Haryana

Haryana Private School : आरटीई का उल्लंघन करने वाले स्कूलों पर 50 हजार फाइन करने के निर्देश

Haryana Private School :  हरियाणा में एडमिशन के लिए सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में लिए जाने वाले स्क्रीनिंग टेस्ट पर सरकार सख्त हो गई है। सूबे के स्कूल शिक्षा विभाग ने इसे राइट टू एजूकेशन का उल्लंघन बताया है।

 

बता दें की, सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों (Haryana Private School ) को इसको लेकर शिक्षा विभाग के मुख्यालय की ओर से लेटर जारी किया गया है। इसमें निर्देश दिए गए हैं कि यदि कोई भी स्कूल स्क्रीनिंग टेस्ट लेते हुए पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यालय के लेटर में दोषी स्कूलों के खिलाफ 25 से 50 हजार रुपए जुर्माना लगाने के भी आदेश दिए गए हैं।

 

जबकि , नए शिक्षण सत्र (Haryana Private School ) को लेकर इन दिनों स्कूलों में एडमिशन किए जा रहे हैं। शिक्षा विभाग को शिकायत मिली थी कि कुछ स्कूल बच्चों का स्क्रीनिंग टेस्ट ले रहे हैं, जो नियमों के विपरीत है। इसको देखते हुए विभाग की ओर से इस आशय का लेटर जारी किया गया है।

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The sycophant game of private school operators, the admission form was formatted with great effort in small font.

Haryana Private school Information : निजी स्कूल संचालकों का चापलूस खेल, दाखिला फॉर्म पर छोटे फॉन्ट में जान भुजकर फॉर्मेट किया

Haryana Private school Information : हरियाणा में निजी स्कूल संचालकों ने बचाव के लिए अंडरटेकिंग का नया खेल खेला है। महेंद्रगढ़ हादसे के बाद बसों की खामियां दूर करने के बजाय कुछ स्कूलों ने बचाव का रास्ता निकाला है। दाखिला फॉर्म में छोटे फॉन्ट में हादसा होने पर नहीं होगी स्कूल की जिम्मेदारी लिखवाया है। अनजाने में अभिभावक भी हस्ताक्षर कर रहे हैं।

स्कूली वाहन में दुर्घटना होने के बाद स्कूल संचालकों पर दोष न लगे, इससे बचने का रास्ता भी निकाल लिया है। दाखिला फार्म में ही स्कूल के नियमों में एक लाइन जोड़कर अभिभावकों से इस संदर्भ में अंडरटेकिंग ली जा रही है। ताकि भविष्य में यदि हादसा होता है तो स्कूल संचालक इसी फार्म को अभिभावकों को दिखाते हुए अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ सकें। वहीं अभिभावक भी अनजाने में हस्ताक्षर कर रहे हैं।

 

 

महेंद्रगढ़ में स्कूल (Haryana Private school Information) बस हादसा होने के बाद कुछ स्कूल संचालक बसों को सुधारने की बजाय अपनी जिम्मेदारी से बचने के रास्ते ढूंढ़ रहे हैं। दाखिला फार्म में ही लाइन लिखवा दी गई है कि ‘मैं छात्रों के परिवहन के दौरान होने वाली किसी भी दुर्घटना के लिए स्कूल अधिकारियों को जिम्मेदार नहीं ठहराऊंगा। भ्रमण के दौरान/स्कूल जाने या वापस आने के दौरान और यह पूरी तरह से मेरे अपने जोखिम और जिम्मेदारी पर है।’

निजी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के अलावा कुछ प्ले-वे स्कूलों ने भी यही रास्ता अपनाया है। वैसे तो वे किसी भी अभिभावक से इस तरह का शपथ पत्र नहीं ले सकते लेकिन दाखिला प्रक्रिया का फायदा उठाते हुए अभिभावकों से एक ही फार्म में नया नियम बनाकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। प्रदेश में करीब 15 हजार निजी स्कूल हैं, जिनके करीब 41 हजार वाहन बच्चों को लाने-ले जाने के लिए परिवहन विभाग के पास पंजीकृत हैं। इनमें से भी 15 से 20 प्रतिशत वाहनों की तीन-चार वर्ष से पासिंग नहीं हुई।

 

 

