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Jind private school bas ban : जींद में 10 साल पुरानी स्कूली बसों पर लगेगी पाबंदी, डीसी ने जारी किए ये आदेश

Jind private school bus ban : हरियाणा सरकार के आदेशों अनुसार, जिला जींद में 10 साल से अधिक पुरानी बसों को चलने की अनुमति नहीं मिलेगी। हरियाणा सरकार के आदेश को बयां करते हुए डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने बैठक के दौरान रखी हैं। जबकि, उन्होंने यह भी कहा है कि, 10 साल पुरानी बसों (Jind private school bus ban) की एनओसी बनवाकर एनसीआर से स्कूल संचालक बाहर जरूर बेच सकते हैं। इसके साथ ही निजी स्कूल संचालकों की मुसीबतें और ज्यादा बढ़ चुकी है।

 

जींद जिले में कितनी हैं स्कूल बसें ?

डीसी ने प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों को आदेश देते हुए कहा कि, विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा स्कूली वाहनों के लिए सड़क सुरक्षा एवं सुरक्षित स्कूल वाहन नीति बनाई गई है। जींद जिले में करीब 900 स्कूल बसें हैं। जिनमें से 50 से ज्यादा बसें 10 साल से ज्यादा पुरानी हैं। पुरानी बसें (Jind private school bus ban) ज्यादातर ग्रामीण इलाकों के निजी स्कूलों की हैं। बजट कम होने के कारण निजी स्कूल संचालक पुरानी बसें खरीद लेते हैं। जो मानकों पर खरी नहीं उतरती।

 

स्कूल वाहन नियमों का पूरी तरह से पालन करने के लिए डीसी ने दिया समय

बता दे की, महेंद्रगढ़ के किनाना में स्कूल बस पलटने के बाद से ही पूरे हरियाणा में ये सख्त कार्रवाईयां बढ़ रही है। इसके बाद से कई निजी स्कूल बंद हैं और सरकार व प्रशासन की सख्ती शांत होने का इंतजार कर रहे हैं। शिक्षा विभाग की टीमें भी स्कूलों का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रख रही हैं। स्कूल संचालकों (Jind private school bus ban) के आह्वान पर जिला प्रशासन एव डीसी ने नियम पूरे करने के लिए कुछ समय दिया है।

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Haryana Happy Card update : इतने रूपिए तक बन रहा हरियाणा रोडवेज का हैप्पी कार्ड, पूरे साल उठा सकते है बस सफर का मुफ्त लाभ

Haryana Happy Card update : हरियाणा सरकार रोड़वेज बसों से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एक खुशखबरी लेकर आई हैं, दरअसल जिनकी आय एक लाख रुपये वार्षिक हैं, उन लोगों के हैप्पी कार्ड बनाएं जा रहे हैं। सरकार ने 22.89 लाख परिवारों का कार्ड बनवाने के टारगेट रखा हैं।

अब हर दिन लोग बड़ी संख्या में इस कार्ड (Haryana Happy Card update) को पाने के लिए आवेदन कर रहें हैं। वहीं कार्ड की लागत 109 रुपये रखी गई हैं। इन हैप्पी कार्डों को प्रदेश के सभी 24 डिपो और 13 सब डिपो पर भेजा हैं, आवेदन करने वालों की बात करें तो एक अप्रैल तक प्रदेश में 7 लाख से ज्यादा लोग हैप्पी कार्ड के लिए आवेदन कर चुके हैं, प्रतिदिन पात्र लोगों द्वारा बड़ी संख्या में ऑनलाइन आवेदन किए प्रदेशभर में एक अप्रैल तक 2 लाख से ज्यादा हैप्पी कार्ड बन चुके है।

हैप्पी कार्ड से बस में कितने समय और किलोमीटर तक सफर कर सकते है ?

बता दें की, प्रतिदिन पात्र लोगों द्वारा बड़ी संख्या में ऑनलाइन आवेदन किए जा रहे हैं। 1000 किलोमीटर की यात्रा कर सकते हैं मुफ्त। अगर आपने हैप्पी कार्ड (Haryana Happy Card update) बनवा लिया हैं तो आप अपने इस कार्ड से हरियाणा रोडवेज बसों और हरियाणा रोडवेज से संबंधित बसों में एक साल में 1000 किलोमीटर तक की यात्रा मुफ्त कर सकते हैं। डिपो में आने के बाद आप 50 रुपये की फीस चुका कर अपना कार्ड प्राप्त कर सकते हैं।

कैसे रहेगी हैप्पी कार्ड की प्रोसेसिंग बस के सफर में ?

