गांव के विकास में लाखों रुपये के फर्जी बिल काट डाले, कई तत्कालीन अधिकारियों, पूर्व सरपंच व जिप सदस्य पर केस

फतेहाबाद। एक तरफ जहां भ्रष्टाचार के आरोप में पूर्व एसडीएम को विजिलेंस ने पकड़ा है तो वहीं टोहाना में गृह मंत्री अनिल विज के आदेश पर पुलिस ने टोहाना में 2018 के एबीपीओ, बीडीपीओ, एसडीओ पंचायती राज, जेई, डीडीपीओ, सचिव पंचायती राज, पूर्व सरपंच व जिला परिषद सदस्य के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में 406, 409, 420, 120 बी के तहत मामला दर्ज किया है। गृह मंत्री अनिल विज को भेजी शिकायत में हिंदालवाला निवासी विरेंद्रजीत ने आरोप लगाया कि क्षेत्र में हुए विकास में तत्कालीन सरपंच व जिला परिषद सदस्य जगदीश ओड़ ने उक्त अधिकारियों से मिलीभगत कर बड़े स्तर पर गबन किया गया। लाखों-लाखों रुपये के कई फर्जी बिल काट कर जमा करवाए गए। जिसकी उन्होंने उक्त अधिकारियों को शिकायत दी तो उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे साबित हुआर कि सबकी मिलीभगत थी।

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शिकायत में बताया कि उसने आरटीआई के तहत जानकारी मांगी थी, जिसमें ईंट भट्ठों से लाखों के बिल लिए गए,कई बिल फर्जी थे, एक बिल पर दो-दो पेमेंट दिखाई गई, 50 नंबर बिल जांच में मिला ही नहीं, कुछ एसी फर्मों के बिल दिए, जो फर्में ही मौजूद नहीं, एक भट्ठे के लाखों के बिल काटे, लेकिन उसकी एक भी ईंट गांव में नहीं लगी। वार्ड 16 का जो रास्ता मनरेगा के तहत बना था, उस रास्ते को भी लाखों रुपये से बनाकर दिखाया और गबन कर लिया। शिकायत में आगे आरोप लगाए गए हैं कि देसराज टोहाना के नाम पर मिट्टी के लाखों के बिल काट दिए, फिर उसके खाते से पैसा ट्रांसफर कर निकलवा लिए गए, देसराज का बैंक खाता इसका सबूत है।

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शिकायतकर्ता अनुसार इस प्रकार लाखों-लाखों रुपये के काफी बिल फर्जी तरीके से काटकर गबन किया गया। आरोप है कि इस बारे में जब अधिकारियों को शिकायत दी गई तो एसडीओ पीडब्लूडी बींएडआर ने 20 अप्रैल 2022 की अपनी जांच रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर अंकित किया कि बिल फर्जी तरीके से काटे गए थे। शिकायतकर्ता के अनुसार जांच रिपोर्ट में गबन सामने आने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस ने अब गृहमंत्री के आदेश पर आरोपी अधिकारियों व अन्य के खिलाफ गबन के आरोप में मामला दर्ज कर लिया है।

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