प्राइवेट स्कूल शिक्षक एडमिशन फ्रॉम छात्रों से फिल करवा रहे हैं

जबकि, कुछ स्कूलों (Haryana Private school Information) ने इस अंडरटेकिंग को स्कूल नियमों में शामिल करते हुए नए फार्म छपवाए हैं। ऐसे स्कूल पुराने विद्यार्थियों के अभिभावकों को भी स्कूल में बुलवाकर नया फार्म भरवा रहे हैं। हालांकि हवाला इसके पीछे नया रिकाॅर्ड बनाने का दिया जा रहा है। लेकिन रिकाॅर्ड की आड़ में अभिभावकों से अपने बचाव की अंडरटेकिंग पर हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं।

 

 

प्राइवेट स्कूल शिक्षक विधार्थियों और उनके परिचनों को फार्म पढ़ने का भी अवसर नी दे रहे

बता दें की, अभिभावक एकता संघ के जिलाध्यक्ष दिनेश नरूला का कहना है कि दाखिले के समय स्कूल संचालक केवल सुविधाओं और उपलब्धियों का गुणगान करते हैं। इसी दौरान खुद ही बच्चे का फार्म भरकर तुरंत हस्ताक्षर करा लेते हैं। अभिभावकों को फार्म पढ़ने का भी समय नहीं देते। अनजाने में अभिभावक ठगे जा रहे हैं। दाखिला फार्म में स्कूल के नियमों के साथ बीच में छोटे फॉन्ट में एक लाइन लिखवाई गई है।

 

 

परिवहन विभाग ने नियम पूरे ना करने पर स्कूलों को चेताया

परिवहन विभाग निरक्षक सुरेंद्र सैनी के अनुसार, अगर किसी स्कूल बस का हादसा होता है और सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के मानकों को बस पूरा नहीं करती तो मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार स्कूल पर कार्रवाई होती है। अगर बच्चे अभिभावकों की सहमति से लगे निजी ऑटो या किसी अन्य वाहन में स्कूल जाते हैं और इस वाहन का हादसा होता है तो, स्कूल से बाहर हादसा होने पर स्कूल के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती।

 

 

डीईओ ने कहा की, प्राइवेट स्कूल अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकते

अपनी जिम्मेदारी से स्कूल (Haryana Private school Information) पीछे नहीं हट सकते हैं। अंडरटेकिंग लिखवाने से भी वे बच नहीं सकते हैं। हादसे के दौरान यदि बच्चे की गलती हो तो अलग बात है। यदि चालक की गलती से या बस की कमी से हादसा होता है तो स्कूल ही जिम्मेदार है।

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Loksabha election 2024 : हरियाणा की इस लोकसभा सीट पर छिड़ी सियासी जंग, ससुर के खिलाफ मैदान में उतरीं दो बहुएं

Loksabha election 2024 : हरियाणा में आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर सियासी जंग शुरू हो चुकी है। इसी प्रकार अबकी बार हिसार लोकसभा सीट पर दिलचस्प जंग देखने को मिलेगी। इस सीट पर अबकी बार तीन चौटाला मैदान में उतरे हैं। जी हां,ससुर रणजीत चौटाला के खिलाफ जेजेपी की नैना और आईएनलडी की सुनैना मैदान में उतर आई हैं।

लोकसभा चुनावों की तैयारी करते हुए, हरियाणा की हिसार लोकसभा सीट (Loksabha election 2024 ) पर बीजेपी के बाद आईएनएलडी और जेजपी ने भी उम्मीदवार उतार दिए हैं। बीजेपी ने रणजीत चौटाला को हिसार से चुनावी मैदान में उतारा है। जेजेपी और आईएनएलडी ने भी चौटाला परिवार से ही प्रत्याशी उतारकर हिसार की ये जंग दिलचस्प बना दी है। जेजेपी ने अजय चौटाला की पत्नी और दुष्यंत की मां नैना चौटाला को उम्मीदवार बनाया है।

 

वहीं आईएनएलडी ने देवी लाल के पोते रविंद्र उर्फ रवि चौटाला की पत्नी सुनैना चौटाला को टिकट दिया है। रंजीत चौटाला नैना और सुनैना के चाचा ससुर लगते हैं। ऐसे में हिसार की जंग अब चौटाला परिवार के बीच देखने को मिलेगी। जबकि अभी तक कांग्रेस ने इस सीट पर प्रत्यासी नहीं उतारा है।

गौरतलब है की, रणजीत चौटाला अपने राजनीतिक करियर में अब तक 8 चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन उनका जीत का रिकॉर्ड खराब रहा है। वो सिर्फ तीन बार ही जीत हासिल कर पाए और 5 बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। इन 8 चुनावों में एक राज्यसभा चुनाव भी शामिल है, जो उन्होंने 1990 में लड़ा और इसमें उसे जीत मिली थी।

