टेक ज्ञान

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CNG-Car ; गर्मियों में CNG कार का कैसे रखें ध्यान, लापरवाही की तो हो सकता है ब्लास्ट

CNG car : अगर आप भी सीएनजी कार चलाते हैं या फिर सीएनजी कार खरीदने की सोच रहे हैं तो तो यह खबर आपके काम की है। सीएनजी कार की कुछ जरूरी बातें सभी को पता होनी चाहिएं।

हम आपको बताएंगे कि CNG कार का कैसे ध्यान रखना पड़ता है। लापरवाही करने पर सीएनजी कार आग का गोला भी बन सकती है और आपकी जान जोखिम में पड़ सकती है।

आगर आपके पास सीएनजी (CNG) कार है तो सबसे पहले इसकी लीकेज चेक करते रहना चाहिए। हर तीन साल में सीएनजी सिलेंडर की हाइड्रो टेस्टिंग होती है। इस टेस्टिंग से पता चलता है कि सिलेंडर में कोई दिक्कत तो नहीं है।

बताते चलें की सीएनजी कार इन दिनों ग्राहकों के बीच काफी पापुलर मानी जा रही है। आप भी हर रोज चेक करते रहें कि सीएनली सिलेंडर कहीं लीक तो नहीं हो रहा है।

सीएनजी (CNG Car)  कार में गर्मियों में टैंक फुल करवाने से बचें। जब भी गैस भरवाएं तो सीएनली फुल न करवाएं।

सिलिंडर की मैक्सिमम लिमिट तक न जाएं। सिलेंडर 10 किलोग्राम का है तो आठ किलो तक सीएनजी भरवाएं।

 

सीएनजी सिलेंडर की एक्सपायरी डेट को चेक करें। आमतौर पर सीएनजी सिलेंडर की 15 साल की एक्सपायरी डेट होती है, जो गाड़ी की उम्र के साथ खत्म हो जाती है।

 

कार को धूप से बचाएं।
पेट्रोल और डीजल की गाड़ी की तरह सीएनजी (CNG Car)  कार काे भी धूप से बचाएं। कहीं भी गाड़ी पार्क करते समय  ऐसी जगह कार न खड़ी करें, जहां धूप ज्यादा हो।

 

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Loksabha election: Colors of politics: Once there was a figure of 36 among themselves, now Devi Lal, Bhajan Lal and Jindal will seek votes for the same BJP

Loksabha election : राजनीति के रंग : कभी आपस में था 36 का आंकड़ा, अब देवीलाल, भजनलाल और जिंदल की पढ़ी उसी भाजपा के लिए मांगेगी वोट

देखें क्या कहते हैं हरियाणा की राजनीति के समीकरण

Loksabha election : कहते हैं समय बलवान है और किसी को इतनी बड़ी बात भी नहीं करनी चाहिए कि उसे वापस लेनी पड़ी। हरियाणा की राजनीति की ही बात कर लो। कभी जिन पार्टियों का आपस में 36 का आंकड़ा था और दोनों के बीच हमेशा राजनीतिक प्रहार चलते रहते थे, आज उन्हीं के लिए वोट मांगने पड़ रहे हैं। इसका उदाहरण देख भी सकती हैं। चौधरी देवीलाल, भजनलाल और जिंदल परिवार की पीढ़ी इस बार भाजपा के लिए वोट मांगती नजर आएगी, जबकि इनका कभी भाजपा के साथ 36 का आंकड़ा था।

भाजपा के रणनीतिकारों ने प्रदेश में सभी दस की दस लोकसभा (Loksabha election) सीटें जीतने के पिछले सुखद अतीत को दोहराने के लिए आपस में धुर विरोधी कहलाने वाले इन परिवारों को एक-दूसरे के लिए मतदाताओं के बीच जाने की अनूठी युक्ति निकाली है। इसका सबसे बड़ा दृश्य हिसार लोकसभा सीट पर दिखाई भी देने लगा है। चौधरी देवीलाल के पुत्र और हिसार से भाजपा प्रत्याशी रणजीत सिंह चौटाला के लिए उस जिंदल परिवार के वारिस मतदाताओं से अपील करेंगे, जिन्हें कुरुक्षेत्र के चुनावी मैदान में अक्सर देवीलाल के ही परिवार से ही चुनौती मिलती रही।

