when will Team India get another MS Dhoni and Yuvraj Singh

आखिर कब मिलेंगे टीम इंडिया को दूसरे धोनी और युवराज

आखिर कब मिलेंगे टीम इंडिया को दूसरे धोनी और युवराज … टीम इंडिया में रिकॉर्डधारी रोहित शर्मा हैं, विराट कोहली हैं, बेहद प्रभावशाली गेंदबाज बुमराह, शमी, भुवनेश्वर और रविचंद्र अश्विन है और ऑलराऊंडर रङ्क्षवद्र जडेजा हैं, लेकिन फिर भी टीम इंडिया अब बड़े मुकाम पर वो नहीं कर पाती, जो आज से 7-8 साल पहले कर रही थी। टीम इंडिया में कोई तो कमी है, जो खल रही है। वो कमी है मैच फिनिशर और टीम इंडिया के मध्यक्रम के बल्लेबाजी में एंकर डाल कर बल्लेबाजी करने वाले महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह की।

वर्षों हो गए टीम इंडिया से इनको गए लेकिन टीम इंडिया इनके विकल्प तैयार नहीं कर पाई, कोई भी बल्लेबाज इनके आसपास भी ठहर नहीं पाता। ऋषभ पंत के रूप में धोनी का विकल्प तलाशने का प्रयास हुआ, लेकिन पंत खरा नहीं उतर रहे। ना ही टीम इंडिया की वो एकता अब नजर आती है, जो धोनी के समय नजर आती थी। यही कारण है कि पिछले 9 सालों से आईसीसी की कोई ट्रॉफी टीम इंडिया नहीं जीत पाई। वर्ष 2006 में पाकिस्तान दौरे पर धोनी और युवराज का पॉवर हिटर के रूप में टीम में जो उदय हुआ, वो सफर अगले काफी वर्षों तक जारी रहा और इसी दौरान टीम पहला टी-20 वल्र्ड कप जीती, 2011 का वल्र्ड कप जीती, चैंपियंस ट्रॉफी जीती, यानि वल्र्ड लेवल पर टीम इंडिया की धूम थी। दोनों खिलाड़ी फिनिशर के साथ-साथ मल्टी-टैलेंटेड भी थे। टी-20 वल्र्ड कप 2021 के बाद एशिया कप से भी टीम इंडिया बाहर हो गई है। अगर हमें अक्टूबर में वर्ल्ड कप जीतना है तो ऐसे ही खिलाडिय़ों की जरूरत है।

ALSO READ  इतनी बुरी हारी टीम कि फैन्स के साथ कप्तान के निकले आंसू

AmPm News

सचिन जब खेलते थे तो ऐसा लगता था, जब वो रिटायर होंगे तो क्या ही हो जाएगा.. लेकिन उनके रहते हुए विराट कोहली का उदय हुआ और जब सचिन गए तो विराट ने उनका स्थान बखूबी लिया और टीम को सचिन की कमी नहीं होने दी। उन्होंने नंबर तीन की समस्या हल कर दी। लेकिन धोनी और युवराज जब से टीम से गए हैं, तब से ही टीम में बैटिंग क्रम नहीं बन पा रहा। युवराज के जाने के बाद नंबर चार को आज तक टीम इंडिया स्थायी नहीं कर पाई है, कई सालों से लगातार खिलाड़ी आजमाए जा रहे हैं, लेकिन दूसरा युवराज नहीं आ पाया जो बीच के ओवर्स में टीम इंडिया का आधार बने।

वहीं इसके बाद निचले क्रम में आते थे धोनी, जो दुश्मन के जबड़े में हाथ डाल कर बहुत बार मैच खींच ले जाते थे। हारा हुआ मैच वे अपने दम पर जीत जाते थे। भले ही उनकी बैटिंग की बात करें, उनकी कीपिंग की बात करें या उनकी हैरान कर देने वाली लेकिन ठंडे स्वभाव की कप्तानी, तीनों ही तरह से वे मैच पलट देते थे। बिना देखे उनका थ्रो मारकर गिल्लियां उखाड़ देना या मिनि सेकेंड्स में स्टंप्स कर देना हो या फिर बैट्समैन के मन में क्या चल रहा है, उसी हिसाब से फील्डिंग सेट कर अगली ही गेंद पर विकेट गिराना उनकी इस कला की दुनिया कायल थी।

ALSO READ  बंदर नहीं मछलियां हैं इंसानों की पूर्वज ! पढि़ए यह रिसर्च रिपोर्ट

टीम इंडिया पिछले कुछ समय से ऋषभ पंत को टी-20 क्रिकेट में पावर हिटर बल्लेबाज के रूप में तैयार कर रही है, लेकिन वो लगातार फ्लॉप हो रहे हैं। वे हिटर तो हैं, लेकिन वे दर्शकों में वे विश्वास नहीं जगा पाते, जो धोनी जगाते थे कि जब तक माही है, मैच हमारा है। पंत के अलावा हार्दिक पंड्या का भी हाल कुछ ऐसा ही है। वो काफी दिनों तक चोट के कारण टीम से बाहर रहे और जब वापसी की है तो उनके प्रदर्शन में निरंतरता नहीं दिखती। जब भी बॉल कम होती और रन ज्यादा होते और क्रीज पर धोनी होते तो मैच अवश्य जीतते, कोहली के साथ-साथ धोनी ही ऐसी वल्र्ड लेवल पर खिलाड़ी थे, जिन्हें चेज मास्टर कहा जाता था।

पूरी दुनिया चेजिंग में जब फेल थी, तब धोनी, कोहली और युवराज इसके मास्टर थे। अब टीम में ऐसा नहीं है। जब भी ऊपरी क्रम के बल्लेबाज आऊट होते हैं तो मिडिल दबाव में बिखर जाता है और ज्यादा रन कम गेंद के दबाव को झेल नहीं पा रहा। यहीं पर टीम इंडिया लगातार हार रही है।

ALSO READ  Twenty-Twenty World Cup 2024 : T20- T20 वर्ल्डकप 2024 के लिए बीसीसीआई ने किया भारतीय टीम का चयन, चयनकर्ताओं ने इस खिलाड़ी की अनदेखी

युवी बल्लेबाजी के साथ-साथ फील्डिंग में भी अव्वल थे और उनकी गेंदबाजी की भी क्या कहने। वे साधारण गेंदबाज थे, लेकिन हमेशा विकेट टेकर साबित हुए। जहां टीम को जरूरत होती तो कप्तान धोनी उन्हें ही गेंदबाजी देते और वे बीच के ऑवर्स में टीम इंडिया को ब्रेकथू्र जरूर दिलाते थे। आईसीसी की पहला टी-20 वल्र्ड कप, 2011 वल्र्ड कप, चैंपियंस ट्रॉफी यानि आईसीसी के सभी टूर्नामेंट जीतने वाले दुनिया के एकमात्र कप्तान भी धोनी ही बने।

वहीं, आखिरी बार भारत ने जो आईसीसी ट्रॉफी जीती है, उसके कप्तान भी माही ही थे। भारत ने 2013 में इंग्लैंड को हराकर चैंपियंस ट्रॉफी अपने नाम की थी। टीम इंडिया को यदि फिर से वही सफलता हासिल करनी है तो टीम इंडिया को दूसरी टीमों को रन चेज से रोकने के लिए कमाल की कप्तानी, बॉलिंग, फील्डिंग तो चाहिए ही, जल्दी विकटें गिरने पर मुश्किल समय में टिक कर बल्लेबाजी कर मैच फिनिशर भी चाहिए। देखते हैं टीम इंडिया को अगले धोनी और युवराज कब मिलते हैं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *