Gurugram wine drinks story : सरकार की कमाई में हो रही है बल्ले! बल्ले! पिछले 10 महीनों में 600 करोड़ की शराब पी गए गुरूग्राम के लोग

Gurugram wine drinks story : एक तरफ सरकार टीवी और अन्य संचार के माध्यमों पर शराब निरोधक विज्ञापन छपवाती है, दूसरी शराब का कारोबार दिन-प्रतिदिन बढ़ा रही है। हाल ही में जारी एक्साइज विभाग के आंकड़े बताते हैं कि गुरूग्राम के लोगों ने पिछले 10 महीनों में लगभग 6 हजार करोड़ रूपये की शराब का सेवन किया है। इस भारी खपत ने केवल स्थानीय बाजार में व्यापक प्रभाव डाला है, बल्कि एक्साइज राजस्व में भी उल्लेखनीय वृद्धि कर रहा है।

 

टैक्स रेवेन्यू में बढ़ोतरी

बता दें कि 2023-2024 के दौरान एक्साइज विभाग ने जो टैक्स वसूली की है, उसमें पिछले साल की तुलना में 70 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है। यह बढ़ोतरी न केवल शराब (Gurugram wine drinks story) की बढ़ती खपत को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि, कैसे शराब व्यवसाय से शहर के आर्थिक ढांचे पर प्रभाव पड़ रहा है।

ALSO READ  फतेहाबाद सहित 10 जिलों में पहले होंगे पंचायत चुनाव, फतेहाबाद सहित हरियाणा की एक-एक जानकारी पढ़ें

 

नई एक्साइज नीधि के प्रभाव

गौरतलब है कि, 12 जून 2024 को नई पॉलिसी लागू होने वाली है। जबकि लागू करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी। इस नई नीधि के अनुसार बड़े परिवर्तनों की संभावना कम है, पर यह नीधि शहर में शराब की बिक्रि और उपभोगताओं पर डाल सकती है।

 

शराब बाजार का विस्तार इस प्रकार बढ़ा

गुरूग्राम में शराब का बाजार विस्तार ईस्ट जोन और वेस्ट जोन के वेंडर्स का हाथ है। गुरूग्राम में शराब (Gurugram wine drinks story) के व्यापार में ईस्ट और वेस्ट जोन में कुल 245 वेंडर्स को प्रत्येक का दो वाइन शॉप खोलने की अनुमति है, जिससे शहर में शराब की उपलब्धता और भी सरल हो गई है। वेस्ट जोन में तो इंडियन मेड लीकर का कोटा पिछले साल के मुकाबले बढ़ा है। जबकि शहर की बढ़ती मांग को पूरा करने में सहायक हो रहा है।

ALSO READ  Ladies Police Constable Story : 700 लापता लोगों की अब तक घर वापसी करा चुकी हैं ये मर्दानी महिला कॉस्टेबल, जानें कैसे करती हैं ट्रैक

 

शराब का इस तरह का व्यापार से बढ़ सकती है चुनौतियां

एक्साइज विभाग के अनुसार, आने वाले समय में शराब (Gurugram wine drinks story) की खपत में और वृद्धि होने की संभावना है, जिससे रेवेन्यू में भी उत्तरोत्तर वृद्धि होगी। यह बढ़ती खपत शहर की आर्थिक स्थिति पर गहरा प्रभाव डालेगी, और यह एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ सकती है। व्यवसायी और प्रशासन को इस बढ़ती खपत को संभालने के लिए नई रणनीतियों और नीतियों का विकास करना होगा। ताकि सामाजिक और आर्थिक प्रभावों को संतुलित किया जा सके।

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *