Indian Currency vs Dollar : साल 2027 तक भारतीय रुपये की कीमत डॉलर के मुकाबले बढ़ेगी वैल्यू ? आजादी से पहले बराबर थी दोनों की वैल्यू

Indian Currency vs Dollar : डॉलर के प्रति रूपिए की कमज़ोर हालोतों को देखते हुए, भारत दुनियाभर में लेन-देन और निवेश के लिए तेजी से भारतीय रुपये के उपयोग को बढ़ा रहा है। इसी मकसद से पिछले साल सरकार ने फॉरेन ट्रेड पॉलिसी का ऐलान किया था ताकि वर्ल्ड वाइड विदेश वाणिज्य परिचालन में घरेलू मुद्रा का इस्तेमाल बढ़ाया जा सके।

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारत के रुपये की कीमत 83.15 रुपये (Indian Currency vs Dollar) है और आने वाले सालों में इसमें कमी आएगी या बढ़ोतरी, इसे लेकर एक्सपर्ट्स ने अनुमान लगाया है।

गौरतलब है की, आजादी से पहले भारतीय रुपये और अमेरिकी डॉलर की कीमत बराबर हुआ करती थी। यानी भारत का एक रुपया अमेरिका के एक डॉलर (Indian Currency vs Dollar) के बराबर होता था। लेकिन आजादी के बाद इसमें बड़ी तेजी से बदलाव आया और आज भारत के 83.15 रुपये एक अमेरिकी डॉलर के बराबर हैं।

ALSO READ  Indian Athletic Player Story : हरियाणा के किसान के बेटे ने जीता गोल्ड मेडल, परवेज की तेज दौड़ देखकर आनंद महिंद्रा ने की सराहना

 

2027 तक भारत का रुपिया डॉलर के प्रति कितना गिर जाएगा ?

एक्सपर्ट्स के अनुमान के अनुसार, 2027 तक डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये (Indian Currency vs Dollar) की वैल्यू में लगातार कमी आएगी और यह 90 रुपये से भी और नीचे चला जाएगा। एक्पर्ट्स ने रुपये की वैल्यू को लेकर लंबे समय की भविष्यवाणी की है।

वॉलेट इनवेस्टर ने भारतीय रुपये को लेकर भविष्यवाणी करते हुए कहा है की, 2025 में भारतीय रुपये में फिर से कमी आएगी और साल के अंत तक एक डॉलर की कीमत 88.276 रुपये के बराबर हो जाएगी और यह कमी जारी रहेगी। साल 2027 के नवंबर में एक डॉलर की वैल्यू 91.78 इंडियन रुपये (Indian Currency vs Dollar) के बराबर हो जाएगी। जबकि एक्सपर्ट्स का यह भी मानना है कि 2032 तक यह आंकड़ा 92 रुपये तक पहुंच जाएगा।

ALSO READ  Haryana news : हरियाणा सरकार इस जगह खरीदेगी 2300 एकड़ जमीन, किसानों को मिलेंगे मुंहमांगे दाम

 

आजादी से पहले भारत का रुपिया डॉलर के प्रति अब तक का उतार- चढ़ाव ग्राफ ?

आजाद के बाद भारतीय रुपये की कीमत में बड़ा बदलाव देखा गया है। उससे पहले भारत के एक रुपये की कीमत 1 अमेरिकी डॉलर के बराबर थी। कुछ लोगों का तो यह भी कहना है कि, रुपये की कीमत डॉलर से ज्यादा हुआ करी थी, लेकिन ऐसा माना जाता है कि मीट्रिक सिस्टम आने से पहले सारी करेंसी की वैल्यू एक समान थी। करेंसी की वैल्यू सेट करने के लिए साल 1944 में ब्रिटन वुड्स एग्रीमेंट लाया गया।

एग्रीमेंट के तहत सभी देशों में सहमति बनाई गई और वैश्विक करेंसी की वैल्यू सेट की गई। साल 1947 के बाद रुपये (Indian Currency vs Dollar) में कमी आनी शुरू हो गई। कंटेंपरेरी मीट्रिक सिस्टम के अनुसार, साल 1913 में एक डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की कीमत 0.09 रुपये थी। 1948 में यह 3.31 रुपये हो गई। इसके बाद 1949 में 3.67 रुपये और 1970 में 7.50 रुपये पर पहुंच गई।

ALSO READ  Canada News : कनाडा में भारतीय छात्रों की बढ़ी मुश्किल, पढ़ाई के साथ इनकम पर ट्रूडो सरकार की चली कैंची

बता दें की, साल 2022 में इंडियन रुपये में बड़ी गिरावट देखने को मिली और डॉलर के मुकाबले रूपिए के वैल्यू में 11 फीसदी की कमी आ गई। 2022 के शुरू में यह 74.40 रुपये था और 2023 में रुपया डॉलर के मुकाबले 83.15 रुपये पहुंच गया।

पिछले साल 20 अक्टूबर को अमेरिका की कड़ी मोनेट्री पॉलिसी की वजह से रुपये को बड़ा झटका लगा और इसकी कीमत 82.77 रुपये पहुंच गई। 1948 से अब तक भारतीय रुपया (Indian Currency vs Dollar) डॉलर के मुकाबले 79.46 रुपये गिरा है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *