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Air India flight declared : कनाडा जाने वाली एयर इंडिया फ्लाइट में 250 यात्रियों का जमकर हुजूम मचा! ना भोजन और ना पानी की व्यवस्था मिली

Air India flight declared : कनाडा (Canada) के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया (Air India) की फ्लाइट को लेकर आज एयरपोर्ट पर जमकर हुजूम मचा। मौके पर फ्लाइट की उड़ान पहले कई घंटे विलंब की भेंट चढ़ी और फिर बाद में इसे रद्द कर दिया गया। परेशान यात्रियों ने एयरपोर्ट पर एयरलाइंस कर्मियों को जमकर खरी – खोटी सुनाई।

यात्रियों का आरोप है कि, एयरपोर्ट (Air India flight declared) पर जो यात्री फंसे रह गए, उनके लिए एयर इंडिया ने न पानी और न ही भोजन की व्यवस्था की जबकि उड़ान के इंतजार में बैठे करीब 250 यात्रीयों को परेशानी का सामना करना पड़ा। बाद में एयर इंडिया ने इस पूरे मामले पर खेद प्रकट किया।

 

कनाडा जाने वाली उड़ान संख्या AI- 187 आध घंटा से ज्यादा लेट हुई

बता दें की, एयर इंडिया (Air India flight declared) की दिल्ली से कनाडा के टोरंटो जाने वाली उड़ान संख्या AI- 187 को आईजीआई के टर्मिनल-3 से सोमवार देर रात करीब पौने चार बजे उड़ान भरनी थी। जबकि, अंतरराष्ट्रीय यात्रा होने के कारण यात्रियों को कस्टम व इमिग्रेशन से जुड़ी प्रक्रिया पूरी करनी होती है। इसे देखते हुए यात्री उड़ान के लिए तय समय से करीब 5 घंटा पहले एयरपोर्ट पर पहुंच गए।

तमाम प्रक्रिया पूरी करने के बाद जब यात्री बोर्डिंग करने वाले थे, तब उन्हें पता चला कि, उड़ान में अभी विलंब होगा। इस बीच यात्रियों को पता चला कि, यह उड़ान पिछले कई दिनों से तय समय से रवाना होने के बजाय करीब आधा घंटा की देरी से उड़ान भर रही है। यात्रियों को लगा कि, शायद उन्हें भी आधा से एक घंटा की देरी उड़ान भरने में हो। वे सब्र से प्रतीक्षा करने लगे। लेकिन आधे से एक घंटे का उनका अंदाजा बिल्कुल गलत साबित हुआ।

 

फ्लाईट में यात्रियों को न भोजन, न ही पानी की व्यवस्था मिली

फ्लाईट में यात्री जब भी एयर इंडिया (Air India flight declared) वाले से भोजन और पानी की व्यवस्था बारे में पूछते तो, यात्रियों को कर्मचारियों की तरफ से संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इस बीच यात्रियों का आरोप है कि वस्तुस्थिति से अवगत कराने के बजाय कर्मियों की व्यवस्था खाने के प्रति काफी फिजूल था। इसलिए वें यात्रियों को सहयोग नहीं कर रहे थे। इस प्रकार यात्रियों ने हंगामा शुरू करना कर दिया। यात्रियों का आरोप है कि, घंटों इंतजार करने के दौरान भी उन्हें न तो भोजन, न तो पानी देना एयर इंडिया वालों ने हमें मुनासिब समझा।

 

यात्रियों ने वीडियो को एक्स हैंडल पर साझा किया

इस पूरे प्रकरण पर संजय मिश्रा नामक व्यक्ति ने अपने एक्स हैंडल से पोस्ट करते हुए लिखा कि, विमान को रद्द करने के बाद यात्रियों के लिए पानी व भोजन तक की व्यवस्था नहीं कि जा रही है।

 

किराया रिफंड से बढ़ा यात्रियों का गुस्सा

एक यात्री ने बताया कि, उनके स्वजन को इस उड़ान से कनाडा जाना था। एयर इंडिया कर्मियों पर जब यात्रियों ने दबाव बनाया तो उन्होंने किराया रिफंड की बात शुरू कर दी। लेकिन किराया रिफंड से यात्रियों की परेशानी और बढ़ सकती थी, जिससे उन्हें एयर इंडिया के कर्मचारियों पर गुस्सा आया । जबकि एयरलाइंस (Air India flight declared) को यात्रियों के लिए किसी अन्य उड़ान का इंतजाम करना चाहिए था, लेकिन वे किसी की सुन ही नहीं रहे थे। इस प्रकार पूरा मामला निबटने के बाद, काफी कोशिश से कुछ यात्रियों को करीब 10 दिन के बाद का टिकट एयर इंडिया ने उपलब्ध कराया।

 