वो एक बार हिसार लोकसभा (Loksabha election 2024 ) से ही सांसद के तौर पर भी चुनाव लड़ चुके हैं। मगर उन्हें इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। अब बीजेपी ने उन्हें 2024 लोकसभा चुनाव के लिए हिसार लोकसभा से प्रत्याशी बनाया है। इस बार उनका मुकाबला अपन ही परिवार की दो बहुओं से है।

 

नैना चौटाला कभी चुनाव नहीं हारी

नैना चौटाला का सियासी ट्रैक रिकॉर्ड बहुत मजबूत है। अबतक उन्होंने दो चुनाव लड़े हैं और दोनों में ही उन्होंने जीत हासिल की। नैना चौटाला 2014 में डबवाली से इनेलो की सीट पर चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बनी थी। पारिवारिक कलह के बाद नई पार्टी जजपा (Loksabha election 2024 ) का गठन हुआ तो नैना चौटाला को डबवाली सीट की बजाए बाढड़ा सीट से चुनाव लड़ाया गया। नैना चौटाला ने कांग्रेस के रणबीर सिंह महेंद्रा को 13704 वोट से हराया।

इस चुनाव में भी उनका चाचा ससुर से मुकाबला था। आईएनलडी ने डॉ. केवी सिंह को मैदान में उतारा था। लेकिन नैना ने इस चुनाव में भारी मतों से जीत हासिल की थी। 2019 के विधानसभा चुनाव में भी नैना चौटाला ने डबवाली सीट से जीत हासिल की थी। इस चुनाव में उन्हें 68,029 वोट मिले थे।

 

सुनैना चौटाला पहली बार उतरेगी लोकसभा चुनाव के मैदान में

बता दें की, सुनैना चौटाला का ये उनका पहला चुनाव है, जो लोकसभा प्रत्यासी (Loksabha election 2024 ) के रूप में उतरेगी। सुनैना मूल रूप से हिसार के गांव दौलतपुरखेड़ा की रहने वाली हैं। प्राथमिक शिक्षा रोहतक के एक निजी स्कूल में हुई। बाद में एफसी कॉलेज हिसार में दाखिला करवाया। ग्रेजुएशन करने के बाद एमए (अंग्रेजी) की। वर्ष 1995 में कॉलेज छात्र संघ की प्रधान बनी। अपने पहले लोकसभा चुनाव में नैना चौटाल और ससुर रणजीत चौटाला को टक्कर देंगी।

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Karnal ACB raid : हरियाणा पुलिस का SHO रिश्वत लेते हुए पाया गया, FIR में से नाम निकालने के बदले मांगी 1 लाख की रिश्वत

Karnal ACB raid : हरियाणा में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम दिन- प्रति दिन रिश्वतकोर और भ्रष्टाचारियों पर रेड मारकर शिंकजा कस रही है। इसी बीच एसीबी करनाल (Karnal ACB raid) की टीम के द्वारा पानीपत जिला में कार्यरत निरीक्षक बिलासाराम तथा निजी व्यक्ति धर्मेंद्र पर भ्रष्टाचार के आरोप में केस दर्ज किया गया। इस मामले में आरोपी धर्मेंद्र को देर सांय 100000 की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया, जबकि आरोपी निरीक्षक बिलासाराम मौके से फरार हो गया।

इस घटना के बारे में सूचना देते हुए एसीबी प्रवक्ता ने बताया कि, एसीबी की टीम को शिकायत मिली थी कि पानीपत के सेक्टर -13/17 पुलिस थाने में कार्यरत एसएचओ बिलासाराम (Karnal ACB raid) तथा निजी व्यक्ति धर्मेंद्र द्वारा शिकायतकर्ता के दोस्त का नाम एफआईआर में से नाम निकालने के बदले में ₹100000 की रिश्वत की मांग की जा रही है।

 

बता दें की, एंटी करप्शन ब्यूरो (Karnal ACB raid) की टीम ने मामले की जांच पड़ताल करते हुए दोनों आरोपियों को पकड़ने के लिए योजना बनाई। इस मामले में आरोपी धर्मेंद्र को ₹100000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया, जबकि अन्य आरोपी निरीक्षक मौके से फरार हो गया। इस मामले में दोनों आरोपियों के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो करनाल पुलिस थाने में केस दर्ज करते हुए कार्रवाई की गई है।

