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Don't cross the red line! Israeli PM Benjamin Netanyahu angry at ally America

America vs Iseral update : रेड लाइन पार मत करो ! सहयोगी अमेरिका पर ही भड़के इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू

America vs Iseral update : दुनिया में चल रहे कई देशों में युद्ध में से एक युद्ध हमास और इजराईल का भी चल रहा है। इस प्रकार इसी बीच युद्ध में अमेरिका ने एक सैन्य टुकड़ी पर पाबंदी लगाने का विचार किया है।

इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी वॉर कैबिनेट ने अपने सहयोगी देश अमेरिका (America vs Iseral update) को ही आड़े हाथ लिया है। अमेरिका की ओर से पिछले दिनों कहा गया था कि वह इजरायली डिफेंस फोर्सेज की एक सैन्य टुकड़ी को बैन करेगा।

 

 

 

अमेरिका के फैसले पर क्या बोला इजरायल ?

बता देें कि, बैन की जा रही इजरायल की इस सैन्य यूनिट का नाम नेत्जा येहुदा है। बेंजामिन नेतन्याहू और वॉर कैबिनेेट के ज्यादात्तर सदस्यों ने कहा कि अमेरिका (America vs Iseral update) का यह फैसला गलत है। इससे एक गलत प्रोपगेंडा सेट हो जाएगा।

इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि, यह बेहद खतरनाक है और इससे गलत संदेश जाएगा। माना जा रहा है कि जो बाइडेन सरकार किसी भी दिन नेत्जा येहूदा बटालियान पर प्रतिबंध लागू कर सकती है, जिसका ऐलान अमेरिका पहले ही कर चुका है।

 

 

 

इजरायली पीएम क्यों भड़के अमेरिका पर ?

कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अमेरिका सरकार ऐसा इसलिए कर रही है। क्योंकि, इजरायली सेना की इस टुकड़ी पर मानवाधिकार के उल्लंघन के मामले दर्ज हैं। जबकि पहली बार ऐसा होगा, अमेरिकी सरकार इजरायल के खिलाफ इस तरह का कदम उठाएगी। यही कारण है कि इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका (America vs Iseral update) पर बुरी तरह से भड़के हुए हैं।

इस सैन्य टुकड़ी पर आरोप है कि, इस टुकड़ी ने फिलिस्तीनी अमेरिकी शख्स उमर असद को हिरासत में लिया था। 78 साल के उमर असद के हाथ बांध दिए गए थे और आंखों पर भी पट्टी बांध दी गई थी। इसके बाद उन्हें एक बेहद ठंडी जगह पर फैंक दिया था। बरहाल् इजरायली सेना (America vs Iseral update) की यह यूनिट गाजा पट्टी पर भी तैनात है।

 

 

 

इजरायल पीएम ने सोशल मिडिया हैंडल एक्स पर क्या लिखा ?

अमेरिका (America vs Iseral update)  की ओर से इस टुकड़ी पर प्रतिबंध लगाने के फैसले से खुद बेंजामिन नेतन्याहू भड़ग गए हैं। इस प्रकार उन्होंने एक्स पर लिखा कि, ’ आईडीएफ पर पाबंदियां नहीं लगानी चाहिए ! मैं इजरायली नागरिकों के प्रतिबंधों के खिलाफ आवाज उठा रहा हूं।

अमेरिकी सरकार से इस बारे में मैने बात की है, ऐसे दौर में जब हमारे सैनिक आतंकवाद से मुकाबला कर रहे हैं। जबकि आईडीएफ की एक यूनिट को बैन करना बेवकूफी भरा है और नैतिक रूप से बेहद निचला स्तर है। ’

 

 

 

अमेरिका के इस फैसले पर किसने आलोचना की ?

वॉर कैबिनेट के मिनिस्टर बेन्नी गैंट्ज ने भी अमेरिका (America vs Iseral update) के इस फैसले की आलोचना की है, जिन्हें मध्यमार्गी विचारधारा का नेता माना जाता है। उन्होंने कहा कि, यह टुकड़ी इजरायली सेना का अहम हिस्सा है। गैंट्ज ने कहा कि, हम इंटरनेशनल कानूनों का पालन करने वाले हैं। हमारी अदालतें स्वतंत्र और सक्षम हैं !

अगर कोई मामले हैं तो हम उनसे खुद निपटेंगे। उन्होंने कहा, ’ हम अपने अमेरिकी मित्रों का सम्मान करते हैं! पर आईडीएफ की एक यूनिट पर पाबंदियां लगाना पूरी तरह निराधार है। ऐसा करने से हमारे साझा दुश्मनों को गलत संदेश जाएगा। ’

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Indians are second in getting American citizenship, but USA is delaying in giving citizenship.

America citizen update : अमेरिकी नागरिकता पाने में दूसरे नंबर पर भारतीय, लेकिन सिटिजनशिप देने में देरी कर रहा यूएसए

America citizen update : भारतीयों के अमेरिकी नागरिक बनने की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अमेरिकी कांग्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में 65,960 भारतीय आधिकारिक तौर पर अमेरिकी नागरिक बने। अमेरिका की नागरिकता पाने में भारतीय दूसरे नंबर पर हैं। 2022 में अमेरिका की नागरिक हासिल करने वालों में पहले नंबर पर मैक्सिको के लोग हैं।

 

 

अमरीकी कम्युनिटी सर्वे डेटा की रिपोर्ट

अमेरिकी कम्यूनिटी सर्वे डेटा के अनुसार , 2022 में अमेरिका (America citizen update) की जनसंख्या 33 करोड़ थी, जिसमें से 4 करोड़ लोग बहारी थे। जो कुल आबादी का 14% है। अमेरिका में 2022 में नागरिकता पाने वाले लोग मैक्सिको, भारत, फिलीपींस,क्यूबा, डोमिनिकन रिपब्लिक, वियतनाम और चीन के हैं।

 

 

कांग्रेस रिसर्च सर्विस की रिपोर्ट

अमेरिका में रह रहे 49 लाख लोगों की जुड़ी भारत से कांग्रेस रिसर्च सर्विस (CRC) की रिपोर्ट में बताया गया है कि, 2023 में विदेशों में पैदा हुए अमेरिकी नागरिकों में से 1.6 करोड़ मैक्सिको से थे। इसके बाद 28 लाख भारत से आने वाले लोग थे। तीसरे नंबर पर चीन के 22 लाख नागरिक ऐसे थे, जिनका जन्म तो चीन में हुआ, लेकिन वो अमेरिकी नागरिक बन गए। अमेरिका में 49 लाख लोग ऐसे हैं, जो भारतीय हैं या फिर उनकी जड़ें भारत से हैं।

 

हालांकि CRC ने बताया है कि अमेरिका में रहने वाले भारत (America citizen update) में जन्मे लगभग 42% नागरिक अभी अमेरिकी नागरिक नहीं बन सकते क्योंकि वे इसके लिए अयोग्य हैं। 2023 तक लगभग 2 लाख भारत में जन्मे विदेशी नागरिक, जो ग्रीन कार्ड या लीगल परमानेंट रेजीडेंसी (LPR) पर थे, वे लोग अब नागरिकता पाने के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

 

CRC ने हाल ही के सालों में अमेरिकी नागरिकता (America citizen update) के लिए अप्लाई करने वालों की बढ़ती तादाद पर चिंता जताई है। अमेरिका में नागरिकता देने वाली USCIS (United States Citizenship and Immigration Services) की प्रोसेस में देरी हो रही है। जबकि 2023 में USCIS के पास 4 लाख आवेदन नागरिकता देने के लिए पेंडिंग हैं। जो 2022 में 5 लाख, 2021 में 8 लाख और 2020 में 9 लाख थे।

 

 

भारत से हर साल बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स अमेरिका में जाते हैं पढ़ने

भारत से हर साल बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स अमेरिका पढ़ाई करने जाते हैं। भारतीयों (America citizen update) के अमेरिकी नागरिक बनने की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अमेरिकी कांग्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में 65,960 भारतीय आधिकारिक तौर पर अमेरिकी नागरिक बने। अमेरिका की नागरिकता पाने में भारतीय दूसरे नंबर पर हैं। 2022 में अमेरिका की नागरिक हासिल करने वालों में पहले नंबर पर मैक्सिको के लोग हैं।

 

 

सीआरसी की रिपोर्ट क्या कहती है ?

अमेरिका में 40 लाख से ज्यादा भारतीय रहते हैं। हालांकि CRC ने बताया है कि अमेरिका में रहने वाले भारत में जन्मे लगभग 42% नागरिक अभी अमेरिकी नागरिक नहीं बन सकते क्योंकि वे इसके लिए अयोग्य हैं। 2023 तक लगभग 2 लाख भारत में जन्मे विदेशी नागरिक, जो ग्रीन कार्ड (America citizen update) या लीगल परमानेंट रेजीडेंसी (LPR) पर थे, वे लोग अब नागरिकता पाने के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

CRC ने हाल ही के सालों में अमेरिकी नागरिकता के लिए अप्लाई करने वालों की बढ़ती तादाद पर चिंता जताई है। अमेरिका में नागरिकता देने वाली USCIS (United States Citizenship and Immigration Services) की प्रोसेस में देरी हो रही है।

 

 

नागरिकों पर सीआरसी रिपोर्ट के आंकड़े

1. रिपोर्ट के अनुसार 2023 तक 28 लाख विदेशी मूल के अमेरिकी नागरिक भारत से थे।

2. रिपोर्ट के अनुसार 2023 तक 28 लाख विदेशी मूल के अमेरिकी नागरिक भारत से थे।

3. अमेरिकी में परमानेंटली रहने के लिए योग्य थे 90 लाख लोग

 

अमेरिका में 2023 में नागरिकता के लिए 8 लाख एप्लीकेशन प्रोसेस में थी। जबकि 90 लाख लोग नागरिकता हासिल करने के लिए योग्य हैं। अमेरिका में जन्म लेने वाले विदेशी नागरिकों में वियतनाम, फिलीपींस, रूस, जमैका और पाकिस्तान के नागरिकों की संख्या ज्यादा है। जबकि होंडुरास, ग्वाटेमाला, वेनेज़ुएला, मैक्सिको, अल साल्वाडोर और ब्राजील के नागरिकों में कम हैं।

अमेरिका में नागरिता पाने के लिए इमीग्रेशन एंड नेशनलिटी एक्ट (INA) के एलिजिबिलिटी रिक्वायरमेंट को पूरा करना होता है। इन सब में कम से कम 5 साल का वैध स्थायी निवासी यानी LPR होना चाहिए।

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