Election contest on Sirsa Lok Sabha seat is exciting, there will be a tough fight between two former Congress state presidents Kumari Selja and Ashok Tanwar.

Haryana political news : सिरसा लोकसभा सीट पर अशोक तंवर व सैलजा आमने सामने, सैलजा को भीतरघात का खतरा

Haryana political news : हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से 8 सीटों पर कांग्रेस ने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। इस बार सिरसा लोकसभा में चुनावी मुकाबला रोमांचक होने वाला है। कांग्रेस ने सिरसा से कुमारी सैलजा और भाजपा ने डा. अशोक तंवर को टिकट दिया है। रोमांचक बात यह है कि दोनों ही प्रत्याशी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। तंवर काफी समय पहले ही चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं और इसका उन्हें बेनिफिट मिलेगा। सैलजा को कल टिकेट मिली है और अब उनके पास महीने से भी कम समय प्रचार का बचा है। इसमें भी भीतरघात का खतरा बन रहा है।

 

लंबे समय से उम्मीदवार तलाश रही कांग्रेस पार्टी में सिरसा लोकसभा के लिए जब कुमारी सैलजा को उम्मीदवार बनाया गया तो कांग्रेस का एक पूरा धड़ा उनसे अलग नजर आने लगा है। हुड्डा ग्रुप के नेताओं ने पूरी तरह से अपनी पार्टी की ही उम्मीदवार से दूरी बना ली है, जो सैलजा के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। कांग्रेस भवन में बीती शाम सैलजा की उम्मीदवारी तय होने के बाद पूर्व सांसद चरणजीत सिंह रोड़ी, वीरभान मेहता, संदीप नेहरा और नवीन केडिया आदि नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस करके खुशी जाहिर की वहीं हुड्डा गुट के नेताओं ने इससे दूरी बना ली है। फ़तेहाबाद में बलवान सिंह और टोहाना में बलज़ींद्र ठरवी ने ही टिकट का स्वागत किया है, लेकिन अन्य कांग्रेसी नेता दूरी बनाते नजर आ रहे हैं।

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खबर है कि कांग्रेस के कालांवाली से विधायक शीशपाल केहरवाला, पूर्व ओएसडी डॉ. केवी सिंह, डबवाली के विधायक अमित सिहाग, पूर्व चेयरमैन अमीर चावला, राजकुमार शर्मा की चुप्पी ने सैलजा की उम्मीदवारी पर ही एक तरह से प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। एक बात तो कंफर्म है अगर हुड्डा गुट ने साथ ना दिया तो सैलजा की राह आसान नजर नही आती।

 

गौरतलब है की, कुमारी सैलजा 1991 और 1996 में सिरसा लोकसभा क्षेत्र से सांसद रह चुकी हैं। साल 1998 में हुए संसदीय चुनाव में डा. सुशील इंदौरा से पराजित होने के बाद सैलजा ने अंबाला का रुख कर लिया था। अब सैलजा की फिर से सिरसा में वापसी हो गई है। 1996 के बाद अब वह 2024 में सांसद का चुनाव सिरसा से लड़ रही हैं।

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कुमारी सैलजा के पिता चौधरी दलबीर सिंह दिग्गज राजनीतिक रहे हैं। वे चार बार सिरसा से सांसद रह चुके हैं। 1966 को हरियाणा केस्थापना के बाद 1967 में हुए लोकसभा चुनाव में पहली बार वह सिरसा लोकसभा से सांसद बने थे। इसके बाद 1971, 1980 और 1984 में भी सांसद बने।

 

 

 

वहीं सिरसा से भाजपा प्रत्याशी डा. अशोक तंवर ने 2009 के लोकसभा चुनाव सिरसा लोकसभा से चुनाव लड़ा था और यह सीट उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी INLD के डा. सीता राम को 35499 मतों के अंतर से हरा कर जीती थी। 2014 में डा. अशोक तंवर इस सीट पर इनेलो के चरणजीत सिंह रोड़ी से हार गए थे। 2019 में उनको भाजपा प्रत्याशी सुनीता दुग्गल ने हराया था।

 

सिरसा में कब कौन बना सांसद

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सांसद साल
चौधरी दलबीर सिंह 1967, 1971, 1980 और 1984
चांदराम 1977
हेतराम 1988 और 1989
कुमारी सैलजा   1991 और 1996
सुशील इंदौरा  1998 और 1999
आत्मा सिंह गिल 2004
अशोक तंवर  2009
चरणजीत सिंह रोड़ी  2014
सुनीता दुग्गल 2019

 

 

 

 

 

 

 

 

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