एक्स पर वीडियो वायरल होने से एयर इंडिया ने खेत चताया

इस बीच सोशल मीडिया प्लेटफ्रॉम एक्स पर ही उड़ान संख्या एआई 187 को लेकर ही एक यात्री ने पोस्ट करते हुए लिखा है कि, दिल्ली से टोरंटो की उड़ान के दौरान इस विमान में न तो कॉफी, न तो पानी, न तो टॉयलेट पेपर की सुविधा है। देखो, अंतरराष्ट्रीय उड़ान (Air India flight declared) की ऐसी हालत है। इस पोस्ट के उत्तर में एयर इंडिया ने यात्री से खेद प्रकट करते हुए, इस उड़ान से जुड़ी पूरी सूचना मांगी है।

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Jind news : मैरिज पैलेस में चल रहा था इंटरनेशनल स्कूल, cm फ्लाइंग ने मारी रेड, 208 बच्चे, नहीं मिला रेजिस्ट्रेशन

Jind news : हरियाणा के जींद के नरवाना में कैनाल रोड पर सीएम फ्लाइंग तथा शिक्षा विभाग की संयुक्त टीम ने डीबीके इंटरनेशनल स्कूल में छापेमारी की। जांच में स्कूल का कोई रजिस्ट्रेशन नहीं मिला। टीम ने विस्तृत रिपोर्ट बना कर मुख्यालय को भेज दी है और शिक्षा विभाग ने स्कूल संचालक को नोटिस जारी किया है। आगामी कार्रवाई शिक्षा विभाग द्वारा अमल में लाई जाएगी।

सीएम फ्लाइंग के डीएसपी रविंद्र कुमार ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि नरवाना (Jind news ) के कैनाल रोड पर बना मान्यता के डीबीके इंटरनेशल नाम से स्कूल चलाया जा रहा है।

जिसके आधार पर सीएम फ्लाइंग (Jind news ) के सब इंसपेक्टर चरणसिंह के नेतृत्व में छापामार टीम का गठन किया गया। जिसमें एएसआई खुशीराम तथा शिक्षा विभाग के खंड शिक्षा अधिकार सुरेश नैन, लिपिक पवन को भी शामिल किया गया। टीम ने जब स्कूल में दस्तक दी तो वह मैरिज हाल में चलता पाया गया। नर्सरी से चौथी कक्षा तक स्कूल रिकार्ड 208 बच्चों का दाखिला पाया गया।

 

स्कूल में 172 छात्र हाजिर पाए गए। स्कूल की मान्यता से दस्तावेज मांगे जाने पर स्कूल संचालक उन्हें दिखाने में नाकाम रहा। फायर सेफ्टी, पीने के पानी, साफ सफाई, बिल्डिंग सेफ्टी सर्टिफिकेट से संबंधित को कोई दस्तावेज नही मिला। ना ही सोसायटी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट मेरिज पैलेस (Jind news ) का कोई किरायानामा तथा पट्टे से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत कर पाया। जिस पर सीएम फ्लाइंग ने विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय को भेज दी है। वहीं शिक्षा विभाग ने स्कूल संचालक को नोटिस जारी किया है।

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Gurugram wine drinks story : सरकार की कमाई में हो रही है बल्ले! बल्ले! पिछले 10 महीनों में 600 करोड़ की शराब पी गए गुरूग्राम के लोग

Gurugram wine drinks story : एक तरफ सरकार टीवी और अन्य संचार के माध्यमों पर शराब निरोधक विज्ञापन छपवाती है, दूसरी शराब का कारोबार दिन-प्रतिदिन बढ़ा रही है। हाल ही में जारी एक्साइज विभाग के आंकड़े बताते हैं कि गुरूग्राम के लोगों ने पिछले 10 महीनों में लगभग 6 हजार करोड़ रूपये की शराब का सेवन किया है। इस भारी खपत ने केवल स्थानीय बाजार में व्यापक प्रभाव डाला है, बल्कि एक्साइज राजस्व में भी उल्लेखनीय वृद्धि कर रहा है।

 

टैक्स रेवेन्यू में बढ़ोतरी

बता दें कि 2023-2024 के दौरान एक्साइज विभाग ने जो टैक्स वसूली की है, उसमें पिछले साल की तुलना में 70 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है। यह बढ़ोतरी न केवल शराब (Gurugram wine drinks story) की बढ़ती खपत को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि, कैसे शराब व्यवसाय से शहर के आर्थिक ढांचे पर प्रभाव पड़ रहा है।

 

नई एक्साइज नीधि के प्रभाव

गौरतलब है कि, 12 जून 2024 को नई पॉलिसी लागू होने वाली है। जबकि लागू करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी। इस नई नीधि के अनुसार बड़े परिवर्तनों की संभावना कम है, पर यह नीधि शहर में शराब की बिक्रि और उपभोगताओं पर डाल सकती है।

 