एसीबी की टीम (Karnal ACB raid) द्वारा सभी जरूरी साक्ष्य जुटाते हुए मामले की जांच की जा रही है। ब्यूरो के प्रवक्ता ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि, अगर कोई भी अधिकारी अथवा कर्मचारी सरकारी काम करने की एवज में रिश्वत की मांग करता है तो, तुरंत इसकी जानकारी हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो (Karnal ACB raid) के टोल फ्री नंबर -1800-180-2022 तथा 1064 पर देना सुनिश्चित करें।

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Jind news : मैरिज पैलेस में चल रहा था इंटरनेशनल स्कूल, cm फ्लाइंग ने मारी रेड, 208 बच्चे, नहीं मिला रेजिस्ट्रेशन

Jind news : हरियाणा के जींद के नरवाना में कैनाल रोड पर सीएम फ्लाइंग तथा शिक्षा विभाग की संयुक्त टीम ने डीबीके इंटरनेशनल स्कूल में छापेमारी की। जांच में स्कूल का कोई रजिस्ट्रेशन नहीं मिला। टीम ने विस्तृत रिपोर्ट बना कर मुख्यालय को भेज दी है और शिक्षा विभाग ने स्कूल संचालक को नोटिस जारी किया है। आगामी कार्रवाई शिक्षा विभाग द्वारा अमल में लाई जाएगी।

सीएम फ्लाइंग के डीएसपी रविंद्र कुमार ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि नरवाना (Jind news ) के कैनाल रोड पर बना मान्यता के डीबीके इंटरनेशल नाम से स्कूल चलाया जा रहा है।

जिसके आधार पर सीएम फ्लाइंग (Jind news ) के सब इंसपेक्टर चरणसिंह के नेतृत्व में छापामार टीम का गठन किया गया। जिसमें एएसआई खुशीराम तथा शिक्षा विभाग के खंड शिक्षा अधिकार सुरेश नैन, लिपिक पवन को भी शामिल किया गया। टीम ने जब स्कूल में दस्तक दी तो वह मैरिज हाल में चलता पाया गया। नर्सरी से चौथी कक्षा तक स्कूल रिकार्ड 208 बच्चों का दाखिला पाया गया।

 

स्कूल में 172 छात्र हाजिर पाए गए। स्कूल की मान्यता से दस्तावेज मांगे जाने पर स्कूल संचालक उन्हें दिखाने में नाकाम रहा। फायर सेफ्टी, पीने के पानी, साफ सफाई, बिल्डिंग सेफ्टी सर्टिफिकेट से संबंधित को कोई दस्तावेज नही मिला। ना ही सोसायटी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट मेरिज पैलेस (Jind news ) का कोई किरायानामा तथा पट्टे से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत कर पाया। जिस पर सीएम फ्लाइंग ने विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय को भेज दी है। वहीं शिक्षा विभाग ने स्कूल संचालक को नोटिस जारी किया है।

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Gurugram wine drinks story : सरकार की कमाई में हो रही है बल्ले! बल्ले! पिछले 10 महीनों में 600 करोड़ की शराब पी गए गुरूग्राम के लोग

Gurugram wine drinks story : एक तरफ सरकार टीवी और अन्य संचार के माध्यमों पर शराब निरोधक विज्ञापन छपवाती है, दूसरी शराब का कारोबार दिन-प्रतिदिन बढ़ा रही है। हाल ही में जारी एक्साइज विभाग के आंकड़े बताते हैं कि गुरूग्राम के लोगों ने पिछले 10 महीनों में लगभग 6 हजार करोड़ रूपये की शराब का सेवन किया है। इस भारी खपत ने केवल स्थानीय बाजार में व्यापक प्रभाव डाला है, बल्कि एक्साइज राजस्व में भी उल्लेखनीय वृद्धि कर रहा है।

 

टैक्स रेवेन्यू में बढ़ोतरी

बता दें कि 2023-2024 के दौरान एक्साइज विभाग ने जो टैक्स वसूली की है, उसमें पिछले साल की तुलना में 70 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है। यह बढ़ोतरी न केवल शराब (Gurugram wine drinks story) की बढ़ती खपत को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि, कैसे शराब व्यवसाय से शहर के आर्थिक ढांचे पर प्रभाव पड़ रहा है।

 

नई एक्साइज नीधि के प्रभाव

गौरतलब है कि, 12 जून 2024 को नई पॉलिसी लागू होने वाली है। जबकि लागू करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी। इस नई नीधि के अनुसार बड़े परिवर्तनों की संभावना कम है, पर यह नीधि शहर में शराब की बिक्रि और उपभोगताओं पर डाल सकती है।

 

