Jind JJP update : जींद में दिग्विजय चौटाला ने कहा -2019 में विस चुनाव के बाद सरकार बनाने के लिए पहली पेशकश हुड्ड को की थी, पूर्व CM हुड्डा ने मना कर दिया था

Jind JJP update : लोकसभा चुनाव को लेकर किया इशारा, दुष्यंत लड़ सकते हैं लोस चुनाव

हरियाणा के जींद जेजेपी (Jind JJP update) के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह चौटाला ने कहा कि साल 2019 के विधानसभा चुनाव में जब भाजपा और कांग्रेस में किसी को बहुमत नहीं मिला था, और जजपा किंग मेकर की भूमिका में थी, तब जजपा ने समर्थन देकर सरकार बनाने के लिए पहला ऑफर भूपेंद्र हुड्डा को दिया था।

इस मसले पर वह भूपेंद्र हुड्डा के साथ आमने-सामने बैठकर सारे सबूत भी रख देंगे। दो बार प्रदेश के सीएम रहे भूपेंद्र हुड्डा को दुष्यंत चौटाला ने डिप्टी सीएम के अपने साढ़े चार साल के शासनकाल में डिप्टी सीएम के पद की ताकत का एहसास करवा दिया, जिस पद को भूपेंद्र हुड्डा झुनझुना बताते थे।

 

दिग्विजय चौटाला (Jind JJP update) ने प्रदेश के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर को लेकर कहा कि लगभग साढ़े 9 साल प्रदेश के सीएम रहने के बावजूद खट्टर जनता के दिलों पर राज नहीं कर पाए। उनका जनता से कनेक्ट नहीं था। जजपा और भाजपा के बीच गठबंधन फ्रेंडली तरीके से टूटा या नहीं, इस पर दिग्विजय चौटाला ने कहा कि जजपा ने भाजपा से लोकसभा की दो सीटों की मांग की थी। भाजपा ने एक भी सीट नहीं दी।

 

इसके बाद दुष्यंत चौटाला (Jind JJP update) ने प्रदेश सरकार से मांग की कि बुढ़ापा पेंशन 5100 रुपए महीना कर दी जाए। यह बात भी मनोहर लाल सरकार ने नहीं मानी, तो दोनों के रास्ते अलग-अलग हो गए। ग्रामीण क्षेत्रों में दुष्यंत चौटाला और खुद विरोध को लेकर से जुड़े सवाल पर दिग्विजय चौटाला ने कहा कि विरोध करने वाले आम लोग नहीं होकर कांग्रेस और इनेलो के कार्यकर्ता हैं।

 

अभी तक संयुक्त किसान मोर्चा या भारतीय किसान यूनियन में से किसी ने भी ऐसे विरोध की कॉल नहीं दी है। लोकसभा चुनाव को लेकर दिग्विजय चौटाला ने कहा कि इन चुनावों में दुष्यंत चौटाला जैसी आवाज लोकसभा में जरूरी है, जो हरियाणा और हरियाणवी का प्रतिनिधित्व करे। उनके साथ विधायक अमरजीत ढांडा, कुलदीप पिंडाराभी थे।

 

 

चौटाला परिवार के एक होने पर दिया सधा हुआ जवाब

दिग्विजय चौटाला से जब जजपा (Jind JJP update) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय सिंह चौटाला द्वारा चौटाला परिवार के एक होने का फैसला इनेलो सुप्रीमो पर छोड़े जाने और जवाब में अभय चौटाला द्वारा इससे मना किए जाने पर सवाल किया गया तो दिग्विजय ने कहा कि इसका फैसला न तो अजय चौटाला कर सकते हैं, और न अभय चौटाला कर सकते हैं। इस मामले में गेंद इनेलो सुप्रीमो के पाले में है।

उन्होंने दुष्यंत चौटाला, अजय चौटाला को इनेलो से बाहर किया था। अपने पिता के आदेश को उनके पिता अजय चौटाला ने सिर झुकाकर स्वीकार किया था। आगे भी दादा ओमप्रकाश चौटाला का जो फैसला होगा, वह उनके पिता अजय चौटाला और उनके परिवार को स्वीकार होगा।

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