दो वर्ष बाद मनाया जा रहा था दशहरा, खड़ा नहीं हो पाया रावण, लेटाकर किया दहन, अधजली टांगे ले भागे लोग, पुलिस ने खदेड़ा

फतेहाबाद। शहर में 2 वर्ष बाद मनाए जाने वाले दशहरा पर्व में रंग में भंग डल गया। क्योंकि रावण का पुतला काफी जद्दोजहद के बाद भी खड़ा नहीं हो सका और रावण के पुतले को और लेट आकर ही आखिर में दहन किया गया। लोगों ने भी व्यवस्था बिगाड़ने का काम किया और रावण की अधजली टांगे उठा कर ले भागे। इस दौरान पुलिस ने लाठियां भी दिखाई और व्यवस्था को काबू में रखा। लोग फिर भी नहीं माने और दशहरा ग्राउंड से बाहर खड़े लोग रावण दहन होते ही अंदर की तरफ भागना शुरु हो गए और लकड़िया लेने के लिए टूट पड़े। उनके हाथ में अधजली लकड़ियां आई और वे उन्हें ही लेकर भागने लगे। यानी कि पुतले को पूरी तरह दहन भी नहीं होने दिया।

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आपको बता दें कि शाम 6:00 बजे पुतला दहन का कार्यक्रम था लेकिन पुतले के अंदर जो बांस लगाया हुआ था वह टूट गया, जिस कारण पुतला खड़ा नहीं हो पायाम बार-बार जेसीबी की सहायता से पुतले को खड़ा करने का प्रयास किया गया लेकिन पुतले का दर्द दोनों तरफ लटका जा रहा था। करीब सवा घंटे बाद जब पुतला स्टैंड नहीं हो पाया तो पुतले को लेटा कर ही दहन करने का फैसला लिया गया और फिर जो उसकी टांगें थी वह पुतले के पास ही रख दी गई और पुतले को आग लगा दी।

टांगे जली नहीं थी कि लोग टूटकर पड़े ग्राउंड में आए और टांगे उठाकर भागने शुरू कर दिया। लोगों की हड़बड़ाहट देखते हुए पुलिस ने उनको लाठियां दिखाई जिस पर लोग बाहर की तरफ भागने लगे और काफी लोग दूसरी तरफ से अंदर आ गए और दहन हो रहे पुतले को घेर लिया और उसमें से लकड़ियां निकालने के लिए जुट गए।

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आपको बता दें कि वर्ष 2020 और 21 में करुणा के चलते फतेहाबाद में दशहरा नहीं मनाया गया था इस बार दशहरा प्रोग्राम बनाया जा रहा है और 40 फुट का रावण तैयार किया गया था महंगाई के चलते कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले नहीं बनाए गए थे। लोग मजाक करते रहे कि हो सकता है कि भाई और बेटे के ना होने के कारण रावण के पुतले का खड़ा होने का दिल नहीं कर रहा।

 

 

 

 

 

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