फतेहाबाद। 18 वर्ष बाद फतेहाबाद में सम्मान दिवस रैली करने जा रहा इनेलो .. इंडियन नेशनल लोकदल पूर्व उपप्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल की जयंती पर 18 वर्ष बाद फतेहाबाद में सम्मान दिवस रैली करने जा रहा है। पिछली बार जब इनेलो की यह रैली फतेहाबाद में हुई थी, तब इनेलो सत्ता में थी और ओमप्रकाश चौटाला प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। फतेहाबाद से उस समय इनेलो विधायक स्वतंत्र बाला चौधरी थीं। इस रैली में भी नितीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू पहुंचे थे। तब संभवत: उस समय तक की इनेलो की सबसे बड़ी रैली साबित हुई थी।
रैली में उस समय पंजाबी गायकी में धूम मचा रहे सूफी गायक हंसराज हंस पहुंचे थे और खास बात यह है कि अब हंसराज हंस दिल्ली से भाजपा के सांसद हैं। रैली खचाखच भरी हुई थी लेकिन सबसे हैरान कर देने वाली बात यह थी कि सरकार का बड़ा कार्यक्रम फतेहाबाद में हो रहा था और तब फतेहाबाद के अधिकतर इलाकों में कई घंटों तक बिजली गुल रही थी। इसके बाद की बात करें तो 200५ में इनेलो सत्ता से बेदखल हो गई और फिर सत्ता की तलाश में इनेलो ने प्रदेशभर में हर वर्ष रैलियां की, लेकिन इनेलो फिर सरकार नहीं बना पाई। किसी समय में इनेलो का वर्चस्व वाला इलाका माने जाने वाले फतेहाबाद की अब पार्टी को याद आई है और 18 वर्ष बाद फतेहाबाद में यह प्रदेश स्तरीय सम्मान दिवस समारोह आयोजित होगा।
फतेहाबाद रैली में ही मिली थी बेरोजगारों को सौगात
प्रदेश बेरोजगारी भत्ते की शुरूआत फतेहाबाद में 2004 में आयोजित रैली में हुई थी। तब तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने 10वीं-12वीं पढ़े लिखे बेरोजगार को 100 रुपये महीना व स्नातक को 200 रुपये महीना बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की थी। इसके अलावा किसानों के लिए भी कई अहम घोषणाएं की थी।
रैली के लिए चार मंच बनाए
25 सितंबर को होने वाली सम्मान दिवस समारोह रैली को लेकर सिरसा रोड स्थित अनाज मंडी में चार मंच बनाए गए हैं। पहला मंच 100 फीट का होगा, जिस पर पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला और देशभर से आने वाले बड़े नेता उपस्थित होंगे, बाकी तीन मंच 50-50 फीट के बनाए गए हैं, जिन पर प्रदेश के नेता एवं कार्यकर्ता और इसके अलावा दो मंच मीडिया और कलाकारों के लिए बनाए गए हैं।
सम्मान दिवस रैली में ही पड़ी थी फूट
2019 के आम चुनाव से पहले इनेलो काफी मजबूत स्थिति में थी, भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदेश में बने माहौल को भुनाने के लिए इनेलो तत्पर थी, 2018 में इनेलो की यही सम्मान दिवस रैली गोहाना में हो रही थी। अचानक से मंच पर अभय चौटाला के भाषण के दौरान दुष्यंत चौटाला के पक्ष में युवाओं ने नारेबाजी शुरू कर दी और मंच पर अव्यवस्था का माहौल बना तो इसका स्पष्टीकरण दुष्यंत और दिग्विजय से इनेलो सुप्रीमो ने मांगा, इसके बाद से पार्टी के साथ-साथ परिवार में भी फूट पड़ गई।
दुष्यंत चौटाला ने अपनी अलग से जननायक जनता पार्टी बनाई और अगले ही साल हुए विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित रूप से 10 सीटें जीतकर सरकार में अपनी हिस्सेदारी बना ली। कहीं न कहीं जजपा आगे निकली और इनेलो प्रदेशभर में साफ होती चली गई। किसान आंदोलन के बाद जजपा को नुकसान होना शुरू हुआ तो अब इनेलो इस नुकसान का फायदा उठा रही है और अपने क्षेत्र फतेहाबाद में फिर से पैर पसारने की जुगत में है।