शराब बाजार का विस्तार इस प्रकार बढ़ा

गुरूग्राम में शराब का बाजार विस्तार ईस्ट जोन और वेस्ट जोन के वेंडर्स का हाथ है। गुरूग्राम में शराब (Gurugram wine drinks story) के व्यापार में ईस्ट और वेस्ट जोन में कुल 245 वेंडर्स को प्रत्येक का दो वाइन शॉप खोलने की अनुमति है, जिससे शहर में शराब की उपलब्धता और भी सरल हो गई है। वेस्ट जोन में तो इंडियन मेड लीकर का कोटा पिछले साल के मुकाबले बढ़ा है। जबकि शहर की बढ़ती मांग को पूरा करने में सहायक हो रहा है।

 

शराब का इस तरह का व्यापार से बढ़ सकती है चुनौतियां

एक्साइज विभाग के अनुसार, आने वाले समय में शराब (Gurugram wine drinks story) की खपत में और वृद्धि होने की संभावना है, जिससे रेवेन्यू में भी उत्तरोत्तर वृद्धि होगी। यह बढ़ती खपत शहर की आर्थिक स्थिति पर गहरा प्रभाव डालेगी, और यह एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ सकती है। व्यवसायी और प्रशासन को इस बढ़ती खपत को संभालने के लिए नई रणनीतियों और नीतियों का विकास करना होगा। ताकि सामाजिक और आर्थिक प्रभावों को संतुलित किया जा सके।

 

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Jind private school bas ban : जींद में 10 साल पुरानी स्कूली बसों पर लगेगी पाबंदी, डीसी ने जारी किए ये आदेश

Jind private school bus ban : हरियाणा सरकार के आदेशों अनुसार, जिला जींद में 10 साल से अधिक पुरानी बसों को चलने की अनुमति नहीं मिलेगी। हरियाणा सरकार के आदेश को बयां करते हुए डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने बैठक के दौरान रखी हैं। जबकि, उन्होंने यह भी कहा है कि, 10 साल पुरानी बसों (Jind private school bus ban) की एनओसी बनवाकर एनसीआर से स्कूल संचालक बाहर जरूर बेच सकते हैं। इसके साथ ही निजी स्कूल संचालकों की मुसीबतें और ज्यादा बढ़ चुकी है।

 

जींद जिले में कितनी हैं स्कूल बसें ?

डीसी ने प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों को आदेश देते हुए कहा कि, विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा स्कूली वाहनों के लिए सड़क सुरक्षा एवं सुरक्षित स्कूल वाहन नीति बनाई गई है। जींद जिले में करीब 900 स्कूल बसें हैं। जिनमें से 50 से ज्यादा बसें 10 साल से ज्यादा पुरानी हैं। पुरानी बसें (Jind private school bus ban) ज्यादातर ग्रामीण इलाकों के निजी स्कूलों की हैं। बजट कम होने के कारण निजी स्कूल संचालक पुरानी बसें खरीद लेते हैं। जो मानकों पर खरी नहीं उतरती।

 

स्कूल वाहन नियमों का पूरी तरह से पालन करने के लिए डीसी ने दिया समय

बता दे की, महेंद्रगढ़ के किनाना में स्कूल बस पलटने के बाद से ही पूरे हरियाणा में ये सख्त कार्रवाईयां बढ़ रही है। इसके बाद से कई निजी स्कूल बंद हैं और सरकार व प्रशासन की सख्ती शांत होने का इंतजार कर रहे हैं। शिक्षा विभाग की टीमें भी स्कूलों का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रख रही हैं। स्कूल संचालकों (Jind private school bus ban) के आह्वान पर जिला प्रशासन एव डीसी ने नियम पूरे करने के लिए कुछ समय दिया है।

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Haryana Happy Card update : इतने रूपिए तक बन रहा हरियाणा रोडवेज का हैप्पी कार्ड, पूरे साल उठा सकते है बस सफर का मुफ्त लाभ

Haryana Happy Card update : हरियाणा सरकार रोड़वेज बसों से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एक खुशखबरी लेकर आई हैं, दरअसल जिनकी आय एक लाख रुपये वार्षिक हैं, उन लोगों के हैप्पी कार्ड बनाएं जा रहे हैं। सरकार ने 22.89 लाख परिवारों का कार्ड बनवाने के टारगेट रखा हैं।

अब हर दिन लोग बड़ी संख्या में इस कार्ड (Haryana Happy Card update) को पाने के लिए आवेदन कर रहें हैं। वहीं कार्ड की लागत 109 रुपये रखी गई हैं। इन हैप्पी कार्डों को प्रदेश के सभी 24 डिपो और 13 सब डिपो पर भेजा हैं, आवेदन करने वालों की बात करें तो एक अप्रैल तक प्रदेश में 7 लाख से ज्यादा लोग हैप्पी कार्ड के लिए आवेदन कर चुके हैं, प्रतिदिन पात्र लोगों द्वारा बड़ी संख्या में ऑनलाइन आवेदन किए प्रदेशभर में एक अप्रैल तक 2 लाख से ज्यादा हैप्पी कार्ड बन चुके है।

हैप्पी कार्ड से बस में कितने समय और किलोमीटर तक सफर कर सकते है ?

बता दें की, प्रतिदिन पात्र लोगों द्वारा बड़ी संख्या में ऑनलाइन आवेदन किए जा रहे हैं। 1000 किलोमीटर की यात्रा कर सकते हैं मुफ्त। अगर आपने हैप्पी कार्ड (Haryana Happy Card update) बनवा लिया हैं तो आप अपने इस कार्ड से हरियाणा रोडवेज बसों और हरियाणा रोडवेज से संबंधित बसों में एक साल में 1000 किलोमीटर तक की यात्रा मुफ्त कर सकते हैं। डिपो में आने के बाद आप 50 रुपये की फीस चुका कर अपना कार्ड प्राप्त कर सकते हैं।

कैसे रहेगी हैप्पी कार्ड की प्रोसेसिंग बस के सफर में ?

गौरतलब है की, हरियाणा अंत्योदय परिवार परिवहन योजना ( Haryana Antyodaya Family Transport Scheme) के माध्यम से एक लाख रुपये वार्षिक आय वालों को एक कार्ड दिया जा रहा हैं, यह कार्ड यात्री के लिए मुफ्त यात्रा की सुविधा देगा।

इसे हरियाणा रोडवेज बसों में मुफ्त यात्रा करने के लिए ई-टिकटिंग प्रणाली से जोड़ा गया हैं। बता दें कि यह एक स्मार्ट कार्ड है, हैप्पी कार्ड के लिए लाभार्थी को 50 रुपये का शुल्क देना होगा, कार्ड (Haryana Happy Card update) की लागत 109 रुपये रखी गई हैं, इसके अलावा कार्ड के वार्षिक रख रखाव 79 रुपये शुल्क भी वाहन किया जाएगा।

 

कौन बनवा सकता हैं, हरियाणा रोडवेज का हैप्पी कार्ड

👉हरियाणा के मूल निवासी ही इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
👉जो इस कार्ड का लाभ ले रहा है उस परिवार की वार्षिक आय एक लाख रुपये होनी चाहिए।
👉 बता दें की, अंत्योदन श्रेणी में आने वाले परिवार ही इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
👉 ध्यान रखें, परिवार पहचान पत्र में आय वेरीफाई होना जरूरी हैं।

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Jind National Highway : हरियाणा के इस जिले में लोगों को मिलेगी बड़ी राहत, जल्द ही बनाएं जाएंगे 6 नेशनल हाईवे

Jind National Highway : आज-कल हरियाणा में ज्यादें बाते होती हैं तो, नेशनल हाईवे की होती हैं। क्योंकि हरियाणा के हर जिले को किसी न किसी नेशनल हाईवे से जोड़ा जा रहा है। इसलिए इन दिनों हरियाणा में नेशनल हाईवे नेेटवर्क बिछाया जा रहा हैं। इसी प्रकार आने वाले समय मे हर एक शहर नेशनल हाईवे से जुड़ जाएगा।

विचारणीय है कि, नेशनल हाईवों (Jind National Highway) को किसी भी देश की रीढ़ माना जाता है, क्योेंकि देश से जुड़ी सभी आर्थिक संस्थाओं का समान परिवहन सुविधाओं के द्वारा नेशनल हाइवों पर एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाया जाता है, यदि किसी देश की सड़क की अच्छी आर्थिक संस्थाओं से जुड़ाव हैं, तो देश की अर्थव्यवस्था भी अच्छी है।

आपको बता दें कि, हम हरियाणा के जींद जिले की बात कर रहे हैं। जी हां, आप सही सुन रहें हैं! जहां आने वाले समय में 1-2 नहीं बल्कि 6-6 हाईवे से कनेक्टिविटी होने वाली है। जबकि विकास के मामले में काफी प्रगति हुई है, पर इन राजमार्गों के निर्माण से जींद शहर में विकास एक बार फिर से गति पकड़ने वाला है।

 

आपको पता ही होगा, जींद को हरियाणा की नाजनीतिक राजधानी के रूप में भी जाना जाता हैं। क्योंकि हरियाणा के सबसे सात पुराने जिलों में से एक जींद शहर भी है, जो अब विकास की गति को प्राप्त कर रहा है। इसके मुख्य कारण हैं, शहर से जुड़ने नेशनल राजमार्ग।

जब भी आप जींद शहर जाते हो, तो आपको जींद के नए सामान्य बस स्टेंड के पास सोनीपत से जींद तक 352 ए नेशनल राजमार्ग का निर्माण कार्य तेजी से चल रहे को देख पा रहे हैं। जबकि यह राजमार्ग आने वाले दिनों में जल्द ही तैयार हो जाएगा और लोगों को अपनी सेवाएं प्रदान करेगा। आपको बता दें कि, नेशनल हाईवे 352 ए सोनीपत को जींद से जोडे़गा। इसलिए इस नेशनल राजमार्ग का निर्माण कार्य जल्द पूरा हो जाएगा।

