HBSE Notice : बोर्ड विशेषज्ञ की राय और सुझाव के बाद नए स्तर से 12वीं कक्षा तक प्रश्न पत्रों में बड़ा बदलाव करने की तैयारी चल रही है। आंतरिक मूल्यांकन को जैसे बोर्ड नहीं नहीं पास फार्मूला में जरूरी बनाया है। वैसे ही अब इसके प्रारूप को भी बदला जा रहा है पहले जहां स्कूल संचालक, गेस्ट शिक्षक विद्यार्थियों को बिना मेहनत के अंक दे देते थे, अब वह नहीं होगा।
आंतरिक मूल्यांकन के 20 अंकों में से अच्छे अंक लाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना होगा। इसके अतिरिक्त 10वीं और 12 वीं कक्षा (HBSE Notice) में साइंस विषय के प्रैक्टिकल के अलग से 20 अंक करने की बजाय, थ्योरी की परीक्षा ही 80 करने पर विचार चल रहा है।
80 प्रतिशत से कम उपस्थिति पर नहीं मिलेंगे 5 अंक
आंतरिक मूल्यांकन के 20 अंकों के लिए दो टेस्ट की परीक्षाएं ली जाएगी, जिनमें चार अंक होंगे प्री बोर्ड (HBSE Notice) एग्जाम के लिए जाएंगे क्लास का प्रोजेक्ट वर्क होगा। इसके कक्षा में उपस्थित होने के पांच अंक अगर विद्यार्थी की उपस्थिति 95 से 100% के बीच है, तो 5 अंक मिलेंगे। वहीं 90 से 95% उपस्थित पर चार अंक मिलेंगे। वहीं 80% से कम उपस्थित होने पर कोई अंक नहीं दिया जाएगा।
हरियाणा शिक्षा बोर्ड (HBSE Notice) ने विचार करते हुए प्रतिस्पर्धा प्रश्नों पर फोकस किया है । पहले 30% प्रतिस्पर्धा प्रश्न पूछे जाते थे, इस बार इनकी संख्या 40 से 50 कर दी गई है।
बोर्ड (HBSE Notice) ने प्रश्न पत्र बैंक भी तैयार किया है, इसमें 10वीं 12वीं के तीन-चार मॉडल प्रश्न पत्र डाले गए हैं। जो विद्यार्थियों को काफी सहायता करेगा, इनकी रिवीजन से जहां विद्यार्थियों को परीक्षा का पैटर्न अच्छे समझ में आ जाएगा। ऐसे में 80 से 90% सिलेबस पूरा हो जाएगा।
बोर्ड ने नया आंतरिक मूल्यांकन अंकों का नया पैटर्न लागू किया
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HBSE Notice) ने एक तरफ जहां पास फार्मूला में आंतरिक अंकों को जोड़कर, 33% अंक लाने वाले को ट्रेन करने का फार्मूला अपनाकर परीक्षार्थियों को बड़ी राहत दी है। वही आंतरिक मूल्यांकन में अब ज्यादा अंक लेना परीक्षार्थियों के लिए चुनौती होने वाला है। आंतरिक मूल्यांकन अंकों के लिए बोर्ड ने नया पैटर्न लागू कर दिया हैं।
इसके तहत सभी विद्यार्थियों को आंतरिक मूल्यांकन में अच्छे अंक लेने के लिए नए सिरप प्रोजेक्ट बनाने होंगे। बल्कि क्लासरूम के गतिविधियों में भी अधिक से अधिक भाग लेना होगा।
इसके अलावा हर 6 महीने में होने वाली पेपर टेस्ट की अंको को भी जोड़ा जाएगा। इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों की क्षमता मापन पर फोकस रखते हुए प्रतिस्पर्धा प्रश्न ज्यादा पूछे जाएंगे। प्रश्न पत्र में इनकी संख्या 30 से बढ़कर 50 करती जाएगी।