Sirsa News : हरियाणा के सिरसा जिले में एक मात्र ऐसा किसान जो आर्गेनिक सौंफ की खेती करके लाखों रुपए कमा रहा है। गांव जोड़कियां का किसान सतबीर देहड़ू, यूट्यूब पर वीडियो देखकर सौंफ की खेती करने का मन बनाया।
सौंफ खेती के लिए यूट्यूब पर वीडियो देखकर सतबीर ने कई तरीके अपनाए। इस खेती के बारे में उसने सर्च किया तो खेती की आमदनी से वह बहुत प्रभावित हुआ। आखिरकार उन्होने, अक्टूबर 2023 में सौंफ की खेती शुरू कर दी। सबसे पहले वह जोधपुर से सौंफ का बीज लेकर आया। सतबीर को सौंफ की खेती करने के लिए, एक किले में करीब 800 ग्राम बीज की जरुरत होती है।
कैसे होती है सौंफ की खेती ?
बता देें कि, इस फसल को पककर तैयार होने में करीब 150-180 दिन का समय लगता है। किसान सतबीर ने बताया कि, बाजार में सौंफ की अच्छी खासी मांग है। एक किले में करीब 8 से 10 क्विंटल तक फसल हो जाती है और इसका बाजार में दाम 18 से 20 हजार रूपए प्रति क्विंटल सामान्य तौर पर रहता है। किसान का कहना है कि, उसने एक किले से 2 लाख रुपए की फसल तक का फायदा मिला है।
उन्होंने बताया कि, सौंफ की खेती बहुत ही ज्यादा मुनाफा कमाने वाली खेती है, पर इसके बारे में किसानों को ज्यादातर सूचना नहीं होती, इसलिए किसान पारम्परिक खेती पर निर्भर रहते हैं। जबकी, सौंफ की खेती के लिए मीेठे पानी की जरुरत होती है। ऐसे में फसल के लिए किसान सतबीर ने खेत में पानी की डिग्गी का निर्माण करवाया। इस प्रकार सौंफ की फसल तीन सिंचाई में पककर तैयार हो जाती है और इसकी कटाई लगभग अप्रैल माह में हो जाती है।
सरकार से लगाई गुहार
किसान ने बताया कि, सौंफ की पैदावार तो अच्छी होती है, पर मंडी नजदीक नहीं होने की वजह से हमें फसल को जोधपुर लेकर जाना पड़ता है। ऐसे में फसल मंडी तक लेकर जाने में हमें अधिक व्यय करना पड़ता है। किसान ने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि, सरकार द्वारा किसान की परम्परागत खेती छोड़ आधुनिक खेती की ओर अग्रसर करने के लिए अनुुदान देना चाहिए।
सौंफ के खेती के लिए स्प्रे एवं उर्वरक की जरुरत नहीं
गांव जोड़कियां (Sirsa News) निवासी सतबीर ने बताया कि, सौंफ की खेती आर्गेनिक तरीके से होती है। इसमें किसी भी प्रकार की स्प्रे और उर्वरक की जरूरत नहीं होती। आर्गेनिक तरीके से तैयार सौंफ लोगों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है, इसी कारण ज्यादा लोग आर्गेनिक खाद्य पदार्थों की तरफ आकर्षित हो रहे है।