शराब बाजार का विस्तार इस प्रकार बढ़ा

गुरूग्राम में शराब का बाजार विस्तार ईस्ट जोन और वेस्ट जोन के वेंडर्स का हाथ है। गुरूग्राम में शराब (Gurugram wine drinks story) के व्यापार में ईस्ट और वेस्ट जोन में कुल 245 वेंडर्स को प्रत्येक का दो वाइन शॉप खोलने की अनुमति है, जिससे शहर में शराब की उपलब्धता और भी सरल हो गई है। वेस्ट जोन में तो इंडियन मेड लीकर का कोटा पिछले साल के मुकाबले बढ़ा है। जबकि शहर की बढ़ती मांग को पूरा करने में सहायक हो रहा है।

 

शराब का इस तरह का व्यापार से बढ़ सकती है चुनौतियां

एक्साइज विभाग के अनुसार, आने वाले समय में शराब (Gurugram wine drinks story) की खपत में और वृद्धि होने की संभावना है, जिससे रेवेन्यू में भी उत्तरोत्तर वृद्धि होगी। यह बढ़ती खपत शहर की आर्थिक स्थिति पर गहरा प्रभाव डालेगी, और यह एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ सकती है। व्यवसायी और प्रशासन को इस बढ़ती खपत को संभालने के लिए नई रणनीतियों और नीतियों का विकास करना होगा। ताकि सामाजिक और आर्थिक प्रभावों को संतुलित किया जा सके।

 

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Haryana news : हरियाणा सरकार इस जगह खरीदेगी 2300 एकड़ जमीन, किसानों को मिलेंगे मुंहमांगे दाम

Haryana news : हरियाणा के अंबाला में 40 किलोमीटर तक रिंग रोड बनाया जा रहा है। जिसे 152 डी हाईवे से भी जोड़ने की चर्चा भी चल रही है। गौरतलब है की, साइंस इंडस्ट्री के लिए ट्रांसपोर्टेशन बेहतर करने के लिए, ईर्स्टन डेडीकेटिड फ्रेट कॉरिडोर पर नए फ्रेट टर्मिनल निर्माण की प्रक्रिया भी चल रही है।

हरियाणा के पूर्व गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कुछ माह पहले बताया था कि अम्बाला (Haryana news) की साइंस इंडस्ट्री पर अम्बाला का सबकुछ निर्भर करता है। उद्योगपतियों को बढ़ावा मिले, इसके लिए राज्य सरकार साहा ग्रोथ सेंटर के विस्तार हेतु 2300 एकड़ भूमि की खरीद करने जा रही है।

यह जानकारी अनिल विज ने कुछ समय पहले अंबाला में असीमा (अम्बाला साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन) के डिजिटल डायरी के विमोचन कार्यक्रम में बतौर मुख्यतिथि अम्बाला (Haryana news) के साइंस उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए दी थी।

इस दौरान अनिल विज ने कहा था कि, अम्बाला की साइंस इंडस्ट्री द्वारा बनाए गए माइक्रोस्कोप या अन्य उपकरणों पर ही बड़े डाक्टर, इंजीनियर, स्पेस साइंटिस्ट व अन्य पढ़कर आगे बढ़े हैं। अम्बाला के विकास में साइंस इंडस्ट्री का महत्वपूर्ण योगदान है।

उन्होंने कहा था कि अम्बाला में इंडस्ट्री को बिजली, पानी, ट्रांसपोर्टेशन व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है जिससे व्यापार में इजाफा हुआ है। अम्बाला को इस समय सड़कों के जाल से बुना जा रहा है।

अम्बाला-साहा रोड (Haryana news) को फोरलेन किया जा चुका है जिससे उद्यमियों का अम्बाला से साहा ग्रोथ सेंटर तक आना-जाना काफी आसान हो गया है। इसी तरह, अब रिंग रोड, अम्बाला से दिल्ली वाया शामली एक्सप्रेस-वे, अम्बाला-कालाअम्ब व अम्बाला-चंडीगढ़ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह प्रयास किए जा रहे हैं कि रिंग रोड को हाइवे नंबर 152-डी से जोड़ा जा सके।

 

साइंस इंडस्ट्री के लिए अम्बाला में बेहतर ढांचा उपलब्ध करवाएंगे : अनिल विज

विज ने अपने सम्बोधिकीय कार्यक्रम में कहा था कि “अमेरिका इसलिए अमीर नहीं है कि उसकी सड़के अच्छी है, उसकी सड़के अच्छी है इसलिए अमेरिका अमीर है”, हम बेहतर ढांचा उपलब्ध कराते हैं तो इसका लाभ अम्बाला की साइंस इंडस्ट्री को मिलेगा।