इस नेशनल हाईवे का निमार्ण भारतीय नेशनल राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI)  के तहत 2 अलग-अलग कंपनियों के द्वारा किया जा रहा है। जबकि इस नेशनल हाईवे की कुल लंबाई 80 कि.मी है, जिसे 2 भागों मंे विभाजित किया गया है। इसलिए इस नेशनल हाईवे का निमार्ण कार्य सोनीपत से गोहाना और गोहाना से जींद तक 2 भागों में चल रहा है।

 

आपको बता दें कि, दूसरी तरफ हरियाणा सरकार जींद और सोनीपत के बीच नेशनल राजमार्ग (Jind National Highway) बनाने जा रही है। इस नेशनल हाईवे के निमार्ण में कुल 170 करोड़ रूपये का खर्च आएगा। नेशनल हाईवे का निमार्ण केंद्र की सड़क निधि योजना के अनुसार किया जाएगा। जबकि जींद से पानीपत राजमार्ग बनने से प्रति-दिन यात्रा करने वाले यात्रियों का लाभ पहुुचेगा।

जींद में 152 डी जुड़ाव होने के बाद शहर के लोग इसका लुत्फ उठा रहे हैं। जबकि, 152 डी के निर्माण के बाद जींद (Jind National Highway) के निवासियों के लिए अंबाला और चंढ़ीगढ़ की यात्रा करना आसान हो गया है। बता दें कि, पहले अंबाला जाने में यात्रियों को 3 से 4 घंटे तक का समय लगता था। जबकि, 152 डी बनने के बाद अब यात्रियों को सफर करने में सिर्फ 2 घंटे लगते हैं। वहीं, इस नेशनल हाईवे के निर्माण के बाद जींद के नागरिकों के लिए दिल्ली और राजस्थान की यात्रा करना भी सरल हो गया है।

रोहतक-जींद-नरवाना जींद को रोहतक शहर को रोहतक और नरवाना से जोड़ने वाला नेशनल राजमार्ग 352 पूरा हो गया है। जबकि चार लेन वाले नेशनल हाईवे का तोहफा कई साल पहले जींद के निवासियों को दिया जा चुका है। पर इसका निमार्ण कार्य अब तक शुरू नहीं किया जा सका है। लगता है, आने वाले समय में ये नेशनल हाईवे पूरा हो जाएगा और जींद के शहरवासियों को अपनी सेवाएं मुहैया करवा पाएगा। बता दें कि, इस नेशनल हाईवे के निर्माण के बाद जींद के लोगों के लिए रोहतक से दिल्ली के साथ-साथ पंजाब तक की यात्रा करना सरल हो जाएगा।

 

वहीं बता दें कि, पानीपत-डबवाली नेशनल हाईवे का निमार्ण आने वाले समय में जल्द ही शुरू होगा। इस नेशनल हाईवे (Jind National Highway) के निर्माण को मंजूरी दे दी गई है और सर्वेक्षण कार्य भी शुरू कर दिया गया है। इस राजमार्ग के बनने के बाद करनाल, जींद, पानीपत, फतेहबाद और सिरसा को जोड़ने का कार्य पूरा हो जाएगा। यह नेशनल हाईवे यूपी के मुजफ्फरनगर से हरियाणा के सिरसा तक बनाया जाएगा। इस सड़क के बनने के बाद जींद के कपास व्यापारियांे को सिरसा आने-जाने में काफी सुविधा मिल जाएगी।

वहीं जम्मू-कटरा-दिल्ली नेशनल हाईवे का निर्माण एनएचएआई के द्वारा किया जा रहा है। जबकि इस राजमार्ग (Jind National Highway) के बनने के बाद हरियाणा के कई जिलें यातायात से मुक्त हो सकेंगे। नेशनल हाईवे के निर्माण के बाद जींद जिला का विकास एक बार फिर गति पकड़ रहा है। बता दें कि, इस नेशनल हाईवे के निर्माण के बाद और जींद का जुड़ाव के साथ, उधमियों को भी नजर इस नेशनल हाईवे को स्थापित करने पर होगी।

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Haryana Private School Closed : हरियाणा में हजारों की तादात में निजी स्कूल होंगे बंद, एमआईएस ने जारी किया आदेश

Haryana Private School Closed : हरियाणा के महेद्रगढ़ के कनीना में स्कूल बस दुर्घटना के बाद हरियाणा सरकार और शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों पर पूरी तरह एक्शन ले रही है। शिक्षा विभाग ने इस तरह शिकंजा कसना शुरू कर दिया है कि, क्लस्टर स्तर पर टीमों का गठन करके ! उन्हें चेकिंग अभियान चलाने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं।