यही नहीं, प्रदेश की राजनीति में परस्पर कट्टर विरोधी देवीलाल और भजनलाल के पुत्र भी इस बार साथ चलेंगे। मन से अथवा बेमन, भजनलाल के पुत्र कुलदीप बिश्नोई देवीलाल के पुत्र रणजीत सिंह चौटाला के लिए वोट की अपील करेंगे। इस संयोग पर राजनीति के विशेषज्ञ भी हैरान हैं।

 

26 साल पहले ओपी जिंदल और रणजीत चौटाला थे आमने-सामने
विशेषज्ञों की हैरानी यूं ही नहीं है। यह लोकसभा चुनावी वाकया 26 साल पहले का है जब जिंदल हाउस के आदर्श और प्रसिद्ध उद्योगपति ओमप्रकाश जिंदल और रणजीत सिंह हिसार सीट पर आमने-सामने थे। हालांकि ओपी जिंदल बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी से प्रत्याशी थे जबकि रणजीत सिंह कांग्रेस से। दोनों ही हार गए थे। इस चुनाव में हरियाणा लोकदल के प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह बरवाला की जीत हुई थी। ओपी जिंदल दूसरे स्थान पर और रणजीत सिंह चौथे स्थान पर रहे थे।

 

जिंदल परिवार को देवीलाल परिवार से मिलती रही चुनौती
वर्ष 1998 का इकलौता लोकसभा चुनाव (Loksabha election) नहीं था जब ओपी जिंदल अथवा उनके वारिस को देवीलाल परिवार से चुलौती मिली। देवीलाल के पुत्र ओमप्रकाश चौटाला की अगुवाई वाली इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और जिंदल परिवार के बीच कुरुक्षेत्र के चुनावी संग्राम में खूब घमासान हुआ। कभी कैलाशो देवी, कभी अभय सिंह चौटाला तो कभी अशोक अरोड़ा उनके सामने रोड़ा अटकाते रहे। हालांकि, एक बार ओपी जिंदल और दो बार उनके पुत्र नवीन जिंदल ने कुरुक्षेत्र का मैदान मारा है।

 

भजनलाल से स्पर्धा में हुड्डा के साथ थे जिंदल
नब्बे के दशक का दौर कांग्रेस में कलह की शुरुआत का था। बंसीलाल ने अलग बंसी बजाई तो भजनलाल और भूपेंद्र हुड्डा के बीच प्रतिद्वंद्विता परवान चढ़ रही थी। राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं, इन दोनों के बीच कुर्सी की होड़ के दिनों में ओमप्रकाश जिंदल हुड्डा के साथ थे। सैद्धांतिक रूप से जिंदल और भजनलाल परिवार के बीच कभी नहीं बनी। ओपी जिंदल के परिवार ने पिछले लोकसभा चुनाव तक भूपेंद्र हुड्डा का साथ दिया।

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खुशखबरी ! हरियाणा में 11990 पदों पर भर्ती की तैयारी

चंडीगढ़। नौकरी के लिए प्रतीक्षा कर रहे अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने ग्रुप सी के 32000 पदों में से 9 ग्रुपों के 11990 पदों के लिए लिखित परीक्षा लेने की तैयारी कर ली है। आयोग के अध्यक्ष भोपाल सिंह खदरी ने बताया कि आयोग की तरफ से पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में अपील दायर कर इन ग्रुपों के पेपर करवाने की अनुमति मांगी जाएगी।

दरअसल इन ग्रुपों में 4 गुना से कम उम्मीदवार हैं, इसलिए सामाजिक आर्थिक मानदंड के अंक मिलने के बावजूद उन उम्मीदवारों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, जिन्हें यह अंक नहीं मिलने हैं।