गौरतलब है की, हरियाणा अंत्योदय परिवार परिवहन योजना ( Haryana Antyodaya Family Transport Scheme) के माध्यम से एक लाख रुपये वार्षिक आय वालों को एक कार्ड दिया जा रहा हैं, यह कार्ड यात्री के लिए मुफ्त यात्रा की सुविधा देगा।

इसे हरियाणा रोडवेज बसों में मुफ्त यात्रा करने के लिए ई-टिकटिंग प्रणाली से जोड़ा गया हैं। बता दें कि यह एक स्मार्ट कार्ड है, हैप्पी कार्ड के लिए लाभार्थी को 50 रुपये का शुल्क देना होगा, कार्ड (Haryana Happy Card update) की लागत 109 रुपये रखी गई हैं, इसके अलावा कार्ड के वार्षिक रख रखाव 79 रुपये शुल्क भी वाहन किया जाएगा।

 

कौन बनवा सकता हैं, हरियाणा रोडवेज का हैप्पी कार्ड

👉हरियाणा के मूल निवासी ही इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
👉जो इस कार्ड का लाभ ले रहा है उस परिवार की वार्षिक आय एक लाख रुपये होनी चाहिए।
👉 बता दें की, अंत्योदन श्रेणी में आने वाले परिवार ही इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
👉 ध्यान रखें, परिवार पहचान पत्र में आय वेरीफाई होना जरूरी हैं।

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Jind National Highway : हरियाणा के इस जिले में लोगों को मिलेगी बड़ी राहत, जल्द ही बनाएं जाएंगे 6 नेशनल हाईवे

Jind National Highway : आज-कल हरियाणा में ज्यादें बाते होती हैं तो, नेशनल हाईवे की होती हैं। क्योंकि हरियाणा के हर जिले को किसी न किसी नेशनल हाईवे से जोड़ा जा रहा है। इसलिए इन दिनों हरियाणा में नेशनल हाईवे नेेटवर्क बिछाया जा रहा हैं। इसी प्रकार आने वाले समय मे हर एक शहर नेशनल हाईवे से जुड़ जाएगा।

विचारणीय है कि, नेशनल हाईवों (Jind National Highway) को किसी भी देश की रीढ़ माना जाता है, क्योेंकि देश से जुड़ी सभी आर्थिक संस्थाओं का समान परिवहन सुविधाओं के द्वारा नेशनल हाइवों पर एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाया जाता है, यदि किसी देश की सड़क की अच्छी आर्थिक संस्थाओं से जुड़ाव हैं, तो देश की अर्थव्यवस्था भी अच्छी है।

आपको बता दें कि, हम हरियाणा के जींद जिले की बात कर रहे हैं। जी हां, आप सही सुन रहें हैं! जहां आने वाले समय में 1-2 नहीं बल्कि 6-6 हाईवे से कनेक्टिविटी होने वाली है। जबकि विकास के मामले में काफी प्रगति हुई है, पर इन राजमार्गों के निर्माण से जींद शहर में विकास एक बार फिर से गति पकड़ने वाला है।

 

आपको पता ही होगा, जींद को हरियाणा की नाजनीतिक राजधानी के रूप में भी जाना जाता हैं। क्योंकि हरियाणा के सबसे सात पुराने जिलों में से एक जींद शहर भी है, जो अब विकास की गति को प्राप्त कर रहा है। इसके मुख्य कारण हैं, शहर से जुड़ने नेशनल राजमार्ग।

जब भी आप जींद शहर जाते हो, तो आपको जींद के नए सामान्य बस स्टेंड के पास सोनीपत से जींद तक 352 ए नेशनल राजमार्ग का निर्माण कार्य तेजी से चल रहे को देख पा रहे हैं। जबकि यह राजमार्ग आने वाले दिनों में जल्द ही तैयार हो जाएगा और लोगों को अपनी सेवाएं प्रदान करेगा। आपको बता दें कि, नेशनल हाईवे 352 ए सोनीपत को जींद से जोडे़गा। इसलिए इस नेशनल राजमार्ग का निर्माण कार्य जल्द पूरा हो जाएगा।

इस नेशनल हाईवे का निमार्ण भारतीय नेशनल राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI)  के तहत 2 अलग-अलग कंपनियों के द्वारा किया जा रहा है। जबकि इस नेशनल हाईवे की कुल लंबाई 80 कि.मी है, जिसे 2 भागों मंे विभाजित किया गया है। इसलिए इस नेशनल हाईवे का निमार्ण कार्य सोनीपत से गोहाना और गोहाना से जींद तक 2 भागों में चल रहा है।

 

आपको बता दें कि, दूसरी तरफ हरियाणा सरकार जींद और सोनीपत के बीच नेशनल राजमार्ग (Jind National Highway) बनाने जा रही है। इस नेशनल हाईवे के निमार्ण में कुल 170 करोड़ रूपये का खर्च आएगा। नेशनल हाईवे का निमार्ण केंद्र की सड़क निधि योजना के अनुसार किया जाएगा। जबकि जींद से पानीपत राजमार्ग बनने से प्रति-दिन यात्रा करने वाले यात्रियों का लाभ पहुुचेगा।

