Gurmeet Ram Rahim Parole News : जेल से बाहर आने के लिए तड़प रहा है रामरहीम, हाईकोर्ट में गुहार लगाते हुए बोले 41 दिन की पैरोल का हकदार हूं
Gurmeet Ram Rahim Parole News : 2018-19 से सिरसा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम यौन उत्पीड़न और हत्या के मामलों में रोहतक की सुनारिया जेल में 20 वर्ष और उम्रकैद की सजा काट रहे जेल से बाहर आने के लिए तड़प रहे है। इसलिए उन्होंने जमानत यानी पैरोल देने पर रोक के आदेश को हटाने के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के समक्ष गुहार लगाते हुए याजिका दाखिल की है।
राम रहीम द्वारा पैरोल मांगना राजनीतिक उद्देश्य अटकलें चर्चा मे छाई
बता दें कि, डेरा प्रमुख के मुताबिक, इस वर्ष उसके पास अभी भी 41 दिन की जमानत बची हुई है और वह इसका लाभ शायद राजनितिक रुप से उठाना चाहते हैं ? मगर इससे पहले फरवरी 29 को हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को भविष्य में कोर्ट की इजाजत के बिना डेरा प्रमुख को जमानत देने से रोक लगा दी थी। क्योंकि लोकसभा चुनावों के समय राम-रहीम ने जमानत मांगी है। ऐसे में उनके द्वारा इस तरह मांगी गई जमानत को राजनीतिक उद्देश्य के प्रति अटकलें बताई जा रही हैं। क्योंकि डेरा प्रमुख (Gurmeet Ram Rahim Parole News) का पंजाब और हरियाणा की कई सीटों पर प्रभाव माना जाता है।
राम रहीम ने अपनी अर्जी में क्या कहा है ?
हरियाणा के सिरसा जिला में स्थित डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim Parole News) ने अपनी अर्जी में कहा है कि, वह इस साल की पैरोल और 21 दिन की फरलो सहित कुल 41 दिनों की रिहाई का हकदार है। आदेशों पर रोक हटाने की मांग करते हुए उन्होंने दलील दी है कि, पैरोल और फरलो देने का उद्देश्य सुधारात्मक प्रकृति का है और दोषी को परिवार और समाज के साथ अपने सामाजिक संबंधों को बनाए रखने हेतू सक्षम बनाना है। इसलिए 29 फरवरी का आदेश डेरा प्रमुख के अधिकारों को नुकशान पहुंचा रहा है, क्योंकि वह अधिनियम के मुताबिक इस साल 20 दिनों के लिए पैरोल और 21 दिनों के फरलो के लिए हकदार हूं।
डेरा प्रमुख ने जमानत मांगने के लिए कानूनी पाठ का सहारा ले रहे हैं
जमानत मांगने के लिए और कानूनी पाठ के तहत से डेरा प्रमुख ने कहा है कि, हरियाणा गुड कंडक्ट प्रिजनर्स एक्ट 2022 के तहत पात्र दोषियों को हर कैलेंडर साल में 70 दिनों की पैरोल और 21 दिन की फरलो देने का अधिकार का प्रावधान है। उन्होंने दलील देते हुए कहा है कि, कानून ऐसे किसी भी दोषी को पैरोल और फरलो देने पर रोक नहीं लगाते हैं, जिसे आजीवन कारावास और निश्चित अवधि सजा वाले तीन या अधिक मामलों में दोषी ठहराया गया हो और सजा सुनाई गई हो।
किस फैसले के कारण दोषी राम रहीम को पैरोल लेने में दिक्कते आ रही है ?
पाठक को बता दें कि, डेरा प्रमुख को बार-बार दी जा रही पैरोल के खिलाफ शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। ऐसे में हरियाणा सरकार पर कानूनों को ताक पर रख अपने फायदे के लिए उसे बार-बार पैरोल देने की बात कही गई थी। दरअसल, इस साल फरवरी में दोषी राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim Parole News) को भविष्य में कोर्ट की अनुमति के बगैर पैरोल या फरलो देने पर रोक लगा दी थी। दोषी राम रहीम को मिलने वाली पैरोल को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सख्ती अपनाते हुए आदेश दिया था कि, कोर्ट से पूछे बिना राम रहीम को पैरोल ना दी जाए।
राम रहीम को तीन मामलों में मिली है सजा
पाठकों को दोषी राम रहीम की सजा के बारे में सूचित करते हैं कि, दोषी राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim Parole News) को डेरा की दो साधवियों के साथ दुष्कर्म के आरोप में 20 साल का कारावास मिला है। जबकि 2021 में दोषी राम रहीम को डेरा के एक प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या मे मामले में 4 अन्य के साथ दोषी करार दिया गया था। डेरा प्रमुख और 3 अन्य को 2019 में पत्रकार रामचन्द्र छत्रपति की हत्या के मामले में 16 वर्ष का कारावास मिला था। फिर भी पिछले 2 वर्ष अंत्तराल में दोषी राम रहीम को 6 महीने से ज्यादा की पैरोल मिल चुकी है।