भोपाल सिंह खदरी ने बताया कि तीन ग्रुप ऐसे हैं जिनकी लिखित परीक्षा से पहले स्किल टेस्ट जरूरी है, इनमें स्टेनोग्राफर दोनों भाषाओं, स्टेनोग्राफर इंग्लिश और स्टेनोग्राफर हिंदी के पद शामिल हैं, इसलिए आयोग की तरफ से हाई कोर्ट में अपील दायर कर कहा जाएगा कि इन तीनों ग्रुपों के सभी उम्मीदवारों का स्किल टेस्ट लेने की अनुमति दी जाए क्योंकि लिखित परीक्षा के लिए जो चार गुना उम्मीदवार बुलाने की शर्त है उसे स्किल टेस्ट पास उम्मीदवारों में पूरा किया जाए।

हाई कोर्ट की सिंगल बैच की तरफ से ग्रुप सी के सीईटी स्कोर को रद्द करने सामाजिक आर्थिक मानदंड के अंक देने से पहले वैरिफिकेशन करने के बाद सीईटी स्कोर संशोधित जारी करने के बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का फैसला सुनाया हुआ है।

हाईकोर्ट के सिंगल बैच के फैसले के खिलाफ आयोग ने डबल बैंच में अपील दायर की हुई है, जिसमें ग्रुप 56 और 57 के पहले से तय पेपर लेने की अनुमति देने की मांग की गई थी, डबल बेंच ने यह अनुमति दे दी थी, लेकिन अन्य बचे हुए ग्रुपों के पेपर लेने की अनुमति आयोग ने हाईकोर्ट से नहीं मांगी थी। पिछली सुनवाई पर एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने खंडपीठ से बचे हुए ग्रुपों के पेपर करने की अनुमति देने का आग्रह किया था लेकिन तब तक आयोग की तरफ से छंटनी का काम नहीं किया हुआ था।

अब आयोग ने इन ग्रुपों को छांट लिया है, जिनमें सीईटी अधिसूचना के मुताबिक कुल पदों की संख्या का चार गुना उम्मीदवार बुलाने के प्रावधान अनुसार चार गुना से कम उम्मीदवार हैं।

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व्हाट्सएप का नया कम्युनिटी फीचर कारगर: लेकिन कन्फ्यूजन भरा

मेटा कंपनी व्हाट्सएप में आए दिन नए-नए प्रयोग कर रहा है। यूजर्स को देखते हुए आए दिन नए अपडेट हो रहे हैं। ताजा अपेड कम्युनिटी के रूप में देखने को मिला है, जिसको लेकर अधिकतर लोग सोच विचार में हैं कि आखिर यह क्या है। कम्युनिटी फीचर मिलने के बाद अधिकरत ग्रुप एडमिन्स ने अपने सभी ग्रुप्स को कम्युनिटी में जोड़ दिया है, लेकिन लोग ग्रुप और कम्युनिटी के चक्कर को समझ नहीं पा रहे।

क्या है कम्युनिटी

व्हाट्सएप के नए फीचर के रूप में कम्युनिटी को जोड़ा गया है। जिसमें आप अपने सभी ग्रुप्स को एक कम्युनिटी के अंतर्गत जोड़ सकते हैं। कम्युनिटी में ग्रुप जोड़ते ही सारे मेंबर ऑटोमेटिक कम्युनिटी का हिस्सा हो जाते हैं। वे ग्रुप में भी रहते हैं और कम्युनिटी में भी। इससे फायदा यह है कि जिन एडमिन्स के ग्रुप ज्यादा हैं उन्हें अब एक बार में व्हाट्सएप के 5 ग्रुप में मेसज फॉरवर्ड करने की लिमिट से आजादी मिलती है। सभी ग्र्रुप्स को कम्युनिटी को जोड़ देने के बाद मेसज कम्युनिटी में भेजने से यह मेसज सभी ग्रुप्स के मेंबर्स को फॉरवर्ड हो जाता है।

क्या है कन्फ्यूजन

इस ऑप्शन के बाद यूजर्स कन्फ्यूज्ड हैं, क्योंकि यूजर्स इसके बाद कम्युनिटी में भी हैं और ग्रुप्स में भी। यानि एक तरह से एक नया ग्रुप ही बन गया है और उस नए ग्रुप में यूजर को सिर्फ वह और एडमिन ही शो हो पाते हैं। जिसकारण उन्हें लगता है कि यह नया ग्रुप है और सिर्फ उन्हें ही जोड़ा गया है। होना तो यह चाहिए था कि कम्युनिटी में सिर्फ ग्रुप्स ही जुड़ें, ना कि यूजर्स और एडमिन कम्युनिटी में जो मेसज भेजे, वह सारे ग्रुप्स में ऑटोमेटिक फॉरवर्ड हो।