परिवहन और शिक्षा विभाग स्कूली वाहनों की फिटनेस जांच कर रहा है। जबकि शिक्षा निदेशालय ने राज्य भर में चल रहे 4500 गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी कर दिया है।

बता दें कि, बेसिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों से गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों के बारे में रिपोर्ट मांगी है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को लिख पत्र में उन्होंने गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों के एमआईएस पोर्टल को बंद करने के लिए कहा है। दरअसल, एमआईएस पोर्टल पर उपलब्ध मान्यता प्राप्त और गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों की सूची मुख्यालय को भेजने के निर्देश दिए है।

 

गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों पर हरियणा सरकार पहले ही अपना रूख स्पष्ट तय कर चुकी है। पर निजी स्कूल (Haryana Private School Closed) संचालक लगातार मान्यता के लिए प्रयास कर रहे थे। सरकार की सख्तियों के बाद, निजी स्कूल संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने सीएम नायब सैनी को एक ज्ञापन सौंपा था।

ज्ञापन में निजी स्कूलों (Haryana Private School Closed) को बंद नहीं करने, 10 साल के बाद स्थानीय मान्यता प्राप्त स्कूलों की मान्यता समीक्षा के आदेश को रद्द करने और स्कूल समितियों पर लगाए गए जुर्माने को माफ करने की मांग की गई थी। उस समय सीएम ने आश्वासन दिया था कि, कोई भी स्कूल बंद नहीं किया जाएगा।

 

हरियाणा स्कूल शिक्षा नियम सन् 2003 के मुताबिक, अगर कोई स्कूल शर्तों को पूरा किए बिना संचालित होता है, तो इसे अपराध माना जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसलिए अस्थायी रूप से मान्यता प्राप्त स्कूलों को नए सत्र में प्रवेश लेने की अनुमति प्रदान तभी कि जाएगी, जब यें शर्तों को पूरा करेंगे।

इस प्रकार हरियाणा शिक्षा विभाग के द्वारा मान्यता प्राप्त छोटे और बड़े गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों (Haryana Private School Closed) पर छापे मारने के लिए गु्रपों का गठन किया गया है। यें गु्रप जहां गैर-मान्यता स्कूलों में कक्षाएं आयोजित की जा रही हैं, वहां छापे-मारी करेंगे। यानी, टीम के सदस्य अपने समूह में स्कूलों का निरीक्षण करेंगे और अवैध रूप से चलाए जा रहे स्कूलों को बंद करा देंगे।

बड़ी संख्या में ऐसे स्कूल हैं जिन्हें छोटी कक्षाओ की मान्यता प्राप्त है, पर वे बड़ी कक्षाओं में प्रवेश दे रहे हैं। बता दें कि, अब तक 282 गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों (Haryana Private School Closed) की पहचान की गई है! जिन्हें आदेशों के बाद बंद कर दिया जाएगा।

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Haryana News : कच्चे कर्मचारियों के लिए आई खुशखबरी! इस महीने होंगे कच्चे कर्मचारी पक्के

Haryana News : हरियाणा में काम कर रहे कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के लिए जो नीति तैयार की जा रही है उसमें अधिकारी बाधा डाल रहे हैं। हाई कोर्ट की तरफ से आदेश दे दिया गया है कि पिछले 10 सालों से जो कर्मचारी काम कर रहे हैं। उन्हें पक्का करने के कोई नीति बनाई जाए इसके लिए सरकार ने 13 मार्च को सभी विभागों को 5 साल से ज्यादा काम कर रहे कच्चे कर्मचारीयो लिस्ट मांगी थी।

सरकार का कहना है कि, उन्होंने 1 महीने पहले सभी विभागों को कच्चे कर्मचारियों (Haryana News) का ब्यौरा मांगा था। परंतु किसी विभाग ने इस पर अमल नहीं करते हुए कोई भी ब्यौरा नहीं दिया, परंतु अब सरकार ने कदम उठाया है कि जिस भी विभाग में कच्चे कर्मचारी है उनके सभी का ब्यौरा जल्द से जल्द सरकार के पास भेज दिया जाए।

 

हाई कोर्ट निर्धारित फॉर्मेट में एक हफ्ते में आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट वन और आउटसोर्सिंग पॉलिसी 2 के तहत लगे सभी कर्मचारियों का ब्यौरा सरकार (Haryana News) को देना होगा B, C और D ग्रुप के पदों पर 5 से 10 साल से कार्य कर रहे कच्चे कर्मचारी की जानकारी जल्द से जल्द सरकार को देने होगा।

 

जारी परफॉर्मेंस में 7 साल से ज्यादा मगर 10 साल से काम की सेवा अवधि वाले कच्चे कर्मचारियों की कुल संख्या के बारे में जानकारी मांगी गई है। इसी प्रकार से अनुबंध कर्मचारियों का ब्योरा भी हरियाणा सरकार (Haryana News) ने मांगा है। जिनकी सेवा अवधि 5 साल से ज्यादा लेकिन 7 साल से कम है। ऐसे अनुबंध कर्मचारियों को भी वर्गीकृत किया जाएगा जिन्होंने ग्रुप C और D में 10 साल से ज्यादा समय के लिए काम किया है।

कच्चे कर्मचारियों (Haryana News) को लेकर हाईकोर्ट ने कड़ा फैसला और कड़ा कदम उठाया हुआ है। सरकार ने कच्चे कर्मचारियों के लिए एक अलग ऑर्डर बनाने का शपथ पत्र दिया था, जिसमें कच्चे कर्मचारियों को नियमित न कर गेस्ट अध्यापकों की तरह 58 साल तक सेवाएं सुनिश्चित करने की बात कही थी। सरकार के जवाब पर हाई कोर्ट ने साफ कर दिया है कि, अलग ऑर्डर नहीं बल्कि एक Policy बनानी होगी।

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Froud UPI ID Payment : अगर पैसा ट्रांसफर गलत यूपीआई आईडी पे हो जाता है, तो ये करें काम, पाई-पाई पैसा मिलेगा वापस

Froud UPI ID Payment : आजकल डिजीटल पेमेंट का जमाना है। गांव के मोहले से लेकर शहर के बड़े बाजार तक लोग सामान खरीदते समय कैस देने की जगह यूपीआई स्कैन करके पेमेंट करते है। लेकिन पेमेंट करते समय लोग कई बार जल्दबाजी में भी कई बार गलती कर बैठते है। क्योंकि लोग गलत यूपीआई आईडी (Froud UPI ID Payment) पर पैसे ट्रांसफर कर बैठते है। लेकिन अब घबराने की जरूरत नहीं हैं। अब एक ऐसी स्कीम आ गई हैं, जिससे गलत आईडी पर भेजे हुए पैसे जल्द वाफिस आ जाते है।

देशभर में डिजिटल इंडिया का रूतबा जमा हुआ है। यही कारण है कि, देश में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस एक क्रांति की तरह काम कर रहा है। ऐेसें में इसने लेनदेन की आदत को पूरी तरह से बदल दिया हैं।

आपको बता दें कि यूपीआई ने सबकुछ बेहद आसान और तेज कर दिया है। आप कुछ क्षण में क्यूआर स्कैन करके पूरी सुरक्षा के साथ आपका पैसा ट्रांसफर और पेमेंट हो जाता है। दरअसल कि, कई बार लोग गलती से लोग किसी और के खातों में पैसा भेज देते हैं। उसके बाद परेशान होते हैं कि हमारे साथ स्कैम या धोका हो गया है।

मगर अब आपको घबराने की आवश्यकता नहीं हैं। अगर आपके साथ कुछ ऐसा होता है, तो आप ये काम करें। जिससे आपके पैसे वाफिस आ सकते हैं। आपको इसके लिए बैंक के सर्विस कॉल सेंटर में फोन करके शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा आप ऑनलाईन एनपीसीएल पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

 

क्या करें जब आपका पैसा गलत आईडी पर ट्रांसफर हो जाता है

अब आपको घबराने की जरूरत नहीं हैं। अब आपको बस अब ये काम करना हैं। जैसे ही गलत यूपीआई आईडी (Froud UPI ID Payment) पर पेमेंट हो जाए तो सबसे पहले बैंक के कस्टमर सर्विस सेंटर को कॉल करें। आप चाहे तो यूपीआई सर्विस प्रोवाइडर से भी कांटेक्ट कर सकते हैं। या फिर टोल फ्री नंबर 18001201740 पर फोन करके भी शिकायत की जा सकती है। जिसमें पेमेंट की पूरी जानकारी देनी होगी। आरबीआई ने भी इस बारे में लोगों को जानकारी देनी होगी।

आरबीआई के नियमों के अनुसार अपने पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर को सबसे पहले गलत पेमेंट की जानकारी देकर रिफंड जल्दी हासिल कर सकते हैं। गूगल पे, फोन पे, पेटीएम पे या यूपीआई (Froud UPI ID Payment) ऐप के कस्टमर केयर सपोर्ट में कॉल करके फॉर्ड मामले की जानकारी देनी होगी।

 

एनपीसीएल पोर्टल पर कैसें करे कंप्लेंट ?