जींद में 152 डी जुड़ाव होने के बाद शहर के लोग इसका लुत्फ उठा रहे हैं। जबकि, 152 डी के निर्माण के बाद जींद (Jind National Highway) के निवासियों के लिए अंबाला और चंढ़ीगढ़ की यात्रा करना आसान हो गया है। बता दें कि, पहले अंबाला जाने में यात्रियों को 3 से 4 घंटे तक का समय लगता था। जबकि, 152 डी बनने के बाद अब यात्रियों को सफर करने में सिर्फ 2 घंटे लगते हैं। वहीं, इस नेशनल हाईवे के निर्माण के बाद जींद के नागरिकों के लिए दिल्ली और राजस्थान की यात्रा करना भी सरल हो गया है।

रोहतक-जींद-नरवाना जींद को रोहतक शहर को रोहतक और नरवाना से जोड़ने वाला नेशनल राजमार्ग 352 पूरा हो गया है। जबकि चार लेन वाले नेशनल हाईवे का तोहफा कई साल पहले जींद के निवासियों को दिया जा चुका है। पर इसका निमार्ण कार्य अब तक शुरू नहीं किया जा सका है। लगता है, आने वाले समय में ये नेशनल हाईवे पूरा हो जाएगा और जींद के शहरवासियों को अपनी सेवाएं मुहैया करवा पाएगा। बता दें कि, इस नेशनल हाईवे के निर्माण के बाद जींद के लोगों के लिए रोहतक से दिल्ली के साथ-साथ पंजाब तक की यात्रा करना सरल हो जाएगा।

 

वहीं बता दें कि, पानीपत-डबवाली नेशनल हाईवे का निमार्ण आने वाले समय में जल्द ही शुरू होगा। इस नेशनल हाईवे (Jind National Highway) के निर्माण को मंजूरी दे दी गई है और सर्वेक्षण कार्य भी शुरू कर दिया गया है। इस राजमार्ग के बनने के बाद करनाल, जींद, पानीपत, फतेहबाद और सिरसा को जोड़ने का कार्य पूरा हो जाएगा। यह नेशनल हाईवे यूपी के मुजफ्फरनगर से हरियाणा के सिरसा तक बनाया जाएगा। इस सड़क के बनने के बाद जींद के कपास व्यापारियांे को सिरसा आने-जाने में काफी सुविधा मिल जाएगी।

वहीं जम्मू-कटरा-दिल्ली नेशनल हाईवे का निर्माण एनएचएआई के द्वारा किया जा रहा है। जबकि इस राजमार्ग (Jind National Highway) के बनने के बाद हरियाणा के कई जिलें यातायात से मुक्त हो सकेंगे। नेशनल हाईवे के निर्माण के बाद जींद जिला का विकास एक बार फिर गति पकड़ रहा है। बता दें कि, इस नेशनल हाईवे के निर्माण के बाद और जींद का जुड़ाव के साथ, उधमियों को भी नजर इस नेशनल हाईवे को स्थापित करने पर होगी।

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Haryana Private School Closed : हरियाणा में हजारों की तादात में निजी स्कूल होंगे बंद, एमआईएस ने जारी किया आदेश

Haryana Private School Closed : हरियाणा के महेद्रगढ़ के कनीना में स्कूल बस दुर्घटना के बाद हरियाणा सरकार और शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों पर पूरी तरह एक्शन ले रही है। शिक्षा विभाग ने इस तरह शिकंजा कसना शुरू कर दिया है कि, क्लस्टर स्तर पर टीमों का गठन करके ! उन्हें चेकिंग अभियान चलाने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं।

परिवहन और शिक्षा विभाग स्कूली वाहनों की फिटनेस जांच कर रहा है। जबकि शिक्षा निदेशालय ने राज्य भर में चल रहे 4500 गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी कर दिया है।

बता दें कि, बेसिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों से गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों के बारे में रिपोर्ट मांगी है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को लिख पत्र में उन्होंने गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों के एमआईएस पोर्टल को बंद करने के लिए कहा है। दरअसल, एमआईएस पोर्टल पर उपलब्ध मान्यता प्राप्त और गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों की सूची मुख्यालय को भेजने के निर्देश दिए है।

 

गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों पर हरियणा सरकार पहले ही अपना रूख स्पष्ट तय कर चुकी है। पर निजी स्कूल (Haryana Private School Closed) संचालक लगातार मान्यता के लिए प्रयास कर रहे थे। सरकार की सख्तियों के बाद, निजी स्कूल संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने सीएम नायब सैनी को एक ज्ञापन सौंपा था।