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अब खुद को मैसेज कर सकेंगे, ग्रुप में संदेश भेजने वाले की दिखेगी फोटो, देखिए क्या क्या टेस्ट कर रहा व्हाट्सएप

जैसे जैसे तकनीक विकसित होती जा रही है, हमारी निर्भरता इस पर बढ़ती जा रही है। ऐसे में पेन कॉपी जैसी चीजें अब हमारी जेब से गायब होती जा रही हैं। ऐसे में बहुत बार कभी न कभी ऐसी जरूरत पड़ती है जब हमें कोई फोन नंबर या जरूरी काम नोट करने पड़ते हैं तो हम किसी घनिष्ठ परिचित को या अपने फैमिली मेंबर के नंबर पर व्हाट्सएप कर वह जानकारी लिख देते हैं ताकि वह चीज हमें ध्यान रहे। लेकिन अब आपकी यह मुश्किल दूर होने जा रही है। व्हाट्सएप पर अब ऐसी काम की चीजें आप किसी और की बजाए खुद को मेसेज कर सकेंगे। इसके अलावा कम्युनिटी का फीचर भी आने वाला है। इस फीचर में आप अपने सारे गु्रप्स एक जगह मैनेज कर सकते हो। कम्युनिटी में ही मेसज डालकर सभी ग्र्रुप्स के यूजर्स तक मेसज भिजवाया जा सकेगा।

वैसे तो फोन में नोट्स नाम से अलग व्यवस्था है, जहां हम चीजें नोट कर सकते हैं, लेकिन अधिकतर को इसके बारे में पता नहीं, पता हो तो भी वहां तक जाने से पहले हमारी उंगलियां व्हाट्सएप को खोजने लगती हैं। खैर व्हाट्सएप दिन-ब-दिन users Friendly चीजें करता जा रहा है। व्हाट्सएप पर खुद को मैसेज करने का यह नया फीचर “मैसेज योरसेल्फ” के नाम से रोल आऊट होगा। जिसका टेस्ट शुरू हो गया है। यह फीचर फिल्हाल टेस्टिंग फेज में एंड्रॉयड बीटा यूजर्स के लिए जारी कर दिया गया है। जिसे बाद में सभी सामान्य यूजर्स भी इस्तेमाल कर सकेंगे। WABetainfo ने अपनी रिपोर्ट में एक स्क्रीनशॉट शेयर कर बताया है कि कैसे इस फीचर को प्रयोग किया जा सकता है। स्क्रीनशॉट में “Me” नाम का बॉक्स दिखाई देता है, जिसमें यूजर्स अपने जरूरी मेसज खुद को भेजकर सेव कर सकेेंगे।

मीडिया फाइल के साथ कैप्शन

इसके अलावा बीटा यूजर्स को एक नई फैसिलिटी भी टेस्ट करने को दी गई है, जिसे एएमपीएम न्यूज द्वारा प्रयोग किया भी जा रहा है। जिसमें अब आप किसी वीडियो या फोटो के साथ आने वाली कैप्शन को बिना किसी झंझट के आगे फॉरवर्ड कर सकते हैं। पहले किसी मीडिया के साथ आने वाली कैप्शन को आगे नहीं भेज सकते थे। मीडिया फाइल को भेजने पर सिर्फ मीडिया फाइल ही आगे जाती थी, कैप्शन रह जाती थी। अब ऐसा नहीं होगा। जल्द ही सभी यूजर्स इस चीज को भी प्रयोग कर सकेंगे।

ग्रुप चैट में यूजर्स की फोटो

इनके अलावा एक अन्य सुविधा को भी टेस्ट किया जा रहा है, जिसमें अब यूजर्स द्वारा ग्र्रुप में संदेश भेजने पर उसके नाम के साथ प्रोफाइल फोटो भी शो होगा। अब तक सिर्फ नाम ही देखने को मिलता था। अगर ऐसा होता है तो यह काफी मजेदार रहने वाला है।

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