Not only the spices of Everest or MDH, ethylene oxide also found in 527 Indian products from almonds to Ashwagandha.

Indian Masalen ban : एवरेस्ट या MDH के मसाले ही नहीं, बादाम से अश्वगंधा तक 527 भारतीय प्रोडक्ट्स में भी मिला एथिलीन ऑक्साइड

Indian Masalen ban : देश के दो सबसे पॉपुलर और बड़े मसाला ब्रांड एवरेस्ट और एमडीएच के कुछ मसालों पर हांगकांग एवं सिंगापुर में बैन लग गया है। इन कंपनियों के कुछ मसाला मिक्स में एथिलीन ऑक्साइड जैसा कीटनाशक मिलने का दावा किया गया है। इसके बाद भारत में भी फूड सेफ्टी को लेकर नई बहस छिड़ गई है। इस बीच एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत से यूरोप निर्यात (export) की जाने वाली 500 से ज्यादा वस्तुओं में एथिलीन ऑक्साइड पाया गया है।

 

 

क्या है एथिलीन ऑक्साइड ?

एक शोध के अनुसार, एथिलीन ऑक्साइड को कृषि में उत्पादों को फंगस से बचाने के लिए उपयोग किया जाता है। हालांकि , दुनिया के कई देशों में इस पर बैन लगाया गया है क्योंकि माना जाता है कि, ये इंसान के शरीर में कैंसर का कारण बनता है। कई सालों पहले यूरोपीय यूनियन ने 1991 में एथिलीन ऑक्साइड को बैन की श्रेणी में डाल दिया था। जबकि समय के साथ इंपोर्ट बढ़ने पर इसे लेकर कड़ी जांच की व्यवस्था बनाई गई। अब यूरोपीय यूनियन की ही एक रिपोर्ट में इसे लेकर बड़े खुलासे हुए हैं।

 

 

बादाम से अश्वगंधा तक में मिला एथिलीन ऑक्साइड

यूरोपीय यूनियन की फूड सेफ्टी अथॉरिटी ने सितंबर 2020 से अप्रैल 2024 के बीच भारत से इंपोर्ट किए जाने वाले फूड आइटम्स की जांच करते हुए उस पर शोध किया और 527 प्रोडक्ट्स में कार्सिनोजेनिक एथिलीन ऑक्साइड पाया गया। इससे पहले 2020-21 में भी यूरोपीय यूनियन भारत समेत कई अन्य देशों से इंपोर्ट की गई 468 वस्तुओं में एथिलीन ऑक्साइड होने की सूचना दी थी।

 

 

किन फूड प्रोडक्ट्स में कैंसर के केमिकल मिले है ?

यूरोपीय यूनियन की एक लास्टेड रिपोर्ट के अनुसार, भारत से मंगाए गए 527 फूड प्रोडक्ट्स में से 313 ड्राई फ्रूट्स और तिल से बने आइटम्स, 60 तरह की जड़ी-बूटियों और मसाले, 48 डायट्री फूड और सप्लीमेंट आइटम्स और बाकी 34 अन्य प्रोडक्ट्स में भी कैंसर उत्पन्न करने वाले केमिकल मिले हैं। इनमें से तिल, काली मिर्च और अश्वगंधा जैसी वे वस्तुएं भी शामिल हैं जिन पर ‘ऑर्गेनिक’ का लेबल लगा हुआ था।

 

 

यूरोपियन यूनियन ने 87 प्रोडक्ट्स को बॉर्डर पर ही किया रिजेक्ट

जबकि , कुछ फूड प्रोडक्ट्स ऐसे भी हैं, जिनसे इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने का दावा किया जाता है। इनके अलावा कई प्रोडक्ट ऐसे हैं जो अनाज, फल और सब्जियां, सूप, आइसक्रीम और मीट की श्रेणी में भी आते हैं। इनमें भी एथिलीन ऑक्साइड पाया गया है। एथिलीन ऑक्साइड पाए जाने के बाद यूरोपियन यूनियन ने 87 प्रोडक्ट्स को बॉर्डर पर ही रिजेक्ट कर दिया। बाकी को वहां के बाजारों से हटा दिया गया।

 

 

 

भारत सरकार ने फूड रेग्युलेटर FSSAI से डिटेल्स रिपोर्ट मांगी

भारतीय ब्रांड एमडीएच और एवरेस्ट के मसालों (Indian Masalen ban) पर हांगकांग और सिंगापुर के द्वारा बैन लगाने के बाद अब भारत सरकार ने फूड रेग्युलेटर FSSAI से डिटेल्ड रिपोर्ट मांगी है। वहीं देश में मौजूद मसालों की जांच का जिम्मा सौंपा है। भारत में मसालों के एक्सपोर्ट को भारतीय मसाला बोर्ड हैंडल करता है। सरकार ने बोर्ड से सिंगापुर और हांगकांग निर्यात होने वाले सभी मसालों की गुणवत्ता जांच भी अनिवार्य कर दी है। सरकार का कहना है कि अगर रिपोर्ट में मसालों की गुणवत्ता खराब पाई गई तो, इन ब्रांड्स के निर्यात पर पाबंदी भी लग सकती है।

 

 

 

भारत सबसे बड़ा मसाला निर्यातक

भारत दुनियाभर में मसालों (Indian Masalen ban) का सबसे बड़ा निर्यातक देश है। यहां से हर साल 14-15 लाख टन मसालों का दुनिया में निर्यात होता है। ये पूर्ण कारोबार करीब 3-4 अरब डॉलर का है। ऐसे में दुनिया बाजार में भारतीय मसालों की गुणवत्ता पर उठे सवालों से इनका निर्यात प्रभावित होने की संभावना जताई जा रही है। भारत से सबसे ज्यादा चीन, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), अमेरिका, मलेशिया, थाईलैंड, नेपाल और इंडोनेशिया को मसालों का निर्यात किया जाता है। वहीं यूरोप में ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस और स्पेन भारतीय मसालों के बड़े ग्राहक हैं।

निर्यात (export) होने वाले मसालों (Indian Masalen ban) में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी लाल मिर्च, हल्दी, जीरा, धनिया, करी पाउडर, लहसुन, मेथी दाना और अदरक की है। इसी तरह ड्राइ फ्रूट्स में ज्यादातर निर्यात अखरोट, काजू और किशमिश का होता है। वित्त वर्ष 2023-24 में जनवरी तक देश से 39,244 टन किशमिश, 60,222 टन काजू औ करीब 450 टन अखरोट का निर्यात हुआ है।

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