ज्ञापन में निजी स्कूलों (Haryana Private School Closed) को बंद नहीं करने, 10 साल के बाद स्थानीय मान्यता प्राप्त स्कूलों की मान्यता समीक्षा के आदेश को रद्द करने और स्कूल समितियों पर लगाए गए जुर्माने को माफ करने की मांग की गई थी। उस समय सीएम ने आश्वासन दिया था कि, कोई भी स्कूल बंद नहीं किया जाएगा।

 

हरियाणा स्कूल शिक्षा नियम सन् 2003 के मुताबिक, अगर कोई स्कूल शर्तों को पूरा किए बिना संचालित होता है, तो इसे अपराध माना जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसलिए अस्थायी रूप से मान्यता प्राप्त स्कूलों को नए सत्र में प्रवेश लेने की अनुमति प्रदान तभी कि जाएगी, जब यें शर्तों को पूरा करेंगे।

इस प्रकार हरियाणा शिक्षा विभाग के द्वारा मान्यता प्राप्त छोटे और बड़े गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों (Haryana Private School Closed) पर छापे मारने के लिए गु्रपों का गठन किया गया है। यें गु्रप जहां गैर-मान्यता स्कूलों में कक्षाएं आयोजित की जा रही हैं, वहां छापे-मारी करेंगे। यानी, टीम के सदस्य अपने समूह में स्कूलों का निरीक्षण करेंगे और अवैध रूप से चलाए जा रहे स्कूलों को बंद करा देंगे।

बड़ी संख्या में ऐसे स्कूल हैं जिन्हें छोटी कक्षाओ की मान्यता प्राप्त है, पर वे बड़ी कक्षाओं में प्रवेश दे रहे हैं। बता दें कि, अब तक 282 गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों (Haryana Private School Closed) की पहचान की गई है! जिन्हें आदेशों के बाद बंद कर दिया जाएगा।

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Indian Currency vs Dollar : साल 2027 तक भारतीय रुपये की कीमत डॉलर के मुकाबले बढ़ेगी वैल्यू ? आजादी से पहले बराबर थी दोनों की वैल्यू

Indian Currency vs Dollar : डॉलर के प्रति रूपिए की कमज़ोर हालोतों को देखते हुए, भारत दुनियाभर में लेन-देन और निवेश के लिए तेजी से भारतीय रुपये के उपयोग को बढ़ा रहा है। इसी मकसद से पिछले साल सरकार ने फॉरेन ट्रेड पॉलिसी का ऐलान किया था ताकि वर्ल्ड वाइड विदेश वाणिज्य परिचालन में घरेलू मुद्रा का इस्तेमाल बढ़ाया जा सके।

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारत के रुपये की कीमत 83.15 रुपये (Indian Currency vs Dollar) है और आने वाले सालों में इसमें कमी आएगी या बढ़ोतरी, इसे लेकर एक्सपर्ट्स ने अनुमान लगाया है।

गौरतलब है की, आजादी से पहले भारतीय रुपये और अमेरिकी डॉलर की कीमत बराबर हुआ करती थी। यानी भारत का एक रुपया अमेरिका के एक डॉलर (Indian Currency vs Dollar) के बराबर होता था। लेकिन आजादी के बाद इसमें बड़ी तेजी से बदलाव आया और आज भारत के 83.15 रुपये एक अमेरिकी डॉलर के बराबर हैं।

 

2027 तक भारत का रुपिया डॉलर के प्रति कितना गिर जाएगा ?

एक्सपर्ट्स के अनुमान के अनुसार, 2027 तक डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये (Indian Currency vs Dollar) की वैल्यू में लगातार कमी आएगी और यह 90 रुपये से भी और नीचे चला जाएगा। एक्पर्ट्स ने रुपये की वैल्यू को लेकर लंबे समय की भविष्यवाणी की है।

वॉलेट इनवेस्टर ने भारतीय रुपये को लेकर भविष्यवाणी करते हुए कहा है की, 2025 में भारतीय रुपये में फिर से कमी आएगी और साल के अंत तक एक डॉलर की कीमत 88.276 रुपये के बराबर हो जाएगी और यह कमी जारी रहेगी। साल 2027 के नवंबर में एक डॉलर की वैल्यू 91.78 इंडियन रुपये (Indian Currency vs Dollar) के बराबर हो जाएगी। जबकि एक्सपर्ट्स का यह भी मानना है कि 2032 तक यह आंकड़ा 92 रुपये तक पहुंच जाएगा।

 

आजादी से पहले भारत का रुपिया डॉलर के प्रति अब तक का उतार- चढ़ाव ग्राफ ?

