There was an outcry in the long queue of farmers standing in the scorching heat for paddy seeds in Kaithal, the opposition surrounded the government.

Haryana Agriculture News : कैथल में धान बीज के लिए तपती धूप में किसानों की लगी लंबी लाइन में हाहाकार मची, विपक्ष ने सरकार को घेरा

Haryana Agriculture News : हरियाणा में गेहूँ और सरसों की कटाई-छंटाई करने के बाद किसानों ने धान की फसल की बुआई के लिए तैयारी कर दी है। वैसे तो किसानों को गर्मी की तपती धूप में कभी फसल बेचने के लिए तो कभी उर्वरक-बीज खरीदने के लिए लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है। ऐसे में किसान भयंकर गर्मी से बचने के लिए लंबी लाईन में खड़े होने की बजाए बीज को खरीदने के लिए मजबूरन कई गुना किमत चुकाने को तैयार है। किसानों द्वारा बीज के लिए भारी कीमत चुकाना दर्शा रहा है कि, बीज के बेजने और खरीदने के नाम कालाबाजारी चल रही है।

 

 

 

धान के इस बीज के लिए किसानों को लगना पड़ रहा है लंबी लाईन में

हरियाणा (Haryana Agriculture News) में धान की हाईब्रिड किस्म सवा 7501 और 7301 के बीजों के लिए किसानों में हाहाकार मचा हुआ है। बीज के लिए लगे लाइन में हरियाणा के कैथल जिले के किसान अशोक नें बताया कि, प्राईवेट कंपनी के धान की महंगी किस्म 7501 बीज के लिए किसानों को लंबी लाईन में लगना पड़ रहा है। जबकि, किसानों ने इस बीज को अपने खेतों में आजमाया था। किसानों के मुताबिक, एक किले में 8 से 10 टन तक पैदावार हुई, जो ट्रेंड में चल रहे किस्मों के प्रति अधिक है। यही कारण है कि, इस बार किसान इस बीज को अधिकत्तम खरीदना चाहते हैं। हालांकि, आरोप लग रहे है कि, 1715 रुपये की तीन किलोग्राम बीज के पैकट ब्लैक में 3,500 रुपये तक में बिक रहा है।

ALSO READ  Lok-Sabha election 2024 update : राजस्थान के इन दो गांव में नहीं पड़ा एक भी वोट, दो गांव में एक-एक वोट, एक गांव में दो वोट पड़े, जानें वजह

 

 

 

कृषि के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बीजों की उचित मूल्यों की दी जानकारी

एक मीडिया रिर्पोट में ICAR के एक वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक ने बीजों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि, 7501 किस्म से पहले धान की पूसा 44 वैराएटी भी करीब 10 टन प्रति किला तक पैदावर देती थी। दरअसल, लंबे अंत्तराल में पकने और पानी की ज्यादा खामि की वजह से पूसा 44 किस्म को पाबंद कर दिया गया है। पाबंद लगने से पहले पूसा 44 पंजाब में सबसे ज्यादा क्षेत्र में बोई जाने वाली धान की किस्म बन गई थी।

कृषि वैज्ञानिक के अनुसार, धान के अलग-अलग किस्मों के बीजों का मूल्य 250 से 350 रुपये प्रति किलोग्राम होता है। जबकि बासमति धान के बीज की कीमत केवल 100 रुपये किलोग्राम लेता है। वहीं 7501 किस्म का बीज 572 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। बता दें कि, धान की अन्य किस्में सामान्य तौर पर 7 से 7.5 टन तक पैदावर देती हैं। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा किसान 7501 किस्म का बीज खरीदना चाहते हैं। पर डिमांड के मुकाबले डीलरों के पास सप्लाई कम है।

ALSO READ  POCO X6 Neo 5G : 108 मेगाफिक्सल कैमरा वाला ये 5G स्मार्टफोन 5 हजार रुपये तक हुआ सस्ता, करें अभी ऑर्डर

 

 

 

कालाबाजारी की सूचना मिलने पर ईनेलो प्रमुख किसानों के बीच पहुंचे

कैथल (Haryana Agriculture News) में धान के बीज की कालाबाजारी की जानकारी मिलने पर ईनेलो प्रमुख अभय सिंह चौटाला किसानों के बीज समस्याओं को लेकर अधिकारियों से बात की। इस बीच उन्होंने राजनीतिक बयान दिया कि, हरियाणा का किसान जान चुका है कि कौन किसानों की हितैषी है और किसकी गारंटी में दम है।

 

 

किन शहरों में बीज की किल्लत की परेशानी है ?

धान के बीज की किल्लत सबसे ज्यादा कुरुक्षेत्र, कैथल और यमुनानगर जैसे शहरों में है। यहाँ किसान को आधार कार्ड पर केवल तीन किलोग्राम बीज का ही पैकट मिल रहा है। जबकि, एक पैकट से एक किले में एक पौधा भी तैयार नी होता। ऐसे में दिनभर गर्मी की तपती धूप में किसानों को लाइन में लगकर बड़ी मुश्किल से बीज मिलता है और वह भी पूरा नहीं मिलता।

 

 

 

सुरेजवाला ने भी लगाया आरोप

कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरेजवाला ने आरोप राज्य सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया है कि, बीजपी सरकार किसानों को धान के बीज से बेदखल कर रही है। जबकि लू से भरी गर्मी में किसान, महिलाएं और युवा बीज के लिए घंटों तक लाइन में लगे रहते हैं। फिर भी किसानों को धान का बीज नी मिल पा रहा है। पुलिस के पहरे के बीज एक किसान को आधार कार्ड दिखाने पर बीज की तीन किलो का एक ही पैकट दिया जा रहा है। यह समस्या कैथल जिले के किसान बीते 10 दिनों से झेल रहे हैं। पर बीजेपी सरकार को किसानों के हितों से कोई सरोकार नहीं है।

ALSO READ  Anaaj Mandi rate update : राजस्थान और हरियाणा की मंडियों के ताजा भाव, कहां सबसे महंगी सरसों और ग्वार मिलेगी , आये जानें

 

 

किसानों ने उठाए बीज को लेकर सवाल

कैथल के किसानों का कहना है कि, बीज के संकट को लेकर बाजार में डुप्लीकेट बीज की बिक्री की भी संभावना बढ़ रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि, निजी कंपनियों का यदि इस तरह बीज पर ज्यादा कब्जा हो जाएगा, तो किसानों के बुरे दिन आने में टाईम नहीं लगेगा। जबकि, हरियाणा (Haryana Agriculture News) सरकार के कृषि विभाग के कर्मचारी किसानों से अनुरोध कर रहें हैं कि, किसी एक किस्म पर ज्यादा जोर देने की बजाए अन्य किस्मों पर भी विचार करें।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *