pollution certificate update : आपको पता ही केंद्र सरकार ने यातयात के नियमों को सख्त बनाने के लिए संसद में कई बिल पारित कर रखें है। यहीं कारण है आपको सड़क पर गाड़ी चलाने के बाद कई ट्रैफिक नियमों का पालन करना होता है। नियमों का पालन न करने पर पुलिस भारी चालान काटती है।
इसलिए आपको बाइक चलाते या चलाते समय बहुत सारे दस्तावेज़ अपने साथ रखने पड़ते हैं, जो यातायात नियमों के अनुसार आवश्यक होते हैं। जैसे इसमें ड्राइवर का लाइसेंस, आरसी और कार बीमा जैसी चीजें शामिल हैं।
कैसे कटेगा 10 हजार रूपिए का चालान
यदि अब आप कार या बाइक चलाते हैं तो आप समझ गए होंगे कि हम यहां किस सर्टिफिकेट (pollution certificate update ) की बात कर रहे हैं। दरअसल, यहां हम बात कर रहे हैं पीयूसी सर्टिफिकेट की, जिसे देशी बोलचाल की भाषा में प्रदूषण पर्ची कहा जाता है। यदि आप इसके बिना गाड़ी चलाते हैं तो आपका 10,000 रुपये का चालान कट सकता है। मोटर वाहन अधिनियम में इसका प्रावधान है और जब भी प्रदूषण प्रमाणपत्र समाप्त हो जाता है, तो इसे तुरंत प्रस्तुत करना आवश्यक हो जाता है।
पीयूसी सर्टिफिकेट की वाहनों में कितने दिन की वैधता होती है
आपको बता दें की, प्रदूषण प्रमाण- पत्र (pollution certificate update ) बनाने में मात्र पांच से दस मिनट का समय लगता है। इसलिए आपको भारी चालान से बचने के लिए बनवा लेना चाहिए। ऐसे में पीयूसी सर्टिफिकेट कारों के लिए एक साल के लिए वैध होता है, जबकि बाइक के लिए यह तीन महीने के लिए वैध होता है। हर तीन महीने में एक नया पीयूसी बनाना होगा।
अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो पुलिस आपका भारी चालान काट सकती है। एक कार के लिए शुल्क लगभग 100 रुपये और बाइक या स्कूटर के लिए लगभग 70 या 80 रुपये है।
पीयूसी सर्टिफिकेट बनवाने के लिए कहां जाना होता है ?
यदि आपके पास पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं है तो, आपको प्रदूषण प्रमाण- पत्र (pollution certificate update ) पाने के लिए पीयूसी सेंटर जाना होगा, जो सभी पेट्रोल स्टेशनों पर उपलब्ध है। यहां आपकी कार की जांच की जाती है और फिर प्रदूषण प्रमाणपत्र दिया जाता है। उच्च प्रदूषण स्तर वाले वाहनों के लिए पीयूसी नहीं बनाए जाते हैं। यदि आपने अभी तक यह प्रमाणपत्र नहीं बनाया है, तो तुरंत बनाएं या भारी जुर्माना अदा करें।