आजाद के बाद भारतीय रुपये की कीमत में बड़ा बदलाव देखा गया है। उससे पहले भारत के एक रुपये की कीमत 1 अमेरिकी डॉलर के बराबर थी। कुछ लोगों का तो यह भी कहना है कि, रुपये की कीमत डॉलर से ज्यादा हुआ करी थी, लेकिन ऐसा माना जाता है कि मीट्रिक सिस्टम आने से पहले सारी करेंसी की वैल्यू एक समान थी। करेंसी की वैल्यू सेट करने के लिए साल 1944 में ब्रिटन वुड्स एग्रीमेंट लाया गया।

एग्रीमेंट के तहत सभी देशों में सहमति बनाई गई और वैश्विक करेंसी की वैल्यू सेट की गई। साल 1947 के बाद रुपये (Indian Currency vs Dollar) में कमी आनी शुरू हो गई। कंटेंपरेरी मीट्रिक सिस्टम के अनुसार, साल 1913 में एक डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की कीमत 0.09 रुपये थी। 1948 में यह 3.31 रुपये हो गई। इसके बाद 1949 में 3.67 रुपये और 1970 में 7.50 रुपये पर पहुंच गई।

बता दें की, साल 2022 में इंडियन रुपये में बड़ी गिरावट देखने को मिली और डॉलर के मुकाबले रूपिए के वैल्यू में 11 फीसदी की कमी आ गई। 2022 के शुरू में यह 74.40 रुपये था और 2023 में रुपया डॉलर के मुकाबले 83.15 रुपये पहुंच गया।

पिछले साल 20 अक्टूबर को अमेरिका की कड़ी मोनेट्री पॉलिसी की वजह से रुपये को बड़ा झटका लगा और इसकी कीमत 82.77 रुपये पहुंच गई। 1948 से अब तक भारतीय रुपया (Indian Currency vs Dollar) डॉलर के मुकाबले 79.46 रुपये गिरा है।

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Jind news : जींद की प्रतिभा ने हासिल किया यूपीएससी में 356 वां रैंक, पिता एएसआई ने बांटी खुशी से मिठाई

Jind news : जींद के गांव जुलानी के बेटी प्रतिभा नें यूपीएससी में 356 वां रैंक हासिल करके देश में गांव और जिला का नाम रोशन किया। कहा जाता है कि, प्रतिभा के दादा गुरू स्व. धन सिंह का इस क्षेत्र में अपना नाम और प्रभाव था। प्रतिभा की इस तरह कि सूचना मिलने पर दिल्ली पुलिस में एएसआई जवाहर सिंह का खुशी का ठिकाना नही रहा। पिता ने अपने सके संबधीं एंव रिश्तेदारों को प्रतिभा की सफलता के बारे में सूचित करते हुए खुशी जाहिर की और मिठाई बांटी।

 

प्रतिभा के परिवार के बारें में

जींद (Jind news) के गांव जुलानी के प्रतिभा के दादा गुरू स्व. धन सिंह का इस क्षेत्र में काफी बड़ा नाम था। जबकि प्रतिभा का बड़ा भाई मंदीप विदेश मंत्रालय में कार्यरत हैं। प्रतिभा का पिता जवाहर सिंह दिल्ली पुलिस में एएसआई हैं। जबकि मां संतोष स्वास्थ्य विभाग गुरूग्राम में स्टाफ नर्स हैं।

 

प्रतिभा के जीवन के बारें में

गौरतलब है कि, प्रतिभा ने जींद (Jind news) के आदर्श विधा मंदिर में पांचवी कक्षा तक पढ़ाई की और फिर नौवीं कक्षा तक इंडस पब्लिक स्कूल में पढ़ाई की। उसके बाद प्रतिभा का परिवार गुरूग्राम चला गया। वहां से प्रतिभा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीएससी और गुड़गांव विश्वविद्यालय से एमएससी किया। उन्होंने वर्ष 2020 में आईआईटी  मुंबई से गणित में एमएससी की।

प्रतिभा हमेशा शिक्षा में होनहार और संघर्षशील छात्रा रही है। उन्होंने सभी बोर्डों और उच्च शिक्षा में 80 प्रतिशत से अधिक अंकों के साथ उत्तीर्ण किया है। यूपीएससी में चयनित होना प्रतिभा का सपना था। पहले प्रयास में वह सफल नहीं हुई, लेकिन उन्होंने हार नी मानी दूसरे प्रयास में 326 वां रैंक हासिल कर अपने माता-पिता के साथ गांव और जिला का नाम प्रदेश एंव देशभर में नाम रोशन किया।

