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Indians are second in getting American citizenship, but USA is delaying in giving citizenship.

America citizen update : अमेरिकी नागरिकता पाने में दूसरे नंबर पर भारतीय, लेकिन सिटिजनशिप देने में देरी कर रहा यूएसए

America citizen update : भारतीयों के अमेरिकी नागरिक बनने की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अमेरिकी कांग्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में 65,960 भारतीय आधिकारिक तौर पर अमेरिकी नागरिक बने। अमेरिका की नागरिकता पाने में भारतीय दूसरे नंबर पर हैं। 2022 में अमेरिका की नागरिक हासिल करने वालों में पहले नंबर पर मैक्सिको के लोग हैं।

 

 

अमरीकी कम्युनिटी सर्वे डेटा की रिपोर्ट

अमेरिकी कम्यूनिटी सर्वे डेटा के अनुसार , 2022 में अमेरिका (America citizen update) की जनसंख्या 33 करोड़ थी, जिसमें से 4 करोड़ लोग बहारी थे। जो कुल आबादी का 14% है। अमेरिका में 2022 में नागरिकता पाने वाले लोग मैक्सिको, भारत, फिलीपींस,क्यूबा, डोमिनिकन रिपब्लिक, वियतनाम और चीन के हैं।

 

 

कांग्रेस रिसर्च सर्विस की रिपोर्ट

अमेरिका में रह रहे 49 लाख लोगों की जुड़ी भारत से कांग्रेस रिसर्च सर्विस (CRC) की रिपोर्ट में बताया गया है कि, 2023 में विदेशों में पैदा हुए अमेरिकी नागरिकों में से 1.6 करोड़ मैक्सिको से थे। इसके बाद 28 लाख भारत से आने वाले लोग थे। तीसरे नंबर पर चीन के 22 लाख नागरिक ऐसे थे, जिनका जन्म तो चीन में हुआ, लेकिन वो अमेरिकी नागरिक बन गए। अमेरिका में 49 लाख लोग ऐसे हैं, जो भारतीय हैं या फिर उनकी जड़ें भारत से हैं।

 

हालांकि CRC ने बताया है कि अमेरिका में रहने वाले भारत (America citizen update) में जन्मे लगभग 42% नागरिक अभी अमेरिकी नागरिक नहीं बन सकते क्योंकि वे इसके लिए अयोग्य हैं। 2023 तक लगभग 2 लाख भारत में जन्मे विदेशी नागरिक, जो ग्रीन कार्ड या लीगल परमानेंट रेजीडेंसी (LPR) पर थे, वे लोग अब नागरिकता पाने के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

 

CRC ने हाल ही के सालों में अमेरिकी नागरिकता (America citizen update) के लिए अप्लाई करने वालों की बढ़ती तादाद पर चिंता जताई है। अमेरिका में नागरिकता देने वाली USCIS (United States Citizenship and Immigration Services) की प्रोसेस में देरी हो रही है। जबकि 2023 में USCIS के पास 4 लाख आवेदन नागरिकता देने के लिए पेंडिंग हैं। जो 2022 में 5 लाख, 2021 में 8 लाख और 2020 में 9 लाख थे।

 

 

भारत से हर साल बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स अमेरिका में जाते हैं पढ़ने

भारत से हर साल बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स अमेरिका पढ़ाई करने जाते हैं। भारतीयों (America citizen update) के अमेरिकी नागरिक बनने की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अमेरिकी कांग्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में 65,960 भारतीय आधिकारिक तौर पर अमेरिकी नागरिक बने। अमेरिका की नागरिकता पाने में भारतीय दूसरे नंबर पर हैं। 2022 में अमेरिका की नागरिक हासिल करने वालों में पहले नंबर पर मैक्सिको के लोग हैं।

 

 

सीआरसी की रिपोर्ट क्या कहती है ?

अमेरिका में 40 लाख से ज्यादा भारतीय रहते हैं। हालांकि CRC ने बताया है कि अमेरिका में रहने वाले भारत में जन्मे लगभग 42% नागरिक अभी अमेरिकी नागरिक नहीं बन सकते क्योंकि वे इसके लिए अयोग्य हैं। 2023 तक लगभग 2 लाख भारत में जन्मे विदेशी नागरिक, जो ग्रीन कार्ड (America citizen update) या लीगल परमानेंट रेजीडेंसी (LPR) पर थे, वे लोग अब नागरिकता पाने के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

CRC ने हाल ही के सालों में अमेरिकी नागरिकता के लिए अप्लाई करने वालों की बढ़ती तादाद पर चिंता जताई है। अमेरिका में नागरिकता देने वाली USCIS (United States Citizenship and Immigration Services) की प्रोसेस में देरी हो रही है।

 

 

नागरिकों पर सीआरसी रिपोर्ट के आंकड़े

1. रिपोर्ट के अनुसार 2023 तक 28 लाख विदेशी मूल के अमेरिकी नागरिक भारत से थे।

2. रिपोर्ट के अनुसार 2023 तक 28 लाख विदेशी मूल के अमेरिकी नागरिक भारत से थे।

3. अमेरिकी में परमानेंटली रहने के लिए योग्य थे 90 लाख लोग

 

