मोबाइल फोन आजकल हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। मोबाइल बिना अब जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती। हम कहीं भी हों, हमारे मोबाइल से हम अपना बिजनेस भी सकते हैं, दुनिया के किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति से कनेक्ट भी रह सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मोबाइल का अत्याधिक प्रयोग हमारे रिश्तों को भी प्रभावित कर रहा है? दिन में चार घंटों से ज्यादा मोबाइल चलाने वाले अभिभावकों में अपने बच्चों के प्रति व्यवहार में बदलाव देखने को मिल रहा है। एक रिसर्च में यह दावा किया गया है कि ज्यादा मोबाइल चलाने वाले लोग बच्चों के प्रति चिड़चिड़े हो जाते हैं और बेमतलब उन्हें डांटते-डपटते हैं, इससे बच्चों के मन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
रिसर्च करने वालों ने 549 ऐसे अभिभावकों पर रिसर्च की, जिनके 5 से 18 वर्ष तक के दो-दो बच्चे थे। इसमें पाया गया कि यदि लोग खाली बैठे मोबाइल चलाते हैं तो बच्चों को वे जरूर झिड़कते और डांटअते हैं। उन पर ज्यादा चिल्लाते हैं। इनमें 75 प्रतिशत लोग डिप्रेशन के शिकार भी पाए गए। भले ही यह सुनने में यह बात ज्यादा खतरनाक न लग रही हो, लेकिन भविष्य के लिए खतरनाक है। बच्चों को इस प्रकार बेमतलब डांटने से परिजनों के प्रति उनके मन में गलत छवि बन रही है, जो ठीक नहीं है। जब आपस में बातचीत कम हो जाए तो पैरेंटिंग की आदतें खराब होने लगती हैं।
वहीं इस रिसर्च में यह भी सामने आया कि दिन में मात्र एक-दो घंटे या सीमित समय में रुक-रुक कर मोबाइल चलाने वालों का व्यवहार उनके बच्चों के प्रति ठीक रहा। मोबाइल पर अपना काम जरूर कीजिए, लेकिन परिवार का समय उनको जरूर दीजिए।