माता-पिता ने प्रतिभा का समय-समय पर पूरा समर्थन किया। प्रतिभा को अध्ययन करने के लिए भी अधिक समय दिया, जिससे प्रतिभा ने स्व-अध्ययन के साथ समसामयिक मामलों पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि, गुरूग्राम में वह जिस घर में रहती हैं, उसी बिल्डिंग के एक मंजिल पर एक युवक यूपीएससी की तैयारी करता था। उसके चुनने के बाद में उससे प्रेरित हुई।

प्रतिभा ने आगे कहा, मेरी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को देती हूं ! जिन्हें हर समय मेरा पूरा सर्पोट किया। वहीं जुलानी (Jind news) के निवासी केवल कृष्ण जुलानी ने कहा कि, गांव की बेटी प्रतिभा ने न केवल गांव का बल्कि राज्य एंव देश का नाम रोशन किया है, जिससे उन्हें अपनी प्रतिभा पर गर्व है।

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Pencil Packing Work Home : ये कंपनी दे रही है, घर बैठे 3-4 घंटे का काम, मिलेंगे एक दिन के 700 से 800 रूपिए

Pencil Packing Work Home : देश भर में एक रिपोर्ट के अनुसार 82 प्रतिशत लोग बेरोजगार है। लोग नौकरी की तलाश में दर दर ठोकर खा रहे है। इसी बेरोजगारी के बीच लोग घर बैठे काम करके अच्छी आय कमाने की तलाश में हैं। हम आपके लिए एक नया और अद्वितीय तरीका लेकर आए हैं, जिसमें आप घर पर ही काम करके ₹20000 तक कमा सकते हैं। यानी आप घर बैठे तीन चार घंटे में सात सौ से आठ सौ रूपिए कमा सकते हो।

 

घर बैठे कैसे करें पेंसिल पैकिंग का काम ?

पेंसिल पैकिंग (Pencil Packing Work Home) काम घर बैठे करने के लिए एक शानदार विकल्प हो सकता है, जिससे आप ₹20000 तक की आय कमा सकते हैं। यह काम बहुत ही सरल और आसान है, और इसे कोई भी परिवार का सदस्य कर सकता है।

इस काम को करने के लिए कोई खास योग्यता की आवश्यकता नहीं होती। इसे करने के लिए आपको पेंसिल्स को पैक करना होगा और इन्हें बॉक्स में संग्रहित करना होगा। इसके लिए आपको कोई खास मशीनरी या सामग्री की आवश्यकता नहीं होती।

इसके लिए आपको एक छोटी सी जगह या टेबल की आवश्यकता होती है जहां आप पैकिंग (Pencil Packing Work Home) कार्य कर सकते हैं। इस तरह से, घर पर ही इस काम को शुरू करके आप अच्छी कमाई कर सकते हैं।

 

पेंसिल पैकिंग का काम किस कंपनी के माध्यम से मिलेगा ?

गौरतलब है की, पेंसिल पैकिंग का काम आप अपने घर या अपनी दुकान में शुरू कर सकते हैं। यह काम आपको नटराज पेंसिल कंपनी के माध्यम से मिलेगा क्योंकि नटराज कंपनी पेंसिल (Pencil Packing Work Home) बनाने का काम करती है और पैकिंग है, तो यह काम आम लोगों को दे रही है। अगर आप नटराज कंपनी से डायरेक्ट अनपैकिंग पेंसिल डिलीवरी लेते हैं और पैकिंग का काम करके वापस कंपनी में ही डिलीवरी करते हैं, तो आपको एक निश्चित अमाउंट यानी इनकम मिलेगी।

 

पेंसिल पैकिंग का काम की प्रकिया कैसे चलेगी ?

👉सबसे पहले आप नटराज पेंसिल कंपनी (Pencil Packing Work Home) या फैक्ट्री में संपर्क करें।

👉 इसके बाद कंपनी से पेंसिल प्राप्त करें यानी पेंसिल की डिलीवरी ले और पैकिंग हेतु घर पर ही कार्य शुरू करें।

👉अब इसके बाद आप इसे दो तरह से पैकिंग के बाद भेज सकते हैं।

👉 आप पहले वापस पैकिंग के बाद डिलीवरी कंपनी को दें और दूसरा पैकिंग के बाद पेंसिल सेल्समैन के द्वारा अलग-अलग स्टोर पर बिकने हेतु भेजें, दोनों ही स्थिति में आपको पैसा मिलेगा।

👉 बता दें की, पेंसिल पैकिंग का काम अब नटराज कंपनी द्वारा आम लोगों को दिया जा रहा है।

👉पेंसिल पैकिंग के लिए पेंसिल फैक्ट्री से प्राप्त करें और घर पर ही काम शुरू करें इसमें आपको पैकिंग है तो कंपनी के ब्रांड वाले स्टीकर और पैकिंग पूछ और पैकिंग कार्टून सारे कंपनी से ही प्राप्त करने हैं और पैकिंग हेतु टेप और पैकिंग मशीन कंपनी से ही मिलेगी।