अमेरिका में 2023 में नागरिकता के लिए 8 लाख एप्लीकेशन प्रोसेस में थी। जबकि 90 लाख लोग नागरिकता हासिल करने के लिए योग्य हैं। अमेरिका में जन्म लेने वाले विदेशी नागरिकों में वियतनाम, फिलीपींस, रूस, जमैका और पाकिस्तान के नागरिकों की संख्या ज्यादा है। जबकि होंडुरास, ग्वाटेमाला, वेनेज़ुएला, मैक्सिको, अल साल्वाडोर और ब्राजील के नागरिकों में कम हैं।

अमेरिका में नागरिता पाने के लिए इमीग्रेशन एंड नेशनलिटी एक्ट (INA) के एलिजिबिलिटी रिक्वायरमेंट को पूरा करना होता है। इन सब में कम से कम 5 साल का वैध स्थायी निवासी यानी LPR होना चाहिए।

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Ukraine vs Russia War : यूक्रेन में भी अमेरिका का वही हश्र होगा जो वियतनाम और अफगानिस्तान में हुआ! रूस ने की कड़ी प्रतिक्रिया

Ukraine vs Russia War : अमेरिका द्वारा यूक्रेन के लिए स्वीकृत 60.84 अरब डॉलर की सहायता पर रूस ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा ताजा सहायता से स्पष्ट है कि, अमेरिका चाहता है कि यूक्रेन आखिरी नागरिक रहने तक रूस से लड़ता रहे। अमेरिका रूस के खिलाफ परोक्ष युद्ध छेड़े हुए है। लेकिन यूक्रेन में भी अमेरिका का वही हश्र होगा जो वियतनाम और अफगानिस्तान में हुआ!

 

अमेरिका द्वारा यूक्रेन के सहायता पर रूस ने ये कहा

रूस ने कहा है कि अमेरिका यूक्रेन में अशांति कायम रखना और वहां के ज्यादा लोगों को मरवाना चाहता है। बाद में अमेरिका यहां से वैसे ही अलग हो जाएगा जैसे वह वियतनाम और अफगानिस्तान से भागा था। शनिवार को अमेरिका की प्रतिनिधि सभा ने यूक्रेन (Ukraine vs Russia War) की मदद का जो प्रस्ताव पारित किया है। उसमें से 23 अरब डालर मूल्य के हथियार दिए जाएंगे, शेष 37.84 अरब डालर की धनराशि प्रशासनिक व अन्य कार्यों के लिए दी जाएगी।

America will face the same fate in Ukraine as it did in Vietnam and Afghanistan! Russia reacted strongly
America will face the same fate in Ukraine as it did in Vietnam and Afghanistan! Russia reacted strongly

 

अमेरिका यूक्रेन को कैसे मदद कर रहा है ?

अमेरिका यूक्रेन को यह सहायता रूस के साथ फरवरी 2022 से जारी युद्ध के कारण दे रहा है। अमेरिका (Ukraine vs Rusia War) इससे पहले भी यूक्रेन को बड़ी मात्रा में हथियार और आर्थिक सहायता दे चुका है। इस सहायता के चलते ही यूक्रेन करीब सवा दो साल से रूसी सेना का मुकाबला कर रहा है।

दोनों देशों में लड़ाई में सीधे तौर पर शामिल रही अमेरिकी सेना को मैदान छोड़कर वापस जाना पड़ा था। प्रवक्ता ने कहा, यूक्रेन में आम नागरिक को जबरन युद्ध के मोर्चे पर भेजा जा रहा है और उसे मरवाया जा रहा है।

रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा, ताजा सहायता से स्पष्ट है कि अमेरिका चाहता है कि यूक्रेन आखिरी नागरिक रहने तक रूस (Ukraine vs Russia War) से लड़ता रहे। अमेरिका रूस के खिलाफ परोक्ष युद्ध छेड़े हुए है लेकिन यूक्रेन में भी अमेरिका का वही हश्र होगा जो वियतनाम और अफगानिस्तान में हुआ।

 

 

जेलेंस्की ने कहा, जल्द हथियार भेजे अमेरिका

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अमेरिका से प्रक्रिया जल्द पूरी कर हथियार भेजने का अनुरोध किया है। शनिवार को प्रतिनिधि सभा से पारित हुआ प्रस्ताव अब सीनेट में जाएगा, वहां से पारित होने पर यह प्रस्ताव अमेरिकी राष्ट्रपति के पास अंतिम स्वीकृति के लिए जाएगा।

इसके बाद यूक्रेन (Ukraine vs Rusia War) को हथियार और अन्य सहायता दी जाएगी। जेलेंस्की ने कहा है कि उनकी सेना को अब लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियारों और एयर डिफेंस सिस्टम की सख्त जरूरत है।

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