। कुमारी सैलजा विधानसभा से टिकट मांग रही थीं और हुड्डा चाहते थे वह लोकसभा आए ताकि अगर सैलजा की जीत या हार होती है तो दोनों सूरत में हुड्डा को फायदा होगा। दोनों ही सूरत में वह मुख्यमंत्री पद (Haryana Congress) की दावेदारी से दूर रहेंगे। इसी तरह भिवानी-महेंद्रगढ़ से अपनी पसंद के प्रत्याशी राव दान सिंह को टिकट दिलवाकर बंसीलाल परिवार के प्रभाव को कांग्रेस में कम कर दिया है। किरण चौधरी भी समय-समय पर भूपेंद्र हुड्डा को चुनौती देती रही हैं।
इसी तरह चौधरी बीरेंद्र सिंह बेटे बृजेंद्र सिंह के बहाने कांग्रेस में दोबारा मजबूती से एंट्री लेना चाहते थे। वह खुद को गांधी परिवार का नजदीकी बताते हैं। चर्चा थी कि बृजेंद्र सिंह को हिसार या सोनीपत से टिकट मिल सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यहां भी हुड्डा की चली।
Haryana Congress news : हरियाणा में कांग्रेस पार्टी ने कई दौर चले बैठकों के बाद आखिरकार लोकसभा प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है, लेकिन कई प्रत्याशी टिकट की रेस में डार्क हॉर्स साबित हुए हैं। कयासों के मुताबिक टिकट की रेस में आगे चल रहे लोगों को पीछे छोड़ते 8 नामों की जारी हुई सूची में अपना नाम शामिल करवाने में सफल रहे।
कहां किसका कटा टिकट ?
कांग्रेस (Haryana Congress news) के टिकट बंटवारें में महेंद्रगढ़-भिवानी और हिसार लोकसभा सीट पर उम्मीदों के विपरीत टिकट मिला है। जारी टिकट को लेकर तर्क दिया गया कि मेरिट के आधार पर उम्मीदवारों की घोषणा हुई है, कोई कोटा सिस्टम नहीं चला है।
बता दें कि, पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी का टिकट काट कर भिवानी लोकसभा सीट से राव दान सिंह को टिकट दिया गया है। वहीं हिसार से लगभग बृजेंद्र सिंह का टिकट लगभग तय माना जा रहा था, लेकिन वहां भी कांग्रेस ने सभी को चौकाते हुए जय प्रकाश(जेपी) टिकट दिया है।
कांग्रेस की लिस्ट पर उदयभान ने क्या कहा ?
इस दौरान हरियाणा के प्रदेश (Haryana Congress news) अध्यक्ष चौधरी उदयभान से टिकट बंटवारे को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी में बहुत लोग शामिल होते हैं। सभी को टिकट नहीं दिया जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि, हम प्रदेश की सभी 10 की 10 सीटें जीत रहे हैं।
टिकट बंटवारे में श्रुति को पीछे छोड़ते हुए टिकट हांसिल करने वाले राव दान सिंह दिल्ली स्थित भूपेंद्र सिंह हुड्डा के आवास पर मुलाकात करने पहुंचे। हुड्डा से मुलाकात के बाद राव दान सिंह ने कहा कि, हमारी तैयारी पूरी है और हम चुनाव जीतेंगे। वहीं उन्होंने कहा कि कोई चुनौती नहीं है।
जींद में बैठक कर लिया फैसला, जल्द ही करेंगे उम्मीदवार का फैसला
Berojgar election candidate : जींद की जाट धर्मशाला में शुक्रवार को प्रदेश भर के सभी जिलों से बेरोजगार युवाओं ने एकत्रित होकर बैठक की। इसमें फैसला लिया गया कि करनाल में होने वाले उपचुनाव में मुख्यमंत्री के सामने बेरोजगार युवा भी निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। चुनावी रण में उतरने के इच्छुक उम्मीदवारों के नाम मांगे गए हैं और जल्द ही उम्मीदवार का नाम फाइनल कर दिया जाएगा।
बैठक के बाद बात करते हुए दिनेश ढांडा, प्रियंका खरकरामजी, सुमित लाठर, अक्षय नरवाल, रोहतक से अमर दांगी, सोनीपत से राजेश, जसबीर ढांडा, भिवानी से रविंद्र फौजी, दादरी से कुशल, करनाल से दीपक, कैथल से सौरभ, यमुनानगर से अमित ने बताया कि केंद्र सरकार में 9 लाख सरकारी पद खाली हैं तो हरियाणा में दो लाख से अधिक सरकारी पद खाली पड़े हुए हैं। वर्ष 2014 से हरियाणा में ग्राम सचिव, पटवारी की भर्ती लंबित है।
हरियाणा सरकार 2021 में सीइटी की नीति लेकर आई लेकिन उसके बाद युवाओं (Berojgar election candidate) की सुविधा की बजाय समस्या और अधिक बढ़ा दी। जब यह बदलाव हुआ तब से एक भी भर्ती पूरी नहीं हुई है, सारी भर्ती कोर्ट में लटकी हुई हैं। हरियाणा सरकार ठीक से कोर्ट में पैरवी नहीं कर रही है।
इसकी नाराजगी 23 अप्रैल की सुनवाई के बाद युवाओं में और अधिक बढ़ गई है। अगस्त 2023 से लगभग 15 सुनवाई कोर्ट में हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं आया है। टीजीटी 7471 भर्ती के अभ्यार्थी भी अपनी ज्वाइनिंग को लेकर हरियाणा में पैदल यात्रा कर रहे हैं।