👉इस प्रकार अब कोई भी अनपढ़ से अनपढ़ व्यक्ति या महिला या पुरुष या अन्य बच्चे भी इस कार्य को घर पर कर सकते हैं और पेंसिल पैकिंग का काम शुरू करें जिससे आपको ₹20000 या उससे अधिक इनकम हो सकती है जो आपके पैकिंग के आधार पर होगी।

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Haryana News : कच्चे कर्मचारियों के लिए आई खुशखबरी! इस महीने होंगे कच्चे कर्मचारी पक्के

Haryana News : हरियाणा में काम कर रहे कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के लिए जो नीति तैयार की जा रही है उसमें अधिकारी बाधा डाल रहे हैं। हाई कोर्ट की तरफ से आदेश दे दिया गया है कि पिछले 10 सालों से जो कर्मचारी काम कर रहे हैं। उन्हें पक्का करने के कोई नीति बनाई जाए इसके लिए सरकार ने 13 मार्च को सभी विभागों को 5 साल से ज्यादा काम कर रहे कच्चे कर्मचारीयो लिस्ट मांगी थी।

सरकार का कहना है कि, उन्होंने 1 महीने पहले सभी विभागों को कच्चे कर्मचारियों (Haryana News) का ब्यौरा मांगा था। परंतु किसी विभाग ने इस पर अमल नहीं करते हुए कोई भी ब्यौरा नहीं दिया, परंतु अब सरकार ने कदम उठाया है कि जिस भी विभाग में कच्चे कर्मचारी है उनके सभी का ब्यौरा जल्द से जल्द सरकार के पास भेज दिया जाए।

 

हाई कोर्ट निर्धारित फॉर्मेट में एक हफ्ते में आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट वन और आउटसोर्सिंग पॉलिसी 2 के तहत लगे सभी कर्मचारियों का ब्यौरा सरकार (Haryana News) को देना होगा B, C और D ग्रुप के पदों पर 5 से 10 साल से कार्य कर रहे कच्चे कर्मचारी की जानकारी जल्द से जल्द सरकार को देने होगा।

 

जारी परफॉर्मेंस में 7 साल से ज्यादा मगर 10 साल से काम की सेवा अवधि वाले कच्चे कर्मचारियों की कुल संख्या के बारे में जानकारी मांगी गई है। इसी प्रकार से अनुबंध कर्मचारियों का ब्योरा भी हरियाणा सरकार (Haryana News) ने मांगा है। जिनकी सेवा अवधि 5 साल से ज्यादा लेकिन 7 साल से कम है। ऐसे अनुबंध कर्मचारियों को भी वर्गीकृत किया जाएगा जिन्होंने ग्रुप C और D में 10 साल से ज्यादा समय के लिए काम किया है।

कच्चे कर्मचारियों (Haryana News) को लेकर हाईकोर्ट ने कड़ा फैसला और कड़ा कदम उठाया हुआ है। सरकार ने कच्चे कर्मचारियों के लिए एक अलग ऑर्डर बनाने का शपथ पत्र दिया था, जिसमें कच्चे कर्मचारियों को नियमित न कर गेस्ट अध्यापकों की तरह 58 साल तक सेवाएं सुनिश्चित करने की बात कही थी। सरकार के जवाब पर हाई कोर्ट ने साफ कर दिया है कि, अलग ऑर्डर नहीं बल्कि एक Policy बनानी होगी।

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Jind News : गांव निडाना एंव ललित खेड़ा को उपमण्डल जुलाना में मिलाने को लेकर ग्रामीणों ने की सीएम से मुलाकात, एक-दो दिन में आ सकता है फैसला

Jind News : पिछले चार पांच दिनों से चल रहा हरियाणा के जिले जींद के निडाना गांव में, 152-डी फ्लाइओर ब्रिज के नीचे दे रहे ग्रामीण धरना की आवाज बुधवार को सीएम नायब सैनी तक पहुंच गई। बता दें कि, ग्रामीणों की मुख्य समस्या जींद तहसील के नजदीक लगते गांवों को बने नये उपमण्डल जुलाना में मिलाने को लेकर है। इसलिए पिछले चार पांच दिनों से गांव के लोग शांतिपूर्ण धरने पर बैठे हुए है।

ऐसें मे इस धरनें में गांवों के पुरूषों के साथ महिलाएं भी कंधे से कंधा मिलाकर शामिल हो रही हैं। इस बीच समाज के कई बड़े समाजसेवी भी ग्रामीणों के धरने को समर्थन करने भी आएं। वहीं गांव निडाना (Jind News) स्थानीय पंचायत के संरपंच भूपेन्द्र मलिक, ग्रामीणों के साथ मिलकर बुधवार को सीएम आवास पर सीएम से मुलाकात की और समस्याओं से रूबरू करवाते हुए सीएम नायब सैनी को मांग-पत्र यानी ज्ञापन सौंपा।

 

सीएम नायब सैनी ने ग्रामीणों को क्या आश्वासन दिया ?