उन्होंने कहा था की, अब हमने अम्बाला (Haryana news) में डोमेस्टिक एयरपोर्ट का भी काम प्रारंभ कर दिया है और कोशिश है कि चार-पांच माह में विमान सेवा यहां से प्रारंभ की जा सके।

उन्होंने आगे कहा था की, अम्बाला में हमने बिजली व पानी की समस्या को दूर किया, आज अम्बाला में बिजली, पानी, सड़के व अन्य सुविधाएं हैं और एक इंडस्ट्री के लिए जो सुविधाएं चाहिए वह यहां उपलब्ध है।

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Jind private school bas ban : जींद में 10 साल पुरानी स्कूली बसों पर लगेगी पाबंदी, डीसी ने जारी किए ये आदेश

Jind private school bus ban : हरियाणा सरकार के आदेशों अनुसार, जिला जींद में 10 साल से अधिक पुरानी बसों को चलने की अनुमति नहीं मिलेगी। हरियाणा सरकार के आदेश को बयां करते हुए डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने बैठक के दौरान रखी हैं। जबकि, उन्होंने यह भी कहा है कि, 10 साल पुरानी बसों (Jind private school bus ban) की एनओसी बनवाकर एनसीआर से स्कूल संचालक बाहर जरूर बेच सकते हैं। इसके साथ ही निजी स्कूल संचालकों की मुसीबतें और ज्यादा बढ़ चुकी है।

 

जींद जिले में कितनी हैं स्कूल बसें ?

डीसी ने प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों को आदेश देते हुए कहा कि, विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा स्कूली वाहनों के लिए सड़क सुरक्षा एवं सुरक्षित स्कूल वाहन नीति बनाई गई है। जींद जिले में करीब 900 स्कूल बसें हैं। जिनमें से 50 से ज्यादा बसें 10 साल से ज्यादा पुरानी हैं। पुरानी बसें (Jind private school bus ban) ज्यादातर ग्रामीण इलाकों के निजी स्कूलों की हैं। बजट कम होने के कारण निजी स्कूल संचालक पुरानी बसें खरीद लेते हैं। जो मानकों पर खरी नहीं उतरती।

 

स्कूल वाहन नियमों का पूरी तरह से पालन करने के लिए डीसी ने दिया समय

बता दे की, महेंद्रगढ़ के किनाना में स्कूल बस पलटने के बाद से ही पूरे हरियाणा में ये सख्त कार्रवाईयां बढ़ रही है। इसके बाद से कई निजी स्कूल बंद हैं और सरकार व प्रशासन की सख्ती शांत होने का इंतजार कर रहे हैं। शिक्षा विभाग की टीमें भी स्कूलों का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रख रही हैं। स्कूल संचालकों (Jind private school bus ban) के आह्वान पर जिला प्रशासन एव डीसी ने नियम पूरे करने के लिए कुछ समय दिया है।

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Haryana Happy Card update : इतने रूपिए तक बन रहा हरियाणा रोडवेज का हैप्पी कार्ड, पूरे साल उठा सकते है बस सफर का मुफ्त लाभ

Haryana Happy Card update : हरियाणा सरकार रोड़वेज बसों से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एक खुशखबरी लेकर आई हैं, दरअसल जिनकी आय एक लाख रुपये वार्षिक हैं, उन लोगों के हैप्पी कार्ड बनाएं जा रहे हैं। सरकार ने 22.89 लाख परिवारों का कार्ड बनवाने के टारगेट रखा हैं।

अब हर दिन लोग बड़ी संख्या में इस कार्ड (Haryana Happy Card update) को पाने के लिए आवेदन कर रहें हैं। वहीं कार्ड की लागत 109 रुपये रखी गई हैं। इन हैप्पी कार्डों को प्रदेश के सभी 24 डिपो और 13 सब डिपो पर भेजा हैं, आवेदन करने वालों की बात करें तो एक अप्रैल तक प्रदेश में 7 लाख से ज्यादा लोग हैप्पी कार्ड के लिए आवेदन कर चुके हैं, प्रतिदिन पात्र लोगों द्वारा बड़ी संख्या में ऑनलाइन आवेदन किए प्रदेशभर में एक अप्रैल तक 2 लाख से ज्यादा हैप्पी कार्ड बन चुके है।

हैप्पी कार्ड से बस में कितने समय और किलोमीटर तक सफर कर सकते है ?