अगर फिर भी आपको कहीं कस्टमर सर्विस से मदद नहीं मिल पाती है तो आप एनपीसीएल पोर्टल पर शिकायत कर सकते हैं। सबसे पहले आप एनपीसीएल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। वहां पर आप गेट इन टच पर क्लिक करें। इसके बाद मांगी गई सभी जानकारी दर्ज करें। इसमें नाम, ईमेल आईडी जैसी तमाम जानकारी भरना होगा। इसे अब सबमिट कर दें।

अब आगे बढ़ने पर Dispute Redressal Mechanism को सेलेक्ट करें। कंप्लेंट सेक्शन के तहत ट्रांजेक्शन डिटेल्स को एंटर करें। अब जिसमें यूपीआई ट्रांजेक्शन आईडी, वर्चुअल पेमेंट पता, अमाउंट ट्रांसफर्ड, डेट ऑफ ट्रांजेंक्शन, ईमेेल आईडी और मॉबाइल नंबर शामिल होगा। जहां कारण पूछा जाएगा वहां पर Incorrectly transferred to another account को सेलेक्ट करें। इसके बाद इसे सबमिट कर दें।

 

ट्रांजेक्शन के बाद कितने दिन में करें शिकायत ?

जब गलत ट्रांजेक्शन होता है तो तुरंत शिकायत करना होगा। ट्रांजेक्शन के तीन दिन के अंदर शिकायत करना आवश्यक हैं। अगर तीन दिन के बाद आप लेट हो जाते हो, शिकायत करने पर पैसा वापस आने की कोई गारंटी नहीं होती है।

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Credit Card UPI links : MasterCard और Visa Card से कैसे UPI पेमेंट करें, आए जानें पूरा प्रोसेस

Credit Card UPI links : आज देशभर में डिजीडल की दुनियां गांव की छोटी – छोटी दुकानों से लेकर शहर के बड़े बाजारों तक फैल गई है। जहां लोग कैश के बजाएं में ऑनलाइन पेमेंट को बढ़ावा दे रहे है। इस तरह मॉडर्न जमाने में ऑनलाइन पेमेंट (Credit Card UPI links) की संख्या में लगातार तेजी देखने को मिली है। डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार के साथ केंद्रीय बैंक (RBI) द्वारा भी कई कदम उठाए जा रहे हैं। 

 

वीजा और मास्टर कार्ड से भी यूपीआई पेमेंट कर सकतें हैं

आज हम यूपीआई पेमेंट (UPI Payment) के लिए आसानी से क्रेडिट कार्ड को भी लिंक कर सकते हैं। इसके अलावा जिन यूजर के पास Visa और Mastercard है,  वह भी यूपीआई पेमेंट कर सकते हैं।

बता दें की, डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार के साथ आरबीआई (RBI) द्वारा भी कई कदम उठाए जा रहे हैं। पहले जहां हमें यूपीआई पेमेंट (Credit Card UPI links) के लिए बैंक अकाउंट को लिंक करवाने की जरूरत होती थी।

आपको बता दें की, हम क्रेडिट कार्ड के जरिये भी आसानी से यूपीआई पेमेंट कर सकते हैं। इसका मतलब है कि अब अगर बैंक अकाउंट में पैसे नहीं है तब भी हम क्रेडिट कार्ड की मदद से यूपीआई पेमेंट कर सकते हैं।

 

डिजिटल पेमेंट से लोगों को क्या फायदा मिला ?

बाजार या ऑफिस जाते समय हम घर पर अपना पर्स भूल गए हैं तब भी हमें टेंशन नहीं होती है, क्योंकि डिजिटल के तहत हम आसानी से ऑनलाइन पेमेंट कर सकते हैं। ऑनलाइन पेमेंट के बाद नगदी रखने की चिंता पूरी तरह से खत्म हो गई है। अब हम कहीं भी बाजार या किराने की दुकान से 5 रुपये के सामान के लिए भी हम यूपीआई करतें हैं।

 

आरबीआई ने किन क्रेडिट कार्डों को अनुमति दी ?

क्रेडिट कार्ड से यूपीआई पेमेंट की जा सकती है, इसकी जानकारी देश के कई नागरिकों को सूचित नहीं है। आपको बता दें कि, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रुपे कार्ड (RuPay) को यूपीआई से लिंक (Credit Card UPI links) करने की अनुमति पिछले साल ही दे दी थी।

यानी कि जिन यूजर के पास रुपे क्रेडिट कार्ड है, वह यूपीआई पेमेंट (RuPay credit card UPI Transaction) कर सकते हैं।

 

किन बैंकों ने क्रेडिट कार्ड से यूपीआई लिंक्स शुरू किया था ?

भारत के कुछ नीची बैंकों में क्रेडिट कार्ड से यूपीआई पेमेंट का लिंक्स (Credit Card UPI links) शुरू किया था। जिसके माध्यम से आज लोगों के लिए यूपीआई पेमेंट करना आसान हो गया है।

तमाम बैंकों ने जैसे एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank), कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank), यस बैंक (Yes Bank) और फेडरल बैंक जैसे कई बैंक ने वर्चुअल रुपे क्रेडिट कार्ड (Virtual Rupay Credit Card) शुरू किया है।

यह एक तरह का क्रेडिट कार्ड (Credit Card) ही है। इस कार्ड के जरिये भी यूपीआई पेमेंट (UPI Payment) करना काफी आसान हो गया है।

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