सीएम नायब सैनी ने ग्रामीणों की समस्या को समझते हुए आश्वासन दिया कि, वें इस पर जींद जिला प्रशासन (Jind News) एंव जिला-विधायकों से विचार विमर्श करके एक – दो दिन में उनके फैसले पर अमल करेंगे, अगला आदेश जारी करेंगे।

 

ग्रामीणों को सीएम नायब सैनी से मुलाकात करवानें मे इस गांव के जवान ने किया सहयोग

ग्रामीणों की सीएम नायब सैनी से मुलाकात करवानें में निडाना गांव (Jind News) के गोंविद पुत्र बलराम सिंह ने सहयोग किया , जो कि सीएम कंमाडों की भर्ती में तैनात हैं। इसलिए उन्होंने अपने पैतृक गांव की समस्याओं को देखते हुए ग्रामीण-वासियो की सीएम से मुलाकात और ज्ञापन-पत्र सौंपने में सहयोग किया। जिससे सीएम ने ग्रामीणों की समस्याओं को सुना और उस पर फैसला करने के लिए आश्वासन दिया। दोनों गांव के ग्रामीणों ने कंमाडों गोंविद की इस भूमिका पर प्रेम भरा आभार किया।

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Cyber Crime : हरियाणा में साइबर फ्रॉड में शामिल 11 बैंक कर्मी गिरफ्तार, हजारों की तादात में मोबाइल नंबर किए ब्लॉक

Cyber Crime : जितनी जल्दी से डिजिटल का ट्रेंड चल रहा है, उतनी ही जल्दी से डिजिटल दुनिया में साइबर गिरोह का कारवां बढ़ रहा है। इसी बीच साइबर क्राइम (Cyber Crime) को रोकने के लिए, हरियाणा में साइबर अपराध करने वालों पर शिकंजा कसा गया है। इसका परिणाम भी दिखाई देने लगा है बहुत लाभार्थी लोग अब खुलकर हरियाणा पुलिस के इस प्रयास की सराहना भी करने लगे हैं।

 

देशभर में हरियाणा पुलिस का रैंक नंबर वन पर आया

बता दें की, साइबर अपराध नियंत्रण (Cyber Crime) को लेकर किए जा रहे अपने इन्हीं प्रयासों के चलते हरियाणा पुलिस सितंबर-2023 में जहां देशभर में 23वें स्थान पर थी। वहीं मार्च-2024 में प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार देशभर में पहले स्थान पर पहुंच गई है। परिणामस्वरूप साइबर अपराध नियंत्रण को लेकर हरियाणा में किए जा रहे कार्यों को अन्य राज्यों द्वारा लागू किया जा रहा है।

 

साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए किस मोबाइल ऐप प्रयोग किया गया ?

हरियाणा पुलिस द्वारा साइबर अपराधियों की धर- पकड़ को लेकर 1 अप्रैल से लेकर 10 अप्रैल तक आप्रेशन साइबर (Cyber Crime)आक्रमण के तहत प्रतिबिंब मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करते हुए साइबर अपराधियों की लोकेशन ट्रैक की गई और 84 साइबर अपराधियों को पकड़ा गया। इनमे से सबसे अधिक साइबर अपराधी नूंह जिला से पकड़े गए।

 

कितने साइबर मोबाइल नंबर ब्लॉक किए गए ?

इसके साथ ही हरियाणा पुलिस द्वारा टेलीकॉम कंपनियों के साथ तालमेल स्थापित करते हुए साइबर अपराध में संलिप्त 70 हजार मोबाइल नंबरों को ब्लॉक करवाया गया है। इतना ही नही, हरियाणा पुलिस ने साइबर अपराधियों को बैंक खातों के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाने वाले 11 बैंक कर्मचारियों को भी पकड़ने में ऐतिहासिक सफलता प्राप्त की है।

 

किस बैंक में फ्रॉड पकड़ा गया ?

हरियाणा पुलिस महनिदेशक की बैठक में बताया गया कि, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा वर्तमान में साइबर फ्रॉड (Cyber Crime) की गई लगभग 31 प्रतिशत राशि को फ्रिज किया जा रहा है जोकि सराहनीय है। इसके लिए पुलिस महानिदेशक ने स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया की टीम को बधाई दी और कहा कि वे अपने बैंक द्वारा इस दिशा में किए गए प्रयासों को अन्य बैंककर्मियों के साथ भी सांझा करें।

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