बता दें की, प्रतिदिन पात्र लोगों द्वारा बड़ी संख्या में ऑनलाइन आवेदन किए जा रहे हैं। 1000 किलोमीटर की यात्रा कर सकते हैं मुफ्त। अगर आपने हैप्पी कार्ड (Haryana Happy Card update) बनवा लिया हैं तो आप अपने इस कार्ड से हरियाणा रोडवेज बसों और हरियाणा रोडवेज से संबंधित बसों में एक साल में 1000 किलोमीटर तक की यात्रा मुफ्त कर सकते हैं। डिपो में आने के बाद आप 50 रुपये की फीस चुका कर अपना कार्ड प्राप्त कर सकते हैं।

कैसे रहेगी हैप्पी कार्ड की प्रोसेसिंग बस के सफर में ?

गौरतलब है की, हरियाणा अंत्योदय परिवार परिवहन योजना ( Haryana Antyodaya Family Transport Scheme) के माध्यम से एक लाख रुपये वार्षिक आय वालों को एक कार्ड दिया जा रहा हैं, यह कार्ड यात्री के लिए मुफ्त यात्रा की सुविधा देगा।

इसे हरियाणा रोडवेज बसों में मुफ्त यात्रा करने के लिए ई-टिकटिंग प्रणाली से जोड़ा गया हैं। बता दें कि यह एक स्मार्ट कार्ड है, हैप्पी कार्ड के लिए लाभार्थी को 50 रुपये का शुल्क देना होगा, कार्ड (Haryana Happy Card update) की लागत 109 रुपये रखी गई हैं, इसके अलावा कार्ड के वार्षिक रख रखाव 79 रुपये शुल्क भी वाहन किया जाएगा।

 

कौन बनवा सकता हैं, हरियाणा रोडवेज का हैप्पी कार्ड

👉हरियाणा के मूल निवासी ही इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
👉जो इस कार्ड का लाभ ले रहा है उस परिवार की वार्षिक आय एक लाख रुपये होनी चाहिए।
👉 बता दें की, अंत्योदन श्रेणी में आने वाले परिवार ही इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
👉 ध्यान रखें, परिवार पहचान पत्र में आय वेरीफाई होना जरूरी हैं।

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Jind National Highway : हरियाणा के इस जिले में लोगों को मिलेगी बड़ी राहत, जल्द ही बनाएं जाएंगे 6 नेशनल हाईवे

Jind National Highway : आज-कल हरियाणा में ज्यादें बाते होती हैं तो, नेशनल हाईवे की होती हैं। क्योंकि हरियाणा के हर जिले को किसी न किसी नेशनल हाईवे से जोड़ा जा रहा है। इसलिए इन दिनों हरियाणा में नेशनल हाईवे नेेटवर्क बिछाया जा रहा हैं। इसी प्रकार आने वाले समय मे हर एक शहर नेशनल हाईवे से जुड़ जाएगा।

विचारणीय है कि, नेशनल हाईवों (Jind National Highway) को किसी भी देश की रीढ़ माना जाता है, क्योेंकि देश से जुड़ी सभी आर्थिक संस्थाओं का समान परिवहन सुविधाओं के द्वारा नेशनल हाइवों पर एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाया जाता है, यदि किसी देश की सड़क की अच्छी आर्थिक संस्थाओं से जुड़ाव हैं, तो देश की अर्थव्यवस्था भी अच्छी है।

आपको बता दें कि, हम हरियाणा के जींद जिले की बात कर रहे हैं। जी हां, आप सही सुन रहें हैं! जहां आने वाले समय में 1-2 नहीं बल्कि 6-6 हाईवे से कनेक्टिविटी होने वाली है। जबकि विकास के मामले में काफी प्रगति हुई है, पर इन राजमार्गों के निर्माण से जींद शहर में विकास एक बार फिर से गति पकड़ने वाला है।

 

आपको पता ही होगा, जींद को हरियाणा की नाजनीतिक राजधानी के रूप में भी जाना जाता हैं। क्योंकि हरियाणा के सबसे सात पुराने जिलों में से एक जींद शहर भी है, जो अब विकास की गति को प्राप्त कर रहा है। इसके मुख्य कारण हैं, शहर से जुड़ने नेशनल राजमार्ग।

जब भी आप जींद शहर जाते हो, तो आपको जींद के नए सामान्य बस स्टेंड के पास सोनीपत से जींद तक 352 ए नेशनल राजमार्ग का निर्माण कार्य तेजी से चल रहे को देख पा रहे हैं। जबकि यह राजमार्ग आने वाले दिनों में जल्द ही तैयार हो जाएगा और लोगों को अपनी सेवाएं प्रदान करेगा। आपको बता दें कि, नेशनल हाईवे 352 ए सोनीपत को जींद से जोडे़गा। इसलिए इस नेशनल राजमार्ग का निर्माण कार्य जल्द पूरा हो जाएगा।