इस सरकार ने युवाओं को विदेश जाने के लिए मजबूर कर रखा है। युवा अगर छोटे उद्योग की सोचे तो सरकार के पास उचित बजट नहीं है। पूरे देश में ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में सिर्फ 4 प्रतिशत रोजगार है। ना तो वर्तमान सरकार के पास सरकारी नौकरी, ना प्राइवेट सेक्टर में उचित रोजगार (Berojgar election candidate) और ना बिजनेस करने के लिए प्रोत्साहन और खेती करने के लिए ना जमीन रही और करे तो फसल का उचित दाम नहीं। इस वर्तमान स्थिति में देश और प्रदेश का युवा करे तो क्या करे।
प्रियंका खरकरामजी ने कहा कि हरियाणा में प्रत्येक लोकसभा समेत हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री के सामने उपचुनाव में चुनाव लड़ने का फैसला लिया। जो भी बेरोजगार युवा (Berojgar election candidate) चुनाव लडना चाहता है चुनाव लड़ने के लिए अपने नाम देने के लिए युवाओं को आमंत्रित किया। बेरोजगार युवाओं का प्रतिनिधिमंडल प्रत्येक विपक्षी पार्टी के मुख्य नेताओं से मिल चुनाव में समर्थन की अपील करेगा।
युवाओं ने एक स्वर में अपनी आवाज को बुलंद करते हुए कहा है कि जिस सरकार ने हमें घर बिठाया है युवा मिलकर उस सरकार के राजा को घर बिठाने का काम करेगा क्योंकि आज देश में युवाओं की 65 प्रतिशत जनसंखा है। हर युवा को रोजगार के मुद्दे पर एकजुट करेंगे और चुनाव को जीतने का काम करेंगे।
युवाओं ने एक स्वर में अपनी आवाज को बुलंद करते हुए कहा है कि जिस सरकार ने हमें घर बिठाया है युवा मिलकर उस सरकार के राजा को घर बिठाने का काम करेगा क्योंकि आज देश में युवाओं की 65 प्रतिशत जनसंखा है। हर युवा को रोजगार के मुद्दे पर एकजुट करेंगे और चुनाव को जीतने का काम करेंगे।
Haryana political news : हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से 8 सीटों पर कांग्रेस ने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। इस बार सिरसा लोकसभा में चुनावी मुकाबला रोमांचक होने वाला है। कांग्रेस ने सिरसा से कुमारी सैलजा और भाजपा ने डा. अशोक तंवर को टिकट दिया है। रोमांचक बात यह है कि दोनों ही प्रत्याशी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। तंवर काफी समय पहले ही चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं और इसका उन्हें बेनिफिट मिलेगा। सैलजा को कल टिकेट मिली है और अब उनके पास महीने से भी कम समय प्रचार का बचा है। इसमें भी भीतरघात का खतरा बन रहा है।
लंबे समय से उम्मीदवार तलाश रही कांग्रेस पार्टी में सिरसा लोकसभा के लिए जब कुमारी सैलजा को उम्मीदवार बनाया गया तो कांग्रेस का एक पूरा धड़ा उनसे अलग नजर आने लगा है। हुड्डा ग्रुप के नेताओं ने पूरी तरह से अपनी पार्टी की ही उम्मीदवार से दूरी बना ली है, जो सैलजा के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। कांग्रेस भवन में बीती शाम सैलजा की उम्मीदवारी तय होने के बाद पूर्व सांसद चरणजीत सिंह रोड़ी, वीरभान मेहता, संदीप नेहरा और नवीन केडिया आदि नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस करके खुशी जाहिर की वहीं हुड्डा गुट के नेताओं ने इससे दूरी बना ली है। फ़तेहाबाद में बलवान सिंह और टोहाना में बलज़ींद्र ठरवी ने ही टिकट का स्वागत किया है, लेकिन अन्य कांग्रेसी नेता दूरी बनाते नजर आ रहे हैं।
खबर है कि कांग्रेस के कालांवाली से विधायक शीशपाल केहरवाला, पूर्व ओएसडी डॉ. केवी सिंह, डबवाली के विधायक अमित सिहाग, पूर्व चेयरमैन अमीर चावला, राजकुमार शर्मा की चुप्पी ने सैलजा की उम्मीदवारी पर ही एक तरह से प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। एक बात तो कंफर्म है अगर हुड्डा गुट ने साथ ना दिया तो सैलजा की राह आसान नजर नही आती।
गौरतलब है की, कुमारी सैलजा 1991 और 1996 में सिरसा लोकसभा क्षेत्र से सांसद रह चुकी हैं। साल 1998 में हुए संसदीय चुनाव में डा. सुशील इंदौरा से पराजित होने के बाद सैलजा ने अंबाला का रुख कर लिया था। अब सैलजा की फिर से सिरसा में वापसी हो गई है। 1996 के बाद अब वह 2024 में सांसद का चुनाव सिरसा से लड़ रही हैं।
कुमारी सैलजा के पिता चौधरी दलबीर सिंह दिग्गज राजनीतिक रहे हैं। वे चार बार सिरसा से सांसद रह चुके हैं। 1966 को हरियाणा केस्थापना के बाद 1967 में हुए लोकसभा चुनाव में पहली बार वह सिरसा लोकसभा से सांसद बने थे। इसके बाद 1971, 1980 और 1984 में भी सांसद बने।
वहीं सिरसा से भाजपा प्रत्याशी डा. अशोक तंवर ने 2009 के लोकसभा चुनाव सिरसा लोकसभा से चुनाव लड़ा था और यह सीट उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी INLD के डा. सीता राम को 35499 मतों के अंतर से हरा कर जीती थी। 2014 में डा. अशोक तंवर इस सीट पर इनेलो के चरणजीत सिंह रोड़ी से हार गए थे। 2019 में उनको भाजपा प्रत्याशी सुनीता दुग्गल ने हराया था।