न्यूयॉर्क। आपने हमेशा ऐसी खबरें सुनी होंगी कि कोई उल्का पिंड बहुत तेजी से धरती की ओर बढ़ रही है और धरती के बिल्कुल करीब से होकर गुजरेगी। बहुत बार ऐसी खगोलीय गतिविधियों में उल्का पिंडों के धरती पर गिरने की चेतावनी भी जारी होती है। लेकिन भविष्य में कोई भी एस्टेरॉयड धरती से ना टकराए, इसके लिए नासा NASA ने प्रोजैक्ट शुरू कर दिया है। प्रोजैक्ट का पहला मिशन नासा ने कामयाब भी कर लिया है। आज पहली बार इंसान के द्वारा बनाया गया यान एक उल्का पिंड asteroid Dimporphos से टकराया गया। यह टक्कर अमेरिकी समय 26 सितंबर शाम 7 बजकर 14 मिनट पर हुई, उस समय भारत में 27 सितंबर मंगलवार की सुबह 4 बजकर 44 मिनट थे। इस घटना की वीडियो आप पोस्ट के अंत में दिए लिंक पर देख सकते हैं।
जब टक्कर हुई, तब उल्का पिंड की रफ्तार 22.5 हजार किलोमीटर प्रति घंटा थी। नासा के वैज्ञानिकों ने इस घटना का एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें दिख रहा है कि यान की तरफ एक उल्का पिंड आ रहा है और फिर टक्कर होती है। नासा का यह यान डबल एस्टेरॉयड रिडायरेक्शन टेस्ट यानि DART अंतरिक्ष में मौजूद डाइमॉरफस उल्का पिंड से करीब 1.1 करोड़ किलोमीटर दूरी पर टकराया है। इस टक्कर का मकसद उल्का को नष्ट करना नहीं बल्कि यह जानना था कि टक्कर से उल्का पिंड की ऑर्बिट यानि उसकी कक्षा में कोई परिवर्तन होता है या नहीं।
साधारण भाषा में उल्का का रास्ता बदलना ही इसका मकसद था। अब यह रास्ता बदला है या नहीं, इसका अध्ययन अगले कुछ महीनों तक नासा करता रहेगा, जो कि मिशन 2 होगा। नासा के अनुसार इस टक्कर से उल्का पर एक बड़ा गड्ढा बना होगा, करीब 10 लाख किलो पत्थर और धूल स्पेस में बिखरी होगी। यदि उल्का की दिशा बदली होगी तो यह मिशन कामयाब माना जाएगा और भविष्य में अंतरिक्ष से आने वाले खतरों को दूर किया जा सकेगा।
Don’t want to miss a thing? Watch the final moments from the #DARTMission on its collision course with asteroid Dimporphos. pic.twitter.com/2qbVMnqQrD
— NASA (@NASA) September 26, 2022