इस नेशनल हाईवे का निमार्ण भारतीय नेशनल राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI)  के तहत 2 अलग-अलग कंपनियों के द्वारा किया जा रहा है। जबकि इस नेशनल हाईवे की कुल लंबाई 80 कि.मी है, जिसे 2 भागों मंे विभाजित किया गया है। इसलिए इस नेशनल हाईवे का निमार्ण कार्य सोनीपत से गोहाना और गोहाना से जींद तक 2 भागों में चल रहा है।

 

आपको बता दें कि, दूसरी तरफ हरियाणा सरकार जींद और सोनीपत के बीच नेशनल राजमार्ग (Jind National Highway) बनाने जा रही है। इस नेशनल हाईवे के निमार्ण में कुल 170 करोड़ रूपये का खर्च आएगा। नेशनल हाईवे का निमार्ण केंद्र की सड़क निधि योजना के अनुसार किया जाएगा। जबकि जींद से पानीपत राजमार्ग बनने से प्रति-दिन यात्रा करने वाले यात्रियों का लाभ पहुुचेगा।

जींद में 152 डी जुड़ाव होने के बाद शहर के लोग इसका लुत्फ उठा रहे हैं। जबकि, 152 डी के निर्माण के बाद जींद (Jind National Highway) के निवासियों के लिए अंबाला और चंढ़ीगढ़ की यात्रा करना आसान हो गया है। बता दें कि, पहले अंबाला जाने में यात्रियों को 3 से 4 घंटे तक का समय लगता था। जबकि, 152 डी बनने के बाद अब यात्रियों को सफर करने में सिर्फ 2 घंटे लगते हैं। वहीं, इस नेशनल हाईवे के निर्माण के बाद जींद के नागरिकों के लिए दिल्ली और राजस्थान की यात्रा करना भी सरल हो गया है।

रोहतक-जींद-नरवाना जींद को रोहतक शहर को रोहतक और नरवाना से जोड़ने वाला नेशनल राजमार्ग 352 पूरा हो गया है। जबकि चार लेन वाले नेशनल हाईवे का तोहफा कई साल पहले जींद के निवासियों को दिया जा चुका है। पर इसका निमार्ण कार्य अब तक शुरू नहीं किया जा सका है। लगता है, आने वाले समय में ये नेशनल हाईवे पूरा हो जाएगा और जींद के शहरवासियों को अपनी सेवाएं मुहैया करवा पाएगा। बता दें कि, इस नेशनल हाईवे के निर्माण के बाद जींद के लोगों के लिए रोहतक से दिल्ली के साथ-साथ पंजाब तक की यात्रा करना सरल हो जाएगा।

 

वहीं बता दें कि, पानीपत-डबवाली नेशनल हाईवे का निमार्ण आने वाले समय में जल्द ही शुरू होगा। इस नेशनल हाईवे (Jind National Highway) के निर्माण को मंजूरी दे दी गई है और सर्वेक्षण कार्य भी शुरू कर दिया गया है। इस राजमार्ग के बनने के बाद करनाल, जींद, पानीपत, फतेहबाद और सिरसा को जोड़ने का कार्य पूरा हो जाएगा। यह नेशनल हाईवे यूपी के मुजफ्फरनगर से हरियाणा के सिरसा तक बनाया जाएगा। इस सड़क के बनने के बाद जींद के कपास व्यापारियांे को सिरसा आने-जाने में काफी सुविधा मिल जाएगी।

वहीं जम्मू-कटरा-दिल्ली नेशनल हाईवे का निर्माण एनएचएआई के द्वारा किया जा रहा है। जबकि इस राजमार्ग (Jind National Highway) के बनने के बाद हरियाणा के कई जिलें यातायात से मुक्त हो सकेंगे। नेशनल हाईवे के निर्माण के बाद जींद जिला का विकास एक बार फिर गति पकड़ रहा है। बता दें कि, इस नेशनल हाईवे के निर्माण के बाद और जींद का जुड़ाव के साथ, उधमियों को भी नजर इस नेशनल हाईवे को स्थापित करने पर होगी।

Jind National Highway : हरियाणा के इस जिले में लोगों को मिलेगी बड़ी राहत, जल्द ही बनाएं जाएंगे 6 नेशनल हाईवे Read More »