Federation Cup Event 2024 : भारतीय स्टार जेवलिन थ्रोअर और हरियाणा के दिल का जिगरा नीरज चोपड़ा ने फेडरेशन कप में तहलका मचाया है। नीरज चोपड़ा ने भुवनेश्वर में चल रहे फेडरेशन कप के जेवलिन थ्रो (भाला फेंक) टूर्नामेंट में गोल्ड जीता है। टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड जीतने वाले नीरज ने फाइनल टूर्नामेंट में 82.27 मीटर दूर भाला फेंकते हुए गोल्ड पर कब्जा किया है। बता दें कि, नीरज का 3 साल में यह भारत में पहला टूर्नामेंट था।
जेवलिन थ्रो में कौन-कौन खिलाड़ी किस पोजीशन पर आये ?
भुवनेश्वर में चल रहे फेडरेशन कप के टूर्नामेंट (Federation Cup Event 2024) में जेवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा के अलावा किशोर जेना और डीपी मनू ने भी अपना जोर आजमाया। मनू ने 82.06 मीटर दूर भाला फेंककर सेकंड पोजीशन पर रहे। ऐसे में उन्होंने सिल्वर मेडल अपने नाम किया और उत्तम पाटिल थर्ड पोजीशन पर रहें। उन्होंने इस दौरान 78.39 मीटर दूर भाला फेंका और ब्रॉन्ज मेडल जीता है। बता दें कि, नीरज चोपड़ा और किशोर जेना पहले ही पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए क्वालिफाई कर चुके हैं। इसी वजह से, इन दोनों को सीधी फाइनल्स में जगह मिली है।
नीरज, मनू और जेना का प्रदर्शन
खिलाड़ी | पहला थ्रो
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दूसरा थ्रो
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तीसरा थ्रो
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चौथा थ्रो
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पांचवां थ्रो
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छठा थ्रो
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नीरज चोपड़ा | 82 मी. | फाउल
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81.29 मी. | 82.27 मी. | पास
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पास
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किशोर जेना | फाउल | 75.49 मी. | फाउल
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फाउल
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75 मी.
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75.25 मी.
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डीपी मनू | 82.06 मी. | 77.23 मी. | 81.43 मी.
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81.47 मी.
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81.47 मी.
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75 मी.
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नीरज चोपड़ा चोट से जूझ रहे हैं
कुछ दिन पहले नीरज चोपड़ा डायमंड लीग खेलकर आये थे, जहां उसका प्रर्दशन भी कमाल का रहा था। बता दें कि, इन दिनों नीरज लगातार चोट से जूझ रहे हैं। यही वजह है कि उन्होंने इस लीग में स्वयं पर ज्यादा प्रेशर नहीं आने दिया है। इसी दौरान उन्होंने चौथे थ्रो के बाद ही अपना सामान पैक कर लिया था। अब 28 मई को एक बार फिर नीरज मैदान में उतरेंगे और ओस्ट्रावा, चेकिया में टूर्नामेंट में भाग लेंगे।
पेरिस ओलंपिक की टिकट से चूके तमाम एथलीट्स
भुवनेश्वर में चल रहे फेडरेशन कप (Federation Cup Event 2024) जेवलिन थ्रो के फाइनल में नीरज के अलावा किशोर जेना, डीपी मनू, रोहित कुमार, शिवपाल सिंह, प्रमोद,उत्तम बालासाहेब पाटिल, कुंवर अजयराज सिंह, मनजिंदर सिंह, बिबिन एंटोनी, विकास यादव और विवेक कुमार ने हिस्सा लिया. नीरज-जेना के अलावा बाकी जेवलिन थ्रोअर्स के पास भी ओलंपिक में जगह बनाने का मौका था। बस उन एथलीट्स को 85.50 मीटर का दायरा पार करना था, परंतु कोई भी ऐसा नहीं कर पाया। ऐसे में वो पेरिस ओलंपिक की टिकट से चूक गए।